ए
हिंदी वर्णमाला का स्वर वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह उच्चतर-मध्य, अग्र, अगोलित, दीर्घ स्वर है।
एंज़ाइम
(इं.) [सं-पु.] पौधों तथा जीवों द्वारा उत्पादित वह कार्बनिक पदार्थ जो रासायनिक परिवर्तन के घटित होने में सहायता करता है परंतु स्वयं परिवर्तित नहीं होता है।
एंटरप्राइज़
(इं.) [सं-पु.] 1. उद्यम; व्यवसाय 2. व्यवहार-कुशलता।
एंट्रंस
(इं.) [सं-पु.] 1. प्रवेश; दाख़िला, जैसे- इंजीनियरिंग कॉलेजों के एंट्रंस इम्तहान 2. प्रवेश का मार्ग, जैसे- इस इमारत का एंट्रंस यहाँ से है।
एंट्री
(इं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रवेश; दाख़िला 2. प्रविष्टि; इंदराज, जैसे- खाते में ख़र्च की एंट्री या शब्दकोश में शब्दार्थ संबंधी एंट्री 3. प्रवेशद्वार।
एंपायर
(इं.) [सं-पु.] 1. साम्राज्य; विशाल राज्य 2. प्रभुत्वसंपन्न राज्य 3. प्रभुत्व; आधिपत्य 4. {ला-अ.} उद्योग जगत में बहुत बड़ी कंपनी या कई कंपनियों का समूह।
एक
(सं.) [सं-पु.] 1. गणना की सबसे पहली संख्या का वाचक शब्द 2. परमात्मा; ख़ुदा। [वि.] 1. संख्या '1' का सूचक 2. जो क्रम या गिनती के अनुसार पहले स्थान पर पड़ता हो
3. अद्वितीय; बेजोड़; अनुपम, जैसे- वह अपनी तरह का एक है 4. अकेला 5. एकता के सूत्र में बँधा हुआ, जैसे- हम सब एक हैं 6. समान। [मु.]-और एक ग्यारह होना : संगठित या सम्मिलित होने पर शक्ति या प्रभाव बढ़ना। -न चलना : कोई सुझाव, तर्क या उपाय सफल न होना। -होना : किसी से सहमत होना; किसी से गहरा संबंध स्थापित होना।
एक-एक
[वि.] हर एक; प्रत्येक। [अव्य.] एक के बाद एक; बारी बारी से, जैसे- एक-एक करके गाड़ी में जाओ। [सर्व.] प्रत्येक व्यक्ति, जैसे- एक-एक को बुलाओ।
एकक
(सं.) [सं-पु.] एकांश; मात्रक; इकाई; (यूनिट)। [वि.] 1. एक से ही निर्मित या संबंधित 2. अकेला।
एककालिक
(सं.) [वि.] 1. एक से अधिक घटनाएँ जो एक ही समय में हो रही हों; एक ही समय या काल का; समकालीन; (सिनक्रॉनिक) 2. केवल एक बार ही घटित होने वाला।
एककुंडल
(सं.) [सं-पु.] 1. बलराम; बलभद्र 2. कुबेर 3. शेषनाग।
एककोशीय
(सं.) [वि.] (जीवविज्ञान) एक ही कोशिकावाला; (प्राणी) जिसका शरीर एक ही कोशिका से बना हो, जैसे- अमीबा।
एकगव्य
(सं.) [सं-पु.] परमात्मा; परमेश्वर।
एकगाछी
[सं-स्त्री.] एक ही पेड़ के तने को खोखला कर बनाई गई नाव; एकठा।
एकचक्र
(सं.) [सं-पु.] 1. सूर्य का रथ 2. सूर्य 3. साम्राज्य। [वि.] 1. एक ही राजा द्वारा शासित 2. चक्रवर्ती 3. एक ही पहिए वाला।
एकचक्रा
(सं.) [सं-स्त्री.] (महाभारत) एक नगरी जहाँ भीम ने बकासुर का वध किया था।
एकचर
(सं.) [वि.] अकेले विचरने वाला; एकाकी। [सं-पु.] 1. पशु अथवा जीवों की वे प्रजातियाँ जिनके सदस्य समूहों में न रहकर अकेले ही विचरण करते हैं, जैसे- साँप, गैंडा
आदि 2. एकचारी।
एकचश्म
(हिं.+फ़ा.) [वि.] एक आँखवाला; काना। [सं-पु.] वह चित्र या पेंटिंग जिसमें मनुष्य की आकृति इस प्रकार बनाई गई हो कि उसके चेहरे का एक ही रुख (पार्श्व) एवं एक ही
आँख दिखाई दे; (प्रोफ़ाइल)।
एकचारिणी
(सं.) [सं-स्त्री.] एक ही पुरुष के साथ संबंध रखने वाली स्त्री; एकनिष्ठा; पतिव्रता।
एकचारी
(सं.) [वि.] दे. एकचर।
एकचित्त
(सं.) [वि.] एकाग्रचित्त; तल्लीन।
एकचोबा
(हिं.+फ़ा.) [सं-पु.] एक चोब अर्थात बाँस के एक खंभे पर खड़ा किया जाने वाला खेमा; तंबू, (टेंट)।
एकछत्र
(सं.) [वि.] जो (राज्य या साम्राज्य) एक ही शासक के अधीन हो; जिसमें किसी और का किसी प्रकार का प्रभुत्व या अधिकार न हो; जो (शासक) संपूर्ण राज्य या साम्राज्य
का एकमात्र अधिकारी हो।
एकजात
(सं.) [वि.] एक माता-पिता से उत्पन्न; सगे भाई-बहन; सहोदर।
एकजातीय
(सं.) [वि.] 1. एक ही जाति, वंश, वर्ग या नस्ल का 2. एक ही प्रकार के।
एकजान
(हिं.+फ़ा.) [वि.] 1. अभिन्न हृदय; अंतरंग; एकदिल 2. एकरूप; दो भिन्न-भिन्न वस्तुएँ घुल-मिलकर इस प्रकार एक हो गई हों कि उन्हें अलग-अलग करके न देखा जा सके,
जैसे- खिचड़ी में चावल और दाल एकजान हो गए।
एकजीव
[वि.] 1. अभिन्न 2. एकरूप। [सं-पु.] ऐसे दो या दो से अधिक प्राणी, जिनके रूप तथा अस्तित्व आदि में कोई अंतर न रह जाए।
एकजुट
[अव्य.] एक साथ; इकट्ठा; साथ-साथ।
एकजुटता
[सं-स्त्री.] 1. एकजुट होने की अवस्था; एकता 2. परस्पर संबद्धता।
एकटक
[क्रि.वि.] बिना पलक झपकाए; निर्निमेष; अपलक (देखना); टकटकी लगाकर (देखना)।
एकठा
[सं-स्त्री.] एक ही पेड़ के तने को खोखला कर बनाई गई नाव; एकगाछी।
एकड़
(इं.) [सं-पु.] भूमि या खेत की 4840 वर्ग गज की एक माप; 4046.8564 वर्ग मीटर; 1-3/5 बीघा के बराबर की माप।
एकतंत्र
(सं.) [सं-पु.] ऐसी सत्ता या व्यवस्था जिसमें किसी देश का शासन एक ही व्यक्ति (अधिनायक या राजा) के हाथ में हो तथा वही सर्वशक्तिमान हो। [वि.] 1. एकहत्था
(शासन-प्रबंध, राज्य) 2. एक व्यक्ति द्वारा संचालित 3. एकछत्र।
एकतरफ़ा
(हिं.+फ़ा.) [वि.] एक ही पक्ष से संबंधित; जिसमें किसी एक पक्ष का ही ध्यान रखा गया हो दूसरे पक्ष का नहीं; एकपक्षीय; पक्षपात से भरा हुआ।
एकतल्ला
[वि.] (वह मकान) जिसमें दूसरी मंज़िल न हो; एक तलवाला (घर); एकमंज़िला।
एकता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक होने की अवस्था या भाव; अविरोध 2. मिलकर एक होना; समूहबद्धता; संगठन; (यूनिटी) 3. उद्देश्य, विचार, भाव आदि में एकमत होना; इत्तफ़ाक
अनन्यता।
एकतान
(सं.) [वि.] 1. तन्मय; एकाग्रचित्त; तल्लीन 2. जो सब मिलकर एक हो गए हों 3. जिसमें उतार-चढ़ाव न हों 4. एकरस; अरुचिकर; बेमज़ा।
एकतारा
[सं-पु.] छोटे आकार का एक वाद्य यंत्र जिसमें केवल एक तार लगा होता है, जिसे उँगलियों से छेड़कर बजाया जाता है।
एकत्र
(सं.) [क्रि.वि.] 1. एक स्थान पर जमा; इकट्ठा 2. एक जगह संगृहीत।
एकत्रित
(सं.) [वि.] 1. इकट्ठा किया हुआ; संगृहीत; संचित, जैसे- बड़े परिश्रम से एकत्रित सामग्री 2. एकजुट; केंद्रित।
एकत्रीकरण
(सं.) [सं-पु.] एकत्रित करने की क्रिया; एकत्रित करना।
एकत्रीभूत
(सं.) [वि.] 1. एकत्रित या एकजुट किया हुआ 2. इकट्ठा किया हुआ।
एकत्व
(सं.) [सं-पु.] एकता; एक होने का भाव।
एकत्ववाद
[सं-पु.] (समाजशास्त्र) मानव और प्रकृति के संबंध के विषय में एक सिद्धांत।
एकदंडिन
(सं.) [सं-पु.] हाथ में एक डंडा या लाठी धारण करने वाले संन्यासियों या भिक्षुकों का एक समुदाय; 'हंस' पदवीधारी संन्यासी।
एकदंडी
(सं.) [सं-पु.] शंकराचार्य द्वारा स्थापित दशनामी संन्यासियों में से प्रथम तीन (तीर्थ, आश्रम एवं सरस्वती)।
एकदंत
(सं.) [सं-पु.] वह जिसके केवल एक दाँत हो; गणेश (पुराण के अनुसार परशुराम द्वारा फेंके गए परशु से गणेश का एक दाँत टूट गया, उसी समय से गणेश जी एकदंत कहलाए)।
एकदंता
(सं.) [वि.] एक दाँतवाला। [सं-पु.] एक दाँत वाला हाथी।
एकदम
[क्रि.वि.] 1. नितांत; बिलकुल; पूरी तरह, जैसे- एकदम तैयार 2. अचानक; अकस्मात; अभी; एकबारगी, जैसे- वह एकदम आ पहुँचा 3. तत्काल; तुरंत, जैसे- एकदम चल दो।
एकदरा
(हिं.+फ़ा.) [वि.] जो एक ही दर अर्थात द्वारवाला हो; एक ही दरवाज़ेवाला (दालान, कमरा या बैठक)।
एकदलीय
[वि.] एक ही दल का; सामान्यतः संख्या की दृष्टि से एक राजनीतिक दल के संदर्भ में प्रयुक्त, जैसे- एकदलीय सरकार; 'बहुदलीय' का विलोम।
एकदस्ती
(हिं.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] कुश्ती का एक दाँव (पेंच) जिसमें बाएँ हाथ से विरोधी पहलवान का एक हाथ कलाई के पास से पकड़ कर दाहिने हाथ से उसे ज़मीन पर गिराया जाता
है।
एकदा
(सं.) [अव्य.] 1. एक बार; एक समय 2. कभी; किसी समय 2. किसी बीते हुए समय में कभी।
एकदिल
(हिं.+फ़ा.) [वि.] 1. अभिन्न; एक जैसे विचारवाला 2. वे पदार्थ जो एक दूसरे में मिलकर बिलकुल एक जैसे हो गए हों; एकरूप 3. एकचित्त 4. अंतरंग।
एकदिली
(हिं.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. अभिन्नता; अंतरंगता 2. एकरूपता 3. एकदिल होने की अवस्था या भाव; एका।
एकदिश
(सं.) [वि.] 1. एक दिशा में होने वाला 2. एक ही दिशा से संबंधित 3. रैखिक।
एकदृक
(सं.) [वि.] 1. एक आँखवाला; काना 2. समदर्शी। [सं-पु.] 1. कौआ 2. (पुराण) शिव 3. {व्यं-अ.} दार्शनिक।
एकदृष्टि
(सं.) [वि.] 1. एक आँखवाला; काना; एकदृक; एकदृश 2. समदर्शी [सं-पु.] 1. कौआ 2. (पुराण) शिव 3. {व्यं-अ.} दार्शनिक।
एकदेशीय
(सं.) [वि.] 1. जिसका संबंध किसी एक देश अर्थात क्षेत्र या विभाग से हो 2. वह नियम या सिद्धांत जिसका प्रयोग किसी विशेष क्षेत्र या पक्ष में ही होता है, जैसे-
व्याकरण आदि के नियम।
एकदेशीय समास
(सं.) [सं-पु.] (व्याकरण) षष्ठी तत्पुरुष समास का एक भेद।
एकदेह
[सं-पु.] 1. (पुराण) चंद्रमा का पुत्र बुध 2. कुल; वंश; गोत्र 3. विवाहित युगल; दंपती।
एकधर्मा
(सं.) [वि.] समान धर्म, गुण या स्वभाव वाला, जैसे- (नायिका का) मुख और चाँद एकधर्मा हैं।
एकधर्मी
(सं.) [वि.] एकधर्मा।
एकनयन
[वि.] 1. एक आँखवाला; काना; एकाक्ष 2. सबसे समान व्यवहार करने वाला। [सं-पु.] 1. (पुराण) शिव 2. कुबेर 3. कौआ 4. शुक्र ग्रह।
एकनिष्ठ
(सं.) [वि.] 1. एक के ही ऊपर श्रद्धा या अनुराग रखने वाला; अनन्योपासक 2. किसी एक ही कार्य को पूरी लगन से करने वाला, जैसे- एकनिष्ठ संगीत साधक 3. अटल; अडिग 4.
दृढ़; कटिबद्ध।
एकनेत्र
(सं.) [वि.] एक आँखवाला; काना। [सं-पु.] शिव।
एकपक्षी
(सं.) [वि.] किसी एक ही पक्ष से संबंध रखने वाला (कार्य, फ़ैसला आदि); एकांगी; एकतरफ़ा; (युनिलेटरल)।
एकपक्षीय
(सं.) [वि.] एकपक्षी; एकतरफ़ा; केवल एक तरफ़ से होने या किया जाने वाला।
एकपद
(सं.) [सं-पु.] 1. (वृहत्संहिता) एक प्राचीन देश 2. कैलास 3. मोक्ष लोक; वैकुंठ 4. कामशास्त्र में उल्लिखित एक बंध विशेष। [वि.] एक पैर से पंगु; लँगड़ा।
एकपदी
[वि.] एक पदवाला; एक चरण वाला (छंद या पद्य)।
एकपर्णा
(सं.) [सं-स्त्री.] (पुराण) भोजन के रूप में एक ही पत्ते पर निर्वाह करने वाली; दुर्गा; एकपर्णी; पार्वती।
एकपाटला
(सं.) [सं-स्त्री.] दुर्गा का एक नाम; पाटलावती।
एकपाद
(सं.) [सं-पु.] 1. शिव; महादेव 2. विष्णु। [वि.] 1. लँगड़ा 2. एक टाँग वाली (वस्तु)।
एकपार्श्विक
(सं.) [वि.] 1. एक ओर का 2. एक पक्ष का 3. एक पहलू का।
एकपुष्पी
(सं.) [वि.] (वनस्पतिविज्ञान) एक बीज या कोशवाला, जैसे- मक्का का पौधा जिसमें एक ही पुष्प में नर-मादा दोनों होते हैं।
एकप्राण
(सं.) [वि.] 1. एकाकार; एकदिल 2. जो मिलकर एक हो गए हों 3. घनिष्ठ; अंतरंग; अभिन्नहृदय।
एकफ़सला
(फ़ा.) [वि.] वह (खेत या भूमि) जिसमें वर्ष भर में एक ही फ़सल होती है; एकफ़सली।
एकबाँझ
(सं.) [सं-स्त्री.] वह स्त्री जिसके एक ही बच्चा पैदा हुआ हो; काकवंध्या।
एकबारगी
(फ़ा.) [अव्य.] 1. एकाएक; अकस्मात; अचानक 2. बिलकुल; निरा; पूरी तरह से 3. एक ही साथ; एक ही समय में।
एकभुक्त
(सं.) [वि.] 1. एक के द्वारा भोग किया जाने वाला 2. दिन-रात में एक ही बार भोजन करने वाला; एकाहारी। [सं-पु.] एक बार भोजन करने का व्रत।
एकमंज़िला
(हिं.+फ़ा.) [वि.] जिस (मकान) में एक ही तल या मंज़िल हो; एकतल्ला।
एकमत
(सं.) [वि.] किसी विषय पर एक राय रखने वाले; समान विचार वाले; सहमत।
एकमात्र
(सं.) [वि.] 1. केवल; सिर्फ़ 2. इकलौता; अकेला 3. अद्वितीय।
एकमात्रिक
(सं.) [वि.] 1. (काव्यशास्त्र) जिस (छंद) में एक ही मात्रा हो; एक मात्रावाला 2. ह्रस्व।
एकमुखी
(सं.) [वि.] एक मुखवाला, जैसे- एकमुखी रुद्राक्ष।
एकमुश्त
(फ़ा.) [अव्य.] इकट्ठा; सारा का सारा; एक साथ; जो किस्तों में न हो।
एकमेक
(सं.) [वि.] 1. जो किसी से मिलकर उसके जैसा हो गया हो; एकाकार; एकरस; अद्वैत 2. मिश्रित।
एकमेव
(सं.) [क्रि.वि.] एक ही; एकमात्र।
एकरंग
(सं.) [वि.] 1. एक ही रंग का; जिसमें सब जगह एक ही रंग हो 2. एक समान; एक सा; जिसमें वैविध्य न हो 3. {ला-अ.} सच्चा; निष्कपट।
एकरस
(सं.) [वि.] 1. जो सदा एक सा रहे; जो कभी बदले नहीं; सदा एक ही रूप का 2. जो घुल-मिलकर एक हो गया हो; एकदिल 3. नीरस; उबाने वाला; बोर करने वाला।
एकरसता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. एकरस होने का भाव या अवस्था 2. सामंजस्य 3. ऊब।
एकराय
[वि.] सर्वसहमत; एकमत।
एकरूप
(सं.) [वि.] 1. जहाँ एक से अधिक वस्तुएँ रूप, रंग, आकार, प्रकार आदि में बिलकुल मिलती-जुलती या एक जैसी हों 2. हर स्थिति में समान रहने वाला; जिसमें कोई विकार
या परिवर्तन न आए।
एकरूपता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. एकरूप होने की अवस्था या भाव 2. सादृश्य; समानता 3. ऐसी स्थिति जिसमें कोई परिवर्तन न हो।
एकरेखीय
(सं.) [वि.] 1. सरल रेखा में होने वाला; एक ही रेखा में होने वाला 2. जो निरंतर उन्नति की ओर हो।
एकल
(सं.) [वि.] 1. अकेला; जिसके साथ कोई दूसरा न हो; एकाकी 2. अनुपम; अद्वितीय; बेजोड़ 3. किसी खेल (टेनिस आदि) या कला (गायन, वादन, नृत्य, चित्रकला आदि) का वह
प्रदर्शन जिसमें केवल एक व्यक्ति भाग लेता है, जैसे- महिला एकल मैच।
एकलव्य
(सं.) [सं-पु.] भील जाति का एक कुमार जिसने द्रोणाचार्य को गुरु मानकर धनुष चलाने में निपुणता प्राप्त की थी और बाद में द्रोणाचार्य द्वारा गुरुदक्षिणा में
दाहिने हाथ का अँगूठा माँगने पर उन्हें अपना अँगूठा काट कर समर्पित कर दिया था।
एकलाई
[सं-स्त्री.] एक तरह का दुपट्टा; ऐसी सादा साड़ी जिसकी किनारी में बेलबूटे बने हों; इकलाई।
एकलिंग
(सं.) [सं-पु.] 1. शिव के अनेक नामों में से एक नाम; मेवाड़ के राजवंश के कुलदेवता के रूप में शिव इसी नाम से पूजे जाते हैं 2. शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में
से एक 3. (पुराण) आगम के अनुसार वह स्थान जहाँ पाँच कोस के भीतर केवल एक ही शिवलिंग हो। [वि.] वह जो सदा एक ही लिंग में प्रयुक्त होता है जैसे- अविकारी शब्द
(अतः, किंतु, परंतु आदि)।
एकलिंगी
(सं.) [वि.] (वनस्पतिविज्ञान) वह फूल या वनस्पति जिसमें दूसरा लिंग न हो अथवा अक्रिय और दबा हुआ हो।
एकवचन
(सं.) [सं-पु.] (व्याकरण) वह शब्द या पद जिससे केवल एक व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है; (सिंग्युलर)।
एकवर्ण
(सं.) [वि.] 1. एक रंगवाला 2. एक जातिवाला; जाति-भेद रहित।
एकवर्षी
(सं.) [वि.] मात्र एक वर्ष तक ही जीवित रहने वाला (पौधा); अपने जीवन काल में मात्र एक ही बार फूलने तथा फलने वाला (पौधा)।
एकवाक्यता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. लोगों का किसी विषय पर एक मत हो जाना; एकमत; मतैक्य 2. (मीमांसा दर्शन) एकार्थता; विधि वाक्य तथा अर्थ वाक्य का एक ही अर्थ प्रकट करना।
एकवेणी
(सं.) [सं-स्त्री.] वह स्त्री जो अपने केशों का शृंगार न करके उन्हें एक ही वेणी में बाँधकर रखती है।
एकशासन
(सं.) [सं-पु.] एक व्यक्ति का शासन; एकतंत्र।
एकशेष
(सं.) [सं-पु.] (व्याकरण) द्वंद्व समास का एक भेद, जहाँ दो में से एक ही शेष रह जाता है, जैसे- पितरौ शब्द में माता और पिता दोनों का समावेश है।
एकश्रुत
(सं.) [वि.] एक ही बार सुना गया।
एकश्रुतधर
(सं.) [वि.] जिसे कुछ भी एक ही बार सुन कर पूरी तरह से याद हो जाता हो।
एकश्रुति
(सं.) [सं-स्त्री.] वेद पाठ का वह क्रम जिसमें स्वरों के उतार-चढ़ाव तथा उच्चारण प्रक्रिया आदि का विचार नहीं किया जाता।
एकसत्ताक
(सं.) [वि.] एकतंत्र, जिसमें सारी सत्ता एक ही व्यक्ति के हाथ में हो; तानाशाही, जैसे- किसी व्यक्ति या दल की एकसत्ताक प्रकृति।
एकसत्तावाद
(सं.) [सं-पु.] (दर्शनशास्त्र) वह सिद्धांत जिसके अनुसार समस्त सृष्टि में मात्र एक ही परम तत्व की सत्ता अर्थात अस्तित्व है; अद्वैतवाद जो ब्रह्म या आत्म तथा
भौतिक जगत की अभिन्नता या एकता का प्रतिपादन करता है; (मॉनिज़म) 2. (राजनीतिशास्त्र) वह शासन तंत्र जिसमें राजसंचालन की संपूर्ण सत्ता एक ही व्यक्ति के हाथों
में केंद्रित होती है; एकतंत्र; अधिनायकवाद; तानाशाही।
एकसदनात्मक
(सं.) [वि.] जिस विधान मंडल में एक ही सदन (मात्र विधान सभा) हो; (यूनिकैमरल)।
एकसर
(फ़ा.) [वि.] जिसके साथ कोई और न हो; अकेला। [क्रि.वि.] 1. एक सिरे से दूसरे सिरे तक 2. लगातार 3. बिलकुल; निरा।
एक-सा
[वि.] 1. समान; सदृश 2. पर्यायवाची 3. अपरिवर्तित।
एकसाँ
(फ़ा.) [वि.] 1. किसी के तुल्य; समान या बराबर 2. समतल; हमवार; यकसाँ।
एकसार
(सं.) [वि.] 1. एक समान 2. एक ही प्रकार का 3. समतल।
एकसाला
[वि.] एक वर्ष का; एक वर्षी; जिसकी अवधि या व्याप्ति एक साल ही हो, जैसे-एकसाला पौधा।
एकसुरा
[वि.] सदा एक ही तरह का स्वर उत्पन्न करने वाला; एक ही तरह की बात करने वाला; जिसकी बातों में वैविध्य न हो; (मॉनोटोनस)।
एकसूत्र
(सं.) [वि.] जो एक ही सूत्र से जुड़ा हुआ हो; एक साथ एक रूप, विचारधारा, उद्देश्य या कार्य में परस्पर संबद्ध; एक्यबद्ध।
एकसूत्रता
(सं.) [सं-स्त्री.] एक रूप, विचारधारा, उद्देश्य या कार्य में परस्पर संबद्ध होने की अवस्था या भाव; एकबद्धता।
एकसूत्री
(सं.) [वि.] 1. जो एकसूत्र में परस्पर संबद्ध हों 2. एक ही कार्य या वस्तु से संबंधित, जैसे- एकसूत्री कार्यक्रम।
एकस्व
(सं.) [सं-पु.] पंजीयन या निबंधन का वह प्रकार जिसमें किसी नई रचना, युक्ति, आविष्कार आदि पर उसके रचयिता या आविष्कर्ता को पूर्ण एकाधिकार प्राप्त हो जाता है और
उसकी अनुमति के बिना कोई भी उसका किसी प्रकार उपयोग या अनुकरण नहीं कर सकता; एकाधिकार; (पेटेंट)।
एकहत्था
[वि.] 1. जिसका एक ही हाथ हो; लूला 2. एक ही व्यक्ति या संस्था के हाथ या नियंत्रण में रहने वाला; जिसपर किसी का एकाधिकार हो, जैसे- एकहत्था व्यवसाय।
एकहत्थी
[सं-स्त्री.] मालखंभ पर होने वाली एक कसरत।
एकांक
(सं.) [वि.] जिसमें एक ही अंक हो (नाटक या रूपक); एकांकी।
एकांकी
(सं.) [वि.] एक ही अंक में पूरा होने वाला (दृश्य काव्य या नाटक)। [सं-पु.] 1. दस प्रकार के रूपकों- नाटक, प्रकरण, प्रहसन आदि में से एक 2. छोटा नाटक जिसमें एक
ही अंक हो; (वन ऐक्ट प्ले)।
एकांग
(सं.) [वि.] 1. केवल एक अंगवाला 2. विकलांग। [सं-पु.] बुध ग्रह।
एकांगघात
(सं.) [सं-पु.] अंगघात या लकवा रोग का एक प्रकार जिसमें कोई एक हाथ या पैर शून्य एवं क्रियाहीन हो जाता है; (मॉनो-प्लेगिया)।
एकांगवध
(सं.) [सं-पु.] प्राचीन भारत में दिया जाने वाला एक दंड जिसमें अपराधी का एक अंग काट लिया जाता था।
एकांगी
(सं.) [वि.] 1. एकपक्षीय; सीमित, जैसे- एकांगी दृष्टि 2. एकांग; जिसका केवल एक ही अंग हो।
एकांत
(सं.) [सं-पु.] निर्जन स्थान; सूना स्थान; शांत या शोरगुल रहित ऐसा स्थान जहाँ कोई न हो; तनहाई। [वि.] 1. जो (स्थान) निर्जन या सूना हो 2. एक को छोड़ किसी और की
तरफ़ ध्यान न देने वाला; एकनिष्ठ, जैसे- एकांत समर्पण, एकांत भक्ति।
एकांतप्रिय
(सं.) [वि.] जिसे एकांत में रहना प्रिय हो।
एकांतर
(सं.) [वि.] एक का अंतर देकर होने वाला या पड़ने वाला, जैसे- 2, 4, 6, 8 सब एकांतर संख्याएँ हैं।
एकांतवास
(सं.) [सं-पु.] निर्जन स्थान में रहना; अकेले में रहना।
एकांतवासी
(सं.) [वि.] निर्जन स्थान में रहने वाला; एकांतवास करने वाला।
एकांतिक
(सं.) [वि.] 1. ऐसा नियम जो किसी विशेष अवसर या स्थान के लिए ही हो, सब जगह लागू न होता हो 2. पक्का; अवश्यंभावी 3. निश्चिंत।
एकांश
(सं.) [सं-पु.] छोटी इकाई; किसी बड़े संस्थान का एक विभाग।
एका
(सं.) [सं-पु.] एकता; मेल; संधि।
एकाएक
[क्रि.वि.] अकस्मात; सहसा; अचानक; यकायक; एकदम।
एकाकार
(सं.) [वि.] जो मिलजुल कर एक हो गया हो; एकरूप, जैसे- नीर और क्षीर का एकाकार होना।
एकाकी
(सं.) [वि.] अकेला; जिसके साथ और कोई न हो।
एकाकीपन
[सं-पु.] अकेला होने की अवस्था या भाव; विभिन्न परिस्थितियों में सब कुछ होते हुए भी संबंधों से विच्छिन्न या अकेला अनुभव करने की दशा।
एकाक्ष
(सं.) [वि.] 1. एक आँखवाला 2. जिसकी एक ही आँख शेष हो; काना 3. एक ही अक्ष या धुरी पर घूमने वाला [सं-पु.] 1. शुक्राचार्य 2. कौआ 3. शिव।
एकाक्षरी
(सं.) [वि.] जिसमें एक ही अक्षर हो, जैसे- एकाक्षरी मंत्र- ॐ।
एकाक्षरी-कोश
(सं.) [सं-पु.] वह कोश जिसमें प्रविष्टि में केवल अक्षर हों और प्रत्येक अक्षर के अलग अलग अर्थ दिए गए हों, जैसे- 'क' अर्थात ब्रह्मा; विष्णु; कामदेव; अग्नि;
वायु आदि।
एकाक्षी
(सं.) [वि.] एकाक्ष।
एकाग्र
(सं.) [सं-पु.] योगशास्त्र के अनुसार पाँच चित्तवृत्तियों में एक चित्तवृत्ति, जिसमें चित्त निरंतर किसी एक ही विषय या वस्तु में लगा रहता है। [वि.] किसी एक ही
विषय या वस्तु पर दत्तचित्त होकर ध्यान करने वाला; अचंचल।
एकाग्रचित्त
(सं.) [वि.] जो पूरी लगन से एक ही कार्य में संलग्न हो; स्थिरचित्त; जिसका ध्यान इधर-उधर नहीं भटकता।
एकाग्रता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. चित्त के एकाग्र होने का भाव 2. (योगशास्त्र) चित्त की वह अवस्था जिसमें चित्त की चंचलता समाप्त हो जाती है; स्थिरचित्तता।
एकात्म
(सं.) [वि.] 1. अभिन्न; एकप्राण; जो आत्मा की दृष्टि से किसी से मिलकर एक हो गया हो 2. वह जीवात्मा जो ब्रह्म से मिलकर एकाकार हो गई हो।
एकात्मवाद
(सं.) [सं-पु.] जीव तथा ब्रह्म की एकता का सिद्धांत; अद्वैतवाद; यह मत कि अनेक आत्माएँ उस एक परमात्मा या ब्रह्म की ही अभिव्यक्तियाँ हैं।
एकादश
(सं.) [वि.] 1. ग्यारह 2. दस से एक अधिक की संख्या। [सं-पु.] क्रिकेट, फुटबॉल या हॉकी आदि खेलों में दल के ग्यारह खिलाड़ियों का समूह।
एकादशाह
(सं.) [सं-पु.] हिंदू धर्म विधियों में किसी की मृत्यु के बाद ग्यारहवें दिन किया जाने वाला कृत्य या कर्मकांड।
एकादशी
(सं.) [सं-स्त्री.] चंद्र मास की ग्यारहवीं तिथि; पूर्णिमा या अमावस्या के बाद ग्यारहवीं तिथि 2. इस तिथि को रखा जाने वाला व्रत।
एकादिक्रम
(सं.) [वि.] 1. वह क्रम जो एक की संख्या से आरंभ हुआ हो, जैसे- एक, दो, तीन, चार आदि 2. अनुक्रम।
एकाध
(सं.) [वि.] एक या दो; इक्कादुक्का; गिनती में बहुत ही कम।
एकाधिक
(सं.) [वि.] एक से अधिक; अनेक।
एकाधिकार
(सं.) [सं-पु.] वह व्यवस्था जिसमें किसी वस्तु, क्षेत्र या व्यापार पर किसी निश्चित व्यक्ति या संस्था का पूर्ण नियंत्रण हो। एकाधिपत्य; (मॉनोपॉली)।
एकाधिकृत
(सं.) [वि.] एकाधिकार प्राप्त।
एकाधिप
(सं.) [सं-पु.] 1. एक मात्र स्वामी; अधिपत्य वाला अकेला व्यक्ति 2. सारे देश पर एकछत्र राज्य करने वाला; शासक।
एकाधिपति
(सं.) [सं-पु.] एकाधिप।
एकाधिपत्य
(सं.) [सं-पु.] किसी देश, क्षेत्र या संस्थान पर केवल एक व्यक्ति या संस्था का संपूर्ण स्वामित्व; एकाधिकार।
एकायन
(सं.) [सं-पु.] 1. केवल एक व्यक्ति के चलने योग्य अयन या मार्ग; पगडंडी 2. एक ही मार्ग 3. वह मार्ग जिसपर केवल एक ही व्यक्ति चल सके 4. वह एकमात्र मार्ग जिसके
सिवा अन्य कोई रस्ता न हो।
एकार्थक
(सं.) [वि.] 1. एक ही अर्थ वाला 2. दो या दो से अधिक शब्द जिनका अर्थ एक ही हो, जैसे- जलज और नीरज एकार्थक शब्द हैं।
एकालाप
(सं.) [सं-पु.] किसी एक व्यक्ति या नाटक के पात्र का अकेले ही बोलते जाना; जहाँ एक से अधिक लोगों का परस्पर संवाद न हो; नाटक का वह रूप जहाँ केवल एक ही व्यक्ति
के कथन या स्वागत भाषण के माध्यम से पूरी कथा या स्थिति उद्घाटित होती है; (मॉनॉलॉग)।
एकावलि
(सं.) [सं-स्त्री.] दे. एकावली।
एकावली
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. एक ही लड़ की मोतियों की माला या हार 2. अर्थालंकार का एक भेद।
एकाशन
(सं.) [सं-पु.] 1. थाली में एक बार परोसा गया भोजन ही खाने का नियम 2. एक व्रत जिसमें दिन में केवल एक बार भोजन किया जाता है।
एकाश्रित
(सं.) [वि.] 1. जो किसी एक पर ही आश्रित हो 2. जो किसी एक आराध्य पर भरोसा करके केवल उसी का आश्रय ले; अनन्यगतिक; जो किसी अन्य के पास आश्रय माँगने न जाए।
एकाह
(सं.) [वि.] 1. एक दिन का समय 2. एक ही दिन में पूरा होने वाला (धार्मिक कृत्), जैसे- रामायण का एकाह पाठ 3. एक दिन में पूर्ण होने वाला (यज्ञ) 4. एक ही दिन
जीने वाला (कीट)।
एकाहार
(सं.) [सं-पु.] 1. एक ही चीज़ खाकर रहने का व्रत या प्रतिज्ञा 2. दिन या रात में एक ही बार भोजन करने का व्रत या नियम।
एकीकरण
(सं.) [सं-पु.] 1. दो या दो से अधिक संस्थाओं, प्रतिष्ठानों या वस्तुओं को मिलाकर एक करने की प्रक्रिया या भाव; (अमैल्गमेशन) 2. दो या दो से अधिक व्यक्तियों या
दलों आदि में मतैक्य स्थापित करने की क्रिया; (युनिफ़िकेशन)।
एकीकृत
(सं.) [वि.] जिन दो या अधिक वस्तुओं, संस्थाओं आदि का एकीकरण हो चुका हो; मिलाकर एक किया हुआ।
एकीकृत परिपथ
(सं.) [सं-पु.] 1. कंप्यूटर के मदरबोर्ड में प्रयोग होने वाला माइक्रोचिप जो इलेक्ट्रॉनिक सरकिट का काम करता है; संबद्ध परिपथ 2. एक ही चिप या अर्धचालक में
समाहित कंप्यूटर सरकिट; (इंटिग्रेटिड सरकिट)।
एकीभूत
(सं.) [वि.] जिसका एकीकरण हो गया हो; जो मिलकर एक हो गया हो; एकीकृत।
एकेंद्रिय
(सं.) [सं-पु.] जो इंद्रियों को सभी प्रकार की बातों से हटा कर केवल मन की ओर प्रेरित करता है। [वि.] एक इंद्रियवाला (प्राणी); केंचुआ; जोंक।
एकेश्वरवाद
(सं.) [सं-पु.] वह मत जो बहुदेववाद के विरुद्ध केवल एक ईश्वर को जगत का नियंता मानता है।
एकेश्वरवादी
(सं.) [सं-पु.] एकेश्वरवाद का सिद्धांत मानने वाला व्यक्ति। [वि.] 1. एकेश्वरवाद संबंधी 2. जिस का विश्वास एकेश्वरवाद में हो।
एकैक
[वि.] एक के बाद एक; प्रत्येक; हरेक।
एकोन्मुख
(सं.) [वि.] जो किसी एक की ही ओर उन्मुख रहता हो; किसी एक के ही प्रति झुकाव रखने वाला।
एक्की
[वि.] 1. एक गाड़ी जिसे एक बैल खींचता है 2. एक बूटी वाली ताश की पत्ती; इक्का।
एक्सक्लूसिव
(इं.) [वि.] वह समाचार जिसके किसी अन्य समाचार पत्र में छपने की संभावना नहीं होती है।
एक्सक्लूसिव न्यूज़
(इं.) [सं-पु.] विशिष्ट समाचार, केवल किसी एक समाचारपत्र या चैनल को प्राप्त हुई और उसमें छपने या दिखाई जाने वाली ख़बर।
एक्सचेंज
(इं.) [सं-पु.] आदान-प्रदान; विनिमय; अदला-बदली।
एक्सटेंशन
(इं.) [सं-पु.] विस्तार; फैलाव; प्रसार; विस्तारण; व्याप्ति।
एक्सट्रा
(इं.) [वि.] 1. अधिक 2. अतिरिक्त; फालतू 3. असाधारण; विशेष।
एक्सट्रा-आर्टिस्ट
(इं.) [सं-पु.] सिनेमा, नाटक आदि में कार्य करने वाले वे कलाकार जो केवल गौण भूमिकाओं, भीड़ के दृश्यों आदि में आते हैं।
एक्सट्रीमिस्ट
(इं.) [सं-पु.] अतिवादी; चरमपंथी; उग्रवादी; अतिमार्गी।
एक्सपर्ट
(इं.) [सं-पु.] 1. किसी विषय का विशेषज्ञ 2. किसी कार्य में प्रवीण; निपुण।
एक्सपेरिमेंट
(इं.) [सं-पु.] परीक्षण; नई खोज, ज्ञान या प्रमाण के लिए किया गया वैज्ञानिक प्रयोग।
एक्सपोज़
(इं.) [सं-पु.] 1. किसी बात या रहस्य का खुलासा करने की क्रिया या भाव; भंडाफोड़ 2. खोलना; अनावृत्त करना 3. प्रदर्शित करना 4. किसी व्यक्ति या संस्था आदि
द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को सामने लाना; पोल खोलना; कलई खोलना।
एक्सपोज़र
(इं.) [सं-पु.] रहस्योद्घाटन; प्रदर्शन; अवसर।
एक्सपोर्ट
(इं.) [सं-पु.] वस्तुओं का निर्यात; सामान अन्य देशों में भेजना।
एक्सप्रेस
(इं.) [सं-पु.] 1. अभिव्यक्त; प्रकट, जैसे- वे अपने भावों को बड़ी ख़ूबी से एक्सप्रेस करते हैं 2. निचोड़ना 3. तीव्रगामी रेल गाड़ी (द्रुतवाहन)। [वि.] द्रुतगामी,
जैसे- एक्सप्रेस पत्र।
एक्स-रे
(इं.) [सं-पु.] (चिकित्सा शास्त्र) वह किरण जिसके सहारे रोग की जाँच के लिए शरीर के भीतरी अंगों के छाया-चित्र लिए जाते हैं।
एक्स
-
रे प्लेट
(इं.) [सं-पु.] पारदर्शी पदार्थ का वह चौकोर टुकड़ा या आयन जिसपर एक्स-रे से छाया-चित्र अंकित होता है।
एक्स-सर्विसमैन
(इं.) [सं-पु.] 1. पूर्व सैनिक 2. वह व्यक्ति जो अपनी पूरी सेवा समाप्त कर सेवानिवृत्त हो चुका हो।
एक्साइज़ड्यूटी
(इं.). [सं-स्त्री.] तंबाकू, शराब जैसी कुछ मादक वस्तुओं के उत्पादन पर लिया जाने वाला सरकारी कर; उत्पादन शुल्क; मादक वस्तुओं पर लगने वाला कर।
एगमार्क
(इं.) [सं-पु.] कृषि-उत्पादों, खाने की वस्तुओं आदि की गुणवत्ता एवं शुद्धता की प्रामाणिकता का सूचक चिह्न जो भारत सरकार की गुणवत्ता निर्धारक एवं नियंत्रक
संस्था द्वारा दिया जाता है और उन उत्पादों पर अंकित होता है।
एग्ज़िबिशन
(इं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रदर्शनी; नुमाइश; विशेष प्रकार की वस्तुओं, वस्त्रों, यंत्रों, प्राणियों, पौधों, फूलों आदि का जहाँ एकत्र प्रदर्शन किया जाता है।
एग्ज़ीक्यूटिव
(इं.) [सं-पु.] व्यापार, उद्योग, शासन, प्रशासन आदि से जुड़े वे लोग जो कार्य का प्रबंधन, संचालन आदि करते हैं; प्रबंधक। [वि.] 1. कार्यों का प्रबंधन आदि करने
वाला 2. अधिशासी; (इग्ज़ेक्यूटिव)।
एग्रोनॉमिस्ट
(इं.) [वि.] कृषिशास्त्री; शस्य वैज्ञानिक।
एग्रोनॉमी
(इं.) [सं-स्त्री.] कृषिशास्त्र; शस्यशास्त्र।
एजाज़
(अ.) [सं-पु.] अलौकिक शक्ति सूचक कार्य; चमत्कार; करिश्मा।
एजेंट
(इं.) [सं-पु.] 1. अभिकर्ता; 2. किसी व्यक्ति या संस्था के प्रतिनिधि के रूप में उनकी ओर से काम करने वाला व्यक्ति 3. लाभ लेकर कमीशन पर सामान बेचने वाला
व्यक्ति।
एजेंडा
(इं.) [सं-पु.] कार्यसूची; कार्य योजना; कार्यावली।
एजेंसी
(इं.) [सं-स्त्री.] 1. अभिकरण; वह संस्था (कार्यालय) जो किसी व्यक्ति, संस्था या प्रतिष्ठान के कार्यों को संचालित करती है तथा उसके प्रतिनिधि के रूप में लाभ के
उद्देश्य से (कमीशन पर) उसका सामान बेचती है, जैसे- गैस एजेंसी।
एटमिक
(इं.) [वि.] परमाणु विषयक; परमाणविक।
एटमिक-इनर्जी
(इं.) [वि.] परमाणु-ऊर्जा।
एटलस
(इं.) [सं-पु.] पृथ्वी के किसी देश-महादेश या स्थान विशेष के नक्शे की पुस्तक; मानचित्रावली।
एटीकेट
(इं.) [सं-पु.] सभ्य व्यवहार; शिष्टाचार; किसी विशेष स्थान या स्थिति में उपयुक्त व्यवहार का सलीका।
एडका
(सं.) [सं-स्त्री.] भेड़ी; मादा भेंड़।
एडमिट
(इं.) [क्रि-स.] 1. भरती करना; दाखिला देना 2. स्वीकार करना; स्वयं से हुई किसी भूल-चूक को मान लेना।
एडवरसियल जर्नलिज़म
(इं.) [सं-पु.] गलत कार्यों एवं गतिविधियों को उद्घाटित करने वाली प्रतिरोधी या प्रतिवादी पत्रकारिता।
एडिटर
(इं.) [सं-पु.] दे. एडीटर।
एडिटॉरियल
(इं.) [सं-पु.] संपादकीय लेख या अग्रलेख; समसामयिक घटनाओं, विशेष मुद्दों या समाचारों पर संपादक द्वारा लिखा गया वैचारिक लेख या टिप्पणी।
एडिटॉरियल पेज
(इं.) [सं-पु.] संपादकीय पृष्ठ; किसी समाचार पत्र का वह पृष्ठ जिसपर संपादकीय सामयिक लेख टिप्पणियाँ इत्यादि विविध स्तंभ प्रकाशित होते हैं।
एडिटॉरियल पॉलिसी
(इं.) [सं-पु.] संपादकीय नीति; समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने वाली समस्त सामग्री के विषय व उनके प्रधान आदि की दृष्टि से निर्धारित नीति।
एडिटॉरियल बोर्ड
(इं.) [सं-पु.] संपादक मंडल; किसी एक समाचार पत्र-पत्रिका से जुड़े एक से अधिक व्यक्तियों का समूह।
एडिटोरियल
(इं.) [सं-पु.] संपादकीय।
एडिशन
(इं.) [सं-पु.] संस्करण, जैसे- इस पुस्तक का यह पाँचवाँ एडिशन है।
एड़
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. पैर के तलवे का पिछला हिस्सा 2. घुड़सवारी में घोड़े के पेट पर वेग में वृद्धि हेतु एड़ी से किया गया प्रहार 3. घुड़सवार के जूते की एड़ी
में लगा धातु का टुकड़ा जिससे घोड़े को तेज़ चलने के लिए कोंचा जाता है; (स्पर)।
एड़ी
(सं.) [सं-स्त्री.] पैर के पंजे का नीचे और पीछे वाला कुछ उभरा और फूला हुआ (मांसल, गद्देदार) भाग। [मु.] -चोटी का ज़ोर लगाना : पूरी ताकत लगा
देना। एड़ियाँ घिसना : बहुत दौड़-धूप करना।
एडीटर
(इं.) [सं-पु.] संपादक; समाचार पत्र के संपादकीय कार्य का निदेशक और निरीक्षणकर्ता; समाचार प्रतिलिपि को परिष्कृत कर प्रकाशन योग्य बनाने वाला व्यक्ति।
एड्स
(इं.) [सं-पु.] वायरस जनित एक घातक रोग जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता समाप्त कर देता है; (एक्वायर्ड इम्युनो डिफ़िश्यंसी सिंड्रोम)।
एण
(सं.) [वि.] 1. एक प्रकार का काला हिरण 2. कस्तूरी-मृग।
एण-अजिन
(सं.) [सं-पु.] मृगचर्म; हिरण की खाल।
एणी
(सं.) [सं-स्त्री.] काली हिरणी।
एत
(सं.) [सं-पु.] सूर्य; आदित्य।
एतकाद
(अ.) [सं-पु.] 1. श्रद्धा; आस्था 2. विश्वास; भरोसा; ऐतबार।
एतदर्थ
(सं.) [अव्य.] इसके लिए, इसलिए; इस कारण।
एतदवधि
(सं.) [क्रि.वि.] अब तक; इस अवधि तक; इस समय तक।
एतदविषयक
(सं.) [वि.] इस विषय से संबद्ध।
एतद्देशीय
(सं.) [वि.] इस देश की वस्तु; इस देश में पाया जाने या उत्पन्न होने वाला; इस देश से संबंधित।
एतमाद
(अ.) [सं-पु.] भरोसा; विश्वास; निर्भरता।
एतराज़
(अ.) [सं-पु.] 1. उज़्र; आपत्ति 2. शंका; संदेह 3. दोष निकालना; नुक्ताचीनी; विरोध।
एतराफ़
(अ.) [सं-पु.] मानना; इकरार करना; अपने अपराध को स्वीकार करना।
एतादृश
(सं.) [वि.] ऐसा; इस प्रकार का; इसके समान।
एथलीट
(इं.) [सं-पु.] दौड़, खेल-कूद आदि का खिलाड़ी; कसरती; व्यायामी।
एथलेटिक
(इं.) [वि.] 1. कसरती; दौड़, खेल-कूद आदि से संबंधित 2. हृष्ट-पुष्ट; कसरत करने वाला, जैसे- एथलेटिक शरीर।
एनीमा
(इं.) [सं-पु.] (चिकित्सा-शास्त्र) वस्ति कर्म; पेट साफ़ करने के लिए गुदा में पिचकारी देना; एक पात्र से जुड़ी नली वाला वह उपकरण जिससे यह क्रिया की जाती है।
एनेमल
(इं.) [सं-पु.] 1. एक उत्कृष्ट श्रेणी का लेप (तरल रंग; पेंट), जिसे घर, गाड़ी तथा लोहे के पत्तर आदि पर चढ़ाया जाता है जो रँगी गई वस्तु की बाहरी वातावरण से
सुरक्षा करता है 2. दाँतों के ऊपर की परत; (इनैमल)।
एनोड
(इं.) [सं-पु.] जस्ते की वह प्लेट जिसके द्वारा विद्युत अपघटन वाले पात्र के अंदर विद्युत धारा प्रवेश करती है; धनाग्र।
एपिसोड
(इं.) [सं-पु.] 1. घटना; प्रसंग 2. कथांश; उपकथा 3. वृत्तांत; उपाख्यान 4. टीवी, रेडियो आदि के धारावाहिक का एक भाग।
एप्रन
(इं.) [सं-पु.] पूरे वस्त्रों के ऊपर सिर्फ़ सामने की ओर पहना जाने वाला वह कपड़ा जो एक कमरपेटी द्वारा शरीर से बँधा रहता है और काम-काज के दौरान धूल, गंदगी,
चिकनाई आदि से वस्त्रों को बचाता है।
एबॉर्शन
(इं.) [सं-पु.] गर्भपात।
एमन
(सं.) [सं-पु.] भारतीय शास्त्रीय संगीत में राग कल्याण और राग केदार के मिश्रण से बना एक राग जिसे मिश्रित राग की श्रेणी में रखते हैं; सात स्वरों या संपूर्ण
जाति का एक राग; यमन या ईमन राग।
एयरकंडीशनर
(इं.) [सं-पु.] वातानुकूलक; शीत-ताप नियंत्रक।
एयरक्राफ़्ट
(इं.) [सं-पु.] हवाई जहाज़; वायुयान।
एयरक्राफ़्ट कैरियर
(इं.) [सं-पु.] वह जलयान जिसपर सैनिक विमानों को लेकर चलने की व्यवस्था रहती है।
एयरगन
(इं.) [सं-स्त्री.] 1. वह बंदूक जिसकी गोली में बारूद नहीं होती, गोली हवा के दबाव से छूटती है तथा छोटे पक्षियों के शिकार में काम आती है 2. खिलौने वाली बंदूक।
एयरटाइट
(इं.) [वि.] (डिब्बा) जिसे बंद करने पर न तो हवा डिब्बे के भीतर से बाहर निकल सके और न बाहर से भीतर डिब्बे में प्रवेश कर सके; वायुरोधक।
एयरपोर्ट
(इं.) [सं-पु.] हवाई जहाज़ के उतरने एवं उड़ने का स्थान; हवाईअड्डा; विमान-पत्तन स्थल।
एयरफ़ील्ड
(इं.) [सं-पु.] हवाई पट्टी; हवाई अड्डे से छोटा वह स्थान जहाँ वायुयान उतारे जा सकते हैं।
एयरफ़ोर्स
(इं.) [सं-पु.] वायु सेना; देश की सैन्यशक्ति के तीन प्रमुख अंगों स्थलसेना, जलसेना तथा वायुसेना में से एक।
एयरमार्शल
(इं.) [सं-पु.] वायुसेना का एक उच्च पदाधिकारी।
एयरमेल
(इं.) [सं-पु.] वह डाक जो वायु-मार्ग द्वारा आती-जाती है; हवाई-डाक।
एयररूट
(इं.) [सं-पु.] वायु-पथ; वायु-मार्ग; वह मार्ग जिससे कोई वायुयान एक स्थान से दूसरे स्थान को जाने के लिए उड़ान भरता है।
एयररेड
(इं.) [सं-पु.] हवाई-मार्ग से आक्रमण करना; हवाई हमला।
एयरलाइन
(इं.) [सं-पु.] वायु-मार्ग द्वारा यातायात-व्यवस्था का संचालन करने वाली संस्था (कंपनी), जैसे- इंडियन एयर लाइंस।
एयरशिप
(इं.) [सं-पु.] गैस से चलने वाला तथा इंजन-युक्त बिना डैने का वायुयान; वायुपोत।
एरंड
(सं.) [सं-पु.] बड़े-बड़े कटावदार पत्तों वाला एक छोटा वृक्ष जिसके पत्तों तथा फल में औषधीय गुण होते हैं; अंडी का पेड़; रेड़; रेड़ी।
एरंडा
[सं-स्त्री.] पिप्पली; पीपल नाम की एक वनस्पतिक औषधि।
एरंडी
(सं.) [सं-स्त्री.] चमड़ा सिझाने (पकाने) के काम आने वाली एक प्रकार की झाड़ी।
एरका
(सं.) [सं-स्त्री.] एक प्रकार की गाँठविहीन घास।
एरा
[परप्रत्य.] 1. वह प्रत्यय जो शब्दों के अंत में लगकर मान या मात्रा की अधिकता दर्शाता है, जैसे- (बहुत-बहुतेरा) और व्यवहार सूचक (लूट-लुटेरा)।
एरियल
(इं.) [सं-पु.] धातु के तार द्वारा निर्मित वह यंत्र जिसके द्वारा रेडियो तरंगों का संग्रहण एवं प्रसारण किया जाता है।
एरियल शॉट
(इं.) [सं-पु.] (फ़िल्म) आकाश या हवाई जहाज़ से चित्रों को खींचना या वीडियो बनाना।
एरिया
(इं.) [सं-पु.] 1. क्षेत्र; इलाका; प्रभुत्व क्षेत्र 2. क्षेत्रफल।
एलची
(तु.) [सं-पु.] 1. पत्रवाहक 2. राजदूत; एक देश में दूसरे देश का प्रतिनिधि।
एलबम
(इं.) [सं-पु.] दे. ऐलबम।
एलवालु
(सं.) [सं-पु.] 1. कैथ या कापित्थ वृक्ष की सुगंधित छाल 2. एक रवेदार या दानेदार सुगंधित द्रव्य जो औषधि या सुगंध के रूप में प्रयुक्त होता है।
एला2
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. इलायची 2. इलायची का वृक्ष 3. (संगीत) शुद्ध राग का एक भेद।
एलान
(अ.) [सं-पु.] उद्घोष; घोषणा; सार्वजनिक रूप से प्रसारित सूचना।
एलानिया
(अ.) [क्रि.वि.] 1. घोषित रूप से 2. स्पष्ट रूप से 3. सार्वजनिक तौर पर; खुलेआम 4. बिना दुराव-छिपाव के; खुल्लमखुल्ला।
एलानेजंग
(अ.+फ़ा.) [सं-पु.] जंग (युद्ध) आरंभ करने की घोषणा।
एलिफेंट फोलियो
(इं.) [सं-पु.] सामान्य आकार के पन्ने से बड़ा पन्ना जिसका आकार 356 मि.मी.x 584 मि.मी. होता है।
एलीका
(सं.) [सं-स्त्री.] छोटी इलायची।
एलुआ
(सं.) [सं-पु.] घृतकुमारी या खारपा का जमाया हुआ रस।
एल्क
(इं.) [सं-पु.] एशिया तथा यूरोप महादेश में पाया जाने वाला एक प्रकार का बारहसिंघा।
एवं
(सं.) [क्रि.वि.] इसी प्रकार; ऐसे ही। [अव्य.] और भी; ऐसे ही।
एवंभूत
(सं.) [वि.] इस प्रकार का; ऐसा।
एवज़
(अ.) [सं-पु.] 1. स्थानापन्न; किसी अन्य के बदले में काम करने वाला 2. प्रतिफल, जैसे- पहले मज़दूरों को काम के एवज़ में अनाज दिया जाता था।
एवज़ी
(अ.) [वि.] किसी के स्थान पर या एवज़ में काम करने वाला; स्थानापन्न।
एवमस्तु
(सं.) [अव्य.] 1. ऐसा ही हो। 2. किसी की मनोकामना की पूर्ति के लिए आशीर्वाद के रूप में प्रयुक्त पद।
एवमेव
(सं.) [क्रि-अ.] ऐसा ही।
एशियन
(इं.) [सं-पु.] 1. एशिया का निवासी 2. एशियाई। [वि.] एशिया संबंधी।
एशिया
(इं.) [सं-पु.] पूर्वी गोलार्ध का प्रसिद्ध तथा विश्व का सबसे विशाल महाद्वीप जिसमें चीन, भारत तथा जापान सहित कई छोटे-बड़े देश आते हैं।
एषण
(सं.) [सं-पु.] 1. कामना करना; इच्छा करना 2. लोहे का तीर 3. सलाई इत्यादि के द्वारा रोगों की जाँच करना 4. ढ़ूँढ़ना; अन्वेषण करना।
एषणा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. चाह; इच्छा; कामना; अभिलाषा 2. याचना; प्रार्थना।
एषणिका
(सं.) [सं-स्त्री.] सुनार का तराजू, जिससे सोने-चाँदी का वज़न किया जाता है।
एषणी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. सुनार का तराज़ू 2. लौहशलाका। [वि.] चाहने वाला (व्यक्ति)।
एषणीय
(सं.) [वि.] वह जिसके संबंध में या जिसकी इच्छा की जाए।
एषा
(सं.) [सं-स्त्री.] चाह; इच्छा।
एसेंस
(इं.) [सं-पु.] 1. इत्र; सुगंध 2. सार; सत्त 3. पुष्पसार।
एस्किमो
(इं.) [सं-पु.] उत्तरी ध्रुव के टुंड्रा प्रदेश में निवास करने वाली एक जनजाति।
एस्टिमेट
(इं.) [सं-पु.] किसी कार्य के लिए होने वाले ख़र्च का अनुमान; तख़मीना; आकलन; आगणन; कूत; प्राक्कलन।
एस्पिरिन
(इं.) [सं-पु.] सिर दर्द तथा ज्वर में आराम देने वाली एक अँग्रेज़ी दवा।
एस्पेरांतो
(इं.) [सं-पु.] एक कृत्रिम अंतरराष्ट्रीय भाषा जो विभिन्न देशों के लोगों के परस्पर व्यवहार हेतु निर्मित की गई है।
एस्फ़ाल्ट
(इं.) [सं-स्त्री.] अलकतरा; डामर; तारकोल; (ऐसफ़ॉल्ट)।
एहतराम
(अ.) [सं-पु.] आदर; इज़्ज़त; सम्मान।
एहतशाम
(अ.) [सं-पु.] 1. शान-शौक़त 2. वैभव; ऐश्वर्य 3. प्रतिष्ठा।
एहतिमाम
(अ.) [सं-पु.] 1. आयोजन 2. इंतज़ाम; प्रबंध; बंदोबस्त; व्यवस्था 3. निगरानी; निरीक्षण 4. तत्वावधान।
एहतिमाल
(अ.) [सं-पु.] आशंका; शक; संदेह; शुबहा।
एहतियाज
(अ.) [सं-पु.] 1. अभाव 2. गरज़; आवश्यकता; ज़रूरत।
एहतियात
(अ.) [सं-स्त्री.] सावधानी; ख़बरदारी; चौकसी; सतर्कता; बचाव के उपाय।
एहतियातन
(अ.) [वि.] एहतियात बरतते हुए; सतर्कता के लिहाज़ से; सावधानी या बचाव की दृष्टि से।
एहतियाती
(अ.) [वि.] परहेज़ करने वाला; बचाव करने वाला।
एहतिलाम
(अ.) [सं-पु.] स्वप्न में वीर्यपात होना; स्वप्नदोष।