परिचय
जन्म : 1850, मथुरा (उत्तर प्रदेश)
भाषा : हिंदीविधाएँ : उपन्यास, नाटक मुख्य कृतियाँ
उपन्यास : परीक्षा गुरु
नाटक : प्रह्लाद चरित्र, तप्ता संवरण, रणधीर और प्रेम मोहिनी और संयोगिता स्वयंवर।
निधन
1887
विशेष
हिंदी, उर्दू, संस्कृत, फारसी और अंग्रेजी आदि भाषाओं पर समान अधिकार रखनेवाले लाला श्रीनिवास दास को हिंदी में आधुनिक ढंग का पहला उपन्यास लिखने का गौरव प्राप्त है। ‘परीक्षा गुरु’ नाम का यह उपन्यास 25 नवंबर, 1885 को प्रकाशित हुआ। लाला श्रीनिवास दास भारतेंदु युग के चर्चित लेखकों में से एक हैं। उपन्यास के अतिरिक्त नाटक के क्षेत्र में भी उन्हें भरपूर ख्याति मिली। उनकी भाषा और शैली पर अंग्रेजी तथा उर्दू, फारसी का पर्याप्त प्रभाव है