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लोककथा

हताशा

खलील जिब्रान

अनुवाद - बलराम अग्रवाल


बीस घुड़सवारों और बीस शिकारी कुत्तों द्वारा खदेड़ी जा रही लोमड़ी ने कहा :

बेशक, वे मुझे मार डालेंगे। लेकिन उन्हें कितना बेचारा और जड़ कहा जाय! बीस गधों पर सवार लोमड़ियाँ अगर बीस भेड़ियों के साथ एक आदमी का पीछा करें और उसे मार डालें तो किसी भी हालत में उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता।


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