हिंदी का रचना संसार

मुखपृष्ठ | उपन्यास | कहानी | कविता | नाटक | आलोचना | विविध | भक्ति काल | हिंदुस्तानी की परंपरा | विभाजन की कहानियाँ | समग्र-संचयन | अनुवाद | ई-पुस्तकें | छवि संग्रह | हमारे रचनाकार | अभिलेख | खोज | संपर्क

शब्दकोश


फर्हंग इस्तिलाहाते पेशेवराँ
जफ़र-उर्रहमान अब्बासी

फर्हंग इस्तिलाहाते पेशेवराँ एक अद्भुत शब्दकोश है, जिसमें भारत के विभिन्न इलाकों में प्रचलित पेशों, उनके द्वारा इस्तेमाल किए जानेवाले औजारों और उनसे बनाए जानेवाले विभिन्न प्रकार के सामान तथा अन्य निर्मितियों का विस्तृत विवरण दिया गया है। इससे पता चलता है कि एक समय में हमारे देश में इस क्षेत्र में कितनी विशदता और विविधता थी। इनमें से अनेक पेशे अब नहीं रहे, अनेक औजारों का प्रयोग अब बंद हो चुका है तथा बहुत-सी चीजें अब नहीं बनतीं। फिर भी इस शब्दकोश का सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अध्ययन बेहद मूल्यवान है।

यह शब्दकोश जनाब जफ़र-उर्रहमान अब्बासी ने तैयार किया था। उन्होंने इसकी भूमिका नवंबर 1940 में लिखी थी। इस कोश के आठ खंड हैं। हिंदीसमयडॉटकॉम के पाठकों के लिए इस दुर्लभ शब्दकोश को प्रस्तुत करते हुए हमें अत्यंत प्रसन्नता है।

शब्दकोश के लिए यहाँ क्लिक करें

भाग-1
भाग-2
भाग-3
भाग-4
भाग-5
भाग-6
भाग-7
भाग-8

 

मुखपृष्ठ | उपन्यास | कहानी | कविता | नाटक | आलोचना | विविध | भक्ति काल | हिंदुस्तानी की परंपरा | विभाजन की कहानियाँ | अनुवाद | ई-पुस्तकें | छवि संग्रह | हमारे रचनाकार | हिंदी अभिलेख | खोज | संपर्क

Copyright 2009 Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi Vishwavidyalaya, Wardha. All Rights Reserved.