ह
हिंदी वर्णमाला का व्यंजन वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह काकल्य, महाप्राण, अघोष/सघोष संघर्षी है।
हँकाना
[क्रि-स.] हाँकना; पुकारना।
हँकार
[सं-स्त्री.] 1. पुकार 2. ललकार।
हँकारना
[क्रि-अ.] हुंकार भरना।
हँकारी
[सं-पु.] 1. दूत 2. वह व्यक्ति जो किसी के यहाँ उसे बुलाने के लिए भेजा जाता है।
हँड़िया
(सं.) [सं-स्त्री.] बड़े लोटे के आकार का तथा चौड़े मुँह वाला मिट्टी का बरतन; हंडी; हाँड़ी।
हँफनी
[सं-स्त्री.] 1. हाँफने की क्रिया या भाव; हाँफ 2. दमे की बीमारी।
हँसन
[सं-स्त्री.] 1. हँसने का उपक्रम 2. हँसने का तरीका।
हँसना
(सं.) [क्रि-अ.] 1. प्रसन्नता और आनंद प्रकट करने की एक क्रिया जिसमें चेहरा खिल जाता है और मुँह खुल जाता है 2. परिहास या दिल्लगी करना। [क्रि-स.] किसी की हँसी
उड़ाना; उपहास करना। [मु.] हँस कर बात उड़ाना : टाल देना। हँसी उड़ाना : उपहास करना।
हँसमुख
(सं.) [वि.] 1. प्रसन्न; प्रसन्नचित्त; प्रफुल्लित; हँसते चेहरेवाला 2. विनोदप्रिय; विनोदी; हास्यप्रिय; हँसोड़; दिल्लगीबाज़।
हँसली
[सं-स्त्री.] 1. स्त्रियों के गले में पहनने का एक आभूषण 2. गले के नीचे की एक अस्थि या हड्डी।
हँसाई
[सं-स्त्री.] 1. लोकनिंदा; बदनामी; मखौल बनाए जाने का भाव 2. हँसी; मज़ाक; परिहास।
हँसाना
[क्रि-स.] किसी को हँसने के लिए प्रवृत्त करना; ऐसा कुछ करना कि दूसरा व्यक्ति हँसने लगे।
हँसिया
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. लोहे का एक धारदार औज़ार जो अर्द्ध चंद्राकार होता है जिससे खेत की फ़सल, तरकारी आदि काटी जाती है 2. हाथी के अंकुश के आगे का अंश।
हँसी
[सं-स्त्री.] 1. हँसने की क्रिया, ध्वनि या भाव 2. परिहास; मज़ाक; दिल्लगी; ठट्ठा; विनोदपूर्ण और हास्यप्रद बातें 3. लोक में होने वाली निंदा या बदनामी।
हँसी-ख़ुशी
[सं-स्त्री.] प्रसन्नता; हर्ष।
हँसी-खेल
[सं-पु.] 1. सरल या आसान काम 2. ठट्ठा, दिल्लगी और खेल।
हँसी-मज़ाक
[सं-पु.] परिहास; मनोरंजन; विनोद; हँसी-ठिठोली।
हँसोड़
[वि.] 1. बहुत हँसने वाला; हँसमुख 2. दूसरों को बहुत हँसाने वाला।
हंगामा
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. हल्ला-गुल्ला; हलचल; शोर-गुल; हुल्लड़ 2. उपद्रव; मारपीट।
हंगामी
(फ़ा.) [वि.] 1. हंगामा संबंधी 2. हंगामा करने वाला; गड़बड़ीवाला।
हंटर
(इं.) [सं-पु.] 1. कोड़ा; लंबा चाबुक 2. शिकारी; आखेटक।
हंडा
[सं-पु.] पीतल या ताँबे का बना घड़े के आकार का बड़ा बरतन जिसमें पानी रखते हैं।
हंडी
(सं.) [सं-स्त्री.] बड़े लोटे के जैसा मिट्टी का पात्र जिसमें कुछ रख कर पकाया जाता है।
हंत
(सं.) [अव्य.] हर्ष, विषाद, आश्चर्य, खेद या शोक का द्योतक शब्द।
हंतकार
(सं.) [सं-पु.] संन्यासी या अतिथि के लिए निकाला हुआ भोजन।
हंतव्य
(सं.) [वि.] 1. हनन करने योग्य; हत्या करने योग्य 2. उल्लंघन करने योग्य।
हंता
(सं.) [वि.] संहारक; हत्यारा।
हंतोक्ति
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हंत शब्द का प्रयोग 2. शोकोद्गार; करुणा 3. सहानुभूति।
हंदा
(सं.) [सं-पु.] ब्राह्मण या पुरोहित द्वारा अपने यजमान से नियमित रूप से लिया जाने वाला भोजन।
हंबा
[सं-स्त्री.] गाय, बैल आदि के बोलने की आवाज़; रँभाने का शब्द।
हंभा
[सं-स्त्री.] दे. हंबा।
हंस
(सं.) [सं-पु.] 1. झीलों में वास करने वाला बत्तख की तरह का एक पक्षी 2. ब्रह्म 3. आत्मा 4. एक प्रकार की प्राणवायु 5. अलौकिक गुणों से संपन्न मनुष्य 6. सूर्य
7. भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक ताल। [मु.] -उड़ जाना : प्राण निकल जाना।
हंसक
(सं.) [सं-पु.] 1. हंस पक्षी 2. पैर की उँगलियों में पहना जाने वाला एक गहना; बिछुआ।
हंसकूट
(सं.) [सं-पु.] 1. बैल के कंधे के पास का उभरा हुआ भाग; डिल्ला; कुब्बा; ककुत्थ 2. हिमालय की एक चोटी।
हंसगंधर्व
(सं.) [सं-पु.] कर्नाटकी संगीत का एक राग।
हंसगति
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हंस के समान धीमी सुंदर चाल 2. सायुज्य या ब्रह्मत्व की प्राप्ति 3. एक प्रकार का मात्रिक छंद।
हंसगर्भ
(सं.) [सं-पु.] एक प्रकार का बहुमूल्य रत्न।
हंसगामिनी
(सं.) [वि.] हंस के समान सुंदर और मंद चालवाली (स्त्री)। [सं-स्त्री.] कर्नाटकी संगीत की एक रागिनी।
हंसगिरि
(सं.) [सं-पु.] कर्नाटकी संगीत का एक राग।
हंसचाल
[सं-स्त्री.] हंस के समान धीमी सुंदर चाल।
हंसचौपड़
(सं.) [सं-पु.] चौपड़ खेल की एक पुरानी किस्म।
हंसजा
(सं.) [सं-स्त्री.] सूर्य की कन्या; यमुना।
हंसदीपक
(सं.) [सं-पु.] कर्नाटकी संगीत का एक राग।
हंसदेह
(सं.) [सं-स्त्री.] पंचतत्वविहीन मनुष्य का वह रूप जब वह परम प्रकाश और चैतन्य स्वरूप ब्रह्म का अंश होता है; आत्मा।
हंसध्वनि
(सं.) [सं-स्त्री.] संगीत के अंतर्गत विलावल ठाठ की एक रागिनी।
हंसनटनी
(सं.) [सं-स्त्री.] कर्नाटकी संगीत की एक रागिनी।
हंसनाद
(सं.) [सं-पु.] कर्नाटकी संगीत का एक राग।
हंसपदी
(सं.) [सं-स्त्री.] एक प्रकार की लता का नाम।
हंसमंगला
(सं.) [सं-स्त्री.] संगीत की एक मिश्रित या संकर रागिनी।
हंसमंजरी
(सं.) [सं-स्त्री.] संगीत के अंतर्गत काफी ठाठ की एक रागिनी।
हंसमाला
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हंसों की कतार 2. एक प्रकार का वर्ण वृत्त।
हंसरथ
(सं.) [सं-पु.] (पुराण) वह जिनका वाहन हंस है अर्थात ब्रह्मा।
हंसराज
(सं.) [सं-पु.] 1. बड़ा हंस 2. पहाड़ों में चट्टानों से लगी मिलने वाली एक जड़ीबूटी 3. अगहनी धान की एक किस्म।
हंसवती
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक लता का नाम 2. संगीत की एक रागिनी।
हंसवाहिनी
(सं.) [सं-स्त्री.] (पुराण) वह जिनका वाहन हंस है अर्थात सरस्वती।
हंसश्री
(सं.) [सं-स्त्री.] संगीत के अंतर्गत खम्माच ठाठ की एक रागिनी।
हंससुता
(सं.) [सं-स्त्री.] हंसजा।
हंसारूढ़
(सं.) [सं-पु.] जो हंस पर आरूढ़ या सवार हो; ब्रह्मा।
हंसावधूत
(सं.) [सं-पु.] तंत्र के मुताबिक चार तरह के अवधूतों में से एक जो पूर्ण होने पर परमहंस और अपूर्ण रहने पर परिव्राजक कहे जाते हैं।
हंसावर
(सं.) [सं-पु.] बत्तख; हंस की प्रजाति का लंबी गरदन और टाँगों वाला एक पक्षी।
हंसावली
(सं.) [सं-स्त्री.] हंसों की पंक्ति या कतार।
हंसिका
(सं.) [सं-स्त्री.] हंस की मादा; हंसिनी।
हंसिनी
(सं.) [सं-स्त्री.] हंस (पक्षी) की मादा।
हक
(अ.) [सं-पु.] 1. अधिकार; स्वामित्व; इख़्तियार 2. फ़र्ज़; कर्तव्य 3. न्याय, प्रथा आदि के अनुसार प्राप्त अधिकार 4. उचित पक्ष। [वि.] 1. जो झूठ न हो; सत्य; सच 2.
उचित; मुनासिब 3. जो न्याय, धर्म आदि दृष्टियों से उचित या ठीक हो। [मु.] -अदा करना : कर्तव्य का पालन करना; फर्ज़ पूरा करना। -में होना : पक्ष में होना।
हकतलफ़ी
(अ.) [सं-स्त्री.] किसी का हक मारा जाना; अधिकार हानि।
हकदार
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] हक या अधिकार रखने वाला; अधिकारी।
हकपरस्त
(अ.+फ़ा.) [वि.] 1. जो सत्य का पुजारी हो; सत्यनिष्ठ; धर्मनिष्ठ; न्यायशील 2. ईश्वर भक्त।
हक-बक
[क्रि.वि.] हक्का-बक्का; भौचक्का; घबराया हुआ।
हकबकाना
[क्रि-अ.] चकित रह जाना; हक्का-बक्का हो जाना; घबरा जाना; भौचक्का होना; स्तंभित होना।
हकमालिकाना
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] मालिक होने या स्वामित्व मिलने के कारण किसी चीज़ पर हक या अधिकार।
हकमौरूसी
(अ.) [सं-पु.] पैतृक परंपरा से या विरासत में मिलने वाला हक।
हकला
[वि.] रुक-रुक कर बोलने वाला; हकलाने वाला।
हकलाना
[क्रि-अ.] रुक-रुक कर बोलना; बोलने में अटकना।
हकलापन
[सं-पु.] 1. रुक-रुक कर बोलने या हकलाने की अवस्था या भाव 2. हकलाने का दोष।
हकलाहट
[सं-स्त्री.] हकलाने की क्रिया, अवस्था या भाव; हकलापन।
हकारत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. हकीर अर्थात तुच्छ होने की अवस्था या भाव; तुच्छता 2. घृणायुक्त भाव।
हकीकत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. वास्तविकता; यथार्थता; सच्चाई; सत्यता; असलियत 2. सूफ़ी मार्ग की वह मंज़िल जहाँ साधक को परमात्मा के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान हो जाता है
और साधक उसके साथ एकत्व का अनुभव करता है। [मु.] -खुलना : वास्तविकता प्रकट होना।
हकीकतन
(अ.) [अव्य.] वास्तव में; वस्तुतः; सच में; हकीकत में।
हकीकी
(अ.) [वि.] 1. असली 2. सगा; अपना।
हकीम
(अ.) [सं-पु.] 1. जड़ी-बूटियों से तैयार की गई औषधि से रोगी का इलाज करने वाला वैद्य या डॉक्टर 2. यूनानी चिकित्सा शास्त्र का ज्ञाता।
हकीमी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. यूनानी चिकित्साशास्त्र 2. हकीम का पेशा या व्यवसाय। [वि.] हकीम संबंधी; हकीम का।
हकीर
(अ.) [वि.] 1. तुच्छ; हेय; क्षुद्र 2. बहुत थोड़ा; छोटा।
हक्का
[सं-पु.] लाठी द्वारा आघात करने का एक प्रकार।
हक्का-बक्का
[वि.] 1. भौचक्क; किसी अप्रत्याशित घटना से घबराया हुआ या शिथिल 2. स्तंभित; चकित।
हक्कार
(सं.) [सं-पु.] चिल्लाकर बुलाने का शब्द; आह्वान; पुकार।
हगना
[क्रि-अ.] 1. शौच करना; मल-त्याग करना 2. {ला-अ.} फूहड़ काम करना।
हगाना
[क्रि-स.] शौच कराना; किसी अन्य को मल त्याग कराना।
हगास
[सं-स्त्री.] शौच या मल त्याग की इच्छा।
हचकना
[क्रि-अ.] अधिक भार पड़ने पर चारपाई आदि का झोका खाना या बार-बार हिलना; ज़ोर से हिलाना या मारना।
हचकोला
[सं-पु.] बैलगाड़ी ताँगा या ऊँट आदि वाहनों के ऊपर बैठने पर उसके चलने या हिलने-डुलने से लगने वाला धक्का; धचका।
हज
(अ.) [सं-पु.] 1. संकल्प 2. मक्का (मुसलमानों का तीर्थस्थल) की धार्मिक यात्रा तथा उसका दर्शन और उसकी प्रदक्षिणा करना।
हज़म
(अ.) [वि.] 1. जो खाने के बाद पेट में पच गया हो; पचित 2. {ला-अ.} अनुचित रूप से ले लिया गया या वापस न किया गया; गबन; चोरी। [मु.] -कर जाना :
हड़प लेना; पचा लेना; लेकर वापस न करना।
हज़रत
(अ.) [सं-पु.] 1. सम्मान सूचक संबोधन; जनाब; महोदय; महाशय 2. महात्मा; महापुरुष; मुहम्मद।
हज़रत सलामत
(अ.) [सं-पु.] श्रीमान; महोदय; हुज़ूर।
हज़ल
(अ.) [सं-पु.] फूहड़ मज़ाक; भद्दा परिहास।
हजामत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. बाल-दाढ़ी आदि बनाने का काम 2. क्षौर 3. सफ़ाई 4. दुर्दशा। [मु.] -बनना : पिटाई होना। -बनाना : बाल
काटना। -करना : ठग लेना।
हज़ार
(फ़ा.) [वि.] संख्या '1000' का सूचक।
हज़ारदास्ताँ
(फ़ा.) [सं-पु.] उमदा किस्म की बुलबुल। [वि.] बहुत अच्छी-अच्छी बातें कहने वाला; किस्सागो।
हज़ारहा
(फ़ा.) [वि.] हज़ारों; सहस्रों।
हज़ारा
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार का बड़ा बरतन जिसके मुँह पर अनेक छेद होते हैं तथा जिससे गमलों में पानी डाला जाता है; छिड़काव के काम में आने वाली अनेक (असंख्य)
छिद्रों वाली बाल्टी 2. फुहारा; (फ़ाउंटेन) 3. बहुत से पटलों अथवा पंखुड़ियों वाला फूल 4. एक तरह की आतिशबाज़ी। [वि.] जिसमें हज़ार या बहुत अधिक पंखुड़ियाँ हों;
सहस्रदल (फूल)।
हज़ारी
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. हज़ार सिपाहियों का सरदार 2. मुगल शासन में सरदारों को दिया जाने वाला एक ओहदा। [वि.] 1. हज़ार की संख्या वाला 2. हज़ार संबंधी।
हजूम
(अ.) [सं-पु.] एकत्रित जनसमूह; भीड़।
हज़ूर
(अ.) [सं-पु.] 1. सम्मानसूचक संबोधन 2. बादशाह या हाकिम का दरबार; कचहरी।
हज़ूरी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. दरबारगीरी 2. ख़ुशामद। [सं-पु.] बादशाह, हाकिम या रईसों की सेवा-टहल करने वाला नौकर। [मु.] जी हज़ूरी करना : चापलूसी या
ख़ुशामद करना।
हज्जाम
(अ.) [सं-पु.] हजामत बनाने वाला; बाल-दाढ़ी आदि बनाने वाला; नाई।
हटक
[सं-स्त्री.] मना करने या हटकने की क्रिया; वर्जन; मनाही।
हटकन
[सं-स्त्री.] 1. मनाही; हटक 2. जानवरों को हाँकने की लाठी।
हटकना
[क्रि-स.] 1. रोकना; बरजना; मना करना 2. पशुओं को किसी ओर हाँकना।
हटना
(सं.) [क्रि-अ.] 1. अपना स्थान छोड़कर इधर-उधर होना; सरकना; खिसकना; एक स्थान से दूसरी जगह जाना 2. टलना, वचन आदि का पालन न करना; विचलित होना 3. दूर होना;
मिटना; न रह जाना।
हटनी
[सं-स्त्री.] पीठ के बल ऊपर जाने की प्रक्रिया वाली मालखंभ की एक कसरत।
हटवाई
[सं-स्त्री.] 1. हटवाने की क्रिया या मज़दूरी 2. हाट या बाज़ार में होने वाला क्रय-विक्रय।
हटवाना
[क्रि-स.] हटाने का काम दूसरे से कराना।
हटाना
[क्रि-स.] अलग करना।
हटिया
[सं-स्त्री.] छोटा हाट या बाज़ार।
हट्टा-कट्टा
(सं.) [वि.] 1. मोटा-ताज़ा; हृष्ट-पुष्ट 2. शक्तिशाली; बलवान।
हठ
(सं.) [सं-पु.] 1. किसी बात के लिए अड़ना; ज़िद; किसी बात पर अड़े रहने की प्रवृत्ति 2. ज़बरदस्ती; बल-प्रयोग। [मु.] -पकड़ना : किसी बात के लिए हठ
या ज़िद करना; दुराग्रह करना।
हठता
(सं.) [सं-स्त्री.] हठ करने का भाव; ज़िद्दीपन।
हठधर्म
(सं.) [सं-पु.] कट्टरपन; दुराग्रह; सही-गलत का विचार किए बिना अपनी बात पर अड़े रहना।
हठधर्मिता
(सं.) [सं-स्त्री.] हठधर्मी होने की स्थिति या भाव; अपने हठ पर जमे रहना; संकीर्णता; दुराग्रह; कट्टरता।
हठधर्मी
(सं.) [सं-स्त्री.] उचित-अनुचित आदि का विचार त्यागकर अपनी बात पर जमे रहना; हठधर्मिता; दुराग्रह; अपने विचारों, मतों आदि में होने वाला कट्टरपन। [वि.]
हठ-धर्मवाला; दुराग्रही।
हठयोग
(सं.) [सं-पु.] 1. चित्तवृत्तियों का निरोध और इन्हें सांसारिकता से विमुख कर अंतर्मुखी करने की एक जटिल भारतीय साधना पद्धति 2. नाथ पंथियों में योग का एक
प्रकार जिसमें कुंडलिनी जागरण कराकर 'सहस्रारचक्र' तक ले जाया जाता है। उक्त योग में कठिन आसन मुद्राओं का विधान है।
हठयोगी
(सं.) [सं-पु.] हठयोग का साधक।
हठवाद
(सं.) [सं-पु.] हठधर्म।
हठवादिता
(सं.) [सं-स्त्री.] हठधर्मी होने का भाव; अड़ियलपन।
हठवादी
(सं.) [वि.] हठधर्मी; दुराग्रही; अड़ियल।
हठविद्या
(सं.) [सं-स्त्री.] हठयोग।
हठात
(सं.) [क्रि.वि.] बलात; बलपूर्वक; ज़बरदस्ती; हठपूर्वक।
हठी
(सं.) [वि.] हठ करने वाला; ज़िद्दी; दुराग्रही; टेकी।
हठीला
(सं.) [वि.] हठी; ज़िद्दी।
हड़
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हर्र नामक औषधि (फल) को उत्पन्न करने वाला पेड़ 2. हर्र के आकार का एक गहना; लटकन।
हड़क
[सं-स्त्री.] 1. उत्कट इच्छा; रट; धुन 2. पागल कुत्ते के काटने पर पानी के लिए होने वाली व्याकुलता; जलांतक 3. हड़काने की क्रिया 4. हड़काने से उत्पन्न भय या डर।
हड़कंप
(सं.) [सं-पु.] लोगों में घबराहट पैदा करने वाली हलचल; भारी हल-चल या उथल-पुथल; खलबली; तहलका; आतंक।
हड़कना
[क्रि-अ.] 1. कोई मनमाफ़िक चीज़ न मिलने पर व्याकुल होना; तरसना 2. किसी के दबाव में आ जाना।
हड़काना
[क्रि-स.] 1. डाँटना; फटकारना 2. दबाव में लेना 3. तरसाना 4. हतोत्साहित करना 5. किसी को आक्रमण के लिए प्रेरित करना।
हड़ताल
(सं.) [सं-स्त्री.] विरोध, दुख या असंतोष व्यक्त करने के लिए कारख़ानों, दुकानों, कार्यालयों आदि के कर्मियों का अपना-अपना कार्य-व्यापार बंद करना; (स्ट्राइक)।
हड़ताली
[सं-पु.] हड़ताल करने वाला व्यक्ति, संस्था या समूह। [वि.] हड़ताल संबंधी; हड़ताल का।
हड़प
[वि.] 1. पेट में निगला हुआ 2. बेईमानी से लिया गया; अनुचित रूप से प्राप्त।
हड़पना
[क्रि-स.] 1. किसी वस्तु अथवा संपत्ति पर अनुचित तरीके से कब्ज़ा करना; किसी वस्तु को किसी से लेकर फिर वापस न करना 2. जल्दी अथवा हड़बड़ी में भोजन करना; निगलना।
हड़प्पा
[सं-पु.] सिंधु प्रदेश का एक प्राचीन जनपद, जहाँ खुदाई में प्राचीन संस्कृति के भग्नावशेष मिले।
हड़बड़
[सं-स्त्री.] जल्दबाज़ी; आतुरता; उतावली; उतावलापन।
हड़बड़ाना
[क्रि-अ.] 1. जल्दी मचाना; आतुर होना; उतावला हो जाना 2. तन-मन से असंतुलित हो जाना। [क्रि-स.] जल्दी मचाकर किसी को कोई काम करने में प्रवृत्त करना; शीघ्रता
करने के लिए प्रेरित करना।
हड़बड़ाहट
[सं-स्त्री.] हड़बड़ी।
हड़बड़िया
[वि.] किसी काम को हड़बड़ी में करने वाला; हमेशा हड़बड़ी में रहने वाला; उतावला; अस्थिरचित्त।
हड़बड़ी
[सं-स्त्री.] 1. जल्दी; शीघ्रता; उतावलापन जल्दबाज़ी; उतावली; आतुरता 2. वह स्थिति जिसमें हड़बड़ाते हुए कोई काम करना पड़ता हो।
हड़बोंग
[सं-पु.] शोरशराबा; ऊधम।
हड़हा
[वि.] बहुत दुबला-पतला; जिसके शरीर में हड्डियाँ ही रह गई हों। [सं-पु.] 1. जंगली बैल 2. हत्यारा।
हड़ावल
[सं-स्त्री.] 1. हड्डियों का समूह या ढेर; हड्डियों का ढाँचा; अस्थिपंजर; ठठरी 2. हड्डियों की माला; अस्थिमाल।
हड़ियल
(सं.) [वि.] दे. हड़ीला।
हड़ीला
(सं.) [वि.] जिसके तन में सिर्फ़ हड्डियाँ शेष रह गईं हों; अत्यंत दुबला-पतला।
हड्डा
(सं.) [सं-पु.] बर्र या ततैया नाम का कीड़ा।
हड्डी
(सं.) [सं-स्त्री.] जीव-जंतुओं के शरीर का कड़ा भाग जिससे उसका ढाँचा निर्मित होता है; अस्थि। [मु.] -हड्डियाँ निकल आना : दुबला होना।
हड्डी-पसली
[सं-स्त्री.] अंजर-पंजर; एक-एक हड्डी। [मु.] -तोड़ना : बहुत पिटाई करना।
हत
(सं.) [वि.] 1. जो मार डाला गया हो; वध किया हुआ 2. जिसे मारा-पीटा गया हो; ताड़ित; जिसपर आघात हुआ हो; आहत 3. जिसे ठोकर लगी हो।
हतक1
(सं.) [सं-पु.] 1. बहुत बड़ा अनिष्ट 2. कायर व्यक्ति 3. पापी व्यक्ति। [वि.] 1. दीन; दुखी 2. नीच; नष्टप्राय।
हतक2
(अ.) [सं-स्त्री.] अपमान; बेइज़्ज़ती।
हतचेत
(सं.) [वि.] अचेत; बेहोश; संज्ञाशून्य।
हतजीवन
(सं.) [वि.] 1. हतप्राय 2. जिसकी ज़िंदगी बरबाद हो गई हो।
हतज्ञान
(सं.) [वि.] संज्ञाहीन; बेसुध।
हतदर्प
(सं.) [वि.] जिसका घमंड चूर हो गया हो; जिसके अभिमान को ठेस पहुँची हो; जिसका मानमर्दन हुआ हो।
हतप्रभ
(सं.) [वि.] जिसकी प्रभा या कांति क्षीण हो गई हो; प्रभाहीन; कांतिहीन; श्रीहीन।
हतप्राय
(सं.) [वि.] मरणासन्न; नष्टप्राय।
हतबल
(सं.) [वि.] निर्बल; बेहद कमज़ोर।
हतबुद्धि
(सं.) [वि.] 1. बेसुध 2. डरा या घबराया हुआ 3. जिसकी बुद्धि काम न कर रही हो।
हतभागी
(सं.) [वि.] अभागा; बदकिस्मत; बदनसीब; विपत्ति का मारा। [सं-पु.] अभागा व्यक्ति; विपत्ति का मारा व्यक्ति।
हतभाग्य
(सं.) [वि.] भाग्यहीन; बदकिस्मत; अभागा।
हतमति
(सं.) [वि.] जिसकी बुद्धि नष्ट हो गई हो; जड़मति; हतबुद्धि; किंकर्तव्यविमूढ़।
हतमना
(सं.) [वि.] हताश; निराश; टूटे मनवाला।
हतवाक
(सं.) [वि.] जिसकी बोलने की शक्ति समाप्त हो गई हो; गूँगा।
हतवीर्य
(सं.) [वि.] बलरहित; बलहीन; शक्तिहीन; कमज़ोर।
हतश्री
(सं.) [वि.] 1. ऐश्वर्य या वैभव से रहित; जिसका वैभव नष्ट हो चुका हो 2. कांतिरहित; शोभारहित; हतप्रभ; मुरझाया हुआ; उदास।
हतहृदय
(सं.) [वि.] भग्न हृदय; हताश; निराश।
हताश
(सं.) [वि.] जिसकी आशा नष्ट हो गई हो; निराश; नाउम्मीद; दुखी; फलहीन।
हताशा
(सं.) [सं-स्त्री.] आशा का न रहना; निराशा; निष्फलता।
हताश्रय
(सं.) [वि.] निराश्रय; बेसहारा; अनाथ।
हताहत
(सं.) [वि.] हत और आहत; मृत और घायल।
हतोत्तर
(सं.) [वि.] जो उत्तर न दे सके; निरुत्तर।
हतोत्साह
(सं.) [वि.] जिसका उत्साह नष्ट हो चुका हो; उत्साहहीन।
हतोत्साहित
(सं.) [वि.] उत्साहरहित; निरुत्साह; निराश; हताश।
हत्था
[सं-पु.] 1. किसी हथियार या औज़ार को हाथ से पकड़ने वाला हिस्सा; मूठ; दस्ता; हैंडल 2. पंजा 3. हाथ का छापा 4. कुरसी की बाँह 5. निवार बुनने के काम आने वाला लकड़ी
का औज़ार। [मु.] हत्थे चढ़ना : काबू में आना; हाथ में आना; मिलना।
हत्या
(सं.) [सं-स्त्री.] किसी को जान से मार देना; कत्ल; ख़ून; वध।
हत्याकांड
(सं.) [सं-पु.] हत्या की कोई घटना।
हत्यानिरूपण
(सं.) [सं-पु.] 1. हत्या का अन्वेषण; हत्या का वर्णन 2. पुलिस द्वारा किसी हत्याकांड की तफ़्तीश और पेश रपट।
हत्यारा
(सं.) [सं-पु.] हत्या करने वाला व्यक्ति; ख़ूनी; कातिल।
हत्यारिन
(सं.) [सं-पु.] हत्या करने वाली स्त्री; ख़ूनी स्त्री। [वि.] हत्या करने वाली।
हथउधार
[सं-पु.] बिना लिखा-पढ़ी के हाथों हाथ कर्ज़ देना।
हथकंडा
[सं-पु.] 1. हाथ की चालाकी 2. हाथ से किए जाने वाले कामों में दिखाई पड़ने वाला कौशल और सफ़ाई; हाथ की सफ़ाई 3. काम निकालने के उद्देश्य से की गई चतुराई भरी चाल;
धूर्तता करने की पद्धति; किसी उद्देश्य की सिद्धि के लिए किया गया षड्यंत्र।
हथकड़ी
[सं-स्त्री.] लोहे की बनी हुई एक विशेष प्रकार की कड़ी जो अपराधियों, बंदियों आदि को पहनाई जाती है।
हथकरघा
[सं-पु.] कपड़ा बुनने का एक करघा जो हाथ से चलाया जाता है; (हैंडलूम)।
हथकल
[सं-पु.] 1. सूत या तार ऐंठने का सुनारों का एक औज़ार 2. पेचकस 3. करघे से बुनावट में काम आने वाली डोरी।
हथकोड़ा
[सं-पु.] कुश्ती का एक दाँव।
हथगोला
[सं-पु.] शत्रुओं पर हाथ से फेंका जाने वाला बारूदी गोला; (हैंड ग्रेनेड)।
हथचक्की
[सं-स्त्री.] हाथ से चलने वाली चक्की; जाँत।
हथठेला
[सं-पु.] चार पहियों की ऐसी गाड़ी जिसे हाथों से धक्का देकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है; हाथगाड़ी।
हथनाल
[सं-स्त्री.] हाथी पर रख कर चलाई जाने वाली तोप।
हथपान
[सं-पु.] हथेली की पीठ पर पहना जाने वाला पान के आकार का एक गहना।
हथफूल
[सं-पु.] 1. हाथ के पंजे के ऊपरी भाग पर पहना जाने वाला स्त्रियों का एक गहना 2. एक आतिशबाज़ी।
हथफेर
[सं-पु.] 1. हाथ की सफ़ाई से चीज़ें गायब कर देना 2. प्यार से किसी के शरीर पर हाथ फेरना 3. निजी तौर पर छोटे पैमाने की उधार; हथउधार।
हथबेंटा
[सं-पु.] खेतों में गन्ने काटने वाला एक प्रकार का औज़ार; कुदाली।
हथलपक
[सं-पु.] दूसरों की आँख बचाकर छोटी-मोटी चीज़ें उठा या चुरा लेने वाला।
हथलेवा
[सं-पु.] विवाह में वर द्वारा कन्या का हाथ अपने हाथ में लेने की रीति; पाणिग्रहण।
हथसार
[सं-पु.] हाथियों को रखे जाने का घर; गजशाला; हयशाला।
हथिनी
[सं-स्त्री.] 1. मादा हाथी 2. तालाबों आदि के घाट पर बनी हुई वास्तु रचना 3. उक्त रचना जो ऊपर की तरफ़ ऊँची रहती है और नीचे क्रमशः बड़ी-बड़ी सीढ़ियों के रूप में
नीची होती जाती है।
हथिया
(सं.) [सं-पु.] मान्यतानुसार हस्त नक्षत्र जिसमें प्रायः मूसलाधार वर्षा होती है।
हथियाना
[क्रि-स.] 1. अपने हाथ में करना; हाथ से पकड़ना 2. दूसरे की चीज़ पर ज़बरदस्ती कब्ज़ा करना; अपने अधिकार में कर लेना; धोख़े से लेना।
हथियार
[सं-पु.] हाथ से पकड़कर चलाया जाने वाला अस्त्र-शस्त्र; औज़ार।
हथियारबंद
[वि.] जो हथियार या शस्त्र लिए हो; सशस्त्र; जो शस्त्रों से लैस हो; (आर्म्ड)।
हथियारबंदी
[सं-स्त्री.] हथियारों से लैस करना या होना।
हथेरा
[सं-पु.] पानी उलीचने या डालने के लिए एक कृषि उपकरण; हाथा।
हथेली
(सं.) [सं-स्त्री.] कलाई के आगे का चिकना और चौड़ा भाग; करतल; (पाम)। [मु.] -पर जान लेकर घूमना : जान जोख़िम में डालकर व्यय करना।
हथौटी
[सं-स्त्री.] हस्त कार्यकुशलता; दस्तकारी या किसी कारीगरी में हाथ को विशेष प्रकार से चलाने की कुशलता।
हथौड़ा
[सं-पु.] धातु, पत्थर, ईंट, लोहा आदि पीटने या ठोंकने के काम आने वाला लोहे का एक औज़ार; (हैमर)।
हथौना
[सं-पु.] विवाह के समय दूल्हे-दुल्हन के हाथों में आशीर्वाद स्वरूप मिठाई रखने की रीति।
हद
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. किसी स्थान या देश के क्षेत्र की सीमा 2. मर्यादा 3. पराकाष्ठा 2. इस्लामी शरीअत (कानून) के अनुरूप दिया हुआ दंड। [मु.] -कर देना या करना : असह्य बना देना। -बाँधना : सीमा निश्चित करना।
हदबंदी
(अ.) [सं-स्त्री.] हद बाँधना; सीमा का निर्धारण करना; सीमांकन।
हदस
(अ.) [सं-स्त्री.] ख़ौफ़; ऐसा भय जिससे मनुष्य किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाए; अवसन्नता; भीतर से हिल जाना।
हदसना
[क्रि-अ.] हदस में आ जाना; आतंकित हो जाना; ख़ौफ़ज़दा होना।
हदसाना
(अ.+हिं.) [क्रि-स.] धमकाना; ख़ौफ़ पैदा करना; आतंकित कर देना; भयाक्रांत करना।
हदीस
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. बात; नई बात 2. मुसलमानों का वह धर्मग्रंथ, जिसमें मुहम्मद साहब के कार्यों के वृत्तांत हैं और वह कुरान में दिए गए विषयों के लिए प्रमाण
माना जाता है।
हनन
(सं.) [सं-पु.] हत्या करना; कत्ल करना; वध करना। [वि.] हनन करने वाला; मारने वाला; हत्या करने वाला।
हनना
[क्रि-स.] 1. वध करना; जान से मार डालना; कत्ल करना 2. मारना; पीटना; चोट पहुँचाना 3. वार करना; निशाना साधना 4. ठोंकना 5. पीट-पीट कर बजाना (नगाड़ा आदि)।
हननीय
(सं.) [वि.] दे. हन्य।
हनफ़ी
[सं-पु.] सुन्नी मुसलमानों का एक वर्ग या संप्रदाय।
हनवाना
[क्रि-स.] 1. हनने का काम किसी दूसरे से कराना; किसी को हनने के लिए प्रवृत्त करना; मरवा डालना; कत्ल करा देना 2. पिटवाना; ठुकवाना।
हनीमून
(इं.) [सं-पु.] 1. नवविवाहित जोड़े का किसी मनोरम स्थान पर एक साथ समय गुज़ारने जाना 2. शादी के बाद पहली रात का मिलन; सुहागरात।
हनु
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. ठुड्ढी; चिबुक 2. जबड़ा; दाढ़ की हड्डी 3. जीवन को नुकसान पहुँचाने वाली चीज़ 4. अस्त्र; हथियार।
हनुग्रह
(सं.) [सं-पु.] जबड़े बैठ जाने का एक रोग।
हनुमंत
(सं.) [सं-पु.] हनुमान; पवनपुत्र।
हनुमंतउड़ी
(सं.) [सं-स्त्री.] मालखंभ की एक कसरत जिसमें सिर नीचे और पाँव ऊपर करके सामने लाने और फिर ऊपर खिसकने की क्रिया होती है।
हनुमंती
(सं.) [सं-स्त्री.] पैर के अँगूठों का इस्तेमाल करते हुए की जाने वाली मालखंभ की एक कसरत।
हनुमान
(सं.) [सं-पु.] (रामायण) एक वीर वानर जिन्होंने सीता-हरण के उपरांत रामचंद्र की सेवा और सहायता की थी; ये रामचंद्र के परम भक्त माने गए हैं। [वि.] 1. दाढ़वाला;
जबड़ेवाला 2. बहुत बड़ा वीर।
हनुमान बैठक
[सं-स्त्री.] एक तरह की बैठक या कसरत जिसमें एक पैर को पैंतरे की तरह आगे बढ़ाते हुए उठते-बैठते हैं।
हनुल
(सं.) [वि.] पुष्ट जबड़ों और दाढ़ों वाला।
हन्य
(सं.) [वि.] हनन करने योग्य; वध के योग्य; वध्य।
हन्यमान
(सं.) [वि.] दे. हन्य।
हफ़्त
(फ़ा.) [वि.] छह और एक; सात; सप्त।
हफ़्ता
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. सप्ताह; सात दिनों का समय 2. अवैध रूप से नियत किया गया साप्ताहिक शुल्क।
हफ़्तावसूली
(फ़ा.+अ.) [सं-स्त्री.] किसी व्यक्ति या आपराधिक गिरोह द्वारा किसी क्षेत्र विशेष में स्थित दुकानदारों, व्यवसाइयों से ज़बरदस्ती वसूल किया जाने वाला धन।
हफ़्तावार
(फ़ा.) [वि.] हर हफ़्ते निकलने वाला; साप्ताहिक।
हफ़्तावारी
(फ़ा.) [वि.] साप्ताहिक; हर हफ़्ते निकलने वाला; हफ़्तावार; पारिश्रमिक।
हफ़्ती
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] एक ख़ास तरह की जूती।
हफ़्तेवार
(फ़ा.) [वि.] हर हफ़्ते निकलने या होने वाला; साप्ताहिक। [क्रि.वि.] हफ़्ते के मुताबिक; हफ़्ते के अनुसार।
हबकना
[क्रि-स.] 1. अधीरता के साथ कोई चीज़ दाँत से काट-काट कर खाना 2. किसी व्यक्ति को झपट कर दाँत से काट लेना।
हबड़-तबड़
[क्रि.वि.] हड़बड़ी मचाते हुए; जल्दबाज़ी में; उतावली के साथ।
हबर-दबर
[अव्य.] जल्दी-जल्दी; जल्दबाज़ी में; उतावलेपन में।
हबर-हबर
[अव्य.] जल्दी-जल्दी; हड़बड़ी में।
हबशी
(अ.) [सं-पु.] 1. हबशी देश का निवासी जिसका रंग काला होता है (आजकल इसका प्रयोग निषिद्ध है) 2. एक ऐसा अंगूर जो बड़ा और काला होता है। [वि.] हबश देश संबंधी;
हबशियों का।
हबाब
(अ.) [सं-पु.] 1. पानी का बुलबुला 2. सजावट के रूप में छतों से लटकाया जाने वाला शीशे का बना वह गोला जो अंदर से पोला होता है।
हबीब
(अ.) [सं-पु.] 1. दोस्त; मित्र 2. प्रेमपात्र; प्यारा।
हब्बा
(अ.) [सं-पु.] 1. अनाज का दाना 2. एक रत्ती की तौल 3. बहुत ही छोटा और सूक्ष्म अंश।
हब्स
(अ.) [सं-पु.] 1. कैद या बंद रहने की अवस्था 2. कारागार; कैदख़ाना 3. हवा न चलने से होने वाली उमस।
हब्सदम
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. साँस रुकना; दम घुटना 2. श्वास-नियंत्रण पर आधारित व्यायाम; प्राणायाम।
हम
[सर्व.] 'मैं' का बहुवचन रूप।
हमआवाज़
(फ़ा.) [वि.] एकमत।
हमउम्र
(फ़ा.) [वि.] समान आयु का; समवयस्क।
हमकदम
(फ़ा.+अ.) [वि.] बराबर साथ-साथ कदम मिलाकर चलने वाला अर्थात संगी या साथी; सहचर।
हमकौम
(फ़ा.+अ.) [वि.] 1. सजातीय 2. एक मुल्क या एक कौम का।
हमख़याल
(फ़ा.+अ.) [वि.] समान विचारों वाला; एकमत; सहमत।
हमख़याली
(फ़ा.+अ.) [सं-स्त्री.] एकमति; सहमति।
हमज़ात
(फ़ा.+अ.) [वि.] सजातीय; एक ही जाति का।
हमजोली
(फ़ा.+हिं.) [वि.] जो प्रायः साथ रहते हों; साथी; सखा।
हमदम
(फ़ा.) [वि.] वह जो अपने मित्र का आख़िरी दम तक साथ देता हो; अत्यंत घनिष्ठ (मित्र)।
हमदर्द
(फ़ा.) [सं-पु.] दर्द या विपत्ति में साथ देने वाला व्यक्ति; सहानुभूति रखने वाला व्यक्ति; दूसरे के दुख से द्रवित होने वाला व्यक्ति।
हमदर्दी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] हमदर्द होने की अवस्था, गुण या भाव; दूसरे के दुख से दुखी होने का भाव; सहानुभूति; दर्दमंदी।
हमनशीन
(फ़ा.) [वि.] हमनशीनी करने वाला; साथ में उठने-बैठने वाला।
हमनशीनी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] साथ में उठना बैठना; मुसाहिबत।
हमनाम
(फ़ा.) [वि.] एक ही या एक ही तरह का नाम रखने वाला।
हमनिवाला
(फ़ा.) [वि.] साथ बैठ कर भोजन करने वाला।
हमपहलू
(फ़ा.) [वि.] पहलू या बराबर में बैठने वाला; साथी।
हमपाया
(फ़ा.) [वि.] बराबरी की हैसियत वाला; बराबरी का दरजा रखने वाला।
हमपेशा
(फ़ा.) [वि.] एक ही पेशे से जुड़ा हुआ; सहव्यवसायी।
हमप्याला
(फ़ा.) [वि.] 1. एक ही प्याले में या एक साथ बैठ कर पीने वाला 2. करीबी दोस्त; घनिष्ठ मित्र।
हमबिस्तर
(फ़ा.) [वि.] 1. साथ-साथ एक ही बिस्तर पर सोने वाला 2. साथी; सहभागी।
हममकतब
(फ़ा.+अ.) [वि.] साथ-साथ शिक्षा पाने वाला; सहपाठी।
हममज़हब
(फ़ा.+अ.) [वि.] एक ही धर्म से ताल्लुक रखने वाला; सहधर्मी।
हमराज़
(फ़ा.) [सं-पु.] दोस्त; मित्र। [वि.] किसी के रहस्य या राज़ को जानने वाला।
हमराह
(फ़ा.) [अव्य.] साथ या संग में। [वि.] साथ चलने वाला; जो रास्ते या यात्रा में साथ चले।
हमराही
(फ़ा.) [सं-पु.] साथ चलने वाला; सहगामी।
हमल
(अ.) [सं-पु.] 1. गर्भ; भ्रूण 2. बोझ 3. भेड़ या बकरी का बच्चा 4. मेष राशि।
हमला
(अ.) [सं-पु.] आक्रमण; चढ़ाई; धावा; प्रहार; वार; चोट।
हमलावर
(अ.) [वि.] आक्रमण या प्रहार करने वाला; आक्रमणकारी; प्रहारक।
हमवतन
(फ़ा.+अ.) [सं-पु.] एक ही प्रदेश के रहने वाले लोग; देशभाई। [वि.] जो एक ही देश के रहने वाले हों।
हमवार
(फ़ा.) [वि.] एक-सा; बराबर; समान।
हमशक्ल
(फ़ा.+अ.) [वि.] 1. एक जैसी शक्ल या सूरतवाला 2. एक रूप; अनुरूप।
हमशीरा
(फ़ा.) [वि.] बहन; भगिनी।
हमसफ़र
(फ़ा.) [वि.] 1. एक साथ यात्रा करने वाला 2. एक साथ जीवन गुज़ारने वाला।
हमसायगी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. पड़ोस 2. पड़ोसी होने का भाव; पड़ोसी होने का धर्म।
हमसाया
(फ़ा.) [सं-पु.] पड़ोसी; प्रतिवेशी।
हमसिन
(फ़ा.+अ.) [वि.] बराबर की उमर वाला; सम-वयस्क; समान उम्र वाले।
हमसूरत
(फ़ा.) [वि.] जिसकी सूरत मिलती हो; समरूप; हमशक्ल।
हमाम
(अ.) [सं-पु.] दे. हम्माम।
हमारा
(सं.) [सर्व.] 'हम' का संबंध कारक रूप।
हमेशा
(फ़ा.) [क्रि.वि.] सदा; सदैव; हर वक्त।
हम्माम
(अ.) [सं-पु.] 1. स्नान का स्थान; स्नान घर; स्नानागार; नहाने का कमरा; स्थान; गुसलख़ाना 2. प्राचीन स्नानागारों का वह भीतरी कक्ष जिसमें गरम पानी की व्यवस्था
रहती थी।
हम्मामी
(अ.) [सं-पु.] हम्माम में लोगों को नहलाने वाला कर्मचारी।
हम्माल
(अ.) [सं-पु.] भार ढोने वाला मज़दूर; कुली।
हम्मीर
(सं.) [सं-पु.] 1. (संगीत) शंकराभरण और मारू के मेल से बना एक संकर राग 2. मध्यकाल में रणथंभौर गढ़ का एक शूरवीर चौहान राजा जो अलाउद्दीन खिलजी के साथ युद्ध करते
हुए मारा गया था।
हय
(सं.) [सं-पु.] 1. घोड़ा; घोटक; अश्व 2. इंद्र 3. धनु राशि 4. एक छंद का नाम।
हयग्रीव
(सं.) [सं-पु.] (पुराण) एक राक्षस जिसका वध मत्स्यावतार विष्णु द्वारा हुआ। [वि.] जिसकी गरदन घोड़े की गरदन की तरह हो।
हयन
(सं.) [सं-पु.] 1. वर्ष; साल 2. ढँकी हुई गाड़ी या पालकी।
हयनाल
(सं.) [सं-स्त्री.] घोड़ों द्वारा खींची जाने वाली तोप।
हयमुख
(सं.) [सं-पु.] 1. (मिथक) ऐसा काल्पनिक देश जहाँ घोड़े के मुँह वाले आदमी बसते हैं 2. (पुराण) और्व ऋषि का तेजस्वी क्रोध जो समुद्र में स्थित होकर बड़वानल कहलाता
है।
हयमेध
(सं.) [सं-पु.] अश्वमेध।
हयशाला
(सं.) [सं-पु.] घुड़सार; अस्तबल।
हया
(अ.) [सं-स्त्री.] अनुचित या अनैतिक काम करने से रोकने वाली लज्जा।
हयात
(अ.) [सं-स्त्री.] जीवन; ज़िंदगी।
हयाती
(अ.) [वि.] ज़िंदगी या जीवन संबंधी; प्राण संबंधी।
हयादार
(अ.+फ़ा.) [वि.] लज्जावान; लज्जाशील; लाज-शर्मवाला।
हयादारी
(अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] हयादार होने की अवस्था या गुण; लज्जाशीलता।
हयालय
(सं.) [सं-पु.] अस्तबल; घुड़साल; अश्वशाला।
हर1
(सं.) [सं-पु.] 1. शिव 2. हरण। [वि.] हरण करने वाला।
हर2
(फ़ा.) [वि.] हरेक; प्रत्येक, जैसे- हर छात्र के पास किताब थी।
हरकत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. शरारत; बुरा काम; करतूत 2. चेष्टा; गति; हिलना-डोलना।
हरकारा
(फ़ा.) [सं-पु.] संदेशवाहक; दूत; डाक ले जाने वाला; डाकिया।
हरख
(सं.) [सं-पु.] हर्ष; ख़ुशी; प्रसन्नता।
हरखना
[क्रि-अ.] हर्षित होना; प्रफुल्लित होना।
हरखाना
[क्रि-स.] प्रसन्न करना; ख़ुश करना।
हरगिज़
(फ़ा) [क्रि.वि.] कदापि; कत्तई; किसी भी हालत में (नकारात्मक अर्थ में प्रायः 'नहीं' के साथ प्रयुक्त; कभी, किसी दशा में भी, जैसे- हरगिज़ नहीं।
हरगिरि
(सं.) [सं-पु.] वह पर्वत जिसपर शिव का वास हो; कैलाश पर्वत।
हरजाई
(फ़ा.) [वि.] आवारा; मारा-मारा फिरने वाला; सभी जगह आने-जाने वाला; हर जगह घूमने वाला। [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार की गाली 2. व्याभिचारिणी स्त्री।
हरजाना
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] नुकसान के बदले में दी जाने वाली रकम; क्षतिपूर्ति।
हरण
(सं.) [सं-पु.] 1. छीन लेना 2. चुरा ले जाना 3. भगा ले जाना।
हरणीय
(सं.) [वि.] हरण करने योग्य; ले लेने या छीन लेने योग्य।
हरताल
(सं.) [सं-स्त्री.] पीले रंग का प्रसिद्ध खनिज पदार्थ जो दवा और रँगाई के काम आता है।
हरतालिका
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. दूब; दूर्वा 2. हिंदू स्त्रियों का तीज नामक त्योहार।
हरताली
[वि.] हरताल के रंग का; हरताल जैसा।
हरदम
(फ़ा.) [क्रि.वि.] हर समय; हमेशा; सदैव; प्रतिपल; प्रतिक्षण; नित्य; निरंतर; लगातार।
हरदिल अज़ीज
(फ़ा.) [वि.] सबका प्यारा; सर्वप्रिय; लोकप्रिय।
हरना
[क्रि-स.] 1. हरण करना; छीन लेना 2. आकृष्ट करना; लुभाना।
हरपा
[सं-पु.] सुनारों का तराज़ू रखने वाला डिब्बा।
हरपुजी
[सं-स्त्री.] कार्तिक मास में किसानों द्वारा की जाने वाली हल की पूजा।
हरफ़
(अ.) [सं-पु.] अक्षर; वर्ण।
हरफ़नमौला
(फ़ा.) [वि.] सब कामों में कुशल; बहुत होशियार; अनेक विधाएँ जानने वाला।
हरफा
[सं-पु.] लट्ठों आदि से घेर कर बनाई गई भूसा रखने की सुरक्षित जगह।
हरबा
(अ.) [सं-पु.] 1. हथियार; अस्त्र 2. पुरुष की लिंगेंद्रिय।
हरबोला
[सं-पु.] 1. मध्ययुगीन बुंदेलखंड क्षेत्र में हिंदू सैनिक को दिया गया एक नाम 2. घूम-घूमकर वीरों या राजाओं की गौरव गाथा का वर्णन करने वाला।
हरम
(अ.) [सं-पु.] 1. जनानाख़ाना 2. अंतःपुर। [सं-स्त्री.] 1. स्त्री; पत्नी 2. दासी; रखेली।
हरमनप्यारा
[वि.] हरदिल अज़ीज़; सबके मन को भाने वाला; सर्वप्रिय; लोकप्रिय।
हरमल
[सं-पु.] 1. एक झाड़ी जिसकी पत्तियाँ दवा बनाने के काम आती हैं और जिसके बीजों से लाल रंग भी निकलता है 2. इस झाड़ के बीजों से निकलने वाला लाल रंग।
हरवल्लभ
(सं.) [सं-पु.] संगीत के साठ मुख्य तालों में से एक।
हरशेखरा
(सं.) [सं-स्त्री.] शिव के सिर पर विराजमान गंगा।
हरसिंगार
(सं.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार का पेड़ जिसमें छोटे सुगंधित फूल लगते हैं 2. एक प्रकार का छोटा सुगंधित फूल; पारिजात।
हरहराना
[क्रि-अ.] हर-हर ध्वनि के साथ तेज़ी से बहना।
हरहराहट
[सं-स्त्री.] हर-हर करते हुए तेज़ी से बहने की आवाज़।
हरहा
[सं-पु.] हल में जोता जाने वाला बैल।
हरा
(सं.) [वि.] 1. घास या पत्ती के रंग का; हरित (ग्रीन) 2. तरोताज़ा 3. ख़ुश; प्रसन्न 4. अधपका (फल आदि)। [सं-पु.] नीले और पीले रंगों के मिश्रण से बनने वाला रंग;
हरा रंग।
हराठा
[वि.] हृष्टपुष्ट; ताकतवर; स्वस्थ; बलशाली।
हरानत
(सं.) [सं-पु.] किंवदंतियों के अनुसार रावण का एक नाम।
हराना
[क्रि-स.] 1. प्रतियोगिता, युद्ध आदि में प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ना या परास्त करना 2. किसी को दौड़ा-दौड़ाकर थकाना; पस्त करना 3. ऐसा काम करना जिससे कोई हार जाए।
हरापन
[सं-पु.] हरा होने की अवस्था या गुण; हरीतिमा।
हराभरा
(सं.) [वि.] 1. हरियाली से युक्त; हरियाली से भरा हुआ; ताज़ा 2. प्रफुल्ल; प्रसन्न।
हराम
(अ.) [वि.] 1. मनाही; निषिद्ध; अविहित 2. धर्मशास्त्र के अनुसार जो निषिद्ध हो 3. शरीअत के ख़िलाफ़ 4. अग्राह्य 5. अपवित्र 6. मुफ़्त। -करना :
किसी काम को कष्टदायक एवं मुश्किल कर देना।
हरामख़ोर
(अ.+फ़ा.) [वि.] 1. हराम की कमाई खाने वाला; आलसी; निकम्मा; मुफ़्तख़ोर 2. नमकहराम; पाप की कमाई खाने वाला।
हरामख़ोरी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. हराम की कमाई खाना; मुफ्तख़ोरी 2. नमकहरामी।
हरामज़ादा
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार की गाली 2. दोगला व्यक्ति; वर्णसंकर 3. दुष्ट; पाजी; बदमाश।
हरामी
(अ.) [वि.] 1. व्यभिचार करने वाला; व्यभिचार से उत्पन्न 2. हराम का; हराम संबंधी 3. दुष्टता की हद पार करने वाला; पाजी 4. एक प्रकार की गाली।
हरामीपन
(अ.+हिं.) [सं-पु.] दुष्टता; पाजीपन।
हरारत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. गरमी; ताप 2. हलका बुख़ार।
हरावल
(तु.) [सं-पु.] वह थोड़ी-सी सेना जो लश्कर के आगे चलती है; सेना का अगला भाग; सिपाहियों का वह दल जो फ़ौज में सबसे आगे रहता है; इस प्रकार आगे चलने वाली सेना के
सेनापति।
हरास
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. दुख; विषाद 2. भय; डर 3. आशंका; ख़तरा; खटका 4. निराशा; नाउम्मीदी।
हरि
(सं.) [सं-पु.] 1. विष्णु 2. सूर्य 3. इंद्र 4. ईश्वर; भगवान 5. शेर; सिंह 6. बौद्धों के अनुसार एक बहुत बड़ी संख्या। [वि.] 1. पीला; बादामी या भूरा 2. हरा;
हरापन लिए हुए पीला 3. ले जाने वाला; वहन करने वाला।
हरिकथा
(सं.) [सं-स्त्री.] हिंदू धर्म में ईश्वर और उसके अवतारों के गुण, यश, रूप आदि का वर्णन या बखान।
हरिकीर्तन
(सं.) [सं-पु.] हरि अथवा विष्णु के अवतारों का गुणगाण; भगवान का गुणगान; भगवद्भजन।
हरिकेश
(सं.) [वि.] भूरे रंग के बालों वाला। [सं-पु.] शिव।
हरिक्षेत्र
(सं.) [सं-पु.] पटना के पास स्थित एक तीर्थ; हरिहरक्षेत्र; सोनपुर।
हरिखंड
(सं.) [सं-पु.] मोरपंख; मोर का पंख।
हरिगंध
(सं.) [सं-पु.] पीला चंदन और उसका पेड़।
हरिगीतिका
(सं.) [सं-स्त्री.] मात्रिक सम छंद का एक भेद जिसके प्रत्येक चरण में 16,12 की यति से 28 मात्राएँ होती हैं।
हरिचंदन
(सं.) [सं-पु.] 1. कमल-पराग 2. केसर 3. चाँदनी 4. स्वर्ग स्थित पाँच प्रकार के पेड़ों में से एक।
हरिजन
(सं.) [सं-पु.] 1. भगवान का सेवक; भक्त 2. पददलित अस्पृश्य जातियों के लिए गाँधी जी द्वारा दिया गया नाम।
हरिण
(सं.) [सं-पु.] 1. मृग; हिरण 2. विष्णु 3. शिव 4. नाथों, सिद्धों और संतों द्वारा समान रूप से प्रयुक्त एक उपमान जिसमें प्रायः नायक की कल्पना हरिण के रूप में
की गई है और जैसे हरिण संगीत के प्रति आकृष्ट होता है, उसी तरह साधक कभी-कभी विषय के प्रति आसक्त हो जाता है।
हरिणाक्षी
(सं.) [वि.] हिरण जैसी आँखों वाली। [सं-स्त्री.] हिरण जैसी आँखों वाली सुंदरी।
हरिणी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. मादा हिरन; मृगी 2. हरा रंग 3. (कामशास्त्र) चित्रिणी नायिका।
हरित
(सं.) [सं-पु.] 1. हरा रंग; भूरा रंग 2. उक्त रंगों का पदार्थ 3. एक सुगंधित पौधा 4. पांडु रोग। [वि.] हरा; सब्ज़।
हरित-क्रांति
(सं.) [सं-स्त्री.] भारत में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चलाया गया एक अभियान, जिससे देश में खाद्यान्न का उत्पादन काफ़ी बढ़ गया; (ग्रीन रिवोल्यूशन)।
हरिताभ
(सं.) [वि.] हरियालीयुक्त; हरीतिमा की आभा से युक्त।
हरिद्वार
(सं.) [सं-पु.] उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ जो गंगा तट पर है; ऋषिकेश के पास का शहर।
हरिधाम
(सं.) [सं-पु.] (पुराण) हरिलोक; वैकुंठ; स्वर्ग।
हरिनाम
(सं.) [सं-पु.] 1. ईश्वर का नाम 2. विष्णु का आख्यान।
हरिपद
(सं.) [सं-पु.] 1. वैकुंठ 2. (काव्यशास्त्र) मात्रिक अर्द्धसम छंद जिसके पहले और तीसरे चरण में 16-16 मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे में 11-11 मात्राएँ होती हैं।
हरिप्रिया
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. (पुराण) विष्णु की प्रिया अर्थात लक्ष्मी 2. तुलसी 3. पृथ्वी 4. मधु; शहद 5. शराब 6. मात्रिक सम दंडक छंद।
हरिभक्त
(सं.) [सं-पु.] भगवान का भक्त; पुजारी।
हरिभक्ति
(सं.) [सं-स्त्री.] ईश्वर की भक्ति या उपासना; भगवान की पूजा।
हरिमास
(सं.) [सं-पु.] अगहन मास; अगहन का महीना।
हरिया
[सं-पु.] हल चलाने वाला; हलवाहा।
हरियान
(सं.) [सं-पु.] विष्णु का वाहन; गरुड़।
हरियाना
[क्रि-अ.] 1. हरा-भरा होना 2. ख़ुशहाली या रौनक आना। [क्रि-स.] 1. हरा-भरा करना 2. प्रसन्न करना; ख़ुशहाल बनाना।
हरियाली
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हरा-भरा होने का भाव 2. जंगल, खेत आदि में हरी वनस्पति अथवा पेड़-पौधों का समूह या विस्तार; हरी घास 3. हरा रंग।
हरिलीला
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. ईश्वर की लीला 2. वर्णिक छंदों में समवृत्त का एक भेद।
हरिवधू
(सं.) [सं-स्त्री.] वीरवधूटी; वीरांगना।
हरिश्चंद्र
(सं.) [सं-पु.] (पुराण) सूर्यवंश के एक प्रसिद्ध राजा जो बहुत बड़े सत्यनिष्ठ थे।
हरिस
[सं-स्त्री.] हल का वह मज़बूत लट्ठा या धजा जिसके एक सिरे पर फाल और दूसरे पर जुआ लगा होता है।
हरी
(सं.) [सं-स्त्री.] (काव्यशास्त्र) एक वर्णवृत्त जो चौदह वर्णों का होता है जिसके प्रत्येक चरण में जगण, रगण, जगण, रगण और अंत में लघु गुरु होते हैं।
हरीकेन
(इं.) [सं-पु.] 1. बवंडर; आँधी तूफ़ान 2. एक तरह की लालटेन।
हरीतकी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हर का वृक्ष; हड़; हर्रे 2. उक्त वृक्ष का फल।
हरीतिमा
(सं.) [सं-स्त्री.] हरियाली; हरापन।
हरीरा
(अ.+हिं.) [सं-पु.] 1. एक प्रकार का हलुआ 2. दूध में मेवे डालकर बनाया हुआ एक गाढ़ा पेय पदार्थ। [वि.] 1. हरा; सब्ज़ 2. हर्षित; प्रसन्न।
हरीश
(सं.) [सं-पु.] 1. बंदरों, वानरों का राजा; सुग्रीव 2. वानरों में श्रेष्ठ; हनुमान।
हरेक
(सं.) [वि.] हर-एक; प्रत्येक।
हरेवा
[सं-स्त्री.] बुलबुल की तरह की हरे रंग की एक चिड़िया।
हरौती
[सं-स्त्री.] एक प्रकार का वृक्ष।
हर्गिज़
(फ़ा.) [क्रि.वि.] दे. हरगिज़।
हर्ज
(अ.) [सं-पु.] 1. हानि; नुकसान 2. अड़चन; रुकावट; बाधा।
हर्जाना
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] दे. हरजाना।
हर्निया
(इं.) [सं-पु.] आँत उतरने की एक बीमारी; अंत्रवृद्धि।
हर्फ़
(अ.) [सं-पु.] दे. हरफ़।
हर्बल
(इं.) [वि.] 1. जड़ी-बूटियों से बना हुआ 2. औषधियों से संबंधित।
हर्ष
(सं.) [सं-पु.] 1. रोमांच; प्रसन्नता; आनंद; ख़ुशी; सुखात्मक भाव 2. (काव्यशास्त्र) संयोग शृंगार के अंतर्गत एक संचारी भाव।
हर्षध्वनि
(सं.) [सं-स्त्री.] ख़ुश होकर हँसने की आवाज़; तालियाँ और शोरगुल।
हर्षनाद
(सं.) [सं-पु.] ख़ुशी या प्रसन्नता के समय मुँह से ज़ोर से निकलने वाली आवाज़; अट्टहास।
हर्षयुक्त
(सं.) [वि.] ख़ुशी से भरा; उल्लसित।
हर्षातिरेक
(सं.) [सं-पु.] बेहद ख़ुशी; अत्यधिक आनंद।
हर्षावेश
(सं.) [सं-पु.] ख़ुशी की तरंग; मौज; हर्ष से विह्वल होने का भाव।
हर्षित
(सं.) [वि.] प्रसन्न; प्रफुल्ल; ख़ुश; आनंदित; आह्लादित। [सं-पु.] हर्ष; प्रसन्नता; ख़ुशी; आह्लाद।
हर्षोत्फुल्ल
(सं.) [वि.] ख़ुशी से फूला हुआ; प्रसन्नता में डूबा हुआ; आनंद से भरा हुआ।
हर्षोन्मत्त
(सं.) [वि.] आनंद और हर्ष से उन्मत्त; ख़ुशी से पागल।
हर्षोन्माद
(सं.) [सं-पु.] हर्ष का उन्माद; हर्ष या आनंद की उन्मादित अवस्था।
हर्षोन्मादी
(सं.) [वि.] 1. अत्यधिक प्रसन्नता से भरा हुआ 2. ख़ुशी के कारण सुध-बुध खो देने वाला; (एक्सटेसी)।
हर्षोल्लास
(सं.) [सं-पु.] आनंद; प्रसन्नता; हर्ष; रोमांच; उल्लास।
हल1
(सं.) [सं-पु.] 1. ज़मीन जोतने के लिए प्रयुक्त प्रसिद्ध उपकरण; खेत जोतने का एक साधन 2. भूमि की एक माप 3. (महाभारत) बलराम का शस्त्र।
हल2
(अ.) [सं-पु.] सुलझाव; खुलना; किसी समस्या का समाधान या उत्तर निकालना; कठिनाई का दूर होना; सवाल का जवाब; प्रश्न का उत्तर; (सोल्यूशन)।
हलंत
(सं.) [वि.] किसी वर्ण के आधे होने का एक सूचक चिह्न जो उस वर्ण के नीचे लगाया जाता है, जैसे- पश्चात्।
हलक
(अ.) [सं-पु.] 1. कंठ; गले की नली 2. गरदन।
हलकना
[क्रि-अ.] 1. पानी का हिलकोर मारना छलकना; हिलोरें लेना; लहराना 2. बरतन में भरे हुए जल का हिलने से शब्द करना; हिलना।
हलका1
(सं.) [वि.] 1. कम वज़न का; भार में कम 2. मात्रा में थोड़ा या कम 3. मामूली अथवा कम मूल्य वाला 4. पतला; झीना; महीन 5. थकान रहित; ताज़ा 6. ओछा; कमीना; नीच 7.
जो गाढ़ा, गहरा अथवा चटकीला न हो 8. सहज; सुगम।
हलका2
(अ.) [सं-पु.] 1. क्षेत्र; परिक्षेत्र; इलाका 2. परिधि; घेरा 3. पहिया; चक्का।
हलका-फुलका
(सं.) [वि.] 1. नाज़ुक; कमज़ोर 2. कम भार वाला; बहुत हलका।
हलकारी
[सं-स्त्री.] 1. कपड़े के रंग को पक्का करने की क्रिया 2. एक विशेष प्रकार के रंग से कपड़े के किनारे पर की छपाई।
हलचल
[सं-स्त्री.] 1. किसी कारण से लोगों के बीच फैली हुई अधीरता या शोरगुल 2. ख़लबली; घबराहट 3. तोड़-फोड़; उपद्रव; अराजकता; हड़कंप 4. हिलने-डोलने की क्रिया;
अस्थिरता।
हलधर
(सं.) [सं-पु.] 1. हल धारण करने वाला यानी बलराम 2. हलवाहा।
हलफ़
(अ.) [सं-पु.] शपथ; सौगंध; कसम।
हलफ़नामा
(अ.) [सं-पु.] हलफ़ी बयान का लिखित रूप; लिखा हुआ बयान; शपथपत्र; (एफ़ीडेविट)।
हलफ़िया
[वि.] शपथ या सौगंध से युक्त; कसमी; शपथपूर्वक दिया गया; हलफ़ी।
हलफ़ी
[वि.] शपथ या सौगंध से युक्त; कसमी; शपथपूर्वक दिया गया; हलफ़िया।
हलवा
(अ.) [सं-पु.] सूजी या आटे को घी में भून कर पानी या दूध में शक्कर के साथ पकाया गया एक पकवान; मोहनभोग।
हलवाइन
[सं-स्त्री.] 1. हलवाई का काम करने वाली स्त्री 2. हलवाई की पत्नी।
हलवाई
(अ.) [सं-पु.] 1. मिठाई बनाने और बेचने वाला 2. मिठाई बनाने और बेचने वाली जाति।
हलवाहा
[सं-पु.] हल चलाने वाला; हल से खेत जोतने वाला व्यक्ति (जो अमूमन खेत का मालिक न होकर भूमिहीन मज़दूर होता है)।
हलवाही
[सं-स्त्री.] 1. खेत में हल चलाने का काम 2. हल से खेत जोतने की मज़दूरी।
हलाई
[सं-स्त्री.] एक या अधिक हलों के एक फेरे में जुते हुए खेत का अंश; बाह।
हलाक
(अ.) [वि.] 1. मारा हुआ; हत 2. थका हुआ 3. मौत; काल; तबाही; बरबादी।
हलाकान
[वि.] परेशान; हैरान; तंग।
हलाल
(अ.) [वि.] 1. उचित; विहित; जायज़ 2. शरीअत के अनुकूल जिसका ग्रहण या भोग उचित हो। [सं-पु.] 1. शरीअत के अनुरूप पशु-वध 2. कत्ल; हत्या; जान से मारना।
हलालख़ोर
(अ.+फ़ा.) [वि.] धर्मानुमोदित काम करके जीविका चलाने वाला।
हलालख़ोरी
(अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] धर्मानुमोदित काम करके जीविका चलाना।
हलाहल
(सं.) [सं-पु.] 1. (पुराण) समुद्र-मंथन से प्राप्त एक भयंकर विष 2. एक विषैला पौधा 3. एक अत्यंत विषैला साँप; ब्रह्मसर्प 4. ज़हर; विष।
हली
(सं.) [वि.] 1. हलवाहा 2. किसान 3. बलराम।
हलीम
(अ.) [वि.] 1. जिसमें सहनशीलता हो; सहनशील 2. गंभीर और कोमल स्वभाव वाला।
हलुआ
(अ.) [सं-पु.] हलवा।
हल्
(सं.) [सं-पु.] वह चिह्न जिसे व्यंजन का विशुद्ध रूप सूचित करने के लिए उसके नीचे लगाया जाता है, जैसे- 'षड्यंत्र' में ड के नीचे लगा हुआ चिह्न, (्)।
हल्का
(सं.) [वि.] दे. हलका।
हल्दी
(सं.) [सं-स्त्री.] एक ऐसे पौधे की जड़ जो पीली होती है और यह मसाले, रंग, औषधि आदि के काम आती है।
हल्ला
[सं-पु.] 1. अनेक लोगों के बीच होने वाली बातचीत का सम्मिलित स्वर; कोलाहल; शोर 2. लड़ाई-झगड़े के कारण होने वाला शोर-शराबा 3. ललकार 4. हमला; धावा।
हल्ला-गुल्ला
[सं-पु.] शोरगुल; कोलाहल।
हवन
(सं.) [सं-पु.] 1. धार्मिक मान्यतानुसार देवताओं को प्रसन्न करने के लिए आग में घी, जौ आदि डालने की क्रिया; होम 2. अग्नि-कुंड 3. हवन करने का पात्र 4.
अग्निदेव; अग्नि।
हवनकुंड
(सं.) [सं-पु.] यज्ञ के समय हवि या आहुति डालने का कुंड।
हवलदार
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] 1. सेना का एक छोटा अधिकारी 2. पुलिस में सिपाही से ठीक ऊपर का अधिकारी 3. बादशाही ज़माने का कर-संग्रह करने वाला अधिकारी।
हवस
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. कामना; तीव्र इच्छा 2. लोभ 3. कामवासना।
हवा
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. कुछ गैसों (ख़ासकर नाइट्रोजन और ऑक्सीजन) के मेल से बना गैसीय आवरण जो भूमंडल को चारों ओर से घेरे हुए है; पवन; वायु; समीर 2. साँस 3. झूठी
ख़बर; अफ़वाह 4. भूत-प्रेतादि 5. फ़ैशन अथवा रीति का चलन 6. ज़माना 7. संबंधजन्य प्रभाव।
हवाई
(अ.) [वि.] 1. हवा या वायु से संबद्ध 2. हवा में रहने, होने, उड़ने या चलने वाला 3. पूर्णतः कल्पित; झूठ; निर्मूल।
हवाई-अड्डा
[सं-पु.] हवाई जहाज़ों के उतरने, रुकने या प्रस्थान करने का स्थान; (एयरपॉर्ट)।
हवाई किला
[सं-पु.] काल्पनिक मंसूबा; काल्पनिक उड़ान।
हवाई जहाज़
[सं-पु.] आसमान में उड़ने वाला जहाज़; वायुयान।
हवाई-डाक
(हिं.+इं.) [सं-स्त्री.] वह डाक या चिट्ठियाँ जो हवाई जहाज़ के द्वारा भेजी जाती हैं; (एयर मेल)।
हवाई पट्टी
[सं-स्त्री.] वह पट्टी जिसपर हवाई जहाज़ उतरता या उड़ान भरते समय दौड़ता है; (रनवे)।
हवाई बेड़ा
[सं-पु.] युद्धक या लड़ाकू विमानों का समूह।
हवाख़ोरी
(अ.) [सं-स्त्री.] टहलना; वायुसेवन।
हवागाड़ी
[सं-स्त्री.] हवा की तरह तेज़ दौड़ने वाली गाड़ी; मोटरगाड़ी।
हवाचक्की
[सं-स्त्री.] हवा के ज़ोर से चलने वाली चक्की; पवनचक्की।
हवादार
(अ.+फ़ा.) [वि.] हवा से युक्त; हवावाला।
हवादारी
(अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. हवा की भरपूर आवाजाही वाली ख़ासियत 2. हवादार बनाने की क्रिया या व्यवस्था; (वेंटिलेशन) 3. शुभचिंतना; ख़ैरख़्वाही।
हवापानी
[सं-पु.] 1. जलवायु; आबोहवा 2. मौसम।
हवाबंद
[वि.] जिसके अंदर न हवा प्रवेश कर सके न जिससे बाहर हवा निकल सके।
हवाबाज़
(अ.+फ़ा.) [वि.] लंबी-चौड़ी हाँकने वाला; हवाई बातें करने वाला।
हवामार
[वि.] हवा में मार करने वाला; हवाई हमले में प्रयुक्त।
हवाला
(अ.) [सं-पु.] 1. प्रमाण या साक्ष्य का उल्लेख 2. पता; निशान 3. सौंपने का कार्य; सुपुर्दगी 4. उदाहरण; दृष्टांत 5. धन का अनुचित लेन-देन।
हवालात
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. हिरासत, पहरे अथवा चौकसी में रखना 2. अपराध की सुनवाई से पूर्व अपराधी को बंदी बनाकर रखने का स्थानीय बंदीगृह; विचाराधीन कैदियों को रखने
का स्थान।
हवालाती
(अ.) [वि.] 1. हवालात संबंधी 2. जो हवालात में रखा गया हो। [सं-पु.] जेल में बंद कैदी।
हवास
(अ.) [सं-पु.] 1. चेतना; होश; सुध 2. ज्ञानेंद्रिय।
हवि
(सं.) [सं-पु.] 1. हवन 2. यज्ञ, हवन आदि में अग्नि में छोड़े जाने वाले आहुति के द्रव्य 3. घी 4. जल।
हविष्मती
(सं.) [सं-स्त्री.] कामधेनु, सभी कामनाओं को पूरा करने वाली परिकल्पित स्वर्ग की गाय।
हविष्मान
(सं.) [वि.] हवन करने वाला। [सं-पु.] 1. पितरों का एक विशेष वर्ग या गण 2. छठे मन्वंतर का एक सप्तर्षि 3. अंगिरा ऋषि का पुत्र।
हविष्य
(सं.) [वि.] 1. हवि के उपयुक्त या उसके लिए तैयार किया हुआ 2. हवि पाने के योग्य।
हविष्यान्न
(सं.) [सं-पु.] यज्ञादि में उपयोग में लाया जाने वाला विहित सात्विक अन्न या आहार, जैसे- जौ, तिल, मूँग, चावल आदि।
हविस
[सं-पु.] दे. हवस।
हवेली
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. महलनुमा शाही मकान 2. चहारदीवारी से घिरा बड़ा और पक्का मकान।
हव्य
(सं.) [वि.] यज्ञ, हवन आदि में अग्नि में छोड़ी जाने वाली आहुति के योग्य। [सं-पु.] 1. आहुति 2. घी; घृत।
हश्र
(अ.) [सं-पु.] 1. अंत; नतीजा; परिणाम 2. प्रलय; कयामत; कोलाहल 3. मुसलमानों, ईसाइयों आदि के मतानुसार वह अंतिम दिन जब सभी मृत व्यक्ति कब्रों से निकलकर ख़ुदा के
सामने उपस्थित होंगे और वहाँ उनके कर्मों का हिसाब होगा।
हसन1
(सं.) [सं-पु.] 1. हँसने की क्रिया या भाव 2. परिहास; मज़ाक; दिल्लगी।
हसन2
(अ.) [वि.] 1. अच्छा; नेक; भला 2. सुंदर; रूपवान 3. हज़रतअली के बड़े लड़के का नाम।
हसरत
(अ.) [सं-स्त्री.] हार्दिक इच्छा; दिली ख़्वाहिश; चाह; अरमान; लालसा।
हसीन
(अ.) [वि.] 1. ख़ूबसूरत; सुंदर 2. प्यारा; लुभावना।
हसीना
(अ.) [सं-स्त्री.] रूपवती स्त्री; सुंदरी।
हस्त
(सं.) [सं-पु.] 1. हाथ 2. एक नक्षत्र 3. छंद का कोई चरण या पद 4. हाथी की सूँड़।
हस्तक
(सं.) [सं-पु.] 1. हाथ 2. हाथ से बजाई जाने वाली ताली; करताल 3. नृत्य के दौरान हाथों की मुद्रा।
हस्तकला
(सं.) [सं-स्त्री.] हाथ से किया गया कलात्मक कार्य।
हस्तकौशल
(सं.) [सं-पु.] हाथ का कौशल; हाथ से काम करने की कुशलता।
हस्तक्षेप
(सं.) [सं-पु.] दूसरों के मामले या काम में दख़ल देना; दख़लअंदाज़ी।
हस्तगत
(सं.) [वि.] 1. मिला हुआ; हासिल हुआ; हाथ में आया हुआ 2. अधिकृत।
हस्तग्रह
(सं.) [सं-पु.] 1. काम में हाथ लगाना; हाथ में काम लेना 2. पाणिग्रहण; विवाह।
हस्तनिर्मित
(सं.) [सं-पु.] हाथ से बनाया गया कोई सामान; हाथ से बनाई गई वस्तु।
हस्तमुद्रा
(सं.) [सं-स्त्री.] नृत्य के दौरान हाथों के संचालन का विशेष ढंग या मुद्रा; हस्तक।
हस्तमैथुन
(सं.) [सं-पु.] आनंद एवं वीर्यपात करने के लिए हाथ से इंद्रिय को सहलाना।
हस्तरेखा
(सं.) [सं-स्त्री.] हथेली में बनी हुई रेखाएँ, जिनके आधार पर ज्योतिषी शुभ-अशुभ फल निकालते हैं।
हस्तलाघव
(सं.) [सं-पु.] हाथ से काम करने में दक्षता; हाथ की सफ़ाई या फुरती; हाथ की कुशलता।
हस्तलिखित
(सं.) [वि.] हाथ से लिखा हुआ या निर्मित (लेख या पांडुलिपि)।
हस्तलिपि
(सं.) [सं-स्त्री.] किसी के हाथ की लिखावट; (मेनुस्क्रिप्ट); पांडुलिपि; हस्तलेख; (हैंडराइटिंग)।
हस्तलेख
(सं.) [सं-पु.] हाथ की लिखावट; हस्तलिपि; (मेनुस्क्रिप्ट)।
हस्तांतरक
(सं.) [सं-पु.] वह जो कोई संपत्ति या संबंध के अधिकार आदि दूसरे को देता हो; (ट्रांसफ़रर)।
हस्तांतरकर्ता
(सं.) [सं-पु.] वह जो कोई संपत्ति या अधिकार दूसरे को हस्तांतरित करता है; हस्तांतरण करने वाला।
हस्तांतरण
(सं.) [सं-पु.] संपत्ति, सत्ता, शक्ति, अधिकार आदि का एक के हाथ से दूसरे के हाथ में आना अथवा दिया जाना; (ट्रांसफरेंस)।
हस्तांतरणीय
(सं.) [वि.] जिसका हस्तांतरण हो सकता हो; संक्राम्य; (ट्रांसफ़रेबल)।
हस्तांतरित
(सं.) [वि.] जो संपत्ति एक हाथ से दूसरे हाथ में गई हो; जिसका हस्तांतरण हुआ हो; (ट्रांसफर्ड)।
हस्तांतरिती
(सं.) [सं-पु.] वह जिसे कोई संपत्ति या अधिकार सौंपा जाए।
हस्ताक्षर
(सं.) [सं-पु.] पत्र, लेख आदि के नीचे लिखा गया अपना नाम; दस्तख़त; (सिग्नेचर)।
हस्ताक्षरकर्ता
(सं.) [सं-पु.] वह जिसने किसी संधि पत्र, आवेदन-पत्र आदि पर हस्ताक्षर किए हों; (सिग्नेटरी)।
हस्ताक्षरित
(सं.) [वि.] (ऐसा पत्र लेख आदि) जिसपर हस्ताक्षर किया गया हो; जिसपर किसी की दस्तख़त हो।
हस्तामलक
(सं.) [सं-पु.] वह चीज़ या बात जो (हथेली पर रखे आँवले की तरह) पूरी तरह स्पष्ट हो जाए।
हस्तिनापुर
(सं.) [सं-पु.] चंद्रवंशी राजा हस्ती द्वारा बसाया गया प्राचीन महाभारतकालीन नगर।
हस्तिनी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हथिनी; मादा हाथी 2. (कामशास्त्र) नायिका या स्त्री का एक प्रकार।
हस्तिमुख
(सं.) [सं-पु.] हाथी जैसे मुँह वाला यानी गणेश।
हस्ती1
(सं.) [सं-पु.] 1. हाथी 2. किंवदंतियों के अनुसार धृतराष्ट्र का एक पुत्र। [वि.] 1. कर-युक्त 2. सूँड़वाला 3. कार्यकुशल।
हस्ती2
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. अस्तित्व 2. व्यक्तित्व 3. संपत्ति 4. जीवन 5. प्रतिष्ठा।
हस्सान
(अ.) [वि.] बहुत ही ख़ूबसूरत; अत्यंत सुंदर।
हा
(सं.) [अव्य.] शोक, भय, दुख, क्रोध, घृणा आदि का सूचक शब्द।
हाँ
(सं.) [अव्य.] सहमति या स्वीकृति के लिए प्रयुक्त शब्द।
हाँक
[सं-स्त्री.] पुकार; किसी को बुलाने के लिए की जाने वाली ज़ोर की आवाज़।
हाँकना
[क्रि-स.] 1. जानवरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना 2. बैलगाड़ी, इक्का आदि वाहनों को चलाना 3. पंखा झलना 4. ऊँचे स्वर में किसी को बुलाना 5. बढ़ा-चढ़ाकर
बातें करना।
हाँका
[सं-पु.] 1. जंगली जानवरों को शिकार के लिए हाँक कर उपयुक्त जगह पर लाने का उपक्रम 2. पुकार; टेर; ललकार।
हाँगर
[सं-स्त्री.] समुद्री मछली जो मनुष्यों पर घातक हमले करती है; शार्क।
हाँड़ी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. मिट्टी का बना छोटा गोलाकार बरतन जिसमें खाने-पीने की चीज़ें पकाई जाती हैं; हँड़िया 2. उक्त आकार का शीशे का वह पात्र जिसमें मोमबत्ती
जलाते हैं।
हाँफना
[क्रि-अ.] शारीरिक श्रम या श्वास संबंधी किसी रोग के कारण साँस की गति का तीव्र हो जाना।
हाँफा
[सं-पु.] 1. हाँफने की क्रिया 2. हाँफने के समय श्वास का जल्दी-जल्दी चलने का क्रम 3. हाँफने का रोग।
हाइजीन
(इं.) [सं-पु.] स्वास्थ्य विज्ञान; स्वास्थ्य संबंधी शास्त्र।
हाइजैकर
(इं.) [सं-पु.] किसी वाहन और उसके सवार को बीच रास्ते से भगा ले जाने वाला; अपहरणकर्ता।
हाइजैकिंग
(इं.) [सं-पु.] वाहन और सवार का अपहरण।
हाइटेक
(इं.) [वि.] उच्च तकनीक से निर्मित; अत्याधुनिक ढंग से उत्पादित और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस।
हाइड्रोकार्बन
(इं.) [सं-पु.] (रासायनशास्त्र) हाइड्रोजन और कार्बन परमाणुओं के रासायनिक संयोग से बना यौगिक जिसका स्रोत पेट्रोल, कोयला और प्राकृतिक गैस है।
हाइड्रोजन
(इं.) [सं-पु.] एक हलकी रंगहीन गैस (हाइड्रोज़न और ऑक्सीज़न के संयोग से पानी बनता है)।
हाइड्रोफ़ोबिया
(इं.) [सं-पु.] पागल कुत्ते या गीदड़ के काटने से होने वाली बीमारी।
हाइड्रोलिक
(इं.) [वि.] जलशक्ति से चालित; जलचालित; द्रवचालित।
हाइड्रोलिक्स
(इं.) [सं-पु.] द्रवशक्ति विज्ञान; द्रव इंजीनियरी; बिजली बनाने के लिए जलशक्ति के उपयोग का विज्ञान।
हाइपरसोनिक
(इं.) [वि.] अतिध्वनिक।
हाइफ़न
(इं.) [सं-पु.] शब्दों का परस्पर संबंध बताने के लिए उनके बीच में लगाया जाने वाला एक चिह्न; योजक चिह्न (-)।
हाइवे
(इं.) [सं-पु.] 1. बड़ी सड़क 2. राजपथ; राजमार्ग 3. प्रमुख मार्ग।
हाई कमान
(इं.) [सं-पु.] 1. निर्णय लेने वाली सर्वोच्च समिति 2. किसी संस्था या समिति का सर्वोच्च अधिकारी या मुखिया।
हाई कोर्ट
(इं.) [सं-पु.] उच्च-न्यायालय।
हाई-फाई
(इं.) [सं-पु.] रिकार्ड किए संगीत को बजाने का उपकरण (जो उत्कृष्ट स्वर उत्पन्न करता है)। [वि.] उच्च क्षमता संपन्न।
हाईलाइट
(इं.) [वि.] (पत्रकारिता) 1. प्रमुखता से प्रदर्शित 2. मुख्य या विशेष अंश।
हाउस
(इं.) [सं-पु.] 1. घर; सदन 2. सभा।
हाउस ऐड
(इं.) [सं-पु.] (पत्रकारिता) अपनी ही संस्था की पत्र-पत्रिका में उसी पत्र-पत्रिका का विज्ञापन।
हाकिम
(अ.) [सं-पु.] 1. बड़ा अथवा प्रधान अधिकारी 2. हुकूमत करने वाला; शासक 3. हुक्म करने वाला।
हाकिमाना
(अ.+फ़ा.) [वि.] हाकिम के ढंग, तरह या प्रकार का।
हाकिमी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. हाकिम होने की अवस्था या भाव 2. हाकिम का पद।
हाजत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. ज़रूरत; आवश्यकता 2. इच्छा; ख़्वाहिश; चाह 3. मलत्याग करने की इच्छा 4. हिरासत; हवालात।
हाजतमंद
(अ.+फ़ा.) [वि.] हाजत या इच्छा रखने वाला; ख़्वाहिशमंद; ज़रूरतमंद; गरीब; दरिद्र।
हाजती
(अ.) [सं-स्त्री.] वह बरतन जिसमें रोगी चारपाई पर पड़ा-पड़ा मल-मूत्र आदि का त्याग करता है। [वि.] जिसे पेशाब या शौच करने की तीव्र इच्छा का अनुभव हो रहा हो।
हाज़मा
(अ.) [सं-पु.] 1. भोजन को पचाने की शक्ति; पाचन-शक्ति 2. पाचन क्रिया 3. {ला-अ.} किसी विजातीय पदार्थ या जन-समूह को आत्मसात करने की शक्ति या क्षमता।
हाज़िर
(अ.) [वि.] 1. उपस्थित; मौजूद; जो सामने हो; प्रस्तुत; विद्यमान 2. तैयार।
हाज़िर-जवाब
(अ.) [वि.] किसी बात का तत्काल जवाब देने वाला; जवाब देने में होशियार।
हाज़िरजवाबी
(अ.) [सं-स्त्री.] किसी बात का उत्तर तुरंत सोच लेने की क्षमता; हाज़िरजवाब होना।
हाज़िरबाश
(अ.+फ़ा.) [वि.] 1. सेवा में हमेशा हाज़िर रहने वाला 2. बड़े लोगों के साथ उठने-बैठने या उनकी संगति करने वाला।
हाज़िरात
(अ.) [सं-स्त्री.] (अंधविश्वास) ऐसी क्रिया जिससे भूत-प्रेत, जिन्न आदि को बुलाया जाता है और उनसे कई प्रश्न पूछे जाते हैं।
हाज़िरी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. हाज़िर रहने या होने की अवस्था या भाव 2. मौजूदगी; उपस्थिति 3. बड़ों के सामने जाना 4. न्यायालय आदि में मुकदमें की तारीख़ पर अभियुक्त, गवाह
तथा अन्य वांछित व्यक्तियों की उपस्थिति।
हाज़िरीन
(अ.) [सं-पु. उपस्थित लोग; हाज़िर जन (प्रायः संबोधन के रूप में प्रयुक्त)।
हाट
[सं-स्त्री.] 1. बाज़ार 2. बाज़ार लगने का दिन 3. दुकान।
हाड़
(सं.) [सं-पु.] 1. अस्थि; हड्डी 2. वंश की मर्यादा; कुलीनता।
हाड़तोड़
[वि.] 1. कठिन; दुर्धर्ष (मेहनत, प्रयास वगैरह) 2. हड्डीतोड़; ज़ोर का; ज़बरदस्त (बुख़ार)।
हाता
(सं.) [वि.] 1. हरण करने वाला 2. वध करने वाला; मारने वाला; नष्ट करने वाला; नाशक 3. दूर किया हुआ; परित्यक्त। [सं-पु.] चारदीवारी से घिरा हुआ स्थान; अहाता।
हातिम
(अ.) [सं-पु.] 1. न्यायाधीश; जज; काज़ी 2. एक प्रसिद्ध परोपकारी व्यक्ति। [वि.] 1. दाता; दानशील 2. उदार 3. अति परोपकारी 4. कुशल; उस्ताद।
हाथ
(सं.) [सं-पु.] 1. शरीर में भुजा से लेकर कलाई के नीचे पंजे तक का अंग; कर; हस्त 2. {ला-अ.} सहयोगी; कर्मचारी।
हाथ-तोड़
[सं-पु.] कुश्ती का एक दाँव।
हाथ-पान
[सं-पु.] पान के आकार का एक आभूषण, जो हाथ के पंजे के ऊपरी भाग में पहना जाता है।
हाथा
[सं-पु.] 1. खेतों से पानी उलीचने या खेतों में पानी डालने के लिए दो-तीन हाथ लंबा लकड़ी का एक उपकरण 2. तलवार से वार करने का एक ख़ास ढंग; तलवार का वार 3. शुभ
अवसरों पर दीवाल पर हाथ के पंजे से लगाई जाने वाली छाप।
हाथापाई
[सं-स्त्री.] हाथ और पाँव की सहायता से होने वाली मारपीट, झगड़ा या उठापटक।
हाथी
(सं.) [सं-पु.] 1. एक बहुत बड़ा प्रसिद्ध स्तनपाई चौपाया जो अपने विशाल आकार के कारण अन्य जानवरों से अलग होता है; गज 2. शतरंज का एक मोहरा।
हाथीख़ाना
[सं-पु.] फ़ीलख़ाना; हस्तिशाला; हाथियों के रहने की जगह।
हाथी-चक्र
[सं-पु.] औषधि या दवा के काम आने वाला एक पौधा।
हाथी-दाँत
[सं-पु.] 1. हाथी के मुँह की दोनों तरफ़ निकले सफ़ेद लंबे दाँत 2. {ला-अ.} दिखावे की चीज़।
हाथीनाल
[सं-स्त्री.] हाथी की पीठ पर रख कर ले जाई जाने वाली पुरानी तोप; गजनाल।
हाथीपाँव
[सं-पु.] बेडौल तरीके से पैरों के फूलने का रोग; फ़ीलपाँव।
हाथीवान
[सं-पु.] हाथी को नियंत्रित करने वाला सवार; महावत।
हादसा
(अ.) [सं-पु.] आपदा; दुर्घटना; विपदा।
हानि
(सं.) [सं-स्त्री.] नुकसान; क्षति; घाटा; अनिष्ट; अपकार; क्षय; कमी।
हानिकारक
(सं.) [वि.] हानि पहुँचाने वाला; हानिकर; नुकसानदेह।
हानि-लाभ
(सं.) [सं-पु.] व्यापार आदि में होने वाला नफ़ा-नुकसान।
हाफ़िज़
(अ.) [सं-पु.] 1. वह व्यक्ति जिसे कुरान कंठस्थ हो 2. रक्षक। [वि.] हिफ़ाजत करने वाला।
हामिद
(अ.) [वि.] 1. तारीफ़ करने वाला; प्रशंसा करने वाला 2. ईश्वर की स्तुति। [सं-पु.] सूखी घास; पुराना कपड़ा।
हामिल
(अ.) [वि.] भार या बोझ ढोने वाला; कोई चीज़ उठा ले जाने वाला।
हामिला
(अ.) [सं-स्त्री.] गर्भवती स्त्री।
हामी
(अ.) [सं-स्त्री.] हाँ करने की क्रिया; स्वीकृति। [वि.] हिमायत करने वाला; सहायक; पृष्ठपोषक।
हामीकार
(अ.+फ़ा.) [वि.] 1. हामी भरने वाला; हिमायती 2. मददगार।
हाय1
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. व्यथा; कष्ट 2. मानसिक और शारीरिक पीड़ा होने पर मुख से निकलने वाला शब्द 3. किसी को दी जाने वाली बददुआ। [अव्य.] दुख में अकसर मुख से
निकलने वाली एक ध्वनि।
हाय2
(इं.) [सं-पु.] हैलो; किसी से मिलने पर कहा जाने वाला शब्द।
हार1
[सं-स्त्री.] पराजय; असफलता।
हार2
(सं.) [सं-पु.] 1. फूलों आदि से निर्मित माला; पुष्पमाला 2. गले में लटकाकर पहना जाने वाला गहना।
हार-जीत
[सं-स्त्री.] हार और जीत; जय-पराजय; सफलता-विफलता।
हारना
[क्रि-अ.] 1. खेल, युद्ध, प्रतियोगिता, मुकदमा आदि में दूसरे पक्ष से पराजित होना 2. प्रयत्न में विफल होना। [क्रि-स.] गँवाना; खोना।
हारपून
(इं.) [सं-पु.] मछली मारने वाला भाला; काँटेदार बरछी।
हारबर
(इं.) [सं-पु.] 1. बंदरगाह 2. आश्रय स्थान।
हारमनी
(इं.) [सं-पु.] 1. संगीत के क्षेत्र से लिया गया शब्द जिससे ख़ासकर सुरों की संगति का बोध होता है, किंतु लक्षणा से संगति-मात्र का भिन्न और व्यापकतर अर्थ लिया
जाने लगा है 2. कला-साहित्य के क्षेत्र में संघटन, सामंजस्य और संतुलन के लिए इसका प्रयोग होता है।
हारमोन
(इं.) [सं-पु.] 1. मनुष्य तथा अन्य जीवों के शरीर में अंतश्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित विशिष्ट (रस) 2. शरीर की वृद्धि और विकास को प्रभावित करने वाला तत्व।
हारमोनियम
(इं.) [सं-पु.] एक संदूकनुमा विलायती बाजा जो भारतीय संगीत के क्षेत्र में काफ़ी लोकप्रिय है।
हारवेस्टर
(इं.) [सं-पु.] फ़सल काटने की मशीन।
हारा
(सं.) [वि.] जिसका कुछ छीन लिया गया हो या हरण कर लिया गया हो; जो अपना सब कुछ खो चुका हो।
हारावली
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. मोतियों की लड़ी 2. हारों का ढेर।
हारित
[वि.] 1. हरण कराया हुआ; छीना हुआ 2. नष्ट किया हुआ 3. परास्त 4. समर्पित 5. मुग्ध। [सं-पु.] 1. एक तरह का कबूतर 2. (पुराण) महर्षि विश्वामित्र का एक पुत्र 3.
एक प्रकार का छंद।
हारिल
[सं-पु.] एक पक्षी जो प्रायः अपने चंगुल में एक तिनका लिए रहता है।
हारी-बीमारी
[सं-स्त्री.] रहन-सहन और तन-मन की तकलीफ़; मन का संताप और शरीर का कष्ट।
हार्ट
(इं.) [सं-पु.] हृदय; दिल।
हार्ट अटैक
(इं.) [सं-पु.] हृदय की धड़कन रुक जाना; हृदयाघात।
हार्ट फेल
(इं.) [सं-पु.] दिल की धड़कन का बंद हो जाना; हृदयाघात।
हार्दिक
(सं.) [वि.] 1. हृदय संबंधी 2. हृदय से; दिली; आंतरिक।
हार्द्र
(सं.) [सं-पु.] 1. स्नेह; प्रेम 2. इच्छा; आकांक्षा; लालसा 3. दया; कृपा; अनुग्रह। [वि.] 1. हृदय का; हृदय संबंधी 2. हार्दिक।
हार्न
(इं.) [सं-पु.] भोंपा; भोंपू; संकेत ध्वनि।
हार्सपावर
(इं.) [सं-पु.] अश्वशक्ति; यंत्र के काम करने की शक्ति की इकाई।
हाल1
(सं.) [सं-स्त्री.] लकड़ी के पहिए पर चढ़ाया जाने वाला लोहे का पट्टा।
हाल2
(अ.) [सं-पु.] 1. दशा; अवस्था; स्थिति; परिस्थिति 2. वर्तमान काल 3. अवस्था या परिस्थिति का वर्णन।
हालचाल
(अ.+सं.) [सं-पु.] 1. कुशलमंगल; समाचार 2. स्वास्थ्य।
हालत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. दशा; अवस्था; स्थिति 2. समाचार 3. मौजूदा स्थिति या हैसियत; आर्थिक स्थिति।
हाल-बेहाल
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] हालत ख़राब होना; बदतर हालत में पहुँचना; बदहाल ज़िंदगी।
हाल-हवाल
[सं-पु.] 1. ख़ास तरह की दशा या अवस्था 2. उस दशा का वर्णन या वृतांत।
हाला
(सं.) [सं-स्त्री.] शराब; दारू; मद्य।
हालात
(फ़ा.) [सं-पु.] 'हाल' (स्थिति) का बहुवचन; दशाओं की समष्टि अथवा उनका सम्मिलित रूप।
हालावाद
(सं.) [सं-पु.] हाला अर्थात मदिरा, जिसके नशे और उससे होने वाली बेहोशी के आलम को साहित्य में क्षणवादी दर्शन के तौर पर इस्तेमाल कर हालावाद सामने आया। हालावाद
अपने मूल स्थान फ़ारस में एक प्रकार का सूफ़ी दर्शन है जिसका रूमी, उमर ख़ैयाम, हाफ़िज़, राबिया आदि शायरों ने रचनात्मक इस्तेमाल कर एक ख़ास तरह की रचनाधर्मिता का
परिचय दिया। हालावाद उसी का साहित्यिक रूप है। हिंदी साहित्य में इसके प्रणेता हरिवंशराय बच्चन थे।
हालिया
(अ.) [वि.] 1. हाल का; निकट अतीत का 2. हालत संबंधी।
हाव
(सं.) [सं-पु.] 1. परोक्ष आह्वान या पुकार 2. संस्कृत में अंगज अलंकार का एक भेद, किंतु हिंदी में संपूर्ण सात्विक अलंकारों के लिए इस शब्द का प्रयोग होता है 3.
नायिका द्वारा की जाने वाली आकर्षक और मोहक क्रियाएँ।
हावन
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] हाँड़ी या ओखली की तरह का वह पात्र जिसमें दवा आदि कूटी जाती है; खरल।
हावनदस्ता
(फ़ा.) [सं-पु.] धातु का बना एक ऐसा पात्र जिसमें कोई चीज़ रखकर कूटी जाती हो; खलबट्टा; खरल और मूसली।
हाव-भाव
(सं.) [सं-पु.] आकर्षक और कोमल चेष्टाएँ; मुग्ध करने के उद्देश्य से बनाया गया भाव; आंगिक चेष्टाओं के साथ भावों की लाक्षणिक अभिव्यक्ति; नाज़-नखरा।
हावी
(अ.) [वि.] अपनी चतुराई, शक्ति या छल से किसी पर काबू रखने वाला; घेरने वाला; दबाकर रखने वाला।
हाशिया
(अ.) [सं-पु.] 1. अंतिम किनारा; आख़िरी छोर; कोर 2. कपड़ों में टाँकी जाने वाली गोट अथवा मगज़ी 3. पन्ने अथवा पृष्ठ के चारों ओर का किनारा।
हाशियानशीन
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] (बड़े लोगों के) आसपास बैठने वाले; मुसाहिब।
हास
(सं.) [सं-पु.] 1. हँसने की क्रिया अथवा भाव; हँसी 2. प्रसन्नता; ख़ुशी 3. हास्य रस का स्थायी भाव जो वाणी, रूप आदि के विकारों को देख कर चित्त में विकसित होता
है।
हासक
(सं.) [सं-पु.] हँसाने वाला व्यक्ति; हँसोड़; विदूषक।
हासिद
(अ.) [वि.] 1. ईर्ष्यालु, हसद या डाह करने वाला 2. दुश्मन; शत्रु; बुरा चाहने वाला।
हासिल
(अ.) [सं-पु.] 1. किसी वस्तु का अवशेष 2. उपज; पैदावार 3. नतीजा; निचोड़ 4. भूमि का कर या लगान 5. उपलब्धि। [वि.] 1. जो कुछ शेष या बचा हो 2. जो कुछ हाथ लगा हो;
लब्ध; प्राप्त।
हासिल-जमा
(अ.) [सं-पु.] जोड़; कुल योग; मीज़ान।
हासिलात
(अ.) [सं-स्त्री.] उपलब्धियाँ; प्राप्तियाँ।
हास्य
(सं.) [सं-पु.] 1. हँसी; आनंद; प्रसन्नता 2. मज़ाक; दिल्लगी 3. उपेक्षा और निंदा से युक्त हँसी; उपहास 4. (काव्यशास्त्र) नौ रसों में से एक। [वि.] 1. हास संबंधी;
हास की 2. जिसपर व्यंग्य से हँसा जाता हो 3. जिसमें लोगों को हँसाने की योग्यता हो।
हास्यकथा
[सं-स्त्री.] हँसी लाने वाली कथा या कहानी।
हास्यकर
(सं.) [वि.] 1. हँसी करने वाला; हँसी उत्पन्न करने वाला; हँसाने वाला 2. जिसे देख या सुनकर हँसी आती हो; हास्यास्पद।
हास्य-पट्टी
(सं.) [सं-स्त्री.] (पत्रकारिता) पत्र-पत्रिकाओं में एक पट्टी के रूप में प्रकाशित तथा हास्य, व्यंग्य या रोमांच से परिपूरित चित्रमय वृतांत।
हास्यपात्र
(सं.) [सं-पु.] हँसी का पात्र व्यक्ति; हास्यास्पद व्यक्ति।
हास्यप्रिय
(सं.) [वि.] जिसे हँसना-हँसाना पसंद हो; मज़ाकिया।
हास्यप्रियता
(सं.) [सं-स्त्री.] हास्यप्रिय होने का भाव; हास-परिहास की प्रवृत्ति।
हास्यमय
(सं.) [वि.] हास्यपूर्ण; हास से भरा।
हास्य-रस
(सं.) [सं-पु.] साहित्य-शास्त्र में मान्य नौ रसों में परिगणित सर्वाधिक सुखात्मक प्रतीत होने वाला रस जिसकी उत्पत्ति शृंगार रस से मानी गई है और जिसका स्थायी
भाव हास है।
हास्यरसात्मक
(सं.) [वि.] 1. हास्यरस से संबंधित 2. हास्यरस से भरपूर।
हास्यरसिक
(सं.) [वि.] हास्यप्रिय; विनोदी; मज़ाकिया।
हास्यरहित
(सं.) [वि.] जिसमें हास्य न हो; शुष्क।
हास्यरूपक
(सं.) [सं-पु.] हँसाने वाली नाट्य-रचना; हास्य-रस प्रधान रूपक; प्रहसन।
हास्य-विनोद
(सं.) [सं-पु.] हँसी-मज़ाक।
हास्य-स्तंभ
(सं.) [सं-पु.] (पत्रकारिता) प्रायः नियमित रूप से हास्य-प्रधान मनोरंजक सामग्री को प्रकाशित करने वाला समाचारपत्र का स्तंभ।
हास्यास्पद
(सं.) [सं-पु.] 1. वह जिसे देखकर हँसी उत्पन्न हो; हास्य का विषय 2. उपहास का विषय; उपहासास्पद। [वि.] हँसी उत्पन्न करने वाला।
हास्योत्पादक
(सं.) [वि.] हँसी उत्पन्न करने वाला; हास्यकर।
हा-हा
[सं-पु.] 1. हँसी के उद्गार को व्यक्त करने वाला शब्द 2. करुण पुकार; दुहाई।
हाहाकार
(सं.) [सं-पु.] 1. रुदन का उच्च स्वर; भय, दुख या पीड़ा की स्थिति में ज़ोर से रोना-चिल्लाना 2. उथल-पुथल; कोहराम 3. घबराहट की स्थिति में चिल्लाहट।
हाहाकारी
(सं.) [वि.] हाहाकार उत्पन्न करने वाला। [सं-पु.] हाहाकार।
हिंगाष्टकचूर्ण
(सं.) [सं-पु.] पीपल, सोंठ, हींग, काली मिर्च, अजमोदा, स्याह जीरा, सफ़ेद जीरा और सेंधा नमक से बना एक पाचक चूर्ण।
हिंगु
(सं.) [सं-पु.] हींग।
हिंगोट
(सं.) [सं-पु.] एक जंगली झाड़दार और कँटीला पेड़ जिसके फलों से तेल निकलता है; इंगुदी।
हिंडन
(सं.) [सं-पु.] घूमना; चलना-फिरना; गतिशील होने की क्रिया। [सं-स्त्री.] पश्चिमी उत्त रप्रदेश में एक प्रसिद्ध नदी।
हिंडोल
(सं.) [सं-पु.] 1. पालना; झूला 2. भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक राग।
हिंडोला
(सं.) [सं-पु.] हिंडोल।
हिंताल
(सं.) [सं-पु.] जलाशयों के किनारे पाया जाने वाला खजूर की जाति का एक ख़ूबसूरत पेड़।
हिंद
(फ़ा.) [सं-पु.] भारतवर्ष; हिंदुस्तान
हिंदवाना
[सं-पु.] गरमी के मौसम का एक फल; तरबूज़।
हिंदवी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] हिंदी भाषा का एक पुराना रूप।
हिंदी
(फ़ा.) [सं-पु.] हिंद का निवासी; भारत में रहने वाला; भारतवासी। [सं-स्त्री.] 1. हिंद या हिंदुस्तान की भाषा 2. मुख्य रूप से सारे उत्तर-भारत और मध्य भारत की
भाषा 3. भारत की राष्ट्रभाषा 4. स्वतंत्र भारत की राजभाषा 5. देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली एक भारतीय भाषा। [वि.] हिंद या हिंदुस्तान का; हिंदुस्तान संबंधी;
भारतीय।
हिंदीकरण
(फ़ा.+सं.) [सं-पु.] हिंदी भाषा में अनुवाद या रूपांतर।
हिंदीतर
(फ़ा.+सं.) [वि.] हिंदी से इतर; हिंदी से भिन्न।
हिंदी वर्णमाला
(फ़ा.+सं.) [सं-स्त्री.] हिंदी वर्णों या अक्षरों की सूची; हिंदी वर्णक्रम।
हिंदुई
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] हिंदी भाषा का एक पुराना रूप; हिंदवी।
हिंदुकुश
(फ़ा.) [सं-पु.] अफ़गानिस्तान के उत्तर में अवस्थित और हिमालय से मिली हुई एक पर्वत श्रेणी।
हिंदुत्व
(फ़ा.+सं.) [सं-पु.] 1. हिंदू होने की अवस्था 2. हिंदू होने के आचार, विचार और व्यवहार 3. हिंदू धर्म।
हिंदुस्तान
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. भारत देश; भारतवर्ष 2. भारत का उत्तरी भाग जो गंगा-यमुना के दोआब के मध्य में पड़ता है, जिसे प्राचीन समय में अंतर्वेद या मध्यदेश कहते थे।
हिंदुस्तानी
(फ़ा.) [सं-पु.] हिंदुस्तान में रहने वाला व्यक्ति; भारतीय। [सं-स्त्री.] 1. हिंदुस्तान में बनी वस्तु 2. हिंदुस्तान की भाषा 3. हिंदुस्तान की संस्कृति। [वि.]
हिंदुस्तान संबंधी।
हिंदुस्तानी संगीत
[सं-पु.] उत्तर भारत में प्रचलित पद्धति या शैली का संगीत।
हिंसक
(सं.) [वि.] हिंसा करने वाला; दूसरों की बुराई चाहने और करने वाला; कष्ट पहुँचाने वाला; पीड़ित करने वाला; घातक।
हिंसा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्राणियों को मारने-काटने और शारीरिक कष्ट देने की वृत्ति; घात; मारण; हत्या 2. किसी को किसी प्रकार की हानि पहुँचाना 3. अनिष्ट अथवा
हानि; नाश।
हिंसाचार
(सं.) [सं-पु.] 1. हिंसक आचरण 2. हिंसा की गतिविधियाँ।
हिंसात्मक
(सं.) [वि.] 1. हिंसा से युक्त; जिसमें हिंसा हो 2. हिंसा करने वाला; बुराई करने वाला 3. हानिकारक।
हिंसामूलक
(सं.) [वि.] हिंसात्मक।
हिंसावृत्ति
(सं.) [सं-स्त्री.] हिंसक।
हिंसोन्मत्त
(सं.) [वि.] हिंसा के प्रति उन्मत्त।
हिंस्र
(सं.) [वि.] हिंसा करने वाला; हिंसक; घातक; खूँखार।
हिकमत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. हकीम का काम या पेशा; वैद्यक 2. कला-कौशल; निर्माण की बुद्धि 3. चतुराई का ढंग या चाल 4. तत्वज्ञान।
हिकमती
(अ.) [वि.] चालाक; चतुर।
हिकायत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. किस्सा; कहानी 2. बात।
हिकारत
(अ.) [सं-स्त्री.] तुच्छता; नफ़रत; घृणा; उपेक्षा।
हिचक
(सं.) [सं-स्त्री.] हिचकने की क्रिया; हिचकिचाहट; कोई काम करने से पहले मन में होने वाली हलकी रुकावट; संकोच; झिझक।
हिचकना
(सं.) [क्रि-अ.] 1. मन में उठने वाली आशंका के कारण किसी काम को करने से पहले थोड़ा ठहर जाना; झिझकना; आगा-पीछा करना 2. हिचकियाँ लेना।
हिचकिचाना
(सं.) [क्रि-अ.] मन में आगा-पीछा करना; किसी काम को करने के पहले मन में करें या ना करें का भाव उठना।
हिचकिचाहट
(सं.) [सं-स्त्री.] हिचक।
हिचकी
(सं.) [सं-स्त्री.] एक शारीरिक व्यापार जिसमें फेफड़े की वायु कुछ अटक-अटककर गले के रास्ते निकलने का प्रयत्न करती है।
हिचकोला
[सं-पु.] अचानक लगने वाला धक्का जिससे व्यक्ति उछल पड़े।
हिजड़ा
[सं-पु.] 1. ऐसा व्यक्ति जिसमें शारीरिक दृष्टि से स्त्री-पुरुष दोनों के कुछ-कुछ गुण, चिह्न, लक्षण एक जैसे हों, ऐसा व्यक्ति न पूर्णतः पुरुष होता है न स्त्री
2. संभोग अथवा मैथुन करने की क्षमता से रहित व्यक्ति; नपुंसक; क्लीव।
हिजरत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. अपने देश को छोड़कर दूसरे देश में बसना 2. संकट में देश का त्याग 3. हिजरी सन का प्रारंभ।
हिजरी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. वह सन जो हज़रत मुहम्मद के मक्का छोड़ने की तिथि के साथ जुड़ा है 2. हज़रत मुहम्मद का मक्का छोड़कर मदीना जाना।
हिजाब
(अ.) [सं-पु.] 1. परदा; ओट 2. लज्जा; शरम; लिहाज़।
हिज्जे
(अ.) [सं-पु.] वर्तनी।
हिज्र
(अ.) [सं-पु.] विरह; वियोग; जुदाई।
हिडेन एजेंडा
(इं.) [सं-पु.] किसी कार्य के पीछे का छुपा हुआ मकसद या उद्देश्य।
हित
(सं.) [सं-पु.] लाभ; फ़ायदा; भलाई; कल्याण; मंगल। [वि.] उपयुक्त; उपयोगी; लाभदायक; अनुकूल।
हितकर
(सं.) [सं-पु.] 1. वह जो हित करता या चाहता हो; शुभेच्छु 2. उपयोगी; लाभदायक 3. स्वास्थ्यवर्धक। [वि.] 1. हित करने वाला; हितेच्छु; हितकारक 2. उपयोगी; लाभप्रद।
हितकारक
(सं.) [वि.] 1. वह जो हित करता या चाहता हो; शुभेच्छु 2. उपयोगी; लाभदायक 3. स्वास्थ्यवर्धक। [वि.] 1. हित करने वाला; हितेच्छु; हितकर 2. उपयोगी; लाभप्रद।
हितकारी
(सं.) [वि.] 1. वह जो हित चाहता हो; शुभेच्छु 2. लाभदायक; उपयोगी 3. स्वास्थ्यवर्धक। [वि.] 1. हित करने वाला; हितेच्छु; हितकर 2. उपयोगी; लाभप्रद।
हितचिंतक
(सं.) [वि.] किसी की भलाई या उपकार की बात सोचने या चाहने वाला; कल्याण-कामना या ख़ैरख़याली करने वाला; शुभाकांक्षी; शुभचिंतक; ख़ैरख़्वाह।
हितवाद
(सं.) [सं-पु.] 1. हित या भलाई के विचार से किया गया कथन; हितवचन 2. वह विचारधारा जो हित, कल्याण की समर्थक हो।
हितसाधक
(सं.) [वि.] 1. हित साधने वाला; भला करने वाला; हितकर्ता 2. अपना स्वार्थ सिद्ध करने वाला।
हितसाधन
(सं.) [सं-पु.] 1. दूसरों का हित साधना; भलाई करना 2. स्वार्थ सिद्ध करना; अपने हित में काम करना।
हितहरिवंश
(सं.) [सं-पु.] राधावल्लभी संप्रदाय के संस्थापक संत और ब्रजभाषा के एक सुकवि।
हिताई
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हित या भला करने की क्रिया या भाव 2. नाता; रिश्ता; संबंध 3. संबंधी का घर या परिवार; रिश्तेदारी।
हिताकांक्षी
(सं.) [वि.] भला या हित चाहने वाला; हितचिंतक; शुभाकांक्षी।
हितार्थ
(सं.) [सं-पु.] हित के निमित्त; हित के लिए; हिताय।
हितार्थी
(सं.) [वि.] हित की कामना रखने वाला; भला चाहने वाला।
हिताहित
(सं.) [सं-पु.] हित और अहित; भलाई और बुराई; उपकार और अपकार।
हितेच्छा
(सं.) [सं-स्त्री.] हित की इच्छा; भलाई की कामना।
हितैषणा
(सं.) [सं-स्त्री.] शुभकामना; मंगलकामना।
हितैषी
(सं.) [सं-पु.] मित्र; दोस्त। [वि.] हित चाहने वाला; भला चाहने वाला; हितेच्छु।
हितोक्ति
(सं.) [सं-स्त्री.] मंगल कथन; शुभवचन; हित की बात।
हितोपदेश
(सं.) [सं-पु.] 1. सत्परामर्श; हितकारक उपदेश 2. नीतिशास्त्र-विषयक कथाओं से परिपूर्ण एक प्रसिद्ध भारतीय ग्रंथ, जिसके लेखक नारायण पंडित हैं।
हिदायत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. अनुदेश; आदेश; (इंस्ट्रक्शन) 2. राह दिखाना; रहनुमाई; पथ-प्रदर्शन।
हिदायतनामा
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] वह पत्र या किताब जिसमें किसी काम के बारे में हिदायतें लिखी हों; हिदायतों की सूची।
हिनहिनाना
[क्रि-अ.] घोड़े के द्वारा मुख से ध्वनि उत्पन्न करने की क्रिया।
हिनहिनाहट
[सं-स्त्री.] हिनहिनाने की क्रिया; हिनहिनाने की आवाज़।
हिना
(अ.) [सं-स्त्री.] एक पत्ती जिसके लेप से हाँथ-पैर रँगे जाते हैं; मेंहदी; मेंदिका; रक्तगर्भा; रक्तरंगा; नखरंजका।
हिनाबंदी
(अ.) [सं-स्त्री.] मुसलमानों की शादियों में होने वाली एक रस्म।
हिप्नोटाइज़
(इं.) [वि.] सम्मोहित; जिसका वशीकरण किया गया हो।
हिप्नोटिक
(इं.) [वि.] 1. सम्मोहक 2. निद्राजनक।
हिप्नोटिज़म
(इं.) [सं-पु.] सम्मोहन विद्या; वशीकरण मंत्र।
हिप्पोपोटामस
(इं.) [सं-पु.] दरियाई घोड़ा।
हिफ़ाज़त
(अ.) [सं-स्त्री.] किसी वस्तु का रख-रखाव; रखवाली; देख-रेख; निगरानी; सावधानी; किसी चीज़ को इस तरह रखना कि उसकी क्षति न हो; बचाव; रक्षा; सुरक्षा।
हिफ़ाज़ती
(अ.) [वि.] 1. हिफ़ाज़त संबंधी 2. हिफ़ाज़त या रक्षा करने वाला।
हिफ़्ज़
(अ.) [वि.] कंठस्थ; मुखाग्र। [सं-पु.] 1. रक्षा; हिफ़ाज़त 2. लिहाज़; अदब।
हिब्बा
(अ.) [सं-पु.] 1. इनाम; पुरस्कार; बख़्शिश 2. कौड़ी।
हिम
(सं.) [सं-पु.] बरफ़; तुषार; पाला। [वि.] शीतल; ठंडा।
हिमकण
(सं.) [सं-पु.] बरफ़ के कण; हिम के अति सूक्ष्म टुकड़े; जमी हुई बरफ़ के क्रिस्टलों के समूह।
हिमकर
(सं.) [सं-पु.] 1. चंद्रमा; चाँद 2. कपूर। [वि.] ठंडा या शीतल करने वाला।
हिमकाल
(सं.) [सं-पु.] हिमयुग; ऐतिहासिक विकास की प्राचीनतम अवस्थाओं में से एक।
हिमखंड
(सं.) [सं-पु.] 1. हिमालय 2. बरफ़ का टुकड़ा।
हिमताज
(सं.) [सं-पु.] हिमालय; हिमवान; हिम के शिखर वाला पर्वत या पर्वत-शिखर। [वि.] हिम के ताज (मुकुट) वाला।
हिमनद
(सं.) [सं-पु.] हिमानी; बड़े-बड़े हिमखंड जो अपने ही भार के कारण नीचे की ओर खिसकते रहते हैं; निम्न भूमि की ओर धीरे-धीरे बढ़ने वाला बरफ़ का एक विशाल संग्रह।
हिमपात
(सं.) [सं-पु.] वायुमंडल के जल के हिम बनने के कारण बरफ़ का धरती पर गिरना; ओले गिरना; पाले का पड़ना।
हिमप्रदेश
(सं.) [सं-पु.] वह स्थान या प्रदेश जो सदा बरफ़ से आच्छादित रहता है; हिममय प्रदेश।
हिमभंजक
(सं.) [वि.] बरफ़ को तोड़ने वाला; बरफ़ के टुकड़े करने वाला (यंत्र)।
हिममंडित
(सं.) [वि.] हिमाच्छादित।
हिममानव
(सं.) [सं-पु.] हिमालय की बरफ़ीली चोटियों पर प्राप्त होने वाला बड़े-बड़े पद चिह्नों वाला इंसान और बंदर के हाईब्रिड यानी वर्णसंकर की तरह दिखने वाला रहस्यमयी
प्राणी जो दो मीटर लंबा और भूरे बालों वाला होता है; येति; (स्नोमैन)।
हिमरेखा
(सं.) [सं-स्त्री.] पहाड़ों की ऊँचाई की वह सीमा जिसके ऊपर हमेशा बरफ़ जमी रहती है; (स्नो लाइन)।
हिमलिंग
(सं.) [सं-पु.] 1. लिंग की आकृति का हिम या बरफ़ का टीला 2. अमरनाथ गुफा में स्वतःनिर्मित बरफ़ का शिवलिंग।
हिमवान
(सं.) [वि.] बरफ़वाला; जिसमें बर्फ़ या पाला हो। [सं-पु.] 1. हिमालय 2. चंद्रमा।
हिमवृष्टि
(सं.) [सं-स्त्री.] हिमपात।
हिमशिला
(सं.) [सं-स्त्री.] बरफ़ की शिला; बरफ़ की चट्टान।
हिमशुभ्र
(सं.) [वि.] बरफ़ की तरह निर्मल या स्वच्छ; हिमधवल; हिमश्वेत।
हिमशैल
(सं.) [सं-पु.] 1. बरफ़ का पहाड़ 2. हिमालय पर्वत 3. सागर में तैरता पर्वत सदृश विशाल बरफ़ की चट्टानें या हिमखंड; (आइसबर्ग)।
हिमश्वेत
(सं.) [वि.] बरफ़ की तरह सफ़ेद; बरफ़ की तरह उज्ज्वल।
हिमस्खलन
(सं.) [सं-पु.] बरफ़ की चट्टानों या बड़े-बड़े हिमखंडों का खिसकना।
हिमांक
(सं.) [सं-पु.] वह तापमान या मापक अंक जिसमें कोई द्रव विशेषतः जल जमने लगता है; (फ़्रीज़िंग प्वाइंट)।
हिमांशु
(सं.) [सं-पु.] 1. शीतांशु; चंद्रमा; शशि 2. कर्पूर या कपूर। [वि.] हिम के समान शीतल किरण या अंशु वाला।
हिमाकत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. अनधिकार चेष्टा; धृष्टता 2. दुःसाहस; नासमझी; मूर्खता।
हिमाचल
(सं.) [सं-पु.] 1. हिम (बरफ़) का पहाड़ 2. हिमालय; नगराज 3. श्वेत कत्था (खदिर) का वृक्ष।
हिमाच्छादित
(सं.) [वि.] हिम से आच्छादित; बरफ़ से ढका हुआ।
हिमाद्रि
(सं.) [सं-पु.] हिमालय पर्वत।
हिमानिल
(सं.) [सं-पु.] बरफ़ीली हवा; तेज़ शीतलहर।
हिमानी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. बरफ़ का ढेर; हिमराशि 2. बरफ़ की विशाल राशि जो पहाड़ों पर से फिसलती हुई गिरती है।
हिमामदस्ता
(फ़ा.) [सं-पु.] लोहे का बना खरल और बट्टा; खलबट्टा।
हिमायत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. तरफ़दारी; पक्षपात 2. मदद 3. रखवाली; रक्षा।
हिमायतगर
(अ.+फ़ा.) [वि.] हिमायती।
हिमायती
(अ.) [वि.] तरफ़दारी करने वाला; पक्ष लेने वाला; पक्षधर।
हिमालय
(सं.) [सं-पु.] 1. हिम का घर 2. हिमालय पर्वत।
हिम्मत
(अ.) [सं-स्त्री.] साहस; पराक्रम; बहादुरी; वीरता। [मु.] -टूटना : उत्साह भंग होना। -हारना : आशा छोड़ देना।
हिम्मतवर
(अ.+फ़ा.) [वि.] हिम्मत वाला; हिम्मती; साहसी; बहादुर; वीर।
हिम्मती
(अ.) [वि.] साहसी; दृढ़; बहादुर; पराक्रमी।
हिय
(सं.) [सं-पु.] 1. हृदय; दिल; हिया 2. मन।
हिया
[सं-पु.] मन; हृदय; दिल; कलेजा। [मु.] -भर आना : हृदय का द्रवित या व्याकुल हो उठना। -पर पत्थर रखना : धैर्य-शक्ति बढ़ाना।
हिरण
(सं.) [सं-पु.] मृग; हिरन।
हिरणी
(सं.) [सं-स्त्री.] मादा हिरण; मृगी; हिरनी।
हिरण्य
(सं.) [सं-पु.] 1. सोना; सुवर्ण 2. शुक्राणु; वीर्य।
हिरण्यकश्यप
(सं.) [सं-पु.] (पुराण) एक दैत्य जो प्रह्लाद का पिता था, जिसे मारने के लिए विष्णु ने नरसिंह का अवतार धारण किया था।
हिरण्यगर्भ
(सं.) [सं-पु.] 1. प्राण; सूक्ष्म शरीर 2. (पुराण) वह दिव्यज्योति जो सृष्टि का सृजक मानी जाती है 3. ब्रह्मा।
हिरण्यनाभ
(सं.) [सं-पु.] 1. विष्णु 2. मैनाक पर्वत।
हिरण्याक्ष
(सं.) [सं-पु.] (पुराण) दैत्य हिरण्यकश्यप के भाई का नाम।
हिरन
(सं.) [सं-पु.] दे. हिरण।
हिरफ़त
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. कारीगरी; दस्तकारी; हस्तकौशल 2. हुनर; विद्या; गुण 3. व्यवसाय; पेशा 4. धूर्तता।
हिरफ़तबाज़
(अ.+फ़ा.) [वि.] कपटी; छली; धूर्त; चालबाज़।
हिरफ़ा
(अ.) [सं-पु.] कारीगरी; दस्तकारी; शिल्प; हस्तकौशल।
हिरमिजी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. एक प्रकार की लाल मिट्टी जो दीवार तथा वस्त्र-रँगाई के काम आती है; हिरौंजी 2. इस तरह की मिट्टी का-सा लाल रंग। [वि.] हिरमिजी के रंग का।
हिरासत
(अ.) [सं-स्त्री.] निगरानी; पहरा; अभिरक्षा; (कस्टडी)।
हिरासाँ
(फ़ा.) [वि.] 1. भयभीत; डरा हुआ 2. निराश; नाउम्मीद।
हिर्ज़
(अ.) [सं-पु.] 1. शरण लेने का स्थान; शरणगाह 2. तावीज़; रक्षा कवच।
हिर्स
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. लालच; तृष्णा; लोभ 2. उत्कट लालसा; वासना; हवस।
हिलकना
(सं.) [क्रि-अ.] 1. सिसकना 2. हिचकी लेना; हिचकना।
हिलकोर
(सं.) [सं-पु.] जल का हिलना-डुलना; जल की तरंग या लहर; हिल्लोल; हिलोर।
हिलकोरना
(सं.) [क्रि-स.] शांत जल में लहरें उत्पन्न करना; जल को तरंगित करना।
हिलगन
[सं-स्त्री.] 1. हिल-मिल जाने की क्रिया या भाव; हेल-मेल 2. प्रीति; प्रेम।
हिलगना
[क्रि-अ.] 1. हिल-मिल जाना; परचना; मेलजोल होना 2. चिपकना; सटना 3. उलझना।
हिलगाना
[क्रि-स.] 1. हिला-मिला देना; परचाना 2. मेलजोल कायम करना 3. चिपकाना; सटाना 4. उलझाना।
हिलना
[क्रि-अ.] 1. अपने स्थान से इधर-उधर होना 2. अस्थिर या चंचल होना 3. दृढ़ न रहना; डगमगाना 4. चलायमान होना 5. लहराना; झूमना 6. सरकना 7. काँपना।
हिलना-मिलना
[क्रि-अ.] 1. घुलना-मिलना; घुल-मिलकर एक हो जाना 2. मिलते-जुलते रहना; भेंट-मुलाकात करते रहना।
हिलाना
[क्रि-स.] 1. हिलने में प्रवृत्त करना 2. इधर-उधर करना 3. डिगाना; हटाना 4. कँपाना; भड़काना 5. झकझोरना।
हिला-मिला
[वि.] परिचित और अनुरक्त; घनिष्ठ।
हिलोर
(सं.) [सं-स्त्री.] जल में उठने वाली तरंग या लहर; हिल्लोल।
हिल्म
(अ.) [सं-पु.] 1. सहनशीलता; सहिष्णुता 2. स्वभाव की कोमलता; नाज़ुकमिज़ाजी।
हिल्लोल
(सं.) [सं-पु.] 1. लहर; तरंग 2. उमंग; मौज; मस्ती; मन की तरंग 3. धुन; सनक 4. हिंडोल राग।
हिल्लोलन
(सं.) [सं-पु.] 1. तरंगायन 2. नशे में चूर करने या होने का भाव 3. धुन; सनक की स्थिति।
हिल्लोलित
(सं.) [वि.] 1. तरंगायित; तरंगित 2. धुनी; किसी तरह की सनक में पड़ा हुआ 3. मस्त; अलमस्त; नशे में चूर; मदमस्त।
हिसाब
(अ.) [सं-पु.] 1. लेखा-जोखा; आर्थिक व्यवहार का विवरण; लेन-देन या ख़रीद-बिक्री का ब्योरा 2. गणित-विद्या 3. गणित का प्रश्न।
हिसाब-किताब
[सं-पु.] लेखा; लेन-देन; आय-व्यय का ब्योरा; बहीखाता; आर्थिक व्यवहार का विवरण।
हिसाबदाँ
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] लेखा-जोखा या हिसाब-किताब जानने वाला; हिसाबिया।
हिसाब-बही
[सं-स्त्री.] वह पुस्तिका जिसमें आय-व्यय का विवरण लिखा जाए; लेखा-पुस्तिका; (एकाउंट बुक)।
हिसाबिया
(अ.+हिं.) [सं-पु.] 1. हिसाब-किताब का अच्छा जानकार 2. आगा-पीछा सोच कर कोई काम करने वाला व्यक्ति।
हिसाबी
[वि.] 1. हिसाब करने वाला 2. हिसाब जानने वाला।
हिसाल्क
[सं-पु.] लाल गूदेदार और रसीले फूल वाला एक पौधा या बेल; (स्ट्रॉबेरी)।
हिस्टीरिया
(इं.) [सं-पु.] 1. एक स्नायविक रोग; मूर्छा रोग 3. उन्माद; अपतंत्रक।
हिस्ट्री
(इं.) [सं-पु.] 1. इतिहास 2. किसी विषय या घटना की पृष्ठभूमि या कथा।
हिस्ट्रीशीटर
(इं.) [वि.] 1. आपराधिक गतिविधियों वाला 2. जिसका पहले से आपराधिक रिकॉर्ड हो 3. जिसने बहुत सारे अपराध किए हों।
हिस्सा
(अ.) [सं-पु.] 1. अंश; खंड; भाग 2. अंग 3. विभाग 4. बाँट; बखरा।
हिस्सेदार
(अ.+फ़ा) [वि.] 1. जो हिस्सा पाने का अधिकारी हो; हक वाला; अंशी 2. साझी; साझेदार।
हिस्सेदारी
(अ.) [सं-स्त्री.] साझेदारी; भागीदारी।
ही
(सं.) [अव्य.] 1. किसी बात पर अधिक बल देने या निश्चय के लिए प्रयुक्त शब्द 2. मात्र; केवल।
हींग
[सं-स्त्री.] हिंगु नामक वृक्ष से निकलने वाले पौधे का निर्यास; हिंग।
हीट
(इं.) [सं-स्त्री.] ताप; गरमी; ऊष्मा; उष्णता।
हीटर
(इं.) [सं-पु.] ऊष्मावर्धक यंत्र; कमरे का तापमान बढ़ाने का विद्युत चालित उपकरण।
हीन
(सं.) [वि.] 1. अधम; नीच 2. तुच्छ; नगण्य 3. वर्जित; रहित।
हीनग्रंथि
(सं.) [सं-स्त्री.] अपने आप को दूसरों की तुलना में हीन मानने की वृत्ति।
हीनचरित
(सं.) [वि.] बुरे आचरण वाला; कदाचारी।
हीनता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हीन होने का भाव 2. नीचता 3. तुच्छता; ओछापन 4. बुराई 5. अभाव।
हीनबुद्धि
(सं.) [वि.] बुद्धिरहित; मूर्ख; मूढ़; दुष्ट बुद्धि वाला।
हीनभाव
(सं.) [सं-पु.] हीनता-ग्रंथि; हीन-ग्रंथि; अपने को हीन मानने का भाव।
हीनभावना
(सं.) [सं-स्त्री.] आत्मविश्वास की कमी का भाव; हीनभाव।
हीनयान
(सं.) [सं-पु.] बौद्ध धर्म की दो प्रारंभिक शाखाओं अथवा मार्गों (हीनयान और महायान) में से एक।
हीनार्थ
(सं.) [वि.] 1. गलत या बुरे अर्थ वाला 2. निष्फल; व्यर्थ; बिना लाभ का।
हीनावस्था
(सं.) [सं-स्त्री.] कमज़ोर स्थिति; ख़राब हालत; गिरी हुई हालत।
हीनोक्ति
(सं.) [सं-स्त्री.] किसी को कमतर आँकने वाली उक्ति या कथन; ख़राब उक्ति; कटूक्ति।
हीमोग्लोबीन
(इं.) [सं-पु.] 1. रुधिर वर्णिका 2. मानव शरीर में ख़ून बनाने के लिए आवश्यक तत्व 3. रुधिर में उपस्थित लाल रक्त कोशिकाएँ।
हीर
(सं.) [सं-पु.] 1. हीरा 2. वर्णिक छंदों में समवृत्त का एक भेद 3. मोतियों की माला 4. सार, अंश 5. शक्ति 6. वीर्य।
हीरक
(सं.) [सं-पु.] 1. वज्ररत्न; हीरा नामक रत्न 2. एक वृत्त (छंद)।
हीरकजयंती
(सं.) [सं-स्त्री.] जन्म, स्थापना, शासन, वैवाहिक जीवन आदि के साठवें वर्ष पर होने वाला उत्सव; साठवीं वर्षगाँठ; (डायमंड जुबिली)।
हीरा
(सं.) [सं-पु.] एक रत्न या बहुमूल्य पत्थर जो अत्यंत कठोर होता है और अपनी चमक के लिए प्रसिद्ध है; (डायमंड)।
हीरे-जवाहरात
(सं.) [सं-पु.] हीरे का आभूषण; हीरा रत्न जड़ित गहने; (डायमंड ज्वैलरी)।
हीरो
(इं.) [सं-पु.] 1. नायक; मुख्य पात्र; कथापुरुष 2. अभिनेता 3. शूरवीर; बहादुर; सूरमा।
हीरोइन
(इं.) [सं-स्त्री.] नायिका; मुख्य नारी पात्र; अभिनेत्री।
हील1
[सं-पु.] 1. पनाले आदि का गंदा कीचड़; गलीज़ 2. एक प्रकार का सदाबहार पेड़ जिसके तने से गोंद निकलता है; अरदल; गोरक।
हील2
(इं.) [सं-पु.] 1. जूते की एड़ी 2. पीछे लगना 3. कमीना 4. खुर 5. कुचलना।
हीला
(अ.) [सं-पु.] 1. बहाना; टालमटोल 2. धोखा; छल 3. काम; रोज़गार; वसीला।
हीला-हवाला
(अ.) [सं-पु.] टालमटोल; अगर-मगर; ना-नुकर करना।
हीलियम
(इं.) [सं-पु.] एक गंधहीन, रंगहीन हलकी गैस; यानाति।
ही-ही
[सं-स्त्री.] ज़ोर से हँसने की ध्वनि; तीव्र हँसी का स्वर 2. हीनता या तुच्छता को प्रदर्शित करते हुए हँसना। [मु.] -करना : निर्लज्जतापूर्वक
हँसना।
हुँह
[अव्य.] किसी बात पर एक तिरस्कार या अस्वीकृति सूचक अहंकारपूर्ण शब्द या भाव।
हुंकार
[सं-पु.] 1. दर्प या अहंकार से 'हूँ' ध्वनि उत्पन्न करने की क्रिया; गर्जना; ललकार 2. धनुष की टंकार।
हुंकारना
[क्रि-अ.] 1. हुंकार भरना; ललकारने के लिए ख़ास तरह की आवाज़ निकालना 2. डाँट-डपट के लिए ज़ोर का शब्द निकालना; ज़ोर से चिल्लाना।
हुंडी
[सं-स्त्री.] महाजनी चेक; एक प्रकार का हैंड-नोट; वह पत्र जो कोई महाजन किसी से कुछ ऋण लेने के समय उसके प्रमाणस्वरूप ऋण देने वाले को लिखकर देता है जिसपर यह
लिखा होता है कि यह धन इतने दिनों में ब्याज समेत चुका दिया जाएगा; (ड्राफ्ट, बिल या बिल ऑव एक्सचेंज)।
हुक
(इं.) [सं-पु.] 1. वह कील या कटिया जिसमें या जिससे कोई वस्तु फँसाई जाती है 2. कपड़े में बटन के स्थान पर प्रयुक्त कटिया।
हुकूमत
(अ.) [सं-स्त्री.] शासन; सत्ता; राज्य; प्रभुत्व; अधिकार।
हुक्का
(अ.) [सं-पु.] 1. तंबाकू पीने के लिए विशेष रूप से बना एक उपकरण जिससे गुड़-गुड़ की आवाज़ निकलती है; गुड़गुड़ी 2. ज़ेवर आदि रखने की डिबिया।
हुक्कापानी
[सं-पु.] जाति-बिरादरी में खान-पान का व्यवहार। [मु.] -बंद करना : किसी को जाति या बिरादरी से अलग करना; सामाजिक व्यवहार ख़तम करना।
हुक्काम
(अ.) [सं-पु.] 1. शासक वर्ग; अधिकारी वर्ग; हाकिम लोग।
हुक्म
(अ.) [सं-पु.] 1. आदेश; आज्ञा; इजाज़त 2. फ़ैसला 3. हुकूमत; अधिकार। [मु.] -चलाना : आज्ञा देना।
हुक्मउदूली
(अ.) [सं-स्त्री.] आज्ञा का उल्लंघन; हुक्म को न मानना।
हुक्मनामा
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] आदेशपत्र; वह पत्र जिसपर कोई आदेश या हुक्म लिखा हो।
हुक्मबरदार
(अ.+फ़ा.) [वि.] आज्ञानुसार काम करने वाला; आज्ञाकारी; आदेशपालक।
हुक्मबरदारी
(अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] आज्ञाकारिता; आज्ञानुसार काम करना; आज्ञापालन।
हुक्मी
(अ.) [वि.] 1. आज्ञा संबंधी; आज्ञाकारी 2. न चूकने वाला; अचूक; अमोघ (दवा या निशाना) 3. ख़ता न करने वाला।
हुजूम
(अ.) [सं-पु.] भीड़; जनसमूह; जनसैलाब।
हुज़ूर
(अ.) [सं-पु.] 1. संबोधन के लिए प्रयुक्त एक आदरसूचक शब्द; श्रीमान; महोदय 2. सामने आना; हाज़िर होना 3. आमना-सामना।
हुज़ूरी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. निकटता; नज़दीकी 2. उपस्थिति; विद्यमानता 3. सम्मुखता; सामना।
हुज्जत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. तर्क-वितर्क; दलील; बहस 2. विवाद; झगड़ा; कहा-सुनी।
हुज्जती
(अ.) [वि.] 1. हुज्जत या बहस करने वाला 2. झगड़ालू।
हुड़क
[सं-स्त्री.] 1. हुड़कने अथवा तड़पने की क्रिया या भाव 2. प्रिय चीज़ न मिलने पर की जाने वाली बच्चे की ज़िद।
हुड़दंग
[सं-पु.] हुल्लड़; हल्ला-गुल्ला; शोर; उधम; उपद्रव; हुड़दंगा।
हुड्ड
[वि.] उजड्ड; बेशऊर; मूढ़।
हुत
(सं.) [वि.] 1. आहुति के रूप में दिया हुआ; हवन किया हुआ 2. पूर्णतः समर्पित। [सं-पु.] हवन या आहुति की वस्तु।
हुताग्नि
[सं-स्त्री.] हवन की अग्नि; यज्ञ की अग्नि। [सं-पु.] हवन करने वाला; अग्नि में आहुति डालने वाला।
हुतात्मा
(सं.) [सं-पु.] अच्छे कार्य में स्वयं की बलि देने वाला व्यक्ति; शहीद।
हुदहुद
(अ.) [सं-पु.] कठफोड़वा नामक पक्षी; खुटबढ़ई।
हुनर
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. कला; कारीगरी 2. कोई काम करने का कौशलपूर्ण गुण; दक्षता।
हुनरमंद
(फ़ा.) [वि.] हुनरवाला; कला-कुशल; कौशलपूर्ण गुण; किसी कला में दक्ष; निपुण; जो किसी हुनर या कला का जानकार हो।
हुनरमंदी
(फ़ा) [सं-स्त्री.] कारीगरी; कुशलता; निपुणता।
हुमक
[सं-स्त्री.] 1. इठलाहट; हुमकने या हुमचने की क्रिया 2. अल्हड़ता से चलने की क्रिया।
हुमकना
(सं.) [क्रि-अ.] 1. आनंद के अतिरेक से उछलना-कूदना; उल्लसित होना 2. छोटे बच्चों का अल्हड़ता से चलना 3. चोट करने के लिए पैर को तत्परता से उठाना 4. पूरा ज़ोर
लगाकर पैर से किसी वस्तु को उछालना।
हुमसना
(सं.) [क्रि-अ.] उल्लसित होना; उमंग में आना।
हुमा
(फ़ा.) [सं-पु.] एक कल्पित पक्षी (ऐसी मान्यता है कि यह जिसके सिर पर से जाता है वह व्यक्ति राजा हो जाता है)।
हुमायूँ
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. एक मुगल शासक जो अकबर का पिता था 2. भाग्यशाली व्यक्ति। [वि.] मंगलमय; शुभ; मुबारक।
हुलस
(सं.) [सं-पु.] आनंद की उमंग; आनंद; उमंग।
हुलसना
(सं.) [क्रि-अ.] आनंद से उमंगित होना; प्रसन्नचित्त होना; उल्लसित होना।
हुलसाना
(सं.) [क्रि-स.] आनंदित करना; उल्लसित करना।
हुलसित
(सं.) [वि.] आनंद की उमंग से युक्त; अत्यंत प्रसन्न; प्रसन्नचित्त; आनंदित।
हुलास
(सं.) [सं-पु.] 1. मन की उमंग 2. उत्साह। [सं-स्त्री.] नस्य; सुँघनी।
हुलासदानी
[सं-स्त्री.] सुँघनीदानी; सुँघनी रखने का डिब्बा।
हुलिया
(अ.) [सं-पु.] 1. मुखाकृति और शरीर की बनावट; चेहरा और उसका रूप-रंग 2. शक्ल-सूरत का ब्योरा।
हुलियानामा
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] रूप-रंग के विवरण वाला पत्र; हुलिया बताने वाला विवरण-पत्र।
हुल्लड़
[सं-पु.] हो-हल्ला; शोरगुल; कोलाहल; उधम; उत्पात; उपद्रव; गड़बड़; दंगा-फ़साद।
हुल्लड़बाज़
[वि.] हुल्लड़ मचाने वाला; हल्ला-दंगा करने वाला; उत्पाती; उपद्रवी; दंगाई; फ़सादी।
हुल्लड़बाज़ी
[सं-स्त्री.] हुल्लड़ मचाने वाली गतिविधियाँ; अराजक ढंग से किया जाने वाला शोरगुल, हो-हल्ला, उत्पात; उपद्रव।
हुसैन
(अ.) [सं-पु.] 1. अच्छा; सुंदर 2. हज़रत अली के छोटे पुत्र का नाम जिन्होंने यज़ीद का शासन स्वीकार नहीं किया था जिसके कारण उन्हें करबला के युद्ध में शहीद किया
गया था; मुसलमानों के तीसरे इमाम।
हुस्न
(अ.) [सं-पु.] शारीरिक सौंदर्य; लावण्य; सुंदरता।
हुस्न-परस्त
(अ.) [वि.] सौंदर्य प्रेमी; सौंदर्योपासक; हुस्न की पूजा करने वाला।
हुस्ना
(अ.) [सं-स्त्री.] अत्यंत सुंदर स्त्री; अपूर्व सुंदरी।
हुस्नेमतला
(अ.) [सं-पु.] ग़ज़ल में मतले और पहले शेर के बाद मतले की तरह का ही दूसरा शेर जिसके दोनों चरणों में अनुप्रास हो।
हूँ
[अव्य.] 1. किसी बात पर एक स्वीकृति सूचक अक्षर 2. किसी बात को सुनते समय अपनी सचेतता प्रकट करने का शब्द। [क्रि-अ.] वर्तमानकालिक क्रिया 'है' का उत्तमपुरुष
एकवचन रूप, जैसे- मैं हूँ।
हूक
(सं.) [सं-स्त्री.] हृदय में एकाएक उठी पीड़ा या कसक; मानसिक पीड़ा।
हूकना
[क्रि-अ.] 1. कसक या पीड़ा होना; शूल उठना 2. पीड़ा या तकलीफ़ से चौंकना।
हूटिंग
(इं.) [सं-स्त्री.] 1. चिल्लाहट 2. तिरस्कार करके और शोरगुल करके किसी को काम करने से रोकना या खदेड़ना 3. भोंपू की आवाज़।
हूण
[सं-पु.] 1. एक प्राचीन आक्रामक मंगोल जाति 2. {ला-अ.} उजड्ड और क्रूर व्यक्ति।
हूत
(सं.) [वि.] बुलाया हुआ; आमंत्रित; आहूत।
हू-ब-हू
[वि.] ठीक वैसा ही; ज्यों-का-त्यों; किसी के बिल्कुल अनुरूप, सदृश अथवा समान।
हूर
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. स्वर्ग की अप्सरा 2. बहुत गोरी और सुंदर स्त्री। [वि.] अत्यंत सुंदर।
हृत
(सं.) [वि.] हरित; छीना हुआ; हरण किया हुआ; चुराया हुआ; रहित या वंचित किया हुआ।
हृतकंपन
(सं.) [सं-पु.] हृदय-स्पंदन; दिल की धड़कन।
हृतपीड़ा
(सं.) [सं-स्त्री.] हृदयव्यथा; दिल की तकलीफ़।
हृतमानस
(सं.) [वि.] हृतमन; बेसुध; बेहोश; संज्ञाहीन।
हृति
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हरण; वंचना 2. नाश; ध्वंस।
हृत्तल
(सं.) [सं-पु.] हृदय; दिल; कलेजा।
हृत्ताप
(सं.) [सं-पु.] हृदय का संताप; दिल का दुख या कष्ट।
हृत्प्रिय
(सं.) [वि.] दिल को भाने वाला; हृदय को प्रिय लगने वाला।
हृदय
(सं.) [सं-पु.] 1. एक अंग जो मानवों में छाती के मध्य में, थोड़ी-सी बाईं ओर स्थित होता है और एक मिनट में लगभग 60-90 बार धड़कता है; दिल; (हार्ट) 2. एक पेशीय
अंग जो सभी कशेरुकी जीवों में आवृत्त तालबद्ध संकुचन के द्वारा शुद्ध रक्त का प्रवाह शरीर के सभी भागों तक पहुँचाता है 3. अंतःकरण; मन 4. आत्मा; सार तत्व।
हृदयंगम
(सं.) [वि.] 1. अच्छी तरह समझा हुआ 2. ठीक से याद किया हुआ; हृदयगत।
हृदयक्षोभ
(सं.) [सं-पु.] मन की अशांति; दिल की बेचैनी।
हृदयगत
(सं.) [वि.] 1. हार्दिक; हृदय संबंधी 2. हृदय में स्थित 3. आंतरिक; अंदरूनी।
हृदयगति
(सं.) [सं-पु.] हृदयस्पंदन; प्रति मिनट हृदय की धड़कन की संख्या; प्रति मिनट हृदय का संकुचन एवं प्रसारण।
हृदयग्राही
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. रुचिकर; दिलचस्प 2. मनोरंजक 3. मनोहर; मनोरम 4. सुंदर; ख़ूबसूरत।
हृदयचित्र
(सं.) [सं-पु.] 1. हृदय में उमड़ते भावों का शब्दों में चित्रण 2. हृदय में किसी की छवि निर्मित करना; हृदय में बसाना।
हृदयचोर
(सं.) [सं-पु.] दिल चुराने वाला; रसिया; प्रेमी; चितचोर।
हृदयदाह
(सं.) [सं-पु.] दिल की जलन; विदग्धता।
हृदयदौर्बल्य
(सं.) [सं-पु.] हृदय की दुर्बलता; दिल की कमज़ोरी।
हृदयद्रावक
(सं.) [वि.] हृदय को द्रवित कर देने वाला; दिल को उद्वेलित कर देने वाला।
हृदयपट
(सं.) [सं-पु.] हृदय रूपी पट; हृदय-पटल; मर्मस्थल।
हृदयपरिवर्तन
(सं.) [सं-पु.] 1. हृदयवृत्ति या मनोवृत्ति में आमूल परिवर्तन; किसी अहम मसले पर दिल-दिमाग के रुख में अप्रत्याशित बदलाव 2. द्वेषभाव छोड़कर किसी के प्रति मन में
होने वाला सद्भाव।
हृदयप्रतिरोपण
(सं.) [सं-पु.] (शल्य विज्ञान) कृत्रिम या दूसरे का हृदय प्रतिरोपित करने की क्रिया।
हृदयमंथन
(सं.) [सं-पु.] हृदय का आलोड़न; तीव्र भावनात्मक आवेग, किसी बात को लेकर गहरा चिंतन-मनन।
हृदयरोग
(सं.) [सं-पु.] हृदय की बीमारी; हृदय व्याधि; हृदय में होने वाला रोग; (हार्ट डिज़ीज़)।
हृदयरोगी
(सं.) [सं-पु.] वह जो हृदय की व्याधि से पीड़ित हो; हृदय रोग से ग्रसित।
हृदयवान
(सं.) [वि.] 1. सहृदय; संवेदनशील 2. उदार; दिलदार।
हृदयविज्ञान
(सं.) [सं-पु.] हृदय या हृदय संबंधी रोगों का अध्ययन करने वाला शास्त्र; (कार्डियोलॉजी)।
हृदयविदारक
(सं.) [वि.] दिल दहलाने वाला; हृदय को विदीर्ण कर देने वाला; शोक उत्पन्न करने वाला।
हृदयवृत्ति
(सं.) [सं-स्त्री.] हृदय या मन की प्रवृत्ति; स्वभाव।
हृदयवेधक
(सं.) [वि.] हृदय को वेधने वाला; मर्म को आहत करने वाला; मर्मवेधी; व्यथित कर देने वाला।
हृदयशून्य
(सं.) [वि.] 1. निष्ठुर; हृदयहीन; क्रूर 2. अरसिक।
हृदयस्थ
(सं.) [वि.] 1. हृदय में स्थित; दिल में विराजमान 2. {ला-अ.} बहुत ही निकट।
हृदयस्थल
(सं.) [सं-पु.] 1. वक्षस्थल; छाती 2. किसी शहर या तीर्थ का सबसे प्रिय या प्रसिद्ध स्थल 3. मुख्य स्थल।
हृदयस्पर्शी
(सं.) [वि.] दिल को छू लेने वाला; मर्मस्पर्शी।
हृदयहारी
(सं.) [वि.] दिल जीत लेने वाला; मनोरम; मनोहारी।
हृदयहीन
(सं.) [वि.] हृदय से हीन; क्रूर; निष्ठुर।
हृदयाघात
(सं.) [सं-पु.] दिल का दौरा; (हार्ट-अटैक)।
हृदयातिपात
(सं.) [सं-पु.] हृदय की गति का रुक जाना; दिल की धड़कन का बंद हो जाना।
हृदयालु
(सं.) [वि.] नरमदिल; सहृदय; भावुक।
हृदयावेग
(सं.) [सं-पु.] हृदय का आवेग या उद्वेलन; भावावेश।
हृदयेश
(सं.) [वि.] 1. हृदय का स्वामी; हृदय में सदैव निवास करने वाला; परम प्रिय व्यक्ति 2. प्रेमी 3. पति।
हृदयेश्वर
(सं.) [सं-पु.] 1. हृदय का स्वामी; हृदयेश 2. प्रियतम 3. पति 4. इष्टदेव।
हृदयोन्माद
(सं.) [सं-पु.] हृदय के उन्मत्त होने की अवस्था; भावविह्वलता।
हृदयोन्मादी
(सं.) [वि.] उन्मत्त; विह्वल; अत्यंत भावुक।
हृषीकेश
(सं.) [सं-पु.] 1. हरिद्वार के निकट स्थित एक तीर्थ स्थान 2. इंद्रियों का स्वामी 3. पौष मास; पूस का महीना 4. (पुराण) कृष्ण; विष्णु।
हृष्ट
(सं.) [वि.] 1. हर्षित; आनंदित; प्रसन्न 2. रोमांचित 3. कुंठित 4. लोचहीन; कड़ा।
हृष्टचित्त
(सं.) [वि.] स्वस्थचित्त; प्रसन्नचित्त।
हृष्ट-पुष्ट
(सं.) [वि.] हट्टा-कट्टा; तगड़ा; स्वस्थ; तंदुरुस्त।
हे
(सं.) [अव्य.] संबोधनसूचक शब्द, जैसे- हे राम, हे प्रभु।
हेंगा
[सं-पु.] जोती हुई ज़मीन बराबर करने का उपकरण; जोती हुई ज़मीन को बराबर करने हेतु बनाया गया लकड़ी या लोहे का बड़ा समतल पटेला या पटरा; पाटा।
हें-हें
[सं-पु.] 1. दीनतापूर्वक हँसने की ध्वनि 2. गिड़गिड़ाहट 3. बेशरमी।
हेकड़
[वि.] 1. अक्खड़; अकड़ दिखाने वाला 2. उद्धत; उजड्ड; अशिष्ट; बदतमीज़।
हेकड़ी
[सं-स्त्री.] 1. हेकड़ होने का भाव; अकड़; अशिष्टता; उजड्डपन; उद्धतता; उग्रता; अक्खड़पन 2. ज़बरदस्ती; ज़बरन कुछ करने की प्रवृत्ति।
हेठ
[वि.] हेठा।
हेठा
[वि.] 1. तुच्छ; हीन; छोटा 2. नीचा 3. हलका।
हेठापन
[सं-पु.] 1. तुच्छता; हीनता; छोटापन; क्षुद्रता 2. नीचता 3. हलकापन।
हेठी
(सं.) [सं-स्त्री.] प्रतिष्ठा में कमी; मानहानि; अपमान; बेइज़्ज़ती।
हेडऑफिस
(इं.) [सं-पु.] मुख्य कार्यालय; मुख्यालय; प्रधान कार्यालय।
हेडकांस्टेबल
(इं.) [सं-पु.] पुलिस का मुख्य सिपाही।
हेडक्लर्क
(इं.) [सं-पु.] प्रधान लिपिक; मुख्य किरानी; बड़ा बाबू।
हेडक्वार्टर
(इं.) [सं-पु.] मुख्यालय; सरकार या अधिकारी का प्रधान कार्यस्थल।
हेडफ़ोन
(इं.) [सं-पु.] 1. विद्युत सिगनल को ध्वनि तरंगों में परिवर्तित करने वाला उपकरण 2. कानों में लगाकर संगीत और बातचीत के लिए प्रयोग किया जाने वाला डिवाइस या
उपकरण।
हेडमास्टर
(इं.) [सं-पु.] प्रधानाचार्य; प्रधानाध्यापक।
हेडलाइन
(इं.) [सं-पु.] अख़बार की मुख्य सुर्ख़ी; प्रमुख समाचार; शीर्षक।
हेडिंग
(इं.) [सं-पु.] किसी लेख आदि का शीर्षक।
हेतु
(सं.) [सं-पु.] 1. कारण; वजह 2. उद्देश्य; लक्ष्य; मकसद; अभिप्राय; के लिए; के निमित्त 3. एक प्रकार का अर्थालंकार।
हेतुकी
(सं.) [सं-स्त्री.] रोगों की पहचान और निदान का विवेचन करने वाला शास्त्र; निदानशास्त्र; (इटियालॉजी)
हेतुमान
(सं.) [वि.] जिसका हेतु या कारण हो; हेतु या कारण से उत्पन्न; जो कारणवश प्रस्तुत हो। [सं-पु.] जिस तथ्य या बात का कोई कारण हो।
हेतुमूलक
(सं.) [वि.] तर्कप्रधान; तर्काश्रित।
हेतुवाद
(सं.) [सं-पु.] किसी विवाद के कारण की व्याख्या और विश्लेषण; तर्कशास्त्र।
हेतुवादी
(सं.) [वि.] 1. हर बात में तर्क करने वाला 2. बकवादी; हुज्जती 3. नास्तिक।
हेतुशास्त्र
(सं.) [सं-पु.] तर्कशास्त्र; स्मृतियों आदि का विरोध करने वाला विज्ञान।
हेतुशून्य
(सं.) [वि.] निराधार; तर्कहीन।
हेतुहेतुमद्भाव
(सं.) [सं-पु.] कार्य-कारण संबंध; कार्य-कारण भाव।
हेतूत्प्रेक्षा
(सं.) [सं-स्त्री.] उत्प्रेक्षा अलंकार का एक भेद जहाँ अहेतु को हेतु अथवा अकारण को कारण मान कर उत्प्रेक्षा की जाती है।
हेत्वाभास
(सं.) [सं-पु.] 1. वह अवस्था जिसमें वास्तविक हेतु का अभाव होने पर या किसी अवास्तविक असद हेतु के वर्तमान रहने पर भी वास्तविक हेतु का अस्तित्व दिखाई देता है,
और उसके फलस्वरूप भ्रम होता या हो सकता है; जो हेतु के लक्षणों से रहित हो, पर हेतु की तरह लगता हो; हेतुदोष; कुतर्क; (फ़ैलिसी)।
हेम
(सं.) [सं-पु.] 1. सोना; स्वर्ण 2. हिम; पाला 3. बादामी रंग का घोड़ा 4. गौतम बुद्ध का एक नाम 5. बुध ग्रह 6. धतूरा 7. माशा; स्वर्णमान (तौल)।
हेमंत
(सं.) [सं-पु.] छह ऋतुओं में से एक जो अगहन और पूस में पड़ती है; जाड़े का मौसम; शीत-काल।
हेमंती
(सं.) [सं-स्त्री.] जाड़े का मौसम या समय; शीत काल। [वि.] हेमंत संबंधी; हेमंत विषयक।
हेमकांति
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. बन हल्दी 2. आँबा हल्दी। [वि.] सोने की-सी कांति या चमक वाला।
हेमगिरि
(सं.) [सं-पु.] सुमेरु पर्वत।
हेममुद्रा
(सं.) [सं-स्त्री.] स्वर्णमुद्रा; सोने का सिक्का; अशरफ़ी; मोहर।
हेमा1
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. सुंदर स्त्री 2. पृथ्वी।
हेमा2
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] ईंधन; जलाने की लकड़ी।
हेमाभ
(सं.) [वि.] स्वर्ण आभायुक्त; सोने जैसी आभा या चमक वाला।
हेमीस्फियर
(इं.) [सं-पु.] गोले का आधा भाग; गोलार्द्ध।
हेय
(सं.) [वि.] तुच्छ; त्याज्य; ख़राब; बुरा; बेकार।
हेयदृष्टि
(सं.) [सं-स्त्री.] तुच्छता की दृष्टि; बेकार समझकर अनिच्छा से डाली गई दृष्टि।
हेरना
[क्रि-स.] 1. खोजना; ढूँढ़ना; तलाश करना 2. ताकना; देखना; निहारना 3. परखना; जाँचना।
हेरफेर
[सं-पु.] 1. उलट-पुलट 2. रद्दोबदल 3. परिवर्तन 4. धोखाधड़ी; चालबाज़ी 5. विनिमय।
हेराफेरी
[सं-स्त्री.] 1. इधर का उधर करने की क्रिया; हेरफेर; अदल-बदल 2. इधर-उधर होना 3. हाथ की सफ़ाई; धोखाधड़ी।
हेरी
[सं-स्त्री.] पुकार; पुकार के लिए दी गई आवाज़।
हेलना
[क्रि-अ.] 1. मनोरंजन या मनोविनोद करना; मनबहलाव करना; हँसी-ठट्ठा करना 2. प्रवेश करना; पैठना; तैरना। [क्रि-स.] नीचा या हेठा दिखाना; हेय या तुच्छ समझना;
तिरस्कार करना; उपेक्षा करना।
हेलमेल
[सं-पु.] 1. मेलजोल; हिलना-मिलना 2. घनिष्ठता।
हेला
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. अवज्ञा; तिरस्कार 2. क्रीड़ा; खिलवाड़ 3. केलि; प्रेमालाप 4. संयोग शृंगार के अंतर्गत नायिका द्वारा आँखें नचा कर किया जाने वाला एक
हाव-भाव। [सं-पु.] 1. हाँक; पुकार 2. चढ़ाई; धावा।
हेलीकॉप्टर
(इं.) [सं-पु.] एक छोटा विमान जिसमें ऊपर पंखे लगे होते हैं; उदग्रविमान।
हेल्थ
(इं.) [सं-पु.] स्वास्थ्य; सेहत; तंदुरुस्ती।
हेल्दी
(इं.) [वि.] स्वस्थ; सेहतमंद; तंदुरुस्त।
हेल्प
(इं.) [सं-पु.] मदद; सहायता।
हेल्पर
(इं.) [सं-पु.] 1. सहायक; सहयोगी; मददगार 2. परिचर; वह व्यक्ति जो लोगों या संस्थानों की (विशेष रूप से वित्तीय) मदद करता हो।
हेल्मेट
(इं.) [सं-पु.] सिपाहियों, अग्निशमन कर्मियों और स्कूटर-बाइक आदि चलाने वालों का रक्षा की दृष्टि से सिर पर पहनने वाला टोप; शिरस्त्राण।
है
[क्रि-अ.] 'होना' क्रिया का वर्तमानकालिक एकवचन रूप, जैसे- वह जाता है।
हैं
[अव्य.] एक आश्चर्यसूचक शब्द; निषेध, अस्वीकृति सूचक शब्द। [क्रि-अ.] 'है' का बहुवचन रूप।
हैंगर
(इं.) [सं-पु.] 1. कपड़े टाँगने का प्लास्टिक, अल्युमिनियम या लकड़ी आदि का बना फ्रेम; टँगना 2. आलंब; सहारा 3. विमानशाला; विमानाश्रय।
हैंड आउट
(इं.) [सं-पु.] प्रकाशनार्थ या सूचनार्थ दिया गया लिखित वक्तव्य या प्रेस मैटर; इसे प्रेस विज्ञप्ति भी कहते हैं।
हैंडग्रेनेड
(इं.) [सं-पु.] हाथ से फेंका जाने वाला विस्फोटक गोला; हथगोला।
हैंडपंप
(इं.) [सं-पु.] हाथ से चलाया जाने वाला नल; चापानल; नलकूप।
हैंडबाल
(इं.) [सं-पु.] 1. फुटबाल के खेल में गेंद का हाथ से छू जाना 2. हाथ से गेंद फेंककर खेला जाने वाला एक खेल।
हैंडबिल
(इं.) [सं-पु.] इश्तहार; परचा।
हैंडबुक
(इं.) [सं-पु.] छोटे आकार की पुस्तिका; गुटका।
हैंडबैग
(इं.) [सं-पु.] ज़रूरी कागज़ात वगैरह साथ ले जाने के लिए छोटा बैग; दस्ती थैला।
हैंडलूम
(इं.) [सं-पु.] 1. हथकरघा 2. हथकरघे से बना कपड़ा।
हैंडिल
(इं.) [सं-पु.] दस्ता; हत्था; मूठ।
हैकर
(इं.) [सं-पु.] 1. कंप्यूटर तकनीक या प्रोग्रामिंग का विशिष्ट ज्ञाता 2. अनाधिकृत ढंग से कंप्यूटर संचित सूचना चुराने वाला व्यक्ति।
हैज़ा
(अ.) [सं-पु.] एक तीव्र संक्रामक रोग जिसमें चावल के माँड़ सा वर्णविहीन अतिसार और वमन होता है; विषूचिका; (कॉलरा)।
हैट
(इं.) [सं-पु.] अँग्रेज़ी टोपी; टोप।
हैटट्रिक
(इं.) [सं-पु.] एक ओवर में लगातार तीन विकेट लेना; लगातार तीन गोल मारना।
हैदर
(अ.) [सं-पु.] 1. सिंह; शेर; व्याघ्र 2. हज़रत अली की उपाधि।
हैमंतिक
(सं.) [वि.] 1. हेमंत संबंधी 2. हेमंत ऋतु में पैदा होने वाला।
हैमर
(इं.) [सं-पु.] हथौड़ा। -करना [क्रि-स.] 1. हथौड़ा मारना 2. चोट करना; ठोंकना; पीटना 3. किसी बात पर अत्यधिक ज़ोर देना; लगातार ज़ोर डालना 4. गढ़ना; बनाना; ठोंक-पीट
कर दुरुस्त करना 5. (किसी काम पर) डट जाना; जम जाना।
हैरत
(अ.) [सं-स्त्री.] विस्मय; आश्चर्य; अचंभा।
हैरतअंगेज़
(अ.) [वि.] अचंभित कर देने वाला; विस्मयकारी; आश्चर्यजनक।
हैरतज़दा
(अ.+फ़ा.) [वि.] चकित; विस्मित; हैरत में पड़ा हुआ; भौचक्का।
हैरान
(अ.) [वि.] 1. अचंभित; भौचक्का 2. परेशान।
हैरानी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. ताज्जुब; अचंभा; आश्चर्य; विस्मय 2. परेशानी।
हैवान
(अ.) [सं-पु.] 1. पशु; जानवर 2. {ला-अ.} वहशी।
हैवानियत
(अ.) [सं-स्त्री.] जंगलीपन; वहशीपन; पशुभाव; पशुता; हिंसा।
हैवानी
(अ.) [वि.] पशु संबंधी; पशुवत; पशुओं जैसा।
हैसियत
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. आर्थिक सामर्थ्य 2. सामाजिक मान-मर्यादा; प्रतिष्ठा; इज़्ज़त; रुतबा।
हैहय
(सं.) [सं-पु.] एक क्षत्रिय वंश जिसका सबसे प्रसिद्ध राजा कार्तवीर्य सहस्त्रार्जुन था।
हॉकर
(इं.) [सं-पु.] 1. इधर-उधर फेरी लगाकर छोटी-मोटी वस्तुएँ बेचने वाला व्यक्ति; आवाज़ लगाकर सामान बेचने वाला व्यक्ति; फेरीवाला 2. घूम-घूमकर अख़बार बेचने वाला
व्यक्ति।
हॉकी
(इं.) [सं-पु.] 1. गेंद खेलने की एक प्रकार की छड़ी जिसका अगला सिरा कुछ मुड़ा होता है 2. उक्त छड़ी तथा गेंद से खेला जाने वाला खेल।
हॉट
(इं.) [वि.] 1. गरम; उष्ण; तपा हुआ 2. {ला-अ.} मादक; लुभावना।
हॉट-न्यूज़
(इं.) [सं-पु.] (पत्रकारिता) ताज़ा, रोचक, महत्वपूर्ण या सनसनीखेज़ समाचार।
हॉल
(इं.) [सं-पु.] 1. बड़े आकार का कमरा 2. सभागार।
हॉस्पिटल
(इं.) [सं-पु.] अस्पताल; चिकित्सालय; आरोग्यालय।
हो
(सं.) [सं-पु.] पुकारने का एक शब्द। [सं-स्त्री.] आस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार के मुंडा शाखा की एक भाषा, जो झारखंड एवं ओडिशा के आदिवासी क्षेत्रों में बोली जाती
है।
होंठ
(सं.) [सं-पु.] मुखविवर का उभरा हुआ किनारा जिससे दाँत ढके रहते हैं; ओष्ठ; ओंठ।
होज़री
(इं.) [सं-स्त्री.] 1. बनियान, मोज़ा आदि बनाने और बेचने का व्यवसाय 2. इस तरह के कपड़े बेचने की दुकान।
होटल
(इं.) [सं-पु.] वह स्थान जहाँ सशुल्क ठहरने, खाने-पीने और मनोरंजन की आधुनिक व्यवस्था हो; सराय।
होड़
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी विषय या क्षेत्र में एक-दूसरे से आगे बढ़ जाने की इच्छा और प्रयत्न; मुकाबला; प्रतिद्वंद्विता; प्रतियोगिता; लाग-डाट; प्रतिस्पर्धा
2. बाज़ी; शर्त।
होता
(सं.) [सं-पु.] यज्ञ या हवन कराने वाला; पुरोहित; यज्ञ में आहुति देने वाला।
होत्र
(सं.) [सं-पु.] हवन की सामग्री; होम; हवि।
होत्रक
(सं.) [सं-पु.] हवन-कार्य में मदद करने वाला और होता का सहायक।
होत्रीय
(सं.) [वि.] होत्र या होता से संबंधित; होता का।
होनहार
(सं.) [वि.] 1. अच्छे लक्षणों वाला; सुसंस्कृत 2. बुद्धिमान 3. काबिल; लायक।
होना
[क्रि-अ.] 1. 'करना' क्रिया का अकर्मक रूप 2. अस्तित्व में आना; विद्यमान रहना 3. किसी काम का समाप्ति पर आना 4. वास्तविक रूप में सामने आना 5. लगातार जारी रहना
6. सामने आना; दिखाई देना।
होनी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. नियति; भाग्य 2. अपेक्षित अथवा संभाव्य घटना।
होम
(सं.) [सं-पु.] 1. पूरी तरह से उत्सर्ग करना 2. हवन; यज्ञ। [मु.] -करना : विसर्जित करना; खोना या गँवाना।
होमकर्म
(सं.) [सं-पु.] यज्ञ या हवन संबंधी कार्य या विधि-विधान।
होमकुंड
(सं.) [सं-पु.] हवन करने के लिए बना कुंड या छोटा गड्ढा।
होमगार्ड
(इं.) [सं-पु.] 1. गृह रक्षक; गृह प्रहरी 2. एक भारतीय अर्द्धसैनिक बल; भारतीय पुलिस के लिए सहायक के रूप में काम करने वाला एक स्वैच्छिक बल।
होमवर्क
(इं.) [सं-पु.] 1. स्कूल-कॉलेज से छात्रों को मिला काम; गृहकार्य 2. छात्रों-अध्यापकों द्वारा पठन-पाठन के पूर्व घर पर की जाने वाली तैयारी 3. ऑफ़िस के काम या
किसी सार्वजनिक कार्य के पहले घर पर की जाने वाली तैयारी।
होमियोपैथ
(इं.) [सं-पु.] होमियोपैथी नामक चिकित्सा-पद्धति से चिकित्सा करने वाला व्यक्ति या चिकित्सक।
होमियोपैथिक
(इं.) [वि.] होमियोपैथी संबंधी।
होमियोपैथी
(इं.) [सं-स्त्री.] एक प्रकार की चिकित्सा-पद्धति; चिकित्सा के 'समरूपता के सिंद्धात' पर आधारित डॉ. क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हानेमान द्वारा प्रतिपादित एक
चिकित्सा पद्धति।
होल1
[सं-पु.] पश्चिमी एशिया से आया हुआ एक प्रकार का पौधा जो घोड़ों और चौपायों के चारे के लिए लगाया जाता है।
होल2
(इं.) [सं-पु.] 1. रंध्र; छिद्र 2. सुराख़ 3. समष्टि; संपूर्ण; समस्त; पूरा।
होलडाल
(इं.) [सं-पु.] यात्रा में साथ ले जाने वाला बिस्तरबंद।
होलसेल
(इं.) [सं-पु.] एक साथ बहुत-से माल का विक्रय; थोक। [वि.] 1. थोक का; बड़े पैमाने पर किया जाने वाला 2. अंधाधुंध। [क्रि.वि.] थोक भाव पर; बड़े पैमाने पर।
होला
(सं.) [सं-पु.] 1. आग में भूनी गई चने, मटर आदि की अधपकी फलियाँ 2. होली का त्योहार।
होलाष्टक
(सं.) [सं-पु.] होली के त्योहार वाले शुरू के आठ दिन।
होलिका
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. (पुराण) एक राक्षसी जिसे अग्नि में न जलने का वर प्राप्त था; हिरण्यकश्यप की बहन जो विष्णु भक्त प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ
गई थी 2. होली का त्योहार 3. लकड़ी, घास-फूस आदि का ढेर जिसका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की रात्रि में होता है।
होली
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. भारत में मनाया जाने वाला रंगों का एक प्रसिद्ध त्योहार 2. होली के अवसर पर गाया जाने वाला गीत; फाग; फगुआ।
होल्डर
(इं.) [सं-पु.] 1. धारक 2. वह उपकरण जिसमें बिजली का बल्ब या ट्यूब अटकाया जाता है 3. वह जिसमें फाउंटेन पेन का निब लगा रहता है 4. विधि के अनुसार वह जो किसी
विनिमय, चेक या वचनपत्र के एक बिल को कानूनी रूप से लागू करने का अधिकारी या हकदार है। [वि.] अधिकार में रखने वाला; पकड़ कर रखने वाला; कब्ज़ा किया हुआ।
होश
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. चैतन्य अवस्था; चेतना; सुध-बुध 2. बुद्धि; अक्ल; समझ 3. स्मरण। [मु.] -उड़ना : सुध-बुध खोना; किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाना। -ठिकाने होना : भ्रांति, मोह या घमंड दूर होना।
होशमंद
(फ़ा.) [वि.] बुद्धिमान; समझदार; होशियार।
होशियार
(फ़ा.) [वि.] 1. चालाक 2. बुद्धिमान; अक्लमंद; समझदार 3. सावधान; ख़बरदार 4. कुशल; दक्ष; सजग; प्रवीण।
होशियारी
(फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. बुद्धिमानी; चालाकी 2. सावधानी।
होशोहवास
(फ़ा.+अ.) [सं-पु.] सुध-बुध; सचेतनता; सजगता।
होस्ट
(इं.) [सं-पु.] मेज़बान; निमंत्रण देने वाला; यजमान।
होस्टल
(इं.) [सं-पु.] 1. छात्रावास; छात्रालय 2. अतिथिगृह।
होस्टेस
(इं.) [सं-स्त्री.] परिचारिका।
हो-हल्ला
[सं-पु.] शोरगुल; हुल्लड़।
हौआ
[सं-पु.] 1. एक कल्पित जंतु जिसका नाम लेकर माताएँ अपने बच्चों को डराया करती हैं 2. असाधारण और डरावनी चीज़।
हौज़
(अ.) [सं-पु.] चहबच्चा; कुंड; नाँद; (वाटर टैंक)।
हौद
(अ.) [सं-पु.] जल का छोटा कुंड; हौज़।
हौदा
(अ.) [सं-पु.] 1. हौद; चहबच्चा; कुंड; नाँद; एक प्रकार का पत्थर या मिट्टी का बना कुंड जिसमें पानी या रस जमा किया जाता है 2. हाथी की पीठ पर कसा जाने वाला आसन;
अम्मारी।
हौल
(अ.) [सं-पु.] 1. डर; भय; दहशत 2. आसपास 3. शक्ति।
हौली
[सं-स्त्री.] मदिरालय; मयखाना; जहाँ शराब बिकती है।
हौले-हौले
[क्रि.वि.] शनैः-शनैः; धीरे-धीरे; मंद गति से; आहिस्ते-से; ख़रामा-ख़रामा।
हौवा
(अ.) [सं-स्त्री.] मान्यतानुसार 'सभी मनुष्यों की माता' (ईश्वर ने हौवा की सृष्टि करके आदम को उसे पत्नी स्वरूप प्रदान किया था) अब्राहमिक धर्मों के मिथक के
अनुसार ईश्वर निर्मित प्रथम स्त्री।
हौसला
(अ.) [सं-पु.] उत्साह; साहस; हिम्मत।
हौसला-पस्ती
(अ.) [सं-स्त्री.] हिम्मत पस्त होना; जोश ठंडा पड़ना; उत्साह नष्ट होना।
हौसलामंद
(अ.) [वि.] हौसला रखने वाला; साहसी; धैर्यवान।
ह्रस्व
(सं.) [वि.] 1. छोटा; लघु 2. ठिगना; नाटा 3. तुच्छ; नीच। [सं-पु.] 1. एक मात्रिक 2. बौना।
ह्रस्वकपाल
(सं.) [सं-पु.] 1. छोटी खोपड़ी 2. छोटी खोपड़ी वाला व्यक्ति।
ह्रस्वमात्रिक
(सं.) [सं-पु.] छोटी इकाई। [वि.] ह्रस्व मात्रा वाला।
ह्रस्व स्वर
जिस स्वर के उच्चारण में सबसे कम समय लगे, जैसे- 'अ, इ, उ'।
ह्रस्वीकरण
(सं.) [सं-पु.] छोटा करना; छोटा बनाना; न्यूनीकरण।
ह्रस्वीभूत
(सं.) [वि.] छोटा किया हुआ; न्यूनीकृत।
ह्रास
(सं.) [सं-पु.] क्षय; क्षीणता; पतन; अवनति।
ह्रासकालीन
(सं.) [वि.] गिरावट के दौर वाला; पतनशील दौर का।
ह्रासन
(सं.) [सं-पु.] 1. कम करने या घटाने की क्रिया; कटौती 2. कम होना या घटना; घटती; क्षरण; छीजन।
ह्रासोन्मुख
(सं.) [वि.] गिरावट की ओर जाता हुआ; ह्रासशील; पतनोन्मुख।
ह्रासोन्मुखता
(सं.) [सं-स्त्री.] ह्रास अथवा घटती की ओर उन्मुख होने अथवा बढ़ने की प्रवृत्ति, जैसे- युग, समाज, सभ्यता, कला, साहित्य आदि में कुछ तय मानकों से परे हटने की
स्थिति या प्रवृत्ति; सैन्य-शक्ति, जनसंख्या, नैतिकता, कला-साहित्य आदि क्षेत्रों में गिरावट।