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कविता

मुझे फूल पसंद नहीं है

अन्ना अख्मातोवा

अनुवाद - सरिता शर्मा


मुझे फूल पसंद नहीं है - वे अक्सर मुझे याद दिलाते हैं
अंत्येष्टियों, शादियों और नृत्यों की;
मेज पर उनकी मौजूदगी रात्रि भोज के लिए बुलाती है

मगर एक क्षणभंगुर गुलाब का शाश्वत सरल आकर्षण
जो मेरे लिए सांत्वना था बचपन में
अनेक बीते बरसों से
बन गया है - मेरी विरासत
सदा सुनाई देते मोजार्ट के संगीत की गुंजन की तरह


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