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					अनुसंधानकर्ता ? घटना का साक्षी ? क्रीमिया की लड़ाइयाँ ? 
					असंख्य मृतक, सब कुछ धुऐ से घिरा हुआ। 
					तौलियों की अदला-बदली 
					नहीं ! अपने हाथों आग लगाना प्रसूतिगृह को ! 
					और स्वयं ही बुलाना आग बुझाने वालों को, कूद पड़ना 
					स्वयं ही आग में और बचाना नवजात शिशु को, 
					चूचक देना उसके मुँह में, कहलाना उसका पिता, 
					सिखाना उसे अंगुलियों से अंजीर फल पकड़ना। 
					और फिर कागज में सैडविच लपेट 
					सादा-सा चेहरा लिये बैठ जाना गाड़ी में और 
					खो जाना किताब में जिसमें औरतें 
					बदल जाती है पक्षियों में और 
					उनकी जगह पर उग आते हैं पंख-अबाबील, 
					बगुलों और चिड़ियों के''' 
					 
					होना कारण और परिणाम दोनों ! कि वर्षों बाद 
					दुर्घटना के शिकार लोगों के हित में 
					इन्कार करना उन्हें याद करने से। 
				
					पर्मानिद : ईसा पूर्व छठी शताब्दी के यूनानी दार्शनिक । 
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