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	यह दिन वीर्य, मथि क्रीम और कुछ बूँद रक्त का हैमेरे लिए एक साधारण दिन ही था
 तुमने इसे दूर तक पहुँचा दिया
 मै तुम्हे दबोच कर
 बाहर निकालना चाहती थी
 पर देर हो गई
 तुम्हारे हाथों ने मेरे हाथों में बदलना शुरू कर दिया
 तुम्हारे पैर मेरे पैर हुए जाते हैं
 मेरा यकृत तुम्हारा यकृत
 एक सुबह, मुझे अजीब सी मितली [गंध] आई थी
 तुम लटके हुए थे खुद से मेरे ही अंदर कहीं
 मैंने अपना हाथ काट कर तुम्हारे हाथों को मुक्त किया
 मैंने अपने ही पैर गँवाए
 जब तुम्हारे पैर अपने से अलग किए
 तुम्हारे बचे हिस्से भी मैंने ऐसे ही अलग किए
 मैंने तुम्हारे अवशेषों का ढेर बनाया
 और तुमसे इतना प्यार नहीं किया कि एक सुथरी मौत दे सकूँ
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