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वर्धा हिंदी शब्दकोश

संपादन - राम प्रकाश सक्सेना


न1 हिंदी वर्णमाला का व्यंजन वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह वर्त्स्य, सघोष अल्पप्राण नासिक्य है। दंत्य व्यंजनों के पहले इसका उच्चारण दंत्य हो जाता है, जैसे- अंत, पंथ में। संस्कृत में दंत्य, सघोष नासिक्य माना गया है।

न‍2 [नि.] 1. नकारात्मक या निषेधात्मक कथनों में 'नहीं' या 'मत' की जगह, जैसे- उसके घर न जाना ही ठीक है 2. प्रश्नात्मक वाक्य में ज़ोर देने के लिए तथा विधिवाचक वाक्य के रूप में भी इसका प्रयोग होता है, जैसे- 'वह चला जाएगा न' ?

नंग1 [सं-पु.] 1. नंगे होने की अवस्था अथवा भाव; नग्नता; नंगापन 2. पुरुष या स्त्री गुप्तांग। [वि.] 1. नंगा 2. लुच्चा; बदमाश।

नंग2 (फ़ा.) [सं-पु.] 1. प्रतिष्ठा; इज़्ज़त 2. लज्जा; शर्म; हया।

नंगई [सं-स्त्री.] 1. नग्न होने की क्रिया या भाव 2. उजड्डपन 3. निम्नस्तर का आचरण।

नंगधड़ंग (सं.) [वि.] जिसके शरीर पर एक भी वस्त्र न हो; निर्वस्त्र; एकदम नंगा; दिगंबर।

नंगा (सं.) [वि.] 1. जिसपर कोई आवरण न हो; वस्त्रहीन; दिगंबर 2. बेशर्म; बेहया 3. {ला-अ.} जो ज़िद करता हो; हठी 4. {ला-अ.} दुराचारी; दुष्ट। [सं-पु.] 1. शिव; महादेव 2. एक पर्वत। [मु.] -होकर नाचना : बेशर्मी भरा आचरण करना; अत्यंत घिनौना रूप प्रकट करना।

नंगा नाच [सं-पु.] 1. निर्लज्जतापूर्ण व्यवहार; अभद्र आचरण 2. घृणित व्यवहार; मनमाना आचरण।

नंगापन [सं-पु.] 1. नंगा होने की अवस्था या भाव; परिधानहीनता; वसनहीनता 2. {ला-अ.} अभद्र आचरण।

नंगा-लुच्चा [वि.] बदमाश और चरित्रहीन; दुष्ट और ओछा।

नंद (सं.) [सं-पु.] 1. हर्ष; आनंद 2. कृष्ण के पालक पिता; यशेादा के पति 3. पाटलिपुत्र के एक राजा का नाम 4. गौतम बुद्ध का सौतेला भाई; सुंदरी का पति 5. पुत्र; बेटा; नंदन 6. एक राग 7. एक प्रकार का मृदंग 8. एक प्रकार का बाँस 9. एक प्रकार की बाँसुरी।

नंदक (सं.) [वि.] 1. आनंद देने वाला; संतोषप्रद; सुखकर 2. अपने परिवार का पालन करने वाला। [सं-पु.] 1. विष्णु का खड्ग 2. कार्तिकेय का एक अनुचर।

नंदकिशोर (सं.) [सं-पु.] नंद के पुत्र कृष्ण; नंदकुमार।

नंदकुमार (सं.) [सं-पु.] नंद के पुत्र कृष्ण; नंदकिशोर।

नंदन (सं.) [सं-पु.] 1. लड़का; बेटा, जैसे- दशरथनंदन 2. मेघ; बादल 3. इंद्र का उपवन 4. शिव का एक नाम। [वि.] आनंद देने वाला।

नंदनंदिनी (सं.) [सं-स्त्री.] नंद की पुत्री; योगमाया।

नंदरानी (सं.) [सं-स्त्री.] यशोदा; कृष्ण की माता।

नंदलाल [सं-पु.] नंद के पुत्र अर्थात कृष्ण।

नंदा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. आनंद की अधिष्ठात्री देवी 2. दुर्गा; गौरी 3. चंद्र मास के किसी पक्ष की प्रतिपदा, षष्ठी या एकादशी तिथि 4. एक प्रकार की संक्रांति 5. (पुराण) कुबेर की पुरी के निकट बहने वाली एक नदी 6. (पुराण) शाकद्वीप की एक नदी। [सं-पु.] 1. मिट्टी का घड़ा 2. बरवै छंद का एक नाम। [वि.] 1. आनंद देने वाली; आनंददायिनी 2. शुभ।

नंदा देवी (सं.) [सं-स्त्री.] हिमालय पर्वत की एक ऊँची चोटी।

नंदि (सं.) [सं-पु.] 1. जो पूरी तरह आनंदमग्न हो 2. आनंद; हर्ष 3. परमेश्वर।

नंदिक (सं.) [सं-पु.] 1. नंदी वृक्ष; तुन का पेड़ 2. आनंद 3. शिव का एक अनुचर 4. छोटा कलश 5. नंदन-कानन।

नंदिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हँसमुख स्त्री 2. मिट्टी का बना नाँद या जलपात्र 3. नंदन-कानन 4. चंद्रमास के प्रत्येक पक्ष की प्रतिपदा, षष्ठी और एकादशी।

नंदित (सं.) [वि.] सुखी; प्रसन्न; आनंदित; आनंदयुक्त।

नंदिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बेटी; पुत्री 2. उमा; दुर्गा 3. गंगा 4. जटामासी नामक जड़ी 5. रेणुका नामक गंधद्रव्य 6. तुलसी का पौधा 7. एक वर्णवृत्त 8. वशिष्ठ ऋषि की गाय; कामधेनु।

नंदी (सं.) [वि.] आनंदित या प्रसन्नचित्त रहने वाला; प्रसन्न। [सं-पु.] 1. (पुराण) शिव का गण या वाहन; शिव के द्वारपाल बैल का नाम 2. शिव के नाम पर छोड़ा गया साँड़ 3. पुत्र 4. नाटक में नंदी का अभिनय करने वाला व्यक्ति 5. बंगाली कायस्थों एवं तेलियों में एक प्रकार का कुलनाम या सरनेम।

नंदीगण (सं.) [सं-पु.] 1. शिव के द्वारपाल बैल 2. साँड़।

नंदीमुख (सं.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार का धान 2. एक प्रकार का पक्षी 3. शिव।

नंदीश्वर (सं.) [सं-पु.] (पुराण) शिव नामक देवता और उनका गण।

नंबर (इं.) [सं-पु.] 1. संख्या सूचक; अंक 2. अदद; संख्या 3. गणना; गिनती 4. सामयिक पत्र या पत्रिका का कोई स्वतंत्र अंक।

नंबरदार (इं.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. अँग्रेज़ी हुकूमत का वह ज़मींदार या अन्य व्यक्ति जो मालगुज़ारी वसूल करता था; लंबरदार; मालगुज़ार 2. गाँव का मुखिया 3. रौबीला व्यक्ति।

नंबरवार (इं.+हिं.) [क्रि.वि.] अंक या संख्या के क्रम से; क्रमानुसार; सिलसिलेवार।

नंबरी (इं.) [वि.] 1. जिसपर नंबर या अंक पड़ा हो; नंबरवाला 2. नंबर संबंधी; नंबर का 3. मशहूर; कुख्यात; बदनाम, जैसे- नंबरी बदमाश, नंबरी चोर।

नंबरी नोट (इं.) [सं-पु.] सौ रुपए के मूल्यवाली कागज़ की मुद्रा।

नंबूदरी [सं-पु.] केरल प्रांत का एक ब्राह्मण वंश, जिसके सदस्य प्रायः मंदिर के पुजारी होते हैं।

नंशुक (सं.) [वि.] 1. नाश करने वाला 2. हानि पहुँचाने वाला; हानिकारक 3. खो जाने वाला 4. भटकने वाला 5. बहुत छोटा; सूक्ष्म।

नक (सं.) [सं-स्त्री.] 'नाक' का समास में व्यवहृत रूप, जैसे- नकबेसर, नकचढ़ा।

नककटा [वि.] 1. जिसकी नाक कटी हो; नकटा 2. {ला-अ.} जिसका बहुत अपमान हुआ हो 3. {ला-अ.} निर्लज्ज; बेशरम।

नकघिसनी [सं-स्त्री.] 1. ज़मीन पर नाक रगड़ने की क्रिया 2. क्षमा-याचना हेतु दीनतापूर्वक विनती करना; गिड़गिड़ाना।

नकचढ़ा [वि.] 1. बात-बात में क्रोधित होने वाला; तुनकमिज़ाज; चिड़चिड़ा; बदमिज़ाज 2. घमंडी।

नकछिकनी [सं-स्त्री.] एक तरह का पौधा जिसके फूल को सूँघने पर छींकें आने लगती हैं।

नकटा [सं-पु.] 1. एक प्रकार का मांगलिक गीत 2. एक प्रहसन जो वर पक्ष की स्त्रियाँ बरात जाने के उपरांत रात में करती हैं; खोईया 3. बतख की जाति का एक पक्षी। [वि.] 1. जिसकी नाक कट गई हो 2. {ला-अ.} जिसका बहुत अपमान हुआ हो 3. {ला-अ.} निर्लज्ज; बेशर्म।

नकतोड़ा [सं-पु.] 1. अभिमानपूर्वक नाक-भौं चढ़ाकर किया जाने वाला अभिनय या नख़रा 2. विवाह की एक रीति; नकटा।

नकद (अ.) [सं-पु.] 1. वह धन जो सिक्के या रुपए के रूप में हो 2. वह रकम जो फ़ौरन अदा की जाए 3. रोकड़; नगद; (कैश)। [वि.] प्रस्तुत। [अव्य.] तुरंत रुपए देकर।

नकद नारायण (अ.+सं.) [सं-पु.] 1. रुपए-पैसे या नकद राशि के महत्व के निर्देशन के लिए प्रयुक्त शब्द 2. रुपया-पैसा 3. मुद्रा के रूप में धन-राशि।

नकदी (अ.) [सं-स्त्री.] रोकड़; रुपया-पैसा; धन-दौलत; (कैश)।

नकदी फ़सल (अ.) [सं-स्त्री.] वह फ़सल जिसके बेचने पर तुरंत भुगतान होता हो, जैसे- केला, कपास, गन्ना, जूट आदि।

नकफूल [सं-पु.] नाक में पहना जाने वाला एक गहना।

नकब (अ.) [सं-स्त्री.] चोरी करने के उद्देश्य से किसी मकान की दीवार में किया गया बड़ा छेद; सेंध।

नकबज़नी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] चोरी करने के उद्देश्य से किसी मकान की दीवार में नकब या सेंध लगाने की क्रिया; सेंध लगाना; सेंध मारकर चोरी करना।

नकबेसर [सं-स्त्री.] बेसर; छोटी नथ।

नकमोती [सं-पु.] नाक में पहनने का मोती; लटकन।

नकल (अ.) [सं-स्त्री.] 1. किसी के आचरण, वेश, वाणी आदि का अनुकरण करना 2. लेख आदि की प्रतिलिपि; कॉपी 3. ज्यों का त्यों किया जाने वाला अनुकरण 4. रूप, बनावट आदि में समानता; प्रतिरूप; अनुकृति 5. परीक्षा के दौरान छलपूर्वक दूसरे परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिका से अथवा छिपाकर लाई हुई पुस्तक आदि से आवश्यकतानुरूप कुछ अंश अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखना 6. मनोरंजन या परिहास के लिए किसी का यथावत अनुकरण; स्वाँग।

नकलची (अ.) [सं-पु.] नकल करने वाला; अनुकरण करने वाला; अनुकरणकर्ता।

नकलनवीस (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] कार्यालय आदि का वह लिपिक जो कागज़ात या दस्तावेज़ों आदि की नकल तैयार करता है।

नकल-बही [सं-स्त्री.] चिट्ठियों, हुंडियों आदि की नकल रखने की बही।

नकली (अ.) [वि.] 1. कृत्रिम; बनावटी; काल्पनिक 2. मिथ्या; झूठ; फ़र्ज़ी 3. जाली; खोटा 4. मान, मूल्य, महत्व आदि के विचार से निम्नतर; जो प्रायः दूसरों को धोखा देने के उद्देश्य से निर्मित किया गया हो 5. जो किसी के अनुकरण पर बना हो।

नकवी (अ.) [सं-पु.] मुसलमानों के दसवें इमाम हज़रत अली नकी की संतान के वंश का व्यक्ति।

नकसीर (अ.) [सं-स्त्री.] एक तरह का रोग जिसमें नाक से ख़ून बहता है।

नकाब (अ.) [सं-स्त्री.] 1. चेहरा ढकने के लिए प्रयुक्त जालीदार कपड़ा 2. बुरके, साड़ी या चादर का वह भाग जिससे स्त्रियाँ अपना चेहरा ढकती हैं; घूँघट 3. मुखौटा 4. शिरस्त्राण में लगी लोहे की जाली जिससे नाक की रक्षा होती है।

नक़ाब (अ.) [सं-स्त्री.] उर्दू उच्चारणानुसार वर्तनी (दे. नकाब)।

नकाबपोश (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. जिसका चेहरा नकाब से ढका हो 2. छुपा हुआ।

नकार (सं.) [सं-पु.] 1. 'न' वर्ण 2. निषेध अथवा अस्वीकृति सूचक शब्द 3. इनकार; अस्वीकृति।

नकारना (सं.) [क्रि-स.] 1. अस्वीकार करना; ठुकराना 2. न मानना 3. मुकरना 4. इनकार करते हुए 'न' या 'नहीं' कहना।

नकारवाद (सं.) [सं-पु.] हर बात का निषेध करने का सिद्धांत या मत; निराशावाद।

नकारवादी (सं.) [सं-पु.] 1. हर बात का निषेध करने वाला व्यक्ति; निराशावादी 2. हर समय कुछ बुरा घटने की ही आशंका से ग्रस्त व्यक्ति।

नकारात्मक (सं.) [वि.] 1. जिसमें कोई बात अस्वीकृत की गई हो या किसी बात से इनकार किया गया हो; अस्वीकारात्मक 2. जो नकारात्मक विचार का हो; निराशावादी 3. विरोधात्मक; निषेधात्मक; (निगेटिव); 'सकारात्मक' का विलोम 4. विपरीत; विलोम 5. ऋणात्मक।

नकियाना [क्रि-अ.] नाक से शब्दों का उच्चारण करना; बोलते समय अनुनासिक उच्चारण करना; बोलते समय फेफड़ों से बाहर आने वाली वायु का मुख के साथ ही नासिका विवर से भी निकलना।

नकीब (अ.) [सं-पु.] 1. वह व्यक्ति जो प्राचीन काल में शासक की सवारी के आगे-आगे उसके वंश का यशगान करते हुए चलता था; भाट; चारण 2. वह व्यक्ति जो प्राचीन काल में राजदरबार के समय राजा से मिलने आने वालों की बारी आने पर आवाज़ देकर पुकारता था।

नकुल (सं.) [सं-पु.] 1. नेवला 2. (महाभारत) माद्री के गर्भ से उत्पन्न पांडु पुत्र 3. पुत्र; बेटा 4. एक प्राचीन वाद्य यंत्र।

नकेल [सं-स्त्री.] 1. ऊँट, भालू, बैल आदि को नियंत्रण में रखने के लिए नाक में आर-पार पहनाई जाने वाली रस्सी; मुहार 2. {ला-अ.} वश अथवा नियंत्रण में रखने की शक्ति। [मु.] किसी की नकेल हाथ में होना : किसी व्यक्ति को वश में रखना।

नक्का [सं-पु.] 1. सुई का वह छेद जिसमें डोरा डाला जाता है; सुई में डोरा पिरोने का छेद; नाका 2. घोंघे की तरह के एक समुद्री कीड़े का कड़ा अस्थि आवरण।

नक्कारख़ाना (फ़ा.) [सं-पु.] वह स्थान जहाँ नगाड़े बजते या रखे जाते हैं; नौबतख़ाना।

नक्कारची (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] वह व्यक्ति जो नक्कारा या नगाड़ा बजाता हो।

नक्कारा (अ.) [सं-पु.] डुगडुगी; नगाड़ा; डंका; धौंसा।

नक्काल (अ.) [सं-पु.] 1. किसी की नकल या अनुसरण करने वाला व्यक्ति 2. स्वाँग रचने वाला व्यक्ति; भाँड़ 3. जो व्यक्ति नकली माल बेचता हो।

नक्काली (अ.) [सं-स्त्री.] 1. नकल करने का काम 2. भाँड़ का काम या विद्या; बहुरूपिए का काम या विद्या।

नक्काश (अ.) [सं-पु.] 1. धातु, लकड़ी आदि पर बेल-बूटे बनाने वाला व्यक्ति 2. रंगसाज़ 3. चित्रकार; चितेरा; मुसव्विर।

नक्काशी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. धातु, लकड़ी आदि पर खोदकर बेल-बूटे बनाने का काम 2. खोदकर बनाए गए बेल-बूटे 3. रंगसाज़ी 4. चित्रकारी।

नक्काशीदार (अ.) [वि.] 1. जिसपर बेलबूटे खुदे हों 2. तराशी गई कलाकृतियों से युक्त।

नक्कू [वि.] 1. बड़ी नाकवाला 2. स्वयं को बहुत बड़ा समझने वाला 3. उलटा या बुरा काम करने वाला 4. बदनाम 5. सबके विपरीत आचरण करने वाला।

नक्त (सं.) [सं-पु.] 1. बिलकुल संध्या का समय 2. रात; रात्रि 3. एक प्रकार का व्रत जो अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को किया जाता है 4. राजा पृथु के पुत्र का नाम। [वि.] लज्जित; जो शरमा गया हो।

नक्तचर (सं.) [वि.] 1. रात्रि में विचरण करने वाला; रात्रिचर 2. रात को घूमने वाला। [सं-पु.] 1. राक्षस 2. उल्लू 3. चोर।

नक्र (सं.) [सं-पु.] 1. नाक नामक जलजंतु; मगरमच्छ नामक जल-जंतु; घड़ियाल या कुंभीर 2. वृश्चिक राशि 3. दरवाज़े की चौखट की ऊपरी लकड़ी।

नक्श (अ.) [सं-पु.] 1. चेहरा-मोहरा; मुखाकृति, जैसे- नैन-नक्श 2. चित्र; तसवीर 3. फूल-पत्ती अथवा बेल-बूटे आदि का काम 4. मुहर या ठप्पे का निशान 5. उभरा हुआ चिह्न 6. सिक्का 7. तावीज़ 8. पदचिह्न 9. एक प्रकार का राग। [वि.] 1. लिखा हुआ 2. चित्रित 3. खुदा हुआ; अंकित।

नक्शकार (अ.) [सं-पु.] 1. वह जो चित्र बनाता हो; चित्रकार; छविकार; मुसव्विर 2. सर्वेक्षक।

नक्शबंदी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नक्शा या चित्र बनाने का काम; चित्रकारी 2. ख़्वाज़ा नक्शबंद का अनुयायी।

नक्शा (अ.) [सं-पु.] 1. किसी वस्तु के स्वरूप को सूचित करने वाली रेखाकृति 2. तस्वीर; चित्र 3. प्राकृतिक या राजनैतिक स्थिति को सूचित करने वाला पृथ्वी या खगोल के किसी अंश का मानचित्र 4. मकान, सड़क आदि की अवस्थिति का चित्र 5. आकृति; चेहरा-मोहरा; रंगरूप; बनावट; शक्ल 6. दशा; अवस्था; स्थिति।

नक्शानवीस (अ.) [सं-पु.] 1. देश, घर, कारख़ाने आदि का नक्शा बनाने वाला व्यक्ति 2. चित्र या नक्शा बनाने वाला।

नक्शानवीसी (अ.) [सं-स्त्री.] नक्शा या चित्र बनाने का काम या पेशा; नक्शबंदी।

नक्शाबंद (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] धोतियों, साड़ियों आदि पर बेलबूटे काढ़ने हेतु नक्शा तैयार करने वाला।

नक्शेकदम (अ.) [सं-पु.] 1. पैर या चरण के निशान; पद-चिह्न 2. {ला-अ.} अनुकरणीय आदर्श।

नक्षत्र (सं.) [सं-पु.] 1. तारा; सितारा 2. चंद्रमा के मार्ग में पड़ने वाले स्थिर तारों के सत्ताईस समूह, जिनके अलग-अलग रूप और आकार मान लिए गए हैं और जिनके अलग-अलग नाम हैं।

नक्षत्रराज (सं.) [सं-पु.] नक्षत्रों का राजा चंद्रमा; चाँद।

नक्षत्री (सं.) [वि.] 1. जिसका जन्म अच्छे नक्षत्र में हुआ हो 2. भाग्यशाली। [सं-पु.] 1. विष्णु 2. चंद्रमा।

नक्सल [सं-पु.] एक मत जो समाज में समानता लाने के लिए हिंसा का उपयोग करने का समर्थक है।

नक्सलबाड़ी [सं-पु.] पश्चिम बंगाल में स्थित एक गाँव जहाँ से नक्सलवाद की शुरुआत हुई।

नक्सलवाद [सं-पु.] नक्सल आंदोलन की विचारधारा या मत; ऐसा सिद्धांत या मत जिसमें सामाजिक बराबरी तथा व्यवस्था परिवर्तन के लिए हिंसा को भी अपनाया जाता है; माओवाद से प्रभावित मत।

नक्सलवादी [सं-पु.] 1. नक्सलवादी विचारधारा का समर्थक 2. नक्सल आंदोलन का सदस्य; (नक्सलाइट); नक्सली।

नक्सली [सं-पु.] 1. नक्सल आंदोलन का सदस्य 2. नक्सल विचारधारा का समर्थक या अनुयायी; नक्सलवादी।

नख (सं.) [सं-पु.] 1. नाख़ून 2. खंड; टुकड़ा 3. एक प्रसिद्ध गंधद्रव्य।

नख़ (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. कच्चा रेशम 2. रेशम की डोर 3. पतंग उड़ाने की डोर।

नखक्षत (सं.) [सं-पु.] नाख़ून लगने से शरीर पर बना चिह्न या घाव।

नख़रा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. नाज़ोअदा; हाव-भाव 2. चोचला 3. किसी का आग्रह टालने के लिए दिखावटी इनकार 4. चंचलता; चुलबुलापन 5. विलास चेष्टा 6. एक प्रकार का अभिनय।

नख़रीला (फ़ा.) [वि.] बहुत नख़रा करने वाला; नख़रेबाज़।

नख़रेबाज़ (फ़ा.) [वि.] प्रायः नख़रा दिखाने वाला; नख़रीला।

नखरौटा [सं-स्त्री.] नाख़ून के धँसने से होने वाला घाव या जख़्म; नख-क्षत।

नख़ल (अ.) [सं-पु.] खजूर का पेड़।

नख़लिस्तान (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] रेगिस्तान में स्थित हरा-भरा क्षेत्र; मरूद्यान; शाद्वल।

नख-शिख (सं.) [सं-पु.] 1. पैर के नख से सिर तक के सभी अंग 2. संपूर्ण आकार या आयाम 3. (काव्यशास्त्र) शृंगार रस में नायिका के पैर के नाख़ून से लेकर सिर तक के सभी अंगों का वर्णन।

नखांक (सं.) [सं-पु.] 1. व्याघ्र का नख 2. नाख़ून गड़ने का चिह्न या घाव।

नखायुध (सं.) [वि.] नाख़ून ही जिसका हथियार हो। [सं-पु.] 1. दस्ताने की तरह पहना जाने वाला शस्त्र जिसके पंजों पर लोहे के तीखे नाख़ून बने होते हैं 2. शेर 3. चीता 4. कुत्ता।

नखाशी (सं.) [सं-पु.] उल्लू पक्षी। [वि.] जो नाख़ूनों की सहायता से खाता हो।

नख़ास (अ.) [सं-पु.] 1. बाज़ार 2. प्राचीन काल में पशुओं एवं दासों के क्रय-विक्रय का स्थान।

नखी (सं.) [सं-पु.] 1. वह जानवर जो नाख़ूनों से किसी पदार्थ को चीर या फाड़कर खाता हो, जैसे- चीता, शेर आदि 2. नख नामक गंध-द्रव्य।

नग1 (सं.) [सं-पु.] 1. पर्वत; पहाड़ 2. पेड़; वृक्ष 3. सूर्य 4. साँप। [वि.] जो गमन नहीं करता; स्थिर; अचल।

नग2 (फ़ा.) [सं-पु.] 1. बहुमूल्य पत्थर; नगीना 2. संख्या सूचक शब्द; अदद।

नगड़िया [सं-स्त्री.] एक प्रकार का छोटा नगाड़ा; डुग्गी।

नगण (सं.) [सं-पु.] (काव्यशास्त्र) छंदशास्त्र में तीन लघु अक्षरों का एक गण, जैसे- कमल।

नगण्य (सं.) [वि.] 1. जिसकी गणना न हो सके; जो गिनने या गिने जाने के योग्य न हो 2. जो मात्रा में बहुत कम हो 3. तुच्छ; निकृष्ट 4. महत्वहीन।

नगद (सं.) [सं-पु.] दे. नकद।

नगदी (सं.) [सं-स्त्री.] नगद-राशि, जैसे- तुम्हारे पास अभी कितनी नगदी है?

नगनिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. संकीर्ण राग का एक भेद 2. (काव्यशास्त्र) एक छंद जिसके प्रत्येक पद में चार अक्षर होते हैं 3. (काव्यशास्त्र) क्रीड़ा नामक वृत्त का दूसरा नाम जिसके प्रत्येक चरण में एक यगण और एक गुरु होता है।

नगपति (सं.) [सं-पु.] 1. हिमालय पर्वत 2. शिव 3. सुमेरु पर्वत।

नगमा (अ.) [सं-पु.] 1. गीत; गान 2. मधुर स्वर; सुरीली आवाज़।

नगर (सं.) [सं-पु.] 1. शहर; कस्बे से बड़ी बस्ती; (सिटी) 2. वह स्थान जहाँ भौतिक संसाधनों का बाहुल्य हो 3. बाज़ार 4. मोहल्लों या बस्तियों के नामों के साथ भी प्रयोग किया जाने वाला शब्द, जैसे- कुंदन नगर, शिव नगर आदि।

नगरकीर्तन (सं.) [सं-पु.] किसी धार्मिक संप्रदाय द्वारा विशेष पर्व या अवसरों पर निकाला जाने वाला जुलूस जो गाजे-बाजे के साथ भजन-कीर्तन करता हुआ नगर की सड़कों पर घूमता है।

नगरकोट (सं.) [सं-पु.] 1. किसी नगर या स्थान की रक्षा के लिए चारों ओर उठाई हुई ऊँची और बड़ी दीवार; परकोटा; कोट 2. काँगड़ा घाटी से तीस कि.मी. दक्षिण हिमाचल प्रदेश में स्थित इक्यावन शक्ति पीठों में एक; ज्वालादेवी मंदिर; जोताँवाली का मंदिर।

नगरनिगम (सं.) [सं-पु.] किसी महानगर की स्वायत्त संस्था जिसे नगरपालिका की अपेक्षा वित्त तथा कार्य-संचालन संबंधी कुछ अधिक अधिकार प्राप्त होते हैं; (कॉरपोरेशन)।

नगरपार्षद (सं.) [सं-पु.] नगरपालिका का सदस्य।

नगरपाल (सं.) [सं-पु.] 1. प्राचीन समय में वह अधिकारी जिसका कर्तव्य नगर की सुरक्षा की देख-भाल करना होता था 2. किसी नगर की नगरपालिका का चुना हुआ सदस्य।

नगरपालिका (सं.) [सं-स्त्री.] किसी नगर के नागरिकों द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों की संस्था जो नगर के यातायात, सफ़ाई, रोशनी, जल आदि की व्यवस्था करती है; (म्यूनिसिपैलिटी)।

नगरप्रमुख (सं.) [सं-पु.] नगरपालिका या नगर-महापालिका का प्रधान या अध्यक्ष; निगमाध्यक्ष; महापौर; (मेयर)।

नगरबोर्ड (सं.+इं.) [सं-पु.] नगर के चुने हुए प्रतिनिधियों की परिषद; नगर-निकाय।

नगरवधू (सं.) [सं-स्त्री.] 1. राज नर्तकी 2. वेश्या; रूपाजीवा।

नगरवासी (सं.) [सं-पु.] वह जो नगर में रहता हो; नागरिक; शहरी व्यक्ति; पुरवासी।

नगर संपादक (सं.) [सं-पु.] (पत्रकारिता) अख़बार में नगर से संबंधित समाचारों के संपादन की देखभाल करने वाला व्यक्ति।

नगरसेवा (सं.) [सं-स्त्री.] नगर के भीतर सुविधा प्रदान करने हेतु उपलब्ध सेवा; (सिटी सर्विस)।

नगराध्यक्ष (सं.) [सं-पु.] 1. प्राचीन काल में वह अधिकारी जिसके ऊपर नगर की सुरक्षा आदि का दायित्व होता था 2. नगर का प्रधान शासक; प्रशासक।

नगरी (सं.) [सं-पु.] नगर में रहने वाला व्यक्ति; नागरिक। [सं-स्त्री.] शहर या नगर के नाम के साथ जुड़ने वाला उत्तर पद।

नगरीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. किसी क्षेत्र को नगरीय सुविधाओं से युक्त करने की क्रिया।

नगरोपांत (सं.) [सं-पु.] नगर के आस-पास का क्षेत्र या स्थान; उपनगर।

नगला [सं-पु.] छोटी बस्ती; कस्बा।

नगाड़ची (अ.) [सं-पु.] नगाड़ा या नक्कारा बजाने वाला व्यक्ति।

नगाड़ा (अ.) [सं-पु.] 1. डुगडुगी की तरह चमड़े से मढ़ा एक बहुत बड़ा वाद्य; डंका; धौंसा 2. ढोल; नक्कारा; दुंदुभि।

नगाधिप (सं.) [सं-पु.] 1. पर्वतों का राजा; हिमालय 2. सुमेरु पर्वत।

नगाधिपति (सं.) [सं-पु.] 1. हिमालय; पर्वतराज 2. सुमेरु पर्वत।

नगाधिराज (सं.) [सं-पु.] हिमालय; पर्वतराज; नगाधिपति।

नगारि (सं.) [सं-पु.] (पुराण) देवताओं का राजा इंद्र जो पर्वतों का शत्रु था।

नगीना (फ़ा.) [सं-पु.] 1. शोभावृद्धि हेतु आभूषणों में जड़ा जाने वाला बहुमूल्य पत्थर का रंगीन टुकड़ा 2. नग; रत्न; मणि।

नगेंद्र (सं.) [सं-पु.] पर्वतराज; हिमालय।

नग्न (सं.) [वि.] 1. जिसके शरीर पर एक भी वस्त्र न हो; निर्वस्त्र; नंगा; दिगंबर 2. जिसपर कोई आवरण न हो; निरावरण; आवरणहीन 3. जो आबाद न हो। [सं-पु.] 1. दिगंबर जैन मुनि 2. वह व्यक्ति जिसके कुल में किसी ने वेद-शास्त्र का अध्ययन न किया हो 3. सेना के साथ रहने या भ्रमण करने वाला; चारण 4. शिव 5. ढोंगी व्यक्ति 6. अलंकार तथा चमत्कारहीन साहित्यिक रचना।

नचनिया [सं-पु.] 1. नाच दिखलाकर जीविकोपार्जन करने वाला व्यक्ति 2. नाचने वाला व्यक्ति।

नचवैया [सं-पु.] 1. नृत्य कला में पारंगत; नर्तक 2. दूसरों को नृत्य सिखाने वाला; दूसरों को नाचने में प्रवृत्त करने वाला।

नचाकी (फ़ा.+तु.) [सं-स्त्री.] 1. दुश्मन या शत्रु होने की अवस्था या भाव; वैमनस्य 2. किसी बात पर होने वाली कहासुनी; अनबन 3. शरीर आदि को अस्वस्थ करने वाली शारीरिक प्रक्रिया; रोग।

नचाना [क्रि-स.] 1. किसी को नाचने में प्रवृत्त करना 2. किसी से तरह-तरह के काम करवाकर तंग करना; परेशान करना 3. किसी को इधर-उधर व्यर्थ के चक्कर लगवाना।

नचिकेता (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) वाजश्रवा ऋषि का पुत्र जिसने मृत्युदेव से ब्रह्मज्ञान प्राप्त किया था 2. आग; अग्नि।

नचिर (सं.) [वि.] अल्पावधि तक ही स्थिर रहने वाला; क्षणभंगुर; अस्थायी।

नज़दीक (फ़ा.) [क्रि.वि.] 1. किसी विशिष्ट बिंदु से थोड़ी ही दूरी पर 2. समीप; पास; निकट।

नज़दीकी (फ़ा.) [सं-पु.] निकट का संबंधी या रिश्तेदार। [सं-स्त्री.] समीपता; निकटता। [वि.] 1. निकट का; पास का 2. आत्मीय।

नज़र (अ.) [सं-स्त्री.] 1. दृष्टि; निगाह 2. किसी विशेष अवसर पर दिया गया उपहार; भेंट; चढ़ावा 3. कृपा; अनुग्रह 4. कुदृष्टि 5. भले-बुरे की परख 6. देखभाल। [मु.]-आना : दिखाई देना। -पड़ना : दिखाई देना। -पर चढ़ना : पसंद आना। -बचना : देखने में चूक होना।-बाँधना : ऐसा जादू करना कि किसी को कुछ दिखाई न दे। -उतारना : किसी उपचार से बुरी दृष्टि का प्रभाव नष्ट करना। -लगना : बुरी दृष्टि का प्रभाव पड़ना।

नज़रअंदाज़ (अ.) [वि.] 1. जिसपर ध्यान न दिया गया हो; अनदेखा; तिरस्कृत; उपेक्षित 2. नज़रों से गिरा हुआ।

नज़रबंद (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. किसी स्थान में कड़ी निगरानी में रखा गया 2. इंद्रजाल या जादू से सम्मोहित।

नज़रबंदी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नज़रबंद होने की स्थिति 2. इंद्रजाल, सम्मोहन आदि के द्वारा लोगों की दृष्टि में भ्रम उत्पन्न करने की क्रिया या भाव।

नज़रबाग (अ.) [सं-पु.] महल या हवेली के सामने या चारों ओर स्थित बाग।

नज़रबाज़ (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. अच्छा-बुरा परखने वाला 2. तेज़ नज़र रखने वाला; चालाक 3. नज़र लड़ाने वाला; आँख लड़ाने वाला।

नज़राना (अ.) [सं-पु.] 1. नज़र के रूप में उपहारस्वरूप दी जाने वाली वस्तु; भेंट; उपायन 2. मकान किराए पर लेने में अग्रिम रूप में दिया जाने वाला धन; पगड़ी। [क्रि-स.] नज़र लगाना। [क्रि-अ.] नज़र लगना या बुरी दृष्टि के प्रभाव में आना।

नज़रिया (अ.) [सं-पु.] 1. दृष्टिकोण; सोच 2. मानसिकता; मनोवृत्ति।

नज़ला (अ.) [सं-पु.] 1. सरदी; ज़ुकाम 2. नाक, आँख आदि के जरिए पानी बहने का रोग।

नज़ाकत (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नाज़ुक होने का भाव; सुकमारता 2. स्वभावगत कोमलता; मृदुलता 3. नाज़ुकमिज़ाजी 4. सूक्ष्मता; बारीकी 5. क्षीणता।

नजात (अं.) [सं-स्त्री.] 1. मुक्ति; मोक्ष 2. छुटकारा; रिहाई।

नज़ामत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. शासन संबंधी व्यवस्था या प्रबंध 2. नाज़िम का कार्यालय 3. नाज़िम का कार्य, पद या भाव।

नज़ारत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. निरीक्षण; निगरानी 2. नाज़िर अर्थात देखरेख करने वाले का पद और कार्यालय।

नज़ारा (अ.) [सं-पु.] 1. दृश्य 2. नज़र; दृष्टि 3. तमाशा 4. किसी पुरुष या स्त्री का एक दूसरे को अनुरागपूर्ण दृष्टि से देखना।

नजिस (अ.) [वि.] 1. गंदा; मैला; दूषित 2. अशुद्ध; अपवित्र।

नज़ीर (अ.) [सं-स्त्री.] 1. उदाहरण; मिसाल; दृष्टांत 2. समान; सदृश; मिस्ल 3. किसी मुकदमे में दावे की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया गया उच्च या सर्वोच्च न्यायालय का पूर्व फ़ैसला।

नजूम (अ.) [सं-पु.] 1. सितारे; तारे; ग्रह-नक्षत्र 2. ज्योतिष।

नजूमी (अ.) [सं-पु.] ज्योतिषी।

नजूल (अ.) [सं-पु.] 1. वह भूमि जिसपर सरकार का अधिकार हो; सरकारी ज़मीन 2. ऊपर से नीचे गिरने या उतरने की क्रिया या भाव 3. सामने उपस्थित होना 4. नजला नामक रोग जिसमें नाक बहती है।

नज़्म (अ.) [सं-स्त्री.] पद्य; कविता। [सं-पु.] प्रबंध; इंतज़ाम।

नट (सं.) [सं-पु.] 1. एक जाति जो कलाबाजी दिखाकर अपनी आजीविका चलाती है 2. नाटक करने या खेलने वाला व्यक्ति 3. अभिनेता; (ऐक्टर)।

नटखट [वि.] 1. उपद्रवी; चंचल 2. शरारती 3. दुष्ट; पाजी।

नटखटपन (सं.) [सं-पु.] चंचल या उपद्रवी होने का भाव।

नटन (सं.) [सं-पु.] 1. अभिनय करना 2. नाचना या नृत्य करना।

नटनागर (सं.) [सं-पु.] कृष्ण का एक नाम।

नटनी [सं-स्त्री.] 1. नट समाज की स्त्री 2. नट की पत्नी; नटी 3. अभिनेत्री 4. नर्तकी।

नटराज (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) शिव का एक नाम 2. तांडव नृत्य मुद्रा में शिव की मूर्ति 3. नटों में श्रेष्ठ; नटश्रेष्ठ 4. कुशल और निपुण नट।

नटलीला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. नाटक 2. अभिनय 3. नाटकों की शृंखला का आयोजन।

नटवर (सं.) [सं-पु.] 1. कृष्ण का एक नाम 2. नाट्य-विद्या में प्रवीण 3. सूत्रधार; प्रधान नट। [वि.] चतुर; चालाक।

नटवर्ग (सं.) [सं-पु.] 1. नाटक के पात्रों का समूह 2. नाटक के मुख्य पात्र, सहायक और गौण पात्र 3. संस्कृत नाटकों में प्राप्त उत्तम, मध्यम तथा निम्न पात्र।

नटसाल [सं-स्त्री.] 1. काँटे या तीर की नोक का वह भाग जो शरीर में लगने पर शरीर के अंदर ही रह जाता है और निरंतर चुभता रहता है 2. मानसिक व्यथा; कसक।

नटी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. नाट्य या अभिनय करने वाली स्त्री; अभिनेत्री 2. प्रधान अभिनेत्री; सूत्रधार की स्त्री 3. नर्तकी 4. नट जाति की स्त्री 5. वेश्या 6. नखी नामक गंध द्रव्य।

नटेश (सं.) [सं-पु.] 1. नटों में श्रेष्ठ; नटश्रेष्ठ 2. महादेव; शिव।

नटेश्वर (सं.) [सं-पु.] 1. नटश्रेष्ठ; नटेश 2. शिव का एक नाम।

नत (सं.) [वि.] 1. नम्र; विनीत 2. नम्रता दिखाने के लिए नीचे झुका हुआ 3. प्रणाम करता हुआ 4. टेढ़ा; कुटिल। [सं-पु.] मध्यंदिन रेखा से किसी ग्रह की दूरी।

नतन (सं.) [सं-पु.] नत होने अथवा झुकने की क्रिया या भाव; झुकाव।

नतपाल (सं.) [वि.] अपने समक्ष आकर झुकने वालों की रक्षा करने वाला।

नतबहू [सं-स्त्री.] नाती की पत्नी; दौहित्र-पत्नी।

नतमस्तक (सं.) [वि.] 1. (किसी के सम्मान में) सिर झुकाने वाला 2. नम्र या विनीत।

नति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. झुके होने की अवस्था या झुकने की क्रिया 2. किसी ओर मन का झुकाव 3. उतार; ढाल 4. नम्रता 5. नमन; नमस्कार; प्रणाम 6. टेढ़ापन।

नतीजतन (अ.) [क्रि.वि.] परिणामस्वरूप; फलस्वरूप; फलतः।

नतीजन (फ़ा.) [क्रि.वि.] दे. नतीजतन।

नतीजा (अ.) [सं-पु.] 1. फल; परिणाम 2. परीक्षाफल 3. अंत 4. जाँच का फल।

नतोदर [वि.] जिसका ऊपर का भाग चारों ओर से अंदर की ओर झुका हो; अवतल; (कॉनकेव)।

नत्थी [सं-स्त्री.] 1. जोड़ने की क्रिया या भाव 2. कागज़ या कपड़े आदि के टुकड़ों को धागे, तार या क्लिप से एक साथ गूथना 3. उक्त प्रकार से इकट्ठे किए हुए कागज़ या कपड़े के टुकड़े 4. मिसिल।

नत्वर्थक (सं.) [वि.] 1. अस्वीकार करने या न मानने वाला; नकारात्मक 2. जिसमें न होने का भाव हो; जिसमें किसी वस्तु या तथ्य का अस्तित्व न माना गया हो।

नथ [सं-स्त्री.] 1. स्त्रियों द्वारा नाक में पहना जाने वाला छल्ले जैसा एक आभूषण 2. तलवार की मूठ पर लगा हुआ धातु का छल्ला।

नथना1 [सं-पु.] नाक के छिद्रों का अग्रभाग एवं आस-पास की सतह; नथुना। [मु.] -फुलाना : रूठना।

नथना2 [क्रि-अ.] 1. नत्थी करना 2. छेदा या भेदा जाना; भिदना; छिदना 3. किसी के साथ जोड़ा या बाँधा जाना।

नथनी [सं-स्त्री.] 1. नाक में पहना जाने वाला एक छोटा आभूषण; छोटी नथ 2. तलवार की मूठ पर लगा हुआ छल्ला 3. नथ के आकार की कोई चीज़ 4. गाय-बैल की नाक में पहनाई जाने वाली रस्सी।

नथा [वि.] जिसके नथने में रस्सी डालने के लिए छेद किया गया हो; जिसे नाथा गया हो (बैल)।

नथुना [सं-पु.] दे. नथना।

नथुनी [सं-स्त्री.] दे. नथनी।

नद (सं.) [सं-पु.] 1. बड़ी नदी, जैसे- सिंधु, ब्रह्मपुत्र आदि 2. सागर; समुद्र 3. एक ऋषि।

नदन (सं.) [सं-पु.] 1. शब्द या नाद करना; गंभीर शब्द करना 2. ज़ोर की आवाज़ करना।

नदनु (सं.) [सं-पु.] 1. शब्द; नाद; आवाज़ 2. गर्जन 3. सिंह; शेर 4. मेघ; बादल 5. युद्ध। [वि.] नाद या ज़ोर का शब्द करने वाला; गरजने वाला।

नदवान [सं-पु.] क्षत्रिय समाज में एक कुलनाम या सरनेम।

नदारद (फ़ा.) [वि.] 1. गायब; लुप्त 2. जो मौजूद न हो; अनुपस्थित।

नदिका (सं.) [सं-स्त्री.] छोटी नदी; सहायक नदी।

नदिया (सं.) [सं-पु.] पश्चिम बंगाल में स्थित एक नगर जो प्राचीन युग में न्यायशास्त्र का विद्यापीठ और बाद में चैतन्य महाप्रभु से संबद्ध होने के कारण प्रसिद्ध है; नवद्वीप। [सं-स्त्री.] नदी के लिए काव्यात्मक संबोधन।

नदी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. जल की एक बड़ी धारा जो एक स्रोत से निकलकर लंबे मार्ग में बहती हुई किसी अन्य नदी, झील या सागर में मिल जाती है; सरिता 2. किसी तरल पदार्थ का बड़ा बहाव, जैसे- रक्त की नदी 3. रहस्य संप्रदाय में, आराधना के समय ध्यान और जप के नाम का होने वाला प्रवाह।

नदीम (अ.) [सं-पु.] 1. पार्श्ववर्ती; संगी 2. सखा; मित्र।

नदीश (सं.) [सं-पु.] 1. समुद्र 2. वरुण।

नदीष्ण (सं.) [वि.] जो किसी नदी की भौगोलिक स्थिति से परिचित हो; जिसे किसी नदी के प्रवाह क्षेत्र में आने वाले सुगम या दुर्गम स्थलों का ज्ञान हो।

नद्ध (सं.) [वि.] 1. नाथा हुआ 2. बँधा या बाँधा हुआ 3. ढका हुआ 4. मिलाया हुआ।

नद्य (सं.) [वि.] 1. नदी संबंधी; नदी का 2. नदी से उत्पन्न।

नद्यावर्तक (सं.) [सं-पु.] (ज्योतिष) यात्रा के लिए शुभ योग या मुहूर्त।

नधना [क्रि-अ.] 1. जोता जाना; नाथा जाना 2. किसी के साथ ज़बरदस्ती बाँधा जाना 3. किसी कार्य का आरंभ होना; काम का ठनना 4. किसी कार्य में तत्परतापूर्वक लगना।

ननद [सं-स्त्री.] पति की बहन; ननदी।

ननदोई [सं-पु.] ननद का पति; वह व्यक्ति जिससे पति की बहन ब्याही गई हो।

ननिया [पूर्वपद] नानी के समतुल्य संबंध को बताने वाला पूर्व पद, जैसे- ननिया सास, ननिया ससुर।

ननिहाल [सं-स्त्री.] माँ के माता-पिता का घर या घराना; नाना-नानी का घर।

नन्हा [वि.] 1. बहुत छोटा-सा 2. महीन (कण)।

नन्हा-मुन्ना [वि.] शिशु; बहुत छोटा बालक।

नपना [सं-पु.] किसी तरल पदार्थ की मात्रा नापने के लिए प्रयुक्त पात्र; किसी वस्तु की लंबाई, ऊँचाई आदि नापने का साधन। [क्रि-अ.] नापा जाना, जैसे- यह ज़मीन प्लॉटों के लिए नप रही है।

नपाई [सं-स्त्री.] 1. नापने की क्रिया या भाव 2. नापने की मज़दूरी।

नपाना [क्रि-स.] नापने का काम दूसरों से कराना; नपवाना।

नपुंसक (सं.) [सं-पु.] 1. ऐसा पुरुष जिसमें कामशक्ति न हो; क्लीव; नामर्द 2. हिजड़ा 3. {ला-अ.} कायर।

नपुंसकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. संभोग क्रिया में अक्षम होने की अवस्था 2. नपुंसक होने का रोग; नामर्दी 3. हिजड़ापन 4. {ला-अ.} कायरता।

नपुंसक लिंग (सं.) [सं-पु.] (संस्कृत व्याकरण) पुल्लिंग और स्त्रीलिंग से इतर तीसरा लिंग जिसके अंतर्गत ऐसे पदार्थ आते हैं जिन्हें पुल्लिंग या स्त्रीलिंग के अंतर्गत नहीं रखा जा सकता, अँग्रेज़ी व्याकरण में ऐसी स्थिति को न्यूटर जेंडर के अंतर्गत रखा जाता है।

नफ़र (अ.) [सं-पु.] 1. व्यक्ति; जन 2. नौकर; दास; सेवक; ख़िदमतगार 3. मज़दूर; श्रमिक।

नफ़रत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. किसी व्यक्ति या वस्तु के प्रति होने वाली इतनी विरक्ति कि उसे देखना भी असह्य हो; घृणा; घिन 2. अरुचि।

नफ़रतज़दा (अ.+फ़ा.) [वि.] घृणा का पात्र; घृणित।

नफ़री (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. एक मज़दूर की एक दिन की मज़दूरी या कमाई; दिहाड़ी 2. काम या मज़दूरी के दिनों की वाचक संज्ञा।

नफ़स (अ.) [सं-पु.] 1. साँस; श्वास 2. क्षण; पल।

नफ़सानी (अ.) [वि.] 1. कामवासना संबंधी 2. भौतिक या शारीरिक।

नफ़ा (अ.) [सं-पु.] 1. आर्थिक लाभ; हित; फ़ायदा; मुनाफ़ा 2. सूद; ब्याज 3. हासिल; प्राप्ति।

नफ़ासत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. उमदा या नफ़ीस होने की अवस्था या भाव 2. मृदुलता; कोमलता 3. सुंदरता; अच्छाई 4. स्वच्छता; सफ़ाई 5. निर्मलता।

नफ़ीरी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. तुरही या करनाय नामक वाद्य यंत्र 2. शहनाई।

नफ़ीस (अ.) [वि.] 1. उत्तम; उमदा; श्रेष्ठ 2. साफ़; स्वच्छ; निर्मल 3. मनोहर 4. नाज़ुक।

नफ़्स (अ.) [सं-पु.] 1. आत्मा; रूह; प्राण 2. अस्तित्व 3. वास्तविक तत्व; सत्ता 4. सत्यता 5. कामवासना 6. लिंग; शिश्न।

नफ़्सानियत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. अभिमान 2. आत्मलिप्सा; स्वार्थपरता 3. विषयासक्ति; ऐयाशी; विलासिता 4. अपने को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का भाव।

नफ़्सानी (अ.) [वि.] कामवासना या भोगेच्छा से संबंध रखने वाली (चीज़ें); विलास से संबंधित।

नबी (अ.) [सं-पु.] 1. ईश्वर का दूत 2. पैगंबर 3. अवतार।

नबेड़ना [क्रि-स.] 1. निपटाना; समाप्त करना 2. अपने मतलब की चीज़ ले लेना और बाकी छोड़ देना; चुनना।

नब्ज़ (अ.) [सं-स्त्री.] 1. हाथ की वह रक्तवाहिनी नली जिसकी चाल से रोग की पहचान की जाती है; नाड़ी 2. शिरा।

नब्बाज़ (अ.) [वि.] नाड़ी पहचानने में निपुण; हकीम; वैद्य।

नब्बाज़ी (अ.) [सं-स्त्री.] नब्ज़ की ठीक प्रकार से पहचान; नाड़ी परीक्षा; नाड़ी ज्ञान।

नब्बे [वि.] संख्या '90' का सूचक।

नभ (सं.) [सं-पु.] 1. आकाश; गगन; अंबर 2. मेघ 3. जल 4. सावन तथा भादों का महीना 5. आश्रय 6. शून्य या रिक्त स्थान।

नभगामी (सं.) [वि.] आकाश में विचरण करने वाला। [सं-पु.] 1. सूर्य 2. चंद्र 3. नक्षत्र 4. तारा 5. देवता 6. पक्षी।

नभचर (सं.) [वि.] नभ में गमन करने वाला; नभ में विचरने वाला। [सं-पु.] 1. पक्षी; खेचर 2. बादल 3. वायु; हवा 4. देवता; गंधर्व 5. ग्रह आदि।

नभोवाणी (सं.) [सं-स्त्री.] वह बात जो ईश्वर की ओर से कही हुई और आकाश से सुनाई पड़ने वाली मानी जाती है; आकाशवाणी।

नम1 (सं.) [सं-पु.] नमस्कार; समर्पण आदि के अवसर पर प्रयोग किया जाने वाला शब्द।

नम2 (फ़ा.) [वि.] 1. भीगा हुआ; तर; गीला 2. आर्द्र; सीला।

नमक (फ़ा.) [सं-पु.] 1. खारे जल से बना क्षार पदार्थ; नोन; लवण 2. {ला-अ.} लावण्य; सलोनापन। [मु.] -का हक अदा करना : उपकार का बदला चुकाना।किसी का नमक खाना : किसी के दिए हुए अन्न से पेट भरना। -मिर्च मिलाना : किसी बात में अपनी ओर से कुछ मिलाना। कटे या जले पर नमक छिड़कना : दुखी को और दुखी करना।

नमकख़्वार (फ़ा.) [वि.] 1. जिसने किसी का नमक खाया हो 2. किसी के द्वारा पालित होने वाला (नौकर; मुलाज़िम)।

नमकहराम (फ़ा.+अ.) [वि.] 1. जो किसी का दिया हुआ अन्न खाकर उसी के साथ धोखा या छल करे 2. कृतघ्न; कपटी।

नमकहरामी (फ़ा.+अ.) [सं-स्त्री.] 1. अन्नदाता अथवा आश्रयदाता के प्रति किया जाने वाला छलपूर्ण या द्रोहपूर्ण कार्य 2. कृतघ्नता।

नमकहलाल (फ़ा.+अ.) [वि.] 1. उपकार मानने वाला; कृतज्ञ 2. नमक का कर्ज़ अदा करने वाला 3. स्वामी या पालक की सेवा करने वाला; स्वामिभक्त।

नमकीन (फ़ा.) [वि.] 1. नमक के स्वाद की प्रधानतावाला (खाद्यपदार्थ) 2. जिसमें नमक का स्वाद हो; खारा 3. {ला-अ.} लावण्ययुक्त; सुंदर; सलोना। [सं-पु.] नमक तथा मसालेयुक्त व्यंजन, जैसे- दालमोठ, मठरी, समोसा आदि।

नमत (सं.) [सं-पु.] 1. स्वामी 2. अभिनेता 3. नट 4. धुआँ 5. बादल 6. ऊनी वस्तु। [वि.] 1. झुका हुआ; नत 2. वक्र 3. नम।

नमदा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. ऊन के रेशों को जमाकर बनाया हुआ मोटा कपड़ा 2. ऊनी कपड़े और धुने हुए ऊन से बना एक प्रकार का कंबल या कालीन जिसपर रंग-बिरंगी कढ़ाई की जाती है।

नमन (सं.) [सं-पु.] 1. झुकने की क्रिया या भाव 2. नमस्कार; प्रणाम।

नमनीय (सं.) [वि.] 1. नमन या प्रणाम किए जाने योग्य; पूज्य; मान्य 2. जो झुक सके या झुकाया जा सके।

नमश (फ़ा.) [सं-स्त्री.] विशेष प्रकार से तैयार किया हुआ मीठे दूध का फेन जो ठंड के कारण जम जाता है; निमस।

नमस्कार (सं.) [सं-पु.] आदरपूर्वक हाथ जोड़कर किया गया अभिवादन; प्रणाम। [मु.] -कर लेना : छोड़ देना।

नमस्कार्य (सं.) [वि.] 1. जो नमस्कार करने योग्य हो; पूज्य; वंदनीय 2. जिसे नमस्कार किया जाए।

नमस्ते (सं.) [सं-स्त्री.] प्रणाम; नमस्कार; अभिवादन।

नमस्य (सं.) [वि.] नमस्कार किए जाने योग्य; सम्मान्य; पूज्य; वंदित।

नमाज़ (अ.) [सं-स्त्री.] मुसलमानों की प्रार्थना या उपासना की एक पद्धति जो दिन में पाँच बार करने का विधान है; ईशवंदना।

नमाज़ी (अ.) [सं-पु.] वह वस्त्र जिसपर बैठ कर नमाज़ पढ़ी जाए; जानमाज़। [वि.] 1. नियमपूर्वक नमाज़ पढ़ने वाला; नमाज़ का पाबंद (धर्मनिष्ठ मुसलमान) 2. नमाज़ पढ़ने वाला।

नमाना (सं.) [क्रि-स.] 1. झुकाना 2. दबाकर अपने अधीन करना; पस्त करना; काबू में करना।

नमित (सं.) [वि.] 1. झुका हुआ 2. झुकाया हुआ।

नमिता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. विनम्रता का भाव; नम्रता 2. जो स्त्री या लड़की बहुत विनम्र हो।

नमिस (फ़ा.) [सं-स्त्री.] एक विशेष प्रकार से तैयार किया हुआ मीठे दूध का फेन जो जाड़े में खाया जाता है; नमश; निमस।

नमी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] आर्द्रता; तरी; सीलन।

नमूद (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. उदित होने या निकलने की क्रिया; उगना 2. आविर्भाव 3. प्रकट होने का भाव 4. धूमधाम; तड़क-भड़क; शानशौकत 4. अस्तित्व; हस्ती 5. ख्याति; शोहरत 6. चिह्न; निशान।

नमूदार (फ़ा.) [वि.] 1. जो प्रकट हुआ हो; जिसका अविर्भाव हुआ हो 2. ज़ाहिर।

नमूना (फ़ा.) [सं-पु.] 1. किसी वस्तु की प्रकृति या गुण की जाँच के लिए उसमें से निकाला हुआ थोड़ा सा अंश; बानगी 2. कोई बड़ी चीज़ बनाने से पहले तैयार किया गया छोटा ख़ाका 3. प्रतिकृति; (मॉडल)।

नमूनासाज़ (फ़ा.) [सं-पु.] वह जो नमूना बनाता हो; प्रतिकृति निर्माण करने वाला व्यक्ति।

नम्य (सं.) [वि.] 1. जिसे बिना तोड़े हुए झुकाया जा सके; लचीला; नमनीय; लचकदार; (फ्लेक्सिबल) 2. नमस्कार किए जाने योग्य; पूज्य; वंदित 3. विनयी; नम्र; आज्ञाकारी 4. नमनशील।

नम्र (सं.) [वि.] 1. विनीत 2. नत; झुका हुआ 3. विनयशील।

नम्रता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. विनम्रता; विनयशीलता 2. मधुरता; सहजता 3. लोचशीलता।

नम्रतापूर्वक (सं.) [क्रि.वि.] नम्रता के साथ; सम्मान के साथ; विनम्रतापूर्वक।

नय (सं.) [सं-पु.] 1. नम्रता; विनय 2. श्रेष्ठ आचरण 3. प्रबंध या व्यवस्था संबंधी नीति 4. राजनीति 5. व्यवहार; बरताव 6. जैन दर्शन से संबंधित एक सिद्धांत। [वि.] पथप्रदर्शक; मार्गदर्शक; नेतृत्व करने वाला।

नयन (सं.) [सं-पु.] 1. आँख; दृष्टि 2. किसी को कहीं ले जाना 3. शासन; प्रबंध; व्यवस्था।

नयनतारा (सं.) [वि.] 1. आँखों का तारा 2. अत्यंत प्रिय; दुलारा 3. {ला-अ.} प्रिय संतान।

नयनसुख (सं.) [सं-पु.] 1. नेत्रानंद; दृष्टि सुख 2. नेत्र को आनंद देने वाला दृश्य 3. संतान।

नयना (सं.) [सं-पु.] आँख। [क्रि-अ.] 1. झुकना 2. नम्र होना; विनीत होना 3. नमस्कार करना।

नयनाभिराम (सं.) [वि.] जो देखने में प्रिय एवं सुंदर लगे; प्रियदर्शन; नेत्रप्रिय।

नयनोत्सव (सं.) [सं-पु.] 1. दीया; दीपक 2. ऐसी वस्तु जिसे देखकर आँखों को सुख मिले; प्रियदर्शन वस्तु।

नयनोपांत (सं.) [सं-पु.] आँख की कोर; अपांग।

नयवाद (सं.) [सं-पु.] जैन धर्म का एक दार्शनिक सिद्धांत।

नयशील (सं.) [वि.] 1. नम्र; विनीत 2. नीतिज्ञ।

नया (सं.) [वि.] 1. जिसका निर्माण, अविष्कार, उत्पादन, प्रकाशन आदि हाल में ही हुआ हो 2. जिसका पहली बार अनुभव किया गया हो; नूतन 3. ताज़ा; शुरुआती 4. 'पुराना' का विपरीत 5. कम उम्र का; नौसिखिया; अनुभवहीन 6. जो कुछ ही समय पहले देखा गया हो 7. अज़नबी।

नया-नया (सं.) [वि.] नवोदित; नवीन; ताज़ा-ताज़ा।

नर (सं.) [सं-पु.] 1. पुरुष; मर्द 2. मनुष्य; इनसान 3. एक प्राचीन ऋषि; नरदेव 4. नरदेव के अवतार अर्जुन 5. 'मादा' का विलोम 6. छाया की दिशा, गति आदि के आधार पर समय जानने के लिए गाड़ी जाने वाली खूँटी; लंब; शंकु। [वि.] 1. पुरुषजातीय, जैसे- नर पशु; नर पक्षी 2. पुरुषोचित; मर्दाना 3. वीर; बहादुर 4. अपने वर्ग में बड़ा या श्रेष्ठ।

नरई [सं-स्त्री.] 1. वह वनस्पति जिसका डंठल अंदर से खोखला या पोला होता है 2. किसी जलाशय के पास उत्पन्न होने वाली एक घास जिसे जानवरों को चारे के रूप में दिया जाता है 3. गेहूँ का डंठल।

नरक (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) वह स्थान जहाँ कुकर्म करने वालों की आत्मा को जीवन काल में किए गए पापों के फल भोगने हेतु भेजा जाता है; दोज़ख़; जहन्नुम; (हेल) 2. {ला-अ.} वह स्थान जहाँ बहुत कष्ट या तकलीफ़ हो और जहाँ रहना असहनीय हो 3. {ला-अ.} वह स्थान जहाँ बहुत प्रदूषण हो।

नरकंकाल (सं.) [सं-पु.] मानव की आकृति का कंकाल; मृत मानव का अस्थिपंजर।

नरककुंड (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) नरक में स्थित एक कुंड जिसमें आत्माएँ यातना सहने के लिए छोड़ दी जाती हैं 2. नरक के समान कष्टकर स्थान 3. {ला-अ.} गंदा या प्रदूषित स्थान।

नरकट [सं-पु.] बेंत की प्रजाति का एक पौधा जिसके डंठल अंदर से खोखले किंतु मज़बूत होते हैं जिनका प्रयोग कलम, चटाई आदि बनाने में किया जाता है; नरकुल।

नरकवासी (सं.) [वि.] नरक में निवास करने वाला या रहने वाला।

नरकासुर (सं.) [सं-पु.] (पुराण) पृथ्वी के गर्भ से उत्पन्न एक राक्षस जिसका वध कृष्ण ने किया था।

नरकीट (सं.) [सं-पु.] कीड़े-मकोड़ों जैसे आचरण वाला व्यक्ति; क्षुद्र व्यक्ति।

नरकुल (सं.) [सं-पु.] दे. नरकट।

नरगा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. आपदा; विपत्ति; मुसीबत 2. जंगल में शिकार के लिए पशुओं को बीच में इकट्ठा करने के लिए मनुष्यों द्वारा बनाया गया घेरा; घिराव 3. जनसमूह।

नरगिस (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. प्याज़ जैसे कंद से उगने वाला एक पौधा 2. उक्त पौधे का फूल जिसकी सफ़ेद पंखुड़ियों के घेरे के बीच गहरा पीला वृत्त होता है और यह फूल आँख के उपमान के रूप में प्रयुक्त होता है।

नरत्व (सं.) [सं-पु.] 1. नर होने की अवस्था, गुण या भाव; मनुष्यत्व; नरता 2. नरोचित गुणों और शक्तियों का समाहार 3. पुरुषत्व।

नरदमा (फ़ा.) [सं-पु.] मैले पानी का नाला; पनाला।

नरदेव (सं.) [सं-पु.] 1. राजा 2. ब्राह्मण।

नरनाथ (सं.) [सं-पु.] शासक; राजा।

नरपति (सं.) [सं-पु.] मनुष्यों के ऊपर शासन करने वाला; सम्राट; नृप।

नरपशु (सं.) [सं-पु.] 1. पशुवत आचरण करने वाला मनुष्य 2. साहित्य, संगीतकला आदि मानवोचित रुचियों से हीन व्यक्ति 3. मानवोचित अच्छाइयों से हीन व्यक्ति।

नरपिशाच (सं.) [सं-पु.] पिशाच के समान कार्य करने वाला मनुष्य; हत्यारा या हिंसक व्यक्ति; नीच या क्रूर मनुष्य।

नरपुंगव (सं.) [सं-पु.] श्रेष्ठ मनुष्य।

नरभक्षी (सं.) [सं-पु.] वह पशु या मनुष्य जो मनुष्यों के मांस का भक्षण करता हो। [वि.] मनुष्यों को खाने वाला।

नरम (फ़ा.) [वि.] 1. मुलायम; कोमल; मृदुल 2. लचीला 3. सुपाच्य (अन्न) 4. धीमा; मंद 5. पौरुषहीन।

नरमपंथी (फ़ा.+सं.) [वि.] 1. उदारवाद की विचारधारा का पोषक; उदारवादी 2. उग्रता विरोधी 3. शांतिप्रेमी।

नरमा [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार की कपास 2. सेमल की रुई 3. कान का निचला हिस्सा जो अत्यंत नरम होता है।

नरमाई [सं-स्त्री.] नरम होने की अवस्था, भाव या गुण; नरमी; नरमाहट।

नरमाहट [सं-स्त्री.] नरम होने की अवस्था या भाव; नरमी।

नरमी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नरम होने की अवस्था, भाव या गुण; कोमलता 2. नम्रता; नमिता; विनम्रता 3. ढिलाई।

नरमुंड (सं.) [सं-पु.] नर का सिर; मनुष्य की खोपड़ी।

नरमेध (सं.) [सं-पु.] 1. प्राचीन काल में होने वाला एक यज्ञ जिसमें मानव-बलि दी जाती थी 2. बड़े पैमाने पर मानव हत्या; नरसंहार।

नरलोक (सं.) [सं-पु.] मानवलोक; मृत्युलोक; मनुष्यजगत; इहलोक।

नर-व्याल (सं.) [सं-पु.] ऐसी मूर्ति जिसमें सिर वाला हिस्सा मनुष्य का और धड़ शेर के समान बनाया गया हो, इसे तक्षित सिंह भी कहा जाता है, जैसे- मिस्र का स्फिंक्स।

नरश्री (सं.) [सं-पु.] 1. नरश्रेष्ठ; एक आदरसूचक संबोधन; आदरसूचक शब्द 2. विष्णु भक्त ध्रुव।

नरश्रेष्ठ (सं.) [सं-पु.] 1. नरों में उत्तम; पुरुषोत्तम 2. एक श्रेष्ठता सूचक संबोधन।

नरसंहार (सं.) [सं-पु.] बड़े पैमाने पर मनुष्यों के संहार की क्रिया; हत्याकांड, जैसे- विभाजन के समय दंगों में भीषण नरसंहार हुआ।

नरसल [सं-पु.] बेंत की तरह का एक पौधा जिससे चटाई आदि बनाई जाती है; नरकट।

नरसिंघा (सं.) [सं-पु.] तुरही के जैसा एक बड़ा बाजा।

नरसिंह (सं.) [सं-पु.] विष्णु का एक अवतार जिसमें आधा शरीर चतुर्भुजी नर का तथा सिर सिंह का था; नृसिंह।

नरसों [क्रि.वि.] 1. बीते हुए परसों के पहले का (दिन) 2. आने वाले परसों के बाद का (दिन)।

नरहरि (सं.) [सं-पु.] 1. विष्णु का एक नाम 2. नृसिंह अवतार 3. बहुत बड़ा वीर और साहसी पुरुष।

नराच (सं.) [सं-पु.] बाण; तीर; शर।

नराधम (सं.) [सं-पु.] 1. अधम क्रिया-कलापों में लिप्त व्यक्ति 2. मानवोचित अच्छाइयों से हीन व्यक्ति 3. पशुवत आचरण करने वाला मनुष्य।

नराधिप (सं.) [सं-पु.] मनुष्यों का अधिपति; नृपति; राजा।

नराश्म (सं.) [सं-पु.] 1. नरकंकाल जो दीर्घ काल-प्रवाह में पत्थर बन गया हो 2. पूरे नरकंकाल या उसकी किसी अस्थि विशेष का अश्मीभूत रूप; (फ़ॉसिल)।

नरी [सं-स्त्री.] 1. बकरी या बकरे का रँगा हुआ चमड़ा 2. लाल रंग का चमड़ा 3. सिझाया हुआ चमड़ा; मुलायम चमड़ा 4. नार; ढरकी के भीतर की नली जिसपर तार लपेटा रहता है 5. एक प्रकार की घास जो ताल या नदी के किनारे होती है।

नरेंद्र (सं.) [सं-पु.] राजा; नृपति; नरेश।

नरेतर (सं.) [सं-पु.] जो नर अर्थात मनुष्य न हो; पशु; जानवर।

नरेली [सं-स्त्री.] 1. नारियल का हुक्का 2. छोटा नारियल।

नरेश (सं.) [सं-पु.] नराधिप; राजा; नृपति।

नरोत्तम (सं.) [सं-पु.] पुरुषों में श्रेष्ठ; नरश्रेष्ठ; पुरुषोत्तम।

नर्क (सं.) [सं-पु.] दे. नरक।

नर्गिस (फ़ा.) [सं-पु.] दे. नरगिस।

नर्तक (सं.) [सं-पु.] 1. नाचने वाला व्यक्ति 2. वह व्यक्ति जो नाचने का पेशा करता है 3. खड्ग की धार पर नाचने वाला व्यक्ति; केलक 4. नट 5. शिव; महादेव 6. मोर।

नर्तकी (सं.) [सं-पु.] 1. नृत्य करने वाली स्त्री 2. नाचने का पेशा करने वाली स्त्री 3. नलिका नामक सुगंधित द्रव्य 4. नटी 5. मोरनी।

नर्तन (सं.) [सं-पु.] 1. नाचने की क्रिया या भाव 2. नृत्य; नाच।

नर्तित (सं.) [वि.] नाचता हुआ; नृत्य करता हुआ।

नर्दन (सं.) [सं-पु.] 1. नाद; गरज; भीषण ध्वनि 2. उच्च स्वर में गुणकीर्तन।

नर्म1 (सं.) [सं-पु.] 1. हँसी-मज़ाक; परिहास 2. (नाट्यशास्त्र) सखा का एक भेद; कैशिकी वृत्ति का एक भेद।

नर्म2 (फ़ा.) [वि.] दे. नरम।

नर्मद (सं.) [सं-पु.] 1. दिल्लगीबाज़; मसख़रा; हँसोड़ 2. भाँड़; विदूषक। [वि.] 1. आनंद देने वाला; 2. मनोरंजन करने वाला 3. सुख देने वाला।

नर्मदा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मध्यप्रदेश में अमरकंटक से निकलने वाली एक नदी 2. पृक्का या असवर्ग नामक गंध द्रव्य 3. (पुराण) एक गंधर्व स्त्री।

नर्मदेश्वर (सं.) [सं-पु.] नर्मदा नदी में पाए जाने वाले चिकने लंबे गोल पत्थर जिन्हें शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है।

नर्मी (सं.) [सं-स्त्री.] दे. नरमी।

नर्व (इं.) [सं-स्त्री.] 1. तंत्रिका; नस; स्नायु 2. शरीर के अंदर पाई जाने वाली श्वेत, चमकदार डोरी जैसी संरचना।

नर्वस (इं.) [वि.] 1. घबराया हुआ; भयभीत 2. उदास; गमगीन 3. चिंतित; अशांत 4. नस या तंत्रिका संबंधी।

नर्स (इं.) [सं-स्त्री.] 1. रोगी या अशक्त व्यक्ति की परिचारिका 2. वह स्त्री जो बच्चे या बीमार की रखवाली या देख-रेख करे 3. शिशु को अपना दूध पिलाने वाली स्त्री; दाई; धाय।

नर्सरी (इं.) [सं-स्त्री.] 1. पौधशाला 2. छोटे बच्चों का प्रारंभिक विद्यालय 3. बच्चों के विद्यालय में सबसे प्रारंभिक (पहली) कक्षा।

नर्सिंग (इं.) [सं-पु.] 1. रोगी की देखभाल; परिचर्या 2. उपचार 3. किसी स्त्री का शिशु को अपना दूध पिलाना।

नर्सिंग होम (इं.) [सं-पु.] निजी और छोटे पैमाने के अस्पताल जहाँ रोगियों को चिकित्सा के लिए दाख़िल किया जाता है; शुश्रूषालय।

नल1 [सं-पु.] 1. धातु, प्लास्टिक आदि का बना एक बेलनाकार उपकरण जिसका भीतरी भाग खोखला या पोला होता है तथा जिसके अंदर एक सिरे से दूसरे सिरे तक चीज़ें आती-जाती हैं; (पाइप) 2. घरों में पानी पहुँचाने का (धातु का) नल 3. पाइप का वह सिरा जिसमें टोंटी लगी होती है और जिसका पेंच दबाने या घुमाने से पानी निकलता है।

नल2 (सं.) [सं-पु.] 1. नरकट 2. (महाभारत) निषध देश के चंद्रवंशी राजा वीरसेन के एक पुत्र जिनका विवाह विदर्भ देश के राजा भीमसेन की पुत्री दमयंती से हुआ था 3. (रामायण) राम की सेना का एक बंदर जो विश्वकर्मा का पुत्र था तथा जिसने पत्थरों को तैराकर रामचंद्र की सेना के लिए समुद्र पर पुल बाँधा था 4. प्राचीनकाल का धौंसे की तरह का एक प्रकार का बाजा जो युद्ध के समय घोड़े की पीठ पर रखकर बजाया जाता था।

नलक (सं.) [सं-पु.] वह गोलाकार हड्डी जिसके अंदर मज्जा हो; नली के आकार की हड्डी।

नलकूप [सं-पु.] ज़मीन से पानी निकालने का उपकरण जिसका एक सिरा ज़मीन के भीतर जल तल तक तथा दूसरा सिरा भूमि के ऊपर होता है; (ट्यूबवेल)।

नलसाज़ (हिं.+फ़ा.) [सं-पु.] वह जो नल लगाता, बनाता या उसका रख रखाव करता हो; (प्लंबर)।

नलिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बेलनाकार, लंबी एवं खोखली वस्तु; नली; चोंगी 2. एक प्राचीन अस्त्र 3. तरकश; तूणीर 4. प्राचीन काल में चिकित्सा में प्रयुक्त एक उपकरण 5. एक प्रकार का गंध-द्रव्य।

नलिकाकार (सं.) [वि.] नली (अथवा नलिका) के आकार का।

नलिन (सं.) [सं-पु.] 1. कमल; पद्म 2. पानी; जल 3. सारस पक्षी 4. करौंदा 5. नाड़िका नामक साग।

नलिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कमलिनी; कमल; कमलनाल 2. वह जलाशय जहाँ कमल की अधिकता हो 3. एक प्रकार का गंध-द्रव्य 4. एक प्रकार का छंद।

नली (सं.) [सं-स्त्री.] 1. धातु, प्लास्टिक आदि की बनी पतली लंबी, खोखली और बेलनाकार संरचना; (पाइप) 2. बंदूक की नाल जिससे गोली बाहर आती है 3. शरीर में वह मोटी पोली हड्डी जिसमें मज्जा भरी रहती है।

नलोपाख्यान (सं.) [सं-पु.] 1. (महाभारत) राजा नल की कथा 2. (महाभारत) वनपर्व का एक अवांतर पर्व।

नव (सं.) [सं-पु.] 1. नया; नवीन; जो पुराना या जीर्ण न हो, जैसे- नववर्ष, नवजात 2. आठ से एक अधिक की संख्या; नौ, जैसे- नवग्रह, नवरत्न 3. स्तुति; नमन।

नवंबर (इं.) [सं-पु.] 1. अँग्रेज़ी का एक मास 2. ईसवी सन (वर्ष) का ग्यारहवाँ महीना।

नवक (सं.) [सं-पु.] नौ सजातीय वस्तुओं का समूह। [वि.] जिसमें नौ हों।

नवखंड (सं.) [सं-पु.] प्राचीन भारतीय मान्यता के अनुसार पृथ्वी के नौ खंड- भरत, किंपुरुष, भद्र, हरि, हिरण्य, केतुमाल, इलावर्त, कुरु और रम्यक।

नवगठित (सं.) [वि.] जिसका गठन हाल ही में हुआ हो; नवसृजित; जो अभी-अभी बनाया गया हो, जैसे- नवगठित मंत्रिमंडल।

नवग्रह (सं.) [सं-पु.] (भारतीय ज्योतिष) सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु नामक ग्रह।

नवजागरण (सं.) [सं-पु.] किसी युग में विचार तथा व्यवहार के स्तर पर होने वाली नवीन चेतना या जागृति।

नवजात (सं.) [वि.] 1. जिसका जन्म अभी-अभी हुआ हो 2. नया।

नवजीवन (सं.) [सं-पु.] 1. मृत्युतुल्य किसी विकट स्थिति से बचकर लौट आना 2. असाध्य रोग से ग्रसित होकर पुनः स्वस्थ होना 3. अतिदुखद स्थिति से सुखद स्थिति की प्राप्ति 4. {ला-अ.} समाप्त होने को उन्मुख किसी संस्था का पुनरुद्धार।

नवज्योति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. नई किरण 2. नई सुबह 3. {ला-अ.} नई आशा।

नवता (सं.) [सं-स्त्री.] नयापन; नवीनता।

नवतिका (सं.) [सं-स्त्री.] चित्रकारी करने की कूची; तूलिका।

नवदंपति (सं.) [सं-पु.] नवविवाहित जोड़ा; नवविवाहित पति-पत्नी।

नवदुर्गा (सं.) [सं-स्त्री.] (पुराण) देवी दुर्गा के नौ भिन्न-भिन्न रूप, जिनकी नवरात्रों में प्रतिदिन एक-एक कर पूजा-अर्चना होती है।

नवधनिक (सं.) [सं-पु.] 1. वह व्यक्ति जिसे दरिद्रता के बाद हाल ही में धन की प्राप्ति हुई हो 2. उक्त स्थिति में अतरिक्त दिखावा करने वाला व्यक्ति; नौदौलतिया; नौरईस।

नवधा (सं.) [अव्य.] 1. नौ प्रकार से 2. नौ खंडों में; नौ टुकड़ों में; नौ भागों में।

नवधाभक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] वह भक्ति जो नौ प्रकार से की जाती है, जैसे- श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद-सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्मनिवेदन।

नवनिधि (सं.) [सं-स्त्री.] पुराणों में कल्पित धन के देवता कुबेर की निधियों के नौ भिन्न-भिन्न रूप।

नवनियुक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी पद पर नई पदस्थापना 2. नई नौकरी।

नवनिर्माण (सं.) [सं-पु.] 1. नए सिरे से निर्माण करने की क्रिया या भाव 2. नई निर्मिति; नई रचना।

नवनिर्मित (सं.) [वि.] जिसका हाल में ही निर्माण हुआ हो; नवसृजित, जैसे- अगला मैच शहर के नवनिर्मित स्टेडियम में खेला जाएगा।

नवनिर्वाचित (सं.) [वि.] किसी संस्था, राष्ट्र आदि के निर्वाचन या चुनाव में नया चुना हुआ, जैसे- देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण की।

नवनीत (सं.) [सं-पु.] 1. ताज़ा मक्खन 2. कृष्ण का एक नाम।

नवम (सं.) [वि.] नौ के स्थान पर आने वाला; नवाँ, जैसे- 'साकेत' के नवम सर्ग में उर्मिला की व्यथा कथा का वर्णन है।

नवमल्लिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. चमेली 2. कामदेव के पाँच बाणों में से एक।

नवमी (सं.) [सं-स्त्री.] भारतीय पंचांग में किसी मास के किसी पक्ष की नवीं तिथि।

नवयुग (सं.) [सं-पु.] आधुनिक युग या नया ज़माना जिसमें अनावश्यक रूढ़ियाँ या परंपराएँ त्याग दी गई हों; आधुनिक काल।

नवयुवक (सं.) [सं-पु.] वह लड़का जिसने हाल ही में किशोरावस्था पार की हो; नौजवान; तरुण।

नवयुवती (सं.) [सं-स्त्री.] वह लड़की जिसने हाल ही में किशोरावस्था पार की हो; नवयौवना; तरुणी; कुमारी।

नवयौवन (सं.) [सं-पु.] 1. नई जवानी; चढ़ती हुई जवानी 2. {ला-अ.} नया उन्मेष।

नवयौवना (सं.) [सं-स्त्री.] वह स्त्री जिसमें युवावस्था के लक्षण दिखाई देने लगे हों; तरुणी।

नवरंग (सं.) [वि.] 1. नवीन शोभा से युक्त 2. नए ढंग का; नवेला 3. सुंदर।

नवरत्न (सं.) [सं-पु.] 1. नौ प्रकार के रत्न- मोती, पन्ना, माणिक, गोमेद, हीरा, मूँगा, लहसुनिया, पद्मराग एवं नीलम 2. उक्त नौ प्रकार के रत्नों वाला आभूषण 3. राजा विक्रमादित्य के राजदरबार के प्रख्यात नौ विद्वान 4. भारत सरकार द्वारा घोषित सार्वजनिक क्षेत्र के नौ औद्योगिक प्रतिष्ठान।

नवरस (सं.) [सं-पु.] (भारतीय काव्यशास्त्र) काव्य के नौ रस- शृंगार, करुण, हास्य, वीर, रौद्र, भयानक, वीभत्स, अद्भुत और शांत।

नवरात्र (सं.) [सं-पु.] 1. चैत्र और अश्विन मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक के नौ दिन जिसमें देवी दुर्गा की पूजा होती है; वासंती और शारदीय नवरात्रि 2. नौ रात्रियों में समाप्त होने वाला यज्ञ, अनुष्ठान आदि 3. नौ दिनों की अवधि।

नवरात्रि (सं.) [सं-पु.] दे. नवरात्र।

नवल (सं.) [वि.] 1. नया; नवीन 2. आकर्षक; अनोखा 3. युवा; जवान 4. सुंदर 5. रंगीला 6. शुभ्र; स्वच्छ; उज्ज्वल; स्फीत; विमल।

नवलकिशोर (सं.) [सं-पु.] कृष्ण; वासुदेव।

नववधू (सं.) [सं-स्त्री.] नई-नवेली दुलहन; नवविवाहिता स्त्री।

नववर्ष (सं.) [सं-पु.] 1. नया साल या संवत्सर 2. नए वर्ष का प्रथम दिन।

नवविवाहित (सं.) [वि.] (पुरुष, स्त्री या युगल) जो हाल ही में परिणय-सूत्र में बँधा हो; सद्यःपरिणीत।

नवसर (सं.) [सं-पु.] जिस हार में नौ लड़ियाँ हों; नौ लड़ का हार।

नवसाक्षर (सं.) [वि.] जिसने हाल ही में साक्षरता हासिल की हो; जिसने हाल ही में कुछ पढ़ना-लिखना सीखा हो।

नवाँ (सं.) [वि.] नौ के स्थान पर आने वाला; नवम, जैसे- ईस्वी सन का नवाँ महीना सितंबर है।

नवांकुर (सं.) [सं-पु.] नवीन अंकुर; कल्ला।

नवांग (सं.) [सं-पु.] सोंठ, पीपल, मिर्च, हड़, बहेड़ा, आँवला, चाब, चीता और बायबिरंग ये नौ पदार्थ।

नवागंतुक (सं.) [वि.] 1. वह जो नया आया हुआ हो; अभी अभी आया हुआ; नवागत; (न्यूकमर) 2. अतिथि।

नवागत (सं.) [वि.] 1. कुछ समय पूर्व ही अस्तित्व में आया हुआ; जिसका आविर्भाव अभी हाल ही में हुआ हो 2. नया आया हुआ; तुरंत का आया हुआ, जैसे- नवागत बंधुओं से अनुरोध है कि स्थान ग्रहण करें।

नवाज़ (फ़ा.) [परप्रत्य.] 1. कृपा या दया करने वाला, जैसे- गरीबनवाज़ 2. बजाने वाला, जैसे- तबलानवाज़।

नवाज़ना (फ़ा.) [क्रि-स.] रहम करना; दया करना; कृपा करना; अनुग्रह करना।

नवाज़िश (फ़ा.) [सं-स्त्री.] कृपा; अनुकंपा; दया; अनुग्रह; मेहरबानी।

नवाड़ा [सं-पु.] 1. एक प्रकार की छोटी नाव 2. नाव को मँझधार में ले जाकर चक्कर देने की जलक्रीड़ा।

नवाना (सं.) [क्रि-स.] 1. झुकाना, जैसे- ईश्वर के आगे शीश नवाना 2. किसी को नम्र होने अथवा विनीत होने के लिए प्रेरित करना।

नवान्न (सं.) [सं-पु.] 1. नया अन्न 2. नई फ़सल का अन्न 3. एक प्रकार का श्राद्ध जिसमें पितरों के नाम पर नया अन्न वितरित किया जाता है 4. नई फ़सल का अन्न पहली बार खाने की क्रिया।

नवाब (अ.) [सं-पु.] 1. मुगलकाल से प्रचलित एक उपाधि जो किसी क्षेत्र के स्वामियों या धनियों को दी जाती थी 2. वे राज्याधिकारी जो किसी सूबे के प्रशासक नियुक्त होते थे 3. धनसंपन्न व्यक्ति। [वि.] 1. {ला-अ.} फ़िज़ूलख़र्च; अपव्ययी 2. {ला-अ.} नवाब जैसे ठाट-बाट से रहने वाला।

नवाबज़ादा (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. नवाब का बेटा या पुत्र 2. बेहद शौकीन आदमी जो रईसों की तरह रहता हो।

नवाबी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. नवाब का पद या काम 2. नवाबों जैसा रंग-ढंग 3. नवाबों का शासनकाल 4. बहुत अधिक अमीरी। [वि.] 1. नवाबों के रंग-ढंग जैसा, जैसे- नवाबी शानो-शौकत 2. नवाबों का, जैसे- नवाबी दौर। [मु.] -उतारना : अकड़ दूर करना।

नवासा (फ़ा.) [सं-पु.] बेटी का बेटा; नाती; दौहित्र।

नवासी1 [वि.] संख्या '89' का सूचक।

नवासी2 (फ़ा.) [सं-स्त्री.] बेटी की बेटी; नातिन; दौहित्री।

नवाह1 (सं.) [सं-पु.] 1. चंद्र मास के किसी पक्ष का नवाँ दिन 2. नौ दिनों का समूह। [वि.] नौ दिनों तक चलने वाला या नौ दिनों में पूरा होने वाला, जैसे- रामायण आदि का नवाह पाठ।

नवाह2 (अ.) [सं-पु.] चारों ओर का समीपवर्ती क्षेत्र, प्रदेश या स्थान।

नवीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. नवीन रूप प्रदान करने की क्रिया 2. किसी संधि, अनुज्ञापत्र आदि की अवधि समाप्त होने पर पुनः जारी किया जाना।

नवीकृत (सं.) [वि.] जिसका नवीनीकरण हुआ हो; जो फिर से नया किया गया हो।

नवीन (सं.) [वि.] 1. नया; नूतन 2. अनोखा; विलक्षण 3. तरुण 4. मौलिक।

नवीन कथामुख (सं.) [सं-पु.] (पत्रकारिता) समाचार का एक या एकाधिक अनुच्छेदों का नया शीर्ष जो पूर्व प्रेषित शीर्ष का स्थान लेता है।

नवीनतम (सं.) [वि.] सर्वाधिक नवीन; नया।

नवीनता (सं.) [सं-स्त्री.] नयापन; नूतनता।

नवीनीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. नए सिरे से आरंभ करना; नया बनाना, जैसे- इमारत का नवीनीकरण 2. अवधि बढ़ाना, जैसे- लाइसेंस का नवीनीकरण 3. फिर से जारी किया जाना।

नवीनीकृत (सं.) [वि.] दे. नवीकृत।

नवीस (फ़ा.) [परप्रत्य.] शब्दों के अंत में प्रयुक्त होने वाला एक प्रकार का प्रत्यय जिसका अर्थ है, लिखने वाला, जैसे- अर्ज़ीनवीस, अख़बारनवीस आदि।

नवेद (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. शुभ समाचार; ख़ुशख़बरी 2. निमंत्रण; निमंत्रण पत्र।

नवेला (सं.) [वि.] 1. नया; नवीन; सुंदर 2. युवा; नई उम्र का 3. अनन्य गुणों से युक्त।

नवोढ़ा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सद्यःपरिणीता; नववधू 2. नव-युवती 3. (काव्यशास्त्र) संकोच और लज्जा के कारण नायक के पास जाने में सकुचाने वाली नायिका।

नवोत्थान (सं.) [सं-पु.] नवजागरण; नवजागृति, नवीन चेतना।

नवोदक (सं.) [सं-पु.] 1. पहली वर्षा का जल 2. कुआँ खोदते समय निकलने वाला पहला जल।

नवोदय (सं.) [सं-पु.] नया उत्थान; नवोत्थान।

नवोदित (सं.) [वि.] नया-नया उभरा हुआ, जिसने हाल ही में प्रतिभा का परिचय दिया हो, जैसे- नवोदित लेखक।

नवोद्भावना (सं.) [सं-स्त्री.] नया विचार; नई कल्पना; नया कथन।

नवोन्मेष (सं.) [सं-पु.] नया उत्थान; नया विकास।

नव्य (सं.) [वि.] 1. नवीन; नया 2. नमन करने योग्य 3. स्तुति करने योग्य। [सं-पु.] पुनर्नवा।

नशन (सं.) [सं-पु.] नष्ट होना; नाश; विनाश।

नशा (अ.) [सं-पु.] 1. अफ़ीम, गाँजा, भाँग, चरस, शराब आदि मादक द्रव्यों के सेवन से उत्पन्न मानसिक विकृति की स्थिति 2. नशीली चीज़; मादक द्रव्य 3. मादक पदार्थ के सेवन करते रहने की प्रवृत्ति 4. {ला-अ.} किसी चीज़ की ऐसी धुन जो और सब कुछ भुला दे, जैसे- किसी खेल का नशा 5. {ला-अ.} मद; गर्व। [मु.] -उतरना : किसी बात की धुन उतर जाना; अहंकार दूर होना।

नशाख़ोर (अ.) [सं-पु.] नशा करने वाला व्यक्ति; नशेबाज़; नशेड़ी।

नशाख़ोरी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. नशेबाज़ी; नशा करना 2. नशा करने की आदत या लत।

नशाबंदी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. नशाख़ोरी पर प्रतिबंध लगाने की नीति या प्रक्रिया 2. नशे पर पाबंदी लगना।

नशास्ता (फ़ा.) [सं-पु.] गेहूँ आदि किसी अन्न को भिगोकर पीसकर निकाला हुआ सार; (स्टार्च)।

नशीन (फ़ा.) [परप्रत्य.] समस्त पदों के अंत में प्रयुक्त होने वाला एक प्रकार का प्रत्यय जिसका अर्थ है, बैठने वाला, स्थित आदि, जैसे- गद्दीनशीन, परदानशीन, ज़न्नतनशीन आदि।

नशीला (अ.) [वि.] 1. जिसके सेवन से नशा छा जाए; नशायुक्त 2. मदभरा; मादक।

नशेड़ी [वि.] मादक द्रव्य का सेवन करने वाला; नशेबाज़; नशाख़ोर।

नशेबाज़ (अ.+फ़ा.) [वि.] जो बराबर नशे का सेवन करता हो; नशेड़ी।

नशेबाज़ी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] मादक द्रव्य का सेवन; नशा करने की आदत; नशाख़ोरी।

नश्तर (फ़ा.) [सं-पु.] 1. शारीरिक अंगों की चीर-फाड़ या शल्यक्रिया हेतु प्रयुक्त चाकू जैसा उपकरण; (स्कैलपल) 2. कार्यालयों में काग़ज़ आदि काटने में प्रयुक्त धारदार लौह पट्टी।

नश्वर (सं.) [वि.] 1. जो शाश्वत न हो; नष्ट होने वाला; नाशवान; अचिर 2. क्षणभंगुर।

नश्वरता (सं.) [सं-स्त्री.] नष्ट हो जाने का भाव; अचिरता।

नष्ट (सं.) [वि.] 1. बरबाद; व्यर्थ; बेकार 2. अपवित्र 3. जिसका आचरण बिगड़ गया हो; अधम; पतित 4. जिसका अस्तित्व मिट चुका हो; शून्य 5. निष्फल।

नष्टनीड़ (सं.) [सं-पु.] 1. उजड़ा हुआ घोंसला 2. {ला-अ.} उजड़ा हुआ घर।

नष्टप्राय (सं.) [क्रि.वि.] नष्ट होने की ओर अग्रसर; बरबादी की राह पर।

नष्ट-भ्रष्ट (सं.) [वि.] पूर्णतः नष्ट; पूरी तरह से बरबाद।

नष्टात्मा (सं.) [वि.] 1. जिसकी आत्मा नष्ट हो चुकी हो 2. दुष्ट; अधम; नीच।

नष्टार्थ (सं.) [वि.] 1. जो अपनी संपत्ति गँवा चुका हो; जो धनहीन हो चुका हो 2. जो अपने प्रिय को खो चुका हो 3. (ऐसा शब्द) जिसका अर्थ विलुप्त हो चुका हो।

नस (सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्नायु, शरीर के अंदर का तंतुजाल जिसकी सहायता से मांसपेशियाँ आपस में तथा हड्डियों से बँधी रहती हैं 2. रक्त-वाहिनी नली 3. नाड़ी। [मु.] नस-नस फड़क उठना : बहुत अधिक प्रसन्न होना। -ढीली होना : शेखी दूर होना।

नसतरंग [सं-पु.] शहनाई जैसा एक पुराना बाजा।

नसबंदी [सं-स्त्री.] शल्यक्रिया के द्वारा जनन शक्ति से संबंधित नस को बंद या अप्रभावी कर दिया जाना।

नसवार [सं-स्त्री.] 1. तंबाकू के पीसे हुए पत्ते की महक या ख़ुशबू 2. सुँघनी।

नसीब (अ.) [सं-पु.] 1. भाग्य; किस्मत; तकदीर 2. अंश, भाग; हिस्सा।

नसीबवर (अ.+फ़ा.) [वि.] भाग्यवान; भाग्यशाली; ख़ुशकिस्मत।

नसीबा (अ.) [सं-पु.] मुकद्दर; भाग्य; नसीब।

नसीम (अ.) [सं-स्त्री.] ठंडी और धीमी हवा।

नसीर (अ.) [सं-पु.] 1. वह जो दूसरों की सहायता करता हो; मददगार; सहायक 2. ईश्वर का एक नाम।

नसीहत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. सदुपदेश; शिक्षा; सीख 2. राय; लाभप्रद सम्मति; अच्छी सलाह 3. ऐसा दंड जिससे कोई शिक्षा मिलती हो।

नसेनी [सं-स्त्री.] बाँस की बनी हुई सीढ़ी।

नस्तक (सं.) [सं-पु.] 1. पशुओं की नाक में रस्सी डालने के लिए किया गया छेद 2. नाक में किया गया छेद।

नस्ता (सं.) [सं-स्त्री.] नाक में किया गया छेद; नस्तक।

नस्तालीक (फ़ा.) [वि.] सौम्य तथा सुंदर। [सं-पु.] 1. फ़ारसी या अरबी लिपि लिखने का वह ढंग जिसमें अक्षर ख़ूब साफ़, सुंदर और सुपाठ्य होते हैं 2. सभ्य या शिष्ट व्यक्ति।

नस्तित (सं.) [सं-पु.] 1. वह पशु जिसकी नाक में छेद करके रस्सी डाली जाए 2. एक तरह का बैल। [वि.] 1. जिसे नाथ पहनाया जाए 2. नत्थी किया हुआ (कागज़ या दस्तावेज़)।

नस्य (सं.) [सं-पु.] 1. नसवार; सुँघनी; नास 2. वह औषधि जिसे नाक से ग्रहण किया जाता है 3. नाक के बाल। [वि.] 1. नाक से संबंधित 2. नाक से निकलने वाला।

नस्या (सं.) [सं-स्त्री.] 1. नाक; नासिका 2. पशुओं की नाक में पहनाई जाने वाली रस्सी 3. नाक का छेद; नथना।

नस्ल (अ.) [सं-स्त्री.] 1. किसी जाति के पालतू पशुओं की एक विशेष प्रजाति; किस्म 2. जीव-जंतुओं के धर्म, आकृति आदि की समानता के विचार से किया हुआ विभाग 3. एक ही पूर्वपुरुष से उत्पन्न व्यक्तियों का वर्ग या समूह; कुल; वंश; ख़ानदान; (रेस)।

नस्लभेदी (अ.+सं.) [वि.] (विचार, आचरण या वक्तव्य) नस्ल, कुल या जाति में भेद करने वाला; उक्त में से किसी को हीन और किसी को श्रेष्ट मानने वाला; (रेसिस्ट)।

नस्लवाद (अ.+सं.) [सं-पु.] वह सिद्धांत या अवधारणा जो किसी एक नस्ल को दूसरी से श्रेष्ठतर या निम्नतर मानती है; (रेसिज़्म)।

नस्लीय (अ.) [वि.] नस्ल या वंश से संबंधित; नस्ल विषयक।

नहछू (सं.) [सं-पु.] विवाह से पहले की एक रस्म।

नहर (फ़ा.) [सं-स्त्री.] किसी नदी या अन्य जलाशय से सिंचाई आदि के लिए निकाला गया चौड़ा कृत्रिम जल मार्ग।

नहरनी [सं-स्त्री.] 1. नाख़ून काटने में प्रयुक्त एक औज़ार 2. उक्त जैसा ही एक उपकरण जिससे पोस्ते की ढोंढ़ चीरी जाती है।

नहरी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] वह ज़मीन जो नहर के पानी से सींची जाती है। [वि.] नहर संबंधी; नहर का।

नहला [सं-पु.] 1. ताश का वह पत्ता जिसमें नौ बूटियाँ बनी होती हैं 2. बेल-बूटों आदि नक्काशी के काम में प्रयुक्त राजगीरों की छोटी करनी।

नहलाई [सं-स्त्री.] 1. नहलाने की क्रिया 2. नहलाने की मज़दूरी।

नहलाना [क्रि-स.] किसी को नहाने में प्रवृत्त करना; स्नान कराना।

नहस (अ.) [वि.] अशुभ; मनहूस।

नहान [सं-पु.] 1. नहाने की क्रिया; जल से धोकर शरीर को स्वच्छ करना; स्नान 2. स्नान संबंधी कोई पर्व या अवसर, जैसे- मकर संक्रांति का नहान 3. किसी पर्व या शुभ अवसर पर नदी या जलाशय में श्रद्धालुओं का एक साथ स्नान करना।

नहानघर [सं-पु.] स्नान के निमित्त निर्मित कक्ष; स्नानघर; गुसलख़ाना।

नहाना (सं.) [क्रि-अ.] 1. जल से पूरे शरीर को धोना; स्नान करना 2. शरीर को स्वच्छ रखना 3. किसी तरल पदार्थ से पूरे शरीर का गीला होना।

नहार (सं.) [वि.] जो सुबह से बिना कुछ खाए हो; निराहार।

नहारी [सं-स्त्री.] 1. सुबह का अल्पाहार; जलपान; नाश्ता 2. नौकरों, मज़दूरों को जलपान आदि के निमित्त दिया जाने वाला धन 3. घोड़ों को खिलाने के लिए गुड़ मिश्रित आटा 4. शोरबेदार गोश्त।

नहीं (सं.) [अव्य.] निषेधवाची अव्यय; असहमति, विरोध, अभाव आदि प्रकट करने वाला एक शब्द।

नहीफ़ (अ.) [वि.] 1. अशक्त; दुर्बल; कमज़ोर 2. दुबला-पतला।

नहुष (सं.) [सं-पु.] 1. प्राचीन काल का एक चंद्रवंशी राजा 2. एक वैदिक ऋषि 3. एक नाग 4. कुशिक वंशी एक ब्राह्मण राजा 5. वैदिककालीन एक राजर्षि।

नहूसत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मनहूस होने की अवस्था या भाव; मनहूसी; मनहूसियत 2. उदासीनता।

ना (सं.) [अव्य.] न; नहीं।

नाँद [सं-स्त्री.] 1. पशुओं को चारा दिया जाने वाला पात्र; हौज; हाँदी 2. पानी भरने की सीमेंट, धातु आदि की बनी टंकी।

नांदी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. नाटक आरंभ होने से पहले सूत्रधार द्वारा पढ़ा जाने वाला मंगलाचरण 2. समृद्धि; धन-संपत्ति।

नांदीमुख (सं.) [सं-पु.] परिवार में (जन्म, विवाह आदि) मांगलिक अवसरों से पूर्व किया जाने वाला एक मांगलिक श्राद्ध जो पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है; वृद्धि श्राद्ध।

नाइंसाफ़ (फ़ा.+अ.) [वि.] जो इनसाफ़ अथवा न्याय न कर पाए; अन्यायी।

नाइट (इं.) [सं-स्त्री.] 1. रात्रि; रात 2. किसी विशेष रात्रिकालीन समारोह के साथ भी यह शब्द जोड़ दिया जाता है।

नाइट्रेट (इं.) [सं-पु.] (रसायनविज्ञान) 1. नाइट्रोजन से बना यौगिक 2. शोरे के तेज़ाब का नमक।

नाइट्रोजन (इं.) [सं-स्त्री.] एक गंधहीन, स्वादहीन एवं रंगहीन गैस जो वायुमंडल का 4/5 भाग है।

नाइत्तेफ़ाकी (फ़ा.+अ.) [सं-स्त्री.] इत्तेफ़ाक या एकता का अभाव; अनबन; बिगाड़।

नाइन [सं-स्त्री.] 1. नाई की पत्नी 2. नाई जाति की स्त्री।

नाइनसाफ़ी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. अनीति; अन्याय; अत्याचार 2. बेईमानी।

नाई [सं-पु.] एक जाति जो बाल काटने तथा विवाह आदि तय कराने का काम करती है; हज्जाम।

नाउम्मीद (फ़ा.) [वि.] 1. हताश; निराश 2. हतोत्साह; पस्तहौसला।

नाउम्मीदी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] उम्मीद अथवा आशा का न होना; निराशा; हताशा।

नाक1 (सं.) [सं-स्त्री.] 1. नासिका 2. नाक से बहने का तरल पदार्थ 3. {ला-अ.} वह जिससे किसी की प्रतिष्ठा बनी रहे 4. इज़्ज़त; मान; मर्यादा [सं-पु.] मगरमच्छ की तरह का एक जल-जंतु; घड़ियाल। [मु.] -का बाल होना : गहरा मित्र होना। -घुसाना : हस्तक्षेप करना। -भौं सिकोड़ना : अप्रसन्नता प्रकट करना। -में दम करना : बहुत तंग करना। -रगड़ना : गिड़गिड़ाकर विनती करना। नाकों चने चबवाना : बहुत परेशान करना। -कटना : बेइज़्ज़ती होना। -रख लेना : प्रतिष्ठा की रक्षा कर लेना।

नाक2 (फ़ा.) [परप्रत्य.] एक प्रकार का प्रत्यय जो 'भरा हुआ' या 'पूर्ण' होने का अर्थ देता है, जैसे- दर्दनाक, ख़ौफ़नाक आदि।

नाकड़ा [सं-पु.] एक रोग जिसमें नाक पक जाती है।

नाकद्र (फ़ा.) [वि.] 1. किसी की कद्र न समझे 2. किसी की कद्र न करने वाला।

नाकद्री (फ़ा.+अ.) [सं-स्त्री.] 1. उचित सम्मान न होने की स्थिति; अनादर; तिरस्कार; उपेक्षा 2. कद्र न करना।

नाक-नक्श [सं-पु.] शक्ल की बनावट; चेहरा; (फ़ीचर)।

नाका [सं-पु.] 1. किसी दुर्ग, नगर, बस्ती आदि में प्रवेश का प्रमुख स्थान; प्रवेश-द्वार 2. रास्ते का वह छोर जहाँ से अन्य रास्ते निकलते हैं 3. वह स्थान जहाँ पहरा देने या महसूल आदि वसूलने के लिए रक्षक खड़े रहते हैं 4. थाना; चौकी 5. जुलाहों के ताने का तागा बाँधने का एक उपकरण 6. सुई का छेद 7. नाक नामक जलीय जंतु। [मु.] -छेंकना : आने-जाने का रास्ता रोकना।

नाकाफ़ी (फ़ा.+अ.) [वि.] अपर्याप्त; अपूर्ण; अपरिपूर्ण; अपूर; जो आवश्यकता से कम हो।

नाकाबंदी [सं-स्त्री.] 1. नाके पर रक्षकों की तैनाती; नाके पर पहरा बैठाना; घेराबंदी 2. अवरोध।

नाकाबिल (फ़ा.+अ.) [वि.] 1. अयोग्य; अनुपयुक्त; अक्षम; अपात्र 2. अशिक्षित।

नाकाम (फ़ा.) [वि.] 1. जिसकी कामना पूरी न हुई हो; असफल; नाकामयाब 2. निराश; मायूस।

नाकामयाब (फ़ा.) [वि.] 1. जो कामयाब न हुआ हो नाकाम; असफल मनोरथ 2. अनुत्तीर्ण; (फ़ेल)।

नाकामयाबी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] असफलता; विफलता।

नाकामी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नाकामयाबी; असफलता 2. निराशा; नाउम्मीदी।

नाकारा (फ़ा.) [वि.] 1. निष्कर्म; निकम्मा 2. निष्प्रयोजन; बेमतलब 3. व्यर्थ; बेकार।

नाकिस (अ.) [सं-पु.] अरबी भाषा का वह शब्द जिसका अंतिम वर्ण 'अलिफ़', 'वाव' या 'ये' हो। [वि.] 1. जिसमें कुछ त्रुटि या नुक्स हो 2. अपूर्ण; नामुकम्मल 3. खोटा; मिथ्या; कूट 4. विकृत; दूषित; ख़राब 5. पाजी; धूर्त।

नाकी (सं.) [वि.] स्वर्ग में निवास करने वाला। [सं-पु.] देवता।

नाकु (सं.) [सं-पु.] 1. दीमकों की मिट्टी का ढूह; बल्मीक; बिमौट 2. भीटा; टीला 3. पहाड़; पर्वत 4. एक प्राचीन मुनि।

नाकुल (सं.) [सं-पु.] 1. नकुल के वंशज या संतान। [वि.] 1. नेवले जैसा 2. नकुल संबंधी।

नाकेदार (हिं.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. नाके पर रहने वाला पहरेदार 2. नाके का अधिकारी।

नाकेबंदी (हिं.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नाके (प्रवेश द्वार या चौराहा) पर अवरोध 2. नाके पर सिपाहियों की तैनाती 3. नाके पर पहरा।

नाख़ुदा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. जहाज़ का कप्तान 2. मल्लाह; नाविक 3. कर्णधार। [वि.] ख़ुदा को न मानने वाला; नास्तिक।

नाख़ुश (फ़ा.) [वि.] नाराज़; अप्रसन्न।

नाख़ुशी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नाराज़गी; अप्रसन्नता 2. क्रोध; गुस्सा 3. बीमारी; रोग।

नाख़ून (फ़ा.) [सं-पु.] 1. मनुष्यों, जानवरों, पशु-पक्षियों के हाथ और पैर की उँगलियों के अग्र भाग का सजीव अवस्था में बढ़ने वाला कठोर अस्थिनुमा भाग (इस भाग को कैंची से काटकर अलग किया जाता है) 2. गाय, भैंस आदि की खुर की बढ़ी हुई कोर।

नाग (सं.) [सं-पु.] 1. साँप; सर्प 2. (पुराण) पातालवासी एक उपदेवता जिसका ऊपरी आधा भाग मनुष्य का और निचला आधा भाग साँप का होता है 3. एक प्रकार का काला साँप जिसके सिर पर दो चरण चिह्न होते हैं। [वि.] {ला-अ.} क्रूर; घातक; दुष्ट। [मु.] -से खेलना : ऐसा काम करना जिसमें प्राणों का भय हो।

नागकन्या (सं.) [सं-स्त्री.] (पुराण) नाग जाति की कन्या।

नागकेसर (सं.) [सं-पु.] एक वृक्ष जिसके फूल रंग, मसाले और औषधि बनाने के काम आते हैं।

नागपंचमी (सं.) [सं-स्त्री.] श्रावण-शुक्ला पंचमी जिस दिन सनातनी हिंदू नाग-देवता की पूजा करते हैं।

नागपाल (सं.) [सं-पु.] पंजाबी कायस्थों में एक कुलनाम या सरनेम।

नागपाश (सं.) [सं-पु.] 1. वरुण का अस्त्रभूत 2. सर्पों का फंदा 3. रस्सी या डोरी आदि का ढाई फेरे का फंदा; नाग-बंध।

नागफनी [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार का पौधा जिसके चौड़े पत्तों पर काँटे होते हैं; थूहर 2. एक प्रकार का नेपाली बाजा 3. कान में पहनने का एक प्रकार का गहना।

नागमती (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक लता 2. जायसी कृत पद्मावत के नायक रत्नसेन की पत्नी।

नागर (सं.) [सं-पु.] 1. नगरवासी; नागरिक 2. चतुर; शिष्ट; सभ्य 3. गुजराती ब्राह्मणों में एक कुलनाम या सरनेम 4. नागरी लिपि का कोई अक्षर 5. एक प्रकार का गृहयुद्ध। [वि.] 1. नगर संबंधी; नगर का; (अर्बन) 2. नगर में रहने वाला।

नागरबेल (सं.) [सं-स्त्री.] वह लता जिसके पत्ते पान के रूप में खाए जाते हैं; पान की बेल।

नागरमोथा (सं.) [सं-पु.] एक प्रकार की घास जिसकी जड़ औषधि-निर्माण के काम आती है।

नागर विवाह (सं.) [सं-पु.] धार्मिक बंधनों से रहित तथा विशुद्ध नागरिक की हैसियत से किया जाने वाला विवाह; (सिविल मैरिज)।

नागराज (सं.) [सं-पु.] (पुराण) 1. नागों का राजा; शेषनाग; (तक्षक तथा वासुकि) 2. विशालकाय सर्प 3. ऐरावत 4. पिंगल मुनि (छंदशास्त्र के प्रणेता)।

नागरिक (सं.) [सं-पु.] 1. किसी राज्य में जन्म लेने वाला व्यक्ति जिसे उस राज्य के संविधान के समस्त अधिकार प्राप्त हों; किसी राष्ट्र में जन्म लेने वाला वह व्यक्ति जिसे उस राष्ट्र में रहने, नौकरी करने, संपत्ति रखने, वोट देने तथा स्वतंत्रतापूर्वक अभिव्यक्ति का अधिकार प्राप्त हो; (सिटीजन) 2. नगर पर लगने वाला कर। [वि.] नगर संबंधी; नगर का।

नागरिकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. नागरिक होने की अवस्था या भाव 2. नागरिक जीवन 3. नागरोचित स्वत्व, आचार या शिष्टता 4. नागरिक होने पर प्राप्त होने वाले अधिकार तथा सुविधाएँ।

नागरिकशास्त्र (सं.) [सं-पु.] नागरिकों के अधिकारों तथा कर्तव्यों का अध्ययन तथा विवेचन करने वाला शास्त्र; (सिविक्स)।

नागरी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. संस्कृत, हिंदी, मराठी आदि भाषाओं की लिपि; देवनागरी 2. नगर या शहर में निवास करने वाली स्त्री; नगरवासिनी 3. चतुर या होशियार स्त्री 4. पत्थर की मोटाई नापने की एक बड़ी नाप 5. पत्थर की पटिया।

नागरीट (सं.) [सं-पु.] 1. जार 2. कामुक या व्यभिचारी पुरुष 3. व्यसनी; लंपट।

नागरेयक (सं.) [वि.] 1. जिसका जन्म नगर में हुआ हो 2. नागरिक से संबंधित।

नागरोत्थ (सं.) [सं-पु.] नागरमोथा।

नागर्य (सं.) [सं-पु.] 1. नागर होने का भाव या अवस्था; नागरता; नागरिकता 2. विदग्धता; शहरातीपन 3. चतुराई; बुद्धिमानी।

नागलोक (सं.) [सं-पु.] (पुराण) पृथ्वी के नीचे स्थित सात पाताल-लोकों में से एक।

नागवल्ली (सं.) [सं-स्त्री.] तांबूल या पान की बेल।

नागवार (फ़ा.) [वि.] 1. अच्छा न लगने वाला; जो पसंद न हो; अप्रिय; अरुचिकर 2. निस्वाद; बेमज़ा।

नागा (सं.) [सं-पु.] 1. शैव साधुओं का एक संप्रदाय; दिगंबर साधु (सदा नग्न रहने वाले) 2. भारत की एक प्रमुख जनजाति 3. नियत समय पर होते रहने वाले काम का किसी बार न होना; अंतराल; बीच 4. आसाम का एक पहाड़।

नागांग (सं.) [सं-पु.] हस्तिनापुर का एक नाम।

नागांगना (सं.) [सं-स्त्री.] हथिनी।

नागांजना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. नागयष्टि 2. हथिनी।

नागांतक (सं.) [सं-पु.] 1. गरुड़ 2. मोर 3. सिंह। [वि.] नागों का अंत या विनाश करने वाला।

नागाख्य (सं.) [सं-पु.] नागकेसर।

नागानंद (सं.) [सं-पु.] हर्षवर्धनकृत एक प्रसिद्ध संस्कृत नाटक।

नागारि (सं.) [सं-पु.] 1. गरुड़ 2. मोर 3. सिंह। [वि.] नागों का अंत या विनाश करने वाला।

नागार्जुन (सं.) [सं-पु.] 1. शून्यवाद (माध्यमिक संप्रदाय) के प्रवर्तक एवं माध्यमिक कारिका के रचयिता एक बौद्ध आचार्य 2. हिंदी के एक प्रगतिशील प्रसिद्ध कवि।

नागाशन (सं.) [सं-पु.] 1. गरुड़ 2. मोर 3. शेर; सिंह। [वि.] नागों का नाश करने वाला।

नागिन (सं.) [सं-स्त्री.] 1. नाग या साँप की मादा; साँपिन 2. पीठ या गरदन पर होने वाली एक लंबी रोमावली।

नागुला (सं.) [सं-पु.] नाकुली नामक वनस्पति जो औषधि के रूप में प्रयुक्त होती है।

नागेंद्र (सं.) [सं-पु.] 1. बड़ा साँप 2. शेष, वासुकि आदि प्रमुख नाग 3. ऐरावत; गजराज; महाकाय हाथी।

नागेश (सं.) [सं-पु.] 1. शेषनाग; फणींद्र; अहिराज 2. प्रसिद्ध संस्कृत वैयाकरण नागेश भट्ट 3. पतंजलि।

नागेश्वर (सं.) [सं-पु.] 1. शेषनाग 2. ऐरावत 3. वैद्यक में एक प्रकार का रसौषध; नागकेशर।

नागौर [सं-पु.] राजस्थान प्रांत के मारवाड़ क्षेत्र का एक नगर जहाँ के गाय और बैल प्रसिद्ध हैं।

नागौरा [वि.] 1. नागौर से संबंध रखने वाला 2. बढ़िया जाति का (चौपाया) 3. मज़बूत।

नागौरी [सं-स्त्री.] नागौर की गाय। [वि.] 1. स्थान विशेष के आधार पर जातिवाचक 2. नागौर का; नागौर संबंधी 3. अच्छी जाति या नस्ल का 4. मज़बूत।

नाच (सं.) [सं-पु.] 1. लय-ताल पर आधारित अंगविक्षेप या अंगों का संचालन; नृत्य; (डांस) 2. आनंदातिरेक में होने वाली उछल-कूद 3. क्रीड़ा; खेल 4. {ला-अ.} कामधंधा। [मु.] -दिखाना : अजीब आचरण करना; हँसी कराना। -नचाना : जैसा चाहना वैसा काम कराना; परेशान करना।

नाच-कूद [सं-स्त्री.] 1. नाचने और कूदने की क्रिया या भाव; उछल-कूद 2. अन्य की दृष्टि में तमाशे जैसा मनोरंजक और हास्यास्पद प्रतीत होने वाला कृत्य 3. अंततः निरर्थक सिद्ध हुआ उद्योग अथवा प्रयत्न।

नाचघर (सं.) [सं-पु.] वह स्थान जहाँ नृत्य या नाच होता हो; नृत्यशाला।

नाचना (सं.) [क्रि-अ.] 1. लय-ताल के अनुरूप अंग संचालन (नृत्य) करना 2. आनंदातिरेक में उछलना-कूदना 3. किसी वस्तु या पदार्थ का चक्राकार गतिमान होना 4. इधर-उधर आना-जाना या किसी प्रकार की गति में होना 5. किसी प्रकार के तीव्र मनोवेग के फलस्वरूप क्रोधावेश में विकट रूप से इधर-उधर होना 6. काँपना; थर्राना 7. ऐसे कृत्यों में संलग्न होना जिसका कोई सुखद परिणाम न हो; अनावश्यक दौड़-धूप करना। [मु.] सिर पर- : घेरना; बहुत पास आना। आँख के सामने- : प्रत्यक्ष के समान लगना।

नाचरंग [सं-पु.] 1. वह आयोजन या उत्सव जिसमें नाच-गाना हो 2. आमोद-प्रमोद।

नाचिकेत (सं.) [सं-पु.] 1. एक प्रसिद्ध ऋषि (नचिकेता) 2. अग्नि।

नाचीज़ (फ़ा.) [वि.] 1. जिसकी गिनती किसी में न हो 2. हीन; तुच्छ; अदना 3. रद्दी; निकम्मा।

नाज [सं-पु.] 1. अन्न; अनाज 2. खाद्य पदार्थ; खाद्य सामग्री।

नाज़ (फ़ा.) [सं-पु.] 1. गर्व; प्रशंसात्मक अभिमान 2. हाव-भाव; विलास चेष्टा 3. लाड़-प्यार 4. नख़रा; ठसक; चोचला। [मु.] -उठाना : चोचले सहना।

नाज़बरदार (फ़ा.) [वि.] नख़रे सहने वाला; आशिक।

नाज़बरदारी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] नख़रे सहना; चोचले सहना।

नाज़रीन (अ.) [सं-पु.] 1. नाज़िर्शन 2. दर्शक-गण।

नाज़ायज (फ़ा.) [वि.] 1. अनुचित; जो जायज़ न हो 2. जिसे कानूनी अधिकार प्राप्त न हो 3. अवैध।

नाज़िम (अ.) [सं-पु.] 1. न्यायालय या कचहरी आदि के किसी विभाग में कार्यरत लिपिकों आदि का प्रधान अधिकारी 2. मुसलमान शासन-व्यवस्था के अंतर्गत किसी प्रांत के पूर्ण प्रबंधन का दायित्व निर्वहन करने वाला अधिकारी 3. मंत्री; (सेक्रेटरी)।

नाज़िर (अ.) [वि.] 1. देखने वाला 2. दर्शक। [सं-पु.] 1. निरीक्षक 2. लिपिकों आदि का मुख्य अधिकारी।

नाज़िरीन (अ.) [सं-पु.] 1. (नाज़िर का बहुवचन) देखने वाले लोग; दर्शकगण 2. पढ़ने वाले लोग; पाठक-वर्ग।

नाज़िल (अ.) [वि.] 1. ऊपर से नीचे आने वाला; उतरने वाला 2. गुज़रने वाला 3. आया हुआ; उतरा हुआ।

नाजी1 (अ.) [वि.] मोक्ष प्राप्त करने वाला; मुक्ति पाने वाला; नजातयाफ़्ता; मुक्त।

नाजी2 (ज.) [सं-पु.] 1. जर्मनी का एक प्रसिद्ध राजनीतिक दल जिसका पराभव द्वितीय विश्वयुद्ध में हुआ 2. उक्त दल का सदस्य। [वि.] अत्यंत क्रूर।

नाज़ुक (फ़ा.) [वि.] 1. कोमल; सुकुमार; मृदु 2. जो जल्दी टूट जाए या नष्ट हो जाए; कमज़ोर 3. महीन; बारीक 4. {ला-अ.} मार्मिक; गूढ़; गंभीर।

नाज़ुकता (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नाज़ुक होने की अवस्था या भाव; सुकुमारता; कोमलता 2. गूढ़ और सूक्ष्म भाव।

नाज़ुक मिज़ाज (फ़ा.) [वि.] 1. बहुत कोमल प्रकृतिवाला 2. जो किसी बात से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाए 3. चिड़चिड़ा; तुनकमिज़ाज।

नाज़ुकी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नज़ाकत; सुकुमारता; कोमलता 2. उत्तमता; खूबी।

नाजेब (फ़ा.) [वि.] 1. जो सदृश न हों या एक दूसरे से भिन्न हों; बेमेल; भद्दा 2. जो श्लील न हो; अश्लील।

नाट (सं.) [सं-पु.] 1. नृत्य; नाच 2. नकल; स्वाँग 3. एक देश का नाम 4. नाट देश का निवासी 5. (संगीत) एक राग का नाम।

नाटक (सं.) [सं-पु.] 1. रंगमंच पर अभिनेताओं के हावभाव, वेश और परस्पर संवाद द्वारा घटनाओं का प्रदर्शन; अभिनय 2. वह ग्रंथ जिसमें कोई कथानक या चरित्र उक्त प्रकार दिखाया गया हो; दृश्य काव्य; (ड्रामा) 3. (संस्कृत) दृश्य काव्य या रूपक के दस भेदों में से एक 4. {ला-अ.} दिखावटी कार्य; बानावटी व्यवहार।

नाटककार (सं.) [सं-पु.] नाटक लिखने वाला या नाटक बनाने वाला व्यक्ति।

नाटकघर (सं.) [सं-पु.] वह स्थान