परिचय
मूल नाम : जनक सिंह मीना
जन्म : 31.08.1973 (ग्राम -दानालपुर जिला-करौली, राजस्थान)भाषा : हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृतविधाएँ : निबंध, समीक्षा, आलोचना, शोधमुख्य कृतियाँ
1. आदिवासी समाज और साहित्य चिंतन
2.आदिवासी वंचना-उभरते प्रश्न
3. भारत के आदिवासी- चुनौतियां एवं संभावनाएं
4. भारत के स्वातंत्र्य समर के जनजातीय नायकों की वीरगाथा
5. अमृतकाल में लोक प्रशासन
6. सरदार पटेल : व्यक्तित्व,विचार एवं राष्ट्र निर्माण
7. राजस्थान: प्रशासनिक एवं राजनीतिक व्यवस्था
8. सूचना का अधिकार
9. ग्रामीण विकास के विविध आयाम
10. भारतीय संविधान, राजनीतिक व्यवस्था एवं शासन प्रणाली
सम्मान
प्रो. जनक सिंह को दो बार वर्ष 2011 एवं 2014 में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान नई दिल्ली द्वारा निबंध लेखन के लिए राष्ट्रीय स्तर के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है । राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, जयपुर द्वारा हिंदी में लेखन के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित किया जा चुका है । वहीं राजकीय महिला महाविद्यालय, करौली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र के लिए सम्मानित किया गया है । प्रो. मीना को नेपाल सरकार की पंजीकृत शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला शक्ति काव्य रत्न सम्मान 2024, हिन्दी भाषा के प्रति उत्कृष्ट लेखनी के लिए भारत माता अभिनन्दन सम्मान 2024, गाँधी नगर साहित्य सेवा संस्थान, गुजरात द्वारा प्रजातंत्र सेवा सम्मान 2024, शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा मातृभाषा काव्य रत्न सम्मान 2024, स्वर्णिम श्रीराम साहित्य विभूषण सम्मान 2024, दिव्य ज्योति साहित्यिक संस्थान रायपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा मातृ स्नेही कलमकार सम्मान, राष्ट्रीय काव्य शिरोमणि सम्मान, अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संघ, बीकानेर द्वारा राष्ट्रीय स्तरीय पत्रकार सम्मान, डॉ. भीमराव अम्बेडकर साहित्यश्री राष्ट्रीय शिखर सम्मान 2014, लाला लाजपतपराय राष्ट्रीय शिखर सम्मान 2015, विधिकसहायता एवं सेवा संस्थान जोधपुर द्वारा उत्थान अवार्ड 2015, पं. दीनदयाल शतवार्षिक स्मृति साहित्य राष्ट्रीय शिखर सम्मान 2016, विद्यासागर सम्मान 2016, नवभारत मेमोरियल फाउंडेशन जयपुर द्वारा रिसर्चश्री राष्ट्रीय सम्मान 2029, कोरोना योद्धा सम्मान 2020, भारतीय दलित साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय अवार्ड 2021, प्राउड इंडियन इंस्पायरिंग एकेडमिशिएन अवार्ड 2022, अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी गौरव सम्मान 2022 काठमांडू, नेपाल, इंटरनेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशन, रिसर्च एंड ट्रेनिंग द्वारा इंडियन यूथ आईकॉन अवार्ड 2023, समर्पण संस्थान जयपुर द्वारा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम गौरव राष्ट्रीय पुरस्कार 2023, कबीर कोहिनूर पुरस्कार 2024, ज्ञान विभूषण सम्मान 2024, इण्डो-एशियन टीचर्स एण्ड रिसर्च अवार्ड-2025 , प्राचार्य एवं शिक्षक अवार्ड-2025, स्वामी विवेकानन्द शिक्षक गौरव सम्मान-2025 सहित अनेक पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हो चुके हैं ।
संपर्क
ग्राम -दानालपुर जिला-करौली,राजस्थान-322220
संप्रति
गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रोफेसर
फोन
9672751940
ई-मेल
jsmeena2020@rediffmail.com
विशेष
होटल प्रबंधन में तीन वर्षीय डिप्लोमा, स्नातकोत्तर (लोक प्रशासन, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, पत्रकारिता ), पीएच.डी., पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली), पीएच.डी.राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित नेट जेआरएफ परीक्षा एम. ए. अंतिम वर्ष में ही पास कर ली थी । शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम उपाधि डी.लिट्. प्राप्त की है । 100 से अधिक व्याख्यान विभिन्न राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में दे चुके हैं तथा मुख्य अतिथि,विशिष्टs अतिथि,मुख्य वक्ता, वक्ता, सत्र की अध्यक्षता, सह अध्यक्षता की भूमिका का निर्वहन भी कर चुके हैं । आप एक शिक्षाविद, लेखक, पत्रकार, संपादक, समाजसेवी, कवि हृदय, नेतृत्वकर्ता के रूप में देश दुनिया में जाने जाते हैं । प्रो. मीना आदिवासियों पर केन्द्रित एवं 1988 से प्रकाशित अरावली उद्घोष पत्रिका के प्रधान संपादक हैं । प्रो. मीना न्यू पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन सोसायटी आफ इण्डिया के अध्यक्ष हैं । कमला नेहरू महिला महाविद्यालय जोधपुर में प्रॉक्टर के रूप में, साय कालीन अध्ययन संस्थान जोधपुर में राजनीति विज्ञान प्रभारी,समन्वय,आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के साथ कार्यवाहक निदेशक का दायित्व निर्वहन किया है । के.एन. कॉलेज में लगभग तीन वर्ष तक हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स के ग्रुप लीडर के रूप में तथा लगभग दो वर्ष तक स्टेट कमिश्नर के रूप में दायित्व निर्वाह किया है । जेएनवीयू जोधपुर के आदिवासी अध्ययन केंद्र के संस्थापक निदेशक के रूप में सेवाएं प्रदान की हैं । प्रो. मीना गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कोर्ट मेम्बर भी हैं तथा कई विश्वविद्यालयों में बोर्ड आफ स्टेडीज के सदस्य के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं ।