जन्म |
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15 अप्रैल 1865 (निजामाबाद, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश) |
भाषा |
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हिंदी |
विधाएँ |
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कविता, उपन्यास, नाटक, आलोचना, आत्मकथा |
कृतियाँ |
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कविता : प्रियप्रवास, वैदेही वनवास, काव्योपवन, रसकलश, बोलचाल, चोखे चौपदे, चुभते चौपदे, पारिजात, कल्पलता, मर्मस्पर्श, पवित्र पर्व, दिव्य दोहावली, हरिऔध सतसई।
उपन्यास : ठेठ हिंदी का ठाट, अधखिला फूल
नाटक : रुक्मिणी परिणय
ललित निबंध : संदर्भ सर्वस्व
आत्मकथात्मक : इतिवृत्त
आलोचना : हिंदी भाषा और साहित्य का विकास, विभूतिमती ब्रजभाषा |
संपादन |
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कबीर वचनावली |
पुरस्कार/सम्मान |
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हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति (1922), हिंदी
साहित्य सम्मेलन के चौबीसवें अधिवेशन (दिल्ली, 1934) के सभापति, 12
सितंबर 1937 ई. को नागरी प्रचारिणी सभा, आरा की ओर से राजेंद्र प्रसाद
द्वारा अभिनंदन ग्रंथ भेंट (12 सितंबर 1937), 'प्रियप्रवास' पर मंगला
प्रसाद पुरस्कार (1938) |
निधन |
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: होली, 1947 ई. |
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