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कविता

वाम वाम वाम दिशा

शमशेर बहादुर सिंह


वाम वाम वाम दिशा,
समय : साम्‍यवादी।
पृष्‍ठभूमि का विरोध अंधकार-लीन। व्‍यक्ति --
कुहास्‍पष्‍ट हृदय-भार, आज हीन।
हीनभाव, हीनभाव
मध्‍यवर्ग का समाज, दीन।

 

किंतु उधर
        पथ-प्रदर्शिका मशाल
कमकर की मुट्ठी में - किंतु उधर :
        आगे-आगे जलती चलती है
        लाल-लाल
वज्र-कठिन कमकर की मुट्ठी में
        पथ-प्रदर्शिका मशाल।

 

भारत का
भूत-वर्तमान औ' भविष्‍य का वितान लिये
काल-मान-विज्ञ मार्क्‍स-मान में तुला हुआ

 

वाम वाम वाम दिशा,
समय : साम्‍यवादी।
अंग-अंग एकनिष्‍ठ

ध्‍येय-धीर


सेनानी :
       वीर युवक
       अति बलिष्‍ठ
                  वामपंथगामी वह -
समय : साम्‍यवादी।


लोकतंत्र-पूत वह
दूत, मौन, कर्मनिष्‍ठ
                जनता का :
एकता-समन्‍वय वह -
मुक्ति का धनंजय वह
चिरविजयी वय में वह
                  ध्‍येय-धीर
                  सेनानी
                  अविराम
वाम-पक्षवादी है -


वाम वाम वाम दिशा,
समय : साम्‍यवादी।

(1945)

 


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