य
हिंदी वर्णमाला का एक वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह तालव्य, सघोष अर्धस्वर है।
यंग
(इं.) [वि.] युवा; जवान।
यंत्र
(सं.) [सं-पु.] 1. मशीन; कल 2. औज़ार 3. जंतर 4. बंदूक 5. बाजा; वाद्य 6. वीणा।
यंत्रकार
(सं.) [सं-पु.] 1. मिस्त्री 2. कारीगर 3. वह जो यंत्र विद्या में दक्ष हो; (मैकेनिक)।
यंत्रचालित
(सं.) [वि.] 1. यंत्र संचालित 2. स्वचालित; (ऑटोमैटिक)।
यंत्रणा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. यातना; तकलीफ़ 2. मानसिक अथवा शारीरिक कष्ट; दर्द; वेदना; पीड़ा।
यंत्रमंत्र
(सं.) [सं-पु.] 1. ऐसी क्रिया जिसमें तंत्रशास्त्र से संबंधित मंत्रों का प्रयोग होता है 2. जादू-टोना; टोटका 3. जंतर-मंतर।
यंत्रमानव
(सं.) [सं-पु.] मनुष्य की तरह काम करने वाली स्वचालित मशीन; मानव आकृति यंत्र; (रोबॉट)।
यंत्रयुग
(सं.) [सं-पु.] 1. आधुनिक (वर्तमान) काल जिसमें अधिकांश कार्य यात्रिक उपकरणों द्वारा संपादित होते हैं 2. यंत्रों का समय।
यंत्रवत
(सं.) [क्रि.वि.] यंत्र की तरह।
यंत्रविज्ञान
(सं.) [सं-पु.] वह शास्त्र जिसमें यंत्र आदि बनाने तथा उन्हें चलाने का अध्ययन किया जाता है; यांत्रिकी; यंत्रशास्त्र।
यंत्रविद्या
(सं.) [सं-स्त्री.] यंत्रों का निर्माण करने और चलाने की कला।
यंत्रशाला
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. यंत्रगृह 2. जहाँ यंत्रों की सहायता से उत्पादन होता है 3. वेधशाला।
यंत्रसज्जित
(सं.) [वि.] यंत्रों से सजाया हुआ।
यंत्राधारित
(सं.) [वि.] 1. यंत्र से नियंत्रित 2. यंत्रों पर आधारित।
यंत्रालय
(सं.) [सं-पु.] 1. वह स्थान जहाँ ढेर सारे यंत्र हों; यंत्रशाला 2. छापाखाना; प्रेस।
यंत्रिका
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. छोटा ताला 2. छोटा यंत्र 3. छोटी साली; पत्नी की छोटी बहन।
यंत्रित
(सं.) [वि.] 1. नियमों से बाँधा हुआ 2. ताला लगा हुआ; ताले में बंद 3. यंत्रों द्वारा संचालित।
यंत्री
(सं.) [सं-पु.] 1. तांत्रिक 2. यंत्र या मशीन चलाने वाला 3. बाजा बजाने वाला 4. नियंत्रण करने वाला।
यंत्रीकरण
(सं.) [सं-पु.] 1. यंत्र लगाना; यंत्रों से सज्जित करना 2. यंत्रों से काम करना।
यक
(फ़ा.) [वि.] अकेला; एक।
यककलम
(फ़ा.) [अव्य.] 1. एकबारगी 2. एक सिरे से सब पूरा 3. एक ही बार कलम चला कर।
यकज़बाँ
(फ़ा.) [वि.] 1. सच्चा 2. बात का पक्का; एक बात कहने वाला 3. एक भाषाभाषी।
यकजा
(फ़ा.) [वि.] 1. एक ही स्थान पर एकत्र; इकट्ठा; सम्मिलित 2. मिलाजुला।
यकता
(फ़ा.) [वि.] 1. जिसके जोड़ का दूसरा न हो; बेजोड़ 2. जिसके मुकाबले का और कोई न हो; अद्वितीय; अनुपम।
यकबारगी
(फ़ा.) [वि.] अचानक; सहसा; अकस्मात; एकबारगी।
यकमुश्त
(फ़ा.) [वि.] 1. एक ही बार में 2. इकट्ठे 3. एक साथ।
यकरंग
(फ़ा.) [वि.] एक रंग का; एक ही प्रकार का; अंदर-बाहर एक समान।
यकसर
(फ़ा.) [वि.] 1. एक-सर 2. इकट्ठा 3. कुल 4. अकेला 5. बिल्कुल 6. नितांत; निपट।
यकसू
(फ़ा.) [वि.] 1. जो एक तरफ़ हो; एक ओर 2. एकाग्र।
यकायक
(फ़ा.) [क्रि.वि.] एकाएक; अचानक; सहसा।
यकीन
(अ.) [सं-पु.] 1. विश्वास; एतबार; भरोसा 2. धारणा; प्रतीति; सोच।
यकीनन
(अ.) [अव्य.] 1. निःसंदेह; अवश्य 2. निश्चित रूप से; विश्वासपूर्वक।
यकीनी
(अ.) [वि.] 1. असंदिग्ध 2. बिल्कुल निश्चित 3. अवश्यंभावी।
यकृत
(सं.) [सं-पु.] 1. पेट के दाहिनी ओर की वह थैली जिसमें पाचन रस रहता है जिसकी क्रिया से भोजन पचता है; जिगर; तिल्ली; (लिवर) 2. पक्वाशय 3. तापतिल्ली नामक रोग;
वर्म जिगर।
यक्ष
(सं.) [सं-पु.] एक देवयोनि।
यक्षराज
(सं.) [सं-पु.] यक्षों के राजा; कुबेर; धनाधिप।
यक्षिणी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. यक्ष की पत्नी 2. दुर्गा की एक अनुचरी 3. कुबेर की पत्नी।
यक्ष्मा
(सं.) [सं-पु.] क्षय नामक रोग; तपेदिक; (ट्यूबरक्यूलोसिस)।
यख़नी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. उबाले हुए मांस या सब्ज़ी का रसा 2. शोरबा 3. ज़रूरत के लिए जमा किया हुआ अन्न।
यगण
(सं.) [सं-पु.] छंदशास्त्र द्वारा प्रतिपादित आठ गणों में से एक।
यजन
(सं.) [सं-पु.] 1. वेद-विधि अनुसार अनुष्ठान करना; यज्ञ करना 2. यज्ञभूमि 3. यज्ञस्थल।
यजमान
(सं.) [सं-पु.] 1. यज्ञ करने वाला 2. परिवार या जाति का मुखिया 3. ब्राह्मण को भरण-पोषण के लिए अन्न आदि देने वाला।
यज़ीद
(अ.) [सं-पु.] माविया का लड़का; उम्मिया ख़ानदान का दूसरा ख़लीफ़ा जिसने करबला का वह युद्ध कराया जिसमें हज़रत इमाम हुसैन शहीद हुए।
यजुर्वेद
(सं.) [सं-पु.] 1. चार वेदों में से एक 2. वह वेद जिसमें यजुओं (गद्य मंत्रों) का संग्रह है।
यज्ञ
(सं.) [सं-पु.] 1. हवन-पूजन युक्त एक वैदिक कृत्य; धार्मिक कृत्य 2. लोकहित के विचार से की हुई पूजा; शुभ अनुष्ठान या काम।
यज्ञकुंड
(सं.) [सं-पु.] हवनकुंड; हवन करने की वेदी या कुंड।
यज्ञक्रिया
(सं.) [सं-स्त्री.] कर्मकांड; यज्ञ का काम या कृत्य।
यज्ञपशु
(सं.) [सं-पु.] वह पशु जिसे यज्ञ में बलि चढ़ाया जाता है।
यज्ञपात्र
(सं.) [सं-पु.] हवन के लिए उपयोग में लाया जाने वाला काठ आदि का बरतन।
यज्ञभूमि
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. यज्ञ के लिए निर्दिष्ट स्थान 2. यज्ञ क्षेत्र।
यज्ञमंडप
(सं.) [सं-पु.] यज्ञ के लिए बनाया गया मंडप।
यज्ञशाला
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. यज्ञभूमि 2. यज्ञ करने का स्थान।
यज्ञसूत्र
(सं.) [सं-पु.] 1. जनेऊ 2. यज्ञोपवीत।
यज्ञीय
(सं.) [सं-पु.] गूलर का पेड़। [वि.] 1. यज्ञ का; यज्ञ संबंधी 2. यज्ञ में होने वाला।
यज्ञेश
(सं.) [सं-पु.] 1. यज्ञ के देवता 2. विष्णु; बृहस्पति।
यज्ञोपवीत
(सं.) [सं-पु.] यज्ञ द्वारा संस्कार किया हुआ; जनेऊ; उपनयन; यज्ञ सूत्र।
यत
(सं.) [वि.] 1. नियंत्रित; संयत; मर्यादित 2. जिसका दमन हुआ हो 3. नियमित 4. रोका हुआ।
यति
(सं.) [सं-पु.] 1. सांसारिक प्रपंचों से दूर रहने वाला 2. संन्यासी; त्यागी 3. ब्रह्मचारी 4. विष्णु 5. ब्रह्मा का पुत्र 6. नहुष का एक पुत्र 7. विश्वामित्र का
एक पुत्र 8. श्वेतांबर जैन साधु की एक श्रेणी।
यतित्व
(सं.) [सं-पु.] यति होने का भाव।
यतिभंग
(सं.) [सं-पु.] छंद में यति (अल्प विराम) निश्चित स्थान पर न होने का दोष।
यतिभ्रष्ट
(सं.) [वि.] (काव्यशास्त्र) यति भंग दोष से युक्त छंद, जिसमें यति अपने उपयुक्त स्थान से कुछ आगे या पीछे पड़ी हो।
यतीधर्म
[सं-पु.] संन्यास।
यतीम
(अ.) [सं-पु.] 1. जिसकी देखरेख करने वाला कोई न हो 2. जिसके माता पिता न हों; अनाथ।
यतीमख़ाना
(फ़ा.) [सं-पु.] अनाथालय; यतीमों के रहने का स्थान।
यत्किंचित
(सं.) [अव्य.] कुछ; थोड़ा सा; ज़रा सा।
यत्न
(सं.) [सं-पु.] 1. प्रयास; चेष्टा; कोशिश 2. उपाय; उद्योग; युक्ति; तदबीर।
यत्नज
(सं.) [वि.] यत्न से होने वाला।
यत्नशील
(सं.) [वि.] 1. सचेष्ट 2. अध्यवसायी 3. आग्रही।
यत्र
(सं.) [क्रि.वि.] 1. जब 2. जहाँ 3. इस कारण से।
यत्र-तत्र
[अव्य.] 1. जगह-जगह; जहाँ-तहाँ; इधर-उधर 2. अनेक स्थानों पर 3. कुछ यहाँ, कुछ वहाँ।
यत्रतत्रिक
(सं.) [वि.] 1. जहाँ-तहाँ होने वाला 2. इधर-उधर होने वाला।
यथा
(सं.) [अव्य.] 1. जिस प्रकार; उस तरह; जैसे 2. उदाहरण के रूप में 3. निम्न क्रम से; नीचे लिखे अनुसार 4. जिसका उल्लेख हुआ हो; उसके अनुसार।
यथांश
(सं.) [सं-पु.] निश्चित किया हुआ अंश। [वि.] जिसका जितना अंश हो; (कोटा)।
यथाक्रम
(सं.) [वि.] क्रमानुसार; क्रम से।
यथातथ्य
(सं.) [वि.] 1. जैसा हो; ज्यों-का-त्यों; वैसा ही 2. ठीक उसी के अनुसार।
यथातथ्यता
(सं.) [सं-स्त्री.] ज्यों का त्यों होने की अवस्था या भाव।
यथानियम
(सं.) [वि.] नियम के अनुसार।
यथानुक्रम
(सं.) [क्रि.वि.] 1. यथाक्रम 2. क्रमानुसार।
यथानुपात
(सं.) [वि.] नियत अनुपात में; अनुपात के अनुसार।
यथापूर्व
(सं.) [वि.] 1. ज्यों-का-त्यों; पहले का-सा 2. जैसा पहले था, वैसा ही। [अव्य.] पहले की तरह।
यथायोग्य
(सं.) [वि.] 1. योग्यतानुसार; यथोचित 2. उपयुक्त; जैसा चाहिए वैसा।
यथार्थ
(सं.) [वि.] 1. उचित 2. सत्य 3. जैसा होना चाहिए, ठीक वैसा।
यथार्थतः
(सं.) [अव्य.] 1. यथानुरूप 2. वस्तुतः।
यथार्थवाद
(सं.) [सं-पु.] 1. जो वस्तु, विचार या सिद्धांत जिस रूप में हो उसे उसी रूप में स्वीकार करना 2. वह दार्शनिक सिद्धांत या मत जिसमें यह माना जाता है कि भौतिक जगत
की स्वतंत्र सत्ता या अस्तित्व है और समस्त ज्ञान भौतिक तत्वों से होता है 3. 'आदर्शवाद' का विलोम।
यथार्थवादी
(सं.) [सं-पु.] 1. यथार्थवाद का अनुयायी व्यक्ति 2. यथार्थवाद में आस्था रखने वाला व्यक्ति। [वि.] 1. यथार्थवाद संबंधी 2. सत्य कहने वाला; सत्यवादी।
यथावत
(सं.) [वि.] 1. बिल्कुल पूर्व के ही जैसा 2. ठीक उसी तरह का 3. जैसा था वैसा ही; ज्यों का त्यों।
यथावश्यक
(सं.) [वि.] आवश्यकतानुसार; जितना आवश्यक हो उतना।
यथावसर
(सं.) [अव्य.] 1. अवसर के अनुसार; जब जैसा अवसर हो, उसी के अनुरूप 2. मौके से।
यथाविधि
(सं.) [अव्य.] 1. उचित ढंग से; ठीक उसी प्रकार 2. विधि के अनुसार।
यथाशक्ति
(सं.) [अव्य.] शक्ति भर; शक्ति के अनुसार।
यथाशीघ्र
(सं.) [क्रि.वि.] जितना शीघ्र संभव हो उतना शीघ्र।
यथासंख्य
(सं.) [सं-पु.] (काव्यशास्त्र) यथाक्रम नामक अलंकार का दूसरा नाम।
यथासाध्य
[क्रि.वि.] 1. शक्ति या सामर्थ्य के अनुसार 2. भरसक 3. जहाँ तक संभव हो।
यथास्थिति
(सं.) [सं-स्त्री.] पूर्व की स्थिति को बनाए रखने की अवस्था। [अव्य.] जैसी स्थिति हो उसी के अनुसार।
यथेच्छ
(सं.) [वि.] 1. मनमाना 2. इच्छानुसार 3. भरसक 4. जितना चाहिए उतना; जैसा चाहिए वैसा।
यथेच्छाचार
(सं.) [सं-पु.] 1. मनमाना 2. जो मन में आए वही कार्य करना।
यथेच्छित
(सं.) [वि.] 1. मनचाहा 2. इच्छा के अनुसार; यथेच्छ।
यथेष्ट
(सं.) [वि.] 1. जितना आवश्यक हो 2. मान या परिमाण में जितना चाहिए उतना 3. काम चलाने लायक।
यथोचित
(सं.) [वि.] 1. जितना उचित हो उतना; जैसा चाहिए वैसा 2. समुचित।
यदा
(सं.) [क्रि.वि.] 1. जब; जिस समय; जिस वक्त 2. जहाँ।
यदा-कदा
(सं.) [अव्य.] जब-जब; जब कभी।
यदि
(सं.) [अव्य.] अगर; जो; अमुक स्थिति हो तो।
यदु
(सं.) [सं-पु.] 1. राजा ययाति का पुत्र 2. एक राजवंश 3. एक प्राचीन राज्य।
यदुराज
(सं.) [सं-पु.] यदुकुल के राजा; कृष्ण।
यदुवंशी
(सं.) [वि.] जिसका जन्म यदुवंश में हुआ हो। [सं-पु.] कृष्ण।
यदृच्छया
(सं.) [क्रि.वि.] 1. अचानक 2. इत्तिफ़ाक से 3. मनमाने ढंग से 4. दैवयोग से।
यद्यपि
(सं.) [अव्य.] 1. अगर ऐसा है भी 2. यदि ऐसा है ही।
यम
(सं.) [सं-पु.] 1. मृत्यु के देवता; यमराज 2. जुड़वाँ बच्चे; यमज 3. संयम 4. शनि 5. कौआ 6. विष्णु।
यमक
(सं.) [सं-पु.] 1. (साहित्य) एक प्रकार का शब्दालंकार जिसमें एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आता है और हर बार अलग-अलग अर्थ में आता है 2. यमज 3. सेना का व्यूह
4. संयम। [वि.] 1. जुड़वाँ 2. दोहरा।
यमकातर
(सं.) [सं-पु.] 1. यम का छुरा 2. एक प्रकार की तलवार।
यमघंट
(सं.) [सं-पु.] 1. कार्तिक शुक्लपक्ष की प्रतिपदा 2. (ज्योतिष) एक दुष्ट योग जिसमें शुभ कार्य वर्जित है।
यमज
(सं.) [सं-पु.] 1. जुड़वाँ बच्चे 2. वह घोड़ा जिसका एक ओर का अंग हीन और दुर्बल हो 3. अश्विनीकुमार। [वि.] जुड़वाँ।
यमदूत
(सं.) [सं-पु.] 1. यमराज के सेवकगण या दूत 2. कौआ।
यमधार
(सं.) [सं-पु.] एक तरह की दुधारी तलवार या कटार।
यमन
(सं.) [वि.] नियंत्रण करने वाला। [सं-पु.] 1. नियंत्रण करना 2. रोकना; विराम देना 3. निरोध करना 4. बंधन 5. शासन 6. यमराज 7. (संगीत) रात के प्रथम पहर में गाया
जाने वाला एक राग।
यमपुर
(सं.) [सं-पु.] 1. यम का स्थान 2. यमलोक।
यमपुरी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. यम का निवास स्थान 2. यमलोक।
यम-यातना
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. मृत्यु के समय होने वाला कष्ट 2. मरने के समय यम दूतों द्वारा दी हुई पीड़ा।
यमराज
(सं.) [सं-पु.] मृत्यु के देवता; धर्मराज।
यमल
(सं.) [सं-पु.] दो की संख्या; जोड़ा; एक साथ दो संतानों का जन्म। [वि.] युग्म; जुड़वाँ; जो जोड़े में हो।
यमलोक
(सं.) [सं-पु.] 1. यम का स्थान; यमपुरी; यमनगरी 2. (मिथक) यमराज का लोक जहाँ मरने पर लोग जाते हैं 3. नरक।
यमी
(सं.) [वि.] 1. संयमी 2. यम, नियम आदि अष्टांग योग का पालन करने वाला। [सं-स्त्री.] यम की बहन; यमुना।
यमुना
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. उत्तर भारत की एक प्रसिद्ध नदी 2. यम की बहन; यमी 3. दुर्गा।
ययाति
(सं.) [सं-पु.] 1. सम्राट नहुष का पुत्र जिसका विवाह देवयानी से हुआ था 2. {ला-अ.} वह व्यक्ति जो शरीर से वृद्ध परंतु मन से जवान हो।
यव
(सं.) [सं-पु.] 1. जौ नामक अन्न 2. जौ का पौधा 3. एक माप जो एक इंच का तिहाई होता है।
यवन
(सं.) [सं-पु.] 1. तीव्र वेग 2. तीव्र गति से चलने वाला घोड़ा 2. मुसलमान 3. प्राचीन भारत में यूनान से आए समुदाय की संज्ञा; यूनानी।
यवनिका
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. परदा 2. कनात 3. रंगमंच का परदा।
यवनी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. यवन जाति की स्त्री 2. यूनान देश की स्त्री।
यवांकुर
(सं.) [सं-पु.] जौ का अंकुर।
यविरा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी अन्न से तैयार की हुई शराब 2. जौ से तैयार की हुई शराब।
यश
(सं.) [सं-पु.] 1. प्रशंसा; बड़ाई 2. कीर्ति; नाम; सुख्याति। [मु.] -गाना : प्रशंसा करना -मानना : कृतज्ञ होना; अहसान मानना।
यशपताका
(सं.) [सं-स्त्री.] {ला-अ.} प्रसिद्धि; कीर्ति; ख्याति।
यशब
(फ़ा.) [सं-पु.] हरे रंग का कठोर पत्थर जो हृदय संबंधी रोगों में लाभकारी होता है; संगे-यशब।
यशस्वान
(सं.) [वि.] यशस्वी; कीर्तिमान।
यशस्विनी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. गंगा 2. बन-कपास 3. महा-ज्योतिष्मती। [वि.] (नारी) जिसका यश चारों ओर फैला हो।
यशस्वी
(सं.) [वि.] 1. जिसका यश चारों ओर फैला हो; कीर्तिमान 2. सुख्यात; विख्यात 3. यश युक्त।
यशैषणा
(सं.) [सं-स्त्री.] यश प्राप्ति की कामना।
यशोगाथा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. गौरवकथा; कीर्तिमान 2. गुणगान; यश का बखान।
यशोदा
(सं.) [सं-स्त्री.] नंद की पत्नी जिसने कृष्ण का लालन-पालन किया था।
यशोधर
(सं.) [सं-पु.] 1. कृष्ण का एक पुत्र जो रुक्मिणी के गर्भ से उत्पन्न हुआ था 2. सावन महीने का पाँचवाँ दिन 3. जैनियों में उत्सर्पिणी के एक अर्हत का नाम। [वि.]
1. यशस्वी 2. कीर्तिमान।
यशोधरा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. गौतम बुद्ध की पत्नी 2. सावन मास की चौथी रात।
यशोमति
(सं.) [सं-स्त्री.] नंद की पत्नी जिन्होंने कृष्ण का लालन-पालन किया था।
यष्ट
(सं.) [सं-पु.] 1. यज्ञ या हवन करने वाला व्यक्ति 2. बृहत स्तर पर अनुष्ठान करने वाला व्यक्ति।
यष्टि
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. छड़ी; डंडा या लाठी 2. झंडे का डंडा 3. पेड़ की टहनी; डाल; शाखा 4. बाँह 5. लता 6. मुलेठी 7. ताँत।
यष्टी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. गले में पहनने का एक प्रकार का हार जिसमें मोती और मणि लगे हों 2. मुलेठी।
यह
(सं.) [सर्व.] निकट की वस्तु का निर्देश करने वाला एक सर्वनाम जिसका प्रयोग वक्ता और श्रोता को छोड़कर सभी मनुष्यों, जीवों तथा पदार्थों आदि के लिए होता है।
यहाँ
(सं.) [अव्य.] स्थानवाची अव्यय; इस स्थान पर; इस जगह।
यही
[अव्य.] निश्चित रूप से यह; यह ही।
यहूद
(इब.) [सं-पु.] 1. यहूदी लोग 2. एशिया महादेश के पश्चिमी भाग के जुद्दा नामक प्रदेश का पुराना नाम।
यहूदी
(अ.) [सं-पु.] 1. यहूद देश का निवासी 2. इस देश की शामी जाति। [सं-स्त्री.] यहूद देश की भाषा। [वि.] यहूद देश का; यहूद देश संबंधी।
या
(सं.) [अव्य.] विकल्प सूचक शब्द; अथवा; वा। [सर्व.] 1. इस 2. ब्रज भाषा में विभक्ति के साथ आने वाला 'यह' का रूप। [सं-स्त्री.] 1. योनि 2. गति; चाल 3. ध्यान 4.
लाभ; प्राप्ति 5. अवरोध; रुकावट 6. रथ 7. यान; गाड़ी।
यांत्रिक
(सं.) [सं-पु.] 1. यंत्रविद्या का ज्ञाता 2. मशीन की मरम्मत आदि करने वाला कारीगर। [वि.] 1. यंत्रवत चलने वाला 2. यंत्र के समान एकरस काम करने वाला।
यांत्रिकता
(सं.) [सं-स्त्री.] बँधा-बँधाया ढर्रा।
यांत्रिकी
(सं.) [सं-स्त्री.] वह शास्त्र जिसमें विभिन्न प्रकार के यंत्र बनाने, चलाने, सुधारने आदि के उपायों का विवेचन होता है; यंत्रविज्ञान।
याचक
(सं.) [सं-पु.] 1. माँगने वाला व्यक्ति; याचना करने वाला 2. भिक्षुक। [वि.] 1. प्रार्थी 2. माँगने वाला।
याचना
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रार्थना 2. माँगने की क्रिया। [क्रि-स.] 1. प्रार्थना करना 2. माँगना।
याचिका
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. आवेदन पत्र; अर्ज़ी; प्रार्थना पत्र 2. वह प्रार्थना पत्र जो न्यायालय के सामने उपस्थित किया जाता है; (पिटिशन)।
याचिकादाता
(सं.) [वि.] आवेदन पत्र देने वाला; अर्ज़ी देने वाला; प्रार्थना पत्र देने वाला।
याचित
(सं.) [वि.] 1. जिसकी याचना की गई हो 2. प्रार्थित; माँगा गया।
याची
(सं.) [सं-पु.] जिसने आवेदन या याचना प्रस्तुत की हो।
याजक
(सं.) [सं-पु.] 1. यज्ञ कराने वाला 2. यज्ञ-विधियों का ज्ञानी जो यज्ञ कराता हो 3. राजा का हाथी 4. मस्त हाथी।
याजकीय
(सं.) [वि.] 1. यज्ञ का 2. यज्ञ संबंधी।
याजी
[वि.] 1. याजक 2. यज्ञ करने वाला।
याज्ञवल्क्य
(सं.) [सं-पु.] 1. एक ब्रह्मवादी ऋषि 2. राजा जनक के गुरु 3. याज्ञवल्क्य स्तुति के रचयिता 4. याज्ञवल्क्य का वंशधर।
याज्ञिक
(सं.) [सं-पु.] 1. यज्ञ करने या कराने वाला 2. गुजराती ब्राह्मणों की एक जाति।
यातना
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. बहुत अधिक शारीरिक या मानसिक कष्ट 2. तकलीफ़; पीड़ा; व्यथा।
यातनाकारी
(सं.) [वि.] 1. शारीरिक कष्ट देने वाला 2. मानसिक कष्ट देने वाला 3. दुख देने वाला; यातनादायी।
यातनादायी
(सं.) [वि.] यातनाकारी।
यातयाम
(अ.) [वि.] 1. गतावधि 2. जो पुराना हो चुका हो वर्तमान में उसका उपयोग न हो; (आउट ऑव डेट)।
याता
(सं.) [सं-स्त्री.] पति के भाई की स्त्री; जेठानी; देवरानी। [वि.] 1. जाने वाला 2. हत्या करने वाला 3. रथ चलाने वाला।
यातायात
(सं.) [सं-पु.] 1. आवागमन; आना-जाना; गमनागमन 2. ज्वार-भाटा।
यातायात नियम
(सं.) [सं-पु.] सड़क पर आने-जाने से संबद्ध नियम।
यातायात पुलिस
(इं.) [सं-स्त्री.] 1. चौराहे पर खड़ा मार्ग निदेशक 2. एक सरकारी कर्मचारी जिसका मुख्य कार्य गाड़ी के कागज़ात चेक करना, वाहनों की गति पर नज़र रखना आदि होता है।
यातु
(सं.) [सं-पु.] 1. समय; काल 2. राक्षस 3. वायु; हवा 4. कष्ट; यातना 5. अस्त्र 6. हिंसा। [वि.] 1. पथिक 2. जाने वाला 3. आने वाला।
यातुधान
(सं.) [सं-पु.] राक्षस; असुर; दैत्य; दानव।
यात्रा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की क्रिया; सफ़र 2. प्रस्थान 3. उत्सव 4. व्यवहार 5. बंगाल में प्रचलित एक नाटक।
यात्रानुभव
(सं.) [सं-पु.] किसी यात्रा या भ्रमण के दौरान होने वाला अनुभव।
यात्रापथ
(सं.) [सं-स्त्री.] यात्रा राह; यात्रा मार्ग।
यात्राभत्ता
[सं-पु.] आने-जाने के समय किए जाने वाले व्यय के बदले में मिलने वाला यात्रा का ख़र्च।
यात्रावाल
(सं.) [सं-पु.] तीर्थयात्रियों को देवमूर्ति का दर्शन कराने तथा अपने यहाँ ठहराने वाला पंडा।
यात्रावृत्तांत
(सं.) [सं-पु.] यात्रा का विवरण या वर्णन।
यात्री
(सं.) [सं-पु.] 1. वह जो यात्रा कर रहा हो; यात्रा करने वाला; मुसाफ़िर 2. धार्मिक दृष्टि से तीर्थयात्रा करने वाला 3. सैर-सपाटे के लिए चला हुआ व्यक्ति।
यात्रीगण
(सं.) [सं-पु.] सहयात्री; यात्रीबंधु।
यात्रीगृह
(सं.) [सं-पु.] 1. यात्रियों के ठहरने का स्थान 2. पर्यटकों को ठहराने के लिए बनाया गया घर; (लॉजिंग)।
यात्रीविमान
(सं.) [सं-पु.] यात्रियों को ले जाने वाला हवाई जहाज़।
याद
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. स्मृति; स्मरण 2. स्मरण करने की क्रिया।
यादआवरी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. याद आना; याद करना; हाल-चाल जानना 2. स्मरण होना।
यादगार
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. स्मृति चिह्न 2. स्मारक।
याददाश्त
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. स्मरण; स्मृति 2. स्मरण शक्ति 3. स्मरण रखने के लिए लिखी हुई कोई बात।
यादव
(सं.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार का सरनेम 2. यदु का वंशज 3. कृष्ण। [वि.] यदु का; यदु संबंधी।
यादृच्छिक
(सं.) [वि.] 1. आकस्मिक 2. ऐच्छिक 3. स्वतंत्र 4. अप्रत्याशित।
यादृश
(सं.) [वि.] जिस तरह का; जिस प्रकार का; जैसा।
यान
(सं.) [सं-पु.] 1. सवारीगाड़ी, घोड़ागाड़ी इत्यादि वाहन 2. आकाशयान; विमान 3. गति; चाल 4. आक्रमण 5. अभियान।
यानांतरण
(सं.) [सं-पु.] सवारी बदलना; एक यान से दूसरे यान पर जाना।
यानी
(अ.) [अव्य.] 1. अर्थात 2. मतलब यह कि।
यापन
(सं.) [सं-पु.] 1. चलाना 2. व्यतीत करना; बिताना; गुज़ारना 3. निपटाना 4. छोड़ना; परित्याग करना।
यापित
(सं.) [वि.] बीता हुआ समय या काल।
याब
(फ़ा.) [परप्रत्य.] पाने वाला; मिलने वाला, जैसे- कामयाब, फ़तहयाब।
याबी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] पाने की क्रिया या होने की क्रिया अवस्था या भाव; पाना।
याम
(सं.) [सं-पु.] 1. समय; काल 2. तीन घंटे का काल; पहर। [वि.] यम संबंधी; यम का।
यामिक
(सं.) [सं-पु.] चौकसी करने या पहरा देने वाला व्यक्ति; पहरेदार। [वि.] 1. याम या दिन से संबंध रखने वाला 2. याम संबंधी।
यामिनी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. रात; रात्रि; निशा 2. हल्दी।
याम्योत्तर रेखा
(सं.) [सं-स्त्री.] ग्रेट ब्रिटेन के ग्रीनविच नगर से प्रारंभ होकर दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर होते हुए पृथ्वी का पूरा वृत्त बनाने वाली एक कल्पित रेखा;
(मेरीडियन)।
यायावर
(सं.) [सं-पु.] 1. संन्यासी 2. खानाबदोश 3. अश्वमेध का घोड़ा। [वि.] वह जो एक जगह पर स्थायी रूप से न रहता हो; सदा घूमने वाला; घुमंतू।
यायावरता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. यायावर होने की अवस्था या भाव 2. एक जगह स्थायी रूप से न रहने की स्थिति या अवस्था।
यायावरी
(सं.) [वि.] यायावर संबंधी।
यार
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. जो संकट में साथ दे; दोस्त; मित्र; सखा 2. प्रेमी; प्रेमिका; प्रिय।
यारबाज़
(फ़ा.) [वि.] यार दोस्तों के साथ अपना अधिकांश समय व्यतीत करने वाला 2. सबसे दोस्ती करने वाला। [सं-स्त्री.] दुश्चरित्रा।
यारबाश
(फ़ा.) [सं-पु.] दे. यारबाज़।
यारमंद
(फ़ा.) [वि.] 1. सच्चा मित्र 2. दोस्ती निभाने वाला; निष्ठापूर्वक दोस्ती का निर्वाह करने वाला।
यारमार
(फ़ा.) [वि.] 1. मित्र के साथ विश्वासघात करने वाला; मित्र द्रोही; मित्र को समय पर धोखा देने वाला 2. मित्र से अनुचित लाभ उठाने वाला।
याराना
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. दोस्ती; मैत्री 2. अनुचित संबंध (स्त्री-पुरुष का)। [वि.] मित्र का-सा; मित्रता का।
यारी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. मित्रता; दोस्ती 2. स्त्री और पुरुष में सामाजिक दृष्टि से अमान्य संबंध।
याल
(तु.) [सं-स्त्री.] 1. गरदन 2. घोड़ा, शेर आदि के गरदन पर के बाल; अयाल; केसर।
यावज्जीवन
(सं.) [अव्य.] जीवन पर्यंत; आजीवन; जन्म-भर।
यावत
(सं.) [क्रि.वि.] 1. जब तक 2. जहाँ तक। [वि.] 1. सब; कुल; संपूर्ण 2. जितना।
यावनी
(सं.) [वि.] 1. यवन संबंधी 2. मुसलमानों का। [सं-स्त्री.] करंकशाली नामक ईख; रसाल।
यावर
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. सहायक; मददगार; हिमायती 2. पोषक।
यावरी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. सहायता 2. सहायक होने की अवस्था या भाव।
यास1
(सं.) [सं-पु.] प्रयास; चेष्टा।
यास2
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. निराशा; मायूसी; नाउम्मीदी 2. भय; अंदेशा।
याहू1
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. ख़ुदा को संबोधित करता हुआ शब्द 2. एक प्रकार का कबूतर।
याहू2
(इं.) [सं-पु.] 1. इंटरनेट पर ई-मेल खाता आदि खोलने व संबंधित सेवाएँ प्रदान करने वाली कंपनी 2. इंटरनेट पर किसी विषय से संबंधित सामग्री को खोजने की सुविधा
प्रदान करने वाली एक कंपनी।
यीशु
[सं-पु.] ईसा मसीह।
युकेलिप्टस
(इं.) [सं-पु.] एक वृक्ष जिससे औषधि बनाई जाती है; सफ़ेदा; नीलगिरि।
युक्त
(सं.) [सं-पु.] 1. योग का अभ्यास कर चुका योगी 2. चार हाथ लंबी एक पुरानी नाप 3. मनु का एक पुत्र। [वि.] 1. जुड़ा या मिला हुआ; लगा हुआ 2. संयुक्त; मिश्रित;
सम्मिलित 3. उचित; वाजिब; ठीक 4. मुकर्रर; नियुक्त।
युक्ताक्षर
(सं.) [वि.] संयुक्त वर्ण।
युक्ति
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. उचित विचार; उपाय; उपयुक्त 2. तरकीब 3. कौशल; चातुरी 4. दलील; तर्क 5. योग; मिलन।
युक्तिकर
(सं.) [वि.] विचारपूर्ण; तर्कसंगत; तर्क के अनुकूल।
युक्तिमूलक
(सं.) [वि.] तर्क या युक्ति पर आधारित; तर्कसंगत; बुद्धिसंगत।
युक्तियुक्त
(सं.) [वि.] 1. युक्तिसंगत; ठीक; वाजिब 2. प्रमाणित; सिद्ध 3. चतुर।
युक्तिसंगत
(सं.) [वि.] 1. तर्कसंगत; तर्क के अनुकूल 2. युक्तिपूर्ण; युक्ति के अनुकूल।
युक्तिहीन
(सं.) [वि.] 1. बिना तर्क का; तर्कहीन 2. जिसके पास कोई उपाय न हो, निरुपाय।
युग
(सं.) [सं-पु.] 1. इतिहास का वह लंबा कालखंड जिसमें एक प्रकार की कार्य, घटनाएँ आदि होती रही हों, काल-अवधि, जैसे- प्रस्तर युग 2. समय; ज़माना; दौर 3. बारह वर्ष
का काल 4. (पुराण) काल गणना के विचार से कल्प के चार उपविभागों में से प्रत्येक सत, त्रेता, द्वापर और कलि।
युगगत
(सं.) [वि.] युग से संबंधित; युग का।
युगधर्म
(सं.) [सं-पु.] समयानुकूल आचरण, व्यवहार।
युगनिर्माता
[सं-पु.] नए युग का सूत्रपात करने वाला।
युगपत
(सं.) [वि.] 1. एक ही क्षण में घटित होने वाला 2. साथ-साथ होने वाला। [वि.] एक ही समय में एक साथ होने वाला।
युगपरिवर्तन
(सं.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़ा परिवर्तन 2. युग क्रांति; काल परिवर्तन।
युगपुरुष
(सं.) [सं-पु.] 1. श्रेष्ठ पुरुष 2. युग का महान व्यक्ति।
युगप्रवाह
(सं.) [सं-पु.] 1. युग धारा 2. युग विशेष में चलने वाली विचार धारा।
युगबोध
(सं.) [सं-पु.] किसी युग की स्थिति, महत्व और आवश्यकता आदि की जानकारी।
युगल
(सं.) [सं-पु.] 1. जोड़ा; युग्म 2. एक साथ एक ही गर्भ से उत्पन्न दो जीव।
युगविधायी
(सं.) [वि.] 1. युग का निर्माता 2. युग का सूत्रपात करने वाला।
युगवीर
(सं.) [सं-पु.] 1. युग विशेष का प्रसिद्ध योद्धा 2. सभी को किसी ओर प्रेरित कर चलाने वाला व्यक्ति 3. युग निर्माता।
युगसम्मत
(सं.) [वि.] युग के अनुसार चलने वाला।
युगांत
(सं.) [सं-पु.] 1. युग की समाप्ति; युग का अंत; युग का अंतिम समय 2. प्रलय।
युगांतर
(सं.) [सं-पु.] 1. वर्तमान युग के उपरांत आने वाला दूसरा काल या समय 2. दूसरा ज़माना या युग।
युगांतरकारी
(सं.) [वि.] युग समाप्त करने वाला; युग की समाप्ति का संकेत।
युगादि
(सं.) [सं-पु.] युग का आरंभ; सृष्टि का प्रारंभ। [वि.] 1. बहुत पुराना 2. युग के आरंभिक समय का।
युगानुकूल
(सं.) [वि.] 1. युग के अनुकूल; समय के अनुसार 2. प्रासंगिक।
युगानुरूप
(सं.) [वि.] 1. युग के अनुरूप; युग के अनुकूल 2. प्रासंगिक।
युगारंभ
(सं.) [सं-पु.] युग का आरंभ; युगादि।
युग्म
(सं.) [सं-पु.] 1. जोड़ा; युग; एक ही तरह की दो चीज़ें 2. युगलक 3. दो व्यक्ति, वस्तु आदि जो एक-दूसरे के सहयोगी या संबद्ध हों 4. द्वंद्व 5. नर और मादा का जोड़ा।
युग्मक
(सं.) [सं-पु.] युग्म।
युग्मज
(सं.) [सं-पु.] एक साथ एक ही गर्भ से उत्पन्न दो जीव; जुड़वाँ; यमल; यमज। [वि.] जोड़े के रूप में उत्पन्न।
युग्मन
(सं.) [सं-पु.] 1. दो चीज़ को आपस में जोड़ने या बाँधने की क्रिया 2. युग्म बनाने की क्रिया।
युग्मपत्र
(सं.) [सं-पु.] 1. कचनार का वृक्ष 2. भोजपत्र का वृक्ष 3. छितवन 4. युग्मपर्ण।
युत
(सं.) [सं-पु.] चार हाथ की माप। [वि.] मिला या मिलाया हुआ; युक्त; सहित।
युति
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. मिलना; मिलाप; सटना 2. योग।
युद्ध
(सं.) [सं-पु.] संग्राम; रण; लड़ाई।
युद्धक
(सं.) [सं-पु.] योद्धा; युद्ध करने वाला व्यक्ति। [वि.] युद्ध का; युद्ध संबंधी।
युद्धकविमान
(सं.) [सं-पु.] युद्ध या लड़ाई आदि में प्रयोग में लाया जाने वाला वायुयान; लड़ाकू विमान।
युद्धकाल
(सं.) [सं-पु.] युद्ध का समय।
युद्धकालीन
(सं.) [वि.] युद्ध काल का।
युद्धपोत
(सं.) [सं-पु.] युद्ध में काम आने वाला जहाज़; रणपोत।
युद्धप्रवृत्त
(सं.) [वि.] 1. युद्ध में लगा रहने वाला 2. युद्धरत।
युद्धबंदी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. युद्ध का बंद होना 2. लड़ाई समाप्त होना। [सं-पु.] वह सैनिक जिसे युद्ध में जीतकर बंदी बना लिया गया हो।
युद्धभूमि
(सं.) [सं-स्त्री.] रणक्षेत्र; युद्ध का मैदान; युद्धक्षेत्र; युद्धस्थल।
युद्धमान
(सं.) [वि.] 1. जो प्रायः युद्ध के लिए तत्पर रहता हो 2. युद्ध में लगा रहने वाला 3. युद्ध करने वाला।
युद्धयान
(सं.) [सं-पु.] युद्धकविमान।
युद्धरत
(सं.) [वि.] जो युद्ध में लगा हुआ हो।
युद्धविराम
(सं.) [सं-पु.] 1. युद्ध रोकना; लड़ाई रोकना 2. युद्ध को कुछ समय के लिए रोकना।
युद्धसामग्री
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. युद्ध का सामान 2. लड़ाई में प्रयोग होने वाली वस्तु या सामान।
युद्धस्तर
(सं.) [सं-पु.] 1. कार्य का युद्ध के समान तीव्र गति से किया जाना 2. कार्य का बिना किसी विलंब से किया जाना।
युद्धस्थल
(सं.) [सं-पु.] युद्धभूमि; युद्धक्षेत्र; लड़ाई का मैदान; रणक्षेत्र।
युद्धोन्माद
(सं.) [सं-पु.] 1. युद्ध के लिए पागल होना 2. युद्ध के लिए उतावलापन।
युद्धोपरांत
(सं.) [क्रि.वि.] 1. लड़ाई समाप्त होने के बाद 2. युद्ध के बाद।
युधिष्ठिर
(सं.) [सं-पु.] (महाभारत) राजा पांडु के कुंती से उत्पन्न सबसे बड़े पुत्र; धर्मपुत्र; धर्मराज।
युनाइटेड
(इं.) [वि.] 1. संघटित; इकट्ठा 2. शामिल 3. युक्त; जुड़ा हुआ; मिला हुआ।
युयुत्सा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. युद्ध करने की इच्छा 2. दुश्मनी; शत्रुता 4. विरोध 5. लड़ने की अभिलाषा।
युयुत्सु
(सं.) [सं-पु.] धृतराष्ट्र का एक पुत्र। [वि.] जो लड़ने या युद्ध करने की अभिलाषा रखता हो।
युवक
(सं.) [सं-पु.] 1. जवान; नौजवान 2. वह अवस्था जब आदमी की आयु अठारह वर्ष से तीस वर्ष के बीच होती है 3. तरुण।
युवजन
(सं.) [सं-पु.] युवा पुरुष या स्त्री का वर्ग, समूह अथवा समाज; (यूथ)।
युवती
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. जवान स्त्री 2. हल्दी 3. सोनजुही 4. प्रियंगुलता।
युवराज
(सं.) [सं-पु.] राजा का सबसे बड़ा पुत्र जो अपने पिता के राज्य का वास्तविक उत्तराधिकारी होता है।
युवराज्ञी
(सं.) [सं-स्त्री.] युवराज की पत्नी।
युवा
(सं.) [वि.] युवक; जवान।
युवाकेंद्र
(सं.) [सं-पु.] वह केंद्र या स्थल जहाँ नवयुवक समूह मनोरंजन या विचार विमर्श आदि के लिए एकत्रित होते हैं।
युवावस्था
(सं.) [सं-स्त्री.] जवानी; यौवन; तरुण अवस्था।
यूथ1
(सं.) [सं-पु.] 1. समुदाय 2. सजातीय जीवों का समूह 3. सेना; फ़ौज।
यूथ2
(इं.) [सं-पु.] युवा (स्त्री और पुरुष का) वर्ग, समूह या समाज।
यूथप
(सं.) [सं-पु.] 1. समूह का प्रधान या सरदार 2. सेनापति।
यूथपति
(सं.) [सं-पु.] 1. दल का नेता 2. सेनानायक; सेनापति।
यूनान
(अ.) [सं-पु.] ग्रीस; यूरोप महाद्वीप में स्थित एक देश है।
यूनानी
(अ.) [सं-पु.] यूनान का निवासी। [सं-स्त्री.] 1. यूनान की भाषा 2. यूनान की प्रसिद्ध चिकित्सा प्रणाली; हकीमी। [वि.] यूनान संबंधी; यूनान देश का।
यूनिक्स
(इं.) [सं-स्त्री.] एक कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम है; कमांड लाइन सिस्टम।
यूनिट
(इं.) [सं-पु.] 1. एक अकेली वस्तु या अकेला व्यक्ति जो अपने में पूर्ण हो या अपने समूह की समस्त विशेषताओं से युक्त हो 2. इकाई; मात्रक 3. श्रेणी 4. तौल या नाप
का स्थिर परिमाण 5. पृथक भाग 6. एकांश।
यूनियन
(इं.) [सं-स्त्री.] सभा; संघ।
यूनिवर्सिटी
(इं.) [सं-स्त्री.] वह संस्था जिसमें विभिन्न विषयों का अध्ययन-अनुसंधान किया जाता है और परीक्षा लेकर उपाधि दी जाती है; विश्वविद्यालय; विद्यापीठ।
यूनीकोड
(इं.) [सं-पु.] (कंप्यूटर विज्ञान और प्रोद्योगिकी) अँग्रेज़ी के दो शब्दों, यूनीवर्सल (जागतिक) एवं कोड (कूट संख्या) से गठित एक नया शब्द। कंप्यूटर प्रोग्राम के
अंतर्गत यह प्रत्येक वर्ण के लिए एक विशेष अंक प्रदान करता है, चाहे कोई भी प्लेटफ़ॉर्म हो, चाहे कोई भी प्रोग्राम हो, चाहे कोई भी भाषा हो। इसे व्यापक रूप से
विश्वव्यापी सूचना आदान-प्रदान के मानक के रूप में स्वीकार किया जा चुका है। विशेष- (तकनीकी परिचय) यह 16 बिट (2 बाइट) का कोड है। इसे ही यूनीकोड मानक माना गया
है। यूनीकोड 16 बिट एनकोडिंग का प्रयोग करता है जोकि 65536 कोड-प्वाइंट (वर्ण) उपलब्ध कराता है। 16 बिट यूनीकोड में 65536 वर्णों की उपलब्धता होने के कारण यह
कोड विश्व की लगभग सभी लेखनीबद्ध भाषाओं के लिए सभी वर्णों को एनकोड करने की क्षमता रखता है।
यूनीफ़ॉर्म
(इं.) [सं-पु.] एक रंग का पहनावा; वरदी; पोशाक; गणवेश। [वि.] सभी स्थान या समय में एक समान रहने वाला; अपरिवर्तनशील; अविकारी।
यूप
(सं.) [सं-पु.] 1. यज्ञ का वह खंभा जिसमें बलि चढ़ाया जाने वाला पशु बाँधा जाता है 2. वह स्तंभ जो किसी विजय की स्मृति में बनाया जाता है।
यूरेनियम
(इं.) [सं-पु.] चमकदार श्वेत रंग की भारी धातु जिसका प्रयोग परमाणविक शक्ति के उत्पादन में किया जाता है।
यूरो
(इं.) [सं-पु.] यूरोपीय संघ के सत्ताईस में से सोलह राष्ट्रों की आधिकारिक मुद्रा।
यूरोपियन
(इं.) [सं-पु.] यूरोप का निवासी। [वि.] यूरोप संबंधी; यूरोप का।
ये
[सर्व.] यह सब; सर्वनाम 'यह' का बहुवचन। [वि.] दो या दो से अधिक समीपस्थ वस्तुओं, व्यक्तियों आदि का बोध कराने के लिए प्रयुक्त होने वाला विशेषण।
येन-केन-प्रकारेण
(सं.) [क्रि.वि.] 1. किसी न किसी प्रकार से 2. जैसे भी हो 3. जैसे-तैसे।
येलो जर्नलिज़म
(इं.) [सं-पु.] सनसनीखेज खबरों और व्यक्ति परक चरित्र हनन जैसे समाचारों को अधिक महत्व देने की प्रवृत्ति।
यों
[अव्य.] 1. इस तरह से; इस प्रकार; इस भाँति से 2. साधारण अवस्था या रूप में।
यों-ही
[अव्य.] 1. इसी रूप में; इसी तरह से; इसी ढंग से या इसी प्रकार से; इसी भाँति से 2. सामान्य रूप से 3. बेमतलब; व्यर्थ; निरर्थक 4. बिना प्रयोजन के।
योग
(सं.) [सं-पु.] 1. एकाधिक पदार्थों का आपस में मिलना या मिलाना; जोड़ 2. सहायता 3. शुभघड़ी 4. ध्यान 5. तपस्या।
योगक्षेम
(सं.) [सं-पु.] 1. वस्तु की प्राप्ति या लाभ और उसकी रक्षा करना 2. कुशल-मंगल 3. शांति और सुव्यवस्था।
योगदर्शन
(सं.) [सं-पु.] महर्षि पतंजलि कृत 'योगसूत्र' नामक प्रसिद्ध दर्शन ग्रंथ।
योगदान
(सं.) [सं-पु.] 1. सहयोग करना; हाथ बँटाना 2. योगदीक्षा।
योगफल
(सं.) [सं-पु.] दो या अधिक संख्याओं का जोड़; (टोटल)।
योगयति
(सं.) [सं-पु.] 1. योगी 2. संन्यासी।
योगरूढ़
(सं.) [सं-पु.] (व्याकरण) वह यौगिक शब्द जो किसी विशेष अर्थ में रूढ़ हो गया हो।
योग-वियोग
(सं.) [सं-पु.] 1. मिलना-बिछुड़ना 2. संयोग-विप्रलंभ।
योगशास्त्र
(सं.) [सं-पु.] योगविद्या; योग दर्शन।
योगात्मक
(सं.) [वि.] जोड़ने वाला।
योगाभ्यास
(सं.) [सं-पु.] 1. योग शास्त्र के अनुसार योग साधन; योगसाधना 2. योग के आठ अंगों का यथाविधि अभ्यास।
योगाभ्यासी
(सं.) [सं-पु.] योग का अभ्यास करने वाला योगी।
योगासन
(सं.) [सं-पु.] योगनिर्दिष्ट बैठने का ढंग या मुद्राएँ।
योगिनी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. योग की साधना करने वाली स्त्री; योगाभ्यासिनी; तपस्विनी 2. रणपिशाचिनी 3. (पुराण) चौंसठ देवियाँ 4. (पुराण) दुर्गा की सखी 5. (पुराण) एक
विशिष्ट प्रकार की देवियाँ जिनकी संख्या आठ कही गई है।
योगिराज
(सं.) [सं-पु.] 1. योगींद्र; बहुत बड़ा योगी; सर्वश्रेष्ठ योगी 2. कृष्ण।
योगी
(सं.) [सं-पु.] 1. सुख-दुख आदि को समान भाव से ग्रहण करने वाला; आत्मज्ञानी 2. सिद्ध पुरुष; योगसिद्ध 3. महादेव 4. नारंगी। [वि.] संबंधयुक्त; जुड़ा हुआ; संयोगी।
योगींद्र
(सं.) [सं-पु.] बहुत बड़ा योगी; सर्वश्रेष्ठ योगी।
योगीश्वर
(सं.) [सं-पु.] 1. योगियों में श्रेष्ठ; महान योगी 2. याज्ञवल्क्य का एक नाम 3. शिव।
योगेश्वर
(सं.) [सं-पु.] 1. सिद्ध; योगीश्वर 2. महादेव; शिव 3. कृष्ण 4. एक प्राचीन तीर्थ।
योग्य
(सं.) [वि.] 1. लायक; काबिल; पात्र 2. अधिकारी 3. श्रेष्ठ; शीलवान 4. उचित; मुनासिब; ठीक।
योग्यता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. गुण 2. क्षमता; औकात 3. बुद्धिमानी 4. प्रतिष्ठा 5. शिक्षा 6. शब्दार्थ संबंध की संभावनीयता 7. पात्रता।
योग्या
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्त्री; युवती 2. (पुराण) सूर्य की स्त्री।
योजक
(सं.) [वि.] 1. जोड़ने वाला; मिलाने वाला 2. संयोजक 3. संयुक्त करने वाला।
योजन
(सं.) [सं-पु.] 1. दूरी का एक नाप 2. एकत्रीकरण 3. योग; मिलान 4. परमात्मा।
योजनगंधा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. (पुराण) वेदव्यास की माता और शांतनु की पत्नी सत्यवती का एक नाम 2. कस्तूरी।
योजना
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. भावी कार्यों की व्यवस्था 2. बनावट; रचना 3. संयोजन।
योजना आयोग
(सं.) [सं-पु.] भारत सरकार की एक संस्था जो देश के विकास के लिए योजना बनाती है; (प्लैनिंग कमीशन)।
योजनाकार
(सं.) [सं-पु.] योजना बनाने वाला व्यक्ति; योजनाओं का निर्माण करने वाला व्यक्ति।
योजनाबद्ध
(सं.) [वि.] योजना के अनुसार चलने वाला।
योजनीय
(सं.) [वि.] 1. जो मिलाने के योग्य हो 2. किसी कार्य में लगाए जाने लायक 3. योजन, संयोग करने योग्य।
योज्य
(सं.) [सं-पु.] वे संख्याएँ जिसका योग किया जाए। [वि.] 1. जोड़े जाने योग्य; जोड़ने योग्य; मिलाए जाने योग्य 2. व्यवहार योग्य।
योद्धा
(सं.) [सं-पु.] युद्ध करने वाला सिपाही या सैनिक। [वि.] जो युद्ध करता हो; युद्धकर्ता।
योनि
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. स्त्रियों की जननेंद्रिय 2. उत्पत्तिस्थान 3. देह; शरीर 4. (मान्यता) सृष्टि के चौरासी लाख जीव-जाति के प्रकार।
योनिज
(सं.) [सं-पु.] योनि से उत्पन्न जीव। [वि.] जिसने योनि से जन्म लिया हो।
योनिद्वार
(सं.) [सं-स्त्री.] यह मूत्रद्वार एवं मल द्वार के बीच स्थित होता है; माहवारी आने का मार्ग।
योनिशुचिता
(सं.) [सं-स्त्री.] परंपरानुसार स्त्री की वह स्थिति जब तक उसका किसी पुरुष से शारीरिक संबंध न हुआ हो।
योषा
(सं.) [सं-स्त्री.] स्त्री; औरत।
यौक्तिक
(सं.) [वि.] 1. युक्तिसंगत; युक्तियुक्त; ठीक 2. विनोद; क्रीड़ा 3. नर्मसखा।
यौगिक
(सं.) [सं-पु.] (व्याकरण) दो शब्दों के योग से बना हुआ पद; प्रकृति और प्रत्यय से बना हुआ शब्द। [वि.] 1. किसी के साथ मिला, लगा, सटा हुआ 2. योग संबंधी।
यौतक
(सं.) [सं-पु.] यौतुक; दहेज।
यौतुक
(सं.) [सं-पु.] दहेज; यौतक।
यौधेय
(सं.) [सं-पु.] 1. योद्धा 2. हरियाणा एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में स्थित एक प्राचीन योद्धा जाति 3. उक्त जाति के रहने का प्रदेश।
यौन
(सं.) [वि.] 1. योनि संबंधी 2. पुरुष और स्त्रियों की जननेंद्रियों से संबंध रखने वाला।
यौनकुंठा
(सं.) [सं-स्त्री.] यौन संबंधों को लेकर होने वाली कुंठा।
यौनता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. यौनभाव 2. नर और मादा के स्वतंत्र अस्तित्व की धारणा या भाव; लिंगिता।
यौनविकृति
(सं.) [सं-स्त्री.] काम, वासना की तृप्ति के लिए उत्पन्न होने वाली वह विकृत स्थिति जो स्वाभाविक संभोग से भिन्न और उसके विपरीत हो।
यौनशोषण
(सं.) [सं-पु.] 1. यौन उत्पीड़न 2. स्त्री या पुरुष के साथ किया जाने वाला यौन संबंधी दुर्व्यवहार।
यौनिक
(सं.) [वि.] यौन का; यौन संबंधी।
यौवत
(सं.) [सं-पु.] 1. स्त्रियों का समूह 2. लास्य नृत्य का एक भेद।
यौवन
(सं.) [सं-पु.] किशोरावस्था के बाद की अवस्था जिसकी स्थिति सोलह से पैंतालीस वर्ष तक मानी जाती है; युवावस्था; जवानी।
यौवनारंभ
(सं.) [सं-पु.] यौवन या युवावस्था का आगमन; जवानी; किशोरावस्था के ठीक बाद की अवस्था।
यौवराज्याभिषेक
(सं.) [सं-पु.] वह उत्सव जो राजा के उत्तराधिकारी को युवराज बनाए जाने के समय होता है।