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वर्धा हिंदी शब्दकोश

संपादन - राम प्रकाश सक्सेना


हिंदी वर्णमाला का व्यंजन वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह द्वि-ओष्ठ्य, सघोष, अल्पप्राण नासिक्य है।

मँगता [सं-पु.] भिखारी; भिखमंगा; याचक; मंगन।

मँगनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वह वैवाहिक रस्म जिसमें वर-कन्या का संबंध पक्का और तय होता है; सगाई वाग्दान; वचन 2. माँगने की क्रिया 3. किसी को कुछ समय के लिए कोई वस्तु देना या किसी से कुछ समय के लिए कुछ माँग कर लेना 4. माँगी गई वस्तु।

मँगवाना [क्रि-स.] किसी दूसरे के हाथ से कोई वस्तु मँगाना; मँगाने का काम कराना।

मँगाना [क्रि-स.] 1. माँगने का काम दूसरे से कराना 2. किसी से कोई चीज़ लाने के लिए कहना।

मँगुरी [सं-स्त्री.] एक प्रकार की छोटी मछली।

मँगेतर [वि.] 1. वह जिसके साथ किसी की मँगनी हुई हो या विवाह होना निश्चित हुआ हो 2. वह युवक या युवती जिसकी मँगनी हो चुकी हो।

मँजना [क्रि-अ.] 1. माँजा जाना; साफ़ करना 2. परिष्कृत होना 3. {ला-अ.} अभ्यास करना; सीखना; दक्षता प्राप्त करना।

मँजाई [सं-स्त्री.] 1. माँजने की क्रिया या भाव 2. माँजने का पारिश्रमिक 3. परिमार्जन; घिसाई; रगड़ाई 4. शुद्धि।

मँजाना [क्रि-स.] 1. माँजने में प्रवृत्त करना; मँजवाना; स्वच्छ कराना 2. शुद्धिकरण कराना; परिष्कृत कराना 3. अभ्यास कराना; कुशल बनाना।

मँजीरा (सं.) [सं-पु.] संगीत में ताल देने की धातु की दो छोटी कटोरियाँ जिन्हें आपस में टकराकर बजाया जाता है।

मँझधार [सं-स्त्री.] 1. नदी या उसके प्रवाह का मध्य भाग 2. {ला-अ.} किसी काम का मध्य।

मँझला [वि.] 1. बिचला; बीच का; मध्यम; मध्य का 2. बड़े भाई से छोटा और छोटे भाई से बड़ा।

मँझार [क्रि.वि.] बीच में। [सं-स्त्री.] 1. मध्य; बीच 2. मँझधार।

मँझोला [वि.] बीच का; मध्य का; मँझला।

मँड़ई [सं-स्त्री.] फूस की बनी हुई कुटी; पर्णकुटी; झोपड़ी; मड़ैया।

मँडनी [सं-स्त्री.] 1. फ़सल के डंठल और अनाज को अलग करने की क्रिया या भाव; मँडाई 2. पके हुए और सूखे अनाज के पौधों को बैलों से रौंदवाना; दँवरी।

मँडराना (सं.) [क्रि-अ.] 1. पक्षियों तथा कीट-पतंगों का किसी चीज़ के चारों ओर घूमते हुए उड़ना 2. स्वार्थवश किसी के आसपास चक्कर लगाना या घूमना 3. मंडल या घेरा बनाकर छा जाना 4. उमड़ना; घुमड़ना; घिरना।

मँडवा [सं-पु.] 1. सरपट आदि से छाकर बनाया गया स्थान 2. मंडप; शामियाना 3. किसी मंडप के अंदर होने वाला तमाशा या खेल।

मँड़ुआ [सं-पु.] एक मोटा अनाज जिसकी रोटी आदि बनाई जाती है।

मँढ़ा [सं-पु.] 1. मंडप 2. प्रकोष्ठ; कमरा; कोठरी।

मँदरा [वि.] जिसका आकार छोटा हो; नाटा; ठिगना। [सं-पु.] एक प्रकार का वाद्य।

मंगन [सं-पु.] 1. माँगने की क्रिया या भाव 2. भीख माँगने वाला व्यक्ति; मँगता; याचक; भिक्षुक।

मंगल (सं.) [सं-पु.] 1. कल्याण; भलाई 2. सप्ताह का एक वार 3. सौर जगत का एक ग्रह 4. शुभ; आनंद; इच्छापूर्ति।

मंगलकरण (सं.) [सं-पु.] किसी कार्य या बात के आरंभ में सफलता के लिए की जाने वाली प्रार्थना।

मंगलकलश (सं.) [सं-पु.] मांगलिक या शुभ अवसरों पर पूजा आदि के स्थानों पर रखा जाने वाला पानी का घड़ा; मंगलघट।

मंगलकाम (सं.) [सं-पु.] मंगल या कल्याण चाहने वाला व्यक्ति; शुभचिंतक; हितैषी।

मंगलकामना (सं.) [सं-स्त्री.] हित या कल्याणकामना; शुभकामना; बधाई; दुआ।

मंगलकारक (सं.) [वि.] 1. मंगल करने वाला; शुभ 2. कल्याणकारी; भलाई करने वाला 3. आनंदप्रद।

मंगलकारी (सं.) [वि.] 1. मंगल करने वाला; सुखद; शुभ 2. कल्याणकारी; भलाई या हित करने वाला 3. आनंदप्रद।

मंगलकार्य (सं.) [सं-पु.] 1. भलाई या हित का कार्य; जनहित का कार्य 2. मंगलोत्सव।

मंगलगान (सं.) [सं-पु.] विवाह आदि शुभ अवसरों पर होने वाला गाना-बजाना।

मंगलगीत (सं.) [सं-पु.] विवाह और अन्य मंगल अवसरों पर गाए जाने वाले गीत; मंगलगान; उत्सवगीत।

मंगल ग्रह (सं.) [सं-पु.] पृथ्वी के सौरमंडल का मंगल नामक ग्रह; (मार्स)।

मंगलघट (सं.) [सं-पु.] मांगलिक या शुभ अवसरों पर पूजा आदि के स्थानों पर रखा जाने वाला पानी का घड़ा; मंगलकलश।

मंगलचिंतन (सं.) [सं-पु.] समाज हित में होने वाला विचार-विमर्श; कल्याणकामना।

मंगलच्छाय (सं.) [सं-पु.] पर्यावरण हितैषी वृक्ष; बरगद, पाकड़, नीम, पीपल आदि।

मंगलदायक (सं.) [वि.] 1. मंगल करने वाला; कल्याणकारी 2. आनंदप्रद।

मंगलद्वार (सं.) [सं-पु.] उत्सव-समारोहों आदि में बनाया जाने वाला द्वार या दरवाज़ा; महल या दुर्ग का मुख्य द्वार।

मंगलध्वनि (सं.) [सं-स्त्री.] मांगलिक अवसरों या उत्सव आदि में होने वाली ध्वनि; मंगलगीत।

मंगलना (सं.) [क्रि-स.] किसी शुभ अवसर पर अग्नि जलाना। [क्रि-अ.] प्रज्वलित होना; जलना।

मंगलपाठ (सं.) [सं-पु.] किसी कार्य से पहले मंगलकामना के लिए कहा जाने वाला पद्य; मंगलाचरण।

मंगलपाठक (सं.) [सं-पु.] 1. मंगलपाठ करने वाला व्यक्ति 2. राजाओं के दरबार में स्तुति करने वाला व्यक्ति; भाट; चारण; बंदीजन।

मंगलपाणि (सं.) [वि.] 1. जिसका हाथ शुभ हो 2. सहायता करने वाला (हाथ)।

मंगलप्रद (सं.) [वि.] 1. आनंद या सुख देने वाला 2. कल्याणकारी; मंगलकारी; शुभ।

मंगलप्रदा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हल्दी 2. शमी का वृक्ष।

मंगलभाषण (सं.) [सं-पु.] किसी अशुभ बात को शुभ रूप से कहने का ढंग।

मंगलभेरी (सं.) [सं-स्त्री.] मांगलिक अवसर या उत्सव आदि में बजाया जाने वाला ढोल।

मंगलमय (सं.) [वि.] 1. जिससे सब प्रकार का मंगल ही होता हो 2. मंगलरूप; कल्याणमय 3. ख़ुश; सुखी; सुखद।

मंगलवर्षा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उत्तम कार्यों से सुख और आनंद की प्राप्ति 2. धन-धान्य की प्राप्ति।

मंगलवाद्य (सं.) [सं-पु.] मांगलिक अवसरों पर बजाए जाने वाले वाद्य यंत्र, जैसे- शहनाई, ढोलक आदि।

मंगलवार (सं.) [सं-पु.] 1. सोमवार के ठीक बाद का दिन 2. सप्ताह के दूसरे दिन का नाम।

मंगलसूत्र (सं.) [सं-पु.] 1. स्त्रियों द्वारा गले में पहना जाने वाला एक आभूषण 2. धार्मिक भावना से कलाई पर बाँधा जाने वाला डोरा या धागा; कलावा।

मंगला [सं-स्त्री.] 1. गुणवान स्त्री 2. दूब; तुलसी 3. सुंदर स्त्री 4. दुर्गा और पार्वती नामक देवी। [वि.] जो मंगल के दिन जन्मी हो; मंगली।

मंगलांकुर (सं.) [सं-पु.] जौ के अंकुर, जो शुभ और मंगलदायक माने जाते हैं; ज्वारे।

मंगलाचरण (सं.) [सं-पु.] शुभ कार्य के प्रारंभ में ईश्वर से की गई स्तुति या प्रार्थना।

मंगलाचार (सं.) [सं-पु.] 1. किसी शुभ कार्य से पहले होने वाला मंगलगान; मंगलाचरण 2. शुभानुष्ठान 3. विवाहोत्सव।

मंगलायन (सं.) [सं-पु.] सुख-समृद्धि का मार्ग; सदाचार का मार्ग। [वि.] जो सुख-समृद्धि के मार्ग पर हो।

मंगलाष्टक (सं.) [सं-पु.] विवाह के अवसर पर वर-वधू के कल्याण के लिए होने वाला मंत्र पाठ।

मंगली (सं.) [वि.] 1. आनंदकारी; मंगलकारी 2. (ज्योतिष) जिसकी जन्मकुंडली के प्रथम, चौथे, आठवें या बारहवें स्थान में मंगल ग्रह हो 3. जिसका मंगलवार को जन्म हुआ हो; मंगला। [सं-स्त्री.] हल्दी।

मंगलीय (सं.) [वि.] 1. मंगलकारी; कल्याणकारक 2. भाग्यवान; शुभावह।

मंगलोत्सव (सं.) [सं-पु.] आनंद के अवसर पर मनाया जाने वाला उत्सव या समारोह; अनुष्ठान; मांगलिक कार्य; बधावा।

मंगल्य (सं.) [वि.] 1. कल्याणकारक; मंगलकारी 2. सुंदर 3. पवित्र। [सं-पु.] 1. पीपल, नारियल, बेल आदि वृक्ष 2. दही 3. चंदन 4. अनाज।

मंगल्या (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हल्दी 2. दूब।

मंगोल [सं-पु.] 1. मनुष्य की चार मूल जातियों में से एक जो मध्य एशिया, चीन, जापान आदि देशों में निवास करती है तथा जिसका रंग हलका पीला एवं नाक चपटी होती है 2. उक्त जाति का व्यक्ति।

मंच (सं.) [सं-पु.] 1. ऊँचा बना हुआ स्थान; चबूतरा 2. भाषण स्थल 3. रंगमंच 4. खाट; खटिया; मचिया।

मंचन (सं.) [सं-पु.] मंच पर अभिनय प्रस्तुत करना; मंच पर कोई नाटक खेलना।

मंचित (सं.) [वि.] 1. (नाटक) जो मंच पर अभिनीत हुआ हो ; जिसका मंचन हो चुका हो; मंच पर खेला हुआ 2. घटित 3. प्रस्तुत।

मंचीय (सं.) [वि.] 1. मंच संबंधी; मंचन के योग्य; रंगमंचीय 2. घटनापूर्ण; नाटकीय।

मंजन (सं.) [सं-पु.] दाँत साफ़ करने का चूर्ण; दंतमंजन।

मंजर (सं.) [सं-पु.] 1. मोती 2. तिलक वृक्ष 3. फूलों का गुच्छा।

मंज़र (अ.) [सं-पु.] देखने योग्य वस्तु या स्थान; दृश्यावली; दृश्य; नज़ारा।

मंजरित (सं.) [वि.] 1. जिसमें मंजरी लगी हो; मंजरियों से युक्त 2. पुष्पित।

मंजरी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. आम्र पुष्प; आम के बौर 2. नया कल्ला; कोंपल 3. तुलसी।

मंजरीक (सं.) [सं-पु.] 1. वह पौधा जिसपर मंजरीदार या गुच्छे में फूल लगते हो 2. तुलसी, बेंत, अशोक आदि।

मंजा (पं.) [सं-पु.] खाट; चारपाई; मंझा; मंजी।

मंजिमा (सं.) [सं-स्त्री.] सुंदर होने की अवस्था; सुंदरता; मनोहरता।

मंज़िल (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मुकाम; गंतव्य; पड़ाव; यात्रा में ठहरने का स्थान 2. मकान का खंड; तल; मरातिब 3. मकान; भवन 4. एक दिन का सफ़र 5. मकान का छत या दरजा।

मंज़िलत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. पद; ओहदा 2. सत्कार; आदर।

मंज़िला (अ.) [वि.] जिसमें अनेक तल या मंजिलें हों; तल्लेवाला।

मंजिष्ठा (सं.) [सं-स्त्री.] मंजीठ नामक पौधा और उसका फल।

मंजिष्ठाराग (सं.) [सं-पु.] 1. मंजीठ का रंग 2. {ला-अ.} मंजीठ के रंग की तरह पक्का और स्थायी प्रेम या अनुराग।

मंजीर (सं.) [सं-पु.] 1. नुपूर; घुँघरू 2. वह स्तंभ जिसपर मथानी का डंडा बँधा रहता है।

मंजु (सं.) [वि.] मनोहर; सुंदर।

मंजुगति (सं.) [वि.] मोहक चाल में चलने वाला; सुंदर गति वाला; मंजुगमन।

मंजुघोष (सं.) [वि.] मधुर ध्वनि में बोलने वाला; प्रिय बातें करने वाला; मधुरभाषी; मंजुभाषी; मिष्टभाषी। [सं-पु.] 1. एक बौद्ध आचार्य जो धर्म प्रचार के लिए चीन गए थे 2. तांत्रिकों के एक देवता का नाम।

मंजुभाषी (सं.) [वि.] मीठी और प्रिय बातें करने वाला; मधुरभाषी; मिष्टभाषी; मंजुघोष।

मंजुल (सं.) [वि.] 1. मनोहर; दर्शनीय; सुंदर; सजा हुआ 2. उपवनित; सुरम्य। [सं-पु.] 1. उपवन; कुंज 2. जलाशय का किनारा 3. (संगीत) कर्नाटकी शैली का एक राग।

मंजुस्वर (सं.) [वि.] मीठे स्वरवाला; जिसकी बोली मधुर और प्रिय हो।

मंज़ूर (अ.) [वि.] 1. जो मान लिया गया हो; पसंद; स्वीकार; स्वीकृत 2. देखा हुआ।

मंजूरी (अ.) [सं-स्त्री.] स्वीकृति; अनुमति।

मंजूषा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. छोटा पिटारा या डिब्बा 2. पिंजरा 3. मंजीठ।

मंडन (सं.) [सं-पु.] 1. तर्क या वाद-विवाद में किसी विचार या सिद्धांत की पुष्टि करना; पैरवी 2. किसी की शोभा बढ़ाने वाली वस्तु; आभूषण 3. शृंगार करना; सजाना। [वि.] शृंगार करने वाला; मंडित करने या सजाने वाला।

मंडप (सं.) [सं-पु.] 1. छाया हुआ वह स्थान जो चारों तरफ़ से खुला हो; वितान; चँदोवा; मँड़वा; शामियाना 2. किसी भवन आदि के ऊपर की गोल बनावट और उसके नीचे का स्थान।

मंडपी [सं-स्त्री.] 1. छोटा मंडप; मढ़ी 2. कुटी।

मंडल (सं.) [सं-पु.] 1. नगर खंड, क्षेत्र, जनपद आदि 2. गोलाई के आकार का घेरा 3. संस्था; समिति; समुदाय 4. (खगोलविज्ञान) कक्षा; ग्रहों का गतिपथ 5. चक्कर; परिधि।

मंडलवर्ती (सं.) [सं-पु.] मंडल का शासक; राजा।

मंडलाकार (सं.) [वि.] जो मंडल के आकार का हो; गोलाकार; गोला; चक्राकार।

मंडलाधिप (सं.) [सं-पु.] 1. साधुओं के मंडल या मठ का प्रधान साधु 2. किसी जनपद समूह का शासक 3. किसी मंडल का अधिपति; मंडलाधीश 4. राजा 5. मंडलेश्वर।

मंडलाधीश (सं.) [सं-पु.] मंडलेश्वर; मंडलाधिप।

मंडलित (सं.) [वि.] 1. जिसका मंडल बना हो; चक्र के आकार का 2. वर्तुलाकार या गोलाकार।

मंडली (सं.) [सं-स्त्री.] 1. समूह 2. झुंड; दल 3. गोष्ठी; सभा।

मंडलीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. मंडल या घेरा बनाना 2. कुंडली बनाना या मारना (साँप आदि का)।

मंडलेश (सं.) [सं-पु.] 1. मंडल का स्वामी; शासक; मंडलाधीश 2. राजा; नरेश।

मंडलेश्वर (सं.) [सं-पु.] 1. साधु समाज या किसी मठ में किसी समूह का मुखिया; मंडलाधीश; मठाधीश 2. किसी मंडल का शासक या अधिपति 3. किसी बड़े प्रदेश या जनपद का स्वामी; राजा।

मंडार [सं-पु.] 1. टोकरा; बड़ा झाबा; डलिया 2. गड्ढा 3. मँडारा।

मंडित (सं.) [वि.] 1. सजाया हुआ; विभूषित; शोभित 2. छाया हुआ; आच्छादित 3. भरा हुआ 4. युक्त।

मंडी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. थोक बिक्री का बाज़ार; बड़ा बाज़ार, जैसे- सब्ज़ी मंडी, फल मंडी आदि 2. हाट।

मंडुकपर्णी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. ब्राह्मी नामक वनस्पति 2. मंजिष्ठा; मजीठ।

मंडूक (सं.) [सं-पु.] 1. मेंढक 2. प्राचीन काल का एक प्रकार का बाजा 3. एक प्रकार का नृत्य 4. प्राचीन ऋषि 5. एक ताल 6. (कामशास्त्र) एक रतिबंध या आसन।

मंडूका [सं-स्त्री.] मंजिष्ठा; मजीठ।

मंडूकी (सं.) [सं-स्त्री.] मेंढकी।

मंतव्य (सं.) [सं-पु.] 1. मत; विचार 2. विचार के लिए दिया जाने वाला प्रस्ताव 3. संकल्प; निर्णय। [वि.] मानने योग्य; मान्य; माननीय।

मंत्र (सं.) [सं-पु.] 1. नीतिवाक्य; सूत्रवाक्य 2. स्तुति; प्रार्थना 3. मंत्रणा; सलाह 4. कार्यसिद्धि का गुर (मूलमंत्र) 5. ऐसे वैदिक वाक्य जिनके द्वारा यज्ञ आदि क्रिया करने का विधान हो; वेद का संहिता भाग।

मंत्रण (सं.) [सं-पु.] 1. मंत्रणा करने की क्रिया; विचार-विमर्श 2. सलाह करना; मशविरा करना; परामर्श।

मंत्रणा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. विचार-विमर्श के बाद का स्थिर मत; मंतव्य 2. बातचीत; मशविरा; परामर्श; विचार-विमर्श; सलाह।

मंत्रदृष्टा (सं.) [वि.] मंत्रों का अर्थ जानने और बताने वाला।

मंत्रभेद (सं.) [सं-पु.] मंत्रणा या गोपनीय बातचीत का भेद प्रकट कर दिया जाना।

मंत्रमुग्ध (सं.) [वि.] 1. मंत्र द्वारा वश में किया हुआ; वशीकृत; सम्मोहित 2. मोहित; आसक्त 3. जड़वत।

मंत्रश्रुति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वह मंत्रणा जिसका भेद खुल गया हो 2. दूसरे के द्वारा सुनी गई बातचीत।

मंत्रस्नान (सं.) [सं-पु.] वह मंत्र जो स्नान के बदले पढ़ा जाता है।

मंत्रहीन (सं.) [वि.] जिसमें मंत्र न हो; जो मंत्र न जानता हो; असंस्कृत।

मंत्रालय (सं.) [सं-पु.] 1. किसी मंत्री या उसके विभाग का कार्यालय 2. मंत्री और उसका विभाग; (मिनिस्टरी)।

मंत्रित (सं.) [वि.] 1. जिसे मंत्रणा या परामर्श दिया गया हो; जिसे मंत्र दिया गया हो 2. मंत्र द्वारा संस्कारित किया गया।

मंत्रित्व (सं.) [सं-पु.] 1. मंत्री का पद या प्रतिष्ठा 2. मंत्री का कार्य।

मंत्रिमंडल (सं.) [सं-पु.] मंत्रियों का समूह या वर्ग; (कैबिनेट)।

मंत्री (सं.) [सं-पु.] 1. आदेश और सलाह देने वाला राज्य का प्रमुख व्यक्ति 2. (मध्यकाल) परामर्शदाता; सचिव; राजा का प्रधान सलाहकार; अमात्य; वज़ीर; (मिनिस्टर)।

मंत्रोक्त (सं.) [वि.] मंत्र में उल्लेखित; मंत्र के अनुसार।

मंत्रोच्चार (सं.) [सं-पु.] मंत्र का उच्चारण करना; मंत्र पढ़ना।

मंथक (सं.) [सं-पु.] चँवर डुलाने पर होने वाली हवा। [वि.] मंथन करने वाला।

मंथन (सं.) [सं-पु.] 1. मथना; बिलोना 2. किसी समस्या या सिद्धांत के लिए किया जाने वाला गंभीर विचार-विमर्श; चिंतन 3. {ला-अ.} गूढ़ तत्व की छानबीन।

मंथर (सं.) [वि.] 1. धीमा; मंद; सुस्त 2. मंदबुद्धि; जड़माति 3. स्थूल; बड़ा या भारी 4. नीच, अधम।

मंथर गति (सं.) [सं-स्त्री.] धीमी गति; मंद गति; रुक-रुक कर चलना।

मंथरित (सं.) [वि.] मंद या धीमा किया हुआ; मंदित।

मंथरु (सं.) [सं-पु.] चँवर की मंद गति की हवा।

मंथान (सं.) [सं-पु.] 1. दही मथने की बड़ी मथानी 2. (पुराण) मंदर पर्वत 3. अमलतास।

मंथिनी (सं.) [सं-स्त्री.] दही मथने या बिलोने का मिट्टी का बड़ा और चौड़े मुँह का मटका; मटकी।

मंथी (सं.) [वि.] 1. मंथन करने वाला; मथने वाला; बिलोने वाला 2. कष्ट या दुख देने वाला; पीड़क। [सं-पु.] 1. मथा हुआ पदार्थ 2. सोमरस।

मंथ्य (सं.) [वि.] 1. मंथन करने योग्य; मंथनीय 2. विवेचनीय।

मंद1 (सं.) [वि.] 1. धीमा; सुस्त 2. हलका; थोड़ा; कम 4. बेवकूफ़; मूर्ख 5. दुष्ट; नीच 6. गंभीर।

मंद2 (फ़ा.) [परप्रत्य.] एक प्रकार का प्रत्यय जो कुछ शब्दों के अंत में जुड़कर 'रखने वाला' अर्थ देता है, जैसे- अक्लमंद, ख़्वाहिशमंद।

मंदक (सं.) [सं-पु.] परमाणु रिएक्टर के अंदर रखे गए ऐसे पदार्थ जिनमें से गुजरने पर तीव्रगामी न्यूट्रॉन मंद हो जाते हैं; मंद या धीमा करने वाला पदार्थ। [वि.] मंद बुद्धि; मूर्ख; बुद्धू; नासमझ।

मंदकांति (सं.) [वि.] 1. जिसकी कांति या चमक फ़ीकी पड़ गई हो; मुरझाया हुआ; मलिन 2. {ला-अ.} वैभवहीन।

मंदगति (सं.) [वि.] 1. धीमी चाल वाला; धीमा या मंद गति से चलने वाला; मंदवेग 2. {ला-अ.} जिसका विकास न हुआ हो, पिछड़ा।

मंदचेता (सं.) [वि.] मंदबुद्धि; जो समझदार न हो; कमअक्ल।

मंदन (सं.) [सं-पु.] धीमा या मंद करने की क्रिया; धीमा करना। [वि.] मंदबुद्धि; बेवकूफ़; मूर्ख।

मंदबुद्धि (सं.) [वि.] मूर्ख; अहमक; जिसकी बुद्धि मंद या हीन हो; मोटी अक्लवाला; अल्पबुद्धि।

मंदभाग्य (सं.) [वि.] जो भाग्यहीन हो; अभागा; बदनसीब।

मंदमति (सं.) [वि.] जो मानसिक रूप से कमज़ोर हो; मोटी अक्लवाला; मंदबुद्धि; कमदिमाग; हीनबुद्धि; मूर्ख।

मंदर (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) एक पर्वत जिससे देवताओं और असुरों ने समुद्र का मंथन किया था 2. पारिजात वृक्ष 3. स्वर्ग 4. मोतियों का हार 5. दर्पण, आईना 6. गंभीर आवाज़। [वि.] मंद; धीमा।

मंदराचल (सं.) [सं-पु.] (पुराण) एक पर्वत जिससे समुद्र मंथन किया गया था; मंदर पर्वत।

मंदराजी [सं-स्त्री.] भारी शरीर वाली भैंस की एक प्रजाति।

मंदविभव (सं.) [वि.] वैभवहीन; अकिंचन; दरिद्र।

मंदवीर्य (सं.) [वि.] शक्तिहीन; कमज़ोर; जिसमें उत्साह न हो।

मंदसमीर (सं.) [सं-पु.] मंद-मंद चलने वाली हवा; बयार; सुखद प्रतीत होने वाली वायु; मंदसमीरण।

मंदसमीरण (सं.) [सं-पु.] मंद-मंद चलने वाली पवन, बयार या हवा; सुखद प्रतीत होने वाली वायु; मंदसमीर।

मंदस्मित (सं.) [सं-पु.] हलकी हँसी; मुस्कान; मंदहास्य।

मंदा (सं.) [वि.] 1. कम मूल्य; सस्ता 2. मंद; धीमा 3. ढीला 4. ख़राब; घटिया 5. जिसकी माँग कम हो; नीचे भाव पर बिकने वाला 7. बुरा; ख़राब गुणवत्तावाला।

मंदाकिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मंद गति से बहने वाली धारा 2. (पुराण) गंगा की वह धारा जो स्वर्ग में बहती है; आकाशगंगा 3. एक वर्णवृत 4. संक्रांति का एक भेद।

मंदाक्रांत (सं.) [वि.] मंद गति से जाने वाला; धीरे-धीरे आगे बढ़ने वाला।

मंदाक्रांता (सं.) [सं-स्त्री.] (काव्यशास्त्र) सत्रह वर्णों का एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः मगण, भगण, नगण और तगण तथा अंत में दो गुरु होते हैं।

मंदाक्ष (सं.) [वि.] जिसकी आँखें संकुचित हों। [सं-पु.] लज्जा; शरम; हया।

मंदाग्नि (सं.) [सं-स्त्री.] एक प्रकार का रोग जिसमें रोगी की पाचन शक्ति मंद पर जाती है; अन्न न पचने का रोग; हाज़मे का बिगड़ जाना; बदहज़मी; अपच।

मंदार (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) स्वर्ग का एक वृक्ष 2. स्वर्ग 3. धतूरा 4. हाथी 5. मदार; आक।

मंदारक (सं.) [सं-पु.] 1. मदार; आक 2. (पुराण) स्वर्ग का एक वृक्ष।

मंदिमा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मंद होने की अवस्था; शिथिलता; धीमापन; सुस्ती 2. अल्पता; कमी; अभाव।

मंदिर (सं.) [सं-पु.] 1. वह स्थान जहाँ लोग पूजा के लिए जाते हैं; देवालय 2. स्थान 3. {अ-अ.} रहने का घर; मकान; निवास।

मंदी [सं-स्त्री.] 1. कीमत या भाव का कम होना 2. बिक्री का कम होना 3. 'तेज़ी' का विलोम; सस्ता।

मंदुरा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. घोडों के रहने और बाँधने का स्थान; अश्वशाला; घुड़साल 2. चटाई।

मंदोदरी (सं.) [वि.] 1. मंद उदरवाली 2. छोटे पेटवाली; छरहरी। [सं-पु.] (रामायण) रावण की पत्नी का नाम।

मंदोष्ण (सं.) [वि.] हलका या थोड़ा गरम; सुष्म; कवोष्ण; कुनकुना; गुनगुना।

मंद्र (सं.) [वि.] 1. धीमा; मंद 2. मनोहर; सुंदर 3. प्रसन्न 4. {ला‌-अ.} गहरा; गंभीर। [सं-पु.] 1. गंभीर ध्वनि 2. मृदंग 3. एक प्रकार का हाथी 4. (संगीत) तीन प्रकार के स्वरों में से एक जो धीमा या मंद होता है।

मंद्रध्वनि (सं.) [सं-स्त्री.] गरजने की आवाज़; गरजन; गंभीर ध्वनि।

मंशा (अ.) [सं-स्त्री.] 1. अभिप्राय; आशय 2. इच्छा; इरादा; चाह; अभिलाषा।

मंसूख (अ.) [वि.] जो रद्दकर दिया गया हो, रद्द किया हुआ; काटा हुआ।

मंसूबा (अ.‍) [सं-पु.] 1. विचार; इरादा 2. मंशा; सोच 3. कोई काम करने से पहले मन में सोची जाने वाली युक्ति 4. योजना।

मंसूर (अ.) [वि.] 1. विजयी 2. जिसे ईश्वरीय सहायता मिली हो।

मई (इं.) [सं-स्त्री.] ईसवी सन का पाँचवाँ महीना जो अप्रैल के उपरांत और जून से पहले आता है।

मकई [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार का पौधा; मक्का; भुट्टा 2. उक्त पौधे से प्राप्त दाने।

मकड़जाल [सं-पु.] 1. मकड़ी द्वारा बनाया गया जाला 2. जाल; जंजाल 3. {ला-अ.} किसी के द्वारा किया गया षड्यंत्र; साजिश; फ़रेब।

मकड़ा [सं-पु.] 1. नर मकड़ी; बड़ी मकड़ी 2. एक प्रकार की घास; खमकरा।

मकड़ी [सं-स्त्री.] एक प्रसिद्ध कीड़ा जो अपने मुँह से निकले लार से जाला बनाता है; (स्पाइडर)।

मकतब (अ.) [सं-पु.] 1. इस्लाम धर्म की शिक्षा-दीक्षा की पाठशाला 2. छोटे बच्चों का मदरसा या पाठशाला।

मकतल (अ.) [सं-पु.] कत्ल करने की जगह; कत्लगाह; वधस्थान।

मकतूल (अ.) [वि.] जो कत्ल कर डाला गया हो।

मकदूर (अ.) [सं-पु.] 1. सामर्थ्य; शक्ति; क्षमता; ताकत 2. वश 3. धन।

मकफ़ूल (अ.) [वि.] 1. जो रेहन या बंधक रखा हो; गिरवी 2. ज़मानत में दिया हुआ 3. ताले में बंद किया हुआ।

मकबरा (अ.‍) [सं-पु.] कब्र पर बनी हुई इमारत या गुंबद; स्मारक; रौज़ा; मज़ार।

मकबूज़ा (अ.) [वि.] कब्ज़ा किया हुआ; अधिकृत; अधीन।

मकबूल (अ.) [वि.] 1. पसंद होने लायक; बढ़िया; अच्छा 2. कबूल किया हुआ; स्वीकारा हुआ; माना हुआ 3. प्यारा; प्रिय।

मकर1 (सं.) [सं-पु.] घड़ियाल; मगरमच्छ 2. मछली 3. बारह राशियों में से दसवीं राशि 4. नौ निधियों में से एक।

मकर2 (फ़ा.) [सं-पु.] 1. धोखा; छल 2. नख़रा।

मकरंद (सं.) [सं-पु.] 1. पुष्प रस; फूलों का रस; पराग 2. शहद; मधु 3. फूलों का केसर 4. भ्रमर 5. कोयल 6. एक प्रकार का छंद 7. एक ताल।

मकरकुंडल (सं.) [सं-पु.] मकर या मछली के आकार का कानों में पहनने का आभूषण या कुंडल; मकराकृत कुंडल।

मकरकेतु (सं.) [सं-पु.] कामदेव; मदन।

मकरध्वज (सं.) [सं-पु.] 1. कामदेव 2. (रामायण) अहिरावण का द्वारपाल जो हनुमान के पसीने से उत्पन्न माना जाता है; मत्स्योदर 3. (आयुर्वेद) चंद्रोदय नामक एक प्रसिद्ध औषधि; रससिंदूर 4. लौंग।

मकर राशि (सं.) [सं-स्त्री.] बारह राशियों में से दसवीं राशि।

मकररेखा (सं.) [सं-स्त्री.] (भूगोल) एक रेखा जो दक्षिणी गोलार्द्ध में भूमध्य रेखा‎ के समानांतर 23 डिग्री 26' 22" पर स्थित है; ग्लोब पर पश्चिम से पूरब की ओर खींची गई काल्पनिक रेखा।

मकरवाहन (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) मगरमच्छ पर सवारी करने वाले देवता 2. देवता जिनका वाहन मकर है; वरुण।

मकरव्यूह (सं.) [सं-पु.] मकर के आकार में की गई सैनिकों की व्यूह-रचना।

मकरसंक्रांति (सं.) [सं-स्त्री.] वह समय जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है; माघ मास की संक्रांति जब सूर्य उत्तरायण होता है।

मकरांक (सं.) [सं-पु.] 1. कामदेव 2. समुद्र।

मकराकर (सं.) [सं-पु.] 1. समुद्र; सागर 2. मगरमच्छों का निवास स्थल; मकरालय।

मकराकृत (सं.) [वि.] 1. मगरमच्छ या मछली की आकृति का 2. जो मछली जैसी आकृति का हो, जैसे- मकराकृत कुंडल।

मकरालय (सं.) [सं-पु.] समुद्र।

मकरूह (अ.) [वि.] 1. ख़राब; गंदा; बहुत दूषित; बुरा; घृणित; अपवित्र 2. नाजायज़; अवैध (काम)।

मकसद (अ.) [सं-पु.] 1. उद्देश्य; इरादा 2. मनोरथ; कामना 3. अभिप्राय; मतलब; अभीष्ट।

मकसूद (अ.) [सं-पु.] उद्देश्य; मतलब। [वि.] अभिप्रेत; इच्छित; उद्दिष्ट।

मकसूम (अ.) [सं-पु.] भाग्य; किस्मत; तकदीर [वि.] बाँटा हुआ; विभक्त; तकसीम किया हुआ।

मकान (अ.‍) [सं-पु.] घर; आवास; भवन; गृह; निवास स्थल।

मकान भाड़ा (अ.) [सं-पु.] वह रकम जो मकान इस्तेमाल करने के बदले दी जाए; मकान का किराया।

मकाम (अ.) [सं-पु.] 1. ठहरने का स्थान या जगह 2. स्थान; जगह 3. पड़ाव 4. ठहराव 5. घर; वासस्थल 6. भूमिका।

मकामी (अ.) [वि.] ठहरा हुआ; स्थिर।

मकुना (सं.) [सं-पु.] 1. बिना दाँत वाला छोटा नर हाथी 2. बिना मूँछों का पुरुष; वह जिसके अभी मूँछें न उगी हो। [वि.] कम ऊँचाई का; छोटा; नाटा।

मकुनी [सं-स्त्री.] 1. आटे की लोई में बेसन भरकर बनाई गई बाटी 2. पीठी भरी हुई कचौरी 3. बेसन की रोटी; मटर के आटे की रोटी।

मकुर (सं.) [सं-पु.] 1. वह डंडा जिससे कुम्हार चाक चलाता है 2. मौलसिरी; बकुल 3. दर्पण; शीशा; आईना; मुकुर 4. फूल की कली।

मकूला (अ.) [सं-पु.] 1. कहावत; उक्ति; मसला 2. वचन; कौल।

मकोड़ा [सं-पु.] 1. चींटी की तरह का कीट; चींटा 2. छोटा कीड़ा (कीड़ा के साथ प्रयुक्त), जैसे- कीड़ा-मकोड़ा।

मकोय [सं-स्त्री.] 1. एक पौधा जिसके फल और पत्ते औषधि के काम आते हैं; गुच्छफला; काकमाची या भटकोइंया 2. मकोई।

मक्का1 [सं-पु.] एक प्रसिद्ध खाद्यान्न, मकई।

मक्का2 (अ.) [सं-पु.] सऊदी अरब का एक प्रसिद्ध नगर जो मुसलमानों का सबसे बड़ा तीर्थस्थल है; मुहम्मद साहब का जन्म स्थान।

मक्कार (अ.) [वि.] धोखा देने वाला; छली; मक्र करने वाला; फ़रेबी।

मक्कारी (अ.) [सं-स्त्री.] छल; फ़रेब; धोखा; कुचाल; वह काम जो किसी को धोखे में डालकर कोई स्वार्थ साधने के लिए किया जाए; छल या धूर्ततापूर्ण कार्य; चालाकी; धेाखेबाज़ी।

मक्खन (सं.) [सं-पु.] दही के रूप जमाए हुए दूध को मथकर निकाला गया पदार्थ; नवनीत; क्षीरज; (बटर)। [मु.] -लगाना : चापलूसी करना।

मक्खनबाज़ (हिं.+फ़ा.) [वि.] चापलूसी करने वाला; ख़ुशामद करने वाला; आगे-पीछे लगा रहने वाला; हाँ में हाँ मिलाने वाला।

मक्खनबाज़ी (हिं.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] किसी की ख़ुशामद करने की क्रिया; चापलूसी; चाटुकारिता; जी-हुज़ूरी।

मक्खनी [वि.] मक्खन से बना हुआ; चिकना; घी-तेल या चिकनाईयुक्त।

मक्खी [सं-स्त्री.] 1. घरों और आसपास के स्थानों पर पाया जाने वाला एक पंखदार कीट; घरेलू मक्खी 2. फूलों के पराग से शहद बनाने वाली मधु मक्खी; मक्षिका। [मु.] जीती मक्खी निगलना : जान-बूझकर ऐसा काम करना जिससे बाद में हानि हो। मक्खी की तरह निकाल फेंकना : निकृष्ट या त्याज्य समझकर अलग कर देना।

मक्खीचूस [वि.] बहुत कंजूस; कृपण; जो ज़रूरत पड़ने पर भी धन का भोग या व्यय न करे और न ही किसी को दे।

मक्षिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मधुमक्खी 2. मक्खी।

मख (सं.) [सं-पु.] यज्ञ; प्राचीन भारतीय आर्यों का एक धार्मिक कृत्य जिसमें हवन आदि होते थे।

मख़ज़न (अ.) [सं-पु.] 1. जमा करने का स्थान 2. खज़ाना; कोष 3. शब्दों का बड़ा संग्रह; शब्दकोश 4. गोला-बारूद का भंडार।

मखतूल (सं.) [सं-पु.] काला रेशम।

मख़दूम (अ.) [वि.] 1. सेवा या ख़िदमत के योग्य 2. पूज्य; पूजनीय 2. जिसकी सेवा की गई हो 3. स्वामी; मालिक 4. मान्य 5. मुस्लिम धर्माधिकारी।

मख़दूमी (अ.) [सं-पु.] (संबोधन में प्रयुक्त) पूज्य; सेव्य।

मखनिया [सं-पु.] मक्खन बनाने वाला या बेचने वाला व्यक्ति। [वि.] मक्खन निकाला हुआ; मक्खन संबंधी।

मख़मल (अ.) [सं-पु.] एक प्रकार का कपड़ा जिसकी ऊपरी परत बहुत ही मुलायम और कोमल होती है।

मख़मली (अ.) [वि.] मख़मल का बना हुआ; मख़मल सा कोमल और चमकदार।

मख़मसा (अ.) [सं-पु.] 1. झगड़ा; झमेला; विवाद 2. विकट समस्या 3. भय; डर।

मख़मूर (अ.) [वि.] नशे में चूर; मदिरोन्मत; मतवाला; मदमस्त।

मख़रज (अ.) [सं-पु.] 1. स्रोत 2. उद्गम या मूल स्थान 3. शब्द की व्युत्पत्ति 4. निकलने का रास्ता 5. मुखेंद्रिय; मुख।

मख़लूक (अ.) [वि.] रचा या बनाया हुआ। [सं-स्त्री.] जीव-समष्टि; सृष्टि; दुनिया; जगत; जीव-जंतु।

मख़सूस (अ.) [वि.] 1. किसी कार्य विशेष के लिए अलग किया हुआ 2. विशिष्ट; ख़ास 3. प्रमुख; प्रधान।

मखाना [सं-पु.] एक पौधा जिसके बीज के अंदर का सफ़ेद हिस्सा खाने में उपयोग होता है; एक प्रसिद्ध मेवा; तालमखाना।

मखान्न (सं.) [सं-पु.] 1. तालमखाना 2. यज्ञान्न।

मखौल [सं-पु.] उपहास; खिल्ली; निंदा; व्यंग्य।

मखौलिया [वि.] 1. मखौल उड़ाने वाला; विनोदप्रिय; दिल्लगीबाज़; हँसोंड़ 2. मखौल के रूप में होने वाला।

मग [सं-पु.] 1. मगध का निवासी 2. पीपल 3. मगह देश; मगध 4. शाक द्वीप का भाग।

मगज़ (फ़ा.) [सं-पु.] 1. दिमाग; मस्तिष्क; सिर 2. गिरी; मींगी। [मु.] -खाना या चाटना : बेकार की बकवास करके तंग करना।

मगण (सं.) [सं-पु.] (छंदशास्त्र) तीन गुरु वर्णों का एक गण, जैसे- जामाता।

मगध (सं.) [सं-पु.] 1. बिहार राज्य का प्राचीन नाम 2. बंदीजन; भाट 3. मगध निवासी; मागध।

मगन (सं.) [वि.] 1. डूबा हुआ; मग्न 2. {ला-अ.} बहुत अधिक आनंदित या प्रसन्न; मस्त।

मगर1 (सं.) [सं-पु.] 1. घड़ियाल 2. मछली 3. नेपाल देश की एक जाति।

मगर2 (फ़ा.) [अव्य.] 1. लेकिन; पर 2. किसी प्रकार भी।

मगरमच्छ [सं-पु.] विशालकाय मांसाहारी जलचर प्राणी; घड़ियाल; मगर।

मगरिब (अ.) [सं-पु.] पश्चिम दिशा; सूरज डूबने की दिशा।

मगरिबी (अ.) [वि.] मगरिब या पश्चिम का; पाश्चात्य; पश्चिमी।

मगरूर (अ.) [वि.] जिसे गरूर हो; गरूरवाला; घमंडी; अभिमानी।

मगलूब (अ.) [वि.] 1. दबाया हुआ; दबा 2. पराजित; परास्त।

मगसिर [सं-पु.] मार्गशीर्ष माह; अगहन।

मगही [वि.] 1. मगध देश का; मगध संबंधी 2. मगध या बिहार में उत्पन्न होने वाला। [सं-पु.] मगध या बिहार क्षेत्र में पैदा होने वाले पान की एक बढ़िया किस्म।

मग्न (सं.) [वि.] 1. डुबा हुआ, जैसे- जलमग्न, शोकमग्न 2. {ला-अ.} किसी कार्य में तल्लीन 3. प्रसन्न; आनंदित।

मघा (सं.) [सं-पु.] सत्ताईस नक्षत्रों में से दसवाँ नक्षत्र।

मचक [सं-स्त्री.] मचकने की क्रिया या भाव; लचक; दाब; दबक।

मचकना [क्रि-अ.] लकड़ी या चमड़े आदि के सामान का दबकर या हिलकर 'मच-मच' करना; लचकना; चरमराना। [क्रि-स.] किसी वस्तु को दबाकर 'मचमच' की आवाज़ करना।

मचका [सं-पु.] 1. धक्का; लचका; दबक 2. पेंग; झोंटा; झूले की पेंग।

मचना [क्रि-अ.] 1. फैलना; छा जाना; व्यापना 2. आरंभ होना, जैसे- आपाधापी मचना 3. हलचल होना, जैसे- शोर मचना 4. ज़ोर-शोर से शुरू होना, जैसे- उत्सव की धूम मची है।

मचमच [सं-स्त्री.] 1. किसी वस्तु के दबने या दबाए जाने पर होने वाला शब्द 2. लपलपाहट।

मचमचाना [क्रि-अ.] 1. इस प्रकार दबना या दबाना कि मचमच शब्द होने लगे; लचकना 2. कामवासना से उत्तेजित होना; कामातुर होना।

मचमचाहट [सं-स्त्री.] 1. खलबली; उतावली 2. लपलपाहट 3. कामोत्तेजना का आवेग।

मचलना [क्रि-अ.] 1. किसी वस्तु के पाने या न देने की जिद पकड़ लेना; आतुर होना; हठ करना; ठिनकना 2. {ला-अ.} उफनना; भड़कना।

मचला [सं-पु.] बाँस की बनी डिबिया। [वि.] 1. हठी; मचलने वाला 2. जान-बूझकर अनजान बनने वाला।

मचलाना [क्रि-स.] 1. मचलने के लिए प्रवृत्त करना 2. किसी वस्तु की प्राप्ति के लिए ललचाना 3. उफनाना 4. रुलाना। [क्रि-अ.] उलटी या मतली मालूम होना।

मचान (सं.) [सं-स्त्री.] लट्ठे या बाँस आदि के फट्ठे बाँधकर बनाया हुआ ऊँचा स्थान जिसपर बैठकर शिकार या खेत की रखवाली करते हैं; मंच।

मचाना [क्रि-स.] 1. आरंभ करना; जारी करना, जैसे- शोर मचाना 2. साधक होना 3. चारों ओर फैलाना।

मचामच [सं-स्त्री.] मचक। [वि.] कसकर या ठँसकर भरा हुआ।

मचिया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. छोटी चारपाई 2. बैठने की पीढ़ी।

मच्छ (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़ी मछली; मत्स्य 2. (काव्यशास्त्र) दोहे का एक भेद जिसमें सात गुरु और चौंतीस लघु मात्राएँ होती है।

मच्छर (सं.) [सं-पु.] एक प्रसिद्ध उड़ने वाला छोटा कीट जिसकी मादा मनुष्य-पशुओं के शरीर पर बैठकर ख़ून चूसती है; मलेरिया डेंगू आदि रोग फैलाने वाले कीट।

मच्छरदानी [सं-स्त्री.] मच्छरों आदि से बचने के लिए पलंग या चारपाई पर लगाया जाने वाला जालीदार परदा; मसहरी।

मछली (सं.) [सं-स्त्री.] एक जलजंतु जिसकी छोटी-बड़ी अनेक जातियाँ होती हैं तथा जो फेफड़े से साँस न लेकर गलफड़े से साँस लेती हैं; मत्स्य; मीन।

मछुआ [सं-पु.] मछलियों को पकड़कर तथा बेचकर जीविका अर्जित करने वाला व्यक्ति; मल्लाह; माहीगीर; मछुआरा; धीवर।

मछुआरिन [सं-स्त्री.] मछुआ या मल्लाह समाज की स्त्री।

मज़कूर (अ.) [वि.] जिसका ज़िक्र किया गया हो; कहा हुआ; कथित; उक्त। [सं-पु.] 1. लिखित विवरण 2. चर्चा; ज़िक्र।

मज़कूरा (अ.) [वि.] कहा हुआ; कथित; उक्त।

मज़कूरी (फ़ा.) [सं-पु.] सम्मन तामील करने वाला कर्मचारी या चपरासी।

मजज़ूब (अ.) [वि.] 1. जो जज़्ब हो गया हो; जो सोख लिया गया हो 2. किसी विषय में डूबा हुआ; तल्लीन; तन्मय। [सं-पु.] वह संत या फ़कीर जो ब्रह्म में लीन हो।

मज़दूर (फ़ा.) [सं-पु.] 1. शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला व्यक्ति; श्रमिक 2. कल-कारख़ाने में काम करने वाला व्यक्ति 3. उजरत पर काम करने वाला व्यक्ति।

मज़दूर वर्ग (फ़ा.+सं.) [सं-पु.] श्रमिक वर्ग; कामगारों का वर्ग।

मज़दूर संघ (फ़ा.+सं.) [सं-पु.] मज़दूरों का संगठन; श्रमिक संगठन; (ट्रेड यूनियन)।

मज़दूरी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मज़दूर का काम 2. मज़दूर को काम के बदले दिया जाने वाला पारिश्रमिक; उजरत 3. ढुलाई आदि का काम; कुलीगिरी।

मजनूँ (अ.) [सं-पु.] लैला-मजनूँ नामक प्रसिद्ध लोककथा का नायक। [वि.] 1. किसी पर मरने वाला; आशिक; प्रेमी 2. पागल; बावला; सिड़ी 3. दुबला-पतला (व्यक्ति)।

मज़बह (अ.) [सं-पु.] ज़बह या कत्ल करने की जगह; मकतल; वधस्थल।

मज़बूत (अ.) [वि.] 1. अखंडनीय; अटूट; दृढ़; पुष्ट; पक्का; टिकाऊ 2. प्रबल; बलवान; शक्तिशाली।

मज़बूती (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मज़बूत होने का भाव; दृढ़ता; सबलता 2. टिकाऊपन; पक्कापन 3. ताकत; शक्ति; साहस; बल; हिम्मत।

मज़बूर (अ.) [वि.] विवश; लाचार; जिसपर ज़ब्र किया गया हो; निःसहाय।

मज़बूरन (अ.) [अव्य.] मजबूर होकर; विवश होकर; विवशतावश; लाचारी से।

मज़बूरी (अ.) [सं-स्त्री.] विवशता; लाचारी।

मजमा (अ.) [सं-पु.] भीड़भाड़; जमघट; तमाशबीनों का जमाव।

मजमूआ (अ.) [सं-पु.] 1. संग्रह; जोड़ 2. बहुत-सी चीज़ों का समूह; ढेर; राशि। [वि.] एकत्र किया हुआ; ज़मा किया हुआ; संगृहीत।

मजमूई (अ.) [वि.] 1. कुल; सब 2. इकट्ठा किया हुआ; एक में मिलाया हुआ; सामूहिक।

मज़मून (अ.) [सं-पु.] 1. वह विषय जिसपर कुछ कहा या लिखा जाए 2. लेख; निबंध; पाठ।

मज़मून नवीस (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] लेख लिखने वाला; निबंधकार; लेखक।

मज़मून निगार (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] दे. मज़मून नवीस।

मज़मूम (अ.) [वि.] 1. जिसकी मज़म्मत या निंदा की गई हो; बुरा; निंदित; ख़राब 2. नीच; अश्लील 3. संबद्ध; मिलाया हुआ।

मजमेबाज़ (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. मजमा लगाने वाला; तमाशाई 2. कलंदर; तमाशेबाज़।

मज़म्मत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. निंदा; बुराई; भर्त्सना 2. निंदात्मक लेख या कविता।

मज़रूअ (अ.) [वि.] जोता-बोया हुआ। [सं-पु.] वह खेत जो जोता-बोया गया हो।

मज़रूब (अ.) [वि.] पीटा हुआ; जिसपर ज़रब या चोट लगाई गई हो; जिसपर आघात किया गया हो। [सं-पु.] (गणित) वह संख्या जिसका गुणा किया जाए।

मज़रूह (अ.) [वि.] 1. जिसे घाव हुआ हो; घायल; आहत; चोट खाया हुआ; ज़ख्मी 2. {ला-अ.} प्रेम या विरह में व्याकुल।

मजलिस (अ.) [सं-स्त्री.] 1. सभास्थल 2. सभा 3. महफ़िल; जलसा; अधिवेशन; उर्स।

मजलिसी (अ.) [वि.] 1. मजलिस या सभा संबंधी; मजलिस का 2. मजलिस में जाने वाला; मजलिस करने वाला। [सं-पु.] 1. सभा में शामिल होने वाला व्यक्ति 2. मजलिस में आमंत्रित किया गया व्यक्ति 3. सभ्य।

मज़लूम (अ.) [वि.] जिसपर ज़ुल्म किया गया हो, पीड़ित; त्रस्त, सताया हुआ।

मज़हब (अ.) [सं-पु.] 1. धर्म 2. पंथ; दीन; संप्रदाय 3. रास्ता।

मज़हबी (अ.) [वि.] 1. धर्म विशेष से संबंध रखने वाला; धार्मिक; धर्म संबंधी 2. सांप्रदायिक।

मज़ा (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. स्वाद; लुत्फ़; ज़ायका 2. आनंद; सुख 3. हँसी; दिल्लगी 4. चस्का 5. तमाशा।

मज़ाक (अ.) [सं-पु.] परिहास; हँसी; दिल्लगी; उपहास; ठट्टा।

मज़ाकन (अ.) [अव्य.] मज़ाक या परिहास के रूप में; मज़ाक में; हँसी में; हँसी के तौर पर।

मज़ाकपसंद (अ.) [वि.] जो ख़ूब मज़ाक करता हो; हँसोड़; विनोदप्रिय।

मज़ाकिया (अ.) [वि.] 1. मज़ाक संबंधी 2. हँसोड़; परिहासप्रिय; विनोदी।

मजाज़ (अ.) [सं-पु.] नियमानुसार मिला हुआ अधिकार या सामर्थ्य। [वि.] 1. अधिकारप्राप्त 2. अवास्तविक; कल्पित; बनावटी; लौकिक।

मजाज़न (अ.) [अव्य.] 1. कानून, नियम या विधि आदि के अनुसार; आधिकारिक रूप से; नियमानुसार 2. काल्पनिक रूप से; मानकर 3. लक्षणा से।

मजाज़ी (अ.) [वि.] 1. कल्पित; अवास्तविक 2. कृत्रिम; नकली; बनावटी 3. संसार या लोक संबंधी; लौकिक; सांसारिक।

मजाज़े-समाअत (अ.) [वि.] 1. जिसे विचार करने या सुनने का अधिकार हो 2. नियमानुसार समर्थ।

मज़ार (अ.) [सं-पु.] 1. वह स्थान जहाँ लोग ज़ियारत या दर्शन करने जाते हैं; दरगाह; समाधिस्थल 2. कब्र।

मजाल (अ.) [सं-स्त्री.] हिम्मत; साहस; योग्यता; क्षमता; सामर्थ्य; शक्ति।

मजिस्ट्रेट (इं.) [सं-पु.] 1. जज; न्यायाधीश; दंडाधिकारी; दंडनायक; फ़ौजदारी अदालत का अफ़सर 2. मुकदमे सुनने तथा शासन-प्रबंध का काम करने वाला व्यक्ति।

मजीठ (सं.) [सं-स्त्री.] एक लता जिसकी जड़ों और डंठलों को उबालकर उससे लाल रंग निकाला जाता है।

मजीठी [वि.] 1. मजीठ के रंग का 2. गहरा लाल या सुर्ख़। [सं-पु.] मजीठ का रंग।

मजीद (अ.) [वि.] 1. पवित्र; पूज्य 2. बड़ा।

मज़ीद (अ.) [सं-पु.] 1. अधिकता 2. ज़्यादती। [वि.] 1. अधिक; ज़्यादा; अतिरिक्त 2. बढ़ाया हुआ; जिसमें अधिकता की गई हो।

मजीरा [सं-पु.] दे. मँजीरा।

मजूमदार [सं-पु.] बंगाली समाज में एक कुलनाम या सरनेम।

मजूरी [सं-स्त्री.] मज़दूरी; मेहनत; दिहाड़ी।

मजेजवंत [वि.] 1. ऊँचे दिमाग या स्वभाववाला; अभिमानी 2. अहंकारी; घमंडी।

मजेठी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. चरखे में दोनों डंडों को जोड़कर रखने वाली लकड़ी 2. चरखे की डोरी 3. जोत; माल।

मज़ेदार (फ़ा.) [वि.] 1. ज़ायकेदार; स्वादिष्ट; लज्ज़तदार 2. बढ़िया; सुखदायी; जिसमें आनंद आता हो 3. दिलचस्प; रोचक; मनोरंजक।

मज़ेदारी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मज़ेदार होने की अवस्था या भाव; मज़ा; आनंद 2. मज़ेदार बात।

मज्जन (सं.) [सं-पु.] 1. स्नान; नहाना 2. डुबकी; गोता 3. {ला-अ.} अनुरक्त होना।

मज्जा (सं.) [सं-स्त्री.] (जीवविज्ञान) हड्डी के अंदर का सार तत्व; अस्थिमज्जा; (बोनमैरो)।

मझधार [सं-स्त्री.] दे. मँझधार।

मझला (सं.) [वि.] दे. मँझला।

मझोला [वि.] दे. मँझोला।

मटक (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मटकने की क्रिया या भाव; लचक; इठलाहट 2. नखरे का भाव 3. गति; चाल।

मटकना (सं.) [क्रि-अ.] 1. लय के साथ अंगों का हिलना; नाचना 2. इठलाना; इतराना; नाज़-नख़रे दिखाना।

मटका [सं-पु.] पानी भरने के लिए मिट्टी का बना एक बरतन; घड़ा; मंथनपात्र; माट।

मटकाना [क्रि-स.] 1. नख़रे की अदा से हिलाना 2. किसी अंग में मटक लाना, जैसे- कमर मटकाना, आँखें मटकाना 3. भाव विशेष के साथ आँखें या हाथ आदि नचाना।

मटकी [सं-स्त्री.] 1. छोटा मटका या घड़ा 2. मटकने की क्रिया या भाव; मटक।

मटकीला [वि.] 1. मटकने वाला 2. जिसमें किसी तरह की मटक या लचक हो 2. नख़रीला।

मटन (इं.) [सं-पु.] भेड़ या बकरी का मांस।

मटमैला [वि.] मिट्टी आदि के रंग का; ख़ाकी; धूसर।

मटर [सं-पु.] 1. एक प्रकार का पौधा और उसकी फली से निकलने वाले दाने, जिससे सब्ज़ी बनती है 2. एक प्रकार की दाल।

मटरगश्त [सं-पु.] सैर-सपाटा; धीरे-धीरे घूमना; निश्चिंत होकर व्यर्थ में इधर-उधर घूमना; आवारा फिरना।

मटरगश्ती [सं-स्त्री.] 1. मटरगश्त होने की अवस्था या भाव; व्यर्थ में इधर-उधर घूमने की क्रिया या भाव; आवारा होकर घूमना-फिरना 2. विचरण; सैर-सपाटा।

मटियाना [क्रि-स.] 1. मिट्टी लगाना; मिट्टी से माँजना; मिट्टी से युक्त करना 2. मिट्टी से धोना (हाथ, बरतन आदि)।

मटियामेट [वि.] 1. मिट्टी में मिला हुआ 2. नष्ट; बरबाद 3. धूल-धूसरित।

मटियाला [वि.] मिट्टी से युक्त; मटमैला; कीचड़दार; धूलमय।

मट्ठर [वि.] 1. कामकाज करने में सुस्त 2. धीरे-धीरे चलने वाला; मंद; धीमा 3. आलसी; कामचोर 4. लस्त-पस्त।

मट्ठा [सं-पु.] मक्खन निकला दही; छाँछ; मही।

मठ (सं.) [सं-पु.] 1. साधु-संन्यासियों के रहने का स्थान; अखाड़ा; आश्रम 2. उपासनालय; देवालय।

मठरना [सं-पु.] धातु के पत्तर को पीटने का सुनारों और कसेरों का एक औज़ार। [क्रि-अ.] 1. धातु की चद्दर या पत्तर को पीटना; धातु पत्तरों को गोलाई में लाना 2. फ़ालतू घूमना-फिरना; विचरना।

मठरी [सं-स्त्री.] घी आदि में तली हुई मैदे की छोटी बूँदी या टिकिया; एक प्रकार का नमकीन या मीठा खाद्य पदार्थ।

मठाधीश (सं.) [सं-पु.] 1. मठ में रहने वाले साधुओं का प्रधान; पीठाधीश; धर्माध्यक्ष; आचार्य; कुलगुरु; मठ का महंत 2. (व्यंग्य) किसी संस्था या संगठन का प्रधान व्यक्ति।

मठिया [सं-स्त्री.] 1. छोटा मठ 2. एक प्रकार की चूड़ी।

मठोर [सं-स्त्री.] 1. दही मथने और रखने की मटकी या घड़ा; मंथनपात्र 2. नील पकाने का पात्र।

मड़क [सं-स्त्री.] 1. शीघ्र समझ में न आने वाली बात 2. किसी बात के अंदर छिपा कारण या हेतु; भेद; रहस्य; आंतरिक सूक्ष्म आशय।

मड़ैया [सं-स्त्री.] छप्पर; छोटी झोंपड़ी; कुटी; पलानी; मँड़ई।

मढ़ना (सं.) [क्रि-स.] 1. चारों ओर लपेटना; चिपकाना; लगाना; जड़ना 2. कोई कार्य या बात बलपूर्वक किसी के ज़िम्मे लगाना 3. ढोलक आदि बाजे के मुँह पर चमड़ा लगाना 4. चित्र आदि पर चौखट जड़ना 5. किसी के सिर पर काम या दोष थोपना। [क्रि-अ.] 1. अस्तित्व में आना; वर्तमान होना 2. आरंभ होना 3. मचना।

मढ़ा [सं-पु.] 1. मिट्टी का बना छोटा घर 2. मंडप 3. घेरा।

मढ़ाई [सं-स्त्री.] 1. मढ़ने की क्रिया या भाव 2. मढ़ने की मज़दूरी।

मढ़ी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. छोटा-सा मठ 2. छोटा मंदिर या देवालय 3. साधु या संन्यासी की समाधि स्थल के समीप बनी हुई कुटिया; झोपड़ी 4. छोटा घर 5. छोटा मंडप।

मणक (सं.) [सं-पु.] एक प्रकार का बहुमूल्य रत्न।

मणि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बहुमूल्य पत्थर 2. मोती; जवाहिर; रत्न 3. लिंग या योनि का अग्रभाग 4. घड़ा 5. कलाई।

मणिक (सं.) [सं-पु.] 1. मिट्टी का घड़ा 2. आँख का लेंस 3. योनि का अग्रभाग 3. स्फटिक निर्मित महल।

मणिकंठ (सं.) [सं-पु.] नीलकंठ पक्षी।

मणिकर्णिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मणियों से जड़ा हुआ कान में पहनने का आभूषण; मणिमय; कर्णाभूषण 2. वाराणसी या काशी का एक प्रसिद्ध घाट।

मणिकांचन (सं.) [वि.] मणि और सुवर्ण का मेल; रत्न और सोने का मेल।

मणिकार (सं.) [सं-पु.] गहने बनाने वाला व्यक्ति; जौहरी; सुनार।

मणिधर (सं.) [सं-पु.] 1. साँप; भुजंग 2. एक प्रकार की समाधि।

मणिपुर (सं.) [सं-पु.] एक पूर्वोत्तर भारतीय राज्य।

मणिपूर (सं.) [सं-पु.] सुषुम्ना नाड़ी के अंदर माने जाने वाले छह चक्रों में से तीसरा चक्र जो नाभि क्षेत्र में स्थित है।

मणिबंध (सं.) [सं-पु.] 1. (काव्यशास्त्र) एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में भगण, मगण और सगण होते हैं 2. कलाई पर बाँधी जाने वाली पट्टी 3. पहुँचा; कलाई; गट्ठा 4. (हठयोग) शरीर के अंदर छह चक्रों में से एक।

मणिभ (सं.) [सं-पु.] 1. स्फटिक 2. रवा; क्रिस्टल 3. किसी द्रव को सुखाकर बनाए गए कण।

मणिभारव (सं.) [सं-पु.] सारस नामक पक्षी।

मणिमान (सं.) [वि.] मणियुक्त; मणिवाला। [सं-पु.] 1. सूर्य 2. पहाड़।

मणिमाला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मणियों की माला 2. (काव्यशास्त्र) छंद का एक प्रकार।

मणींद्र (सं.) [सं-पु.] हीरा।

मत (सं.) [सं-पु.] 1. ख़याल; नज़रिया; विचार; राय 2. मति; बुद्धि; सम्मति 3. पंथ; अनुयायी संप्रदाय 4. भाव; आशय; अभिप्राय 5. निर्वाचन के समय किसी प्रतिनिधि को दी जाने वाली सम्मति; (वोट)। [क्रि.वि.] 1. नहीं; न 2. निषेध के अर्थ में।

मतंग (सं.) [सं-पु.] 1. हाथी; गज 2. बादल; मेघ।

मतंगी (सं.) [सं-पु.] हाथी पर सवार।

मतकेंद्र (सं.) [सं-पु.] 1. चुनाव में मतदान के लिए निश्चित किया गया केंद्र 2. वह स्थान जहाँ निर्वाचकों के लिए मतदान की व्यवस्था की जाती है; (पोलिंग बूथ)।

मतगणक (सं.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार की मशीन जिसकी सहायता से मतों की गिनती होती है 2. मतों की गणना करने वाला व्यक्ति।

मतगणना (सं.) [सं-स्त्री.] निर्वाचन प्रक्रिया में मतों या वोटों की गिनती।

मतदाता (सं.) [सं-पु.] निर्वाचक; राय या वोट देने वाला व्यक्ति; वह व्यक्ति जिसे लोकतंत्र के क्षेत्र में मत देने का अधिकार हो; (वोटर)।

मतदातासूची (सं.) [सं-स्त्री.] किसी राज्य या देश के उन बालिग व्यक्तियों की सूची जिन्हें मतदान का अधिकार प्राप्त हो; (वोटर्स लिस्ट)।

मतदान (सं.) [सं-पु.] 1. लोकतांत्रिक व्यवस्था में या अन्य समय किसी के पक्ष में अपना मत देने की क्रिया; (वोटिंग) 2. राय; मत; (वोट)।

मतपत्र [सं-पु.] वह पत्र या परचा जिसपर चिह्न लगा कर उसे मतदान पेटिका में डाला जाता है (वोटिंग पेपर); (बैलेट पेपर)।

मतपेटी (सं.) [सं-स्त्री.] वह पेटी या डिब्बा जिसमें चुनाव के समय मतदाता अपना मतपत्र डालता है; (बैलेटबॉक्स)।

मतप्रार्थी (सं.) [सं-पु.] 1. वोट माँगने वाला व्यक्ति; निवेदक 2. किसी क्षेत्र के मतदाताओं के पास जाकर अपने पक्ष में मत देने की प्रार्थना करने वाला व्यक्ति; मतानुयाचक।

मतभिन्नता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मतों में होने वाली भिन्नता या विरोध; विचारों की भिन्नता 2. राय या विचारों का न मिलना; मतवैभिन्य; आपस में मत का न मिलना 3. किसी दल या समूह के सदस्यों में किसी विषय पर होने वाला मतभेद।

मतभेद (सं.) [सं-पु.] राय न मिलना; मत की भिन्नता; मतांतर; वैमत्य; पारस्परिक मतभेद।

मतमतांतर (सं.) [सं-पु.] 1. किसी विषय के पक्ष और विपक्ष में आने वाले अनेक मत 2. मत परिवर्तन; मतभेद।

मतरुक (अ.) [वि.] निरस्त; ख़ारिज; रद्द।

मतलब (अ.) [सं-पु.] 1. तात्पर्य; अर्थ 2. किसी पद, वाक्य और शब्द का मायने या अर्थ 3. स्वार्थ; अपने भले या हित का विचार 4. मन में रहने वाला आशय या उद्देश्य।

मतलबी (अ.) [वि.] स्वार्थी; ख़ुदगरज़; स्वार्थपरायण; अपना मतलब निकालने वाला।

मतला (अ.) [सं-पु.] ग़ज़ल का पहला शेर।

मतली [सं-स्त्री.] उलटी या कै करने की इच्छा या क्रिया; जी-मिचलाना; मिचली।

मतलूबा (अ.) [वि.] 1. जिसकी चाहत की गई हो 2. माशूका; प्रेमिका।

मतवाद (सं.) [सं-पु.] 1. वह मत जो वाद या सिद्धांत के रूप में प्रयोग होता हो 2. किसी मत या विचारधारा को अन्य मतों से अधिक श्रेष्ठ सिद्ध करने का आग्रह या दुराग्रह।

मतवादी (सं.) [सं-पु.] 1. किसी मत या विचारधारा का समर्थक 2. किसी मत का प्रतिपादक। [वि.] मत या सिद्धांत संबंधी।

मतवाला (सं.) [वि.] 1. उन्मत्त; बदमस्त; नशे में चूर 2. उत्साही 3. पागल। [सं-पु.] प्राचीन समय में शत्रुओं को मारने के लिए पहाड़ या किले पर से लुढ़काया जाने वाला भारी पत्थर।

मत विभाजन (सं.) [सं-पु.] मतभेद; मतभिन्नता।

मत विभिन्नता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मत या विचारों की विभिन्नता 2. मतवैभिन्य 3. राय या विचार की असमानता 4. वैचारिक मतभेद।

मत संग्रह (सं.) [सं-पु.] 1. मतों को एकत्र या इकट्ठा किया जाना 2. जनमत-संग्रह।

मतांतर (सं.) [सं-पु.] अपने मत या धर्म को छोड़कर अन्य मत या धर्म को अपनाने की क्रिया या भाव; मत परिवर्तन; मतभेद; दूसरा मत; भिन्न मत।

मतांतरण (सं.) [सं-पु.] मत में परिवर्तन होने की क्रिया या भाव; मत परिवर्तन; धर्म परिवर्तन।

मतांध (सं.) [वि.] 1. जो केवल अपने विचार को श्रेष्ठ मानता हो; अनुदार; दुराग्रही; अड़ियल; उग्र 2. संकीर्ण; असहिष्णु; असहनशील; उग्रवादी 3. कट्टरपंथी; तास्सुबी 4. बंददिमाग।

मताग्रह (सं.) [सं-पु.] अपने मत या विचार की स्थापना या प्रचार के लिए किया जाने वाला आग्रह या हठधर्मिता।

मताग्रही (सं.) [वि.] मत या विचार को मनवाने के लिए हठ या आग्रह करने वाला।

मताधिकार [सं-पु.] 1. किसी चुनाव में आम नागरिक को मत देने का अधिकार जो शासन या व्यवस्था से प्राप्त हो; मत देने का हक 2. रिआयत 3. सुविधा।

मताधिकारी (सं.) [वि.] 1. मत देने का अधिकारी 2. निर्वाचन करने वाला; निर्वाचक; (वोटर)।

मतानुगमन (सं.) [सं-पु.] किसी मत या विचार का समर्थन करने की क्रिया या भाव; अनुगमन; अनुसरण; तरफ़दारी; समर्थन; हिमायत।

मतानुगामी (सं.) [वि.] 1. किसी मत या विचार का समर्थक या अनुगामी; अनुयायी; तरफ़दार; समर्थक; हिमायती; पंथी; पक्षधर 2. पिछलग्गू; पिट्ठू; मतावलंबी; झंडाबरदारी।

मतानुयायी (सं.) [सं-पु.] 1. किसी धार्मिक संप्रदाय या किसी व्यक्ति के मत या विचारों को मानने वाला व्यक्ति; मत विशेष का अनुगमन करने वाला व्यक्ति; मतावलंबी; मतानुगामी 2. पंथी; अनुचर; पिछलग्गू; समर्थक; हिमायती; पक्षधर।

मतालबा (अ.) [सं-पु.] 1. माँग; इच्छा 2. अपेक्षा 3. तकाज़ा।

मतावलंबी [सं-पु.] 1. मत या सिद्धांत का अनुयायी 2. धर्म विशेष का अवलंबन करने वाला व्यक्ति।

मति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रज्ञा; अक्ल; बुद्धि; समझ 2. इच्छा; कामना 3. अभिप्राय 4. याद; स्मृति।

मतिगति (सं.) [सं-स्त्री.] विचारधारा; विचारसरणी; सोचने का ढंग।

मतिभंगी (सं.) [वि.] मति या बुद्धि को नष्ट करने वाला।

मतिभ्रंश (सं.) [सं-पु.] सोचने-समझने की शक्ति या बुद्धि की असमर्थता; बुद्धिभ्रंश; पागलपन।

मतिभ्रम (सं.) [सं-पु.] 1. बुद्धि की भ्रांति 2. बीमारी या नशे आदि के कारण होने वाला वह भ्रम जिसके फलस्वरूप व्यक्ति कुछ का कुछ समझने लगता है; पागलपन।

मतिभ्रांत (सं.) [वि.] 1. मंदबुद्धिवाला; कमअक्ल 2. चकित; भ्रमित।

मतिमंद (सं.) [वि.] 1. मंदबुद्धि; नासमझ; कम बुद्धि रखने वाला 2. बेवकूफ़; मूर्ख।

मतिमान (सं.) [वि.] जिसमें मति हो; बुद्धिमान; समझदार; ज्ञानी।

मतिहीन (सं.) [वि.] कमअक्ल; बुद्धहीन; विवेकहीन; अज्ञानी; मूर्ख।

मती (सं.) [वि.] 1. मत या विचार रखने वाला 2. किसी मत या संप्रदाय का अनुयायी। [सं-स्त्री.] सामर्थ्य, जैसे- बुद्धिमती।

मतैक्य (सं.) [सं-पु.] मतों की समानता; दो या दो से अधिक व्यक्तियों की राय का समान होना; एक ही राय का होना; विचारों में होने वाली एकता।

मत्त (सं.) [वि.] 1. मस्त; नशे आदि में चूर; उन्मत्त 2. घमंडी।

मत्तकाशी (सं.) [वि.] बहुत सुंदर; रूपवान।

मत्तगयंद (सं.) [सं-पु.] (काव्यशास्त्र) सवैया छंद का एक भेद जिसके प्रत्येक चरण में सात भगण और दो गुरु होते हैं।

मत्तता (सं.) [सं-स्त्री.] मस्ती; मतवालापन।

मत्ता (सं.) [परप्रत्य.] 1. 'मान' से परिवर्तन होकर बनने वाला भाववाचक रूप, जैसे- बुद्धिमान से बुद्धिमत्ता 2. 'मत' का वह रूप जो भाववाचक शब्द बनाने के लिए प्रत्यय के रूप में शब्दों के अंत में लगता है, जैसे- नीतिमत्ता।

मत्था [सं-पु.] 1. मस्तक; ललाट; माथा 2. किसी वस्तु का ऊपरी या अगला भाग। [मु.] मत्थे मढ़ना : ज़िम्मे लगाना।

मत्सर (सं.) [सं-पु.] 1. द्वेष; विद्वेष; डाह; जलन 2. ईर्ष्याजन्य मानसिक स्थिति 3. क्रोध; गुस्सा।

मत्सरी (सं.) [सं-पु.] वह जिसके मन में मत्सर हो; ईर्ष्यालु; जलने वाला या द्वेष रखने वाला व्यक्ति।

मत्स्य (सं.) [सं-पु.] 1. मछली 2. (पुराण) नारायण 3. प्राचीन विराट देश का दूसरा नाम 4. विष्णु के दस अवतारों में से पहला 5. मीन नामक राशि।

मत्स्यगंधा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वह जिसके शरीर से मछली की गंध आती हो 2. (महाभारत) वेदव्यास की माता; सत्यवती 3. जलपीपल।

मत्स्यागार (सं.) [सं-पु.] काँच का वह पारदर्शी पात्र जिसमें मछलियाँ तथा अन्य जलीय जंतु पाले जाते हैं; (एक्वेरियम)।

मत्स्योदरी (सं.) [सं-स्त्री.] (महाभारत) वेदव्यास की माता; सत्यवती।

मथना (सं.) [क्रि-स.] 1. दूध या दही को मथानी आदि से बिलोना 2. ध्वंस करना; नष्ट करना 3. किसी बात को बार-बार सोचना 4. दलन करना 5. घूम-घूमकर पता लगाना 6. छानना।

मथनी [सं-स्त्री.] 1. मथने की क्रिया या भाव 2. वह मटका जिसमें दही मथा जाता है; मथनिया 3. मथानी; रई।

मथानी (सं.) [सं-स्त्री.] दही मथने के लिए काठ का बना हुआ एक प्रकार का उपकरण; रई।

मथित (सं.) [वि.] 1. जो मथा गया हो; बिलोया हुआ 2. मथकर या घोलकर अच्छी तरह मिलाया हुआ 3. मट्ठा; छाछ 4. {ला-अ.} पीड़ित; शोषित।

मथुरा (सं.) [सं-स्त्री.] पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक प्रसिद्ध नगरी, जो कृष्ण की जन्म-स्थली मानी जाती है।

मद1 (सं.) [सं-पु.] 1. अहंकार; अभिमान 2. नशा; मस्ती 3. उन्माद; उन्मत्तता; पागलपन 4. आनंद; प्रसन्नता 5. मद्य; शराब 6. कामुकता; लंपटता 7. मतिभ्रम।

मद2 (अ.‍) [सं-पु.] 1. खाता 2. लेखा या हिसाब लिखने में प्रयुक्त वह लंबी रेखा जिसके नीचे लेखा या हिसाब लिखा जाता है।

मदक [सं-स्त्री.] अफ़ीम से बनाया जाने वाला एक नशीला पदार्थ जिसे तंबाकू की तरह पिया जाता है।

मदकल (सं.) [वि.] 1. मतवाला; मस्त; मदोन्मत्त 2. धीरे-धीरे प्रेमालाप करने वाला 3. बावला; पागल 4. मद में विह्वल होने वाला।

मदकाल (सं.) [सं-पु.] वह काल या समय जब जीव-जंतु संतानोत्पत्ति के लिए यौन-क्रिया में रत रहते हैं; गर्भाधान काल।

मदगर्वित (सं.) [वि.] मद में चूर; अभिमानी; घमंडी।

मदद (अ.) [सं-स्त्री.] 1. सहायता; सहयोग; (हेल्प) 2. सहयोग के रूप में दिया गया रुपया-पैसा 3. दान।

मददगार (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. सहायक; सहयोगी 2. हमदर्द 3. पक्षपाती; पक्षधर 4. प्रोत्साहक।

मदन (सं.) [सं-पु.] 1. कामदेव 2. संभोग; रतिक्रिया; काम 3. प्रेम 4. एक प्रकार का गीत 5. मोम 6. भ्रमर; भौंरा 7. वसंतकाल। [वि.] मदकारक; नशीला।

मदनक (सं.) [सं-पु.] 1. मदन नामक वृक्ष 2. मोम 3. खदिर; खैर 4. मौलसिरी 5. धतूरा 6. दौना नामक पौधा।

मदनकंटक (सं.) [सं-पु.] (साहित्य) सात्विक अनुभूति या रोमांच।

मदनगोपाल (सं.) [सं-पु.] कृष्ण का एक नाम।

मदनमस्त (सं.) [सं-पु.] चंपा की जाति का तीव्र गंध वाला एक पुष्पवृक्ष।

मदनमोहन (सं.) [सं-पु.] 1. रूप और व्यक्तित्व से प्रभावित करने वाला व्यक्ति 2. कृष्ण का एक नाम।

मदनललित (सं.) [वि.] सहवासरत; कामक्रीड़ा में लीन। [सं-पु.] कामक्रीड़ा; संभोग।

मदना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कस्तूरी 2. मैना 3. सुरा; मदिरा 4. एक प्रकार की लता।

मदनालय (सं.) [सं-पु.] 1. योनि; भग 2. (ज्योतिष) जन्मकुंडली में सातवाँ स्थान।

मदनीय (सं.) [वि.] 1. प्रेम या राग उत्पन्न करने वाला 2. उत्तेजक; मादक 3. नशा उत्पन्न करने वाला।

मदनोत्सव (सं.) [सं-पु.] 1. वसंत पंचमी के अगले दिन या चैत्र शुक्ल द्वादशी को मनाया जाने वाला प्राचीन समय का एक प्रेम संबंधी उत्सव; वसंतोत्सव 2. होली; फाग।

मदफ़न (अ.) [सं-पु.] 1. शव गाड़ने की जगह; कब्रिस्तान 2. मुर्दे गाड़ने का गड्ढा; कब्र।

मदफ़ून (अ.) [वि.] 1. दफ़न किया हुआ 2. गाड़ा हुआ।

मदमत्त (सं.) [वि.] 1. मतवाला; मदिरोन्मत्त 2. मदमस्त 3. अहंकारी।

मदमस्त (सं.) [वि.] 1. मतवाला 2. शराबी; पियक्कड़ 3. मदहोश; उन्मत्त।

मदमाता (सं.) [वि.] 1. मतवाला; मस्त 2. कामुक।

मदयिता (सं.) [वि.] 1. मदोन्मत्त करने वाला; मादक; उत्तेजक 2. नशा उत्पन्न करने वाला 3. आनंदित करने वाला।

मदर (इं.) [सं-स्त्री.] 1. माँ; माता; जननी; वालिदा 2. ईसाई भिक्षुणी के लिए संबोधन।

मदरसा (अ.) [सं-पु.] वह पाठशाला या विद्यालय जहाँ इस्लामिक तौर-तरीके से शिक्षा दी जाती हो।

मदहोश (फ़ा.) [वि.] 1. नशे में मस्त 2. नशे के कारण जिसके होश ठिकाने न हो 3. मतवाला; मत्त 4. हतबुद्धि 5. जिसे अपनी सुध न हो; बेसुध।

मदांध (सं.) [वि.] 1. जो मद के कारण अंधा अर्थात विवेकहीन हो रहा हो 2. जो किसी सफलता के नशे में गर्व से फूला हुआ हो 3. नशे में धुत्त; मदोन्मत्त 4. अहंकारी; घमंडी।

मदांधता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मदांध या नशे में होने की अवस्था या भाव 2. किसी गुण या शक्ति का अहंकार।

मदार1 (सं.) [सं-पु.] आक नामक पौधा। [वि.] चालाक; धूर्त।

मदार2 (अ.) [सं-पु.] 1. दौरा करने का रास्ता; भ्रमणमार्ग 2. आधार; आश्रय 3. निर्भरता 4. ग्रहों का भ्रमण मार्ग; कक्षा।

मदारिया [सं-पु.] एक प्रकार का मिट्टी का हुक्का।

मदारी (अ.) [सं-पु.] 1. बंदर, भालू नचाने वाला व्यक्ति; कलंदर 2. वह जो जादू आदि का खेल दिखाता हो; ऐंद्रजालिक; नटवर; बाज़ीगर।

मदालस (सं.) [वि.] नशे के कारण सुस्त पड़ा हुआ; मदिरोन्मत्त। [सं-पु.] 1. आलस्य; ख़ुमार 2. ढीलापन।

मदालापी (सं.) [सं-पु.] कोयल; कोकिल।

मदासक्त (सं.) [वि.] 1. जो मद या नशे का आदी हो; व्यसनी 2. मद्यप; नशेड़ी; नशेबाज़।

मदिर (सं.) [वि.] 1. मद या नशा उत्पन्न करने वाला; नशीला 2. मद से भरा हुआ; मादक 3. मत्त; मस्त।

मदिरनयन (सं.) [वि.] सुंदर या नशीली आँखोंवाला।

मदिरा (सं.) [सं-स्त्री.] नशीला तरल पदार्थ; शराब; दारू; मद्य।

मदिरालय (सं.) [सं-पु.] शराबख़ाना; मद्यशाला; कलवरिया।

मदिरालस (सं.) [सं-पु.] शराब या मदिरा पान से उत्पन्न होने वाला आलस्य; नशा; ख़ुमारी।

मदीला [वि.] 1. मद से युक्त; मादक; प्रमद 2. नशीला; मतवाला 3. अहंकारी।

मदोद्धत (सं.) [वि.] 1. जो मद या नशे में चूर हो 2. मदमस्त; उन्मत्त 3. मतवाला; मदांध; मदालस 4. शराबी 5. जिसे किसी बात या शक्ति का घमंड हो; अभिमानी।

मद्दाह (अ.) [वि.] 1. मदह या प्रशंसा करने वाला; प्रशंसक 2. स्तुति करने वाला; स्तुतिकर्ता।

मद्देनज़र (अ.) [वि.] जो नज़र या निगाह के सामने हो।

मद्धम (सं.) [वि.] दे. मद्धिम।

मद्धिम (सं.) [वि.] 1. धीमा; मंद 2. सामान्य की अपेक्षा कम; मध्यम 3. कम अच्छा 4. हलका।

मद्धे (सं.) [क्रि.वि.] 1. विषय में; संबंध में; बाबत 2. बीच में 3. लेखा या हिसाब में; मद या खाते में।

मद्य (सं.) [सं-पु.] 1. मदिरा; सुरा; शराब; (वाइन) 2. अल्कोहल 3. आसव; अर्क।

मद्यकक्ष (सं.) [सं-पु.] शराब आदि पीने का स्थान; (बार रूम)।

मद्यत्याग (सं.) [सं-पु.] 1. शराब छोड़ने की क्रिया; शराबबंदी; मद्यनिषेध 2. संयम; व्यसनमुक्ति।

मद्यनिषेध (सं.) [सं-पु.] शराब पीने की मनाही; शराब पीने पर लगी रोक।

मद्यप (सं.) [वि.] 1. मद्य पीने वाला; शराबी; पियक्कड़ 2. जो नशे में धुत हो; नशेड़ी 2. लती; व्यसनी; नशाख़ोर।

मद्यपात्र (सं.) [सं-पु.] 1. प्याला; चषक; (कप) 2. जाम; पात्र 3. पैमाना 4. सागर।

मद्यपान (सं.) [सं-पु.] मद्य या शराब पीने की क्रिया; शराबख़ोरी; मयकशी; सुरापान।

मद्यप्रेमी (सं.) [वि.] शराब पीने वाला; सुराप्रेमी; शराबी; दारूबाज़; मद्यरसिक।

मद्यभांड (सं.) [सं-पु.] शराब रखने या परोसने का घड़ा; मधुघट।

मद्यरसिक (सं.) [वि.] जो शराब का शौकीन हो; सुराप्रेमी; शराबी; दारूबाज़; मद्यप्रेमी।

मद्यशाला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शराब बेचने या पीने का स्थान; दारू का अड्डा; ठेका 2. मैकदा; मैख़ाना; मदिरालय; मधुशाला; शराबघर।

मद्यसार (सं.) [सं-पु.] 1. अल्कोहल 2. शराब।

मद्यासक्त (सं.) [सं-पु.] वह जो शराब पीने का अभ्यस्त हो; पियक्कड़; शराबी; दारूबाज़; मद्यप।

मद्र (सं.) [सं-पु.] 1. उत्तर भारत में रावी और झेलम के बीच के क्षेत्र का प्राचीन नाम 2. पंजाब में पंचनद क्षेत्र का एक प्राचीन जनपद 3. उत्तर कुरु नामक प्राचीन देश 4. उक्त जनपद का निवासी।

मधु (सं.) [सं-पु.] 1. शहद 2. मकरंद; फूलों का रस 3. अमृत 4. मदिरा; शराब 5. चैत का महीना। [वि.] 1. मीठा 2. स्वादिष्ट।

मधुऋतु (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वसंत ऋतु 2. मधुकाल; प्रेम-संयोग काल।

मधुक (सं.) [सं-पु.] 1. महुए का वृक्ष और फल 2. महुए की शराब 3. मुलेठी।

मधुकंठ (सं.) [सं-पु.] कोयल पक्षी।

मधुकर (सं.) [सं-पु.] 1. भ्रमर; भौंरा 2. प्रेमी 3. रसिक व्यक्ति 4. कामुक व्यक्ति।

मधुकरी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. भिक्षाटन 2. साधु-संन्यासियों की वह भिक्षा जिसमें केवल पका हुआ भोजन लिया जाता है।

मधुकाल (सं.) [सं-पु.] 1. वसंत का मौसम 2. मधुमास 3. प्रेम-ऋतु।

मधुकैटभ (सं.) [सं-पु.] (पुराण) विष्णु नामक देवता के कान के मैल से उत्पन्न मधु और कैटभ नामक दो राक्षस।

मधुकोष (सं.) [सं-पु.] 1. शहद की मक्खी का छत्ता 2. मधु-चक्र।

मधुगायन (सं.) [सं-पु.] 1. मधुर स्वर या लय में होने वाला गायन 2. कोयल।

मधुघोष (सं.) [सं-पु.] 1. वह जो मीठे स्वर में बोलता हो 2. कोयल; कोकिल।

मधुचक्र (सं.) [सं-पु.] शहद की मधुमक्खी का छत्ता; मधुकोश।

मधुज (सं.) [वि.] मधु से उत्पन्न। [सं-पु.] मधुमक्खी के छत्ते का मोम।

मधुजा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मिसरी; शर्करा 2. पृथ्वी।

मधुप (सं.) [वि.] 1. मधु पीने वाला 2. सुराप्रेमी। [सं-पु.] 1. शहद की मक्खी; मधुमक्खी 2. भौंरा; भ्रमर।

मधुपति (सं.) [सं-पु.] 1. कृष्ण का एक नाम 2. मधुर स्वभाव का व्यक्ति।

मधुपर्क (सं.) [सं-पु.] पूजा के लिए बनाया गया दही, घी, जल, चीनी और शहद का मिश्रण; पंचामृत; चरणामृत।

मधुपाली (सं.) [सं-पु.] भौंरों की पंक्ति।

मधुपुरी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सुख-सुविधा से संपन्न नगर विशेष 2. मथुरा का एक पौराणिक नाम।

मधुपेटी (सं.) [सं-स्त्री.] मधुमक्खियों को पालने तथा उनका शहद एकत्र करने का डिब्बा।

मधुबाला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शराब पिलाने वाली लड़की; साकी 2. भ्रमरी।

मधुमक्खी (सं.) [सं-स्त्री.] शहद की मक्खी; मधुप।

मधुमक्षिका (सं.) [सं-स्त्री.] मधुमक्खी; शहद की मक्खी।

मधुमती (सं.) [सं-स्त्री.] 1. गंगा नदी 2. एक प्राचीन नदी जो नर्मदा की शाखा थी 3. योग साधना में समाधि की एक अवस्था।

मधुमय (सं.) [वि.] 1. मिठास युक्त; माधुर्यपूर्ण 2. सुंदर।

मधुमान (सं.) [वि.] 1. जिसमें शहद या मधु मिलाया गया हो 2. जिसमें मधुरता हो; मीठा; मधुर 3. सुंदर 4. मन को आनंद देने वाला; प्रिय; सुखद।

मधुमालती (सं.) [सं-स्त्री.] मालती नामक लता।

मधुमास (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वसंत ऋतु 2. चैतमास।

मधुमासी (सं.) [सं-स्त्री.] मधुमक्खी; शहद की मक्खी।

मधुमेह (सं.) [सं-पु.] रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाने पर होने वाला रोग; शुगर; (डायबीटीज़)।

मधुर (सं.) [वि.] 1. मीठा 2. कटुता रहित; कर्णप्रिय वचन 3. प्रिय और भला 4. शांत और धीर।

मधुरतम (सं.) [वि.] 1. सबसे मीठा 2. बहुत प्रिय या आत्मीय 3. जो बहुत अंतरंग हो; घनिष्ठ।

मधुरता (सं.) [सं-स्त्री.] मधुर होने की अवस्था, गुण या भाव; माधुर्य।

मधुरन (सं.) [सं-पु.] मधुर करने या बनाने का कार्य।

मधुरस (सं.) [सं-पु.] 1. ईख 2. ताड़। [वि.] मीठा; मधुर रस वाला।

मधुरा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पत्नी; प्रेमिका 2. मुलेठी 3. सुंदर स्त्री 4. सौंफ 5. (साहित्य) माधुर्य और मिठास लाने वाली शब्द योजना।

मधुराना [क्रि-अ.] 1. मीठा या मधुर होना; प्रिय होना 2. (फल आदि में) मिठास पैदा होना 3. सुंदर होना। [क्रि-स.] मीठा बनाना; मधुरता पैदा करना।

मधुरान्न (सं.) [सं-पु.] मिष्ठान; मीठा अन्न; मिठाई।

मधुरिका (सं.) [सं-स्त्री.] सौंफ।

मधुरिम (सं.) [वि.] 1. मीठा; मधुर 2. प्रिय।

मधुरिमा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मधुर होने की अवस्था या भाव; माधुर्य; मधुरता 2. मिठास 3. सौंदर्य; सुदंरता।

मधुलिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्राचीन काल में मदिरा का एक प्रकार 2. राई 3. फूलों का पराग।

मधुवन (सं.) [सं-पु.] 1. ब्रज का एक वन 2. किष्किंधा के पास का एक वन 3. कोयल।

मधुव्रत (सं.) [सं-पु.] 1. वह जिसका मधु प्रिय खाद्य हो 2. भ्रमर; भँवरा।

मधुशाला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शराब की दुकान; ठेका 2. मदिरालय; मयख़ाना।

मधुसख (सं.) [सं-पु.] 1. वह जो प्रेम और मधुरता का उत्प्रेरक हो 2. कामदेव।

मधुसूदन (सं.) [सं-पु.] 1. भौंरा; भ्रमर 2. कृष्ण।

मधूक (सं.) [सं-पु.] 1. मुलेठी 2. भ्रमर 3. महुए का पेड़, फूल और फल।

मध्य (सं.) [सं-पु.] 1. किसी वस्तु के बीच का भाग 2. शरीर के बीच का भाग; कमर; कटि 3. निष्पक्ष; तटस्थ 4. (संगीत) तीन सप्तकों में से बीच वाला सप्तक। [वि.] 1. बीच का 2. अधम; नीच।

मध्यक (सं.) [सं-पु.] (गणित) संख्याओं, मूल्यों या मानों को एक साथ मिलाकर उनके योग का कोई बराबर भाग जो उनका मध्यम मान होता है; (एवरिज)। [वि.] 1. मध्य या बीच में रहने वाला 2. मँझोले आकार का।

मध्यकाल (सं.) [सं-पु.] 1. भारत के इतिहास में राजपूतकाल से मुगलकाल तक का समय; मध्ययुग 2. निश्चित अवधि के बीच का समय।

मध्यकालीन (सं.) [वि.] 1. मध्ययुग का; मध्ययुग संबंधी; मध्ययुगीन 2. बीच के समय का।

मध्यगत (सं.) [वि.] 1. मध्य का; बीच का 2. मध्य में आया या लाया हुआ 3. अंतर्स्थापित।

मध्यदेश (सं.) [सं-पु.] 1. किसी स्थान का मध्यभाग 2. शरीर का मध्यभाग; कमर; कटि 3. भारत के मध्यवर्ती क्षेत्र का प्राचीन नाम 4. प्राचीन भारत का वह प्रदेश जिसकी सीमा उत्तर में हिमालय, दक्षिण में विंध्याचल, पूर्व में प्रयाग तथा पश्चिम में कुरुक्षेत्र तक मानी जाती थी।

मध्यदेशीय (सं.) [सं-पु.] 1. मध्य देश से संबंधित 2. मध्य या बीच का; बिचला।

मध्यपूर्व (सं.) [सं-पु.] एशिया का दक्षिण-पश्चिमी भाग; (मिडिल ईस्ट)।

मध्यम (सं.) [वि.] 1. बीच का; न बहुत बड़ा न बहुत छोटा 2. (संगीत) सात स्वरों में से चौथा स्वर।

मध्यमक (सं.) [वि.] 1. मध्य का 2. सबका; (कॉमन)। [सं-पु.] किसी वस्तु का केंद्रीय भाग।

मध्यम पुरुष (सं.) [सं-पु.] (व्याकरण) वह पुरुष जिससे बात की जाए; वक्ता द्वारा जिससे कुछ कहा जाए, जैसे- तुम, तू, आप।

मध्यम वर्ग (सं.) [सं-पु.] 1. आर्थिक तथा सामाजिक दृष्टि से विभाजित मानव-समाज के बीच का वर्ग; मध्यवर्ग 2. निम्न और उच्च वर्ग के बीच का वर्ग।

मध्यमवर्गीय (सं.) [वि.] मध्यम वर्ग का; मध्यम वर्ग से संबंधित।

मध्यमस्तरीय (सं.) [वि.] 1. औसत; कामचलाऊ 2. ठीक-ठाक 3. दरमियाना; मझला; माध्यमिक 4. मामूली; साधारण।

मध्यमा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हाथ की बीच वाली उँगली 2. कमल की कर्णिका 3. छोटा जामुन 4. (साहित्य) नायक के प्रेम या दोष के अनुसार व्यवहार करने वाली स्त्री।

मध्यमान (सं.) [सं-पु.] 1. किसी संख्या या मान के योग का समभाग 2. मध्यक; औसत; (एवरिज)।

मध्यमार्ग (सं.) [सं-पु.] 1. दो परस्पर विरोधी विचारधाराओं, मार्गों अथवा दो चरम सीमाओं के बीच का वह मार्ग या साधन जिसमें दो विचारधाराओं का सामंजस्य हो जाता हो; बीच का रास्ता 2. समझौते का मार्ग 3. महात्मा बुद्ध द्वारा प्रतिपादित एक प्रसिद्ध मत।

मध्यमार्गी (सं.) [वि.] 1. मध्य मार्ग पर चलने वाला 2. समझौता करने वाला।

मध्ययुग (सं.) [सं-पु.] 1. प्राचीन और आधुनिक काल के बीच का समय; मध्यकाल 2. भारत के इतिहास में राजपूतकाल से मुगलकाल तक का समय 3. यूरोप के इतिहास में 600 से 1500 ईसवी तक का समय।

मध्ययुगीन (सं.) [वि.] 1. मध्य युग का 2. इतिहास के मध्ययुग से संबंधित; (मेडिईवल) 3. मध्ययुग की मानसिकता वाला, जैसे- मध्ययुगीन रीति-रिवाज, मध्ययुगीन सोच आदि।

मध्यलोक (सं.) [सं-पु.] 1. भूलोक; पृथ्वी 2. मृत्युलोक।

मध्यवर्ग (सं.) [सं-पु.] 1. उच्चवर्ग और मध्यवर्ग के बीच की श्रेणी के लोग 2. समाज में रहने वाले ऐसे लोग जो छोटे-मोटे व्यापार या नौकरी करके अपना निर्वाह करते हैं; (मिडिल क्लास)।

मध्यवर्ती (सं.) [सं-पु.] 1. मध्यस्थ; बिचौलिया 2. पंच। [वि.] 1. बीच का; बीच में स्थित 2. जो दो पक्षों के बीच रहकर उनमें संबंध स्थापित कराता हो।

मध्यवित्त (सं.) [वि.] 1. जो आर्थिक दृष्टि से मध्य श्रेणी का हो, जो न अमीर हो न गरीब; मध्यवर्गीय 2. औसत आर्थिक स्थितिवाला 3. खाते-पीते घर का 4. अच्छे वेतनवाला।

मध्यस्थ (सं.) [सं-पु.] 1. मध्यवर्ती; बिचौलिया 2. तटस्थ; उदासीन 3. आपस में मेल या समझौता कराने वाला व्यक्ति; वह जो बीच में रहकर किसी प्रकार का विवाद दूर कराता हो; सभापति; पंच। [वि.] 1. जो बीच में हो; बीच का 2. दोनों पक्षों का मान्य; निष्पक्ष।

मध्यस्थता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मध्यस्थ होने की अवस्था या भाव 2. मध्यस्थ काम या पेशा; बिचवई 3. बीच-बचाव 4. दलाली।

मध्या (सं.) [सं-स्त्री.] (साहित्य) वह नायिका जिसमें लज्जा और कामभावना समान रूप से हो।

मध्यांतर (सं.) [सं-पु.] 1. मध्यावकाश; (इंटरवल) 2. बीच का अंतर।

मध्यावकाश (सं.) [सं-पु.] 1. मध्यांतर 2. पढ़ाई, खेल, कार्य आदि के बीच में थोड़े समय के लिए होने वाला अवकाश।

मध्यावधि (सं.) [वि.] 1. अवधि के मध्य में होने वाला; (मिड टर्म) 2. निश्चित समय सीमा से पहले होने वाला, जैसे- मध्यावधि चुनाव।

मध्याह्न (सं.) [सं-पु.] दिन के मध्य का समय; दोपहर।

मन (सं.) [सं-पु.] 1. अंतःकरण; चित्त 2. इच्छा; चाहत 3. आत्मा 4. हृदय; दिल 5. तौल मापक। [मु.] -कचोटना : मन दुखी होना या क्लेश होना। -के लड्डू खाना : बेकार की आशा रखकर प्रसन्न होना। -टूटना : उत्साह, उमंग आदि का नष्ट होना। -में बसना : बहुत पसंद आना। -बहलाना : किसी काम में लगकर मन को प्रसन्न करना। -मारना : इच्छा को रोकना। -में रखना : याद रखना या मन में छिपाकर रखना। -मैला करना : मन में दुर्भाव रखना। -से उतरना : मन में अनुराग या आदर न रह जाना। -हरा होना : प्रसन्न होना। -मिलना : विचारों में समानता होना।

मनःकल्पित (सं.) [वि.] 1. मन के द्वारा सोचा हुआ; मनगढंत 2. फर्ज़ी; काल्पनिक।

मनःपीड़ा (सं.) [सं-स्त्री.] मानसिक कष्ट; संत्रास।

मनःपूत (सं.) [वि.] 1. यथेष्ट; मनचाहा; इच्छित 2. पवित्र मनवाला 3. मन को प्रसन्न करने वाला।

मनःप्रणीत (सं.) [वि.] 1. जो मन को प्रिय हो 2. लुभाने वाला 3. कल्पित।

मनःप्रसादन (सं.) [सं-पु.] 1. मन को प्रसन्न करने की क्रिया या भाव 2. चित्त की प्रसन्नता।

मनःप्रसूत (सं.) [वि.] 1. मन से रचा हुआ; कल्पित 2. मन में उत्पन्न होने वाला।

मनःशक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] मानसिक शक्ति; मनोबल; हिम्मत।

मनःस्थिति (सं.) [सं-स्त्री.] मन की दशा।

मनका (सं.) [सं-पु.] 1. लकड़ी, धातु आदि का गोल टुकड़ा जिसके बीचों-बीच छेद होता है तथा जिसे माला के रूप में पिरोया जाता है; मोती 2. {ला-अ.} माला; सुमिरनी 3. रत्न दाना।

मनकूला (अ.) [वि.] जो दूसरी जगह जा सके; जो स्थावर न हो (संपत्ति); चल; चर।

मनगढ़ंत [वि.] 1. असत्य; तथ्यहीन 2. काल्पनिक 3. मन द्वारा गढ़ा हुआ; मिथ्या।

मनचला [वि.] 1. अस्थिर चित्तवाला; जिसका चित्त स्थिर न हो 2. चंचल मनवाला; मनमौजी 3. कामुक तथा रसिक स्वभाववाला 4. आकर्षक या सुंदर वस्तुओं की प्राप्ति के लिए जिसका मन ललचा उठता हो।

मनचाहा [वि.] मन को भाने वाला; इच्छित; पसंदीदा; प्रिय।

मनचीता [वि.] 1. मन में कल्पित; सोचा हुआ 2. मनचाहा; मनभाया 3. इच्छित; पसंद 4. प्रेमपात्र।

मनज़र (अ.) [सं-पु.] दे. मंजर।

मनन (सं.) [सं-पु.] 1. विचार करना 2. सोचना।

मननशील (सं.) [वि.] मनन करने वाला; जो स्वाभावतः मनन करने में प्रवृत्त रहता है; चिंतनशील; विचारशील।

मनपसंद (सं.) [वि.] 1. रुचिकर; मन को भाने वाला 2. प्रिय।

मनबसिया [वि.] 1. जो मन में बसा हो; प्रिय 2. प्रेमपात्र।

मनबहलाव [सं-पु.] 1. मन को बहलाने की क्रिया या भाव 2. मनोरंजन; विलासक्रीड़ा 3. गपशप 4. सांत्वना; दिलासा।

मनभाया [वि.] 1. मन को भला लगने वाला; लुभावना 2. मनोनुकूल; मनचाहा 3. पसंद; इच्छित 4. प्रेमपात्र; प्यारा; प्रिय।

मनभावन (सं.) [वि.] 1. मन को भाने या अच्छा लगने वाला 2. प्रिय; प्यारा 3. सुंदर।

मनमरज़ी (सं.+अ.) [सं-स्त्री.] मन की इच्छा।

मनमाना [वि.] 1. जो अपनी इच्छा तथा बिना किसी को ध्यान में रखकर किया जाए 2. अपने मन का; मनपसंद।

मनमानी [सं-स्त्री.] 1. स्वेच्छाचरिता 2. मनमाना काम।

मनमाफ़िक (सं.+फ़ा.) [सं-पु.] अपनी मरज़ी से।

मनमुटाव [सं-पु.] 1. द्वेष के कारण किसी के प्रति होने वाली बुरी भावना 2. मन में उत्पन्न होने वाला वैमनस्य 3. कलह; विवाद।

मनमैला [वि.] 1. जिसके मन में मैल या द्वेष हो; ईर्ष्यालु 2. कपटी; धूर्त; दुष्ट।

मनमोदक (सं.) [सं-पु.] 1. मन का लड्डू; ख़याली पुलाव; दिवास्वप्न 2. मन को ख़ुश करने के लिए की गई कल्पना; मन में कल्पित कोई सुखद बात 3. कोई आकर्षक किंतु असंभव विचार।

मनमोहक [वि.] 1. मनोहर; रोचक; मनभावन 2. प्रलोभक।

मनमोहन (सं.) [वि.] 1. मन को मोहने वाला 2. प्रिय; प्यारा। [सं-पु.] कृष्ण का एक नाम।

मनमौजी (सं.+अ.) [वि.] 1. अपनी इच्छानुसार काम करने वाला 2. मन में उठी तरंग के अनुसार काम करने वाला।

मनवाना [क्रि-स.] 1. कोई बात मानने के लिए कहना 2. मनाने का काम किसी दूसरे से कराना 3. किसी को कुछ मान लेने के लिए विवश करना।

मनशा (अ.) [सं-स्त्री.] 1. आशय; तात्पर्य; मतलब 2. प्रयोजन; मकसद; उद्देश्य 3. संकल्प; इरादा; इच्छा।

मनश्चिकित्सा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मानसिक रोग का इलाज या चिकित्सा 2. मनोवैज्ञानिक विधियों से मानसिक रोगों या विकारों की चिकित्सा करने की पद्धति 3. मन की दिलासा।

मनसब (अ.) [सं-पु.] 1. (शासन) ओहदा; पद 2. अधिकार; इख़्तियार 3. कर्तव्य; कर्म।

मनसबदार (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] (शासन) वह जो किसी मनसब अर्थात ऊँचे पद पर आसीन हो; अधिकारी।

मनसबी (अ.) [वि.] मनसब या पद संबंधी; ओहदेदारी, जैसे- मनसबी काम।

मनसरस (सं.) [सं-पु.] 1. मन; चित्त 2. आत्मा।

मनसा (सं.) [वि.] 1. मन का; मन संबंधी; मानसिक 2. मन से उत्पन्न; मानस। [सं-स्त्री.] 1. इच्छा; भावना 2. (पुराण) साँपों की देवी। [क्रि.वि.] मन के द्वारा; मन से।

मनसाना [क्रि-अ.] 1. उत्साहित होना 2. उमंग में आना; तरंगित होना। [क्रि-स.] 1. मनसवाना 2. मन में संकल्प करना 2. विचार करना 3. इरादा करना।

मनसिज (सं.) [सं-पु.] 1. मन में उठने वाली वासना 2. कामदेव; पुष्यधन्वा; रतिपति।

मनसूख़ (अ.) [वि.] 1. अप्रामाणित; रद्द; ख़ारिज 2. टाला हुआ; काटा हुआ 3. परित्यक्त।

मनसूबा (अ.) [सं-पु.] 1. इरादा; विचार 2. योजना; तज़वीज 3. दिवास्वप्न 4. युक्ति; ढंग 5. जोड़-तोड़।

मनसूर (अ.) [वि.] 1. विजेता; विजयी 2. जिसे ईश्वरीय सहायता मिली हो। [सं-पु.] नौवीं सदी के प्रसिद्ध सूफ़ी संत जिन्हें स्वयं को 'अनहलक' (मैं ही ब्रह्म हूँ) कहने के कारण सूली पर चढ़ा दिया गया था।

मनस्ताप (सं.) [सं-पु.] 1. मन में होने वाला कष्ट; अनुताप; आंतरिक दुख; मानसिक वेदना 2. शोक 3. पश्चाताप; पछतावा; पीड़ा।

मनस्तोष (सं.) [सं-पु.] 1. मन में होने वाला तोष या संतोष; तृप्ति 2. किसी समस्या के समाधान या इच्छा की पूर्ति के कारण होने वाली शांति; तुष्टि।

मनस्विनी (सं.) [वि.] 1. मनस्वी या विचारवान स्त्री 2. विद्रोह या युद्ध करने वाली स्त्री।

मनस्वी (सं.) [वि.] 1. उदात्त या उदार विचारों वाला 2. मनन अथवा चिंतन करने वाला 2. बुद्धिमान 3. स्वेच्छाचारी 4. दृढ़ निश्चयवाला।

मनहर [वि.] 1. मन को हरने वाला; चित्त को लुभाने वाला; मनोहर; मनोहारी; मनहरण 2. काव्यात्मक 3. सुंदर।

मनहरण [वि.] 1. मन को हरने या लुभाने वाला; मनोहर; मनोहारी; मनहर 2. काव्यात्मक 3. सुंदर। [सं-पु.] मन का हरण।

मनहार [वि.] 1. मन को हरने वाला; लुभाने वाला; मनोहर; मनोहारी; मनहरण 2. काव्यात्मक 3. सुंदर।

मनहीमन [सं-पु.] भीतर से; अंदर से; अपने हृदय में।

मनहूस (अ.) [वि.] 1. अशुभ; बुरा; अनिष्ट 2. बदकिस्मत; अभागा 3. देखने में कुरूप और अप्रिय 3. सदा दुखी 4. जिसमें चमक-दमक आदि न हो; श्रीहीन।

मनहूसियत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मातम 2. उदास और दुखी रहने की अवस्था।

मनहूसी (अ.) [सं-स्त्री.] उदासी, मनहूस होने की अवस्था या भाव।

मना (अ.) [सं-पु.] रोक; निषेध। [वि.] 1. निषिद्ध; अविहित 2. वर्जित 3. अनुचित; नामुनासिब।

मनाना [क्रि-स.] 1. रूठे या बिगड़े हुए को प्रसन्न करना; राज़ी करना 2. प्रार्थना या स्तुति करना 3. मनुहार करना।

मनाही (अ.) [सं-स्त्री.] अस्वीकृति; मना; रोक; निषेध।

मनिया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. माला का दाना; मनका 2. छोटी माला; कंठी।

मनियार [वि.] 1. चमकदार; उज्ज्वल 2. सुंदर; शोभनीय; दर्शनीय।

मनिहार [सं-पु.] 1. चूड़ी बनाने वाला व्यक्ति; चुड़िहारा 2. वह जो चूड़ी, सिंदूर, टिकली आदि शृंगार का सामान फेरी करते हुए बेचता है।

मनिहारी [सं-स्त्री.] 1. चूड़ी बेचने तथा पहनाने वाली स्त्री; मनिहारिन 2. शृंगार का सामान फुटकर में बेचने का काम 3. सौंदर्य प्रसाधन एवं घरेलू सामान की फुटकर दुकान।

मनीऑर्डर (इं.) [सं-पु.] डाकघर का वह आदेशपत्र जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति किसी को अपना धन भिजवाता है; धनादेश।

मनीषा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बुद्धि; अक्ल 2. गंभीर चिंतन की मानसिक शक्ति 3. अभिलाषा; इच्छा 4. विचार; स्तुति।

मनीषी (सं.) [वि.] 1. विद्वान; बुद्धिमान; पंडित; ज्ञानी 2. चिंतन-मनन करने वाला; विचारशील।

मनु (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य 2. मंत्र 3. मन; अंतकरण 4. (पुराण) ब्रह्मा के पुत्र जो मनुष्यों के मूल पुरुष माने जाते हैं।

मनुज (सं.) [सं-पु.] 1. मानव; मनुष्य 2. मनु की संतान 3. मानव जाति।

मनुजा (सं.) [सं-स्त्री.] नारी; मानवी; स्त्री।

मनुजात (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य; मानव 2. मनु की संतान; मनुपुत्र।

मनुजेंद्र (अ.) [सं-पु.] 1. गुणवान व्यक्ति 2. राजा।

मनुपुत्र (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य; मानव 2. वह व्यक्ति या समुदाय जो मनु की वर्णव्यवस्था को महत्व देता है।

मनुष्य (सं.) [सं-पु.] आदमी; इनसान; मानव।

मनुष्यता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मनुष्य होने की अवस्था या भाव 2. इनसानियत; मानवता 3. मनुष्योचित गुण, दया, बुद्धि आदि 4. सज्जनता।

मनुष्यत्व (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्यता; मानवता 2. मनुष्यों के लिए आवश्यक और उपयुक्त गुणों से युक्त होने की अवस्था या भाव।

मनुष्यलोक (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य के रहने का स्थान; धरती; पृथ्वी; भूलोक 2. संसार; जगत; दुनिया।

मनुष्यशक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] किसी देश या राज्य में काम करने वाले व्यक्ति; (मैन पॉवर)।

मनुष्यीय (सं.) [वि.] मानवीय; मनुष्य से संबंधित।

मनुष्योचित (सं.) [वि.] मानवीय स्वभाव के अनुरूप।

मनुहार [सं-स्त्री.] 1. रूठे व्यक्ति को मनाने के लिए की जाने वाली मीठी बातें, प्रार्थना या विनती 2. आदर-सत्कार 3. मनाने का ढंग 4. ख़ुशामद; चाटुकारिता।

मनुहारी [वि.] जिसे मनाने के लिए बार-बार मनुहार करनी पड़े।

मनोकांक्षा (सं.) [सं-स्त्री.] मन की इच्छा या अभिलाषा; मनोकामना।

मनोकामना (सं.) [सं-स्त्री.] मन की इच्छा; मन में रहने वाली कामना; अभिलाषा।

मनोगत (सं.) [सं-पु.] 1. विचार; इच्छा 2. कामदेव; मदन। [वि.] 1. मन में आया हुआ (विचार) 2. मन में छिपा हुआ; मन में भरा हुआ।

मनोग्रंथि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. (मनोविज्ञान) कटु अनुभवों और दमित इच्छाओं की स्मृति जो अनजाने ही व्यक्ति के आचरण और व्यवहार को प्रभावित करती है तथा जिसके अनुरूप वह कार्य करने में प्रवृत्त होता है; (कॉम्प्लेक्स) 2. मन की गाँठ; कुंठा।

मनोग्राही (सं.) [वि.] मन को अपनी ओर खींचने वाला; आकर्षक; सुंदर।

मनोचिकित्सक (सं.) [सं-पु.] 1. मानसिक रोगों की चिकित्सा करने वाला व्यक्ति; मनोविज्ञानी 2. मनोविकार को दूर करने वाला व्यक्ति।

मनोचिकित्सा (सं.) [सं-स्त्री.] मन के रोगों का इलाज या चिकित्सा।

मनोज (सं.) [सं-पु.] 1. कामदेव; मदन 2. सुंदर पुरुष। [वि.] सुंदर; मनोहर।

मनोज्ञ (सं.) [वि.] सुंदर; मनोहर; आकर्षक।

मनोज्ञता (सं.) [सं-स्त्री.] मनोहरता; सुंदरता; ख़ूबसूरती।

मनोदशा (सं.) [सं-स्त्री.] मन की दशा या अवस्था; मन की प्रवृत्ति; मनःस्थिति।

मनोदाह (सं.) [सं-पु.] मन का दुख; मानसिक संताप।

मनोदाही (सं.) [वि.] जो मन को दुखी करे; मन में संताप उत्पन्न करने वाला।

मनोदैहिक (सं.) [वि.] मन और शरीर (देह) से संबंधित; मन और शरीर का।

मनोनयन (सं.) [सं-पु.] 1. मनोनीत करना; नियुक्त करना; नामज़द करना 2. पसंद करना; चुनना 3. नामांकन 4. कोई बात या विचार मन में लाना।

मनोनिग्रह (सं.) [सं-पु.] 1. मन को विषय-वासनाओं में रमने से रोकना 2. मन को वश में करना; मनोवृत्तियों पर अंकुश लगाना; मानसिक संयम।

मनोनियोग (सं.) [सं-पु.] 1. किसी कार्य को मन लगाकर करने की क्रिया 2. मन की एकाग्रता 3. (दो या अधिक) हृदयों की एकता।

मनोनीत (सं.) [वि.] 1. चुना हुआ 2. पसंद किया हुआ 3. किसी कार्य या पद आदि के लिए नामज़द या नामांकित 4. मन के अनुकूल।

मनोनुकूल (सं.) [वि.] 1. जो मन के अनुकूल हो; मनोवांछित 2. इच्छित।

मनोबल (सं.) [सं-पु.] 1. मन की शक्ति; आत्मबल; मानसिक बल; आत्मिक शक्ति 2. सामर्थ्य 3. धैर्य।

मनोभव (सं.) [सं-पु.] 1. कल्पना 2. कामदेव; मनोज 3. प्रेम।

मनोभाव (सं.) [सं-पु.] 1. मन में स्थित या जाग्रत भाव, विचार या भावना 2. काव्य भाव 3. वृत्ति।

मनोभावना (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मन की भावना 2. इच्छा; आकांक्षा।

मनोभिराम (सं.) [वि.] मन को भाने वाला; सुंदर; मनोहर; मनोज्ञ।

मनोभूमि (सं.) [सं-स्त्री.] हृदय; दिल।

मनोमय (सं.) [वि.] 1. मन से युक्त 2. मानस; मनोरूप 3. मानसिक; मन संबंधी।

मनोमल (सं.) [सं-पु.] 1. मन का विकार; मन का दूषित भाव या विचार; दुर्भाव 2. वासना 3. रंजिश; द्वेष 4. अज्ञान।

मनोमालिन्य (सं.) [सं-पु.] 1. मन में किसी के प्रति रहने वाली ईर्ष्या या द्वेष का भाव 2. मन-मुटाव; रंजिश; वैर 3. वैमनस्य।

मनोमुग्धकारी (सं.) [वि.] 1. मनमोहक 2. दर्शनीय 3. रोचक।

मनोयोग (सं.) [सं-पु.] 1. मन को किसी कार्य या विषय में एकाग्र करके लगाना 2. ध्यान; साधना।

मनोरंजक (सं.) [वि.] मनोरंजन करने वाला; मन का रंजन करने वाला; मन को बहलाकर प्रसन्न करने वाला।

मनोरंजन (सं.) [सं-पु.] 1. मन का ख़ुश होना; मानसिक प्रसन्नता 2. मन का रंजन; दिल-बहलाव; मनोविनोद; (एंटरटेनमेंट)।

मनोरथ (सं.) [सं-पु.] 1. मन की इच्छा या अभिलाषा 2. मनोकामना; मन्नत 3. संकल्प।

मनोरम (सं.) [वि.] 1. जो मन को भाए; मनोहर; सुंदर; आकर्षक; मोहक 2. कलात्मक 3. रोचक।

मनोरमा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. आकर्षक स्त्री; सुंदरी 2. गौतम बुद्ध की एक शक्ति। [वि.] आकर्षक; सुंदर।

मनोराग (सं.) [सं-पु.] 1. मन में उत्पन्न होने वाला राग या वृत्ति; हृदय का अनुराग 2. आसक्ति; प्रेम; चाहत 3. मानसिक भावना या विचार।

मनोरोग (सं.) [सं-पु.] मानसिक रोग; दिमागी बीमारी।

मनोरोगी (सं.) [सं-पु.] 1. मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति 2. पागल।

मनोवांछित (सं.) [वि.] मन का चाहा हुआ; अभिलषित।

मनोविकार (सं.) [सं-पु.] 1. मन का आवेग; मन की भावना 2. मन में उठने वाला कोई भाव या विचार।

मनोविकृत (सं.) [वि.] मानसिक विकृतिवाला; विकृत मनवाला। [सं-पु.] 1. मानसिक विकारों से ग्रस्त मनुष्य 2. (मनोविज्ञान) व्यवहार और चरित्र के दोषों से युक्त व्यक्ति।

मनोविकृति (सं.) [सं-स्त्री.] मन की विकृति; मानसिक विकारशीलता।

मनोविक्षिप्त (सं.) [सं-पु.] मनोविकार; मनोविकृति; पागलपन।

मनोविज्ञान (सं.) [सं-पु.] वह शास्त्र जिसमें मानव मन की विभिन्न अवस्थाओं, क्रियाओं तथा प्रभावों का विवेचन या अध्ययन किया जाता है।

मनोविज्ञानी (सं.) [सं-पु.] 1. मनोविज्ञान का ज्ञाता 2. मनोविज्ञान संबंधी क्रियाकलापों का अध्ययन करने वाला व्यक्ति।

मनोविद (सं.) [सं-पु.] मनोविज्ञानी; मनोविज्ञान का ज्ञाता।

मनोविनोद (सं.) [सं-पु.] मनोरंजन; मनबहलाव।

मनोविश्लेषण (सं.) [सं-पु.] 1. मन की विभिन्न अवस्थाओं, विचारों आदि की समीक्षा 2. मनोविज्ञान की एक शाखा जिसमें रोगों और विकारों का उपचार संबंधी विश्लेषण किया जाता है।

मनोविहार (सं.) [सं-पु.] मन में विहार करना; मन में विचार करना।

मनोवृत्ति (सं.) [वि.] 1. मन की स्वाभाविक स्थिति जिसके कारण व्यक्ति किसी ओर प्रवृत्त होता या हटता है 2. चित्तवृत्ति; मन के चलने या काम करने का ढंग।

मनोवेग (सं.) [सं-पु.] मन का आवेग; मन का विकार।

मनोवेत्ता (सं.) [सं-पु.] मन की बात जानने वाला व्यक्ति।

मनोवेदना (सं.) [सं-स्त्री.] मन की वेदना; मानसिक दुख।

मनोवैज्ञानिक (सं.) [वि.] 1. मनोविज्ञान का; मनोविज्ञान संबंधी 2. मनोविज्ञान से संबंध रखने वाला। [सं-पु.] मनोविज्ञान का ज्ञाता; मनोविज्ञानवेत्ता।

मनोव्यथा (सं.) [सं-स्त्री.] मन की पीड़ा; मन में होने वाली व्यथा; मानसिक कष्ट; मनस्ताप; वेदना।

मनोव्याधि (सं.) [सं-स्त्री.] मानस रोग; मनोरोग।

मनोहर (सं.) [वि.] 1. सुंदर 2. मन को हरने या भाने वाला; चुराने वाला।

मनोहारी (सं.) [वि.] मन को आकर्षित करने वाला; मन को हरने वाला; सुंदर।

मनोहर्ता (सं.) [वि.] मन को हरने वाला; आकर्षक; सुंदर।

मनौअल [सं-स्त्री.] 1. मन में कोई बात धारण करने की क्रिया या भाव; मन्नत 2. रूठे हुए को मनाने का भाव; मनावन; मनुहार।

मनौती [सं-स्त्री.] 1. मन्नत; मानता 2. मनुहार; मनावन 3. संकल्प।

मन्नत [सं-स्त्री.] किसी विशिष्ट कामना की सिद्धि या अनिष्ट के निवारण पर किसी देवता की पूजा करने का संकल्प; मनौती।

मन्मथ (सं.) [सं-पु.] 1. कामदेव; मदन 2. कैथ का वृक्ष।

मन्यु (सं.) [सं-पु.] 1. ऐसा क्रोध जिससे अत्याचार या दुष्टता को ख़त्म किया जा सकता हो 2. उत्साह; अभिमान; अहंकार 3. दीनता 4. स्वस्थ।

मन्वंतर (सं.) [सं-पु.] 1. युग; कल्प 2. (पुराण) इकहत्तर चतुर्युगी का काल या समय जिसे ब्रह्मा के एक दिन का चौदहवाँ भाग माना जाता है; मनुकाल।

मफ़लर (इं.) [सं-पु.] एक प्रकार का ऊनी वस्त्र जिसका उपयोग कान तथा गले को ठंड से बचाने के लिए किया जाता है; गुलूबंद।

ममटी [सं-स्त्री.] 1. पहरे के लिए छत के ऊपर बनी मीनार 2. गुमटी।

ममता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बच्चे के प्रति माँ का प्रेम या स्नेह 2. किसी चीज़ को अपना समझना; अपनापन 3. मन में होने वाला किसी प्रकार का लोभ या मोह।

ममत्व (सं.) [सं-पु.] 1. 'मेरा' का भाव; ममता 2. प्रेम; स्नेह 3. मोह या लोभ 4. आत्मीयता; अपनापन।

ममिया [पूर्वप्रत्य.] 1. रिश्ते में मामा के स्थान का, जैसे- ममिया ससुर, ममिया सास आदि 2. पति या पत्नी का मामा; ममेरा।

ममी (इं‍) [सं-स्त्री.] तेल अथवा रसायनों का लेप आदि लगाकर सुरक्षित रूप से रखा शव।

ममीरा (अ.) [सं-पु.] एक पौधा जिसकी जड़ से आँख के रोगों की दवा बनाई जाती है।

ममेरा [वि.] मामा संबंधी, जैसे- ममेरा भाई।

मम्मी [सं-स्त्री.] माँ; माता।

मय (फ़ा.) [सं-स्त्री.] मद्य; मदिरा।

मयंक (सं.) [सं-पु.] चंद्रमा; कला-निधि।

मयकदा (फ़ा.) [सं-पु.] शराब पीने का स्थान; मदिरालय; मयख़ाना।

मयकश (फ़ा.) [सं-पु.] शराब पीने वाला; शराबी; मद्यप।

मयकशी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] शराब पीना; मद्यपान; मयनोशी; मयख़्वारी।

मयख़ाना (फ़ा.) [सं-पु.] मदिरालय; शराबख़ाना; मधुशाला।

मयगल (सं.) [सं-पु.] मस्त हाथी; मत्त हाथी।

मयमंत (सं.) [वि.] मस्त; मदमस्त; मयमत्त।

मयी (सं.) [परप्रत्य.] शब्द के अंत में लगने वाला प्रत्यय जो 'भरा हुआ' या 'से युक्त' का अर्थ देता है, जैसे- स्नेहमयी; करुणामयी आदि।

मयूख (सं.) [सं-पु.] 1. किरण; रश्मि 2. प्रकाश; रोशनी 3. ज्वाला; लपट 4. दीप्ति; आभा; चमक 5. शोभा 6. मधु; शहद 7. कील; काँटा।

मयूखहिम (सं.) [सं-पु.] 1. चंद्रमा 2. हिमकर।

मयूखी (सं.) [वि.] आभावान; चमकीला; दीप्तिमान।

मयूर (सं.) [सं-पु.] 1. मोर नामक पक्षी 2. मयूर-शिखा नामक क्षुप।

मयूरी (सं.) [सं-स्त्री.] मोरनी; मादा मोर।

मरकज़ (अ.) [सं-पु.] 1. केंद्र; बीच का स्थान; मध्य का स्थान; वृत्त या दायरे का मध्य बिंदु 2. कुछ विशिष्ट अक्षरों के ऊपर लगने वाली तिरछी पाई 3. सदर मुकाम; मुख्य स्थान।

मरकज़ी (अ.) [वि.] 1. केंद्रीय; केंद्र संबंधी 2. (संस्था या शासन) मुखिया; प्रधान।

मरकत (सं.) [सं-पु.] पन्ना; नौ प्रकार के रत्नों में से एक जो हरे रंग का होता है।

मरखना [वि.] 1. जल्दी क्रोध में आकर सींग मारने के स्वभाववाला (बैल, साँड़ आदि पशु) 2. गुस्से में आकर मारने-पीटने वाला।

मरघट [सं-पु.] श्मशान; वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाए जाते हैं।

मरज़ (अ.) [सं-पु.] दे. मर्ज़।

मरजिया [सं-पु.] गोताख़ोर; समुद्र तल पर पड़ी हुई वस्तु निकालने वाला व्यक्ति। [वि.] 1. मरकर जीने वाला 2. मृतप्राय 3. जो मरने-जीने का प्रवाह न करता हो।

मरज़ी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मन को अच्छा लगने का भाव; इच्छा; अभिलाषा; आकांक्षा; ख़्वाहिश 2. रुचि; पसंद; अभिरुचि 3. वह मनोवृत्ति जो किसी बात या वस्तु की प्राप्ति की ओर ध्यान ले जाती है।

मरण (सं.) [सं-पु.] 1. शरीर से प्राण निकल जाने के बाद की अवस्था; मृत्यु; निधन; देहांत 2. (काव्यशास्त्र) एक संचारी भाव।

मरणधर्मा (सं.) [सं-पु.] 1. मरने वाला; मरणशील 2. नश्वर; नाशवान।

मरणशील (सं.) [वि.] 1. मरने वाला; मरणधर्मा 2. नश्वर; नाशवान।

मरणांतक (सं.) [वि.] 1. जानलेवा; कातिलाना; घातक; प्राणघातक 2. जिसका अंत मृत्यु हो 3. जिससे जान जा सकती हो या जान लेने वाला।

मरणासन्न (सं.) [वि.] 1. जो मरने वाला हो; जो मृत्यु के समीप हो 2. अंतकालीन; आसन्न मृत्यु 3. क्षयशील; ह्रासशील 4. बेजान; मृतप्राय; मृतवत।

मरणीय (सं.) [वि.] 1. मरने वाला; मर्त्य 2. जो मरने को हो; मरणशील।

मरणैषणा (सं.) [सं-स्त्री.] मरने की इच्छा; मरण कामना; मरणाशंसा।

मरणोत्तर (सं.) [वि.] 1. किसी की मृत्यु के बाद का 2. किसी के मरने के उपरांत होने वाला; (पास्ट्युमस)।

मरणोन्मुख (सं.) [वि.] 1. जो मरने को हो; मरणासन्न 2. जो मर रहा हो 3. जर्जर वृद्ध।

मरणोपरांत (सं.) [क्रि.वि.] मृत्यु के उपरांत। [वि.] मरने के बाद का; मरणोत्तर।

मरतबा (अ.) [सं-पु.] दे. मर्तबा।

मरदना (सं.) [क्रि-स.] 1. मलना; मसलना; रौंदना 2. नष्ट करना; सताना 3. गूँथना।

मरदानगी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. पौरुष; मरदानापन 2. साहस; हिम्मत 3. बहादुरी; वीरता; शूरमा।

मरदाना (फ़ा.) [वि.] 1. मर्दों का; पुरुष संबंधी; पुरुषोचित 2. जवाँमर्द 3. बहादुर। [अव्य.] मर्दों की तरह; पुरुषोचित प्रकार से।

मरदुम (फ़ा.) [सं-पु.] 1. आदमी; मनुष्य; मानव 2. जनता; जनसाधारण 3. आँख की पुतली।

मरदूद (अ.) [वि.] 1. रद्द किया हुआ; निष्कासित 2. बहिष्कृत; तिरस्कृत 3. नीच; निकम्मा।

मरना [क्रि-अ.] 1. मृत्यु को प्राप्त होना 2. नष्ट होना; ख़त्म होना 3. कुम्हला जाना 4. शरीर से प्राण निकलना 5. मरने का-सा कष्ट उठाना 6. {ला-अ.} आसक्त होना; रीझना; मोहित होना। [मु.] किसी पर मरना : आसक्त होना। मर मिटना : न्योछावर होना।

मरमर (फ़ा.) [सं-पु.] एक तरह का सफ़ेद पत्थर।

मरमरा [सं-पु.] एक प्रकार का पक्षी। [वि.] सहज में टूट जाने वाला।

मरमराना [क्रि-स.] थोड़ा दबाने पर 'मरमर' की आवाज़ करना; खड़खड़ाना। [क्रि-अ.] 'मरमर' ध्वनि होना।

मरमराहट [सं-स्त्री.] पेड़ की डाल आदि के टूटने की आवाज़; चरमराहट।

मरम्मत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. टूटा-फूटा ठीक करने का काम 2. {ला-अ.} मार; आघात; पिटाई; शारीरिक दंड।

मरम्मती [वि.] मरम्मत संबंधी; मरम्मत करने लायक।

मरसिया (अ.) [सं-पु.] 1. शोकगीत; मृत व्यक्ति का गुणगान 2. मातम; सियापा।

मरहबा (अ.) [अव्य.] 1. शाबाश; धन्य 2. अच्छा।

मरहम (अ.) [सं-पु.] 1. औषधियों से बना वह गाढ़ा और चिकना लेप जो घाव आदि पर लगाया जाता है 2. घाव की दवा। [मु.] -लगाना : राहत पहुँचाना।

मरहमपट्टी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. घाव पर मरहम लगाकर पट्टी बाँधने का कार्य 2. जख़्म का इलाज।

मरहला (अ.) [सं-पु.] 1. मंज़िल; पड़ाव; ठिकाना 2. विकट कार्य; कठिन कार्य; झमेला 3. दरज़ा।

मरहूम (अ.) [वि.] 1. जो मर गया हो; स्वर्गवासी; दिवंगत 2. जो रेहन या बंधक रखा गया हो 3. माफ़ किया हुआ; बख़्शा हुआ।

मरा [वि.] 1. मरा हुआ; मृत 2. निराश; हतोत्साहित।

मराठा (सं.) [सं-पु.] महाराष्ट्र राज्य का निवासी।

मराठी (सं.) [सं-स्त्री.] महाराष्ट्र राज्य की भाषा। [वि.] मराठों का; मराठों से संबंध रखने वाला।

मराना [क्रि-स.] किसी को ख़त्म कराना; हत्या करवाना।

मराल (सं.) [सं-पु.] 1. राजहंस 2. घोड़ा 3. हाथी 4. अनार का बाग 5. काजल 6. बादल; मेघ।

मरियम (अ.) [सं-स्त्री.] 1. ईसा मसीह की माता का नाम 2. कुमारी कन्या।

मरियल [वि.] अत्यंत दुर्बल; बहुत दुर्बल या दुबला और कमज़ोर; बे-दम।

मरी [सं-स्त्री.] 1. किसी संक्रामक बीमारी या महामारी से कई दिनों तक लोगों के मरने का चलने वाला क्रम 2. मृत्यु।

मरीचिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रकाशभ्रम; रेगिस्तान में जल का आभास होना 2. मृगतृष्णा; कांति।

मरीचिन (सं.) [सं-पु.] 1. सूर्य; भानु 2. चंद्रमा।

मरीचिमाली (सं.) [सं-पु.] सूर्य; दिनकर।

मरीची (सं.) [सं-पु.] 1. सूर्य; भानु 2. चंद्रमा।

मरीज़ (अ.) [सं-पु.] रोगी; बीमार; अस्वस्थ।

मरु (सं.) [सं-पु.] 1. मरुभूमि; मरुस्थल 2. निर्जन; बियावान 3. रेतीली ज़मीन 4. ऐसी भूमि जहाँ जल न हो 5. मारवाड़ देश 6. मरुआ नामक पौधा।

मरुंडा [सं-पु.] भुने गेहूँ को गुड़ में पागकर बनाया जाने वाला लड्डू। [वि.] मरोड़ा हुआ; तोड़-मरोड़कर कर विकृत किया हुआ। [सं-स्त्री.] ऊँचे माथे वाली स्त्री।

मरुआ (सं.) [सं-पु.] 1. तुलसी की तरह का एक मंजरीदार पुष्प तथा सुंगंधित पत्तियों वाला पौधा 2. हिंडोले में ऊपर की वह मज़बूत लकड़ी जिसमें झूले की रस्सियाँ बाँधी जाती हैं।

मरुत (सं.) [सं-पु.] 1. हवा; वायु 2. देवता 3. सोना 4. मरुआ 5. प्राण 6. सौंदर्य।

मरुत्वान (सं.) [सं-पु.] 1. इंद्र; सुरपति 2. हनुमान।

मरुद्वीप (सं.) [सं-पु.] 1. किसी मरुस्थल में उपजाऊ और हरा-भरा स्थान; (ओएसिस) 2. नख़लिस्तान।

मरुभूमि (सं.) [सं-पु.] 1. रेगिस्तान; मरूस्थल 2. रेतीली भूमि।

मरुस्थल (सं.) [सं-पु.] 1. रेगिस्तान; मरूभूमि 2. रेतीली भूमि।

मरोड़ [सं-स्त्री.] 1. मरोड़ने की क्रिया 2. ऐंठन 3. मरोड़ने से पड़ने वाला बल 4. घुमाव-फिराव; चक्कर 5. {ला-अ.} कपट; क्षोभ। [मु.] -खाना : उलझन में पड़ना।

मरोड़ना [क्रि-स.] 1. तनाव में लाना 2. घुमाना 3. ऐंठना 4. मसलना 5. {ला-अ.} दुख पहुँचाना; पीड़ा देना।

मर्कट (सं.) [सं-पु.] 1. वानर; बंदर 2. मकड़ा 3. (कामशास्त्र) संभोग का एक आसन या रतिबंध 4. (काव्यशास्त्र) छंद का एक भेद।

मर्चेंट (इं.) [सं-पु.] 1. व्यापारी; सौदागर; ताजिर 2. बनिया 3. महाजन। [वि.] व्यापारिक; तिजारती।

मर्ज़ (अ.) [सं-पु.] 1. रोग; बीमारी; व्याधि 2. बुरी आदत; लत 4. दुख।

मर्ज़ी (अ.) [सं-स्त्री.] दे. मरज़ी।

मर्तबा (अ.) [सं-पु.] 1. बार; दफ़ा 2. पद; पदवी।

मर्तबान [सं-पु.] घी और अचार आदि खाद्य पदार्थ रखने का काँच या चीनी मिट्टी का बरतन।

मर्त्य (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य; मानव; प्राणी 2. शरीर। [वि.] 1. नश्वर 2. मरने वाला; मरणशील।

मर्त्यलोक (सं.) [सं-पु.] मनुष्य लोक; भूलोक; वह संसार जिसमें सभी को अंत में मरना पड़ता है।

मर्द (फ़ा.) [सं-पु.] 1. नर; पुरुष 2. पति। [वि.] वीर तथा साहसी।

मर्दक (सं.) [वि.] 1. मर्दन करने वाला 2. रौंदने वाला; मसलने वाला 3. तोड़ने वाला।

मर्दन (सं.) [सं-पु.] 1. मलना; रगड़ना 2. कुचलना; मसलना 3. नाश करना 4. चूर्ण करना 5. घोंटना।

मर्दबाज़ (फ़ा.) [वि.] कई मर्दों से संबंध रखने वाली (स्त्री)।

मर्दवादी (फ़ा.+सं.) [वि.] 1. जिसमें मर्द या पुरुष का प्रभुत्व हो; पितृसत्तात्मक; पुरुषवादी 2. जिसमें पुरुष होने का अभिमान झलकता हो 3. स्त्रियों को कमतर या द्वितीय स्तर का आँकने की मानसिकतावाला; सामंती।

मर्दानगी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] दे. मरदानगी।

मर्दाना (फ़ा.) [सं-पु.] दे. मरदाना।

मर्दित (सं.) [वि.] 1. जिसका मर्दन किया गया हो 2. रौंदा हुआ 3. मला हुआ; कुचला हुआ।

मर्दी [सं-स्त्री.] 1. मनुष्यता; पौरुष 2. पुंसत्व; मरदानगी 3. कामशक्ति; यौनक्षमता 4. वीरता।

मर्दुआ (फ़ा.) [सं-पु.] 1. तुच्छ व्यक्ति 2. गैर मर्द; जार 3. व्यंग्य या गाली के रूप में पुरुष के लिए प्रयोग किया जाने वाला उपेक्षासूचक शब्द।

मर्म (सं.) [सं-पु.] 1. भेद; रहस्य 2. स्वरूप 3. गूढ़ अर्थ 4. किसी बात के अंदर छिपा हुआ तत्व।

मर्मग्राही (सं.) [वि.] 1. मर्म को ग्रहण करने वाला; मर्मज्ञ; मर्मभेदी 2. तत्वज्ञ; गुणग्राही 3. रहस्य जानने वाला 4. बात को समझने वाला।

मर्मघाती (सं.) [वि.] 1. मर्म पर आघात करने वाला 2. हृदय को ठेस लगाने वाला; आंतरिक कष्ट पहुँचाने वाला; दिल दुखाने वाला 3. दुखद।

मर्मघ्न (सं.) [वि.] 1. मर्म को चोट पहुँचाने वाला; दिल दुखाने वाला 2. बहुत कष्टदायी।

मर्मज्ञ (सं.) [वि.] 1. किसी बात का गूढ़ रहस्य जानने वाला; मर्मभेदी; तत्वज्ञ 2. भेद की बात जानने वाला 3. तीव्र और नुकीला 4. किसी ग्रंथ या सिद्धांत का गूढ़ अर्थ जानने वाला।

मर्मभेद (सं.) [सं-पु.] 1. मर्मस्थल पर किया जाने वाला आघात 2. दूसरे के रहस्य या किसी गूढ़ बात का उद्घाटन 3. किसी की दुर्बलताओं को प्रकट करना 4. मन की बात का खुलासा।

मर्मभेदक (सं.) [वि.] 1. हृदय विदारक 2. मर्मस्थल को छेदने वाला; मर्मवेधी 3. अतिदुखद।

मर्मभेदी (सं.) [वि.] 1. मर्म पर आघात करने वाला; मर्मस्थल को छेदने वाला 2. अतिदुखद 3. दिल को लगने वाला; मन को बहुत कष्ट देने वाला।

मर्मरित (सं.) [वि.] जिससे मर्मर ध्वनि हो रही हो; मर्मर करता हुआ।

मर्मवचन (सं.) [सं-पु.] 1. गूढ़ बात; उपदेश 2. वह बात या वचन जो मर्म को प्रभावित करने वाला हो; मार्मिक कथन।

मर्मवाक्य (सं.) [सं-पु.] 1. रहस्य या भेद की बात 2. हृदय को भेदने वाली बात; मर्मवचन 3. गूढ़ बात; उपदेश।

मर्मस्थल (सं.) [सं-पु.] 1. शरीर का वह कोमल भाग जहाँ चोट लगना व्यक्ति के लिए घातक होता है; मर्मस्थान, जैसे- कपाल, अंडकोश आदि 2. जीवनस्थान 3. वह भावप्रवण स्थल जिसपर आक्षेप या आघात मनुष्य को विकल करता हो या मानसिक कष्ट देता हो; हृदय।

मर्मस्थान (सं.) [सं-पु.] शरीर का वह कोमल स्थान जहाँ प्रहार होना व्यक्ति के लिए घातक होता है; मर्मस्थल, जैसे- कपाल, हृदय, अंडकोश आदि।

मर्मस्पर्शी (सं.) [वि.] दिल को लगने वाला; दिल पर प्रभाव डालने वाला; हृदयस्पर्शी।

मर्मांग (सं.) [सं-पु.] शरीर के वे अंग जिन पर आघात होने से बहुत पीड़ा होती है और व्यक्ति मर भी सकता है; मर्मस्थल; मर्मबिंदु, जैसे- हृदय, गला, कपाल (सिर), अंडकोश आदि।

मर्मांतक (सं.) [वि.] मर्मस्थल को छेदने वाला; बहुत पीड़ा पहुँचाने वाला।

मर्माघात (सं.) [सं-पु.] 1. मर्मस्थल पर होने वाला आघात 2. हृदय पर लगने वाली चोट 3. {ला-अ.} अतिकष्टदायक बात।

मर्माहत (सं.) [वि.] 1. जिसके मर्म पर आघात किया गया हो 2. जिसके हृदय पर कड़ी चोट पहुँची हो 3. जिसके मन को किसी घटना या बात से बहुत कष्ट हुआ हो; भग्नहृदय।

मर्मी (सं.) [वि.] 1. मर्म या तत्व जानने वाला; मर्मज्ञ; तत्वज्ञ 2. जो गुप्त बातों को जानता हो; रहस्य जानने वाला।

मर्मोक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. गूढ़ या गहरी बात; मन को प्रभावित करने वाली बात 2. मार्मिक उक्ति या वाक्य।

मर्यादा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सीमा; हद; अंत; छोर 2. परंपरा आदि द्वारा निर्धारित सीमा; आचार सीमा 3. लोकप्रचलित शिष्ट व्यवहार और उसके नियम; लोकाचार 4. गौरव; प्रतिष्ठा; मान।

मर्यादावादी (सं.) [वि.] 1. मर्यादा में रहने वाला; सीमा के भीतर रहने वाला 2. मर्यादा का पालन करने वाला; मर्यादाशील 3. मर्यादा संबंधी; मर्यादापूर्ण 4. गंभीर; नियंत्रित।

मर्यादाहीन (सं.) [वि.] जिसने किसी भी प्रकार की मर्यादा का परित्याग कर दिया हो; मर्यादारहित; स्वेच्छाचारी।

मर्यादित (सं.) [वि.] 1. किसी प्रकार की सीमा या मर्यादा में रहने और उसका उल्लंघन न करने वाला 2. जो अपनी मर्यादा या सीमा के अंदर हो 3. जिसकी सीमा या हद निश्चित हो; जो अपनी सीमा या मर्यादा में रहा हो 4. प्रतिष्ठित 5. सीमित।

मर्ष (सं.) [सं-पु.] 1. क्षमा; माफ़ी; शांति 2. सहनशीलता; धीरज; धैर्य।

मर्षण (सं.) [सं-पु.] 1. क्षमा करना; माफ़ी 2. किसी प्रकार के कष्ट या अन्याय को धैर्यपूर्वक सहने की क्रिया या भाव; (सफ़रेंस) 3. वह अभ्यास या शक्ति जिससे कोई व्यक्ति असाधारण या कष्टदायक स्थिति को सहता है 4. रगड़ना। [वि.] 1. विनाश करने वाला 2. दूर करने वाला।

मल (सं.) [सं-पु.] 1. मैल; गंदगी 2. गुह; विष्ठा 3. {ला-अ.} पाप; दुर्गुण; बुराई 4. {ला-अ.} मनोविकार। [वि.] 1. गंदा; मलिन 2. दुष्ट।

मलंग (फ़ा.) [सं-पु.] 1. निश्चिंत तथा मस्त व्यक्ति 2. एक प्रकार का मुसलमान फ़कीर (साधु) जो निश्चिंत तथा मस्त रहते हैं। [वि.] 1. मनमौजी 2. बेपरवाह।

मलकन [सं-स्त्री.] मलकने या हिलने-डुलने की क्रिया या भाव।

मलकना [क्रि-अ.] 1. हिलना-डुलना 2. इठलाना; इतराना 3. मटकना 4. चमकना। [क्रि-स.] 1. तिरछी नज़र से देखना 2. आँखें नचाना या मटकाना 3. मचमचाना।

मलका (अ.) [सं-स्त्री.] 1. महारानी; मल्लिका 2. रानी 3. रूपवती स्त्री। [सं-पु.] 1. प्रतिभा; बुद्धि की विलक्षणता 2. अभ्यास से प्राप्त निपुणता; दक्षता।

मलकाना1 [क्रि-अ.] इतराना, बना-बनाकर बातें करना। [क्रि-स.] 1. हिलाना-डुलाना 2. विचलित करना।

मलकाना2 (अ.) [सं-पु.] मुसलमानों की एक जाति जो पहले राजपूत थी।

मलत्याग (सं.) [सं-पु.] शौच करने की क्रिया; कोष्ठशुद्धि; मलविसर्जन।

मलद्वार (सं.) [सं-पु.] वह इंद्रिय जिससे शरीर के भीतर का मल बाहर निकलता है; गुदा; गाँड़।

मलना [क्रि-स.] 1. हाथ से रगड़ना; मसलना; मालिश करना 2. मरोड़ना।

मलबा [सं-पु.] 1. ध्वस्त इमारत आदि की टूटी-फूटी ईंटों तथा मिट्टी, पत्थर आदि का ढेर 2. कूड़ा-करकट।

मलमल (सं.) [सं-स्त्री.] एक प्रकार का बढ़िया महीन सूती कपड़ा।

मलमास (सं.) [सं-पु.] प्रति तीसरे वर्ष पड़ने वाला वह बढ़ा हुआ या अधिक चंद्र मास जो दो संक्रांतियों के बीच में पड़ता है (चंद्रगणना के अनुसार प्रायः तीसरे या चौथे वर्ष बारह की जगह तेरह महीने भी होते हैं। यही तेरहवाँ महीना, जो वर्ष के बीच में पड़ता है, अधिमास, अधिक मास, मलमास या पुरुषोत्तम कहलाता है)।

मल-मूत्र (सं.) [सं-पु.] विष्ठा; गू और पेशाब।

मलय (सं.) [सं-पु.] 1. दक्षिण भारत की एक पर्वत शृंखला; मलयगिरि 2. चंदन।

मलयगिरि (सं.) [सं-पु.] 1. दक्षिण भारत का मलय पर्वत 2. उक्त पर्वत पर होने वाला चंदन। [वि.] भूरापन लिए हुए लाल रंग का।

मलयज (सं.) [सं-पु.] 1. चंदन 2. राहु नामक ग्रह। [वि.] मलय पर्वत पर उत्पन्न।

मलयाचल (सं.) [सं-पु.] मलय पर्वत; मलयगिरि।

मलयानिल (सं.) [सं-पु.] 1. मलय पर्वत की ओर से आने वाली हवा; मलय समीर; शुद्ध हवा 2. चंदन की सुगंध वाली हवा 3. वसंत ऋतु की सुखद हवा 4. दक्षिणी पवन।

मलयालम [सं-स्त्री.] केरल में बोली जाने वाली भाषा।

मलयुग (सं.) [सं-पु.] कलियुग।

मलशुद्धि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पेट या आँतों में रुके हुए मल का बाहर निकलना; मलत्याग 2. पेट साफ़ होना।

मलहम (अ.) [सं-पु.] दे. मरहम।

मलाई [सं-स्त्री.] 1. दूध को खौला कर ठंड़ा करने पर दूध के ऊपर बनने वाली मोटी गाढ़ी परत; दही की ऊपरी मोटी गाढ़ी परत; साढ़ी (छाली) 2. मलने की क्रिया 3. मलने की मज़दूरी या पारिश्रमिक।

मलाईदार (हिं.+फ़ा.) [वि.] 1. मलाईयुक्त 2. जिसमें लाभ या फ़ायदा हो।

मलाका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कामुक स्त्री; कामिनी 2. वेश्या 3. दूती 4. मादा हाथी; हथिनी।

मलामत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. डाँट-फटकार 2. भर्त्सना; निंदा 3. गंदगी 4. दूषित और हानिकारक अंश।

मलाल (अ.) [सं-पु.] 1. खेद; रंज 2. उदासीनता; दुख 3. प्रायश्चित। [मु.] -आना : किसी की ओर से चित्त का खिन्न हो जाना।

मलावरोध (सं.) [सं-पु.] पेट में मल रुकने का रोग; कोष्ठबद्धता; कब्ज़; (कॉन्स्टिपेशन)।

मलाशय (सं.) [सं-पु.] 1. शरीर में मल इकट्ठा होने का स्थान 2. बड़ी आँत का निचला भाग।

मलिंग [सं-पु.] भ्रमर; भौंरा।

मलिक (अ.) [सं-पु.] 1. बादशाह; महाराज; राजा 2. पाकिस्तान सीमा से सटे क्षेत्र तथा पंजाब के मुसलमानों की एक सम्मानजनक उपाधि; मुसलमानों की एक जाति 3. पंजाब में रहने वाले हिंदुओं की एक जाति 4. एक कुलनाम या सरनेम।

मलिका (फ़ा.) [सं-स्त्री.] दे. मलका।

मलिन (सं.) [वि.] 1. मलयुक्त; मैला 2. ख़राब; बुरा 3. उदास 4. धूमिल; बदरंग 5. मंद; मद्धिम 6. पापी।

मलिनता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मलिन होने की अवस्था या भाव 2. गंदगी 3. अशुद्धता; मैलापन।

मलिनप्रभ (सं.) [वि.] 1. जिसका तेज मंद पड़ चुका हो 2. जिसकी कीर्ति नष्ट हो चुकी हो 3. वैभवहीन।

मलीदा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. चूरमे जैसा एक पकवान 2. हाथियों को खिलाया जाने वाला गुड़ मिश्रित आटा 3. एक प्रकार का बहुत मुलायम ऊनी कपड़ा।

मलूक (अ.) [वि.] मनोहर; सुंदर। [सं-पु.] 1. एक पक्षी 2. एक कीड़ा।

मलेरिया (इं.) [सं-पु.] एक प्रकार का ज्वर जो विषैले मादा एनोफ़िलेज़ मच्छर के काटने से उत्पन्न होता है; जूड़ी ताप; बुख़ार।

मलोत्सर्ग (सं.) [सं-पु.] 1. मल का उत्सर्जन करना 2. मलत्याग।

मलोला (अ.) [सं-पु.] 1. मानसिक दुख; रंज; पछतावा 2. ऐसी मनोकामना जो व्याकुल कर देती हो; उत्कट इच्छा; अरमान।

मल्टीनैशनल (इं.) [वि.] जिसका विस्तार अनेक देशों में हो; जिसमें अनेक राष्ट्र सम्मिलित हों; बहुराष्ट्रीय।

मल्टीमीडिया (इं.) [सं-पु.] 1. मिश्रित संपर्क-साधनों अर्थात शब्द, चित्र तथा ध्वनि के साथ होने वाला संचार; बहुमाध्यमी 2. कंप्यूटर प्रणाली में ध्वनि और दृश्य-छवियों का मिश्रित रूप 3. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे- कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन आदि की सहायता से जन-जन के बीच सूचना एवं मनोरंजन उपलब्ध कराने वाली तकनीक या तकनीकों का समूह 4. प्रिंट और इलेक्टॉनिक मीडिया की प्रसार-प्रणाली।

मल्ल (सं.) [सं-पु.] 1. कुश्ती लड़ने वाला पहलवान 2. बुद्धकालीन सोलह महाजनपदों में से एक 3. क्षत्रिय समाज में एक कुलनाम या सरनेम। [वि.] बलिष्ठ; बलवान।

मल्लयुद्ध (सं.) [सं-पु.] द्वंद्व युद्ध; बाहुयुद्ध; कुश्ती।

मल्लार (सं.) [सं-पु.] (संगीत) वर्षा ऋतु में गाया जाने वाला एक राग; मलार।

मल्लाह (अ.) [सं-पु.] केवट; माँझी; नाविक।

मल्लाही (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मल्लाह का काम या कार्य; मल्लाह का पद 2. मल्लाह की मज़दूरी 3. नाव का भाड़ा 4. तैरने की एक विधा 5. उक्त ढंग से तैरने की क्रिया। [वि.] मल्लाह का; मल्लाह संबंधी।

मल्लिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. चमेली 2. मोतिया 3. एक प्रकार का फूल; बेला 4. (काव्यशास्त्र) एक छंद का नाम।

मल्हारना (सं.) [क्रि-स.] पुचकारना; चुमकारना; दुलारना।

मवाद (अ.) [सं-पु.] घाव या फोड़े की पीब; (पस)।

मवाली [सं-पु.] 1. दक्षिण भारत की एक जाति 2. उक्त जाति का व्यक्ति 3. चोर-उचक्का।

मवास [सं-पु.] 1. किला; दुर्ग; गढ़ 2. रक्षा या शरण का स्थान 3. आश्रय-स्थान 4. कुछ समय के लिए किसी स्थान पर ठहरना; बसेरा।

मवासी [सं-स्त्री.] छोटा गढ़ या किला। [सं-पु.] 1. गढ़पति; किलेदार 2. सरदार; मुखिया। [वि.] मवास या दुर्ग संबंधी; किले का।

मवेशी (अ.) [सं-पु.] चौपाया जानवर; दूध देने वाले पालतू जानवर; ढोर।

मवेशीख़ाना (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. मवेशियों के रहने का स्थान; पशुशाला 2. पशुबंदी गृह; काँजी हाउस।

मशक1 (सं.) [सं-पु.] 1. मच्छर 2. शरीर पर होने वाला मस्सा 3. शाकद्वीप में स्थित एक प्रदेश।

मशक2 (फ़ा.) [सं-स्त्री.] बकरी या भेड़ के चमड़े से बनी थैली जिससे भिश्ती पानी भरते हैं।

मशकूक (अ.) [वि.] संदिग्ध; जिसपर शक किया जा रहा हो।

मशक्कत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. कठोर श्रम; कड़ी मेहनत; परिश्रम 2. कष्ट; दुख।

मशगला (अ.) [सं-पु.] 1. दिल-बहलाव का काम 2. शौक 3. शगल; काम।

मशगूल (अ.) [वि.] किसी काम में लगा हुआ; कार्यरत; व्यस्त।

मशवरा (अ.) [सं-पु.] परामर्श; सलाह; मंत्रणा।

मशविरा (अ.) [सं-पु.] दे. मशवरा।

मशहूर (अ.) [वि.] प्रख्यात; प्रसिद्ध; विख्यात; नामी; जिसकी शोहरत हो।

मशाल (अ.) [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार की मोटी बत्ती जो लकड़ी पर कपड़ा लपेटकर बनाई और अधिक प्रकाश के लिए जलाई जाती है 2. {ला-अ.} विरोध; क्रांति।

मशालची (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] मशाल दिखाने या जलाने वाला व्यक्ति; वह व्यक्ति जो जलती हुई मशाल लेकर दिखलाता हुआ चलता है।

मशीन (इं.) [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार का यंत्र; कल 2. इंजन।

मशीनगन (इं.) [सं-स्त्री.] एक चक्राकार बंदूक जिसे चलाने पर लगातार सैकड़ों गोलियाँ निकलती हैं।

मशीनरी (इं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी कारखाने की मशीनों का समूह; यंत्र-समष्टि 2. कलपुरज़े; उपकरण।

मशीनी (इं.) [वि.] 1. यंत्रवत 2. यंत्रशास्त्र संबंधी 3. यंत्र संबंधी 4. अपने आप होने वाला।

मशीनीकरण (इं.+सं.) [सं-पु.] 1. यंत्रीकरण 2. कार्य को मनुष्य-बल के स्थान पर मशीनों से करवाने की व्यवस्था कर देना।

मश्क (अ.) [सं-स्त्री.] 1. बार-बार करते रहने पर होने वाला किसी काम का अभ्यास।

मष्ट (सं.) [वि.] 1. जो भूल गया हो 2. संस्कारशून्य 3. मौन; चुप।

मस1 (सं.) [सं-पु.] तौल; माप। [सं-स्त्री.] 1. मूँछ निकलने की आरंभिक अवस्था जो बालों की हलकी रेखा के रूप में होती है; रोमावली।

मस2 (अ.) [सं-पु.] 1. स्पर्श करना; छूना 2. स्पर्श करने या छूने की शक्ति 3. संभोग; स्त्री-गमन।

मसक [सं-पु.] 1. मसकने की क्रिया या भाव; तनाव या दबाव के कारण कपड़े आदि का किसी स्थान विशेष पर थोड़ा विरल होना या फैल जाना 2. किसी चीज़ के मसकने के कारण उस पर पड़ने वाला निशान।

मसकना [क्रि-अ.] 1. तनाव या दबाव के कारण किसी कपड़े का तार-तार हो जाना या फट जाना 2. {ला-अ.} मन का दुखी होना; विवशता महसूस करना। [क्रि-स.] 1. तानकर फ़ाड़ना 2. तोड़ना।

मसका (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मक्खन; नवनीत 2. दही का पानी।

मसख़रा (अ.) [सं-पु.] 1. बहुत हँसी-मज़ाक करने वाला व्यक्ति; हँसोड़; ठट्ठेबाज़ 2. विनोद प्रिय या परिहास प्रिय व्यक्ति 3. विदूषक 4. वह जो दूसरों की नकल उतारता हो; नक्काल।

मसख़री (अ.) [सं-स्त्री.] 1. वह क्रिया या बात जिसका उद्देश्य दूसरों को हँसाना हो 2. ठट्ठा; दिल्लगी 3. मसख़रापन।

मसजिद (अ.) [सं-पु.] मस्जिद।

मसनद (अ.) [सं-पु.] 1. लंबी बेलनाकार तकिया; गावतकिया 2. उक्त प्रकार की तकिया लगा कर बैठने की जगह 3. अमीरों के बैठने की गद्दी।

मसनवी (अ.) [सं-स्त्री.] (उर्दू साहित्य) वह कविता जिसमें दो-दो चरण एक साथ रहते हैं और दोनों में तुकांत मिलाया जाता है।

मसना [क्रि-स.] 1. मसलना 2. गूँधना।

मसनूई (अ.) [वि.] 1. बनावटी; अप्राकृतिक; कृत्रिम 2. मिथ्या; पाखंडपूर्ण।

मसरफ़ (अ.) [सं-पु.] 1. ख़र्च करने की जगह, मौका या अवसर 2. व्यवहार या काम में आना; उपयोग 3. प्रयोजन।

मसरू [सं-पु.] एक प्रकार का धारीदार कपड़ा जो रेशम और सूत से बुना जाता है।

मसरूफ़ (अ.) [वि.] 1. व्यस्त 2. काम में लगा हुआ; मशगूल 3. संलग्न 4. जो ख़र्च किया गया हो।

मसरूफ़ियत (अ.) [सं-स्त्री.] मसरूफ़ होने की अवस्था या भाव; व्यस्तता।

मसल (अ.) [सं-स्त्री.] कहावत; मिसाल; लोकोक्ति।

मसलन1 [सं-स्त्री.] 1. मसलने की क्रिया या भाव 2. रगड़ने का भाव; मर्दन 3. स्पर्श।

मसलन2 (अ.) [क्रि.वि.] 1. उदाहरणस्वरूप; उदाहरणार्थ 2. मिसाल के तौर पर।

मसलना [क्रि-स.] 1. किसी नरम चीज़ को हथेली या उँगलियों से दबाते हुए रगड़ना; मलना 2. गूँथना; सानना 3. किसी चीज़ को ज़ोर से टूटने तक दबाना।

मसलहत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. ऐसी गुप्त युक्ति अथवा छिपी हुई भलाई जो सहसा ऊपर से देखने से जानी न जा सके; अप्रकट शुभ हेतु 2. हितकर परामर्श; उचित सलाह 3. हित; भलाई 4. नीति।

मसलहतन (अ.) [क्रि.वि.] 1. अप्रकट रूप से अच्छे उद्देश्य के लिए 2. किसी शुभ उद्देश्य से 3. भलाई की दृष्टि से।

मसला (अ.) [सं-पु.] 1. समस्या 2. प्रश्न 3. विषय; मुद्दा।

मसल्स (इं.) [सं-पु.] मांसपेशियाँ; पुट्ठे।

मसविदा (अ.) [सं-पु.] 1. काट छाँट और संपादन के उद्देश्य से लिखा गया कोई लेख; प्रारूप; मसौदा; प्रस्ताव 2. युक्ति; तरकीब।

मसहरी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सोते समय मच्छर आदि से बचने के लिए खाट या पलंग के चारों ओर लगाया जाने वाला जालीदार कपड़े का बना हुआ एक चौकोर या गोल आवरण 2. ऐसा पलंग या खाट जिसके चारों पायों पर उक्त प्रकार का जालीदार कपड़ा लटकाने के लिए चार ऊँची लकड़ियाँ या छड़ लगी हों।

मसा [सं-पु.] दे. मस्सा।

मसान (सं.) [सं-पु.] 1. शव जलाने का स्थान; श्मशान; मरघट 2. (अंधविश्वास) भूत-पिशाच 3. युद्धभूमि या रणक्षेत्र जिसमें श्मशान की तरह लाशों का ढेर लग जाता है।

मसाना (अ.) [सं-पु.] पेट के अंदर की वह थैली जिसमें पेशाब जमा रहता है; मूत्राशय; वस्ति।

मसानिया [सं-पु.] 1. मसान पर रहने वाला व्यक्ति; डोम 2. अर्थपिशाची; कंजूस 3. मशान पर रहकर तंत्र-मंत्र सिद्ध करने वाला; तांत्रिक। [वि.] मसान संबंधी; मसान का।

मसानी (सं.) [सं-स्त्री.] श्मशान में रहने वाली स्त्री; डाकिनी; पिशाचिनी।

मसाला (अ.) [सं-पु.] 1. कुछ खाद्य, पेय आदि पदार्थों को स्वादिष्ट, गुणकारी आदि बनाने के लिए उसमें डाला जाने वाला किसी वनस्पति का कोई भाग, जैसे- जीरा, धनिया आदि 2. किसी विशेष कार्य के लिए बनाया हुआ औषधियों या रासायनिक द्रव्यों का योग या समूह 3. किसी काम, बात आदि का आधार या साधन; सामग्री 4. मिट्टी, चूने, सीमेंट आदि में पानी मिलाकर तैयार की हुई वह वस्तु जिससे ईंटों की जोड़ाई आदि होती है; गारा 5. किसी पदार्थ को प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक सामग्री; वे चीज़ें जिनकी सहायता से कोई चीज़ तैयार होती है; (फ़ार्मूला) 6. टॉर्च में लगने वाला मसाला; बैटरी का सेल 7. फ़िल्मों या समाचार पत्र-पत्रिकाओं की वह सामग्री या कथा तत्व जिनसे लोकप्रियता बढ़ाई जाती है; चटपटी कथावस्तु, जैसे- मसाला फ़िल्म।

मसालेदानी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] मसाला रखने का एक ढक्कनदार डिब्बा जिसमें कई ख़ाने बने होते हैं; मसालदानी; मसालदान।

मसालेदार (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. जिसमें किसी प्रकार का मसाला लगा या मिला हो 2. (बात या ख़बर) जो बढ़ा-चढ़ाकर कही गई हो; जनरोचक।

मसि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्याही; रोशनाई 2. काजल 3. कालिख।

मसिपात्र (सं.) [सं-पु.] 1. मसि अर्थात स्याही रखने का पात्र या बरतन 2. दवात।

मसिमुख (सं.) [वि.] 1. जिसके मुँह में स्याही या कालिख लगी हो 2. कलंकित; दुष्कर्म करने वाला।

मसीना (सं.) [सं-स्त्री.] अलसी।

मसीह (अ.) [सं-पु.] 1. ईसाई धर्म के प्रवर्तक हज़रत ईसा की एक उपाधि 2. मसीहा 3. मित्र; दोस्त 4. वह जिसने दूर-दूर के देशों में भ्रमण किया हो।

मसीहा (अ.) [सं-पु.] 1. ईश्वर द्वारा भेजा हुआ दूत 2. ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह 3. दोस्त; मित्र।

मसीहाई (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मसीहा का पद या कार्य; मसीहापन 2. मसीह के जैसा दयालु और उपकारी।

मसीही (अ.) [सं-पु.] ईसाई; ईसा को मानने वाला व्यक्ति। [वि.] ईसा मसीह से संबंधित; ईसाई धर्म का।

मसूढ़ा (सं.) [सं-पु.] दाँतों के ऊपर-नीचे का मांस; मुँह का वह भाग जिससे दाँत निकलते हैं।

मसूर (सं.) [सं-पु.] एक प्रकार का दलहन।

मसूरिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. चेचक रोग का एक भेद; खसरा 2. शीतला रोग 3. दूती 4. कुटनी।

मसृण (सं.) [वि.] 1. स्निग्ध; चिकना 2. कोमल; मुलायम 3. चमकीला; सुंदर।

मसोसना [क्रि-अ.] 1. मनोवेग को रोकना; दबाना 2. मन ही मन कुढ़ना 3. मन ही मन दुख करना।

मसोसा [सं-पु.] 1. मानसिक दुख; मन में होने वाला रंज; मानसिक कष्ट 2. पछतावा; पश्चाताप।

मसौदा (अ.) [सं-पु.] 1. लेख आदि का आरंभिक रूप जिसमें आवश्यक काट-छाँट की जा सकती हो; प्रारूप 2. पुस्तक आदि का मूल लेख; पांडुलिपि 3. मसविदा।

मस्कन (अ.) [सं-पु.] निवासस्थान; घर; मकान।

मस्कला (अ.) [सं-पु.] धातुओं को चमकाने का हँसिए के आकार का एक औज़ार।

मस्ख़रा (अ.) [सं-पु.] मसख़रा।

मस्ख़री (अ.) [सं-स्त्री.] मसख़री।

मस्जिद (अ.) [सं-स्त्री.] 1. वह इमारत जहाँ मुसलमान एकत्र होकर नमाज़ पढ़ते हैं तथा ख़ुदा की इबादत करते हैं 2. सिजदा करने का स्थान।

मस्त (फ़ा.) [वि.] 1. मद या नशे में चूर; मदोन्मत्त; मतवाला; मनमौजी 2. लापरवाह; बेफ़िक्र 3. जिसकी संभोग की इच्छा प्रबल हो रही हो 4. सदा प्रसन्न रहने वाला; निश्चिंत रहने वाला; आनंदित 5. पूरी तरह से लीन 6. अनुरक्त; आसक्त।

मस्तक (सं.) [सं-पु.] सिर का ऊपरी और सामने वाला भाग; माथा; भाल; ललाट।

मस्तमौला (फ़ा.+अ.) [वि.] जो मनमाने ढंग से काम करता हो; अपने में मस्त रहने वाला; मनमौजी।

मस्ताना (फ़ा.) [वि.] मस्त रहने वाला; अपने में ख़ुश रहने वाला [क्रि-अ.] मस्त होना; मस्ती पर आना [क्रि-स.] मस्त करना; मस्ती में लाना।

मस्तिष्क (सं.) [सं-पु.] 1. दिमाग 2. मस्तक के अंदर का गूदा; भेजा; मगज़; (ब्रेन)।

मस्तिष्कीय (सं.) [वि.] मस्तिष्क संबंधी; मस्तिष्क का।

मस्ती (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. प्रसन्न और निश्चिंत रहने की अवस्था या भाव; मतवाला या उन्मत्त होने की अवस्था; मतवालापन 2. कामवासना की प्रबलता 3. नशा 4. जवानी का जोश 5. मस्त होने पर कुछ विशिष्ट पशुओं की कनपटी से बहने वाला एक तरल पदार्थ 6. वृक्षों से निकलने या निकाला जाने वाला तरल पदार्थ 7. शरारत या नटखट भरा काम 8. सुविधाओं को भोगने की क्रिया; भोग विलास।

मस्तूल (पु.) [सं-पु.] बड़ी नावों में पाल बाँधने का लट्ठा।

मस्सा [सं-पु.] शरीर पर दाने के रूप में उभरा हुआ काले रंग का मांसपिंड; मसा।

महँगा (सं.) [वि.] 1. जिसका मूल्य उचित से अधिक हो 2. अधिक दामवाला 3. बहुमूल्य।

महँगाई [सं-स्त्री.] महँगा होने की अवस्था या भाव; महँगापन।

महँगी [सं-स्त्री.] 1. महँगे होने की अवस्था या भाव 2. अधिक मूल्य पर वस्तुएँ बिकने की स्थिति 3. आवश्यक वस्तुओं की दुर्लभता या अकाल।

महंत (सं.) [सं-पु.] 1. वह साधु जो किसी मठ का प्रधान हो; मठ का स्वामी; मठाधीश 2. मुखिया।

महंती [सं-स्त्री.] महंत का पद या कार्य।

महक (सं.) [सं-स्त्री.] 1. ख़ुशबू; सुगंध 2. गंध या वास।

महकना [क्रि-अ.] महक या गंध देना; वास आना।

महकमा (अ.) [सं-पु.] 1. किसी विशिष्ट कार्य के लिए अलग किया हुआ विभाग; सरिश्ता 2. कचहरी; न्यायालय 3. आदेशालय; हुक्म करने की जगह।

महकान [सं-स्त्री.] गंध; वास; महक।

महकीला [वि.] जो महक रहा हो; जिसमें से महक निकल रही हो; महकनेवाला; महकदार।

महकूम (अ.) [वि.] 1. जिसके ऊपर हुक्म चलाया जाए 2. दास; गुलाम 3. अधीन; आश्रित 4. प्रजा 5. वशीभूत।

महज़ (अ.) [अव्य.] 1. केवल; सिर्फ़; मात्र 2. निर्मल; ख़ालिस; निरा 3. जिसमें किसी वस्तु का मेल न हो; शुद्ध 4. सरासर। [वि.] विशुद्ध; खाँटी।

महज्जन (सं.) [सं-पु.] महापुरुष; महाजन।

महत (सं.) [वि.] 1. महान; सर्वश्रेष्ठ; प्रतिष्ठित; उच्च 2. तीव्र 3. प्रधान। [सं-पु.] (सांख्य) प्रकृति का पहला विकार; सांख्य के पच्चीस तत्वों में से एक।

महतत्व (सं.) [सं-पु.] 1. सांख्य दर्शन के अनुसार प्रकृति का पहला विकार 2. बुद्धितत्व 3. जीवात्मा।

महता (सं.) [सं-पु.] 1. गाँव का मुखिया 2. सरदार; महतो।

महताब (फ़ा.) [सं-पु.] 1. चंद्रमा; चाँद 2. एक प्रकार का जंगली कौआ। [सं-स्त्री.] चाँदनी; महताबी।

महताबी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार की आतिशबाज़ी 2. नदी या जलाशय के पास की वह छोटी इमारत जिसमें बैठकर चाँदनी रात का आनंद लेते हैं 3. चकोतरा नीबू।

महती (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बड़ाई; महत्व; महिमा 2. नारद की वीणा का नाम 3. वैश्यों की एक जाति।

महतो [सं-पु.] 1. गाँव का मुखिया 2. मालिक; स्वामी 3. प्रमुख कृषक 4. किसी समाज का प्रमुख व्यक्ति 5. गयावाल पंड़ों में एक कुलनाम या सरनेम।

महत्तम (सं.) [वि.] सबसे बड़ा; श्रेष्ठ।

महत्तर (सं.) [वि.] 1. अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण या श्रेष्ठ 2. किसी से बड़ा या अच्छा।

महत्ता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. महत्व 2. उपयोगिता 3. महिमा 4. उच्च पद 5. बड़प्पन 6. गुरुता।

महत्व (सं.) [सं-पु.] 1. महान होने की अवस्था या भाव; महत्ता; गुरुता 2. बड़प्पन; बड़ाई; श्रेष्ठता 3. अधिक आवश्यक होना।

महत्वपूर्ण (सं.) [वि.] 1. अधिक महत्व का 2. गणमान्य 3. ख़ास।

महत्वहीन (सं.) [वि.] 1. जिसका कोई महत्व न हो; अनावश्यक 2. तुच्छ।

महत्वाकांक्षा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उन्नति को प्राप्त करने की इच्छा; बड़ा बनने की आकांक्षा 2. सपना; तमन्ना; अरमान; कामना।

महत्वाकांक्षी (सं.) [वि.] बड़ा बनने की इच्छा रखने वाला; उच्चाभिलाषी; उच्चाकांक्षी।

महदूद (अ.) [वि.] 1. जिसकी सीमा बाँध दी गई हो; परिमित; सीमित; नियत 2. घिरा हुआ 3. जिसकी ठीक से व्याख्या कर दी गई हो।

महनीय (सं.) [वि.] 1. पूज्य; मान्य 2. महान 3. श्रेष्ठ।

महफ़िल (अ.) [सं-स्त्री.] 1. सभा; समाज; मजलिस; जलसा; गोष्ठी 2. संगीत समारोह या नाच-गाना होने का स्थान।

महफूज़ (अ.) [वि.] 1. जिसकी अच्छी तरह हिफ़ाजत की गई हो 2. सुरक्षित; रक्षित; निरापद 3. सही-सलामत 4. आवश्यकता के लिए बचा कर रखा हुआ।

महबूब (अ.) [सं-पु.] वह जिससे प्रेम किया जाए; प्रेमपात्र; प्रिय; प्यारा।

महबूबा (अ.) [सं-स्त्री.] वह स्त्री जिसके साथ प्रेम किया जाए; प्रेमिका; प्रिया; प्रेयसी; प्रेमपात्री; प्यारी।

महबूबियत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. प्रेम; प्यारा 2. महबूब होने की अवस्था या भाव।

महमह [क्रि.वि.] 1. सुगंध या ख़ुशबू के साथ; सुवासित; महकते हुए।

महमहा [वि.] सुगंधित; महकदार; ख़ुशबुदार।

महमाना [क्रि-अ.] गमकना; सुगंध देना।

महमूद (अ.) [वि.] जिसकी प्रशंसा की गई हो; प्रशंसित; श्रेष्ठ; उत्तम; शुभ।

महर1 (सं.) [सं-पु.] 1. ब्रज क्षेत्र में सम्मानित लोगों के लिए व्यवहृत एक आदरसूचक शब्द 2. एक प्रकार का पक्षी। [वि.] सुगंधित।

महर2 (फ़ा.) [सं-पु.] वह रकम या संपत्ति जो मुसलमान वर निकाह के समय वधू को देने का वचन देता है। [सं-स्त्री.] कृपा; दया।

महरा [सं-पु.] एक जाति जो पानी भरने तथा डोली ढोने का काम करती है; कहार। [वि.] 1. मुखिया 2. प्रधान; मुख्य 3. बड़ा 4. पूज्य और श्रेष्ठ।

महराना [सं-पु.] महरों के रहने का स्थान, मुहल्ला या गाँव।

महरी [सं-स्त्री.] 1. घरेलू काम-काज तथा सेवा करने वाली नौकरानी; बाई 2. ग्वालिन नामक पक्षी।

महरूम (अ.) [वि.] 1. वंचित 2. अभागा; बदनसीब 3. रोका गया; वर्जित।

महर्षि (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़ा और श्रेष्ठ ऋषि; मुनिश्रेष्ठ 3. (संगीत) एक प्रकार का राग।

महल (अ.) [सं-पु.] 1. राजाओं, रईसों आदि का आवास; भवन; राजप्रासाद 2. राजप्रासाद का वह विभाग जिसमें रानियाँ आदि रहती हों; रनिवास; अंतःपुर 3. सजा हुआ बड़ा कमरा 4. बेगम।

महल्ला (अ.) [सं-पु.] किसी नगर या गाँव का एक भाग; टोला।

महल्लेदार (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] किसी महल्ले का प्रधान या चौधरी।

महल्लेदारी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] एक ही महल्ले में रहने वालों में होने वाला आपसी बरताव या लेन-देन।

महसूल (अ.) [सं-पु.] 1. कर; राजस्व 2. मालगुज़ारी 3. किराया; भाड़ा। [वि.] प्राप्त किया हुआ; हासिल; संगृहित।

महसूली (अ.) [वि.] 1. जिसपर किसी प्रकार का कर या महसूल लगता हो या लग सकता हो; महसूल के योग्य 2. जिसपर लगान या महसूल देना पड़ता हो।

महसूस (अ.) [वि.] 1. इंद्रियों के द्वारा जिसका अनुभव किया जाए; अनुभूत 2. मालूम; ज्ञात 3. प्रकट; स्पष्ट।

महा (सं.) [पूर्वप्रत्य.] एक प्रत्यय जो शब्दों के आरंभ में जुड़कर निम्नलिखित अर्थ देता है- 1. श्रेष्ठ, महान, बड़ा, जैसे- महाकवि, महामंत्री, महावीर आदि 2. बहुत उग्र या तीव्र विनाशक, अत्यधिक हिंसक, अत्यंत विस्तृत, जैसे- महायुद्ध, महानगर, महाद्वीप आदि 3. बहुत बड़ा, विशाल, भारी, जैसे- महाकाय, महासभा आदि।

महाकवि (सं.) [वि.] महाकाव्य का रचयिता; महान कवि।

महाकाय (सं.) [वि.] 1. भारी भरकम या विशाल शरीर वाला; विकराल 2. अतिकाय; भीमकाय।

महाकाल (सं.) [सं-पु.] 1. सृष्टि का संहार करने वाले; महादेव 2. शिव का संहारकारी रूप; रूद्र 3. शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक जो उज्जैन में है 4. विष्णु का एक नाम 5. समय, जो ब्रह्मांड के समान अनंत है 6. (पुराण) शिव के एक गण का नाम 7. (पुराण) शिव के एक पुत्र का नाम।

महाकाली (सं.) [सं-स्त्री.] (पुराण) महाकाल स्वरूप शिव की पत्नी जिनके पाँच मुख और आठ भुजाएँ मानी गई हैं; दुर्गा का एक भयानक रूप; रुद्राणी; शक्ति की एक अनुचरी।

महाकाव्य (सं.) [सं-पु.] वह बड़ा, विस्तृत और सर्गबद्ध काव्यग्रंथ जिसमें प्रायः सभी रसों, ऋतुओं और प्राकृतिक दृश्यों आदि का वर्णन होता है; (एपिक)।

महागति (सं.) [सं-स्त्री.] (पुराण) परम पद की प्राप्ति; मोक्ष; निर्वाण।

महाजन (सं.) [सं-पु.] 1. रुपए-पैसे का लेन-देन करने वाला व्यक्ति; साहुकार 2. अमीर व्यक्ति 3. श्रेष्ठ व्यक्ति 4. जनसमूह, जनता 5. किसी जाति या श्रेणी विशेष का प्रमुख; मुखिया।

महाजनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. रुपए के लेन देन का व्यवसाय 2. महाजनों का पेशा या व्यवसाय 3. एक विशेष प्रकार की लिपि जिसमें मात्राओं का प्रयोग नहीं होता तथा यह लिपि महाजनों के यहाँ बही-खाता लिखने के काम आती है। [वि.] महाजनों में होने वाला; महाजन संबंधी।

महात्मा (सं.) [सं-पु.] 1. वह जिसकी आत्मा पवित्र हो 2. जिसका स्वभाव, आचरण और विचार आदि बहुत उच्च हो; महानुभाव 3. बहुत बड़ा साधु, संन्यासी या विरक्त।

महादान (सं.) [सं-पु.] 1. पौराणिक मान्यता के आधार पर ग्रहण आदि के समय किया जाने वाला दान 2. (पुराण) उन सोलह दानों में से कोई एक जिनसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

महादेव (सं.) [सं-पु.] शिव; सबसे बड़े देव।

महादेवी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. दुर्गा 2. पार्वती 3. राजा की प्रधान पत्नी; पटरानी।

महाद्वीप (सं.) [सं-पु.] (भूगोल) पृथ्वी के स्थल भाग के सात बड़े-बड़े प्राकृतिक भू-भागों में से प्रत्येक।

महाद्वीपीय (सं.) [वि.] महाद्वीप का; महाद्वीप संबंधी।

महान (सं.) [वि.] 1. बहुत बड़ा; विशाल 2. श्रेष्ठ; उच्चकोटि का।

महानगर (सं.) [सं-पु.] बहुत बड़ा शहर; प्रमुख नगर; (मेट्रॉपलिस)।

महानगरी (सं.) [वि.] 1. महानगर संबंधी 2. महानगर का।

महानता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. महान होने का भाव 2. श्रेष्ठता; बड़प्पन।

महानदी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. विशाल नदी 2. एक नदी जो ओडिशा से गुज़रती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

महानाटक (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़ा नाटक 2. वह नाटक जिसमें दस या दस से अधिक अंक हों।

महानिर्वाण (सं.) [सं-पु.] जीव के जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाने की अवस्था; मोक्ष; कैवल्य; परिनिर्वाण।

महानुभाव (सं.) [सं-पु.] 1. महान या उच्च आशय और विचारों वाला व्यक्ति 2. महान व्यक्ति; सत्यनिष्ठ व्यक्ति; महापुरुष 3. पुरुषों के लिए एक आदरसूचक संबोधन।

महापंडित (सं.) [वि.] 1. कई विधाओं का ज्ञाता; ज्ञानी; विद्वान 2. दक्ष 3. सर्वज्ञ।

महापथ (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत लंबी, चौड़ी और पक्की सड़क; राजपथ; राजमार्ग 2. परलोक का मार्ग; महाप्रस्थान का पथ; मृत्यु; मौत।

महापातक (सं.) [सं-पु.] महापाप; बहुत बड़ा पाप।

महापात्र (सं.) [सं-पु.] 1. मृतक का दाह कर्म कराने तथा उसके संबंधियों से श्राद्ध का दान लेने वाला ब्राह्मण; महाब्राह्मण 2. प्राचीन भारत में महामंत्री, महामात्य आदि अधिकारी।

महापाप (सं.) [सं-पु.] बहुत बड़ा पाप; महापातक।

महापुरुष (सं.) [सं-पु.] 1. महान या श्रेष्ठ व्यक्ति; प्रसिद्ध व्यक्ति 2. महिमाशाली पुरुष 3. महात्मा।

महापौर (सं.) [सं-पु.] नगर-प्रतिनिधियों की परिषद का चुना हुआ नेता; नगरपालिका का अध्यक्ष; नगराध्यक्ष; पुराध्यक्ष; (मेयर)।

महाप्रभु (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) शिव; विष्णु 2. संन्यासी 3. चैतन्य।

महाप्रयाण (सं.) [सं-पु.] परलोक गमन; मृत्यु; मौत।

महाप्रलय (सं.) [सं-पु.] 1. भयंकर विनाश 2. सृष्टि का अंत।

महाप्रसाद (सं.) [सं-पु.] देवी-देवताओं को चढ़ाया गया प्रसाद; जगन्नाथ जी को चढ़ाया हुआ भात; देवी पर बलि किए गए बकरे का मांस।

महाप्राज्ञ (सं.) [वि.] 1. परम ज्ञानी; बड़ा विद्वान; महापंडित 2. दूरदर्शी।

महाप्राण जिन ध्वनियों के उच्चारण के समय मुखविवर में वायु का अधिक दबाव हो, जैसे- वर्ग की दूसरी, चौथी ध्वनियाँ 'ख्, घ्, छ्, झ्, ठ्, ढ्, थ्, ध्, फ्, भ्' तथा 'ह्, न्ह्, म्ह्, ल्ह्' आदि।

महाबली (सं.) [वि.] 1. शक्तिशाली; ताकतवर 2. महारथी।

महाब्राह्मण (सं.) [सं-पु.] (हिंदूधर्म) मृतक का दाह कर्म कराने तथा उसके संबंधियों से श्राद्ध का दान लेने वाला ब्राह्मण; महापात्र।

महाभाग (सं.) [वि.] 1. अत्यंत भाग्यवान 2. पुण्यात्मा 3. सुविख्यात।

महाभारत (सं.) [सं-पु.] 1. वेदव्यास द्वारा रचित एक महाकाव्य जिसमें भरत वंश का चरित तथा कौरवों और पांडवों के बीच हुए युद्ध का वर्णन है 2. {व्यं-अ.} लड़ाई-झगड़ा; महायुद्ध; महासंग्राम।

महाभियोग (सं.) [सं-पु.] (विधि) राज्य के किसी संवैधानिक पद पर स्थित व्यक्ति पर चलाया जाने वाला मुकदमा।

महाभूत (सं.) [सं-पु.] 1. पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश नामक पंच तत्व 2. सभी तत्वों में समान रूप से विद्यमान तत्व; मूल द्रव्य 3. परमेश्वर।

महामंडलेश्वर (सं.) [वि.] 1. प्राचीन राजाओं की एक उपाधि 2. वर्तमान में संतों के द्वारा संतों को प्रदान की जाने वाली एक उपाधि जो उन्हें सामान्य संत की अपेक्षा उच्च श्रेणी में स्थापित करती है।

महामंत्र (सं.) [सं-पु.] 1. (हिंदू धर्म) अति प्रभाव युक्त मंत्र; वेदमंत्र, जैसे- महागायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र आदि 2. {ला-अ.} उत्तम परामर्श या नेक सलाह।

महामंत्री (सं.) [सं-पु.] 1. किसी संस्था आदि का प्रधान सचिव; (जनरल सेक्रेटरी) 2. प्राचीन काल में राज्य का सबसे बड़ा मंत्री; महामात्य; प्रधानमंत्री।

महामति (सं.) [वि.] बहुत बड़ा विद्वान; महान ज्ञानवाला।

महामना (सं.) [वि.] बहुत उच्च और उदार मनवाला; उदारचित्त; बड़े दिलवाला। [सं-पु.] एक सम्मानसूचक संबोधन।

महामहिम (सं.) [वि.] 1. जिसकी महिमा बहुत अधिक हो; बहुत बड़ी महिमा वाला; महामहिमायुक्त 2. अति महत्वशाली। [सं-पु.] एक सम्मानसूचक संबोधन।

महामाई (सं.) [सं-स्त्री.] (पुराण) दुर्गा; काली; चंडिका; महामाया।

महामात्य (सं.) [सं-पु.] प्राचीन काल में प्रधानमंत्री या प्रमुख अमात्य; महामंत्री।

महामानव (सं.) [सं-पु.] अत्यंत महान पुरुष; दैवीय पुरुष; ईश्वरीय अवतार।

महामान्य (सं.) [वि.] 1. जो पूज्य हो 2. गणमान्य; सम्माननीय।

महामाया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. (पुराण) ब्रह्म की वह शक्ति जिससे नानारूपात्मक जगत का विकास होता है; माया; प्रकृति 2. दुर्गा 3. गंगा 4. शुद्धोदन की पत्नी और बुद्ध की माता का नाम 5. (काव्यशास्त्र) आर्या छंद का एक भेद।

महामारी (सं.) [सं-स्त्री.] ऐसा भीषण संक्रामक रोग जिससे व्यापक पैमाने पर जन और पशु हानि होती है।

महामार्ग (सं.) [सं-पु.] 1. बड़े-बड़े महानगरों को जोड़ने वाला मार्ग; उच्च पथ; (हाईवे) 2. वह मार्ग जहाँ से नौका, जहाज़ आदि का आवागमन होता है 3. परलोक का मार्ग; मृत्युपथ; महापथ।

महामुनि (सं.) [सं-पु.] 1. मुनियों में श्रेष्ठ या मुनिश्रेष्ठ 2. महान तपस्वी 3. अगस्त्य ऋषि 4. बुद्ध 5. कृपाचार्य।

महामेध (सं.) [सं-पु.] 1. महायज्ञ; बहुत बड़ा यज्ञ 2. शिव।

महायज्ञ (सं.) [सं-पु.] 1. विशाल यज्ञ 2. (हिंदू धर्मशास्त्र) पाँच प्रमुख दैनिक धार्मिक कर्म; पंचयज्ञ।

महायात्रा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी धार्मिक, राजनैतिक उद्देश्य से निकाली जाने वाली रैली 2. मृत्यु।

महायान (सं.) [सं-पु.] 1. उत्तम, प्रशस्त्र और श्रेष्ठ मार्ग 2. बौद्ध धर्म की दो प्रमुख शाखाओं में से एक।

महायुद्ध (सं.) [सं-पु.] वह युद्ध जिसमें एक साथ बहुत से बड़े-बड़े देश सम्मिलित हों, जैसे- प्रथम विश्वयुद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध।

महारत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. निपुणता; दक्षता 2. योग्यता 3. अभ्यास 4. हस्तकौशल।

महारथी (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़ा योद्धा 2. प्राचीन भारत में वह योद्धा जो ब्रह्मास्त्र संचालन की योग्यता रखता था 3. किसी विषय का प्रकांड विद्वान 4. राजनीति, रणनीति या कूटनीति में कुशल व्यक्ति।

महाराज (सं.) [सं-पु.] 1. राजा; सम्राट 2. ब्राह्मण, गुरु, धर्माचार्य आदि के लिए आदरसूचक संबोधन 3. भोजन बनाने वाला रसोइया 4. अँग्रेज़ी शासन काल में बड़े राजाओं को दी जाने वाली उपाधि।

महाराजाधिराज (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़ा राजा; सम्राट; बादशाह 2. अनेक राजाओं का प्रधान 3. अँग्रेज़ी शासन काल में बड़े राजाओं को दी जाने वाली उपाधि।

महाराजिन (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पुरोहित की पत्नी 2. रसोइदारिन।

महाराज्ञी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. महारानी 2. दुर्गा।

महाराणा (सं.) [सं-पु.] मेवाड़, चित्तौड़ और उदयपुर के राजाओं की उपाधि।

महारात्रि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. महाप्रलय की रात 2. अर्धरात्रि के बाद दो मुहूर्त का काल।

महारानी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. महाराजा की पत्नी 2. महाराजा की प्रधान पत्नी; पटरानी।

महाराष्ट्र (सं.) [सं-पु.] 1. बड़ा राष्ट्र 2. भारत का एक राज्य जिसकी राजधानी मुंबई है।

महाराष्ट्रीय (सं.) [वि.] महाराष्ट्र से संबंधित; महाराष्ट्र का निवासी।

महारुख (सं.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार का जंगली वृक्ष 2. सेंहुड़; थूहड़।

महारैली (सं.) [सं-पु.] 1. किसी सार्वजनिक उद्देश्य के लिए एकत्रित जनसमूह 2. विशाल जनसमूह।

महार्घ (सं.) [वि.] 1. बहुत अधिक मूल्य का 2. महँगा; बहुमूल्य।

महाल (अ.) [सं-पु.] 1. टोला; महल्ला 2. ज़मीन का वह विभाग जिसमें कई गाँव हों 3. वह जमींदारी जिसमें कई पट्टियाँ या हिस्सेदार हों 4. एक ही प्रकार के जीवों का सामूहिक आवास क्षेत्र।

महालक्ष्मी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. (हिंदू धर्म) धन की देवी; लक्ष्मी 2. विष्णु की शक्ति।

महालय (सं.) [सं-पु.] 1. महाप्रलय 2. पितृपक्ष 3. तीर्थस्थान।

महावत (सं.) [सं-पु.] हाथी चलाने या हाँकने वाला; हाथीवान; फीलवान।

महावर (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शुभ अवसरों पर एड़ियों में लगाया जाने वाला गहरा चटकीला लाल रंग 2. लाख से तैयार किया गया गहरा लाल रंग।

महावराह (सं.) [सं-पु.] (पुराण) विष्णु का तीसरा अवतार जिसमें उन्होंने वराह का रूप धारण किया था।

महावरी [वि.] 1. महावर संबंधी 2. महावर के रंग का। [सं-स्त्री.] रुई का छोटा फाहा जिससे पैरों में महावर लगाया जाता है।

महाविद्या (सं.) [सं-स्त्री.] 1. महाशक्ति 2. दुर्गा 3. पार्वती 4. गंगा 5. तंत्रोक्त दस देवियों 'काली, तारा, षोड़षी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमलात्मिका' में से प्रत्येक।

महाविद्यालय (सं.) [सं-पु.] उच्च शिक्षा देने वाला विद्यालय; (कॉलेज)।

महाविनाश (सं.) [सं-पु.] बहुत अधिक विनाश; महाप्रलय।

महावीर (सं.) [सं-पु.] 1. वह जो बहुत वीर हो 2. पवनपुत्र हनुमान 3. चौबीसवें और अंतिम जैन तीर्थंकर 4. गौतम बुद्ध 5. सिंह; शेर 6. गरुड़ 7. बाज़ नामक पक्षी 8. वज्र 9. घोड़ा।

महावीरचक्र (सं.) [सं-पु.] युद्ध क्षेत्र में अदम्य साहस का परिचय देने वाले सैनिकों को स्वतंत्र भारत के राष्ट्रपति की ओर से दिया जाने वाला एक सम्मानित पदक।

महाशक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सृष्टि की रचना करने वाली शक्ति; आदिशक्ति; ब्रह्मशक्ति 2. दुर्गा; पार्वती 3. (राजनीति) अत्यंत शक्तिशाली राष्ट्र।

महाशय (सं.) [सं-पु.] 1. महान या उच्च आशय और विचारों वाला व्यक्ति 2. आदर्श व्यक्ति; सज्जन 3. समुद्र; सागर।

महाशय्या (सं.) [सं-स्त्री.] 1. राजाओं के सोने की शय्या 2. सिंहासन।

महाशून्य (सं.) [सं-पु.] आकाश; गगन।

महाश्वेता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. विद्या की देवी सरस्वती 2. दुर्गा 3. सफ़ेद शक्कर 4. सफ़ेद अपराजिता।

महासंघ (सं.) [सं-पु.] किसी समान उद्देश्य की पूर्ति के लिए निर्मित वह संघ जो कई संघों से मिलकर बना हो; संघों का संघ, जैसे- शिक्षक महासंघ, श्रमिक महासंघ आदि।

महासचिव (सं.) [सं-पु.] प्रधान सचिव; सबसे बड़ा सचिव; (जनरल सेक्रेटरी)।

महासभा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बड़ी सभा; जलसा; विशाल समारोह 2. बड़ा संगठन; महासंघ 3. लोक निर्वाचित प्रतिनिधियों की सभा 4. राष्ट्रसंघ के तत्वाधान में होने वाली वह सभा जिसमें संबद्ध समस्त देशों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं।

महासमुद्र (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़ा समुद्र; महासागर 2. समुद्र का वह विस्तार जिसमें सभी देशों के जहाज़ बिना रोक-टोक के आ-जा सकते हैं।

महासागर (सं.) [सं-पु.] जल की बहुत बड़ी राशि; महासमुद्र; महोदधि; महार्णव।

महि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पृथ्वी 2. महिमा 3. महत्ता।

महिजा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वह जो पृथ्वी से उत्पन्न हो 2. सीता; जानकी।

महिधर (सं.) [सं-पु.] 1. पर्वत; पहाड़ 2. शेषनाग।

महिनंदिनी (सं.) [सं-स्त्री.] सीता; जानकी।

महिमा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. महत्वपूर्ण या महान होने की अवस्था या भाव; महानता 2. बड़ाई; गौरव; बड़प्पन 3. आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक।

महिमामंडित (सं.) [वि.] वह जिसका गुणगान किया गया हो; महिमायुक्त; प्रशंसित।

महिमावान (सं.) [वि.] जो महिमा वाला हो; गौरवशाली; प्रतापी।

महिम्न (सं.) [सं-पु.] पुष्पदंताचार्य द्वारा रचित शिव का एक प्रसिद्ध स्त्रोत।

महिला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्त्री; औरत 2. स्त्री के लिए प्रयुक्त आदरसूचक शब्द।

महिष (सं.) [सं-पु.] 1. भैंसा 2. वह राजा जिसका शास्त्रानुसार अभिषेक हुआ हो 3. एक साम का नाम।

महिषी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. भैंस 2. वह पटरानी जिसका राजा के साथ अभिषेक हुआ हो।

महिषेश (सं.) [सं-पु.] 1. यमराज 2. महिषासुर।

महिसुता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पृथ्वी की पुत्री 2. सीता; जानकी।

मही [सं-पु.] मट्ठा। [सं-स्त्री.] 1. पृथ्वी 2. मिट्टी 3. अवकाश 4. ख़ाली स्थान 5. गाय 6. सेना; फ़ौज 7. समूह।

महीतल (सं.) [सं-पु.] 1. संसार 2. पृथ्वी।

महीन (सं.) [वि.] 1. बहुत पतला; बारीक; झीना 2. कोमल; मंद।

महीना (सं.) [सं-पु.] 1. मास; माह; तीस दिन का समय 2. स्त्रियों का मासिक धर्म।

महीप (सं.) [सं-पु.] नृप; राजा।

महीयान (सं.) [वि.] 1. किसी की तुलना में अधिक बड़ा; महान 2. शक्तिशाली 3. विशाल 4. श्रेष्ठ।

महीर [सं-स्त्री.] 1. मट्ठे में पकाया हुआ चावल 2. खौलाए हुए मक्खन की तलछट।

महीरुह (सं.) [सं-पु.] वृक्ष; पेड़।

महुआ (सं.) [सं-पु.] एक वृक्ष एवं उसका फल जिसका उपयोग औषधियों तथा शराब आदि बनाने में होता है।

महुला [वि.] महुए जैसे रंगवाला; हलका पीला। [सं-पु.] 1. हलका पीला रंग 2. हलके पीले रंग का बैल।

महेंद्र (सं.) [सं-पु.] 1. इंद्र 2. विष्णु 3. एक पर्वत।

महेरा [सं-पु.] 1. मट्ठा; दही 2. मट्ठे में चावल के साथ नमक, गुड़ या चीनी डालकर पकाया हुआ एक प्रकार का व्यंजन।

महेरी [सं-स्त्री.] 1. उबाली हुई ज्वार जिसे लोग नमक मिर्च के साथ खाते हैं 2. दही मथकर मक्खन निकालने वाली स्त्री 3. महेरा। [वि.] 1. बखेड़ा करने वाला 2. अवरोध उत्पन्न करने वाला।

महेश (सं.) [सं-पु.] 1. शंकर; शिव; महादेव 2. ईश्वर; परमेश्वर।

महेशानी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पार्वती; महेश्वरी 2. दुर्गा।

महेश्वर (सं.) [सं-पु.] 1. महादेव; शिव 2. परमेश्वर; ईश्वर।

महोख (सं.) [सं-पु.] कौए के आकार का एक पक्षी जिसकी चोंच, पैर और पूँछ काली, आँखें लाल तथा सिर, गला और पंख खैरे या लाल रंग के होते हैं।

महोगनी [सं-पु.] एक प्रकार का सदाबहार वृक्ष जिसकी लकड़ी बहुत मज़बूत और टिकाऊ होती है और इमारत के काम में आती है।

महोच्च (सं.) [वि.] परम या बहुत अधिक उच्च; बहुत ऊँचा।

महोच्चार (सं.) [सं-पु.] 1. ऊँचा या ज़ोर का उच्चारण 2. घोर शब्द; घोष।

महोत्सव (सं.) [सं-पु.] 1. बड़ा उत्सव 2. बड़ा समारोह।

महोदधि (सं.) [सं-पु.] समुद्र; सिंधु; महासागर।

महोदय (सं.) [वि.] 1. अतिसमृद्ध; संपत्तिशाली 2. गौरवशाली; भाग्यवान। [सं-पु.] 1. महाशय; महानुभाव 2. स्वामी; अधिपति 3. महापुरुष; महात्मा 4. बड़ों के लिए एक आदर सूचक संबोधन।

महोदया (सं.) [सं-स्त्री.] महिलाओं के लिए एक आदरसूचक संबोधन।

महौघ (सं.) [सं-पु.] 1. समुद्री तूफ़ान 2. समुद्र की बाढ़। [वि.] जिसकी धारा तीव्र या प्रखर हो।

महौषधि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. विशिष्ट या श्रेष्ठ औषधि 2. जड़ी 3. दूब 4. संजीवनी 5. लजालू नामक लता 6. शतावरी, सहदेवी आदि कुछ विशिष्ट औषधियों का समूह जिनका चूर्ण महास्नान या अभिषेकादि के जल में मिलाया जाता है।

माँ (सं.) [सं-स्त्री.] 1. जन्म देने वाली स्त्री; जननी; माता 2. देवी 3. धरती 4. मातृभूमि के लिए प्रयुक्त सम्मानसूचक शब्द।

माँग [सं-स्त्री.] 1. माँगने की क्रिया या भाव 2. किसी निश्चित अवधि में ख़रीदारों द्वारा किसी वस्तु की ख़रीदी या चाही जाने वाली मात्रा; आवश्यकता 3. चाह 4. याचना 5. किसी वस्तु या अधिकार आदि के संदर्भ में आधिकारिक रूप से आक्रामकता एवं दृढ़तापूर्वक की गई याचना; (डिमांड) 6. सिर के बालों को दो भागों में विभक्त करके बनाई जाने वाली रेखा; सीमंत।

माँगटीका [सं-स्त्री.] माँग सजाने वाला एक आभूषण; माँगफूल।

माँगना (सं.) [क्रि-स.] 1. याचना करना 2. हाथ पसारना 3. प्रार्थना करना।

माँगपत्र [सं-पु.] 1. ऐसा पत्र जिसमें किसी तरह की आर्थिक माँग की गई हो 2. वह पत्र जिसमें दाम चुका कर कुछ चीज़े मँगाने का आग्रह होता है; (ऑर्डर फ़ॉर्म)।

माँगफूल [सं-पु.] एक आभूषण जिसे स्त्रियाँ माथे पर पहनती हैं; माँगटीका; अवतंस।

माँगुर [सं-स्त्री.] एक प्रकार की मछली।

माँजना (सं.) [क्रि-स.] 1. किसी वस्तु को साफ़ करने के लिए रगड़ना या मलना 2. नख या डोर पर माँझा लगाना 3. सूत आदि चिकना करने के लिए उस पर सरेस का पानी चढ़ाना 4. {ला-अ.} किसी काम या चीज़ का अभ्यास करना।

माँजा [सं-पु.] जलाशयों में एकत्र पहली वर्षा का फेन।

माँझा1 (सं.) [सं-पु.] 1. नदी के बीच का खुला भाग; टापू 2. वृक्ष का तना 3. पगड़ी पर पहनने का एक प्रकार का आभूषण।

माँझा2 [सं-पु.] पतंग की डोर को मज़बूत करने के लिए लगाया जाने वाला शीशे का बुरादा और लेई।

माँझिल (सं.) [वि.] 1. बीच का 2. मध्य का।

माँझी (सं.) [सं-पु.] केवट; मल्लाह; नाव खेने वाला।

माँट (सं.) [सं-पु.] 1. मिट्टी का पात्र; घड़ा; मटका 2. कोठरी; कोठा; अटारी।

माँड़ (सं.) [सं-पु.] 1. चावल पकाने पर निकलने वाला पानी 2. पसाव; पीच। [सं-स्त्री.] 1. माँड़ने की क्रिया या भाव 2. एक प्रकार की रोटी 3. एक प्रकार का राग।

माँड़ना (सं.) [क्रि-स.] 1. आटा आदि को गूँथना; सानना 2. मसलना; रगड़ना; रौंदना 3. ज़ोरों से चलाना 4. अनाज की बालों को कुचलवाकर उससे दाना निकालना 8. फैलाना 9. राजस्थान में फ़र्श और दीवारों पर मांगलिक अवसर पर आकृतियाँ अंकित करना; चौक पूरना।

माँड़ा1 (सं.) [सं-पु.] 1. आँख का एक रोग जिसमें पुतली पर सफ़ेद झिल्ली पड़ जाती है 2. उक्त प्रकार की झिल्ली।

माँड़ा2 [सं-पु.] एक प्रकार की रोटी या पूरी; लुचई; पराठा।

माँड़ी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उबले हुए चावल का माँड़ जिसका प्रयोग कपड़े या सूत आदि पर कलफ़ करने के लिए भी किया जाता है 2. सूत या कपड़े पर लगाया जाने वाला कलफ़।

माँद (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हिंसक पशु के रहने का स्थान 2. गुफा। [वि.] 1. मलिन 2. फीका सौंदर्य; शोभाहीन 3. हलका।

माँदगी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. थकावट 2. रोग; बीमारी।

माँदा (फ़ा.) [वि.] 1. थका हुआ; श्रांत 2. रोगी; बीमार 3. बचा हुआ; छूटा हुआ; अवशिष्ट।

माँ-बाप [सं-पु.] माता-पिता; वालिदैन।

मांगलिक (सं.) [वि.] 1. मंगल करने वाला; मंगलकारी 2. मंगलजनक; मंगलसूचक। [सं-पु.] (नाटक) मंगल पाठ करने वाला पात्र।

मांगल्य (सं.) [वि.] मंगलकारक; शुभ। [सं-पु.] मंगल होने की अवस्था या भाव; मंगलता।

मांडलिक (सं.) [सं-पु.] 1. मंडल का प्रधान प्रशासक या राजा; मंडलाधीश 2. शासन का कार्य। [वि.] मंडल संबंधी।

मांडवी (सं.) [सं-स्त्री.] (रामायण) राजा जनक के भाई कुशध्वज की बेटी जिसका विवाह दशरथ पुत्र भरत से हुआ था।

मांद्य (सं.) [सं-पु.] 1. मंद होने की अवस्था या भाव 2. कमी; न्यूनता; धीमा; मद्धिम 3. बीमारी; रोग।

मांस (सं.) [सं-पु.] 1. प्राणियों के शरीर में हड्डियों और चमड़े के बीच का मुलायम और लचीला भाग 2. गोश्त; आमिष।

मांसपिंड (सं.) [सं-पु.] 1. मांस का लोंदा या टुकड़ा 2. शरीर; देह।

मांसपेशी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शरीर के अंदर परस्पर जुड़े हुए मांसपिंड जिससे अंगों का संचालन होता है 2. कोशिकाओं का परस्पर मिला हुआ समूह।

मांसभक्षी (सं.) [वि.] मांस खाने वाला; मांसाहारी।

मांसल (सं.) [वि.] 1. स्थूल 2. मोटा-ताज़ा; हृष्ट-पुष्ट 3. गठीला; सुडौल 4. मांस से भरा हुआ; मांसयुक्त 5. गुदगुदा 6. बलवान।

मांसलता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मांस से भरे होने की अवस्था या भाव 2. मांसल होने की स्थिति।

मांसाहार (सं.) [सं-पु.] मांस का भक्षण।

मांसाहारी (सं.) [वि.] 1. मांस का आहार करने वाला; मांस खाने वाला 2. दूसरे जीव-जंतुओं का मांस खाकर निर्वाह करने वाला।

माइक्रो (इं.) [वि.] 1. सूक्ष्म 2. छोटा; लघु।

माइक्रोचिप (इं.) [सं-पु.] एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जिसमें समेकित परिपथ में कई इलेक्ट्रॉनिक क्रियाओं को कार्यान्वित करने के लिए अर्धचालक सिलीकॉन का एक छोटा क्रिस्टल होता है।

माइक्रोस्कोप (इं.) [सं-पु.] 1. सूक्ष्मदर्शी 2. ख़ुर्दबीन 3. अनुवीक्षण यंत्र।

माई [सं-स्त्री.] 1. माँ; माता; जननी 2. वृद्ध स्त्री के लिए प्रयुक्त आदरसूचक संबोधन।

माई-बाप [सं-पु.] 1. माता-पिता 2. {ला-अ.} मालिक; स्वामी।

माउस (इं.) [सं-पु.] वह हस्तचालित उपकरण जिसकी सहायता से कंप्यूटर के पटल पर कर्सर चलता है 2. चूहा; मूषक।

माओवाद [सं-पु.] चीन में माओज़ेदांग द्वारा विकसित एक प्रकार का साम्यवाद

माओवादी [सं-पु.] माओवाद का समर्थक या अनुयायी। [वि.] माओवाद से संबंधित।

माकपा [सं-स्त्री.] मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी।

माकूल (अ.) [वि.] 1. मुनासिब; ठीक 2. योग्य; लायक 3. उत्तम; अच्छा 4. सभ्य; शिष्ट।

माखनचोर [सं-पु.] वह जो माखन चुराता है अर्थात कृष्ण।

मागध (सं.) [सं-पु.] 1. मगध नरेश 2. एक प्राचीन जाति जिसका काम राजाओं आदि का कीर्तिगायन और विरुदावली का वर्णन करना था; भाट 3. मगध के राजा जरासंध का एक नाम 4. जीरा। [वि.] मगध संबंधी; मगध का।

मागधी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्राकृत भाषा का एक भेद 2. मगध देश में प्रचलित प्राकृत भाषा 3. मगध की भाषा 4. मगध की राजकन्या 5. मागध जाति की महिला 6. जूही; यूथिका 7. शोणा नामक नदी।

माघ (सं.) [सं-पु.] 1. ग्यारहवाँ चंद्र मास जो पौष के बाद और फाल्गुन से पहले पड़ता है 2. दसवीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध संस्कृत कवि जिन्होंने 'शिशुपालवध' नामक महाकाव्य की रचना की थी 3. कुंद का फूल।

माचा (सं.) [सं-पु.] 1. खाट; पलँग 2. मचान।

माचिस (इं.) [सं-स्त्री.] दीयासलाई; सलाई।

माज़रा (अ.) [सं-पु.] 1. घटना का विवरण 2. हाल; घटना 3. मामला; विषय 4. कारण 5. समस्या 6. बात 7. तत्व।

माज़िद (अ.) [वि.] पूज्य; सम्मानित; पुनीत; पवित्रात्मा।

माज़ी (अ.) [सं-पु.] भूतकाल; विगत। [वि.] बीता हुआ; गत।

माजून (अ.) [सं-स्त्री.] 1. शहद और शक्कर आदि के योग से बना हुआ दवाओं का अवलेह 2. औषधि के रूप में काम आने वाला कोई मीठा अवलेह।

माट [सं-पु.] 1. घड़े जैसा मिट्टी का बड़ा पात्र 2. मिट्टी की बड़ी मटकी जिसमें दही रखा जाता है 3. मिट्टी का बना हुआ एक प्रकार का बड़ा बरतन जिसमें रँगरेज लोग रंग बनाते हैं; मठोर 4. मिट्टी का बहुत बड़ा पात्र, जिसमें किसान लोग अनाज रखते हैं; माठ।

माटा [सं-पु.] लाल या पीले रंग का चींटा जो प्रायः झुंड में पेड़ों के पत्तों में झोंझ बनाकर रहते हैं; कपिला।

माटी [सं-स्त्री.] 1. वह पदार्थ जो पृथ्वी की ऊपरी सतह पर पाया जाता है; मिट्टी; मृत्तिका 2. पंचतत्वों में से एक; पृथ्वी 3. धूल 4. {ला-अ.} लाश; शव।

माटीमोल [वि.] 1. मिट्टी के मोल का 2. बहुत सस्ता।

माड़ (सं.) [सं-पु.] 1. ताड़ की जाति का एक पेड़ 2. एक तौल।

माणिक्य (सं.) [सं-पु.] 1. लाल रंग का रत्न, जो आभूषण, औषधि तथा सूर्य ग्रह की शांति के लिए धारण किया जाता है 2. एक प्रकार का केला।

मात (अ.) [सं-स्त्री.] हार; पराजय।

मातंग (सं.) [सं-पु.] 1. मदोन्मत्त हाथी 2. असभ्य जाति का व्यक्ति 3. चांडाल 4. पीपल; अश्वत्थ 5. एक ऋषि।

मातदिल (अ.) [वि.] 1. समशीतोष्ण; न बहुत गरम न बहुत ठंडा 2. संतुलित; मध्यम प्रकृति का।

मातबर (अ.) [वि.] 1. जिसका एतबार किया जाए; विश्वसनीय 2. सच्चा; ठीक।

मातबरी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. विश्वसनीयता 2. मातबर या विश्वसनीय होने की अवस्था।

मातम (फ़ा.) [सं-पु.] 1. मृतक का दुख; मृत्युशोक 2. उक्त शोक में रोना-पीटना 3. किसी बड़ी दुर्घटना या अशुभ घटना का शोक।

मातमपुर्सी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. शोक 2. किसी के मरने पर उसके संबंधियों के प्रति सहानुभूति या संवेदना प्रकट करना।

मातमी (फ़ा.) [वि.] 1. मातम या शोक प्रकट करने वाला; मातम संबंधी 2. शोकसूचक 3. मातम के रूप में होने वाला।

मातहत (अ.) [वि.] 1. किसी के अधीन काम करने वाला 2. अधीन या आश्रय में रहने वाला; अधीनस्थ 3. छोटी श्रेणी; निम्न कोटि। [सं-पु.] अधीनस्थ कर्मचारी।

मातहती (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मातहत होने की अवस्था; अधीनता 2. दासता 3. अनुसेवा।

माता (सं.) [सं-स्त्री.] माँ।

माता-पिता [सं-पु.] माँ-बाप; वालिदैन।

मातामह (सं.) [सं-पु.] माता का पिता अर्थात नाना।

मातुल (सं.) [सं-पु.] 1. माता का भाई; मामा 2. एक प्रकार का धान 3. एक प्रकार का साँप 4. धतूरा।

मातृ (सं.) [सं-स्त्री.] जननी; माता; माँ।

मातृक (सं.) [वि.] 1. माता संबंधी; माता का 2. जिसमें माता या गृहस्वामिनी का पक्ष प्रधान माना जाता हो; (मैट्रिऑर्कल)।

मातृका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. माता; जननी 2. दूध पिलाने वाली धाय 3. गाय; गौ 4. उपमाता; सौतेली माता 5. वर्णमाला की बारहखड़ी 6. वह स्त्री जो लड़कियों, दाइयों आदि के कार्यों की देखरेख करती हो; (मेट्रन)।

मातृकुल (सं.) [सं-पु.] 1. माता का कुल या वंश 2. नाना का वंश या कुल।

मातृतंत्र (सं.) [सं-स्त्री.] वह सामाजिक व्यवस्था जिसमें गृह की स्वामिनी माता होती है और उसी पर घरेलू व्यवस्था (गृहप्रबंध) का दायित्व भी होता है।

मातृत्व (सं.) [सं-पु.] 1. माता (संतानवती) होने की अवस्था या भाव 2. माता का पद।

मातृदेवी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मातृत्व या प्रजनन की प्रतीक देवी 2. सिंधु-घाटी सभ्यता की खुदाई में प्राप्त एक मूर्ति।

मातृदेश (सं.) [सं-पु.] 1. पूर्वजों का देश; मातृभूमि 2. विदेशों में जाकर बसे लोगों के लिए उनका जन्मस्थान; जन्मभूमि।

मातृप्रधान (सं.) [वि.] जिसमें माता की प्रधानता हो (परिवार)।

मातृभाषा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. व्यक्ति की दृष्टि से उसकी माँ द्वारा बोली जाने वाली भाषा 2. स्वभाषा 3. अपने जन्मस्थान की भाषा।

मातृभाषी (सं.) [सं-पु.] मातृभाषा बोलने वाला व्यक्ति; मातृभाषाभाषी।

मातृभूमि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्वदेश 2. जन्मभूमि; (मदरलैंड)।

मातृसत्ता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वह प्रथा जिसमें सत्ता पर नियंत्रण माता या माता तुल्य कोई स्त्री करती है 2. स्‍त्री प्रधान शासन 3. मातृतंत्र।

मातृस्थल (सं.) [सं-पु.] जन्म लेने या उत्पन्न होने वाला स्थान; पैदा होने की भूमि।

मातृस्नेह (सं.) [सं-स्त्री.] माता का स्नेह; मातृ-प्रेम।

मातृहत्या (सं.) [सं-स्त्री.] माँ की हत्या करना; (मैट्रिसाइड)।

मातृहीन (सं.) [वि.] जिसकी माँ न हो; माताहीन; अनाथ।

मातृहृदय (सं.) [सं-स्त्री.] माता के समान हृदय वाली स्त्री।

मात्र (सं.) [क्रि.वि.] 1. केवल; सिर्फ़; अकेला 2. इकलौता।

मात्रक (सं.) [सं-पु.] 1. (भौतिकविज्ञान) वह निश्चित मात्रा जिसे आधार मानकर अन्य वस्तुओं का मान निकाला जाता है; एकक; इकाई; (यूनिट), जैसे- बल का मात्रक 2. किसी समूह की एक वस्तु।

मात्रा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी वस्तु का कुल आयतन, तौल या नाप; परिमाण, जैसे- भंडारगृह में चावल-गेहूँ की मात्रा 2. अक्षर में लगाई जाने वाली स्वर सूचक रेखा, जैसे- 'क' में 'ई' की मात्रा से 'की' बनता है 3. (संगीत) किसी स्वर के उच्चारण में लगा काल 4. एक स्वर के उच्चारण में लगने वाला समय या काल 5. कान का आभूषण 6. एक बार में सेवन करने योग्य दवा का परिमाण; ख़ुराक।

मात्रिक (सं.) [वि.] 1. मात्रा संबंधी; मात्रा का 2. जिसमें मात्राओं का विचार या गणना होती है 3. किसी इकाई से संबंधित; एकात्मक; (युनिटरी)।

मात्सर्य (सं.) [सं-पु.] मत्सर; ईर्ष्या; डाह; दूसरे का उत्कर्ष देखकर जलना।

माथा (सं.) [सं-पु.] 1. सिर का ऊपरी और सामने वाला भाग; मस्तक; ललाट 2. किसी वस्तु का अगला हिस्सा। [मु.] -टेकना : प्रणाम करना।-ठनकना : किसी अनिष्ट की आशंका होना। -पीटना : मातम करना और पछताना। -भन्नाना : बुद्धि का काम न करना। माथे चढ़ाना या धरना : स्वीकार करना। माथे पर बल पड़ना : क्रोध या असंतोष के लक्षण प्रकट होना। माथे मढ़ना : ज़िम्मे लगाना। -पच्ची करना : देर तक सोचना-समझना; किसी बात या काम के लिए बहुत परिश्रम करना।

माथुर (सं.) [सं-पु.] 1. मथुरा का निवासी 2. मथुरा के ब्राह्मण; चौबे 3. कायस्थ समाज में एक कुलनाम या सरनेम।

मादक (सं.) [सं-पु.] 1. नशा उत्पन्न करने वाला पदार्थ 2. निद्राजनक औषधि 3. प्राचीन काल का एक अस्त्र 4. एक प्रकार का हिरन। [वि.] 1. नशीला 2. उत्तेजक।

मादकता (सं.) [सं-स्त्री.] मादक होने की अवस्था या भाव; नशीलापन।

मादकपेय (सं.) [सं-पु.] वह तरल पदार्थ जिसको पीने से नशा होता है; नशीला पेय।

मादन (सं.) [सं-पु.] 1. मदन; कामदेव 2. मदन नामक वृक्ष। [वि.] मादक; मदमस्त करने वाला।

मादर1 (फ़ा.) [सं-स्त्री.] माँ; माता।

मादर2 (सं.) [सं-पु.] ढोल के आकार का एक वाद्य यंत्र।

मादरज़ाद (फ़ा.) [वि.] 1. जन्मजात; पैदाइशी; जैसा जन्म के समय रहा हो 2. एक ही माँ से उत्पन्न; सगा 3. एक प्रकार की गाली।

मादरी (फ़ा.) [वि.] 1. माता का 2. माता से संबंध रखने वाला, जैसे- मादरी ज़बान 3. जन्मसिद्ध; पैदाइशी।

मादा (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. स्त्रीलिंग प्राणी; (फ़ीमेल) 2. जनयित्री।

माद्दा (अ.) [सं-पु.] 1. योग्यता; सामर्थ्य 2. मूल तत्व 3. मवाद; पीब 4. वह जिससे कोई चीज़ बनी या बनाई जाती हो; घटक 5. अजैव या जड़ पदार्थ 6. अहमियत।

माद्दी (अ.) [वि.] 1. माद्दा या तत्व से संबंधित; भौतिक 2. प्राकृतिक; स्वाभाविक 3. पैदाइशी।

माधव (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) विष्णु; कृष्ण 2. वैशाख मास 3. महुआ 4. काला उड़द 5. वसंत ऋतु। [वि.] 1. मधु से निर्मित 2. वासंतिक 3. मधु संबंधी।

माधविका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक प्रसिद्ध लता जिसमें सुगंधित फूल लगते हैं; माधवीलता 2. एक प्रकार की शराब 3. दुर्गा 4. तुलसी 5. (साहित्य) दूती; कुटनी।

माधवी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. माधविका 2. एक प्रकार का पेय जो मधु से बनाया जाता था 3. एक लता और उक्त लता के सुगंधित फूल; माधविका 4. जूही 5. दुर्गा नामक देवी।

माधुरी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. माधुर्य; मिठास 2. शोभा; सुंदरता 3. शराब; मद्य।

माधुर्य (सं.) [सं-पु.] 1. मधुरता; मिठास; मीठापन 2. शोभायुक्त सुंदरता; लावण्य 3. ताज़गी 4. रमणीयता 5. (काव्यशास्त्र) काव्य के तीन गुणों में से एक।

माधुर्यपूर्ण (सं.) [वि.] जिसमें माधुर्य या मिठास हो; मधुर; मधुमय; रसाल।

माध्य (सं.) [वि.] मध्य का; बीच का; केंद्रीय। [सं-पु.] (गणित) अनेक संख्याओं का औसत।

माध्यम (सं.) [सं-पु.] 1. साधन; ज़रिया; (मीडियम) 2. आधार; सहायता 3. प्रतिनिधि। [वि.] मध्यम का; बीचवाला।

माध्यमिक (सं.) [वि.] 1. मध्य का; बीच का; बिचला 2. मध्यमस्तरीय; औसत। [सं-पु.] बौद्ध धर्म का एक संप्रदाय।

माध्व (सं.) [सं-पु.] 1. मध्वाचार्य द्वारा प्रवर्तित वैष्णवों का एक संप्रदाय 2. (पुराण) विष्णु; कृष्ण 3. वैशाख 4. वसंत। [वि.] 1. वसंत संबंधी 2. मधुनिर्मित।

माध्वी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. माधवी नामक लता 2. मदिरा; शराब 3. (पुराण) एक नदी का नाम।

मान (सं.) [सं-पु.] 1. भार; तौल 2. किसी पदार्थ या वस्तु की नाप, मूल्य आदि परिमाण जानने का साधन 3. पैमाना; मापदंड 4. आदर; इज़्ज़त; सम्मान 5. (काव्यशास्त्र) नायिका का नायक के प्रति उदासीनता का भाव; रूठना।

मानक (सं.) [सं-पु.] 1. मापदंड; नापने का मानदंड; पैमाना; कसौटी; (स्टैंडर्ड) 2. प्रतिमान; उच्चता स्तर; गुणवत्ता का आधार या स्तर। [वि.] गुणवत्ता की दृष्टि से उत्तम या श्रेष्ठ; प्रामाणिक।

मानकच्युत (सं.) [वि.] 1. मानक से गिरा हुआ; जो कसौटी पर खरा न उतरा हो 2. मानदंड या कसौटी से परे।

मानकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मानक होने की अवस्था या भाव 2. मानक होने का सूचक आधार।

मानकीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. मानक से युक्त करना; मानक निश्चित करना 2. किसी वस्तु या उपकरण आदि का ऐसा रूप या मापदंड स्थिर करना जिससे उसकी गुणवत्ता या शुद्धता आदि के संबंध में संदेह की गुंजाइश न रह जाए; (स्टैंडर्डाइज़ेशन)।

मानचित्र (सं.) [सं-पु.] 1. किसी देश, राज्य, स्थान का चित्र जिसमें नदियों, पहाड़ों, नगरों आदि को यथास्थान चिह्नित किया गया हो; नक्शा; (मैप) 2. किसी कार्य के निर्माण की परिकल्पना; ख़ाका; रेखाचित्र।

मानचित्रक (सं.) [सं-पु.] वह जो मानचित्र बनाता या मानचित्रण करता हो।

मानचित्रांकन (सं.) [सं-पु.] मानचित्र बनाने और रेखाचित्र अंकित करने की कला या विद्या।

मानद (सं.) [वि.] 1. मान या प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला 2. किसी के सम्मान में दिया जाने वाला, जैसे- मानद उपाधि।

मानदंड (सं.) [सं-पु.] 1. मानक; पैमाना 2. मूल्यांकन की विधि 3. किसी वस्तु की गुणवत्ता के स्तर को निश्चित करने वाला मान 4. मान नापने का उपकरण।

मानदेय (सं.) [सं-पु.] किसी कार्य या सेवा के बदले दिया जाने वाला धन; पारिश्रमिक।

मानधन (सं.) [वि.] 1. जो अपने मान या इज़्ज़त को ही धन समझता हो; आत्मसम्मान का ध्यान रखने वाला 2. घमंडी; अभिमानी।

मानना (सं.) [क्रि-अ.] 1. राजी होना; सहमत होना 2. समझना 3. फर्ज़ करना 4. मन में आना 5. ख़ुश होना; अनुकूल होना 6. किसी के प्रति आदर भाव रखना; कायल होना 7. भरोसा होना। [क्रि-स.] 1. विश्वास करना 2. स्वीकार करना; अंगीकार करना 3. सहन करना 4. किसी के निर्देश या आज्ञा का पालन करना; कर्तव्य निभाना 5. ख़याल रखना।

माननीय (सं.) [सं-पु.] सम्मानित लोगों के नाम या पद के पहले उपाधि के रूप में प्रयुक्त होने वाला संबोधन। [वि.] 1. आदरणीय; जिसका मान-सम्मान करना आवश्यक हो; मान करने योग्य 2. प्रतिष्ठित।

मानपत्र (सं.) [सं-पु.] वह पत्र जो किसी के सम्मान, आदर के लिए उसे दिया जाता है और जिसमें उसके द्वारा किए गए सत्कार्यों आदि की चर्चा होती है; अभिनंदन-पत्र।

मानमंदिर (सं.) [सं-पु.] 1. प्राचीन समय में राजमहलों में बनाया जाने वाला वह विशेष कक्ष जिसमें क्रोध या शोक की अवस्था में राजपरिवार का कोई व्यक्ति (विशेषकर रानी) जाकर बैठ जाता था; कोपभवन 2. वेधशाला।

मान-मनुहार [सं-स्त्री.] रूठे या मान किए हुए किसी आत्मीय या प्रेमी को मनाने के लिए की जाने वाली कोशिश; प्रणय में होने वाला रूठना-मनाना।

मानमनौवल [सं-स्त्री.] रूठे हुए को मनाने का भाव या क्रिया।

मानमर्दन (सं.) [सं-पु.] 1. स्वाभिमान को ठेस लगना 2. घमंड चूर-चूर होना।

मानमर्दित (सं.) [वि.] 1. जिसका मान नष्ट हो गया हो 2. जिसका अपमान हुआ हो।

मानमर्यादा (सं.) [सं-पु.] मान; प्रतिष्ठा; इज़्ज़त।

मानरक्षा (सं.) [सं-स्त्री.] स्वाभिमान, आत्मसम्मान की रक्षा।

मानव (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य; आदम; इंसान 2. सुसंस्कृत व्यक्ति।

मानवजाति (सं.) [सं-पु.] मनुष्य; मनुष्य जाति।

मानवजातिविज्ञान (सं.) [सं-पु.] मनुष्य जाति के परस्पर संबंध तथा विशेषता इत्यादि का अध्ययन-विवेचन करने वाली विज्ञान की एक शाखा; नृजातिविज्ञान।

मानवजातीय (सं.) [वि.] समस्त मानव जाति या मनुष्यों से संबंधित; मानवीय।

मानवता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मानव होने की अवस्था, गुण या भाव 2. समस्त मनुष्य समाज; मनुष्यता; आदमीयत 3. मनुष्य में स्वाभाविक रूप से मिलने वाले गुणों, विशेषताओं, भावनाओं आदि का सामूहिक रूप; सज्जनता 4. मनुष्य समाज के उच्च आदर्श और नैतिक मूल्य।

मानवतावाद (सं.) [सं-पु.] 1. वह सिद्धांत या विचारधारा जिसमें मानव हित को सर्वोपरि माना जाता है 2. मानवता के उच्च आदर्शों के प्रति आस्था और विश्वास की भावना का सिद्धांत।

मानवतावादी (सं.) [सं-पु.] वह व्यक्ति जो मानवतावाद के सिद्धांतों का अनुयायी और पोषक या समर्थक हो। [वि.] 1. मनुष्यता के उच्च आदर्शों के प्रति आस्था और विश्वास रखने वाला; मानवतावाद का समर्थक 2. मानवतावाद संबंधी।

मानवती (सं.) [सं-स्त्री.] (काव्यशास्त्र) वह नायिका जो नायक से रुष्ट या असंतुष्ट होने पर मान करती हो।

मानवत्व (सं.) [सं-पु.] 1. मानव होने की अवस्था या भाव 2. मानव के स्वाभाविक गुणों, भावनाओं और आदर्शों का सामूहिक रूप।

मानवद्रोही (सं.) [सं-पु.] वह जो मानव या मानव समाज का अहित करता हो; मनुष्य द्रोही।

मानवप्रेम (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य के मन में एक-दूसरे के प्रति उमड़ने वाला प्रेम 2. लोकोपकार 3. लोककल्याण का भाव 4. सांसारिक प्रेमभाव।

मानवप्रेमी (सं.) [वि.] मनुष्य से प्रेम करने वाला; स्नेही।

मानवमूर्ति (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य की प्रतिमा 2. यादगार 3. स्मारक।

मानवरहित (सं.) [वि.] जिसमें मनुष्य न हो; बिना मनुष्य के; निर्जन।

मानवविज्ञान (सं.) [सं-पु.] मनुष्य की उत्पत्ति, विकास और विभेद आदि का विश्लेषण करने वाला विज्ञान; (एंथ्रोपोलॉजी)

मानवविज्ञानी (सं.) [सं-पु.] 1. नृवंशवेत्ता; नृतत्व शास्त्री 2. मानव विज्ञानवेत्ता।

मानवविरोधी (सं.) [वि.] 1. जो मानव का अहित करता हो 2. मनुष्य जाति का विरोध करने वाला।

मानवशास्त्र (सं.) [सं-पु.] मनुष्य की उत्पत्ति, विकास और विभेद आदि का विवेचन करने वाला शास्त्र; (एंथ्रोपोलॉजी)।

मानवाकार (सं.) [वि.] 1. मानव के आकार का 2. मनुष्य के आकार का; मनुष्य के जैसा।

मानवाधिकार (सं.) [सं-पु.] मनुष्य का अथवा मानव जाति का अधिकार; हर एक मनुष्य के लिए मूलभूत अधिकार।

मानवी (सं.) [सं-स्त्री.] स्त्री; औरत। [वि.] मानुषिक; मानव संबंधी; मनुष्य का-सा।

मानवीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य रूप देना 2. मनुष्य बनाना 3. (साहित्य) रचनाकार द्वारा अमूर्त एवं जड़ पदार्थों का मानवी रूप में चित्रण।

मानवीकृत (सं.) [वि.] जिसका मानवीकरण हुआ या किया गया हो।

मानवीय (सं.) [वि.] 1. मानुषिक; मानव संबंधी; मनुष्य जाति संबंधी 2. मानवोचित; मानव का।

मानवेंद्र (सं.) [सं-पु.] 1. राजा 2. महापुरुष; नरश्रेष्ठ।

मानवेतर (सं.) [वि.] 1. मानव से अलग या भिन्न 2. मनुष्य से इतर या परे; अमानवीय।

मानवोचित (सं.) [वि.] 1. मनुष्योचित; इनसानी 2. मानवीय स्वभाव के अनुरूप।

मानस (सं.) [सं-पु.] 1. मनोभाव; मन 2. मन में उत्पन्न संकल्प 3. मन में सोचा या विचारा हुआ। [क्रि.वि.] मन से; मन के द्वारा।

मानसजन्मा (सं.) [सं-पु.] कामदेव; काम का देवता।

मानसता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मन या मानस का भाव या स्थिति 2. ऐसी मनःस्थिति जिसमें व्यक्ति कुछ करने के लिए प्रवृत्त होता है 3. मनोवृत्ति; (मेंटैलिटी)।

मान-सम्मान (सं.) [सं-पु.] गौरव; प्रतिष्ठा; मान बड़ाई; इज़्ज़त।

मानसरोवर (सं.) [सं-पु.] भारत के उत्तर में स्थित एक झील जो कैलास पर्वत के नीचे है।

मानसिक (सं.) [वि.] 1. मन की कल्पना से उत्पन्न 2. आंतरिक 3. भावनाधारित 4. मन संबंधी, जैसे- मानसिक रोग।

मानसिकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी विशिष्ट दृष्टिकोण से सोचने की स्थिति या ढंग; मनोवृत्ति 2. सोच; विचारधारा।

मानसी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मन ही मन की जाने वाली पूजा 2. एक विद्या देवी का नाम 3. मानसपूजा। [वि.] मानसिक।

मानसून (इं.) [सं-पु.] 1. ऐसी वायु जिससे किसी क्षेत्र में ऋतु विशेष में अधिकांश वर्षा होती है 2. भारत और उसके आसपास के देशों में हिंद महासागर तथा अरब सागर की ओर से दक्षिण-पश्चिमी तट पर आने वाली हवा जिससे वर्षा होती है; बरसाती हवा 3. दक्षिण एशिया में जून से सितंबर तक सक्रिय रहने वाला मौसमी पवन।

मानहानि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अपमान; बेइज़्ज़ती 2. ऐसा काम या बात जिससे किसी की मानप्रतिष्ठा घटती हो।

मानार्थ (सं.) [सं-पु.] 1. सम्मान प्रदर्शित करने के लिए किया जाने वाला कार्य 2. (पत्रकारिता) किसी को पत्र-पत्रिका आदरस्वरूप निःशुल्क प्रेषित की जाने वाली प्रति।

मानाशाही (सं.) [सं-स्त्री.] पुराने ढंग की एक प्रकार की तलवार।

मानिंद (फ़ा.) [वि.] 1. तरह; समान; सदृश; तुल्य 2. ऐसा।

मानिक (सं.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार का रत्न 2. लाल; माणिक्य।

मानित (सं.) [वि.] 1. जिसका मान होता या हुआ हो; सम्मानित; प्रतिष्ठित 2. मान्य।

मानिता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मानी होने का भाव 2. सम्मान; गौरव 3. अभिमान; अहंकार; घमंड।

मानिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मान, अभिमान या गर्व करने वाली स्त्री 2. मानवती।

मानी (सं.) [सं-पु.] (काव्यशास्त्र) शृंगार रस का आलंबन वह नायक जो बहुत बड़ा अभिमानी हो। [सं-स्त्री.] 1. घड़ा 2. चक्की के ऊपर वाले पाट की लकड़ी 3. अन्न नापने का मान 4. किसी तरह का छेद या सूराख़ 5. कुदाल आदि का छेद जिसमें बेंट लगाई जाती है। [वि.] 1. प्रतिष्ठित; स्वाभिमानी; मानयुक्त 2. मान करने वाला 3. रूठा हुआ (नायक)।

मानुष (सं.) [सं-पु.] आदमी; मनुष्य। [वि.] मनुष्य संबंधी; मनुष्य का।

मानुषिक (सं.) [वि.] 1. मनुष्य से संबंधित 2. मनुष्य का।

मानुषीकरण (सं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य के रूप में प्रस्तुत करने की क्रिया या भाव 2. मानवीकरण।

मानुषीय (सं.) [वि.] मनुष्य संबंधी।

मानुष्य (सं.) [वि.] मनुष्य संबंधी; मनुष्य का (धर्म या भाव)।

मानो (सं.) [अव्य.] 1. जैसे; गोया 2. मान लो कि; कल्पना कीजिए, जैसे- मानो हम सब एक नए ग्रह पर जाकर बस जाएँ 3. तुल्यता, जैसे- वह जुलूस क्या मानो जनसैलाब था।

मान्य (सं.) [वि.] 1. मानने याग्य; जिसे मान सके 2. पूज्य; आदरणीय।

मान्यकरण (सं.) [सं-पु.] स्वीकार या मान्य करने की क्रिया या भाव।

मान्यता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मान्य होने की स्थिति या भाव; स्वीकृति; मंज़ूरी 2. सामाजिक रूप से स्वीकृत बात; तथ्य 3. प्रथा 4. सिद्धांत।

मान्यवर (सं.) [वि.] श्रेष्ठ; श्रद्धेय।

माप [सं-स्त्री.] 1. मापने की क्रिया या भाव 2. मान 3. नाप 4. परिमाण।

मापक (सं.) [सं-पु.] 1. वह जिससे कुछ नापा या मापा जाए 2. पैमाना 3. अनाज तौलने का बाट।

मापक-यंत्र (सं.) [सं-पु.] 1. वह पात्र जिसमें भरकर कोई चीज़ नापी-जोखी जाती हो 2. वह यंत्र जिसके द्वारा किसी प्रवाहित होने वाले तत्व या पदार्थ की मात्रा, मान, वेग आदि की नाप होती है, जैसे- विद्युत मापक।

मापक्रम (सं.) [सं-पु.] 1. पैमाना; (स्केल) 2. मापक 3. परिमाण 4. श्रेणी 5. नाप 6. सीमा।

मापदंड (सं.) [सं-पु.] मानक; मापने का पैमाना।

मापन (सं.) [सं-पु.] 1. नापना 2. तराज़ू।

मापना [क्रि-स.] 1. किसी वस्तु के विस्तार, घनत्व या वज़न आदि का मान निकालना; नापना 2. पैमाइश करना।

मापांक (सं.) [सं-पु.] मान या परिमाण, जो किसी निश्चित इकाई या माप के आधार पर स्थिर किया जाता है।

मापित (सं.) [वि.] मापा हुआ; जिसे माप लिया गया हो।

माफ़ (अ.) [वि.] जिसे क्षमा कर दिया गया हो; क्षमित।

माफ़िक (अ.) [वि.] 1. अनुकूल; अनुसार 2. समान 3. उपयुक्त।

माफ़िया (इं.) [सं-पु.] गैरकानूनी कार्य करने वाले लोगों या अपराधियों का गुप्त संगठन; संगठित आपराधिक समूह, जैसे- खदान माफ़िया, भू-माफ़िया।

माफ़ी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. माफ़ करने की क्रिया या भाव; क्षमा 2. अपराध मुक्ति 3. वह भूमि जिसका कर माफ़ हो।

माफ़ीदार (अ.+फ़ा.) [वि.] जिसके पास माफ़ी की ज़मीन हो।

मामला (अ.) [सं-पु.] 1. आपस में होने वाला काम; व्यापार या व्यवहार 2. घटना 3. झगड़ा 4. काम; व्यापार 5. लेन-देन; ख़रीदना-बेचना 6. संबंध; विषय।

मामा [सं-पु.] माँ का भाई; मामू।

मामी [सं-स्त्री.] मामा की पत्नी।

मामू [सं-पु.] मामा के लिए स्नेहसूचक संबोधन।

मामूल (अ.) [सं-पु.] 1. नित्य-नियम 2. प्रथा; रीति 3. दस्तूर।

मामूली (अ.) [वि.] 1. साधारण; सामान्य; मध्यमस्तरीय 2. महत्वहीन 3. सौंदर्यहीन।

मायका (सं.) [सं-पु.] 1. नैहर; पीहर 2. स्त्री के लिए उसके माता-पिता का घर।

मायल (अ.) [वि.] 1. अनुरक्त 2. आसक्त।

माया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. दौलत 2. भ्रम 3. इंद्रजाल; जादू 4. कपट; धोखा।

मायाजाल (सं.) [सं-पु.] 1. धोखे का जाल; मोह का फंदा 2. माया 3. घर-गृहस्थी का जंजाल।

मायापट (सं.) [सं-पु.] माया का परदा; माया रूपी आवरण या पट।

मायाबद्ध (सं.) [वि.] 1. माया में बँधा हुआ 2. जो माया रूपी जाल में फँसा या बँधा हो।

मायामंत्र (सं.) [सं-पु.] 1. मोहनी विद्या 2. सम्मोहन क्रिया।

माया-मोह (सं.) [सं-पु.] 1. माया जाल 2. सांसारिक आकर्षण; ममता।

मायावर्ग (सं.) [सं-पु.] (गणित) वह बड़ा वर्ग जिसमें अनेक छोटे-छोटे वर्ग होते हैं और उनमें कुछ संख्याएँ या अंक कुछ ऐसे क्रम से रखे रहते हैं कि उनका हर तरफ़ से जोड़ बराबर या एक सा ही आता है; (मैज़िक स्क्वायर)।

मायावाद (सं.) [सं-पु.] वह सिद्धांत कि केवल ब्रह्म सत्य है और जगत मिथ्या है तथा भ्रम के कारण जगत सत्य प्रतीत होता है; संसार को मिथ्या मानने का सिद्धांत।

मायावादी (सं.) [सं-पु.] मायावाद को मानने वाला; मायावाद का समर्थक। [वि.] मायावाद संबंधी; मायावाद का।

मायाविनी (सं.) [सं-स्त्री.] छल-कपट करने वाली स्त्री; जादूगरनी; ठगिनी।

मायावी (सं.) [वि.] 1. ऐंद्रजालिक 2. धोखेबाज़; छली; ठग 3. जादूगर 4. हाथ न आने वाला 5. चालाक; धूर्त; फ़रेबी।

मायिक (सं.) [वि.] 1. माया संबंधी 2. माया से बना हुआ; जादू का; मायावी 3. बनावटी 4. माया करने या दिखाने वाला।

मायूस (अ.) [वि.] 1. जिसकी आशा टूट गई हो; उदास; हताश; निराश; नाउम्मीद 2. खिन्न।

मायूसी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मायूस होने की अवस्था या भाव; निराशा 2. उत्साहहीनता; नाउम्मीदी।

मार (सं.) [सं-स्त्री.] 1. पिटाई; दंड 2. मारना 3. कष्ट; क्लेश 4. आघात 5. चोट; प्रहार।

मारक (सं.) [वि.] 1. मारने वाला; जान से मार डालने वाला 2. नाशक 3. दमन करने वाला।

मारका1 (इं.) [सं-पु.] 1. निशान; चिह्न 2. स्वामित्व, विशेषता और अधिकार आदि का सूचकचिह्न; छाप 3. किसी वस्तु का व्यापारिक चिह्न।

मारका2 (अ.) [सं-पु.] 1. लड़ाई; युद्ध 2. बहुत बड़ी घटना या काम।

मार-काट [सं-स्त्री.] 1. एक-दूसरे को मारने और काटने की क्रिया या भाव 2. युद्ध; लड़ाई 3. जनसंहार।

मारकीन (इं.) [सं-स्त्री.] एक प्रकार का साधारण कपड़ा।

मारकेश (सं.) [सं-पु.] (ज्योतिष) किसी की जन्मकुंडली में ग्रहों का वह योग जो उसके लिए अनिष्टकारक माना जाता है।

मारण (सं.) [सं-पु.] 1. प्राण लेने या मार डालने की क्रिया 2. किसी मार डालने के लिए तांत्रिक प्रयोग द्वारा किए जाने वाले अंधविश्वासपूर्ण क्रियाकलाप।

मारना (सं.) [क्रि-स.] 1. पीटना 2. जान लेना; हत्या करना; प्राण लेना 3. प्रहार करना; चोट पहुँचाना 4. पछाड़ना 5. पकड़ना; हराना 6. कूटना; ठोंकना 7. प्रभावहीन कर देना।

मारपीट [सं-स्त्री.] 1. लड़ाई-झगड़ा 2. मारने-पीटने का काम 3. लड़ाई।

मारफ़त (अ.) [अव्य.] 1. के द्वारा; जरिए से, जैसे- यह सामान डाक के मारफ़त मँगाया गया है 2. सौजन्य से; माध्यम से।

मारबल (इं.) [सं-पु.] एक प्रकार का कठोर पत्थर जिससे फ़र्श आदि का निर्माण होता है।

मारवाड़ी [सं-पु.] मारवाड़ का निवासी। [सं-स्त्री.] मारवाड़ देश की बोली। [वि.] मारवाड़ देश; मारवाड़ संबंधी।

मारा [वि.] 1. जो मारा गया हो; हत 2. जिसपर मार पड़ी हो 3. जो किसी प्रकार विपत्ति या कष्ट से पीड़ित हो; बहुत दुखी, जैसे- आफ़त का मारा। [मु.] -मारा फिरना : मज़बूरी या दुर्दशा में जहाँ-तहाँ भटकना।

मारामारी [सं-स्त्री.] 1. जल्दबाज़ी; आपाधापी; धक्कमधक्का 2. हड़बड़ी 3. हाथापाई; ज़बरदस्ती 4. बहुत ही उग्र या कटुतापूर्ण होड़।

मारुत (सं.) [सं-पु.] 1. वायु; हवा; पवन; समीर 2. जगत का प्राण 3. (पुराण) वायु के अधिपति देवता।

मारुति (सं.) [सं-पु.] 1. हनुमान 2. भीम।

मारू [सं-पु.] 1. युद्ध के समय गाया-बजाया जाने वाला एक राग 2. मरुदेश वासी 3. डंका। [वि.] 1. जान मारने वाला; घातक; मारक 2. काट करने वाला 3. ह्रदय-बेधक 4. विध्वंसक।

मारे-मारे [क्रि.वि.] भटकते हुए; मज़बूरीवश; बेवजह, जैसे- रोज़ीरोटी की तलाश में मारे-मारे फिरना।

मार्क (इं.) [सं-पु.] 1. छाप 2. लक्षण 3. एक जरमन सिक्का जो ब्रिटिश शिलिंग के मूल्य का होता है।

मार्का (इं.) [सं-पु.] दे. मारका।

मार्केट (इं.) [सं-पु.] बाज़ार; हाट; मंडी।

मार्क्सवाद [सं-पु.] कार्ल मार्क्स तथा फ़्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित आर्थिक और राजनीतिक सिद्धांतों का वह समुच्चय जिसमें माना गया है कि मानवीय कार्य तथा सामाजिक व्यवस्था आर्थिक रूप से निर्धारित होती है तथा ऐतिहासिक परिवर्तनों के लिए वर्गसंघर्ष आवश्यक है। इस वैज्ञानिक सिद्धांत में वर्गविहीन समाज की स्थापना के लिए उत्पादन के साधनों या संपत्ति पर सामाजिक स्वामित्व पर बल दिया गया है।

मार्क्सवादी [सं-पु.] वह जो मार्क्सवाद के सिद्धांतों का अनुयायी हो। [वि.] मार्क्सवाद का; मार्क्सवाद संबंधी।

मार्क्सशीट (इं.) [सं-पु.] अंकपत्र; अंकसूची।

मार्ग (सं.) [सं-पु.] 1. रास्ता; पथ; राह; (रोड) 2. प्रवेश द्वार 3. दर्रा।

मार्गकर (सं.) [सं-पु.] वह कर या टैक्स जो वाहन संचालकों से किसी राजमार्ग या मार्ग पर आने-जाने के लिए लिया जाता है; पथ कर; (टोल टैक्स)।

मार्गदर्शक (सं.) [सं-पु.] 1. मार्ग दिखाने वाला व्यक्ति; रास्ता दिखाने वाला व्यक्ति; पथप्रदर्शक 2. रहनुमा।

मार्गदर्शन (सं.) [सं-पु.] 1. मार्ग दिखाने का कार्य; रास्ता दिखाने वाला 2. पथप्रदर्शन।

मार्गशीर्ष (सं.) [सं-पु.] 1. कार्तिक और पौष के बीच का महीना 2. अगहन का महीना।

मार्गसंकेत (सं.) [सं-पु.] रास्ता सूचक चिह्न।

मार्गी (सं.) [सं-पु.] 1. पथिक; यात्री 2. मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति। [वि.] पथप्रदर्शक; रास्ता बताने या दिखाने वाला।

मार्च (इं.) [सं-पु.] अँग्रेज़ी वर्ष का तीसरा माह।

मार्जन (सं.) [सं-स्त्री.] 1. दोष, मल आदि दूर करके सफ़ाई करने की क्रिया या भाव 2. शुद्ध या पवित्र करना 3. धो-माँजकर साफ़ करने की क्रिया 4. भूल, दोष आदि का निवारण।

मार्जनी (सं.) [सं-स्त्री.] झाड़ू; बुहारी।

मार्जार (सं.) [सं-पु.] 1. बिल्ली; बिलाव 2. लाल चीते का पेड़।

मार्जित (सं.) [वि.] 1. शुद्ध; स्वच्छ; जिसका मार्जन हुआ हो 2. सुसंस्कृत 3. शोधित।

मार्जिन (इं.) [सं-पु.] 1. लाभ; नफ़ा; मुनाफ़ा 2. सीमा 3. किनारा 4. हद 5. हाशिया।

मार्तंड (सं.) [सं-पु.] सूर्य; आदित्य; भानु; प्रभाकर।

मार्दव (सं.) [सं-पु.] 1. मृदु होने की अवस्था या भाव; मृदुता 2. कोमलता; सरसता।

मार्मिक (सं.) [वि.] 1. जो दिल या मर्म को छू जाए 2. मर्म संबंधी; मर्मस्पर्शी 3. मर्म को आंदोलित करने वाला 4. मर्मज्ञ।

मार्मिकता [सं-स्त्री.] मार्मिक होने की अवस्था या भाव।

मार्शल (इं.) [सं-पु.] सेना में सेनापति के दरज़े का अधिकारी। [वि.] वीर; युद्धप्रेमी।

मार्शल लॉ (इं.) [सं-पु.] सैनिक व्यवस्था या शासन; फ़ौजी कानून।

माल1 (अ.) [सं-पु.] 1. धन-संपत्ति; रुपया-पैसा 2. उत्पाद; क्रय-विक्रय का सामान।

माल2 (सं.) [सं-स्त्री.] 1. फूलों आदि से बनाया गया हार; माला 3. पंक्ति; श्रेणी 4. समूह।

मालकंगनी (सं.) [सं-स्त्री.] एक प्रकार की लता जिसके बीजों से तेल निकलता है।

मालकिन (अ.) [सं-स्त्री.] 1. जो संपत्ति की अधिकारिणी हो; स्वामिनी 2. मालिक की पत्नी।

मालकियत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मालिकाना हक 2. अधिकार; स्वत्व।

मालखंभ (सं.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार की कसरत जो लकड़ी के खंभे के सहारे की जाती है 2. उक्त प्रकार का खंभा।

मालख़ाना (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] वह स्थान जहाँ माल-असबाब रहता है; भंडारगृह; कोष।

मालगाड़ी [सं-स्त्री.] माल ढोने के काम आने वाली रेलगाड़ी।

मालगुज़ार (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. मालगुज़ारी देने वाला या अदा करने वाला व्यक्ति 2. ज़मींदार।

मालगुज़ारी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. भूमिकर; लगान; (टैक्स) 2. मालगुज़ार होने की अवस्था या भाव 3. भू-राजस्व; भू-अगम।

मालगोदाम (अ.+इं.) [सं-पु.] भंडार; भंडारघर; किसी वस्तु के संग्रह करने का स्थान।

मालटा [सं-पु.] मौसमी की प्रजाति का एक प्रकार का फल और उसका पेड़।

मालती (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार की लता जिसके फूलों से मीठी सुगंध आती है 2. (काव्यशास्त्र) बारह वर्णों का एक वर्णवृत्त 3. चंद्रमा का प्रकाश; चाँदनी 4. जायफल; कलिका 5. रात्रि; रात।

मालदह [सं-पु.] 1. पश्चिम बंगाल का एक नगर 2. आम की एक प्रजाति।

मालदार (अ.+फ़ा.) [वि.] जिसके पास बहुत सारा माल या धन-संपत्ति हो; धनी; धनवान; अमीर; संपन्न।

मालदारी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] मालदार होने की अवस्था या भाव; संपन्नता; अमीरी।

मालपुआ [सं-पु.] तेल या घी में तलकर आटे से बनाया जाने वाला मीठी पूड़ी की तरह का एक पकवान।

माल-भाड़ा [सं-पु.] 1. एक जगह से दूसरी जगह माल भेजने का भाड़ा 2. मालकिराया।

मालमत्ता (अ.) [सं-पु.] पूँजी; धन-दौलत; संपत्ति; माल-असबाब।

मालमस्त (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. धन-दौलत के नशे में मस्त रहने वाला 2. संपत्ति के कारण घमंड करने वाला।

मालव (सं.) [सं-पु.] 1. भारत के मध्यप्रदेश राज्य में मालवा नामक प्रदेश; मालव देश 2. उक्त प्रदेश का निवासी। [वि.] मालव देश संबंधी।

मालवा (सं.) [सं-पु.] भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रसिद्ध भू-भाग। [सं-स्त्री.] एक प्राचीन नदी।

मालवाहक (अ.+सं.) [वि.] माल ढोने वाला; माल ले जाने वाला।

मालवाही (अ.+सं.) [सं-पु.] 1. जहाज़ पर माल लादने वाला व्यक्ति 2. माल लादने वाला जहाज़।

मालविका (सं.) [सं-स्त्री.] ऊँचे पहाड़ों की एक लता; निसोथ।

मालवीय (सं.) [वि.] 1. मालव देश संबंधी 2. मालव का। [सं-पु.] 1. मालव देश का निवासी 2. ब्राह्मणों का एक कुलनाम या सरनेम।

माला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हार; माल्य; लड़ी; समूह 2. श्रेणी; पंक्ति, जैसे- पर्वतमाला। [मु.] -फेरना : नाम जपना; प्रयास करना।

मालामाल (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. समृद्ध; धनधान्य से संपन्न; धनी; अमीर; दौलतमंद 2. भरपूर।

मालावती (सं.) [सं-स्त्री.] (संगीत) एक प्रकार की रागिनी।

मालिक (अ.) [सं-पु.] 1. स्वामी; अधिपति 2. संपत्ति का स्वामी 3. ईश्वर।

मालिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हार; माला 2. पंक्ति; श्रेणी 3. अटारी 4. चमेली।

मालिकाना (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] स्वामित्व; वह हक या धन जो किसी चीज़ के मालिक को उसके स्वामित्व के बदले में मिलता हो। [वि.] मालिक या स्वामी का; मालिक जैसा।

मालिकी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मिलकियत 2. मालिक या स्वामी होने का भाव 3. धन-दौलत; जायदाद।

मालिन [सं-स्त्री.] 1. माली का काम करने वाली स्त्री 2. माली की स्त्री।

मालिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. माली जाति की स्त्री; मालिन 2. गंगा 3. (काव्यशास्त्र) सवैया छंद का एक नाम।

मालिन्य (सं.) [सं-पु.] 1. मलिनता; मैलापन 2. अपवित्रता 3. अंधकार।

मालियत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. माल का वास्तविक मूल्य; कीमत 2. धन-दौलत 3. कीमती चीज़; मूल्यवान वस्तु।

मालिश (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. शरीर पर हाथों से तेल लगाने की क्रिया 2. चंपी 3. मर्दन।

माली1 (सं.) [सं-पु.] 1. बागवानी करने वाला व्यक्ति; माला बनाने वाला व्यक्ति; बागवान; फूल बेचने वाला व्यक्ति 2. माला बनाने का काम करने वाली एक हिंदू जाति। [वि.] जो माला पहने हो; युक्त; मंडित।

माली2 (अ.) [वि.] 1. आर्थिक 2. माल संबंधी; माल का 3. राज्य-कर संबंधी 4. अर्थशास्त्र संबंधी।

मालुमात (अ.) [सं-स्त्री.] 1. जानकारी; ज्ञान 2. किसी बात या विषय की अच्छी जानकारी या पूरी जानकारी।

मालूम (अ.) [वि.] 1. ज्ञात; विदित 2. प्रकट; स्पष्ट 3. जाना हुआ।

मालोपमा (सं.) [सं-स्त्री.] (काव्यशास्त्र) उपमा अलंकार का एक भेद।

माल्य (सं.) [सं-पु.] माला; हार; पुष्प।

मावा (सं.) [सं-पु.] 1. दूध को औटाकर बनाया गया खोआ 2. सार; सत्त।

माश (फ़ा.) [सं-पु.] 1. घर-गृहस्थी का सामान 2. उड़द की दाल 3. मूँग।

माशा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. आठ रत्ती की तौल 2. तौल का बारहवाँ भाग 3. लुहारों की सँड़सी।

माशूक (अ.) [वि.] 1. जिसके साथ इश्क या प्रेम किया जाए; प्रेमपात्र; प्रेमी 2. सुंदर; मोहक 3. प्यारा।

माशूका (अ.) [सं-स्त्री.] प्रेमिका; प्रेयसी।

माशूकाना (अ.+फ़ा.) [वि.] माशूकों जैसा; प्रेमपात्रों की तरह का।

माशूकी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. माशूक होने की अवस्था या भाव; माशूकपन 2. सुंदरता; सौंदर्य।

माष (सं.) [सं-पु.] 1. उड़द 2. माशा 3. शरीर का मसा।

मास (सं.) [सं-पु.] माह; महीना।

मासपर्यंत (सं.) [क्रि.वि.] महीने भर; पूरे महीने।

मासमीडिया (इं.) [सं-पु.] 1. (पत्रकारिता) जन-जन तक समाचार तथा सूचनाओं को पहुँचाने का माध्यम, जैसे- पत्र-पत्रिकाएँ, रेडियो, टीवी, फ़िल्म, नाटक आदि जनमाध्यम 2. संपर्क साधन; जनसंपर्क माध्यम।

मासांत (सं.) [सं-पु.] 1. महीने का अंत या समाप्ति 2. अमावस्या 3. सौर संक्रांति का दिन 4. माह का आख़िरी दिन।

मासिक (सं.) [वि.] 1. माहवारी 2. मास संबंधी 3. प्रति माह नियमित रूप से होने वाला।

मासिकधर्म (सं.) [सं-पु.] स्त्रियों के गर्भाशय से हर महीने रक्त आदि निकलने की वह क्रिया जो यौवनारंभ से लेकर रजोनिवृत्ति तक होती है; रजोधर्म; महीना; माहवारी; ऋतुस्राव।

मासी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. संबंध के विचार से माँ की बहन 2. मौसी।

मासूम (अ.) [वि.] 1. निश्छल; भोला 2. निरपराध; बेगुनाह 3. निर्दोष; निरीह; दया का पात्र।

मासूमियत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मासूम होने की अवस्था या भाव; भोलापन 2. निरीहता 3. सिधाई।

मास्टर (इं.) [सं-पु.] 1. अध्यापक; शिक्षक 2. किसी कला, गुण या विषय में निपुण व्यक्ति 3. उस्ताद।

मास्ट हेड (इं.) [सं-पु.] (पत्रकारिता) समाचार पत्र का शीर्षक जो कि प्रथम पृष्ठ के शीर्ष पर लिखा जाता है।

माह [सं-पु.] मास; महीना; वर्ष के बारहवें भाग का काल विभाग जो प्रायः तीस दिनों का होता है और जिसका कुछ निश्चित नाम होता है।

माहताब (फ़ा.) [सं-पु.] 1. चाँद 2. चंद्रमा की चाँदनी।

माहताबी (फ़ा.) [वि.] 1. चंद्रमा की चाँदनी में रखकर तैयार किया हुआ (औषधि आदि) 2. चाँदनी में बैठने के लिए बनाया गया चबूतरा।

माहवार (फ़ा.) [वि.] महीने-महीने; हर महीने; मासिक; प्रतिमास।

माहवारी (फ़ा.) [वि.] मासिक।

माहिर (अ.) [वि.] 1. किसी काम में अत्यधिक दक्ष; कुशल; निपुण 2. विशेषज्ञ; अच्छा जानकार।

माही (फ़ा.) [सं-स्त्री.] मछली; मत्स्य; मीन।

माहुर (सं.) [सं-पु.] ज़हर; विष।

माहौल (अ.) [सं-पु.] 1. वातावरण; परिवेश 2. परिस्थिति।

मिंड़ना [क्रि-अ.] 1. मींड़ा या मसला जाना 2. साथ लगना या होना 3. सटाया, चिपकाया या लगाया जाना।

मिंड़ाई [सं-स्त्री.] 1. मींड़ने, मसलने की क्रिया या भाव 2. मींड़ने की मज़दूरी या पारिश्रमिक।

मिंबर (अ.) [सं-पु.] मस्जिद का वह ऊँचा चबूतरा जिसपर बैठकर इमाम या मुल्ला उपदेश देते हैं अथवा लोगों को नमाज़, ख़ुतबा आदि पढ़ाते हैं।

मिकदार (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मात्रा; परिणाम 2. तौल।

मिचकना [क्रि-अ.] 1. आँख का मिचना या बंद होना 2. बार-बार आँख का बंद होना; मिचना।

मिचकाना [क्रि-स.] बार-बार आँखें या पलकें खोलना या बंद करना।

मिचकी [सं-स्त्री.] 1. आँख मिचकाने की क्रिया या भाव 2. आँख से किया गया इशारा या संकेत।

मिचना [क्रि-अ.] बंद होना (आँखों का)।

मिचमिचाना [क्रि-स.] आँखों को जल्दी-जल्दी बंद करना और खोलना।

मिचलाना [क्रि-अ.] मतली आना; उबकाई आना; मिचलाहट होना; कै होना।

मिचली [सं-स्त्री.] जी मिचलाने की क्रिया या भाव; शरीर की ऐसी अवस्था जिसमें कै या उल्टी करने की इच्छा हो।

मिचौनी [सं-स्त्री.] मीचने या मूँदने की क्रिया या भाव।

मिज़राब (अ.) [सं-स्त्री.] सितार बजाने का तार का नुकीला छल्ला।

मिज़ाज (अ.) [सं-पु.] 1. स्वभाव; प्रकृति; प्रवृति 2. मनःस्थिति; दिल; तबीयत 3. किसी पदार्थ का वह मूल गुण जो सदा बना रहता है; तासीर।

मिज़ाजदार (अ.+फ़ा.) [वि.] अभिमानी; अभिमान करने वाला व्यक्ति घमंडी।

मिज़ाजपुरसी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] किसी का कुशलमंगल पूछना; हालचाल पूछना।

मिज़ाजी (अ.) [वि.] बहुत अधिक घमंड या मिज़ाज में रहने वाला; अभिमान में जीने वाला; घमंडी।

मिटना (सं.) [क्रि-अ.] 1. दाग, चिह्न आदि का दूर होना 2. नष्ट होना; बरबाद होना; न रह जाना 3. रद्द होना 4. लुप्त होना 5. उजड़ना 6. पोंछा जाना; निशान आदि दूर करना।

मिटाना [क्रि-स.] 1. दाग, चिह्न आदि का दूर करना 2. नष्ट करना; बरबाद करना; ख़त्म करना 3. रद्द करना 4. लुप्त करना।

मिट्टी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. धरती की ऊपरी सतह; ज़मीन; मृदा; मृण; मृत्तिका 2. {ला-अ.} शव; लाश 3. मातृभूमि 4. धूल; ख़ाक। [मु.] -में मिलना : नष्ट होना। -पलीद करना : दुर्दशा करना। -होना : मर जाना; चौपट या बरबाद होना।

मिट्ठू [सं-पु.] 1. मीठा बोलने वाला व्यक्ति 2. तोता; सुग्गा। [वि.] 1. मधुरभाषी 2. प्रायः कम बोलने या चुप रहने वाला।

मिठबोला [वि.] 1. मीठी बातें बोलने वाला; मधुरभाषी 2. दिखावटी बातें करने वाला।

मिठलोना [वि.] जिसमें नमक कम या थोड़ा हो; कम नमकवाला।

मिठाई [सं-स्त्री.] 1. मीठे स्वाद वाला खाद्य पदार्थ; मिष्ठान्न, जैसे- कलाकंद, लड्डू, जलेबी आदि 2. मिठास; शीरीनी।

मिठास [सं-स्त्री.] मीठे होने की स्थिति या भाव; मीठापन; माधुर्य।

मिडिल (इं.) [वि.] 1. माध्यमिक 2. बीच का; मध्यवर्ती।

मित (सं.) [वि.] 1. जो सीमित हो; परिमित 2. नपा-तुला 3. नियत 4. थोड़ा; कम 5. फेंका हुआ।

मितभाषा (सं.) [सं-स्त्री.] कम शब्दों में अपनी बात करने का ढंग या पद्धति।

मितभाषी (सं.) [वि.] आवश्यकतानुसार बोलने वाला; अपेक्षाकृत कम बोलने वाला; नपे-तुले शब्दों में अपनी बात कहने वाला।

मितली [सं-स्त्री.] 1. पेट से खाद्य पदार्थ का मुखमार्ग से बाहर आना 2. उल्टी या कै की इच्छा 3. मिचली।

मितव्यय (सं.) [सं-पु.] 1. कम ख़र्च करना; अल्पव्यय; किफ़ायत 2. थोड़े ख़र्च में काम चलाना।

मितव्ययता (सं.) [सं-स्त्री.] मितव्यय होने की अवस्था या भाव; कमख़र्ची।

मितव्ययी (सं.) [वि.] कम ख़र्च करने वाला; अल्पव्ययी।

मिताक्षर (सं.) [वि.] संक्षिप्त; लघु।

मिताशन (सं.) [सं-पु.] 1. थोड़ा भोजन करना 2. अल्पाहार।

मिताहार (सं.) [सं-पु.] 1. अल्पाहार 2. कम खाना। [वि.] कम खाने वाला; मिताहारी।

मिताहारी (सं.) [वि.] थोड़ा या कम भोजन करने वाला; कम खाने वाला; अल्पाहारी; मितभोजी।

मिति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मान; माप 2. फल; परिणाम 3. सीमा; हद 4. नियम, मर्यादा आदि का बंधन।

मिती (सं.) [सं-स्त्री.] चांद्र मास की तिथि जो प्रत्येक पक्ष में एक से पंद्रह तक होती है।

मित्र (सं.) [सं-पु.] दोस्त; साथी; बंधु; सखा; हमदर्द; शुभचिंतक; संगी; मनमीत; (फ़्रेंड)।

मित्रता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मित्र होने की अवस्था, भाव या धर्म 2. मैत्री; बंधुता; दोस्ती; यारी।

मित्रद्रोह (सं.) [सं-पु.] मित्र के प्रति विश्वासघात; मित्र को हानि पहुँचाना।

मित्रद्रोही (सं.) [वि.] मित्र के प्रति द्रोह या विश्वासघात करने वाला; मित्र को संकट में डालने वाला।

मित्रभाव (सं.) [सं-पु.] दोस्ती; मित्रता; मैत्री।

मित्रराष्ट्र (सं.) [सं-पु.] अपने देश से मित्रतापूर्ण संबंध रखने वाला राष्ट्र।

मित्रवत (सं.) [वि.] 1. मित्र के समान; मित्र जैसा; मित्रतापूर्ण 2. अपनत्व या बंधुत्व भरा।

मित्रवर (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत घनिष्ठ या श्रेष्ठ मित्र के लिए संबोधन 2. मित्र; सखा; दोस्त।

मिथक (इं.+हिं.) [सं-पु.] 1. लोककाल्पनिक कथानक; लोकरुढ़ि; अनुश्रुति 2. पौराणिक कथा; परंपरागत कथा 3. मान्यता 4. आख्यान।

मिथकीय (इं.+हिं.) [वि.] 1. मिथक संबंधी; मिथक से उत्पन्न 2. काल्पनिक; अनुश्रुत 3. लोककथात्मक; पौराणिक।

मिथिला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. वर्तमान तिरहुत का प्राचीन नाम 2. उक्त प्रदेश की राजधानी 3. जनकपुरी।

मिथुन (सं.) [सं-पु.] 1. स्त्री और पुरुष का युग्म; नर-मादा का जोड़ा 2. संभोग; मैथुन; समागम 3. (ज्योतिष) बारह राशियों में तीसरी राशि।

मिथ्या (सं.) [वि.] 1. असत्य; झूठ 2. तथ्यहीन; निराधार 3. कृत्रिम; बनावटी 4. नीति के विरुद्ध।

मिथ्याकोप (सं.) [सं-पु.] दिखावे के लिए किया जाने वाला कोप या रोष; बनावटी क्रोध।

मिथ्याक्षेप (सं.) [सं-पु.] 1. झूठा आरोप 2. निराधार और बनावटी आरोप।

मिथ्याचार (सं.) [सं-पु.] 1. कपटपूर्ण व्यवहार; छल 2. ऐसा आचरण जिसमें सच्चाई न हो।

मिथ्याभाषी (सं.) [वि.] झूठ बोलने वाला; मिथ्यावादी।

मिथ्याभिमान (सं.) [सं-पु.] झूठा घमंड या अभिमान।

मिथ्यावाद (सं.) [सं-पु.] असत्य कथन; झूठी बात।

मिथ्यावादी (सं.) [वि.] झूठ बोलने वाला; झूठा; असत्यवादी।

मिनट (इं.) [सं-पु.] 1. साठ सेकेंड का समय; क्षण 2. किसी बैठक या सभा की कार्यवाही या निर्णयों का लिखित विवरण।

मिनमिनाना [क्रि-अ.] मिन-मिन करना; अस्पष्ट या धीमे स्वर में बोलना 2. नाक से बोलना 3. धीरे-धीरे काम करना।

मिनरल (इं.) [सं-पु.] 1. खनिज लवण; धातु लवण 2. कच्ची धातु।

मिनिस्टर (इं.) [सं-पु.] मंत्री।

मिनी (इं.) [वि.] छोटा; लघु।

मिनी बस (इं.) [सं-स्त्री.] छोटे आकार की बस; छोटी बस।

मिन्नत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. याचना; प्रार्थना; विनती 2. गिड़गिड़ाना 3. चापलूसी।

मिमियाना [क्रि.‌अ.] 1. बकरी या भेड़ का बोलना 2. {ला-अ.} भयभीत होकर कुछ कहना।

मियाँ (फ़ा.) [सं-पु.] 1. मुसलमानों में एक संबोधन; महाशय 2. स्वामी; मालिक 3. पति; शौहर। [मु.] -की जूती मियाँ का सिर : अपना अहित स्वयं करना।

मियाद (अ.) [सं-स्त्री.] दे. मीयाद।

मियादी (अ.) [वि.] दे. मीयादी।

मियाना (फ़ा.) [सं-पु.] 1. केंद्र या मध्य भाग 2. एक प्रकार की डोली या पालकी। [वि.] मध्यम आकार का; मझोला।

मियानी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. पाज़ामे के बीच का भाग 2. कमरे के बीच की छत जिसमें कुछ सामान आदि रखते हैं 3. घास-फूस से बनी छाजन; हल्की छत; परछती। [वि.] मध्य का; बिचला।

मिरगी (सं.) [सं-स्त्री.] एक तरह की बीमारी जिसमें रोगी अचानक बेहोश हो जाता है; अपस्मार; (एपिलेप्सी)।

मिरज़ई (फ़ा.) [सं-पु.] 1. कमर तक पहनने वाला एक प्रकार का वस्त्र 2. बंद कुरती।

मिर्च (सं.) [सं-स्त्री.] हरे या लाल रंग की लंबी फली जिसका स्वाद कड़वा या तीता होता है और यह मसाले के रूप में प्रयुक्त होता है। [मु.] -लगना : बुरा लगना।

मिर्चदानी [सं-स्त्री.] मिर्च आदि रखने का छोटा बरतन या डिब्बा।

मिर्ज़ा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. मीर या सरदार का लड़का 2. मुगलों की एक उपाधि।

मिल (इं.) [सं-स्त्री.] 1. कारख़ाना 2. वह बड़ी मशीन जिसमें बड़े पैमाने पर वस्तुएँ तैयार की जाती हैं 3. आटा पीसने तथा लकड़ी आदि चीरने की मशीन।

मिलक (अ.) [सं-स्त्री.] 1. भूमि-संपत्ति 2. ज़मीन-जायदाद 3. स्थायी संपत्ति।

मिलन (सं.) [सं-पु.] 1. मिलाप; भेंट 2. संभोग 3. संगम 4. मिलावट; मिश्रण।

मिलनसार (सं.) [वि.] 1. सबसे मेलजोल रखने वाला; आत्मीयता से मिलने वाला 2. सुशील 3. प्यार-मुहब्बतवाला।

मिलना (सं.) [क्रि-अ.] 1. दो या अधिक पदार्थों का संयोग; योग होना; मिश्रित होना 2. साथ लगना; सटना 3. समुदाय या समूह में समा जाना 4. भेंट होना या मुलाकात होना 5. एक-दूसरे के बहुत समान होना।

मिलनी [सं-स्त्री.] 1. विवाह की एक रस्म 2. उक्त रस्म में कन्या पक्ष वाले वर पक्ष वाले से गले मिलते हैं और उपहार या रुपए आदि देते हैं।

मिलवाना [क्रि-स.] 1. आपस में एक-दूसरे का मिलाना; भेंट या परिचय कराना 2. मिलाने का काम दूसरे से कराना 3. मिलने के लिए प्रेरित करना 4. मिलन या योग कराना।

मिलाई [सं-स्त्री.] 1. मिलने या मिलाने की क्रिया 2. भेंट; मिलन; मिलनी।

मिलाजुला [वि.] 1. मिश्रित 2. सम्मिलित 3. संयुक्त 4. जिसमें अनेक वस्तुओं का मिश्रण हो।

मिलान [सं-पु.] 1. मिलाने की क्रिया या भाव 2. दो वस्तुओं में की जाने वाली तुलना 3. मिलकर जाँचना।

मिलाना [क्रि-स.] 1. एक वस्तु को दूसरी वस्तु में मिश्रित करना; योग करना 2. जोड़ना; इकट्ठा करना; संयोग करना 3. तुलना करना 4. मिलान करना 5. किसी को अपनी ओर करना 6. (संगीत) स्वरों का मेल करना।

मिलाप [सं-पु.] 1. मिलने की क्रिया या भाव 2. वह स्थिति जिसमें व्यक्ति आपस में मिल-जुलकर और स्नेहपूर्वक रहते हों; मेल 3. स्नेहपूर्ण मिलन।

मिलावट [सं-स्त्री.] 1. शुद्ध चीज़ में कोई अन्य या घटिया चीज़ मिलाए जाने की क्रिया; अपमिश्रण 2. घपला 3. खोट।

मिलावटी [वि.] 1. जिसमें मिलावट हो; अशुद्ध; अपमिश्रित 3. जिसमें अन्य चीज़ों का मिश्रण हो।

मिलिंद (सं.) [सं-पु.] भौंरा; भ्रमर।

मिलीग्राम (इं.) [सं-पु.] एक ग्राम का हज़ारवाँ भाग।

मिलीभगत [सं-स्त्री.] षड्यंत्र; दुरभिसंधि; साँठगाँठ; छल; कपटजाल; धूर्ततापूर्ण चाल।

मिल्कियत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. संपत्ति; जायदाद 2. भूमि पर स्वामित्व का अधिकार।

मिल्लत (अ.‍) [सं-स्त्री.] 1. मज़हब; धर्म 2. संप्रदाय; फ़िरका 3. कौम।

मिशन (इं.) [सं-पु.] 1. अभियान; लक्ष्योन्मुख कार्य 2. उद्देश्य; लक्ष्य; जीवन का ध्येय 3. किसी उद्देश्य से विदेश भेजा जाने वाला शिष्टमंडल।

मिशनरी (इं.) [सं-पु.] पादरी; ईसाई धर्मोपदेशक; धर्मप्रचारक। [वि.] 1. मिशन से संबंधित 2. लक्ष्य या उद्देश्य से संबंधित।

मिश्र (सं.) [सं-पु.] 1. ब्राह्मणों में एक कुलनाम या सरनेम 2. हाथियों की एक जाति 4. कृतिका, विशाखा आदि नक्षत्रों का गण। [वि.] एक में मिला या मिलाया हुआ; मिश्रित; संयुक्त।

मिश्रक (सं.) [सं-पु.] वह जो औषधियों को मिश्रित कर दवाइयाँ बनाते हैं; दवाएँ बनाने वाला व्यक्ति; (कंपाउंडर)। [वि.] मिश्रण करने वाला।

मिश्रण (सं.) [सं-पु.] 1. दो या दो से अधिक चीज़ों या तत्वों को आपस में मिलाना; मिलावट; मिश्रित करना 2. (गणित) संख्याओं को जोड़ने की क्रिया; योग करना 3. वह औषधि जो कई औषधियों के मेल से बनी हो; (मिक्सचर)।

मिश्रता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मिश्रित होने की अवस्था या भाव 2. मिलावटीपन।

मिश्रधातु (सं.) [सं-स्त्री.] दो या दो से अधिक धातुओं के मिश्रण से बनी धातु।

मिश्रित (सं.) [वि.] 1. एक में मिला हुआ; घुला-मिला होना; मिलाया हुआ 2. मिलावटी 3. विविध।

मिश्री (सं.) [सं-स्त्री.] विशेष प्रकार से जमाई हुई बड़े दानों के आकार वाली चीनी; शर्करा की छोटी ढेली।

मिश्रीकरण (सं.) [सं-पु.] मिलाने या मिश्रण करने की क्रिया या भाव।

मिष्ट (सं.) [वि.] 1. स्वादिष्ट 2. मीठा; मधुर; मिठासयुक्त।

मिष्टभाषी (सं.) [सं-पु.] मधुरभाषी; मीठे शब्द बोलने वाला।

मिष्ठान्न (सं.) [सं-पु.] मिठाई; मीठा अन्न; मीठा पकवान।

मिष्ठान्नशाला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मिठाई की दुकान 2. मिठाई बनाने का कारख़ाना।

मिस1 [सं-पु.] बहाना; ढोंग। [क्रि.वि.] बहाने से; ज़रिए।

मिस2 (इं.) [सं-स्त्री.] 1. अविवाहित युवती या महिला के नाम से पहले प्रयोग किया जाने वाला शब्द; सुश्री 2. कुमारी; युवती; कन्या 3. चूक; गलती; भूल 4. किसी व्यक्ति या वस्तु को देखने, सुनने, समझने आदि में असमर्थ होने की अवस्था 5. स्मृति; याद।

मिसकना [क्रि-अ.] 1. धीरे-धीरे बोलना; मिस-मिस शब्द होना 2. मिनमिनाना।

मिसकीन (अ.) [वि.] 1. बेचारा; दीन-हीन 2. दरिद्र; निर्धन; गरीब 3. भोला-भाला; सीधा-सादा 4. विनम्र।

मिसकीनता (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मिसकीन होने की अवस्था या भाव 2. गरीबी; दरिद्रता 3. दीनता; नम्रता।

मिसमार (अ.) [वि.] ध्वस्त; ढहाया हुआ।

मिसरा (अ.‍) [सं-पु.] 1. किसी छंद का चरण या पद 3. किसी कविता आदि का आधारभूत पहला चरण।

मिसरी [सं-स्त्री.] दे. मिश्री।

मिसवाक (अ.) [सं-स्त्री.] दाँत साफ़ करने की मुलायम सिरे वाली वृक्ष की ताज़ी हरी शाखा; दातौन।

मिसाइल (इं.) [सं-पु.] 1. प्रक्षेपास्त्र 2. शक्तिशाली विस्फोटक अस्त्र जिसे वायु में बहुत दूर तक प्रक्षेपित किया जा सकता है 3. फेंककर मारने का अस्त्र।

मिसाल (अ.) [सं-स्त्री.] 1. उदाहरण; आदर्श 2. कहावत; लोकोक्ति 3. प्रतिमान; हवाला 4. दृष्टांत।

मिसिल (अ.) [सं-स्त्री.] 1. ईसाइयों की पूरे वर्ष की प्रार्थना की पुस्तक 2. नत्थी; फ़ाइल 3. किसी एक विषय अथवा मुकदमे से संबंध रखने वाले कुछ कागज़-पत्रों आदि का समूह 4. छपे हुए फ़ॉर्म जो व्यवस्थित क्रम से रखे होते हैं।

मिसेज़ (इं.) [सं-स्त्री.] विवाहित स्त्रियों के लिए प्रयोग किया जाने वाला सम्मानजनक संबोधन; श्रीमती।

मिस्की [सं-स्त्री.] 1. धीरे-धीरे बोलने की क्रिया या भाव 2. (संगीत) गाने का वह ढंग जिसमें धीरे-धीरे गाते हैं; साँसी।

मिस्टर (इं.) [सं-पु.] 1. श्रीमान; श्री; महाशय; जनाब 2. पति 3. पुरुषों के नाम के पहले लगने वाला आदरसूचक संबोधन।

मिस्ट्रेस (इं.) [सं-स्त्री.] 1. स्वामिनी 2. अध्यापिका 3. गृहिणी।

मिस्तरी [सं-पु.] 1. कुशल कारीगर 2. यंत्रों आदि की मरम्मत करने वाला व्यक्ति।

मिस्र (अ.) [सं-पु.] अफ़्रीका महादेश के उत्तर-पूर्व में स्थित देश।

मिस्री (अ.) [सं-पु.] मिस्र देश का निवासी। [सं-स्त्री.] मिस्र देश की भाषा। [वि.] मिस्र देश का।

मिस्सा (सं.) [वि.] कई तरह की दालें पीस कर बनाया गया आटा।

मिस्सी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. लेपन करने वाली प्रसाधन सामग्री 2. आटे और बेसन आदि को मिलाकर बनाई जाने वाली रोटी 3. दाँत साफ़ करने का मंजन।

मिहिर (सं.) [सं-पु.] 1. सूर्य 2. चंद्रमा 3. हवा; वायु 4. बादल; मेघ।

मिहिल [सं-पु.] एक पहाड़ी वृक्ष।

मींजना [क्रि-स.] 1. हाथों से मसलना; मलना 2. रगड़ना।

मींडना (सं.) [क्रि-स.] 1. मलना; मसलना 2. रौंदना और कुचलना 3. मर्दन करना; गूँथना।

मीआद (अ.‍) [सं-स्त्री.] दे. मियाद।

मीचना [क्रि-स.] आँख बंद करना; मूँदना।

मीज़ान (अ.‍) [सं-स्त्री.] 1. तराज़ू; तुला 2. (अंकगणित) संख्याओं या अंकों आदि का जोड़ या योगफल।

मीटर (इं.) [सं-पु.] 1. मापक; नापने वाला यंत्र 2. पानी, बिजली आदि की खपत को नापने का यंत्र 3. दूरी या लंबाई नापने की एक आधारिक इकाई जो 39.37 इंच या 100 सेंटीमीटर के बराबर होती है।

मीटिंग (इं.) [सं-पु.] 1. बैठक; सभा 2. अधिवेशन; सम्मेलन 3. मुलाकात; भेंट।

मीठा (सं.) [वि.] 1. जिसमें मिठास हो; मधुर स्वाद या रसवाला 2. जो सुनने में मधुर हो 3. मधुरभाषी। [सं-पु.] शहद या चीनी से बनाया जाने वाला खाद्य पदार्थ; मिठाई।

मीडियम (इं.) [सं-पु.] 1. माध्यम 2. मध्यस्थ 3. मध्य परिमाण 4. मध्य स्थान 5. साधन। [वि.] 1. औसत दरजे का 2. सामान्य 3. मझला।

मीडिया (इं.) [सं-पु.] 1. माध्यम; साधन; हेतु 2. वर्तमान में जनसंपर्क या संचार आदि के क्षेत्र में टीवी, पत्र-पत्रिकाओं आदि के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द।

मीत (सं.) [सं-पु.] 1. दोस्त; मित्र; साथी 2. प्रेमी 3. पति।

मीन (सं.) [सं-पु.] 1. मछली 2. (ज्योतिष) बारह राशियों में एक राशि; अंतिम राशि।

मीनमेख (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कमियाँ; दोष निकालना 2. नुक्ताचीनी करना 3. छिद्रान्वेषण।

मीनरथ (सं.) [सं-पु.] 1. वह जिसका वाहन मछली हो 2. कामदेव।

मीना (फ़ा.) [सं-पु.] नीला रंग। [सं-स्त्री.] 1. नीले रंग का कीमती पत्थर 2. रंग-बिरंगा शीशा 3. मद्य का पात्र; शराब की बोतल।

मीनाकार (फ़ा.) [वि.] 1. मीना का काम करने वाला; जड़ाई काम करने वाला 2. सोने-चाँदी पर रंग-बिरंगा काम करने वाला।

मीनाकारी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] मीना का काम; जड़ाई काम; सोने या चाँदी पर होने वाला मीने का रंगीन काम।

मीनाक्षी (सं.) [वि.] जिसकी आँखें मछली के समान और बहुत सुंदर हों। [सं-स्त्री.] 1. (पुराण) कुबेर की कन्या 2. ब्राह्मी बूटी।

मीनादार (फ़ा.) [वि.] मीना जड़ा हुआ; मणियुक्त।

मीनाबाज़ार (फ़ा.) [सं-पु.] 1. मध्यकाल में वह बाज़ार जहाँ स्त्रियों द्वारा ही वस्तुओं का क्रय-विक्रय किया जाता था 2. जौहरी बाज़ार 3. सुंदर-सजावटी चीज़ों का बाज़ार।

मीनार (अ.) [सं-स्त्री.] 1. ऊँची इमारत; गगनचुंबी भवन 2. लाट 3. मस्जिद में अज़ान देने के लिए बना स्तंभ।

मीमांसक (सं.) [सं-पु.] 1. पूर्व मीमांसा के सूत्रकार जैमिनी ऋषि 2. रामानुज 3. मध्वाचार्य। [वि.] मीमांसा करने वाला; मीमांसा शास्त्र का ज्ञाता; टीकाकार।

मीमांसा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. तत्व के संबंध में किया जाने वाला विचारपूर्वक निर्णय; तथ्यान्वेषण 2. गंभीर मनन; विचार 3. अनुमान या तर्क-वितर्क 4. एक प्रसिद्ध भारतीय दर्शन।

मीयाद (अ.) [सं-स्त्री.] 1. किसी कार्य की समाप्ति आदि के लिए नियत किया गया समय या अवधि; कालावधि 2. सज़ा की अवधि।

मीयादी (अ.) [वि.] जिसके लिए कोई अवधि नियत हो; निश्चित अवधि वाला; मीयादवाला; आवधिक।

मीर (अ.) [सं-पु.] 1. प्रधान नेता; सरदार 2. ताश के पत्तों का बादशाह 3. किसी प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त करने वाला व्यक्ति 4. धार्मिक आचार्य।

मीरज़ा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. सैयदों की उपाधि; मिरज़ा 2. मध्यकाल में मुस्लिम राजवंश के लोगों की उपाधि।

मीराबाई [सं-स्त्री.] मेवाड़ के राजघराने में जन्मी कृष्णभक्ति शाखा की प्रमुख कवयित्री।

मीरास (अ.) [सं-स्त्री.] बपौती; बाप-दादा से मिली हुई संपत्ति।

मीरासी (अ.) [सं-पु.] मुसलमानों में एक जाति या समुदाय। [वि.] मीरास या उत्तराधिकार संबंधी।

मील (इं.) [सं-पु.] दूरी की एक नाप 1760 गज।

मीलन (सं.) [सं-पु.] 1. बंद करना 2. मूँदना 3. सिकोड़ना; संकुचित करना।

मीलाद (अ.) [सं-पु.] 1. जन्म का समय 2. वह सभा जिसमें हज़रत मुहम्मद साहब की कथा होती हो।

मीलित (सं.) [वि.] 1. बंद किया या मूँदा हुआ 2. संकुचित किया हुआ। [सं-पु.] (साहित्य) एक अलंकार।

मीसना (सं.) [क्रि-स.] 1. मिलाना; मिश्रण करना 2. धीरे-धीरे दबाना और मसलना।

मुँगरा (सं.) [सं-पु.] 1. लकड़ी का बना एक लंबोतर, गोल और मूठ लगा साधन जिसका उपयोग व्यायाम के लिए तथा ठोकने-पीटने के लिए होता है 2. लकड़ी का बड़ा हथौड़ा।

मुँगरी [सं-स्त्री.] छोटे आकार का मुँगरा।

मुँड़ना (सं.) [क्रि-अ.] 1. सिर या किसी अंग का बाल साफ़ करना; मूँड़ा जाना 3. {ला-अ.} ठगा जाना।

मुँड़वाना [क्रि-स.] 1. साफ़ करवाना; बाल घुटवाना; केस छिलवाना 3. {ला-अ.} जानबूझकर ठगा जाना।

मुँड़ाई [सं-स्त्री.] 1. मूँड़ने या मूँड़ाने की क्रिया या भाव 2. मूँड़ने की मज़दूरी या पारिश्रमिक।

मुँदना (सं.) [क्रि-अ.] 1. आँख की पलकों का बंद होना; समाप्त होना 2. बंद होना 3. तिरोहित होना; छिपना।

मुँदरी (सं.) [सं-स्त्री.] अँगूठी; मुद्रिका; छल्ला।

मुँह (सं.) [सं-पु.] 1. चेहरे का वह उपांग जो ओठ, दंत, जिह्वा, तालु आदि से युक्त होता है तथा वहीं भोजन, खाद्य पदार्थ आदि को चबाने व निगलने का कार्य होता है 2. मुख; चेहरा 3. {ला-अ.} योग्यता; सामर्थ्य; लियाकत 4. बरतन का वह भाग जिससे कोई चीज़ अंदर डाली जाए 5. किनारा। [मु.] -आना : मुँह में छाले पड़ना; श्रेष्ठजन से उद्दंडतापूर्वक बातें करना। -काला करना : ऐसा घृणित आचरण करना जिससे कलंक लगे। -की खाना : परास्त होना।-करना : निस्संकोच कुछ माँगना या कहना। -फुलाना : संतुष्ट या अप्रसन्न होकर क्रोधयुक्त मुद्रा धारण करना। -फेर लेना : उदास, नाराज़ या खिन्न होकर किसी से दूर हो जाना। -बनाना : चेहरे पर अप्रसन्नता, असंतोष तथा घृणा का भाव प्रकट होना।

मुँहज़बानी (हिं.+फ़ा.) [अव्य.] मौखिक रूप से; मुँह द्वारा। [वि.] जो ज़बानी याद हो; कंठस्थ।

मुँहज़ोर (हिं.+फ़ा.) [वि.] 1. जो अनुचित या कटु बातें कहने में संकोच न करता हो; मुँहफट 2. ज़रुरत से ज़्यादा बोलने वाला; बहस करने वाला; बकवादी।

मुँहज़ोरी (हिं.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. जो अनुचित या कटु बातें कहने में संकोच न करता हो; मुँह-फट होने का भाव 2. लड़ाका 3. धृष्टता।

मुँहतोड़ [वि.] विपक्षी के मत या तर्क को पूर्णतः काट देने वाला; करारा जवाब देने वाला।

मुँहदिखाई [सं-स्त्री.] 1. नई नवेली दुल्हन का ससुराल आने पर उसका मुँह दिखाने या देखने की रस्म 2. उक्त रस्म पर दुल्हन को मिलने या दिया जाने वाला नेग, उपहार आदि।

मुँहफट [वि.] मुँह पर जवाब देने वाला; बदज़बान।

मुँहबोला [वि.] वचन द्वारा संबंध स्थापित किया हुआ; मुँह से कहकर बनाया हुआ; माना हुआ, जैसे- मुँहबोला भाई।

मुँहमाँगा [वि.] 1. जितना माँगा जाए उतना; मनचाहा 2. मुँह से माँगा हुआ।

मुँहलगा [वि.] 1. सिरचढ़ा 2. ढीठ 3. शोख।

मुँहासा [सं-पु.] प्रायः युवावस्था में चहरे पर निकलने वाला दाना या फुंसी।

मुंड (सं.) [सं-पु.] 1. खोपड़ी; सिर 2. कटा हुआ सिर।

मुंडन (सं.) [सं-पु.] 1. बालक के सिर के बाल पहली बार मूँड़ने की रस्म 2. सिर के बाल उस्तरे से मूँड़ने की क्रिया।

मुंडमाला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कटे हुए सिरों या खोपड़ियों की माला 2. बंगाल की एक नदी।

मुंडमालिनी (सं.) [सं-स्त्री.] कालिका या काली नाम की देवी।

मुंडमाली (सं.) [सं-पु.] शिव; शंकर; महादेव।

मुंडा [सं-पु.] 1. एक आदिवासी जाति जो राँची, छोटा नागपुर, मिर्जापुर के जंगल में रहती है 2. बिना सींग वाले पशु 3. बिना नोक का जूता। [सं-स्त्री.] मुंडा लोगों की भाषा जिसमें खरबार, संथाली, मुंडारी, कोरवा आदि अनेक बोलियाँ आती हैं। [वि.] जिसके सिर पर बाल न हो; मुंडित; गंजा।

मुंडित (सं.) [वि.] 1. जिसका मुंडन हुआ हो 2. जो मूँड़ा गया हो।

मुंडेर [सं-स्त्री.] 1. दीवार का वह ऊपरी भाग जो ऊपर की छत के चारों ओर कुछ उठा होता है 2. किसी प्रकार का बाँधा हुआ पुश्ता 2. खेत की मेंड़।

मुंडेरा [सं-पु.] 1. छत के ऊपर दीवार का ऊपरी उठा हुआ मेड़ की तरह का घेरा 2. बाँधा हुआ पुश्ता।

मुंदरी [सं-स्त्री.] उँगली में पहनने का सादा छल्ला; अँगूठी।

मुंशी (अ.) [सं-पु.] 1. पंडित; विद्वान 2. बही-खाता लिखने वाला व्यक्ति 3. वकील का सहायक; पेशकार 4. कायस्थ समाज में प्रयुक्त एक संबोधन तथा कुलनाम या सरनेम।

मुंशीगिरी (अ.‍+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मुंशी का कार्य 2. लेखन-कार्य।

मुंसिफ़ (अ.) [सं-पु.] 1. न्याय करने वाला व्यक्ति; न्यायाधीश 2. न्यायविभाग का एक अधिकारी जिसका पद सब-जज से छोटा होता है।

मुंसिफ़ी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मुंसिफ़ का पद 2. न्यायशीलता 3. मुंसिफ़ की अदालत।

मुअक्किल (अ.) [सं-पु.] उर्दू उच्चारणानुसार वर्तनी (दे. मुवक्किल)।

मुअज्ज़ज़ (अ.) [वि.] प्रतिष्ठित; सम्मानित; मोहतरम।

मुअतरिफ़ (अ.) [वि.] 1. मानने वाला 2. एतराफ़ या इकरार करने वाला।

मुअत्तल (अ.) [वि.] 1. जो किसी आरोप की जाँच के लिए नौकरी से कुछ समय के लिए अलग कर दिया गया हो; अस्थायी रूप से पदच्युत (कर्मचारी); सस्पेंड 2. ख़ाली 3. अलग किया हुआ।

मुअत्तली (अ.) [सं-स्त्री.] 1. निलंबन 2. मुअत्तल या निलंबित होने की अवस्था या भाव।

मुआफ़िक (अ.) [वि.] 1. अनुकूल; जो विरुद्ध न हो 2. समान; सदृश 3. मित्र; दोस्त।

मुआफ़ी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. माफ़ी; क्षमा 2. वह भूमि जिसका कर सरकार या राज्य ने माफ़ कर दिया हो।

मुआमला (अ.) [सं-पु.] उर्दू उच्चारणानुसार वर्तनी (दे. मामला)।

मुआयना (अ.) [सं-पु.] जाँच-पड़ताल; निरीक्षण; पर्यवेक्षण।

मुआवज़ा (अ.) [सं-पु.] 1. वह वस्तु या धन जो किसी को क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाए; हरज़ाना 2. बदले में दी हुई चीज़ या धन 2. अर्थदंड 3. बदला; पलटा।

मुआहिद (अ.) [वि.] 1. प्रतिज्ञा करने वाला 2. अनुबंध करने वाला।

मुकदमा (अ.) [सं-पु.] 1. न्यायालय में गया हुआ विवादास्पद विषय; अभियोग; (केस) 2. दावा; नालिश।

मुक़दमा (अ.) [सं-पु.] उर्दू उच्चारणानुसार वर्तनी, (दे. मुकदमा)।

मुकदमेबाज़ (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. मुकदमा लड़ने वाला व्यक्ति 2. वह जिसे मुकदमे लड़ने का शौक हो।

मुकदमेबाज़ी (अ.) [सं-स्त्री.] मुकदमा लड़ना; मुकदमे लड़ने की क्रिया या भाव।

मुकद्दर (अ.) [सं-पु.] भाग्य; प्रारब्ध; किस्मत; तकदीर।

मुकद्दस (अ.) [वि.] 1. परम पवित्र 2. पूज्य।

मुक़द्दस (अ.) [वि.] उर्दू उच्चारणानुसार वर्तनी, (दे. मुकद्दस)।

मुकम्मल (अ.) [वि.] 1. संपूर्ण 2. पूरा; सारा 3. समाप्त; ख़त्म 4. सर्वांगपूर्ण।

मुकरना [क्रि-अ.] अपनी कही हुई बात से हट जाना; इनकार करना; नटना।

मुकरा [वि.] 1. अपनी बात से पीछे हटने वाला 2. मुकरने वाला।

मुकराना [क्रि-स.] 1. किसी को झूठा साबित करना 2. छुड़ाना 3. मुकरने में प्रवृत्त करना।

मुकरी [सं-स्त्री.] 1. मुकरने की क्रिया या भाव 2. पहेली जैसी कविता 3. वह कविता जिसमें पहले कही हुई बात से मुकर कर कुछ और बात कही जाए 4. (साहित्य) छेकापह्नुति अलंकार।

मुकर्रर (अ.) [वि.] 1. निश्चित; इकरार किया हुआ 2. नियुक्त; नियत; अनुबंधित 3. निर्धारित; तैनात।

मुकर्ररी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मुकर्रर होने की अवस्था, क्रिया या भाव 2. नियत रूप में या नियत समय पर मिलता रहने वाला धन, कर या वेतन आदि 3. मालगुज़ारी या लगान 4. नियुक्ति।

मुकाबला (अ.) [सं-पु.] 1. प्रतियोगिता; बलपरीक्षा या लड़ाई में होने वाली जाँच या होड़ 2. आमना-सामना 3. बराबरी; समानता 4. तुलनात्मक निरीक्षण या परीक्षा।

मुकाबिल (अ.) [वि.] 1. प्रतिस्पर्धी; मुकाबला करने वाला 2. सामने का 3. बराबरी करने वाला।

मुकाम (अ.) [सं-पु.] 1. ठहरने का स्थान; खड़े होने की जगह; टिकना; पड़ाव; ठहराव 2. वास स्थान; घर 3. अधिष्ठान 4. पता; ठिकाना 5. साधक की अवस्थान भूमि।

मुकुंद (सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) विष्णु; कृष्ण 2. नव निधियों में एक; एक रत्न 3. पारा 4. सफ़ेद कनेर 5. कुंदरू।

मुकुट (सं.) [सं-पु.] 1. देवताओं, राजाओं आदि के सिर पर रहने वाला एक प्रसिद्ध शिरोभूषण 2. ताज; सिरमौर।

मुकुटमणि (सं.) [सं-पु.] 1. देवी-देवताओं की मूर्तियों के सिर पर पहनाए जाने वाले मुकुट में लगा रत्न 2. अत्यंत श्रेष्ठ वस्तु।

मुकुर (सं.) [सं-पु.] 1. दर्पण; शीशा 2. कुम्हार का डंडा 3. कली 4. शरीर।

मुकुल (सं.) [सं-पु.] 1. कली 2. आत्मा 3. शरीर; देह 4. पृथ्वी।

मुकुलित (सं.) [वि.] 1. (वह पौधा) जिसमें कलियाँ निकली हों 2. अधखिला; अधखिली (कली) 3. अधखुला (नेत्र)।

मुक्का (सं.) [सं-पु.] 1. प्रहार के लिए बाँधी हुई मुट्ठी; घूँसा 2. घूँसे की चोट।

मुक्की [सं-स्त्री.] बंद मुट्ठी का हलका प्रहार।

मुक्केबाज़ (हिं.+फ़ा.) [सं-पु.] वह जो मुक्कों का प्रहार करके लड़ता हो; (बॉक्सर)।

मुक्केबाज़ी [सं-स्त्री.] 1. घूँसेबाज़ी; घूँसों के प्रहार से होने वाली लड़ाई; मुक्कों की लड़ाई; (बॉक्सिंग) 2. वह प्रतियोगिता जिसमें प्रतिद्वंदी एक-दूसरे पर मुक्कों से वार करते हैं।

मुक्कैश (अ.) [सं-पु.] 1. सोने-चाँदी का तार 2. सोने-चाँदी के तारों से बना ताश या कपड़ा।

मुक्त (सं.) [वि.] 1. आज़ाद; स्वतंत्र; स्वाधीन 2. निर्बाध 3. बंधनमुक्त; बंधनहीन 4. उन्मुक्त 5. स्वामीहीन 6. स्वेच्छाधारी 7. (पुराण) मोक्ष प्राप्त 8. क्षिप्त; फेंका हुआ।

मुक्तक (सं.) [सं-पु.] 1. (काव्यशास्त्र) काव्य या कविता का वह प्रकार जिसमें प्रबंधकीयता न हो। इसमें एक छंद में कथित बात का दूसरे छंद में कही गई बात से कोई संबंध या तारतम्य होना आवश्यक नहीं है; स्वतंत्र छंद 2. हथियार; शास्त्र।

मुक्तकंठ (सं.) [वि.] 1. जिसकी आवाज़ स्पष्ट हो 2. ज़ोर से बोलने वाला 3. बेधड़क बोलने वाला।

मुक्तक काव्य (सं.) [सं-पु.] (काव्यशास्त्र) स्वतंत्र छंदयुक्त रचना; वह काव्य रचना जिसमें एक छंद में कथित बात का दूसरे छंद में कही गई बात से कोई संबंध या तारतम्य नहीं होता; प्रत्येक छंद अपने आप में पूर्णतः स्वतंत्र और संपूर्ण अर्थ देने वाला होता है।

मुक्तछंद (सं.) [सं-पु.] (काव्यशास्त्र) वह छंद जिसमें चरणों, मात्राओं, वर्णों आदि की संख्या आदि का बंधन नहीं होता, केवल भाव तथा लय का ध्यान रखा जाता है; रबड़-छंद; केचुआ-छंद।

मुक्तदास (सं.) [सं-पु.] वह दास या गुलाम जिसे मुक्त किया या कराया गया हो।

मुक्त व्यापार (सं.) [सं-पु.] 1. ऐसा व्यापार जिसमें विदेशों से होने वाले आयात-निर्यात पर कोई विशेष कर या बंधन न हो; (फ़्री ट्रेड) 2. वह सिद्धांत जिसमें सरकार का व्यापार, व्यवसाय आदि के कार्य में दख़ल न हो।

मुक्त स्पर्धा (सं.) [सं-स्त्री.] ऐसी प्रतियोगिता जिसमें भाग लेने का बंधन न हो; मुक्त (खुली) प्रतियोगिता।

मुक्तहस्त (सं.) [वि.] 1. जो उदारतापूर्वक और अधिक मात्रा में दान देता हो 2. दान देने में जिसके हाथ खुले हों।

मुक्ता (सं.) [सं-स्त्री.] सीपी से निकलने वाला एक श्वेत रंग का बहुमूल्य रत्न; मोती; नीरज; मुक्तामणि।

मुक्ताकाशी (सं.) [वि.] जिस (आकाश) में बादल न हो।

मुक्तात्मा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. जो सांसारिक बंधनों से मुक्त हो गया हो 2. जिसने मोक्ष प्राप्त कर लिया हो।

मुक्ताफल (सं.) [सं-पु.] 1. मोती 2. कपूर 3. एक प्रकार का लिसोढ़ा (आचार हेतु प्रयुक्त वह फल जो आकार में बेर से थोड़ा बड़ा होता है)।

मुक्तामाल (सं.) [सं-स्त्री.] मोतियों की माला।

मुक्तावली (सं.) [सं-पु.] मोतियों की लड़ी।

मुक्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बंधन आदि से छूटने की अवस्था या भाव; आज़ादी 2. (पुराण) गमनागमन (जन्ममरण-रूप बंधन) से छुटकारा मिलना; मोक्ष 3. ब्रह्म स्वरूप की प्राप्ति 4. किसी दायित्व से छूटने की क्रिया या भाव 5. किसी अभियोग, नियम, ऋण आदि से छूटने की स्थिति।

मुक्तिदाता (सं.) [वि.] मुक्ति देने वाला। [सं-पु.] (पुराण) ईश्वर।

मुक्तिधाम (सं.) [सं-पु.] 1. तीर्थ स्थान 2. मुक्ति देने वाला स्थान 3. (पुराण) स्वर्ग; परलोक 4. हिंदुओं में शवदाहगृह या श्मशान के लिए प्रयुक्त शब्द।

मुक्तिमार्ग (सं.) [सं-पु.] मुक्ति पाने का साधन; मुक्ति पाने का मार्ग।

मुख (सं.) [सं-पु.] 1. चेहरा 2. मुँह 3. आने-जाने का रास्ता; दरवाज़ा; द्वार 4. किसी पदार्थ या वस्तु का ऊपरी खुला भाग 5. (नाटक) एक प्रकार की संधि 6. आरंभ; आदि; शुरू।

मुखचित्र (सं.) [सं-पु.] मुख्यपृष्ठ या आरंभ के पृष्ठ पर छपा चित्र।

मुखड़ा (सं.) [सं-पु.] 1. चेहरा 2. गीत की पहली पंक्ति 3. बहुत ही सुंदर मुख के लिए प्रशंसा और प्रेम का सूचक शब्द।

मुख़तार (अ.) [सं-पु.] 1. वह व्यक्ति जिसे किसी व्यक्ति से विशिष्ट अवसरों पर प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने का वैध अधिकार मिला होता है; कार्यकर्ता; अभिकर्ता 2. एक प्रकार का कानूनी सलाहकार जो वकील के पद से छोटा होता है।

मुख़तारनामा (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] वह अधिकार पत्र जिसके अनुसार कोई किसी का मुकदमा लड़ने के लिए मुख़तार के रूप में नियुक्त किया जाता है; अभिकर्ता पत्र।

मुख़तारी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. प्रतिनिधि या कार्यकर्ता होने की अवस्था या भाव 2. मुख़तार का काम या पेशा; प्रतिनिधित्व।

मुखपत्र (सं.) [सं-पु.] 1. किसी संस्था द्वारा प्रकाशित किया जाने वाला वह पत्र जिसमें संस्था के नियमों, सिद्धांतों, उद्देश्यों तथा विचारों का प्रतिपादन होता है 2. किसी संस्था द्वारा अपनी प्रवृत्तियों और गतिविधियों का प्रचार करने की दृष्टि से प्रकाशित और वितरित की जाने वाली पत्रिका।

मुखपृष्ठ (सं.) [सं-पु.] 1. किसी किताब या ग्रंथ का आवरण पृष्ठ 2. पुस्तक या पत्रिका का प्रथम पृष्ठ जिसपर पुस्तक एवं लेखक का नाम छपा होता है।

मुखबंध (सं.) [सं-पु.] किसी पुस्तक या ग्रंथ की भूमिका या प्रस्तावना।

मुख़बिर (अ.) [सं-पु.] जासूस; गुप्तचर; भेदिया।

मुख़बिरी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. पुलिस को किसी आपराधिक गतिविधि या अपराधी की गुप्त रूप से सूचना देने का कार्य; जासूसी 2. मुख़बिर का काम, पद या भाव।

मुखमंडल (सं.) [सं-पु.] चेहरा; मुखड़ा।

मुखर (सं.) [वि.] 1. वाकपटु 2. अधिक बोलने वाला; बातूनी; वाचाल 3. शोर करने वाला 4. अप्रियवादी।

मुखरता (सं.) [सं-पु.] वाचालता; अतिभाषिता; वाचाल होने की अवस्था या भाव।

मुखरित (सं.) [वि.] ध्वनिपूर्ण; शब्दायमान; बोलता हुआ।

मुखविवर (सं.) [सं-पु.] मनुष्य के होठों, तालु तथा जीभ के मध्य का वह क्षेत्र जहाँ से वायु निकलती है।

मुखशुद्धि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मुख को शुद्ध करने की क्रिया या भाव 2. वह पदार्थ जिसे भोजनोपरांत मुख सुवासित करने हेतु खाते हैं, जैसे- इलायची, पान, सुपारी आदि।

मुखश्री (सं.) [सं-स्त्री.] मुँह की रौनक; कांति; शोभा या सौंदर्य।

मुखाकृत (सं.) [सं-पु.] मुँह का आकार; मुँह का स्वरूप।

मुखाकृति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मुख की आकृति 2. चेहरे की बनावट 3. मुखमुद्रा।

मुखाग्नि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. चिता को आग देने से पहले शव के मुख में आग देने की क्रिया 2. जंगल की आग; दावाग्नि।

मुखाग्र (सं.) [सं-पु.] 1. किसी पदार्थ या वस्तु का अग्र भाग 2. होंठ। [वि.] कंठस्थ; जिह्वाग्र; जो ज़बानी याद हो।

मुख़ातिब (अ.) [वि.] 1. किसी की ओर मुँह करके बातें करने वाला; अभिमुख 2. संबोधन करने वाला 3. उन्मुख प्रवृत्त।

मुखापेक्षा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सहायता के लिए दूसरे की तरफ़ देखना 2. आश्रित या विवश होकर दूसरों का मुँह ताकना।

मुखापेक्षी (सं.) [वि.] जो आश्रय या सहायता के लिए दूसरों की तरफ़ देखता हो; सहायता की अपेक्षा करने वाला।

मुखामय (सं.) [सं-पु.] मुख में होने वाला रोग; मुखरोग।

मुखारविंद (सं.) [सं-पु.] कमल जैसा सुंदर मुख; मुख कमल।

मुखारी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मुखाकृति 2. मुँह की बनावट या गठन 3. किसी वस्तु का ऊपरी या सामने वाला भाग जो आकार-प्रकार, रूप या बनावट आदि का सूचक हो।

मुखालिफ़ (अ.) [सं-पु.] शत्रु; दुश्मन। [वि.] विरोधी; प्रतिद्वंद्वी।

मुखालिफ़त (अ.) [सं-स्त्री.] 1. शत्रुता 2. विरोध 3. प्रतिद्वंद्विता।

मुखावरण (सं.) [सं-पु.] 1. साड़ी, ओढ़नी या चादर का वह भाग जिसे लज्जावती स्त्रियाँ सिर के ऊपर से मुख पर झुलाए रहती हैं; घूँघट; अवगुंठन 2. पुस्तक का आवरण पृष्ठ; जिल्द।

मुखिया (सं.) [सं-पु.] 1. ग्राम पंचायत का प्रधान, जैसे- गाँव का मुखिया 2. सभापति 3. नेता; अगुआ 4. सबसे वरिष्ठ व्यक्ति।

मुखौटा (सं.) [सं-पु.] 1. नकली चेहरा; नकाब 2. छद्म वेश 3. सूरत।

मुख़्तलिफ़ (अ.) [वि.] 1. अनेक प्रकार का 2. भिन्न; पृथक; जुदा 3. कई तरह का।

मुख़्तसर (अ.) [वि.] 1. संक्षेप में लाया हुआ 2. संक्षिप्त 3. घटाया या छोटा किया हुआ।

मुख्य (सं.) [वि.] 1. सबसे ऊपर या बड़ा; प्रमुख; प्रधान; सर्वोच्च 2. अपने विभाग का प्रधान।

मुख्यतः (सं.) [क्रि.वि.] ख़ास तौर से; प्रधानतः; मुख्य रूप से।

मुख्यतया (सं.) [क्रि.वि.] मुख्य रूप से; मुख्यतः।

मुख्यद्वार (सं.) [सं-पु.] भवन या महल का बाहरी सबसे बड़ा दरवाज़ा; (मेन गेट)।

मुख्यधारा (सं.) [सं-पु.] समाज या साहित्य आदि में एक समय में प्रचलित विचार या व्यवहार की अनेक धाराओं में से सबसे अधिक प्रचलित और प्रभावी धारा।

मुख्यमंत्री (सं.) [सं-पु.] भारतीय गणतंत्र के किसी राज्य (प्रांत) के मंत्रिपरिषद का प्रधान (चीफ़ मिनिस्टर)।

मुख्याधिकारी (सं.) [सं-पु.] 1. किसी विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी 2. सबसे बड़े अधिकार वाला व्यक्ति।

मुख्याध्यापक (सं.) [सं-पु.] विद्यालय का प्रधान अध्यापक; प्रधानाचार्य; (हेडमास्टर)।

मुख्यालय (सं.) [सं-पु.] प्रधान कार्यालय; केंद्रीय कार्यालय; (हेड ऑफ़िस; हेड क्वार्टर)।

मुख्यावास (सं.) [सं-पु.] किसी संस्था के प्रधान या उच्चाधिकारी का कार्यालय जहाँ वह रहता है; केंद्रीय कार्यालय; (हेड क्वार्टर)।

मुगदर (सं.) [सं-पु.] व्यायाम करने के लिए काठ के बड़े टुकड़ों की जोड़ी जो दोनों हाथों में लेकर घुमाई जाती है; व्यायाम करने का एक साधन; मुँगरी; जोड़ी।

मुगल (तु.) [सं-पु.] 1. मध्य एशिया और पूर्वी एशिया में रहने वाली एक जाति; तातारी जाति 2. भारत का अंतिम मुस्लिम राजवंश।

मुगलई (तु.) [वि.] 1. मुगल संबंधी; मुगलों का-सा; मुगली; मुगलों की तरह का 2. एक विशेष प्रकार का व्यंजन, जैसे- मुगलई पराठा, चिकन आदि। [सं-स्त्री.] रुपहला गोटा लगा हुआ एक कपड़ा।

मुगलकालीन (तु.+सं.) [वि.] मुगलकाल संबंधी; मुगल शासन-काल से संबंधित; मुगलकाल का।

मुगलानी [सं-स्त्री.] 1. मुगल की स्त्री 2. कपड़ों की सिलाई करने वाली स्त्री 3. हरमसरा; दासी।

मुगालता (अ.) [सं-पु.] 1. गलतफ़हमी; भ्रांति 2. धोखा; विश्वासघात 3. किसी व्यक्ति या बात आदि के प्रति मन में उत्पन्न गलत धारणा।

मुग्ध (सं.) [वि.] 1. मोहित; आसक्त 2. भोला; सरल 3. मूर्ख; मूढ़।

मुग्धकर (सं.) [वि.] मोहित करने वाला; मुग्ध करने वाला; मोहक; आकर्षक।

मुग्धता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मुग्ध होने की अवस्था या भाव 2. सुंदरता।

मुग्धा (सं.) [सं-स्त्री.] (साहित्य) वह नायिका जिसमें यौवन के लक्षण दिख रहे हों परंतु जिसमें अभी पूर्ण काम चेष्टा का भाव उत्पन्न न हुआ हो; लज्जावती नायिका।

मुचकंद (सं.) [सं-पु.] सुगंधित फूलों वाला एक प्रकार का बड़ा वृक्ष, जिसकी छाल और फूल दवा के काम आते हैं; मुचुकुंद; चंपा।

मुचलका (तु.) [सं-पु.] नियत तिथि पर हाज़िर होने का प्रतिज्ञा पत्र जिसका पालन न होने पर प्रतिज्ञा करने वाला निर्धारित अर्थदंड देना स्वीकार करता है।

मुच्छड़ [वि.] बड़ी मूँछ रखने वाला; बड़ी-बड़ी मूँछोंवाला।

मुछंदर [सं-पु.] 1. बड़ी-बड़ी मूँछोंवाला 2. जो देखने में भद्दा, कुरूप या भोड़ा लगे 3. मूर्ख; बुद्धू।

मुछमुंडा [वि.] जिसकी मूँछे मुँड़ी हो; सफ़ाचट।

मुजफ़्फ़र (अ.) [सं-पु.] जीतने वाला व्यक्ति; विजेता; विजयी।

मुजरा (अ.) [सं-पु.] 1. किसी महफ़िल में स्त्री द्वारा गाया जाने वाला गाना, 2. सम्मानित व्यक्ति को झुक कर किया जाने वाला अभिवादन; सलाम। [वि.] 1. जो जारी किया गया हो 2. जो मिलने वाले हिसाब में से काट लिया गया हो।

मुजराई (अ.) [सं-पु.] 1. वह जो राजाओं, सम्राटों आदि के सामने झुककर अभिवादन करता हो 2. वह व्यक्ति जो बड़े आदमियों को नित्य नमस्कार कर जाने के बदले धन पाता हो 3. दरबारी। [सं-स्त्री.] मुजरा होने अर्थात काटने की क्रिया; मुजरा की रकम।

मुजरिम (अ.) [वि.] 1. जिसने कोई अपराध किया हो; अपराधी 2. जुर्म करने वाला।

मुजर्रब (अ.) [वि.] आज़माया हुआ; परीक्षित; अनुभूत।

मुज़हिर (अ.) [वि.] प्रकट करने वाला; जो ज़ाहिर करे; गवाह; साक्षी। [सं-पु.] जासूस; भेदिया; गुप्तचर।

मुज़ायका (अ.) [सं-पु.] 1. हानि; नुकसान; हरज़ 2. अड़चन 3. डर।

मुजावर (अ.) [सं-पु.] 1. वह फ़कीर जो दरगाह का चढ़ावा लेता है; दरगाह में रहने वाला व्यक्ति 2. पड़ोसी; प्रतिवेशी 3. दरगाह में झाड़ू लगाने वाला व्यक्ति।

मुजाहिद (अ.) [वि.] 1. कोशिश करने वाला; प्रयत्नशील 2. पराक्रमी 3. जिहाद करने वाला; विधर्मियों से युद्ध करने वाला।

मुजाहिदीन (अ.) [सं-पु.] विधर्मियों से लड़ने वाले योद्धा; 'मुजाहिद' का बहुवचन रूप।

मुजीब (अ.) [वि.] 1. स्वीकार करने वाला 2. जवाब देने वाला उत्तरदाता।

मुझ [सर्व.] 'मैं' का वह रूप जो उसे कर्ता और संबंध कारक की विभक्तियों के अतिरिक्त अन्य शेष कारकों की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है, जैसे- मुझको, मुझसे, मुझ पर आदि।

मुटर-मुटर [क्रि.वि.] 1. टुकर-टुकर 2. टकटकी लगाए (देखने की क्रिया)।

मुटाना [क्रि-अ.] 1. शारीरिक स्थूलता में वृद्धि होना; मोटा या पुष्ट होना; गदराना 2. {ला-अ.} अभिमानी होना।

मुट्ठी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हाथ की उँगलियों को मोड़कर हथेली बंद करने की मुद्रा 2. पकड़; कब्ज़ा 3. मुट्ठी के बराबर की नाप 4. मुट्ठी में आने के बराबर वस्तु या अन्न आदि। [मु.] -गरम करना : किसी को प्रसन्न करने के लिए उसके हाथ में चुपके से कुछ रुपए रखना। -में करना : वश में करना।

मुट्ठीभर (सं.) [वि.] थोड़ा; बहुत कम।

मुठभेड़ [सं-स्त्री.] 1. सामना; भेंट 2. दो पक्षों में जमकर होने वाली लड़ाई; भिड़ंत; टक्कर।

मुठिया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. उपकरण या औज़ार का दस्ता या बेंट; कब्ज़ा 2. धुनियों (रुई धुनने का काम करने वाले) का बेलन।

मुठियाना [क्रि-स.] 1. मुट्ठी में भरना या लेना 2. मुट्ठियों से हलका आघात करना 3. मुट्ठी में लेकर बार-बार दबाना।

मुड़ना [क्रि-अ.] 1. झुक जाना 2. किसी दूसरी दिशा की ओर उन्मुख होना 3. वापस आना; लौटना 4. संकोच करना; हिचकना।

मुतअल्लिक (अ.) [वि.] ताल्लुक या संबंध रखने वाला; संबद्ध; संबंधित। [क्रि.वि.] के विषय में; संबंध में।

मुतक्का1 [सं-पु.] 1. छत या बरामदे के किनारे रेलिंग का काम देने के लिए खड़ी की हुई पतली, नीची दीवार 2. छोटा खंभा 3. मीनार।

मुतक्का2 (अ.) [सं-पु.] तकिया लगाने की जगह; तकियागाह।

मुतबन्ना (अ.) [सं-पु.] दत्तक पुत्र। [वि.] दत्तक; जो गोद लिया गया हो।

मुतलक (अ.) [वि.] 1. बिल्कुल 2. निपट; निरा। [अव्य.] ज़रा भी; थोड़ा भी; तनिक भी; कुछ भी।

मुतवल्ली (अ.) [सं-पु.] वक्फ़ या मस्जिद की संपत्ति की व्यवस्था या प्रबंध करने वाला व्यक्ति; संरक्षक।

मुतसद्दी (अ.) [सं-पु.] 1. मुंशी; लेखक 2. व्यवस्थापक; प्रबंधकर्ता 3. मुनीम; गणक 4. पेशकार 5. अभिकर्ता।

मुताबिक (अ.) [क्रि.वि.] अनुसार। [वि.] 1. समान; बराबर; अनुकूल 2. सदृश।

मुताह (अ.) [सं-पु.] मुसलमानों में एक प्रकार का अस्थायी विवाह जो निकाह से कम समझा जाता है (यह शीया संप्रदाय में जायज़ है); मीयादी।

मुद (सं.) [सं-पु.] प्रसन्नता; आनंद; हर्ष; उमंग।

मुदर्रिस (अ.) [सं-पु.] शिक्षा देने वाला व्यक्ति; आचार्य; गुरु; अध्यापक।

मुदाम (फ़ा.) [सं-पु.] शराब। [क्रि.वि.] नित्य; हमेशा 2. लगातार; निरंतर 3. शाश्वत।

मुदामी (फ़ा.) [वि.] 1. सार्वकालिक 2. हमेशा होते रहने वाला। [सं-स्त्री.] नित्यता।

मुदित (सं.) [वि.] प्रसन्न; प्रफुल्लित; हर्षित; ख़ुश।

मुदिता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हर्ष; मोद; आनंद 2. मन या आत्मा की वह अवस्था जिसमें दूसरे का सुख देखकर सुख होता हो।

मुदिर (सं.) [सं-पु.] 1. मेघ; बादल 2. मेंढक 3. कामुक मनुष्य।

मुद्दई (अ.) [सं-पु.] 1. दावा करने वाला व्यक्ति; दावेदार 2. वादी; नालिशी 3. शत्रु।

मुद्दत (अ.) [सं-स्त्री.] कालावधि; अरसा; बहुत दिन; अधिक समय; दीर्घकाल।

मुद्दती (अ.) [वि.] 1. जिसकी कोई अवधि हो 2. पुराना 3. बहुत दिनों का।

मुद्दा (अ.) [सं-पु.] अभिप्राय; मतलब; आशय।

मुद्दालेह (अ.) [सं-पु.] 1. प्रतिवादी 2. वह व्यक्ति जिसपर दिवानी मुकदमा या दावा किया गया हो।

मुद्रक (सं.) [सं-पु.] 1. पुस्तक या समाचार पत्र आदि का वह अधिकारी जिसके ऊपर उक्त की छपाई का भार होता है तथा जो वैधानिक दृष्टि से उनमें छपी सामग्री के लिए ज़िम्मेदार होता है; छापने वाला व्यक्ति 2. मुद्रण यंत्र चालक; मुद्रणकर्त्ता; (प्रिंटर)।

मुद्रण (सं.) [सं-पु.] 1. छपाना; छपाई; (प्रिंटिंग) 2. छाप लगाना 3. नियमबद्ध कार्य करने के लिए नियम बनाना या लगाना।

मुद्रण कक्ष (सं.) [सं-पु.] 1. छपाई की मशीनों वाला कमरा 2. वह कक्ष जिसमें समाचारपत्र, पुस्तकें आदि छापी जाती हैं।

मुद्रणकर्मी (सं.) [सं-पु.] मुद्रक; (मशीन मैन, प्रेस वर्कर)।

मुद्रणकला (सं.) [सं-पु.] 1. मुद्रण 2. टाइप-विन्यास; टाइप-विद्या 3. टाइप-मुद्रण।

मुद्रण यंत्र (सं.) [सं-पु.] अक्षरों को मुद्रित करने वाली मशीन; छपाई करने वाली मशीन।

मुद्रण लाइन (सं.) [सं-पु.] समाचारपत्र अथवा पत्रिका के संपादक, मुद्रक, प्रकाशक तथा मुद्रणालय आदि के नाम की घोषणा वाली पंक्ति।

मुद्रण-स्वातंत्र्य (सं.) [सं-पु.] (विधि) प्रेसों को सरकार या शासन की ओर से मिलने वाली वह छूट जिसके अनुसार वे हिंसात्मक, देशद्रोह, अश्लील तथा कुछ नीति विरुद्ध बातों को छोड़ कर अन्य समाचार बिना भय के छाप सकते हैं; प्रेस की स्वतंत्रता; (फ़्रीडम ऑव प्रेस)।

मुद्रणाधीन (सं.) [वि.] जो (लेख या ग्रंथ) छपने के लिए तैयार हो या छपने की प्रक्रिया में हो।

मुद्रणालय (सं.) [सं-पु.] 1. छापाखाना 2. वह स्थान जहाँ कागज़ छपाई का कार्य होता है; (प्रेस)।

मुद्रा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अशरफ़ी; रुपया; सिक्का 2. मुद्रण 3. करंसी 4. विशिष्ट शारीरिक स्थिति एंव भावभंगिमा।

मुद्रांक (सं.) [सं-पु.] 1. वह सरकारी कागज़ जिसे अदालती कार्रवाई या पक्की लिखा-पढ़ी के लिए उपयोग किया जाता है 2. मोहर (सील) 3. डाक का टिकट 4. छाप।

मुद्रांकन (सं.) [सं-पु.] 1. छापने की क्रिया या भाव; छपाई 2. किसी दस्तावेज़ पर मुद्रा (मुहर) लगाने की क्रिया 3. मुहर से छापना।

मुद्रांकित (सं.) [वि.] 1. जिसपर मोहर लगा दी गई हो 2. छपा हुआ।

मुद्रांकितपत्र (सं.) [सं-पु.] वह पत्र जिसपर किसी शासक या अधिकारी की मुहर लगी हो; नामांकित पत्र; अधिकार पत्र।

मुद्राक्षर (सं.) [सं-पु.] मुहर (सिल) का अक्षर; टाइप।

मुद्राण-प्रति (सं.) [सं-स्त्री.] छपाई के लिए तैयार की गई हस्तलिखित या टंकित प्रति।

मुद्राध्यक्ष (सं.) [सं-पु.] अन्य राज्य या देश में जाने का अधिकार पत्र या परवाना (पासपोर्ट) देने वाला अधिकारी।

मुद्रालय (सं.) [सं-पु.] 1. वह स्थान जहाँ मुद्रा (रुपए-पैसे) का निर्माण या छपाई होती है 2. छापाखाना; (प्रेस)।

मुद्रावमूल्यन (सं.) [सं-पु.] मुद्रा के मूल्य या मान में गिरावट; मुद्रा के मूल्य में ह्रास।

मुद्रा-विस्फीति (सं.) [सं-स्त्री.] (अर्थशास्त्र) किसी सरकार की आर्थिक या मौद्रिक नीति के कारण कागज़ी मुद्रा के प्रचलन में हुई अचानक वृद्धि को कम करना या मुद्रा के मूल्य को समान्य रूप में लाना; मुद्रासंकोच (डिफ़्लेशन)।

मुद्राशास्त्र (सं.) [सं-पु.] 1. सिक्कों, कागज़ी मुद्रा आदि के संग्रह एवं उसके अध्ययन का विज्ञान 2. पुराने सिक्कों के आधार पर इतिहास का विवेचन करने वाला शास्त्र; (न्यूमिसमैटिक्स)।

मुद्रास्फीति (सं.) [सं-स्त्री.] (अर्थशास्त्र) किसी राज्य में वह स्थिति जिसमें मुद्रा की कीमत घट जाती है और वस्तुओं की कीमत बढ़ जाती है; चलन में मुद्रा का बहुत अधिक बढ़ जाना; (इनफ़्लेशन)।

मुद्रिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अँगूठी; नाम खुदी हुई अँगूठी 2. मुहर 3. सिक्का 4. कुश की वह अँगूठी जो तर्पण आदि करते समय पहनी जाती है।

मुद्रित (सं.) [वि.] 1. मुहर किया हुआ 2. मुँदा हुआ; बंद 3. छापा हुआ 4. त्यागा या छोड़ा हुआ।

मुधा (सं.) [क्रि.वि.] व्यर्थ; बेकार। [वि.] 1. झूठा 2. व्यर्थ का।

मुनक्का (अ.) [सं-पु.] एक प्रकार की बड़ी किशमिश या सूखा हुआ अंगूर।

मुनव्वर (अ.) [वि.] उज्ज्वल; प्रकाशमान; दीप्त; रौशन; चमकीला; प्रज्वलित।

मुनसरिम (अ.) [सं-पु.] 1. व्यवस्था करने वाला व्यक्ति 2. कचहरी में मिसलें या नत्थियाँ संभाल कर रखने वाला अधिकारी।

मुनसिफ़ (अ.) [सं-पु.] 1. न्यायकर्ता; न्यायिक; न्याय विभाग का एक अधिकारी 2. न्याय या इंसाफ़ करने वाला व्यक्ति।

मुनहना [वि.] 1. छोटा 2. कमज़ोर; कृशकाय 3. लघु; अल्प।

मुनहसर (अ.) [वि.] अवलंबित; आश्रित; निर्भर।

मुनादी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. ढोल या नगाड़ा पीट कर की जाने वाली घोषणा 2. डुग्गी; ढिंढोरा। [मु.] -करना : ढिंढोरा पीटना; घूम-घूमकर प्रचार करना।

मुनाफ़ा (अ.) [सं-पु.] लाभ; फ़ायदा; नफ़ा; व्यापार या काम आदि में होने वाला लाभ।

मुनाफ़ाख़ोर (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. वह व्यापारी जो बहुत अधिक लाभ लेकर माल बेचता है 2. मुनाफ़ा खाने वाला व्यक्ति। [वि.] मुनाफ़ा खाने वाला।

मुनाफ़ाख़ोरी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मुनाफ़ाख़ोर होने की प्रवृत्ति या स्थिति 2. अधिक मुनाफ़ा लेने की प्रवृत्ति।

मुनासिब (अ.) [वि.] 1. उचित; वाजिब; ठीक 2. योग्य; काबिल।

मुनासिबत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मुनासिब होने की दशा या भाव 2. उपयुक्तता 3. औचित्य।

मुनि (सं.) [सं-पु.] 1. तपस्वी; ऋषि 2. महात्मा 3. जिन 4. बुद्ध। [वि.] मननशील।

मुनिया [सं-स्त्री.] 1. लाल नामक मादा पक्षी जो सुंदर होती है 2. एक सामान्य नाम जो बच्चियों के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

मुनिव्रत (सं.) [सं-पु.] तपस्या; सत्यचर्या।

मुनींद्र (सं.) [सं-पु.] 1. मुनिश्रेष्ठ; बहुत बड़ा मुनि 2. बुद्धदेव।

मुनीब (अ.) [वि.] जो आय-व्यय का हिसाब रखता हो।

मुनीबी (अ.) [सं-पु.] हिसाब-किताब रखने का काम; लेखा-जोखा रखने का काम।

मुनीम (अ.) [सं-पु.] 1. हिसाब-किताब लिखने वाला कर्मचारी 2. खजांची।

मुनीमी [सं-स्त्री.] दे. मुनीबी।

मुनीश (सं.) [सं-पु.] 1. मुनियों में श्रेष्ठ 2. मुनीश्वर; गौतम बुद्ध का एक नाम।

मुनीश्वर (सं.) [सं-पु.] 1. मुनिश्रेष्ठ 2. विष्णु 3. बुद्धदेव।

मुन्ना (सं.) [सं-पु.] छोटे बच्चों के लिए प्रेमसूचक शब्द; प्यारा बच्चा।

मुफ़लिस (अ.) [वि.] गरीब; कंगाल; निर्धन; धनहीन।

मुफ़लिसी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. गरीबी; निर्धनता 2. मुफ़लिस होने की अवस्था या भाव।

मुफ़स्सिल (अ.) [सं-पु.] किसी बड़े शहर के आस-पास के प्रदेश या छोटी बस्तियाँ। [वि.] 1. ब्योरे के रूप में लाया हुआ; विस्तृत बताने वाला 2. स्पष्टीकरण देने वाला; स्पष्ट।

मुफ़ीद (अ.) [वि.] 1. उपयोगी; लाभकारी 2. फ़ायदा देने वाला; फ़ायदेमंद।

मुफ़्त (अ.) [वि.] 1. बिना मूल्य के; निःशुल्क; 2. बिना कोशिश किए मिलने वाला 3. बिना प्रयास के मिला हुआ।

मुफ़्तख़ोर (अ.+फ़ा.) [वि.] बिना परिश्रम दूसरे की कमाई मुफ़्त में खाने वाला; हराम का खाने वाला।

मुफ़्तख़ोरी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मुफ़्तख़ोर होने की अवस्था या भाव 2. मुफ़्त में दूसरों का माल खाते रहने की आदत।

मुफ़्ती (अ.) [सं-पु.] 1. मुसलमानों का वह धर्मशास्त्रवेत्ता जो प्रश्नोत्तर के माध्यम से धार्मिक समस्याओं का समाधान करता है 2. फ़तवा या धार्मिक आदेश देने वाला मौलवी 3. इस्लामी कानून के अनुसार एक दंडाधिकारी; न्यायकर्ता; शरहे हाकिम। [सं-स्त्री.] वर्दी पहनने वाले अधिकारियों, सैनिकों, सिपाहियों आदि के सादे और साधारण कपड़े। [वि.] जो बिना दाम दिए मिला हो; मुफ़्त का।

मुबतिला (अ.) [वि.] 1. कष्ट या विपत्ति में पड़ा हुआ; दुख, संकट आदि से ग्रस्त 2. आसक्त; मुग्ध।

मुबलिग (अ.) [सं-पु.] मात्रा; रकम; रुपए की संख्या। [वि.] 1. जो खरा हो; खोटा न हो; जाँचा हुआ 2. रुपए आदि की संख्या का वाचक विशेषण 3. भेजने वाला।

मुबारक (अ.) [वि.] 1. शुभ; मंगलप्रद; मंगलकारी; जिसमें बरकत दी गई हो 2. नेक; भला; शुभ 3. बरकत का संकेत; बरकत का हेतु 4. धन्यवाद; बधाई। [क्रि.वि.] शुभ अवसर पर बधाई देने के लिए प्रयुक्त, जैसे- मुबारक हो।

मुबारकबाद (अ.+फ़ा.) [अव्य.] बधाई हो; मंगलमय हो; मुबारक हो। [सं-स्त्री.] बधाई; शुभकामना।

मुबारकबादी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. बधाई; मुबारक कहने की क्रिया 2. शुभकामना; बधाई गीत।

मुबालगा (अ.) [सं-पु.] 1. बहुत बढ़ा-चढ़ाकर कही हुई बात 2. अत्युक्ति; अतिशयोक्ति।

मुबाह (अ.) [वि.] शरीअत इस्लामी धर्मशास्त्र के अनुकूल होने वाला; जायज़; विहित।

मुबाहिसा (अ.) [सं-पु.] वाद-विवाद; बहस; तर्क-वितर्क।

मुब्तला (अ.) [वि.] 1. विपत्ति आदि में फँसा हुआ; ग्रस्त 2. पकड़ा हुआ; लगा हुआ।

मुमकिन (अ.) [वि.] 1. संभव 2. होने वाला; जो हो सके।

मुमतहिन (अ.) [वि.] परीक्षा लेने वाला; मूल्यांकन करने वाला; परीक्षक।

मुमताज़ (अ.) [वि.] प्रतिष्ठित; माननीय।

मुमानियत [सं-स्त्री.] मनाही; अस्वीकृति; रोक; पाबंदी।

मुमुक्षा (सं.) [सं-स्त्री.] मोक्ष की लालसा; मुक्ति की इच्छा।

मुमुक्षु (सं.) [सं-पु.] संन्यासी। [वि.] मुक्ति या मोक्ष की इच्छा रखने वाला।

मुमूर्षा (सं.) [सं-स्त्री.] मरने की इच्छा; मृत्यु की कामना।

मुमूर्षु (सं.) [वि.] जो मरने वाला हो; आसन्न-मरण; जो मरने के करीब हो।

मुर (सं.) [सं-पु.] 1. एक दैत्य जो विष्णु (मुरारी) के हाथों मारा गया 2. बेठन; आवरण।

मुरकना [क्रि-अ.] 1. मोच खाना 2. लौटना 3. मुड़ना।

मुरकी [सं-स्त्री.] 1. कान में पहनने का एक गहना; कान की बाली 2. (संगीत) किसी स्वर को सुंदरतापूर्वक घुमाते हुए दूसरे स्वर पर ले जाने की कला।

मुरगा (फ़ा.) [सं-पु.] मुर्ग नामक प्रसिद्ध पक्षी; कलगीदार प्रसिद्ध पालतू नर पक्षी।

मुरगी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] मादा मुरगा; एक प्रकार का पालतू पक्षी।

मुरगीघर (फ़ा.+हिं.) [सं-पु.] 1. मुरगी आदि के रहने का स्थान 2. करंजख़ाना 3. ढाबा 4. दरबा; (पोल्ट्री फ़ार्म)।

मुरचंग [सं-पु.] मुँह से फूँककर बजाया जाने वाला एक प्रकार का बाजा; मुँहचंग।

मुरचा [सं-पु.] वायु और नमी के योग के कारण लोहे के अंदर होने वाले रासायनिक विकार से उत्पन्न वह लाल या पीले रंग का मैल जिसके कारण लोहा कमज़ोर और ख़राब हो जाता है; मोरचा 2. दर्पण या शीशे के ऊपर जमने वाली मैल।

मुरझाना [क्रि-अ.] 1. कुम्हलाना; पीला पड़ना 2. सुस्त या उदास होना 3. अशक्त होना।

मुरदा (फ़ा.) [सं-पु.] मुर्दा; मृत व्यक्ति; शव।

मुरदार (फ़ा.) [वि.] 1. मृत; बेजान 2. अपवित्र; नापाक 3. निर्बल; बलहीन। [सं-पु.] 1. लाश 2. अपने-आप मरा हुआ जानवर।

मुरब्बा (अ.) [सं-पु.] चाशनी में पकाया हुआ फलों आदि का पाक, जैसे- आँवला का मुरब्बा।

मुरमुरा [सं-पु.] 1. भुना हुआ चावल या मकई; लाई; फरवी 2. मकई के भूने हुए दाने; ठुर्री। [वि.] मुरमुर शब्द करने वाला।

मुरली (सं.) [सं-स्त्री.] वंशी; बाँसुरी। [सं-पु.] असम में होने वाला एक प्रकार का चावल।

मुरलीधर (सं.) [सं-पु.] मुरली धारण करने वाले अर्थात कृष्ण।

मुरलीमनोहर (सं.) [सं-पु.] कृष्ण; कन्हैया।

मुरवा [सं-पु.] एड़ी की हड्डी या उसके चारों ओर का स्थान; पैर का गट्टा।

मुरशिद (अ.) [सं-पु.] 1. रास्ता दिखाने वाला व्यक्ति; सन्मार्ग पर प्रेरित करने वाला व्यक्ति; गुरु; पीर 2. पूज्य व्यक्ति।

मुरहा (सं.) [वि.] 1. जो (बालक) मूल नक्षत्र में जन्मा हो 2. अनाथ; नटखट। [सं-पु.] श्रीकृष्ण; गोपाल।

मुराद (अ.) [सं-स्त्री.] 1. इच्छा; अभिलाषा; आकांक्षा 2. मनौती; मन्नत।

मुरादी (अ.) [वि.] जिसकी कोई इच्छा या कामना हो; मन में मुराद रखने वाला; अभिलाषी।

मुरार (सं.) [सं-पु.] कमल की जड़ जिसकी सब्ज़ी बनाई जाती है; कमल मूल; कमल ककड़ी; भसींड।

मुरारि (सं.) [सं-पु.] मुर राक्षस को मारने वाले कृष्ण; विष्णु।

मुरासा (अ.) [सं-पु.] एक प्रकार का जड़ाऊ कर्णफूल।

मुरासिला (अ.) [सं-पु.] 1. हस्तलिखित या टंकित पत्र; चिट्ठी 2. शासन या राजदरबार से भेजा जाने वाला पत्र; ख़रीता।

मुरीद (अ.) [सं-पु.] 1. चेला; शिष्य 2. अनुगमन करने वाला व्यक्ति 3. श्रद्धा रखने वाला व्यक्ति; अनुयायी।

मुरेठा [सं-पु.] सिर बाँधने का कपड़ा; पगड़ी; साफ़ा।

मुरौवत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. उदारता; भलमनसत; सज्जनता 2. मर्दानगी 3. इनसानियत 4. दूसरों का लिहाज़ 5. मुलाहज़ा 6. सौजन्य।

मुरौवती [वि.] 1. संकोची 2. मुलाहज़ा 3. शीलवान।

मुर्ग (फ़ा.) [सं-पु.] 1. मुरगा 2. चिड़िया।

मुर्गा (फ़ा.) [सं-पु.] दे. मुरगा।

मुर्गाबी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] एक जल पक्षी जो मुरगी के बराबर होता है।

मुर्दा (फ़ा.) [वि.] 1. मरा हुआ; मृत 2. मृत के समान। [सं-पु.] मृत शरीर; शव।

मुर्दाघर (फ़ा.+हिं.) [सं-पु.] शव या लाश रखा जाने वाला स्थान या कमरा।

मुर्दादिल (फ़ा.) [वि.] हतोत्साहित; जिसमें उत्साह या उमंग न रह गई हो।

मुर्दाबाद (फ़ा.) [सं-पु.] एक नारा; विरोध जताने का नारा।

मुर्दार (फ़ा.) [वि.] डरपोक; भीरु; भयार्थ; भयभीत।

मुर्रा [सं-पु.] 1. एक प्रकार की छोटी आतिशबाज़ी 2. मरोड़ 3. भुना हुआ चावल; फरही 4. मुरमुरा। [सं-स्त्री.] भैसों की एक जाति।

मुर्री [सं-स्त्री.] 1. कपड़े, डोरे आदि के सिरे को मोड़कर लगाई हुई गाँठ 2. कपड़े को लपेटने के लिए उसमें डाला हुआ बल या ज़ोर।

मुल (अ.) [सं-स्त्री.] शराब; सुरा; मदिरा।

मुलकित (सं.) [वि.] 1. प्रसन्न; ख़ुश 2. मुस्कुराता हुआ 3. उल्लसित।

मुलज़िम (अ.) [वि.] जिसने ज़ुल्म या अपराध किया हो; अपराधी; अभियुक्त।

मुलतवी (अ.) [वि.] 1. स्थगित; आगे के लिए टालने वाला 2. देर करने वाला।

मुलतानी [सं-पु.] मुलतान देश के निवासी। [सं-स्त्री.] मुलतान की भाषा। [वि.] मुलतान देश से संबंधी।

मुलहा (सं.) [वि.] 1. जिसका जन्म मूल नक्षत्र में हुआ हो 2. नटखट; उपद्रवी।

मुलाकात (अ.) [सं-स्त्री.] 1. एक-दूसरे से मिलना; भेंट 2. परिचय; जान-पहचान; मेल-मिलाप 3. साक्षात्कार।

मुलाज़िम (अ.) [वि.] 1. अनुचर; हमेशा साथ-साथ रहने वाला 2. सेवक; नौकर; सेवा में रहने वाला 3. कर्मचारी।

मुलाज़िमत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. नौकरी 2. सेवा में रहने या होने का भाव।

मुलाना [क्रि-स.] 1. दुख देना; सताना 2. पीड़ित करना।

मुलायम (अ.) [वि.] 1. कोमल; नरम 2. अनुकूल 3. कठोरता से रहित 4. नाज़ुक; सुकुमार।

मुलायमियत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मुलायम होने की अवस्था; मुलायमी 2. कोमलता; नरमाहट; सौम्यता 3. उदारता।

मुलायमी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मुलायम होने की अवस्था; मुलायमियत 2. कोमलता; नरमाहट; सौम्यता 3. उदारता।

मुलाहज़ा (अ.) [सं-पु.] 1. निरीक्षण; देखभाल 2. मुरव्वत; रिआयत 3. लिहाज़; संकोच।

मुलेठी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. काली मिट्टी में होने वाली एक लता 2. उक्त लता की जड़ जो दवा के काम आती है तथा तृष्णा, ग्लानि और क्षयनाशक होती है 3. यष्टिमधु; जेठीमधु।

मुल्क (अ.) [सं-पु.] 1. देश; वतन; राष्ट्र; सल्तनत 2. जन्मभूमि 3. क्षेत्र।

मुल्तवी (अ.) [सं-पु.] दे. मुलतवी।

मुल्ला (अ.) [सं-पु.] 1. मौलवी; शिक्षक; मकतब में छोटे बच्चों को पढ़ाने वाला मुसलमान शिक्षक 2. बहुत बड़ा विद्वान; मुसलमानी धर्म-शास्त्र का आचार्य या विद्वान 3. मस्जिद में रहने या नमाज़ पढ़ने वाला व्यक्ति।

मुल्लाना [सं-पु.] 1. मुल्ला 2. कट्टर मुसलमान 3. मुल्ला के लिए उपेक्षासूचक शब्द।

मुल्लावाद (अ.+सं.) [सं-पु.] 1. मुल्ला-मौलवियों का विचार या मत जो लोगों को पसंद न हो तथा जो समाज की प्रगतिशीलता में बाधक बनता हो; कठमुल्लापन 2. पुरोहितवाद।

मुवक्किल (अ.) [सं-पु.] 1. वह जो अपना मुकदमा वकील को देता है 2. वकील का आसामी; वादी।

मुशल (सं.) [सं-पु.] 1. धान कूटने का मूसल 2. {ला-अ.} मूर्ख व्यक्ति; बेवकूफ़।

मुशायरा (अ.) [सं-पु.] 1. वह सम्मेलन जिसमें शायर अपनी शेर या ग़ज़ल आदि कहते हैं 2. कवि सम्मेलन।

मुशाहरा (अ.) [सं-पु.] 1. मासिक वेतन; पगार; तनख़्वाह 2. वज़ीफ़ा; वृत्ति।

मुशीर (अ.) [सं-पु.] मशविरा देने वाला व्यक्ति; सलाहकार; परामर्शदाता।

मुश्क1 [सं-स्त्री.] 1. भुजा; बाँह 2. कंधों और कोहनी के बीच का कोमल और मांसपेशीदार भाग 3. पकड़।

मुश्क2 (फ़ा.) [सं-पु.] 1. कस्तूरी; मृगनाभि; कस्तूरी मृग 3. गंध; ख़ुशबू।

मुश्कबिलाव (फ़ा.) [सं-पु.] गंधबिलाव; एक प्रकार का जंगली नर बिल्ली जिसके अंडकोष से एक सुगंधित तरल पदार्थ निकलता है; गंध मार्जार।

मुश्कबू (फ़ा.) [वि.] जिसमें मुश्क या कस्तूरी की सुगंध हो।

मुश्किल (अ.) [सं-स्त्री.] 1. कठिनाई 2. परेशानी 3. मुसीबत; विपत्ति। [वि.] कठिन; दुश्कर; जटिल; पेचीदा।

मुश्की (फ़ा.) [वि.] 1. मुश्क जैसी सुगंधवाला 2. कस्तूरी के रंग का।

मुश्त (फ़ा.) [सं-स्त्री.] मुट्ठी; घूँसा। [वि.] 1. मुट्ठी में भरी हुई वस्तु; मुट्ठीभर 2. थोड़ा-सा।

मुश्तरक (अ.) [वि.] 1. संयुक्त; कई आदमियों का 2. शरीक किया हुआ; सम्मिलित 3. जिसमें किसी का साझा हो।

मुश्तरका (अ.) [वि.] जिसपर कई आदमियों का समान अधिकार हो; साझे का; संयुक्त।

मुश्ताक (अ.) [वि.] 1. इच्छुक 2. शौक रखने वाला; अभिलाषी; उत्सुक 3. आकांक्षी।

मुष्टि (सं.) [सं-स्त्री.] 1. घूँसा 2. मुट्ठी; मुक्का।

मुसकराना [क्रि-अ.] 1. मंद-मंद हँसना 2. होठों में हँसना।

मुसद्दस (अ.) [सं-पु.] एक प्रकार के छह चरणों वाली कविता; छह चरणों वाला पद। [वि.] जिसके छह अंग हो; षट्कोण।

मुसना [क्रि-अ.] 1. छीना या चुराया जाना 2. मूसा या लूटा जाना। [सं-पु.] चूहा; मूषक। [वि.] मूसने वाला।

मुसन्ना (अ.) [सं-पु.] 1. किसी असल या प्रामाणिक लेख की दूसरी प्रति या नकल; प्रतिलिपि; (फ़ोटोकॉपी) 2. रसीद का वह भाग जिसका दूसरा भाग देने वाले के पास होता है; प्रतिपर; (काउंटरफ़ायल)।

मुसन्निफ़ (अ.) [सं-पु.] 1. पुस्तक लिखने वाला व्यक्ति; लेखक 2. ग्रंथकार; रचयिता 3. तसनीफ़ (रचना) करने वाला व्यक्ति।

मुसब्बर (अ.) [सं-पु.] घीकुआँर का रस या गूदा जिसे सुखाकर या जमाकर दवा के रूप में उपयोग किया जाता है।

मुसम्मात (अ.) [सं-स्त्री.] 1. एक शब्द जो स्त्रियों के नाम के पहले प्रायः सरकारी और अदालती कागज़ों में लगाया जाता है 2. औरत; स्त्री; श्रीमती।

मुसम्मी1 [सं-स्त्री.] एक प्रसिद्ध खट्टा-मीठा फल; मौसमी।

मुसम्मी2 (अ.) [वि.] 1. नामक; नामवाला; नामधारी 2. जिसका नाम रखा गया हो; नामी।

मुसर्रत (अ.) [सं-स्त्री.] आनंद; ख़ुशी; प्रसन्न्ता; हर्ष।

मुसलमान (अ.) [सं-पु.] इस्लाम धर्म को मानने वाला व्यक्ति; इस्लाम का अनुयायी; मुस्लिम।

मुसलमानी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मुसलमान होने की अवस्था 2. मुसलमान का धर्म या कर्तव्य 3. मुसलमानों में होने वाली ख़तने की रस्म; ख़तना; सुन्नत। [वि.] मुसलमान संबंधी; मुसलमान का।

मुसलिम (अ.) [सं-पु.] 1. मुसलमान; मुस्लिम; मोमिन; यवन 2. मुहम्मद साहब द्वारा चलाए हुए संप्रदाय का अनुयायी।

मुसल्लम (अ.) [वि.] 1. प्रमाणित 2. सर्वमान्य 3. समग्र; संपूर्ण; समूचा; अखंड; पूरा; कुल 4. तसलीम किया हुआ; माना हुआ 5. साबुत।

मुसल्ला (अ.) [सं-पु.] 1. दरी या चटाई जिसपर बैठ कर मुसलमान नमाज़ पढ़ते हैं 2. नमाज़ पढ़ने की जगह।

मुसव्विर (अ.) [सं-पु.] तस्वीर बनाने वाला व्यक्ति; चित्रकार। [वि.] सचित्र।

मुसव्विरी (अ.) [सं-स्त्री.] तस्वीरें बनाने का काम; चित्रकला।

मुसहर [सं-पु.] 1. एक जाति विशेष 2. बिहार और उत्तर प्रदेश में पाई जाने वाली एक जाति।

मुसाफ़ (अ.) [वि.] 1. साफ़ किया हुआ; स्वच्छ 2. शुद्ध। [सं-पु.] 1. युद्ध; समर; लड़ाई 2. युद्धस्थल 3. दुश्मन के चारों ओर डाला जाने वाला घेरा 4. लेखों का संग्रह।

मुसाफ़िर (अ.) [सं-पु.] 1. यात्री; सफ़र करने वाला व्यक्ति; पथिक; बटोही 2. परदेशी।

मुसाफ़िरख़ाना (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. यात्रियों के ठहरने का स्थान; धर्मशाला; सराय 2. रेल यात्रियों के ठहरने के लिए बना हुआ विशिष्ट स्थान; यात्रीगृह; विश्रामालय।

मुसाफ़िरत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मुसाफ़िर होने की अवस्था या भाव; मुसाफ़िरी 2. यात्रा; सफ़र; प्रवास 3. प्रदेश।

मुसाफ़िरी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. मुसाफ़िर होने का भाव 2. यात्रा; यात्राकाल 3. प्रवास; सफ़र।

मुसाहब (अ.) [सं-पु.] राजा या बड़े आदमी के पास बैठने-उठने वाला व्यक्ति; साथी; मुहबत्ती।

मुसाहिब (अ.) [सं-पु.] 1. कुलीन या सम्मानित जन के पास उठने-बैठने वाला व्यक्ति 2. राजा का परामर्शदाता 3. ख़ुशामदी।

मुसाहिम (अ.) [वि.] शरीक; भागीदार; साझीदार।

मुसिर (अ.) [वि.] 1. बार-बार किसी काम के लिए कहने वाला 2. ज़िद्दी; ज़िद करने वाला।

मुसीका [सं-पु.] मुँह पर बाँधी जाने वाली पट्टी।

मुसीबत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. तकलीफ़; कष्ट; दुख 2. विपत्ति; संकट; आफ़त।

मुसीबतज़दा (अ.) [वि.] विपत्तिग्रस्त; संकटग्रस्त; दुखिया।

मुस्कराना [क्रि-अ.] 1. धीरे-धीरे हँसना 2. बिना शब्द या आवाज़ के हँसना 3. इस तरह हँसना कि दाँत दिखाई न दें 4. होठों में हँसना; मंद-मंद हँसना 5. खिलना; मुलकाना 6. विहँसना।

मुस्कराहट [सं-स्त्री.] मुस्कराने की क्रिया या भाव; मंदहास; स्मित।

मुस्कान [सं-स्त्री.] हँसने का भाव या क्रिया; मंद हँसी; मुस्कराहट।

मुस्काना [क्रि-अ.] दे. मुस्कराना।

मुस्कुराहट [सं-स्त्री.] दे. मुस्कराहट।

मुस्टंड [सं-पु.] दे. मुस्टंडा।

मुस्टंडा [सं-पु.] गुंडा; बदमाश। [वि.] तगड़ा; मोटा-ताज़ा; हष्ट-पुष्ट।

मुस्तंबत (अ.) [वि.] निष्कर्ष निकाला हुआ; नतीजा निकाला हुआ; परिणाम।

मुस्तकबिल (अ.) [सं-पु.] भविष्य काल; आने वाला समय; भावी समय।

मुस्तकिल (अ.) [वि.] 1. दृढ़; मज़बूत 2. स्थिर; स्थायी 3. दृढ़तापूर्वक स्थापित किया हुआ 4. पद विशेष पर स्थायी रूप से नियुक्त 5. पक्का।

मुस्तगीस (अ.) [सं-पु.] 1. दावेदार; दावा करने वाला 2. फ़रियादी; अभियोक्ता।

मुस्तफ़ा (अ.) [सं-पु.] 1. वह जिसमें मनुष्यों का कोई दुर्गुण न हो 2. मुहम्मद की पदवी या उपाधि। [वि.] 1. चुना हुआ; श्रेष्ठ 2. पवित्र; पुनीत 3. साफ़; स्वच्छ।

मुस्तफ़ीद (अ.) [वि.] 1. फ़ायदा चाहने वाला; फ़ायदा उठाने वाला 2. लाभ चाहने वाला; लाभ प्राप्त करने वाला।

मुस्तसना (अ.) [वि.] 1. अलग किया हुआ; पृथक किया हुआ; छाँटा हुआ; भिन्न 2. अपवादभूत।

मुस्तहक (अ.) [वि.] 1. जिसको हक हासिल हो; हक रखने वाला 2. अधिकारी; पात्र; योग्य।

मुस्तैद (अ.) [वि.] 1. तेज़; किसी कार्य के लिए पूर्ण रूप से तत्पर हो 2. कटिबद्ध।

मुस्तैदी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. तत्परता; चुस्ती 2. तेज़ी 3. कटिबद्धता।

मुस्तौजिर (अ.) [सं-पु.] इज़ारेदार; ठेकेदार।

मुस्लिम (अ.) [सं-पु.] 1. इस्लाम धर्म को मानने वाला 2. मुसलमान। [वि.] मुसलमानों का।

मुहज़्ज़ब (अ.) [वि.] 1. शिष्ट; सभ्य 2. शिक्षित 3. नागरिक 4. विनीत; सुसंस्कृत।

मुहतमिम (अ.) [सं-पु.] 1. प्रबंधक; व्यवस्थापक 2. इहतिमाम करने वाला।

मुहताज (अ.) [वि.] 1. गरीब 2. ज़रूरतमंद; अभाव वाला; इच्छुक 3. आश्रित।

मुहब्बत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. प्रेम; प्यार; प्रीति; चाह; इश्क 2. स्नेह।

मुहम्मद (अ.) [सं-पु.] 1. इस्लाम धर्म के प्रवर्तक 2. अरब के प्रसिद्ध पैगंबर। [वि.] सराहा हुआ; प्रशंसित।

मुहम्मदसाहब (अ.) [सं-पु.] दे. मुहम्मद।

मुहर (फ़ा.) [सं-स्त्री.] छाप; प्रतीक; निशान।

मुहरबंद (फ़ा.) [वि.] दे. मोहरबंद।

मुहर्रम (अ.) [सं-पु.] अरबी वर्ष का पहला महीना जिसमें ईमाम हुसैन की शहादत हुई थी। [वि.] 1. मुसलमानों का प्रमुख त्योहार 2. निषिद्ध किया हुआ 3. इस्लामी वर्ष का प्रथम महीना।

मुहर्रमी (अ.) [वि.] 1. मुहर्रम का; मुहर्रम से संबंधित 2. मनहूस 3. शोकग्रस्त 4. रोनी शक्लवाला 5. शोक का प्रतीक।

मुहर्रिक (अ.) [सं-पु.] 1. हरकत करने वाला 2. गति उत्पन्न करने वाला 3. चालाक 4. नेता; नायक; प्रधान 5. प्रेरक; प्रस्तावक।

मुहर्रिर (अ.) [सं-पु.] 1. लेखक; लिखने वाला 2. मुंशी; वकील का मुंशी।

मुहलत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. अवकाश 2. किसी कार्य विशेष के लिए मिलने वाला समय।

मुहल्ला (अ.) [सं-पु.] 1. शहर या कस्बे का एक भाग; टोला; महल्ला; मोहल्ला 2. भूखंड 3. इलाका।

मुहाज़िर (अ.) [वि.] 1. अपना देश छोड़कर दूसरे देश में रहने वाला; राजनीतिक शरणार्थी 2. विस्थापित 2. हिज़रत करने वाला।

मुहाना [सं-पु.] 1. सिरा; अंतिम छोर 2. डैल्टा।

मुहाफ़िज़ (अ.) [सं-पु.] अभिभावक; संरक्षक। [वि.] हिफ़ाज़त करने वाला; रक्षा करने वाला; रक्षक।

मुहाफ़िज़त (अ.) [सं-स्त्री.] 1. रक्षा; देख-रेख; रख वाली 2. पालन-पोषण।

मुहार (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नकेल 2. पशुओं के नथने में बाँधी जाने वाली रस्सी; नाँथ।

मुहाल (अ.) [वि.] 1. कठिन; दुष्कर 2. असंभव; नामुमकिन।

मुहावरा (अ.) [सं-पु.] 1. लक्षणा या व्यंजना द्वारा सिद्ध वह रूढ़ वाक्य या प्रयोग जिसका अर्थ प्रत्यक्ष अर्थ से विलक्षण हो; शब्दों का वह क्रम या समूह जिसमें सब शब्दों का अर्थ एक साथ मिलाकर किया जाता है 2. बोलचाल या बातचीत की एक पद्धति।

मुहावराना [वि.] मुहावरेदार; मुहावरों से युक्त।

मुहावरेदार (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. (भाषा या रचना) जिसमें मुहावरों का उचित प्रयोग किया गया हो 2. मुहावरों वाला।

मुहावरेदारी (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मुहावरों के सटीक प्रयोग का ज्ञान 2. मुहावरों से युक्त होने की अवस्था या भाव।

मुहासिब (अ.) [सं-पु.] 1. हिसाब जानने वाला; हिसाब करने वाला 2. जाँचने वाला।

मुहासिल (अ.) [सं-पु.] कर या लगान आदि से वसूल होने वाली रकम; राजस्व। [वि.] उगाहने वाला; तहसील वसूल करने वाला।

मुहिब (अ.) [सं-पु.] 1. वह जो प्रेम करता हो; प्रेमी 2. मित्र; दोस्त; सखा।

मुहिम (अ.) [सं-स्त्री.] 1. कठिन काम; भारी काम; बड़ा काम 2. युद्ध; संघर्ष; लड़ाई 3. अभियान 4. आक्रमण।

मुहूर्त (सं.) [सं-पु.] 1. ज्योतिष के अनुसार गणना करके निकाला गया शुभ समय; शुभाशुभ काल 2. दिन-रात का तीसवाँ भाग।

मुहैया (अ.) [वि.] 1. उपलब्ध; मौजूद 2. तैयार; प्रस्तुत।

मुह्य (सं.) [वि.] 1. मोह करने वाला; मोह में पड़ा हुआ 2. मूर्छित; बेहोश; बेसुध।

मू (फ़ा.) [सं-पु.] बाल; केश; रोआँ; रोम।

मूँग (सं.) [सं-पु.] एक प्रकार का अन्न जिसकी दाल बनती है; द्विदल अनाज।

मूँगफली [सं-स्त्री.] एक पौधा जिसके फल से तेल निकला जाता है और खाने के काम में लाया जाता है।

मूँगर (सं.) [सं-पु.] 1. लकड़ी का कूटने-ठोकने का हथौड़ा 2. घंटा बजाने की लकड़ी की हथौड़ी 3. मुँगरा।

मूँगा [सं-पु.] 1. समुद्र से प्राप्त एक प्रकार का रत्न 2. प्रवाल।

मूँगिया [सं-पु.] हरे रंग का एक भेद। [वि.] मूँग के दानों के रंग का।

मूँछ [सं-स्त्री.] 1. पुरुषों के होंठ के ऊपर उगने वाले बाल 2. {ला-अ.] मानसम्मान की निशानी; पुरुषत्व के प्रतीक।

मूँज (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सरकंडे का पौधा 2. सरकंडों का छिलका जिससें रस्सी तैयार की जाती है और जिसका उपयोग चारपाई बुनने के लिए किया जाता है।

मूँड़ (सं.) [सं-पु.] सिर; कपाल; माथा।

मूँड़ना (सं.) [क्रि-स.] 1. रेज़र या उस्तरे से सिर या गालों के बालों को साफ़ करना 2. हजामत बनाना 3. {ला-अ.} किसी को धोखे से लूटना; धन छीन लेना; ठगना 4. {ला-अ.} किसी को शागिर्द या चेला बनाना।

मूँदना (सं.) [क्रि-स.] 1. बंद करना 2. ढकना।

मूक (सं.) [वि.] 1. मौन; शांत 2. बोलने में असमर्थ; गूंगा।

मूकना (सं.) [सं-पु.] 1. अस्त्र या शस्त्र चलाना या फेंकना 2. त्यागना 3. मुक्त करना।

मूजिद (अ.) [सं-पु.] आविष्कारक; इजाद करने वाला; आविष्कर्ता; आविष्कार करने वाला।

मूजिब (अ.) [सं-पु.] कारण; हेतु; सबब।

मूज़ी (अ.) [वि.] 1. कष्ट पहुँचाने वाला; अत्याचारी; सताने वाला 2. दुष्ट; खल; दुर्जन; ज़ालिम 3. कंजूस।

मूठ [सं-स्त्री.] 1. मुट्ठी; दस्ता; कब्ज़ा 2. मुट्ठीभर चीज़ 3. जत्था; दल 4. जादू टोना 5. उपकरण आदि का हत्था।

मूठना (सं.) [क्रि-अ.] 1. नष्ट या बरबाद होना 2. मर मिटना 3. न रहना।

मूड (इं.) [सं-पु.] 1. मन की अवस्था; मन का वेग 2. चित्तवृत्ति; मनोदशा; मिज़ाज 3. अवस्था; दशा; हालत 4. भाव 5. वातावरण; माहौल।

मूड़ी (इं.) [वि.] 1. भावुक 2. सनकी 3. उत्तेजनशील 4. जिसका स्वभाव परिवर्तनीय हो 5. उदास; खिन्न।

मूढ़ (सं.) [वि.] 1. परम मूर्ख; नासमझ 2. हक्का-बक्का; हैरान 3. मुग्ध 4. जड़बुद्धि 6. मूर्खतापूर्ण। [सं-पु.] तमोगुण की प्रधानता के कारण चित्त के विवेक रहित हो जाने की अवस्था या भाव।

मूढ़ता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मूर्खता; बेवकूफ़ी; नासमझी 2. अज्ञानता।

मूढ़मति (सं.) [वि.] 1. जो मूढ़ या मूर्ख हो 2. नासमझ 3. मूढ़बुद्धि; अज्ञानी।

मूढ़ा (सं.) [सं-पु.] बाँस, बेंत और रस्सी से बनाया गया कुरसी जैसा गोल आसन; मोढ़ा।

मूढ़ाग्रह (सं.) [सं-पु.] मूढ़ता या मूर्खतापूर्वक किया जाने वाला आग्रह; मूर्खता; दुराग्रह; अनुचित हठ।

मूढ़ी [सं-स्त्री.] 1. चावल को भूनकर बनाया गया कुरकुरा खाद्य 2. अरवा; मुरमुरा; फरवी।

मूत [सं-पु.] पेशाब; मूत्र।

मूतना [क्रि-अ.] पेशाब करना; मूत्र त्यागना।

मूत्र (सं.) [सं-पु.] प्राणियों के जननेंद्रिय मार्ग से निकलने वाला तरल पदार्थ; पेशाब।

मूत्रकृच्छ्र (सं.) [सं-पु.] एक प्रकार का मूत्र रोग जिसमें मूत्र के साथ चीनी का अंश आता है एवं पेशाब बार-बार और थोड़ा-थोड़ा कष्ट के साथ होता है।

मूत्र-मार्ग (सं.) [सं-पु.] मूत्र-नली (शरीर में) पेशाब निकलने का मार्ग।

मूत्र-रोध (सं.) [सं-पु.] पेशाब रुक जाने की बीमारी।

मूत्रालय (सं.) [सं-पु.] पेशाब करने के लिए निश्चित की गई जगह; पेशाब करने का कमरा; पेशाबख़ाना; प्रसाधन कक्ष।

मूत्राशय (सं.) [सं-पु.] नाभि के नीचे स्थित थैली जिसमें मूत्र संचित होता है; मूत्रकोश; (ब्लैडर)।

मूर्ख (सं.) [वि.] 1. मूढ़; नासमझ 2. अज्ञानी।

मूर्खता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बेवकूफ़ी; नासमझी 2. मूर्ख होने की अवस्था।

मूर्ख-दिवस (सं.) [सं-पु.] 1. अप्रैल माह का पहला दिन 2. वह दिन, जिस दिन लोगों को मूर्ख बनाने की परंपरा चली आ रही है।

मूर्छन (सं.) [सं-पु.] 1. अचेत अवस्था 2. मूर्छित करने का मंत्र।

मूर्छना (सं.) [सं-स्त्री.] (संगीत) स्वरों का आरोह-अवरोह।

मूर्छा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बेहोशी 2. मूर्छन 3. संज्ञालोप 4. सम्मोह।

मूर्छावस्था (सं.) [सं-स्त्री.] बेहोशी की अवस्था; बेहोशी।

मूर्छित (सं.) [वि.] 1. बेहोश; संज्ञाशून्य; निष्क्रिय 2. वर्धित; व्याप्त (स्वर, सुगंध आदि) 3. संस्कार किया हुआ; शोधित (सोना, लोहा, चाँदी आदि)।

मूर्त (सं.) [वि.] 1. साकार 2. ठोस।

मूर्त विधान (सं.) [सं-पु.] 1. किसी रचना में काल्पनिक रूप या चित्र का निर्माण करने की क्रिया या भाव; किसी घटना या कार्य आदि के स्वरूप का कल्पना के आधार पर चित्रण करने की क्रिया; बिंब विधान; (इमेजरी) 2. साकार करना; यथार्थ बोध उत्पन्न करना।

मूर्ति (सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रतिमा 2. पत्थर या धातु से निर्मित आकृति या स्वरूप।

मूर्तिकला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मूर्ति बनाने की कला; मूर्ति गढ़ने की कला 2. मूर्तियाँ बनाने की विद्या।

मूर्तिकार (सं.) [सं-पु.] मूर्ति बनाने वाला कारीगर; चित्रकार।

मूर्तित (सं.) [वि.] जिसे मूर्ति का आकार या रूप दिया गया हो।

मूर्तिपूजक (सं.) [वि.] मूर्ति की पूजा करने वाला; जो मूर्ति की पूजा करता हो; बुतपरस्त।

मूर्तिपूजन (सं.) [सं-पु.] मूर्तियों की पूजा करने की क्रिया; मूर्ति पूजना।

मूर्तिपूजा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रतिमा की पूजा करने की प्रथा या विधान; भगवान या ईश्वर की प्रतिमा के रूप में पूजा करना 2. सगुण भक्ति परंपरा में प्रतिमा-पूजा।

मूर्तिभंजक (सं.) [वि.] 1. मूर्तियाँ तोड़ने वाला; बुतशिकन 2. {ला-अ.} रूढ़ हो चुकी आस्थाओं पर प्रहार करने वाला।

मूर्तिमंत (सं.) [वि.] दे. मूर्तिमान।

मूर्तिमान (सं.) [वि.] 1. जो मूर्तिरूप में हो; मूर्तिविशिष्ट 2. प्रत्यक्ष; साक्षात 3. साकार और सगुण। [सं-पु.] शरीर।

मूर्तीकरण (सं.) [सं-पु.] अमूर्त वस्तु को मूर्त रूप देने की क्रिया या भाव; मूर्त रूप देना।

मूर्ध (सं.) [सं-पु.] मस्तक; माथा; सिर।

मूर्धन्य (सं.) [सं-पु.] मूर्धा से उच्चरित ध्वनि। [वि.] 1. मूर्धा से उत्पन्न 2. सबसे अच्छा; सर्वश्रेष्ठ; उच्चतम।

मूर्धा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मुँह के अंदर का तालु और ऊपर के दाँतों के पीछे सिर की तरफ़ का भाग जिसे जीभ का अगला भाग ट्, ठ्, ड्, ढ्, और ण वर्ण का उच्चारण करते समय उलटकर छूता है 2. मस्तक; सिर।

मूल (सं.) [सं-पु.] 1. पेड़-पौधे की जड़ 2. पौधे की वह जड़ जो खाई जाती है 3. बुनियाद 4. आरंभ; आरंभिक 5. मूलधन 6. शब्द उद्गम; स्रोत 7. एक नक्षत्र। [वि.] 1. प्रधान 2. आद्य।

मूलक (सं.) [वि.] 1. उत्पन्न करने वाला 2. जिसके मूल में कुछ हो 3. जो किसी के मूल में हो। [सं-पु.] 1. मूली नामक कंद 2. मूल प्रकृति 3. वह विष जो वृक्षों के मूल या जड़ के रूप में रहता है।

मूलगत (सं.) [वि.] आधारभूत; असली; मौलिक; मूलभूत।

मूलग्रंथ (सं.) [सं-पु.] ग्रंथकार की मूल रचना; असल किताब।

मूलच्छेद (सं.) [सं-पु.] 1. जड़ से ख़त्म अथवा नष्ट करना 2. {ला-अ.} समूल नाश।

मूलच्छेदक (सं.) [वि.] जड़ से ख़त्म अथवा नष्ट करने वाला।

मूलच्छेदन (सं.) [सं-पु.] जड़ से ख़त्म करने की क्रिया या भाव।

मूलतः (सं.) [क्रि.वि.] 1. मूल रूप से; आदि में 2. संपूर्णतः।

मूलतत्व (सं.) [सं-पु.] 1. आधारभूत सिद्धांत 2. मूल पदार्थ।

मूलतया (सं.) [क्रि.वि.] दे. मूलतः।

मूल द्रव्य (सं.) [सं-पु.] 1. वह आदिम पदार्थ जिससे समस्त पदार्थों की निर्मिति हुई है 2. मूलधन 3. किसी व्यापार में लगाई हुई लागत या पूँजी।

मूलधन (सं.) [सं-पु.] व्यापार में धन कमाने के उद्देश्य से लगाया गया धन; पूँजी।

मूलपुरुष (सं.) [सं-पु.] वंश का आदि पुरुष जिससे वंश चला हो; वंश प्रवर्तक पुरुष।

मूलभूत (सं.) [वि.] 1. मूल से संबंध रखने वाला; असली 2. अत्यावश्यक 3. आधारभूत; बुनियादी।

मूलमंत्र (सं.) [सं-पु.] 1. कुंजी; मूल तत्व 2. राज़; रहस्य 3. (अंधविश्वास) वह वाक्य या शब्द जो देवताओं को प्रसन्न करने और अपनी कामनाओं की सिद्धि के लिए बार-बार उच्चरित किया जाता है।

मूलरूप (सं.) [सं-पु.] मूल आकृति; आरंभिक रूप।

मूलवर्ती (सं.) [वि.] मूल का; मूल संबंधी।

मूल वेतन [सं-पु.] वह मासिक वेतन जिसमें अतिरिक्त कार्य या किसी प्रकार के भत्ते न जुड़े हों; (बेसिक पे)।

मूलस्थान (सं.) [सं-पु.] 1. प्रधान या मुख्य स्थान 2. पूर्वजों का स्थान 3. परमेश्वर 4. मुलतान शहर का प्राचीन नाम 5. राजधानी।

मूला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शतावर 2. मूल नक्षत्र 3. बहुत बड़ी तथा मोटी मूली 4. पृथ्वी।

मूलाधार (सं.) [सं-पु.] 1. मुख्य आधार 2. (हठयोग) मानव शरीर के अंदर के छह चक्रों में से एक चक्र, जिसका स्थान अग्नि-चक्र के ऊपर गुदा और शिश्न के मध्य में होता है।

मूलिक (सं.) [सं-पु.] 1. पौधों की बड़ी जड़ें खाकर रहने वाला तपस्वी या व्यक्ति 2. फल-फूल या जड़ें खाकर रहने वाला व्यक्ति। [वि.] 1. मौलिक 2. प्रधान; मुख्य 3. जो पहली बार घटित हुआ हो 4. मूलगत; (ओरिजनल)।

मूलिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. जड़ी 2. जड़ 3. जड़ों का ढेर।

मूली (सं.) [सं-स्त्री.] एक पौधा जिसकी मोटी और मुलायम जड़ और पत्ते शाक के रूप में खाए जाते हैं।

मूल्य (सं.) [सं-पु.] 1. दाम; कीमत; भाव 2. महत्व 3. मानवीय आदर्श।

मूल्यन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी वस्तु का मूल्य आँकना; मूल्यांकन 2. किसी की योग्यता, गुण आदि को निर्धारित करना।

मूल्य-नियंत्रण (सं.) [सं-पु.] किसी वस्तु का मूल्य अनुचित रूप से बढ़ने से रोकने की क्रिया या प्रतिबंध।

मूल्य-निर्धारण (सं.) [सं-पु.] किसी वस्तु के मूल्य में अनुचित वृद्धि को रोकने के उद्देश्य से उसके मूल्य को उत्पाद लागत तथा गुणवत्ता के आधार पर निश्चित करने की क्रिया।

मूल्यनिष्ठा (सं.) [सं-स्त्री.] सिद्धांतों या आदर्शों के प्रति होने वाली ईमानदारी।

मूल्यवत्ता (सं.) [सं-स्त्री.] मूल्यवान होने की अवस्था या भाव।

मूल्यवर्धित (सं.) [वि.] किसी वस्तु आदि का सुधार करने के बाद बढ़ने वाला मूल्य; (एडिड वैल्यू)।

मूल्यवान (सं.) [वि.] कीमती होने की अवस्था या भाव; बेशकीमती; अधिक मूल्यवाला।

मूल्यसंकट (सं.) [सं-पु.] 1. मूल्यों के गिरने से होने वाली परेशानी 2. किसी समाज में नैतिक मूल्यों तथा आदर्शों के ह्रास से उत्पन्न स्थिति।

मूल्यहीन (सं.) [वि.] 1. जिसका कोई मूल्य न हो 2. निरर्थक; निकम्मा; बेकार।

मूल्यांकन (सं.) [सं-पु.] 1. किसी वस्तु का मूल्य निर्धारित या निश्चित करने की क्रिया 2. किसी वस्तु की उपयोगिता, गुण, महत्व आदि का होने वाला अंकन 3. किसी रचना या पुस्तक की समीक्षा।

मूल्यांधता (सं.) [सं-स्त्री.] मूल्यों की अनदेखी करने की अवस्था या भाव।

मूल्यात्मक (सं.) [वि.] मूल्य या मान के रूप में होने वाला।

मूल्याधारित (सं.) [सं-पु.] 1. मूल्यों पर आधारित 2. नैतिकता, आदर्श आदि गुणों पर आधारित।

मूल्यानुपाती कर (सं.) [सं-पु.] किसी वस्तु आदि के मूल्य के अनुसार आयात या निर्यात पर लगने वाला कर अथवा शुल्क।

मूषक (सं.) [सं-पु.] चूहा।

मूषक-वाहन (सं.) [सं-पु.] गणेश; गजानन; गणपति। [वि.] जिसकी सवारी चूहा हो; चूहे की सवारी करने वाला।

मूस (सं.) [सं-पु.] एक छोटा जंतु जो घरों, खेतों, बिलों आदि में रहता और अन्न आदि खाता है; चूहा; मूषक।

मूसदानी (सं.) [सं-स्त्री.] चूहा फँसाने का पिंजड़ा।

मूसना [क्रि-स.] 1. चुराना; चुराकर ले जाना 2. लूटना 3. ठगना।

मूसल (सं.) [सं-पु.] धान कूटने का उपकरण जो लकड़ी का बना होता है और उसके एक छोर पर लोहे की साम जड़ी रहती है।

मूसलचंद [सं-पु.] 1. हृष्ट-पुष्ट किंतु निकम्मा व्यक्ति; मुस्टंडा; धींगड़ा 2. गँवार; असभ्य; मूर्ख।

मूसलधार [क्रि.वि.] 1. जिसकी धार मूसल के समान मोटी हो 2. मोटी धारवाला।

मूसला [सं-पु.] वह जड़ जो मोटी और सीधी हो एवं उससे अन्य शाखाएँ न निकली हों; (टैप रूट)।

मूसलाधार [वि.] 1. भयंकर या भीषण, जैसे- मूसलाधार बारिश 2. मूसला जड़ (जिसकी शाखाएँ नहीं होती) के समान मोटे आकार वाला।

मूसली [सं-स्त्री.] 1. छोटी मूसल 2. हल्दी की जाति का एक पौधा 3. एक औषधीय पौधा।

मूसा [सं-पु.] यहूदी धर्म के प्रवर्तक जो पैगंबर या देवदूत माने गए हैं।

मृग (सं.) [सं-पु.] 1. हिरण 2. कामशास्त्र के अनुसार चार प्रकार के पुरुष-भेदों में से एक 3. चंद्रमा में झलकने वाला काला दाग 4. मृगशिरा नक्षत्र 5. मार्गशीर्ष (अगहन) मास।

मृगचर्म (सं.) [सं-पु.] 1. हिरन की खाल 2. ओढ़ी अथवा आसन के रूप में बिछाई जाने वाली हिरण की खाल; मृगासन; मृगछाला।

मृगछलना [सं-स्त्री.] 1. मृगतृष्णा; रेगिस्तान में कड़ी धूप के कारण चमकती रेत को जल समझने की भ्रामक स्थिति 2. {ला-अ.} ऐसी प्यास जिसकी पूर्ति असंभव हो।

मृगछाला [सं-पु.] 1. हिरण की छाल या खाल; मृगचर्म 2. हिरण की खाल जो पवित्र मानी जाती है 3. हिरण की खाल जो बिछाई या ओढ़ी जाती है।

मृगछौना (सं.) [सं-पु.] हिरन का बच्चा; मृगशावक।

मृगतृष्णा [सं-स्त्री.] मृग-मरीचिका; तेज़ धूप और गरमी में रेगिस्तानी क्षेत्र में जलधारा या पानी दिखने का भ्रम।

मृगधर (सं.) [सं-पु.] चंद्रमा; शशि; सुधांशु।

मृगनयनी [सं-स्त्री.] हिरण या हिरण के शावक-सी सुंदर आँखों वाली स्त्री।

मृगनाभि (सं.) [सं-पु.] 1. कस्तूरी 2. कस्तूरीमृग।

मृगमद (सं.) [सं-पु.] कस्तूरी।

मृगया (सं.) [सं-स्त्री.] 1. शिकार; आखेट 2. शिकार के लिए वन-गमन।

मृगलांछन (सं.) [सं-पु.] 1. चंद्रमा 2. मृगशिरा नक्षत्र।

मृगलोचना (सं.) [सं-स्त्री.] मृगनयनी स्त्री; हिरण के समान सुंदर नेत्रों वाली स्त्री।

मृगवन (सं.) [सं-पु.] वह जंगल जिसमें मृग निवास करते हों।

मृगवारि (सं.) [सं-पु.] 1. वह जल जिसका सिर्फ़ आभास हो (मृग-मरीचिका के समान); मृगजल 2. {ला-अ.} भ्रम दिलाने वाली झूठी आशा या बात।

मृगशावक (सं.) [सं-पु.] हिरण का बच्चा; मृगछौना।

मृगशिरा (सं.) [सं-स्त्री.] सत्ताईस नक्षत्रों में से पाँचवा नक्षत्र।

मृगांक (सं.) [सं-पु.] 1. चंद्रमा का धब्बा 2. चंद्रमा 3. कपूर 4. स्वर्ण भस्म 5. वायु 6. क्षय रोग में उपयोगी एक रसौषध।

मृगिनी (सं.) [सं-स्त्री.] मृग की मादा; हिरणी।

मृगी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. हिरणी; मादा हिरण 2. मिरगी रोग।

मृगेंद्र (सं.) [सं-पु.] 1. शेर; सिंह 2. व्याघ्र।

मृच्छकटिका (सं.) [सं-स्त्री.] मिट्टी की गाड़ी; मिट्टी का रथ।

मृडानी (सं.) [सं-स्त्री.] पार्वती; भवानी; गौरी।

मृणाल (सं.) [सं-पु.] 1. कमल की जड़ 2. कमल के पौधे का डंठल; कमलनाल 3. उसीर; उशीर; खस।

मृणालिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. कमलिनी; कमल का पौधा; नलिनी; कुमुदिनी 2. कमलों से भरा हुआ या कमल समूह से युक्त सरोवर।

मृण्मय (सं.) [वि.] मिट्टी का बना हुआ।

मृण्मूर्ति (सं.) [सं-स्त्री.] मिट्टी से निर्मित मूर्ति।

मृत (सं.) [वि.] 1. मुरदा; मरा हुआ; मारा हुआ 2. जिसका पूर्ण रूप से नाश या अंत हो चुका हो।

मृतक (सं.) [सं-पु.] 1. शव; मृत शरीर; मुरदा; जिसकी मृत्यु हो गई हो 2. पद या वाक्य जिसका कोई वास्तविक अर्थ न हो। [वि.] मरा हुआ।

मृतककर्म (सं.) [सं-पु.] मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति या शुद्धि के लिए किया जाने वाला कृत्य (क्रिया-कर्म), जैसे- दाह-संस्कार, दशगात्र, तेरहवीं आदि।

मृतप्राय (सं.) [वि.] 1. जो मरे हुए के समान हो 2. जो मरने वाला हो 3. बेदम।

मृतवत (सं.) [वि.] मृत या मृतक के समान।

मृत-संजीवनी [सं-स्त्री.] (जनश्रुति) मृत शरीर को जिलाने की विद्या या मंत्र। [वि.] एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि।

मृतात्मा (सं.) [सं-पु.] 1. मृत व्यक्ति की आत्मा 2. मृत व्यक्ति 3. {ला-अ.} जिसकी आत्मा मर गई हो।

मृताशौच (सं.) [सं-पु.] किसी की मृत्यु के कारण लगने वाला सूतक; मरणाशौच; मृत्यु का सूतक।

मृति (सं.) [सं-स्त्री.] मौत; मृत्यु।

मृत्तिका (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मिट्टी; खाक 2. अरहर।

मृत्यु (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मौत; मरना; शरीर से प्राण निकलना; मरण; देहांत; निधन 2. अंत; समाप्ति। [सं-पु.]. 1. यमराज 2. नाश।

मृत्युंजय (सं.) [सं-पु.] 1. शिव 2. अकाल मृत्यु निवारक एक मंत्र। [वि.] मृत्यु को जीतने वाला।

मृत्युंजय-रस (सं.) [सं-पु.] एक प्रकार का औषध जिसका प्रयोग ज्वर निवारण हेतु किया जाता है।

मृत्युकर (सं.) [सं-पु.] मरे हुए व्यक्ति (मृतक) की संपत्ति पर लगने वाला कर; (डेथ ड्यूटी)।

मृत्युदंड (सं.) [सं-पु.] 1. प्राणदंड; मौत की सज़ा; (आमतौर पर) फाँसी की सज़ा 2. अपराधी को जान से मार डालने की सज़ा।

मृत्युदर (सं.) [सं-स्त्री.] एक साल में प्रति हज़ार व्यक्तियों में मरे हुए लोगों की संख्या।

मृत्युपत्र (सं.) [सं-पु.] वसीयतनामा।

मृत्युलेख (सं.) [सं-पु.] 1. मृत्यु पत्र 2. वसीयत 3. मृत्यु के कुछ पहले मरने वाले की इच्छानुसार संपत्ति के विभाजन, दान आदि के संबंध में लिखा गया पत्र या लेख।

मृत्युलोक (सं.) [सं-पु.] 1. मरणशील प्राणियों का लोक; मर्त्यलोक; यमलोक 2. भूलोक; पृथ्वीलोक।

मृत्युशय्या (सं.) [सं-स्त्री.] वह बिस्तर जिसपर रोगी मरणासन्न रूप में पड़ा हुआ हो।

मृत्युशोक (सं.) [सं-पु.] किसी की मृत्यु के कारण उत्पन्न शोक; मरने का दुख।

मृत्सन (सं.) [सं-स्त्री.] 1. अच्छी और चिकनी मिट्टी 2. गीली मिट्टी 3. उच्च स्तर की भूमि।

मृदंग (सं.) [सं-पु.] 1. ढोलक जैसा एक वाद्ययंत्र 2. ढोलक के आकार का एक उपकरण जिसमें मोमबत्तियाँ लगा कर जलाई जाती हैं 3. बाँस।

मृदंगी (सं.) [वि.] 1. मृदंग संबंधी 2. मृदंग से उत्पन्न 3. मृदंग बजाने वाला; मृदंगिया।

मृदा (सं.) [सं-स्त्री.] मिट्टी; धूल।

मृदित (सं.) [वि.] कुचला हुआ; मसला हुआ या चूर्ण किया हुआ।

मृदु (सं.) [वि.] 1. मधुर; सुहावन; प्रिय 2. कोमल; मुलायम; नरम 3. हलका 4. मंद।

मृदुकरण (सं.) [सं-पु.] 1. कोमल बनाना 2. हलका बनाना 3. तीक्ष्णता या तीव्रता कम कर देना।

मृदुता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मृदु होने की अवस्था या भाव; मधुरता; मीठापन 2. कोमलता; नरमी।

मृदुभाषी (सं.) [वि.] मृदु वचन बोलने वाला; मधुरभाषी।

मृदुमंद (सं.) [वि.] 1. मंद गति 2. मधुर स्वर।

मृदुल (सं.) [वि.] 1. दयालु; दयामय; कृपालु 2. कोमल; मुलायम; नाज़ुक; सुकुमार।

मृदुलता (सं.) [सं-स्त्री.] मृदुल होने की अवस्था या भाव; कोमलता; नज़ाकत।

मृदूत्पल (सं.) [सं-पु.] 1. नीलोत्पल 2. नीलकमल।

मृषा (सं.) [क्रि.वि.] 1. व्यर्थ 2. झूठ-मूठ। [वि.] झूठ; मिथ्या।

में (सं.) [पर.] 1. अधिकरण कारक चिह्न 2. के अंदर 3. मूल्य सीमा बतलाना 4. किसी भाव में अंतःस्थिति का सूचक।

मेंगनी [सं-स्त्री.] भेड़, बकरी, चूहे आदि की लेंडी या विष्टा।

मेंड़ [सं-स्त्री.] 1. खेतों के इर्द-गिर्द बनाया हुआ मिट्टी का घेरा 2. खेतों की हदबंदी; आरी 3. पगडंडी; आड़; रोक 4. {ला-अ.} मर्यादा।

मेंड़बंदी [सं-स्त्री.] मेंड़ बनाने का काम या भाव।

मेंड़रा (सं.) [सं-पु.] 1. घेरने के लिए बनाया हुआ गोल चक्कर 2. किसी वस्तु का गोलाकार ढांचा 3. ऐंड़ुआ; गेंड़ुरी।

मेंढक [सं-पु.] 1. दादुर 2. जल एवं स्थलचरी छोटा जंतु।

मेंढ़क (सं.) [सं-पु.] दे. मेंढक।

मेंढ़ी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्त्रियों के बाल बाँधने का एक प्रकार 2. माथे के अग्र भाग से गूँथी हुई चोटी 3. घोड़ों के माथे की एक भौंरी।

मेंबर (इं.) [सं-पु.] 1. सदस्य 2. सभा या समाज में सम्मिलित व्यक्ति 3. सभासद।

मेंबरशिप (इं.) [सं-स्त्री.] 1. सदस्यता 2. मेंबर का पद।

मेंबरान [सं-पु.] 'मेंबर' का बहुवचन रूप।

मेंहदी [सं-स्त्री.] 1. मेहँदी; एक प्रकार की पत्तियाँ जिन्हें पीस कर हाथ पर लगाने से रंग चढ़ता है 2. विवाह के पूर्व की एक रस्म जिसमें वर व वधू को अपने-अपने घरों में मेंहदी लगाई जाती है।

मेकअप (इं.) [सं-पु.] 1. सजना; सँवरना; रूप-सज्जा 2. प्रसाधन; सुंदर और आकर्षक बनने के लिए सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग 3. (पत्रकारिता) पृष्ठ निर्माण या पृष्ठ सज्जा समाचार को अधिक आकर्षक बनाने हेतु समाचार के शीर्षक का कलात्मक रूप में प्रस्तुतीकरण।

मेकल (सं.) [सं-पु.] विंध्याचल पर्वत का एक भाग जहाँ से नर्मदा नदी निकलती है।

मेकैनिक (इं.) [सं-पु.] 1. मिस्त्री 2. यंत्र या मशीन बनाने तथा मरम्मत करने वाला।

मेख़ (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. कील; काँटा 2. खूँटा; खूँटी।

मेख़चू (फ़ा.) [सं-पु.] मेख़ ठोंकने का उपकरण।

मेखला (सं.) [सं-स्त्री.] 1. करधनी; कमरबंध 2. पहाड़ की ढाल 3. किसी वस्तु के मध्य भाग को चारों ओर से घेरने वाली डोरी; शृंखला।

मेगा (इं.) [वि.] 1. ज़बरदस्त 2. बहुत बड़ा या विशाल।

मेगाबाइट (इं.) [सं-पु.] कंप्यूटर की स्मृति-क्षमता की माप (1024 किलोबाइट = 1 (एक) मेगाबाइट)।

मेगावाट (इं.) [सं-पु.] विद्युत-उत्पादन की इकाई जो सौ किलोवाट के बराबर होती है (एक मेगावाट = 10 लाख वाट)।

मेघ (सं.) [सं-पु.] 1. बादल 2. (संगीत) एक राग 3. मोथा।

मेघ-गर्जन (सं.) [सं-पु.] बादलों का गरजना या गड़गड़ाहट।

मेघनाद (सं.) [सं-पु.] 1. रावण का बेटा; इंद्रजित 2. वरुण 3. मेघ का गर्जन।

मेघराज (सं.) [सं-पु.] 1. इंद्र 2. मेघों का राजा।

मेघागम (सं.) [सं-पु.] 1. बादलों का आगमन; वर्षा का आरंभ; वर्षा ऋतु का आगमन।

मेघाच्छन्न (सं.) [वि.] बादलों से ढका हुआ; बादलों से छाया (घिरा) हुआ।

मेघाडंबर (सं.) [सं-पु.] 1. बादलों की गरज 2. राजाओं का एक प्रकार का छत्र 3. बहुत बड़ा शामियाना।

मेघावरि (सं.) [सं-पु.] बादलों की घटा; मेघवाई; मेघ पंक्ति; घनघटा।

मेघावृत (सं.) [वि.] 1. बादलों से ढका हुआ 2. बादलों से आच्छादित।

मेघीना (सं.) [सं-पु.] एक प्रकार का नीले रंग से रँगा कपड़ा।

मेज़ (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. लकड़ी की बनी ऊँची चौकी जिसपर कागज़, किताब आदि रखकर लिखते-पढ़ते हैं; खाना खाने की चौकी; (टेबल)।

मेज़पोश (सं.) [सं-पु.] मेज़ ढकने का कपड़ा; मेज़ आदि पर बिछाने का कपड़ा।

मेज़बान (फ़ा.) [सं-पु.] 1. वह जो लोगों को अपने यहाँ किसी कार्य, भोजन आदि के लिए निमंत्रित करे; मेहमानदार; आतिथ्य करने वाला गृहस्थ 2. वह जिसके यहाँ कोई मेहमान आए; वह जो अतिथि को अपने यहाँ आदरपूर्वक ठहराता हो।

मेज़बानी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. अतिथि को की जाने वाली ख़ातिरदारी; अतिथि-सत्कार 2. मेज़बान होने का धर्म या भाव 3. वे खाद्य पदार्थ जो बरात आने से पहले-पहल कन्या पक्ष से बरातियों के लिए भेजे जाते हैं।

मेजर (इं.) [सं-पु.] 1. एक सैन्य अधिकारी जिसका पद कप्तान से ऊपर तथा लेफ़्टिनेंट कर्नल से नीचे होता है 2. सेना का एक बड़ा अधिकारी 3. प्रमुख; प्रधान 4. महत्वपूर्ण 5. मुख्य विषय।

मेजा [सं-पु.] मेंढक।

मेजॉरिटी (इं.) [सं-स्त्री.] 1. बहुमत; जो संख्या या मतों में अधिक हो 2. बहुसंख्यक पक्ष या समुदाय।

मेट (इं.) [सं-पु.] 1. मज़दूरों का प्रधान 2. जमादार 3. टंडैल।

मेटक [वि.] नष्ट करने वाला; मिटाने वाला; नाश करने वाला।

मेटना [क्रि-स.] 1. मिटाना 2. समाप्त करना।

मेट्रो (इं.) [सं-पु.] महानगर; बड़ा शहर; (मेट्रोपोलिटन)।

मेडल (इं.) [सं-पु.] पदक; तमगा।

मेडिकल (इं.) [वि.] 1. चिकित्सा शास्त्र संबंधी; वैद्यक संबंधी 2. औषधि संबंधी।

मेडिटेशन (इं.) [सं-पु.] 1. ध्यान; समाधि 2. विचार; सोच 3. चिंता 4. मनन; साधना।

मेढ़ा (सं.) [सं-पु.] 1. नर भेड़; मेष 2. एक प्रकार का चौपाया जो दिखने में भेड़ जैसा पर उससे बड़ा होता है।

मेथी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक छोटा पौधा जिसकी पत्तियों से साग बनता है 2. उक्त पौधे का बीज जिसका उपयोग मसाले और दवा के रूप में होता है।

मेथौरी [सं-स्त्री.] मेथी का साग मिलाकर बनाई जाने वाली बड़ी; एक खाद्य पदार्थ।

मेद (सं.) [सं-पु.] 1. शरीर के अंदर की वसा; चरबी 2. मोटा होने का रोग 3. कस्तूरी 4. कस्तूरी, केशर आदि के योग से निर्मित एक प्रकार का सुगंधित द्रव्य।

मेदनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मेदिनी 2. यात्रियों का वह दल जो झंडा लेकर किसी देवस्थान जाता हो।

मेदा1 (अ.) [सं-पु.] आमाशय; पेट; उदर।

मेदा2 (सं.) [सं-स्त्री.] अष्ट वर्ग के अंतर्गत एक औषधि।

मेदिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मेदा 2. भूमि; पृथ्वी।

मेध (सं.) [सं-पु.] 1. यज्ञ 2. यज्ञ-बलि का पशु 3. हवि।

मेधा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. बुद्धि; धारणा-शक्ति 2. बल; शक्ति 3. षोडश मातृकाओं में से एक 4. छप्पय छंद का एक भेद 5. दक्ष प्रजापति की कन्या।

मेधावी (सं.) [सं-पु.] च्यवन ऋषि के पुत्र का नाम। [वि.] 1. बुद्धिमान; मेधायुक्त; जिसकी मेधा या धारण शक्ति तीव्र हो 2. पंडित; विद्वान।

मेध्य (सं.) [वि.] 1. बुद्धि बढ़ाने वाला; मेधाजनक 2. पवित्र 3. यज्ञ संबंधी।

मेनका (सं.) [सं-स्त्री.] एक प्रसिद्ध पौराणिक अप्सरा।

मेना [सं-पु.] मोयन (पकवानों का)। [सं-स्त्री.] 1. मेनका 2. पार्वती की माता 3. स्त्री 4. वाक्शक्ति।

मेम (इं.) [सं-स्त्री.] 1. ताश का एक पत्ता 2. विदेशी महिला के लिए प्रयुक्त शब्द।

मेमना [सं-पु.] 1. भेड़ का बच्चा 2. एक प्रकार का घोड़ा।

मेमसाहब (इं.) [सं-स्त्री.] प्रतिष्ठित महिलाओं के लिए शिष्ट संबोधन।

मेमार (अ.) [सं-पु.] 1. राजमिस्त्री 2. मकान बनाने वाला कारीगर; शिल्पी।

मेमोरी (इं.) [सं-स्त्री.] 1. याददाश्त; स्मृति 2. कंप्यूटर का वह भाग (हार्डवेयर) जहाँ डाटा संगृहीत होता है।

मेयर (इं.) [सं-पु.] 1. महापालिका का निर्वाचित अध्यक्ष 2. महापौर; नगराध्यक्ष।

मेर (सं.) [सं-पु.] 1. सुमेरु 2. सुमेरु पर्वत के पास का एक पर्वत।

मेरा [सर्व.] 'मैं' का संबंधकारक रूप; मदीय।

मेराज (अ.) [सं-पु.] 1. सीढ़ी 2. ऊपर चढ़ने का साधन; श्रेणी 3. मुसलमानों के विश्वास के अनुसार मुहम्मद साहब का खुदा के साथ साक्षात्कार करना

मेरु (सं.) [सं-पु.] 1. मंदिर का शिखर 2. जपमाला में सबसे ऊपर रहने वाला एक दाना 3. उत्तरी या दक्षिणी ध्रुवों में प्रत्येक ध्रुव 4. एक विशिष्ट प्रकार का देव मंदिर 5. हठयोग में सुषुम्ना नाड़ी का एक नाम।

मेरुज्योति (सं.) [सं-स्त्री.] उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों में रात के समय दिखाई देने वाली एक प्रकार की ज्योति; (आरोरा बोरिएलिस)।

मेरुदंड (सं.) [सं-पु.] 1. रीढ़; पृष्ठवंश 2. हिमालय 3. पृथ्वी के दोनों ध्रुवों के बीच की सीधी कल्पित रेखा।

मेरुदंडी (सं.) [वि.] रीढ़वाला प्राणी।

मेरुपृष्ठ (सं.) [सं-पु.] 1. आकाश 2. स्वर्ग 3. एक प्राचीन जाति। [वि.] जिसकी पीठ या नीचे का भाग समतल भूमि पर नहीं बल्कि पर्वत पर स्थित हो।

मेल1 (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मिलने या मिले हुए होने की अवस्था या भाव 2. प्रेम और मित्रता का संबंध 3. मिलाप 4. संयोग 5. समागम 6. पारस्परिक अनुकूलता; उपयुक्तता या सामंजस्य। [मु.] -खाना : उपयुक्त होना; ठीक या सटीक बैठना।

मेल2 (इं.) [सं-पु.] नर, पुरुष। [सं-स्त्री.] 1. डाकख़ाने से आने-जाने वाली चिट्ठियां, पार्सल आदि 2. चिट्ठियां, पार्सल आदि लाने तथा ले जाने वाली गाड़ी 3. तीव्र गति से चलने वाली रेलगाड़ी।

मेलक (सं.) [सं-पु.] 1. साथ 2. मेला 3. समूह 4. मिलन; समागम 5. ग्रहों, नक्षत्रों का होने वाला मिलान 6. सहवास। [वि.] मेल कराने वाला।

मेलजोल (सं.) [सं-पु.] 1. घनिष्ठता 2. प्रायः मिलते-जुलते रहने का भाव।

मेलमिलाप (सं.) [सं-पु.] 1. प्रेम और मित्रता का संबंध; घनिष्टता 2. पारस्परिक अनुकूलता; उपयुक्तता या सामंजस्य 3. मेलजोल।

मेल-मुलाकात (सं.+अ.) [सं-स्त्री.] 1. भेंट 2. मेलमिलाप 3. रुष्ट पक्षों में होने वाला मेल।

मेला (सं.) [सं-पु.] 1. उत्सव त्योहार आदि के समय होने वाला जमावड़ा 2. भीड़भाड़; समागम।

मेला-तमाशा [सं-पु.] मेला; सैर; तमाशा।

मेलान [सं-पु.] 1. ठहराव 2. पड़ाव।

मेली [सं-पु.] 1. संगी-साथी 2. जिससे मेल-जोल हो 3. मिलनसार 4. यार।

मेवा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. सूखा फल; फल 2. किशमिश, काजू, बादाम, अखरोट आदि सूखे फल 3. गुजरात में होने वाला एक प्रकार का गन्ना।

मेवाटी (फ़ा.+हिं.) [सं-स्त्री.] एक पकवान जिसमें मेवे भरे हुए हों।

मेवात (सं.) [सं-पु.] राजपूताना का एक इलाका जो अब गुड़गाँव जिले और अलवर तथा भरतपुर क्षेत्र के अंतर्गत है।

मेवासा [सं-पु.] 1. किला; दुर्ग 2. मकान; घर 3. सुरक्षित स्थान।

मेवासी [सं-पु.] 1. घर का मालिक 2. स्वामी। [वि.] 1. किला या दुर्ग में रहनेवाला 2. सुरक्षित स्थान।

मेष (सं.) [सं-पु.] 1. भेड़; मेढ़ा 2. बारह राशियों में से पहली राशि।

मेस (इं.) [सं-पु.] वह भोजनालय जहाँ संयुक्त रूप से किसी वर्ग के बहुत से लोगों का खाना बनता है।

मेसू [सं-पु.] बेसन की बनी हुई बरफ़ी।

मेह1 [सं-पु.] मेघ; वर्षा; झड़ी; बादल।

मेह2 (सं.) [सं-पु.] 1. पेशाब; मूत्र 2. प्रमेह।

मेह3 (फ़ा.) [वि.] 1. सरदार 2. बड़ा; बुज़ुर्ग।

मेहँदी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार का पौधा जिसकी पत्तियाँ पीसकर हाथ-पैर रँगने के काम में लाई जाती है 2. हिना 3. मेंहदी।

मेहतर (फ़ा.) [सं-पु.] 1. चित्राल के नवाब की उपाधि 2. मैला साफ़ करने वाला 3. भारतीय संविधान के अनुसार एक अनुसूचित जाति। [वि.] अधिक बड़ा; प्रतिष्ठित या मान्य।

मेहनत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. परिश्रम; श्रम 2. प्रयास।

मेहनतकश (अ.) [वि.] 1. मेहनत करने वाला 2. कष्ट उठाने वाला।

मेहनत-मशक्कत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. कड़ी मेहनत 2. कठोर परिश्रम।

मेहनताना [सं-पु.] 1. पारिश्रमिक 2. मज़दूरी।

मेहनती [वि.] 1. अत्यधिक श्रम करने वाला 2. परिश्रमी।

मेहमान (फ़ा.) [सं-पु.] 1. अतिथि; पाहुना 2. आमंत्रित जन।

मेहमाननवाज़ (फ़ा.) [वि.] मेहमानों की ख़ातिर करने वाला।

मेहमानी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मेहमान की ख़ातिरदारी या आदर-सत्कार; आतिथ्य 2. किसी के यहाँ मेहमान होना; पहुनाई।

मेहर (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. प्रेम 2. कृपा; दया 3. करुणा 4. (मुस्लिम विवाह) निकाह के समय वरपक्ष की ओर से वधू को तलाक देने के बाद भरण-पोषण के लिए देने हेतु कबूल की गई धनराशि; निकाह के समय वधू द्वारा स्वीकृत वह राशि जिसपर निकाह संपन्न कराया जाता है।

मेहरबान (फ़ा.) [वि.] 1. कृपालु; दयालु; अनुग्राहक; अनुग्राही 2. दयावान; दयावंत; दयाशील।

मेहरबानी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. उपकार; अनुग्रह 2. कृपा; दया।

मेहरा [सं-पु.] 1. स्त्रैण; जनखा; स्त्री-प्रकृतिवाला 2. स्त्रियों जैसे हाव-भाव करने वाला 3. खत्रियों की एक जाति।

मेहराना [क्रि-अ.] कुरकुरे या मुरमुरे पदार्थ का नरम या आर्द्र होना।

मेहराब (अ.) [सं-स्त्री.] 1. द्वार के ऊपर का अर्धमंडलाकार बनाया हुआ भाग 2. डाट वाला गोल दरवाज़ा।

मेहरारू (सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्त्री; महिला 2. पत्नी; जोरू।

मेहरिया [सं-स्त्री.] पत्नी; अर्धांगिनी; जोरू; भार्या; स्त्री; मेहरारू; जीवन-सहचरी।

मेहरी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्त्री; महिला 2. पत्नी; जोरू।

मैं (सं.) [सर्व.] 1. उत्तम पुरुष का कर्ता रूप; अहम् 2. स्वयं; ख़ुद।

मैगज़ीन (इं.) [सं-स्त्री.] 1. वह पत्रिका जिसमें विविध विषयों पर लेख, कविताएँ, कहानियाँ आदि प्रकाशित होती हैं 2. बारूदख़ाना; शस्त्रागार।

मैगनेट (इं.) [सं-पु.] 1. वह पदार्थ जो लोहे को अपनी ओर खींचता है; चुंबक; लौह-चुंबक; मैगनेटाइट का बना एक स्थायी चुंबक पत्थर 2. {ला-अ.} आकर्षक व्यक्ति।

मैगनेटिक (इं.) [वि.] चुंबक संबंधी; चुंबकीय।

मैच (इं.) [सं-पु.] 1. वह खेल-प्रतियोगिता जिसमें दो या कई प्रतियोगी या दल भाग लेते हैं 2. मुकाबला 3. प्रतियोगिता का खेल।

मैचिंग (इं.) [वि.] किसी वस्तु आदि का रंग, डिज़ाइन आदि जो दूसरी संपूरक (साथ में धारण की जाने वाली या जुड़ने वाली) वस्तु से मिलता हो।

मैटर (इं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रकाशन के लिए समाचार लेख, कहानी आदि की पांडुलिपि लिखित सामग्री 2. संदर्भ; मामला।

मैट्रन (इं.) [सं-स्त्री.] चिकित्सालय आदि में नर्सों (सेविकाओं) की प्रधान।

मैट्रिक (इं.) [सं-पु.] हाईस्कूल; दसवीं; प्रवेशिका।

मैडम (इं.) [सं-स्त्री.] 1. महिलाओं के लिए आदरपूर्ण संबोधन 2. महोदया; साहिबा; महाशया; बीवी।

मैत्री (सं.) [सं-स्त्री.] दोस्ती; मित्रता।

मैत्रीपूर्ण (सं.) [वि.] मित्रतापूर्ण; दोस्ताना।

मैथिल (सं.) [सं-पु.] 1. मिथिला का निवासी 2. राजा जनक। [वि.] मिथिला संबंधी।

मैथिली (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मिथिला की भाषा 2. सीता।

मैथुन (सं.) [सं-पु.] संभोग; रति-क्रिया; सहवास; स्त्री-पुरुष का समागम।

मैथुनिक (सं.) [वि.] लैंगिक; यौन; मैथुन संबंधी; मैथुन का।

मैदा (फ़ा.) [सं-पु.] बहुत महीन अथवा बारीक आटा।

मैदान (फ़ा.) [सं-पु.] 1. वह समतल विस्तृत भूमि जहाँ खेल खेला जाता है 2. सपाट भूमि 3. खेत। [मु.] -मारना : विजयी होना। -में आना : मुकाबले के लिए तैयार। -साफ़ होना : बाधा या रुकावट का न होना अथवा दूर हो जाना।

मैदानी (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. आटे या मैदा का खमीरदार घोल 2. लालटेन जो आँगन में लटकाई जाए। [वि.] 1. मैदान का 2. वह समतल प्रदेश जहाँ पहाड़ आदि न हों 3. समतल 4. मैदान में काम आने वाला 5. मैदान संबंधी।

मैदाने-जंग (फ़ा.) [सं-पु.] युद्धस्थल; युद्धक्षेत्र; रणभूमि।

मैन1 (सं.) [सं-पु.] 1. कामदेव 2. राल में मिलाया हुआ मोम 3. भोग।

मैन2 (इं.) [सं-पु.] आदमी; मनुष्य; व्यक्ति।

मैनकामिनी [सं-स्त्री.] कामदेव की स्त्री; रति।

मैनहोल (इं.) [सं-पु.] बंद नाली का मुँह जिससे सफ़ाई करने के लिए बड़ी नाली में घुसा जा सकता हो; बंद नाली में प्रवेश करने का मार्ग।

मैना [सं-स्त्री.] 1. काले रंग तथा पीली चोंच वाली एक चिड़िया; सारिका 2. हिमालय की पत्नी।

मैनाक (सं.) [सं-पु.] 1. एक पर्वत जिसे मैना और हिमालय का पुत्र माना जाता है 2. हिमालय की एक चोटी।

मैनी [सं-स्त्री.] 1. गाय की एक प्रजाति जिसके दोनों सींग नीचे की ओर झुके होते हैं 2. एक प्रकार का कँटीला पेड़।

मैनेजमेंट (इं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रबंध; व्यवस्था 2. संचालन।

मैनेजर (इं.) [सं-पु.] 1. प्रबंधक; प्रबंधकर्ता; व्यवस्थापक 2. संचालक; निर्वाहक।

मैनेजिंग डाइरेक्टर (इं.) [सं-पु.] प्रबंध-निदेशक; प्रबंध-संचालक।

मैप (इं.) [सं-पु.] 1. मानचित्र 2. नक्शा 3. ख़ाका 4. आलेख्य-पत्र। [क्रि-स.] 1. मानचित्र बनाना 2. नक्शा बनाना 3. ख़ाका बनाना।

मैपिंग (इं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रतिचित्रण 2. पता लगाना 3. मानचित्रण।

मैयत (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मृत शरीर; लाश; मौत; मृत्यु 2. शव की यात्रा; शवयात्रा।

मैया [सं-स्त्री.] माँ; माता।

मैल (सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी चीज़ पर पड़ी हुई या जमी हुई गर्द; धूल; मल 2. किसी के प्रति मन में होने वाला या रहने वाला दोष या विकार।

मैला [वि.] 1. गंदा; मलिन; अस्वच्छ 2. दूषित; विकारयुक्त; मैलवाला।

मैला-कुचैला [वि.] 1. बहुत मैला; अत्यंत मैला 2. जो बहुत गंदे कपड़े पहने हुए हो।

मैलाघर [सं-पु.] वह स्थान जहाँ गाँव या शहर का कूड़ा-करकट, मैला आदि फेंका जाता है।

मैलापन [सं-पु.] मैले होने की अवस्था या भाव; मलिनता; गंदापन।

मैसेज (इं.) [सं-पु.] संदेश; समाचार। [क्रि-स.] 1. संदेश भेजना 2. संकेत करना 3. तार देना; तार भेजना।

मैहर (सं.) [सं-पु.] 1. एक तीर्थ स्थल जहाँ एक शक्तिपीठ (शारदापीठ) अवस्थित है 2. नैहर; मायका 3. घी की तलछट।

मॉडल (इं.) [सं-पु.] 1. वह व्यक्ति जो वस्त्र या आभूषणों को धारण कर उनका प्रदर्शन व्यवसाय की दृष्टि से करता हो 2. वह व्यक्ति या वस्तु जिसको सामने रखकर चित्रकार चित्र बनाता है 3. नमूना; ढाँचा; प्रतिकृति; प्रारूप।

मॉडलिंग (इं.) [सं-स्त्री.] 1. फ़ैशन मॉडल की तरह किया जाने वाला काम; मॉडल की तरह काम करने का व्यवसाय 2. किसी वस्तु के स्वरूप की प्रतिकृति बनाने का कार्य।

मॉड्यूल (इं.) [सं-पु.] 1. ऐसी इकाई जो अपने से बड़ी इकाई का अंग हो 2. बड़ी संरचना की छोटी परंतु स्वतंत्र इकाई।

मॉनीटर (इं.) [सं-पु.] 1. कक्षा-प्रतिनिधि; कक्षानायक 2. कंप्यूटर सूचना-सामग्री प्रदर्शित करने वाला परदा; कंप्यूटर का वह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जिसके परदे पर किसी प्रक्रम या प्रॉसेस को देखा जाता है।

मोंताज (इं.) [सं-पु.] विभिन्न शॉट्स को एक कड़ी में जोड़कर एक नया प्रभाव पैदा करने की कोशिश।

मोक्ष (सं.) [सं-पु.] 1. बंधन से मुक्त; बंधन से छूटना; छुटकारा 2. चार प्रकार के पुरुषार्थों में एक; अलौकिक पुरुषार्थ 3. मौत; मृत्यु।

मोक्षकामी (सं.) [वि.] मोक्ष की इच्छा रखने वाला; मुमुक्षु।

मोखा (सं.) [सं-पु.] 1. बहुत छोटी खिड़की; रोशनदान; झरोखा; ताखा 2. किसी घर के प्रवेश-द्वार का क्षेत्र 3. मुष्कक नामक वृक्ष।

मोगरा (सं.) [सं-पु.] 1. बेला का फूल 2. बेले का पौधा 3. उक्त फूल जो साधारण बेले के फूल से अधिक बड़ा तथा गठा हुआ होता है।

मोघ (सं.) [वि.] 1. व्यर्थ; निरर्थक 2. निष्फल 3. वह वस्तु जो ठीक से काम में न आ सके। [सं-पु.] 1. परकोटा 2. बाड़ा।

मोच (सं.) [सं-स्त्री.] शरीर के जोड़ की नस का अपने स्थान से इधर-उधर खिसक जाना। [सं-पु.] 1. केला 2. सेमल का पेड़ 3. पाढ़र का वृक्ष 4. सहिजन।

मोचक (सं.) [वि.] 1. मोचन करने वाला; मुक्ति दिलाने वाला 2. हरण करने वाला।

मोचन (सं.) [सं-पु.] 1. कष्ट, बंधन आदि से छुड़ाना; मुक्त करना 2. दूर करना; हटाना 3. हरण करना; ले लेना। [वि.] छुड़ाने वाला।

मोचना (सं.) [सं-पु.] नाई या लोहारों का एक चिमटी या उपकरण। [क्रि-स.] 1. मुक्त कराना 2. छुड़ाना 3. गिराना।

मोची (सं.) [सं-पु.] 1. चमड़े का काम करने वाला 2. जूते सीलने तथा बनाने वाला कारीगर। [सं-स्त्री.] हिलमोचिका। [वि.] 1. मुक्त कराने वाला 2. छुड़ाने वाला 3. दूर करने वाला।

मोज़ा (फ़ा.) [सं-पु.] 1. जुर्राब; पायतावा 2. पैरों के पंजे में पहनने का कपड़ा।

मोट (सं.) [सं-पु.] 1. चमड़े का बड़ा थैला जिससे सिंचाई की जाती है 2. चरसा। [सं-स्त्री.] 1. बंडल; गठरी 2. ढेर; राशि।

मोटर (इं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रेरक; चालक यंत्र 2. संचालन यंत्र 3. जो गति प्रदान करता है 4. सड़कों पर चलने वाली एक प्रकार की सवारी गाड़ी।

मोटरख़ाना (फ़ा.) [सं-स्त्री.] मोटर गाड़ी रखने का स्थान; (मोटर गैरेज)।

मोटरगाड़ी (इं.) [सं-स्त्री.] पेट्रोल, डीजल गैस आदि द्वारा उत्पादित शक्ति से सड़कों पर चलने वाली सवारी गाड़ी; (मोटर)।

मोटरबाइक (इं.) [सं-स्त्री.] मोटर साइकिल; यंत्र से चलने वाली बाइसाइकिल।

मोटरबोट (इं.) [सं-स्त्री.] मोटर-इंजन से चालित नाव।

मोटरसाइकिल (इं.) [सं-स्त्री.] मोटर-इंजन से चलने वाली साइकिल; फटफटिया।

मोटरी [सं-स्त्री.] गठरी; कपड़े में गाँठ देकर बांधा हुआ सामान।

मोटा [वि.] 1. तगड़ा; स्थूल; भारी-भरकम; मोटा-ताज़ा 2. सबल या सम्पन्न। [मु.] -आसामी : धनवान या संपन्न व्यक्ति; अमीर। मोटी कमाई : बहुत अधिक मुनाफ़ा। मोटे तौर पर : आम तौर पर; साधारणतः।

मोटाई [सं-स्त्री.] 1. मोटा होने का भाव; मोटापन; स्थूलता 2. धन या बल का गर्व 3. {ला-अ.} शरारत; पाजीपन।

मोटा-ताज़ा [वि.] हृष्ट-पुष्ट; तगड़ा।

मोटाना [क्रि-अ.] 1. मोटा होना 2. {ला-अ.} धनवान या संपन्न होना 3. घमंडी या अभिमानी होना। [क्रि-स.] दूसरे को मोटा करना।

मोटापन [सं-पु.] मोटे होने की अवस्था या भाव।

मोटापा [सं-पु.] 1. मोटा होने की अवस्था या भाव 2. स्थूलकाय; स्थूलता।

मोटा-मोटी [क्रि.वि.] 1. साधारण रूप से 2. अनुमानतः।

मोटिया [सं-पु.] 1. मोटा कपड़ा 2. गाढ़ा 3. खद्दर 4. बोझ ढोने वाला मज़दूर 5. कुली।

मोट्टायित (सं.) [सं-पु.] (नाट्यशास्त्र) नायिका की वह अदा (हाव) जिसमें प्रिय चर्चा होने पर नायिका के द्वारा प्रिय के प्रति अनुराग को छिपाने का प्रयत्न करने पर भी प्रकट हो जाना।

मोठ (सं.) [सं-स्त्री.] मूँग की तरह का एक प्रसिद्ध मोटा अन्न; मुगानी; बनमूँग।

मोड़ [सं-पु.] 1. रास्ते आदि का घुमावदार स्थान 2. परिवर्तन; कार्यदिशा में परिवर्तन 3. किसी कार्य या बात की दिशा या प्रवृत्ति में परिवर्तन।

मोड़-तोड़ [सं-पु.] 1. मोड़ने-तोड़ने, मरोड़ने आदि की क्रिया या भाव 2. किसी समाचार में किसी विशेष पक्ष अथवा दल के हितों का समावेश करना 3. किसी समाचार में मानवीय संवेदनशीलता के तत्व को जोड़ उसे अधिक रोचक और आकर्षक बनाना।

मोड़ना (सं.) [क्रि-स.] 1. आकार बदलना 2. दिशा बदलना 3. झुकाना 4. टेढ़ा करना।

मोढ़ा [सं-पु.] बाँस या बेंत का बना आसन; मूढ़ा।

मोण (सं.) [सं-पु.] 1. सूखा फल 2. मगरमच्छ 3. मक्खी 4. टोकरा; झाबा।

मोतिया [सं-पु.] 1. सफ़ेद तथा सुगंधित फूलों वाला एक पौधा 2. उक्त पौधे का फूल 3. एक तरह का सलमा। [सं-स्त्री.] सफ़ेद रंग की एक चिड़िया [वि.] 1. मोती संबंधी; मोती के जैसा; छोटे गोल दानोंवाला 2. मोती के रंग का।

मोतियाबिंद [सं-पु.] आँख का एक रोग जिसमें पुतली के आगे गोल झिल्ली पड़ जाती है और जिसके कारण देखने की शक्ति कम होती जाती है; तिमरि; (कैटरैक्ट)।

मोतिया भात [सं-पु.] विशेष प्रकार से बनाया गया एक प्रकार का मीठा भात।

मोती [सं-पु.] 1. बहुमूल्य रत्न जो छिछले समुद्रों में सीपी में से निकलता है; मुक्ता 2. कसेरों का एक तरह का उपकरण। [मु.] मोतियों से मुँह भरना : बहुत धन देना।

मोतीचूर [सं-पु.] 1. बेसन की बनी छोटी बुंदियों का लड्डू 2. कुश्ती का एक दाँव 3. एक प्रकार का धान।

मोतीझिरा [सं-पु.] 1. छोटी शीतला माता का रोग जिसमें छाती और पेट पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं 2. मियादी बुख़ार; (टायफ़ॉइड)।

मोतीसिरी [सं-स्त्री.] 1. मोतियों की माला 2. कंठी माला।

मोथा [सं-पु.] 1. नगरमोथा 2. जलीय भूमि में होने वाला एक क्षुप 3. उक्त की जड़ जो औषध के काम आती है।

मोद (सं.) [सं-पु.] 1. हँसी-मज़ाक 2. हर्ष; आनंद; प्रसन्नता 3. महक; सुगंध।

मोदक (सं.) [सं-पु.] 1. मिठाई; लड्डू 2. मोहिनी नामक छंद 3. औषधियुक्त लड्डू। [वि.] मोदजनक।

मोदी (सं.) [सं-पु.] 1. बनिया 2. घर में प्रतिदिन उपयोग की वस्तु बेचने वाला।

मोदीख़ाना [सं-पु.] वह दुकान या स्थान जहाँ दाल, चावल, आटा आदि वस्तुओं का भंडार हो।

मोधू (सं.) [वि.] मूर्ख; बेवकूफ़।

मोनोक्रोम (इं.) [वि.] एक ही रंग का।

मोपेड (इं.) [सं-स्त्री.] 1. हलकी और छोटी मोटर-साइकिल 2. पेट्रोल से चलने वाला हलका दुपहिया वाहन।

मोबाइल (इं.) [सं-पु.] बातचीत या संदेश भेजने हेतु प्रयुक्त एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चलभाष; सचल दूरभाष यंत्र। [वि.] 1. गतिशील; भ्रमणकारी 2. अस्थिर 3. चंचल 4. विचल 5. चलनशील; चल; चलता-फिरता 6. परिवर्तनशील 7. हिलने-डुलने वाला।

मोम (फ़ा.) [सं-पु.] शहद की मक्खियों के छत्ते से प्राप्त एक नरम पदार्थ; मधुमक्खी के छत्ते का एक तत्व जिससे दीपक, बत्तियाँ आदि बनती हैं।

मोमजामा (फ़ा.) [सं-पु.] मोम का रोगन चढ़ाया हुआ एक प्रकार का कपड़ा जिसपर पानी का असर नहीं होता।

मोमबत्ती (फ़ा.) [सं-स्त्री.] मोम आदि से निर्मित बत्ती जो रोशनी के लिए जलाई जाती है; मोटे धागे पर मोम चढ़ाकर बनाई हुई बत्ती जिसे रोशनी के लिए जलाते हैं।

मोमिन (अ.) [सं-पु.] 1. धर्मनिष्ठ मुसलमान 2. मुसलमान जुलाहा 3. इस्लाम और ख़ुदा पर ईमान लाने वाला 4. शिया। [वि.] ईमानदार; सच्चा।

मोमियाई (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. नकली शिलाजीत 2. मोम की तरह चिकनी काले रंग की दवा।

मोमी (फ़ा.) [वि.] 1. मोम संबंधी; मोम का 2. मोम का बना हुआ 3. मोम के जैसा मुलायम।

मोयन [सं-पु.] गूँथे हुए आटे में डाला जाने वाला घी या तेल जिसके कारण उससे बनने वाली वस्तु खस्ता और मुलायम होती है।

मोर (सं.) [सं-पु.] 1. एक अत्यंत सुंदर और बड़ा पक्षी जिसकी लंबी गरदन और छाती का रंग बहुत ही गहरा और चमकीला नीला तथा पूँछ लंबी होती है; मयूर; नीलकंठ 2. भारत देश का राष्ट्रीय पक्षी।

मोर-चंद्र [सं-पु.] मोर-चंद्रिका।

मोर-चंद्रिका [सं-स्त्री.] वह चंद्राकार आकृति जो मोर के पंख पर बनी होती है।

मोरचा [सं-पु.] 1. जंग 2. अभियान 3. जुलूस; जनप्रदर्शन। [मु.] -खोलना : आंदोलन या विरोध शुरु करना। -लेना : सामना करना। -मारना : विजयी होना।

मोरचाबंदी [सं-स्त्री.] मोरचा बनाना; किले के चारों ओर गड्ढा बनाकर रक्षा हेतु सेना खड़ा करना; शत्रु सेना के आक्रमण से बचते हुए लड़ने का प्रबंध करना।

मोरछल [सं-पु.] मोर के पंख से बनाया गया चँवर।

मोरनी [सं-स्त्री.] 1. मादा मोर 2. नथ में लगने वाला मोर के आकार का टिकड़ा या लटकन 3. मोरनी की तरह ठुमक-ठुमक कर चलने वाली सुंदरी।

मोरपंखी [सं-पु.] मोर के पंख की तरह का गहरा, चमकीला नीला रंग। [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार की नाव जिसके आगे मोर की तरह आकृति बनी होती है 2. मोर पंख जैसी आकृति का छोटा पंखा 3. मालखंभ की एक प्रकार की कसरत। [वि.] मोर के पंख के रंग का।

मोरम [सं-पु.] लाल रंग की पहाड़ी कंकड़ियाँ जो सड़कों पर बिछाई जाती हैं और जिससे सीमेंट भी बनता है।

मोरमुकुट [सं-पु.] मोर के पंखों से बनाया गया मुकुट।

मोरी [सं-स्त्री.] जल-निकास का स्थान; नाली।

मोर्टार (इं.) [सं-पु.] एक प्रकार की (आधुनिक) तोप।

मोल [सं-पु.] कीमत; मूल्य; दाम। [मु.] -लेना : ख़रीदना।

मोल-चाल [सं-पु.] किसी वस्तु का भाव तय करना; मोल-जोल करना।

मोल-तोल [सं-पु.] सौदा तय करना; दाम तय करना।

मोल-भाव (सं.) [सं-पु.] सौदा तय करना; सौदा पटाने की बातचीत; किसी वस्तु का दाम ठहराना।

मोलाई [सं-स्त्री.] 1. मूल्य पूछने की क्रिया या भाव 2. मोल-चाल करना 3. मूल्य ठहराने की क्रिया या भाव।

मोह (सं.) [सं-पु.] 1. प्रेम; प्यार 2. स्नेह; ममता 3. मायाजाल 4. मूर्छा; बेहोशी 5. अज्ञान; अविद्या; देह आदि में आत्मबुद्धि 6. भ्रांति 7. तैंतीस संचारी भावों में से एक।

मोहक (सं.) [वि.] मन को भाने वाला; लुभावनी; मनोहर; मोहजनक।

मोहतमिल (अ.) [वि.] सहनशील; बरदाश्त करने वाला।

मोहताज़ (अ.) [वि.] दे. मुहताज़।

मोहतिमिम (अ.) [सं-पु.] 1. व्यवस्थापक 2. प्रबंध करने वाला; प्रबंधक 3. एक पदवी।

मोहन (सं.) [सं-पु.] 1. मोहना; लुभाना 2. (तंत्र-मंत्र) एक अभिचार 4. धतुरे का पौधा 5. कृष्ण का एक नाम 6. कामदेव के पाँच बाणों में से एक 7. बेसुध कर देने वाला मंत्र। [वि.] 1. मोहित करने वाला 2. मोहने वाला; मोह लेने वाला।

मोहनमाला (सं.) [सं-स्त्री.] सोने (धातु) के दानों या गुरिया से निर्मित (पिरोई हुई) माला।

मोहना (सं.) [क्रि-अ.] 1. मोहित या मुग्ध होना 2. बेहोश होना 3. भ्रम में पड़ना। [क्रि-स.] भ्रमित करना 2. भ्रम में डालना; लुभाना। [सं-स्त्री.] 1. चमेली 2. तृण।

मोहनिद्रा (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मोह के कारण वास्तविक स्थिति की उपेक्षा करने वाली अवस्था 2. मोह के कारण होने वाला अज्ञान।

मोहनिरसन (सं.) [सं-पु.] 1. मोह से मुक्ति 2. मोह का परिहार।

मोहनिशा [सं-स्त्री.] 1. (पुराण) कृष्ण जन्माष्टमी की रात; भाद्र कृष्णपक्ष के अष्टमी की रात 2. (पुराण) ब्रह्मा के पचास वर्ष बीतने पर होने वाली प्रलय की रात।

मोहनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मोहित करने की शक्ति; माया या जादू 2. वशीकरण 3. सुंदर स्त्री 4. मोहक प्रभाव 5. पोई का साग 6. एक तरह की जूही। [वि.] मोहित करने वाली; मन को लुभाने वाली। [मु.] -डालना : मोह-माया के वश में करना।

मोहनीय (सं.) [वि.] 1. मोहने योग्य; मोहित किए जाने योग्य 2. वह जिसे मोहित किया जा सके।

मोह-भंग (सं.) [सं-पु.] अज्ञान का नाश होना; भ्रांति का निवारण; लगाव या प्रीति ख़त्म होना।

मोहमंत्र (सं.) [सं-पु.] मोह में डालने वाला मंत्र; मोहन मंत्र।

मोहमिल (अ.) [वि.] 1. जिसका कोई अर्थ न हो; निरर्थक 2. छोड़ा हुआ।

मोहर (फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मुहर; मुद्रा; ठप्पा 2. किसी चीज़ पर खुदा हुआ नाम (सील) 3. कागज़ पर अंकित उक्त वस्तु की छाप 4. स्वर्ण मुद्रा; अशरफ़ी।

मोहरबंद (फ़ा.) [वि.] जिसे मोहर या चिह्न लगाकर बंद किया गया हो; सीलबंद।

मोहरा1 [सं-पु.] 1. सेना की प्रथम पंक्ति 2. बरतन का मुंह 3. सेना का बढ़ाव 4. अँगिया का बंद 5. जानवर के मुँह पर बाँधी जाने वाली जाली।

मोहरा2 (फ़ा.) [सं-पु.] शतरंज की गोटी। [मु.] -बनना : किसी की इच्छा या आदेश के अनुसार चलना।

मोहरात्रि (सं.) [सं-स्त्री.] दे. मोहनिशा।

मोहरी [सं-स्त्री.] 1. पाजामे का नीचे की तरफ़ का मुँह तथा उसकी माप (चौड़ाई) 2. बरतन आदि का छोटा मुँह।

मोहलत (अ.) [सं-स्त्री.] छुट्टी; फ़ुरसत; किसी कार्य हेतु नियत की गई अवधि या कार्य विशेष के लिए मिलने वाला समय; अवकाश।

मोहलिक (अ.) [वि.] 1. मार डालने वाला; हलाक करने वाला 2. घातक रोग।

मोहल्ला (अ.) [सं-पु.] दे. मुहल्ला।

मोहवश (सं.) [क्रि.वि.] मोह में फँसकर; मुग्ध होकर; मोह के कारण।

मोहसिन (अ.) [वि.] उपकार करने वाला; अहसान करने वाला।

मोहांध (सं.) [वि.] मोहक प्रभाव के कारण जिसका विवेक नष्ट हो गया हो।

मोहित (सं.) [वि.] 1. मन को प्राप्त; मुग्ध 2. मोह 3. आसक्त; लुभाया हुआ।

मोहिनी (सं.) [सं-स्त्री.] 1. ख़ूबसूरत स्त्री 2. एक अप्सरा 3. वैशाख शुक्ल एकादशी 4. (पुराण) विष्णु का नारी रूप जो दैत्यों को छलने के लिए धारण किया था 5. मोहकारक प्रभाव 6. जादू 7. त्रिपूर नामक पौधा और उसका फूल। [वि.] मोहने वाली; मन को लुभाने वाली।

मोहिल [वि.] मोह से युक्त; मोहित करने वाला।

मोही (सं.) [वि.] 1. स्नेह करने वाला 2. मोह करने वाला 3. मोह युक्त 4. मोहकारक 5. लोभी; लालची 6. अज्ञानी; भ्रम में पड़ा हुआ।

मौंजी (सं.) [सं-स्त्री.] मूँज की बनी तीन लड़ों की मेखला।

मौका (अ.) [सं-पु.] 1. अवसर; समय 2. ठीक समय 3. जगह; स्थान; देश 4. घटनास्थल; वारदात की जगह।

मौकापरस्ती [सं-स्त्री.] 1. अवसरवादिता 2. घात लगाना 3. अनुकूल अवसर की राह देखना।

मौका-बेमौका [क्रि.वि.] 1. समय-कुसमय 2. अवसर-अनवसर का विचार किए बिना।

मौकूफ़ (अ.) [वि.] 1. बंद किया हुआ; रोका हुआ 2. बरख़ास्त; नौकरी से अलग किया हुआ; निलंबित 3. रद्द किया हुआ।

मौक्तिक (सं.) [सं-पु.] मोती; मुक्ता। [वि.] 1. मुक्ति के लिए प्रयास करने वाला 2. मुक्ता संबंधी; मुक्ता का।

मौखर्य (सं.) [सं-पु.] मुखरता; वाचालता।

मौखिक (सं.) [वि.] वह सब कही हुई बात जो लिखी न जाए; ज़बानी; वार्तालाप से संबंधित।

मौज (अ.) [सं-स्त्री.] 1. तरंग; लहर; हिलोर 2. मन की तरंग; उमंग 3. सुख; आनंद 4. समृद्धि। [मु.] -में आना : उमंग या मस्ती में आना।

मौजमस्ती (अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] प्रसन्नता; आनंद।

मौज-माज (अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. राजी-ख़ुशी 2. आनंद-मंगल।

मौजा (अ.) [सं-पु.] 1. जगह; स्थान 2. खेत 3. गाँव 4. रखने का स्थान।

मौजी (अ.) [वि.] 1. मौज करने वाला 2. जो मन में आए वही कर गुज़रने वाला 3. आनंद या सुख भोगने वाला।

मौजूँ (अ.) [वि.] 1. ठीक; सटीक; उपयुक्त; यथायोग्य 2. तौला हुआ; वज़न किया हुआ 3. वह छंद या पद जो काव्यशास्त्रीय सिद्धांतों के अनुरूप हो। [सं-पु.] वर्णन या विचार आदि का विषय। [अव्य.] ठीक-ठीक।

मौजूद (अ.) [वि.] 1. उपस्थित; हाजिर; सामने खड़ा 2. स्थित; विद्यमान 3. उपलब्ध 4. तैयार; प्रस्तुत 5. उत्पन्न; सृष्ट।

मौजूदगी (अ.) [सं-स्त्री.] 1. उपस्थिति 2. हाज़िरी।

मौजूदा (अ.) [वि.] 1. वर्तमान समय का 2. आधुनिक समय का 3. उपस्थित; जो सामने मौजूद है।

मौत (अ.) [सं-स्त्री.] 1. देहांत; मृत्यु 2. {ला-अ.} घोर संकट। [मु.] -के मुँह से निकल आना : किसी बड़े ख़तरे से निकल आना। -सर पर खेलना : किसी भारी संकट से घिरा होना। -से खेलना : भारी संकट का सामना करना; किसी ख़तरनाक परिस्थिति का मुकाबला करना।

मौन (सं.) [सं-पु.] 1. चुप; शांत रहना; खा़मोश; न बोलना 2. (मुनियों का) एक प्रकार का व्रत या चर्या। [मु.] -स्वीकृति : वह सम्मति जो किसी विषय के संबंध में चुप रहने की मानी जाती है। -सम्मति : चुप रहकर सहमति व्यक्त करने की अवस्था या भाव।

मौन-युद्ध (सं.) [सं-पु.] एक साथ रहने वाले लोगों का आपस में न बोलकर काम करने की अवस्था या भाव।

मौना (सं.) [सं-पु.] 1. तरल पदार्थ रखने का बरतन 2. टोकरा; पिटारा।

मौनालाप (सं.) [सं-पु.] वह अवस्था या वार्ता जो मौन रहने के दौरान हो।

मौनी (सं.) [वि.] 1. मौन धारण करने वाला या चुप रहने वाला; न बोलने वाला 2. जो मौन धारण किया हुआ हो।

मौर (सं.) [सं-पु.] 1. विवाह के समय वर को पहनाया जाने वाला शिरोभूषण या मुकुट 2. मंजरी; बौर आने से पहले का फूल 3. सिर; सिर के नीचे स्थित गरदन के पिछला भाग। [वि.] शिरोमणि; श्रेष्ठ।

मौरूसी (अ.+फ़ा.) [वि.] 1. पैतृक धन 2. बाप-दादा के ज़माने से चला आया धन; पैतृक संपत्ति।

मौर्य (सं.) [सं-पु.] 1. मगध का प्राचीन भारतीय राजवंश जिसका संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य था 2. एक सरनेम।

मौल (सं.) [सं-पु.] बड़ा ज़मींदार। [वि.] 1. मूलगत 2. मूलागत 3. पुश्तैनी; आदि काल से होने वाला; परंपरागत।

मौलवियाना (अ.) [वि.] मौलवियों जैसा।

मौलवी (अ.) [सं-पु.] 1. इस्लाम धर्म से संबंधित सारे धार्मिक अनुष्ठान कराने वाला व्यक्ति 2. इस्लाम धर्मशास्त्र का आचार्य 3. अरबी, फ़ारसी आदि का विद्वान।

मौलसिरी [सं-स्त्री.] एक बहुत बड़ा सदाबहार पेड़ जिसमें सुगंधित फूल लगते हैं; बकुल।

मौला (अ.) [सं-पु.] 1. ईश्वर; देवता; भगवान 2. स्वामी 3. मित्र; दोस्त; सहायक; सखा।

मौलाना (अ.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़ा विद्वान 2. बड़ा मौलवी।

मौलिक (सं.) [वि.] 1. मूल तत्व या सिद्धांत से संबंध रखने वाला; मूलभूत 2. असली; वास्तविक 3. जो किसी की नकल या आधार पर न हो बल्कि अपनी उद्भावना से निकला हो।

मौलिकता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. सच्चाई 2. मौलिक होने का भाव; मौलिक गुण।

मौली (सं.) [सं-स्त्री.] रँगा हुआ सूत जो पूजा आदि में प्रयोग होता है। [वि.] मौलि धारण करने वाला; जिसके सिर पर मुकुट हो; मुकुटधारी।

मौसम (अ.) [सं-पु.] काल; समय; ऋतु।

मौसम-विज्ञान (अ.+सं.) [सं-पु.] वह विज्ञान जिसके अंतर्गत ताप, हवा का दाब, जल वाष्प या आर्द्रता आदि इन चारों के मान व इनके परिवर्तन की दर (समय और दूरी के सापेक्ष) और मौसम की प्रक्रिया एवं उसके पूर्वानुमान का अध्ययन किया जाता है; वायुमण्डल के अध्ययन का विज्ञान।

मौसम विज्ञानी (अ.+सं.) [वि.] मौसम-विज्ञान का अनुसंधाता, मौसम वैज्ञानिक।

मौसम वैज्ञानिक (अ.+सं.) [सं-पु.] मौसम से संबंधित तथ्यों को जानने वाला तथा मौसम का पूर्वानुमान करने वाला व्यक्ति।

मौसमी (अ.) [वि.] 1. मौसम संबंधी 2. उपयुक्त समय 3. किसी मौसम या ऋतु में होने वाला 4. ऋतु; काल 5. प्रस्तुत मौसम में होने वाला।

मौसम्मी [सं-स्त्री.] एक प्रकार का नीबू जैसा फल।

मौसा [सं-पु.] माँ की बहन का पति; मौसी का पति।

मौसाल [सं-स्त्री.] मौसा-मौसी का घर।

मौसिम [सं-पु.] 1. अनुकूल समय 2. मौसम 3. ऋतु 4. काल।

मौसी [सं-स्त्री.] माँ की बहन; मासी।

मौसेरा [वि.] 1. मौसी के संबंध का; मौसी के नातेवाला 2. मौसी से संबंध या उनसे उत्पन्न।

म्याऊँ-म्याऊँ [सं-स्त्री.] बिल्ली की बोली; बिल्ली।

म्यान (फ़ा.) [सं-पु.] तलवार रखने का उपकरण; गिलाफ़; खड्गकोष।

म्यूज़ियम (इं.) [सं-पु.] संग्रहालय; अजायबघर।

म्यूनिसिपल (इं.) [वि.] 1. नगरपालिका का 2. नगरपालिका से संबंध रखने वाला।

म्यूनिसिपलिटी (इं.) [सं-स्त्री.] 1. नगरपालिका; नगरसभा 2. स्थानीय स्वायत्तशासन का अधिकार प्राप्त नगर या कसबा।

म्रियमाण (सं.) [वि.] मृत प्राय; मरा हुआ-सा; मृत होने का भाव।

म्लान (सं.) [वि.] 1. मलिन; मैला 2. दुर्बल 3. कुम्हलाया हुआ; मुरझाया हुआ।

म्लानता (सं.) [सं-स्त्री.] 1. मुरझाने या कुम्हलाने की अवस्था या भाव 2. कमज़ोरी; दुर्बलता 3. मलिनता।

म्लेच्छ (सं.) [सं-पु.] 1. हिंदुओं की दृष्टि से वे जातियाँ जिनमें वर्णाश्रम धर्म न हो 2. हिंगुल; शिंगरफ 3. आर्य-सदाचार का पालन न करने वाला 4. वह जो संस्कृत न बोलने वाला हो; अनार्य 5. विदेशी। [वि.] नीच; पापी।


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