अचानक केट की नींद खुल गई।
रविवार का दिन यानी छुट्टी का दिन... पूरे सप्ताह में एक ही तो दिन मिलता है देर तक सुस्ताने के लिए। कहीं कोई जरा सा भी खटका नहीं। सब आराम से सो रहे थे।
केट की आँखों में नींद कहाँ। भई ढेर सारे काम जो करने हैं। यह समय उचित है अपना कार्य करने के लिए। अच्छा है जेमी अभी सोया हुआ है। वह तो उठते ही घर में हुड़दंग
मचा देगा। छुट्टी का दिन हो और जेमी केट को आराम से कुछ काम करने दे...
जेमी केट का छोटा भाई है। वह जितना अपनी बहन से प्यार करता है उससे कहीं अधिक उसे केट को तंग करने में मजा आता है। वैसे भाई के साथ पंगे लेने में वह भी कुछ कम
नहीं है। कुछ सोचते हुए एक ही छलाँग में केट ने बिस्तर छोड़ दिया।
केट को घर सजाना बहुत अच्छा लगता है। मॉम उसे पूरे घर की अदला बदली तो करने नहीं देंगी। वह अपना कमरा तो अपने ढंग से रख सकती है। केट आकर खिड़की के सामने खड़ी
हो कर उस की ऊँचाई को आँखों से नापने लगी।
चाहे केट पाँच फुट चार इँच लंबी है फिर भी बिना किसी चीज पे खड़े हुए पर्दे के ब्रैकेट तक हाथ नहीं जाएगा। नीचे जाकर गैरेज से छोटी सीढ़ी भी नहीं ला सकती। सब की
नींद खुल जाएगी। उसने पास पड़ी कुर्सी को खींचा। यह क्या कुर्सी की टाँगें तो हिल रही हैं। शायद चूलें ढीली हो गई हों। डैड उठेंगे तो उन से बोलूँगी...
केट की निगाह ड्रेसिंगटेबल के सामंने पड़े स्टूल पर गई। स्टूल की ऊँचाई और उस की लंबाई को मिला कर हाथ पर्दे के ब्रैकेट तक पहुँच गया। केट के होठों पर मुस्कान
दौड़ गई। उसने एक कंधे पर नया पर्दा डाला और दूसरे पर झाड़न। स्टूल पर खड़ी हो कर पुराने पर्दे का एक एक हुक खोल कर उसे निकालने लगी। सारे हुक निकाल कर पुराना
पर्दा नीचे कालीन पर फेंक दिया। झाड़न से ब्रैकेट पर से धूल साफ करके उसने उसमें नया पर्दा टाँगा। ऐसे ही दूसरी ओर के पर्दे को भी लटकाया।
केट के हाथ तेजी से चल रहे थे। उसने पुराना रजाई का गिलाफ, तकिए के गिलाफ व चादर को निकाल कर सब नए बिछा दिए। फिर दूर खड़ी हो कर कमरे को निहारने लगी।
आसमानी रंग के पर्दे जिनके चारों ओर गुलाबी बॉर्डर लगा हुआ था। बिस्तर पर पर्दों से मेल खाता हुआ हल्का नीला रजाई का गिलाफ। उस पर छोटे छोटे गुलाबी फूल बहुत जँच
रहे थे। केट ने खिड़की के सामने से पलंग को खींच कर कमरे के दूसरे कोने में किया। मेज को खिड़की के करीब कर दिया। अब उस पर खिड़की में से अच्छी खासी रोशनी पड़
रही थी। झाड़न से मेज को साफ करके उस पर किताबों को ठीक से लगाया। बिजली का सोकेट थोड़ी दूरी पर था। मेज पर रखी टेबल लैंप की तार को पूरा सीधा करने से वह सोकेट
तक पहुँच गई। कमरे का निरीक्षण करने के पश्चात केट ने दरवाजे के पीछे टँगी जीन्स को उतारा। जेब में हाथ डाला तो उसमें कुछ रेजगारी थी। सारी रेजगारी निकाल कर
उसने ड्रेसिंगटेबल पर फैला दी। धुलने वाले और भी कपड़े इकट्ठे किए। उन गंदे कपड़ों की गट्ठरी बना कर वह उन्हें नीचे ले गई वाशिंग मशीन में डालने के लिए।
केट ने घड़ी पर नजर डाली। साढे आठ बज चुके थे। मॉम डैड को जगा देना चाहिए। उसने बिजली की केतली में पानी भर कर उसे चालू कर दिया। एक ट्रे में टी-पॉट रख कर उसमें
दो टी बैग डाले। प्लेट में कुछ बिस्कुट डाल कर उसे भी ट्रे में रख दिया। पानी केतली में उबल चुका था। उबलता पानी टी-पॉट में डाला... ट्रे पर दूध, चीनी, चम्मच रख
कर केट मॉम डैड के कमरे की ओर चल दी।
केट बचपन से ही स्वतंत्र स्वभाव की लड़की है। यदि उसे कुछ चाहिए तो मॉम डैड से पैसे ना माँग कर वह स्वयं या तो अपनी पॉकिट मनी से प्रत्येक सप्ताह पैसे बचाती
रहती है या कुछ काम करके पैसे जोड़ती है। 13 वर्ष की आयु में ही केट स्कूल जाने से पहले पेपर राउंड करती थी। चाहे जैसा भी मौसम क्यों ना हो वह सुबह उठ कर अपनी
साइकिल पर सवार होके लोगों के घरों में अखबार डालने के बाद ही घर आकर नाश्ता करती थी। लोगों के घरों में अखबार डालने के पैसे मिलते हैं। जिसे बच्चे खुशी से करते
मिलते हैं।
रविवार को सब काम देर से होते हैं। प्रत्येक दिन तो सब लोग सुबह टोस्ट, बिस्कुट आदि खा कर जाते हैं। स्कूल और काम पर जाने की जल्दी जो होती है। रविवार के दिन सब
एक साथ बैठ कर नाश्ता करते हैं। उस दिन नाश्ता बनाने का काम डैड का होता है। इंग्लिश ब्रेकफास्ट... सबकी प्लेटों में दो सोसेज, एक फ्राईड अंडा, बेकन, मशरूम,
फ्राईड टोस्ट और बेक्ड बीन्स गर्मा गर्म चाय या कॉफी के साथ।
इतना तगड़ा और देर से नाश्ता करने के उपरांत दोपहर के खाने की आवश्यकता ही किसे होती है। शाम का खाना जरूर समय से पहले मिल जाता है। संडे रोस्ट जिसका सबको
इंतजार होता है।
नींद खुलते ही जेमी केट के कमरे की ओर भागा उसको जगाने के लिए। अंदर आते ही उसका मुँह खुला का खुला रह गया।
'वाव... यह सब क्या है केट...'
'क्यों, तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है...'
'मॉम डैड जल्दी आइए... देखिए केट ने क्या किया है...'
हेजल और हेनरी बिस्तर छोड़ कर जल्दी से केट के कमरे की ओर आए।
'क्या हुआ के... अरे यह सब तुमने कब किया बेटा... बहुत सुंदर केट। यह सामान तुमने कब खरीदा। भई जरा सी भनक भी नहीं लगने दी। देखिए ना हेनरी... केट ने तो कमरे का
रूप ही बदल कर रख दिया है।'
जेमी कहाँ खामोश रहने वाला था। जरूर इसने यह सब खरीदने के लिए पैसे मॉम से लिए होंगे।'डैड... मुझे भी अब से ज्यादा पॉकिट मनी चाहिए।'
'हूँ... उसके लिए आपको भी केट के समान कुछ काम करना पड़ेगा बेटा। पॉकिट मनी यूँ ही नहीं बढ़ जाती।'
हेनरी हर सप्ताह अपने दोनों बच्चों को जेब खर्च देते हैं। बच्चों को मालूम है कि सोमवार की सुबह उनकी जेब गर्म होती है। अब यह उन पर निर्भर करता है कि वह पैसे
एक ही दिन में खर्चा करें या किसी आवश्यक समय के लिए बचा कर रखें। यह कोई नहीं कह सकता कि लड़कियाँ कम खर्चीली होती हैं या लड़के।
केट को फिजूलखर्ची बिल्कुल भी पसंद नहीं है। उसे हर चीज अपने बलबूते पर स्वयं पैसे इकट्ठे करके खरीदनी अच्छी लगती है। उसकी आदत है कि वह अकसर खुली रेजगारी अपनी
ड्रेसिंगटेबल पर छोड़ देती है। भई यह उसका कमरा है वह जहाँ चाहे... जैसे चाहे अपना सामान रख सकती है। इसका मतलब यह तो नहीं कि जेमी जब चाहे बिना पूछे उस पर हाथ
साफ करले।
जेमी जानता है कि केट एक दो बार ना नुकड़ करके अंत में वह जो माँग रहा है उसे दे भी देगी। छोटा भाई हो और बड़ी बहन को तंग ना करे तो उसको खाना कैसे हजम होगा...
जेमी को जब भी कुछ चाहिए होता है तो वह बहन के कमरे की ओर चल पड़ता है।
'जेमी तुम्हें कितनी बार मना किया है कि मेरे कमरे में मत आया करो। मैं अभी अपना कमरा ठीक कर के गई हूँ और देखो तुमने आते ही क्या हालत बना दी है।'
'मुझे पेंसिल चाहिए... वही ढूँढ़ रहा हूँ'
'चाहिए तो मुझसे माँगो। अपना कमरा तो कबाड़खाना बना कर रखते हो। जहाँ ढूँढ़ो कुछ तो मिलता कुछ है। मुझ से पूछे बिना यूँ मेरी चीजों को हाथ लगाने की आवश्यकता नहीं
है।'
'आवश्यकता कैसे नहीं। तुम कभी कमरे में होती हो कभी नहीं' ...बात करते हुए जेमी की नजर ड्रेसिंगटेबल की ओर उठ गई। अरे इतने सारे पैसे... उस ने केट की रेजगारी से
मुट्ठी भरी और कमरे से बाहर भाग गया।
'जेमी मेरे पैसे दो इधर... जेमी रुको... दोनों एक दूसरे के पीछे भागने लगे। डैड... देखो ना यह हमेशा मेरे पैसे लेकर भाग जाता है।'
'शिकायती टट्टू... डैड कोई बात मत सुनिए इस रोंदी बिल्ली की। हे किटी किटी... कम पुसी कम…' जेमी उसे छेड़ कर कमरे के दूसरे कोने में हो गया
'डैड...'
'जेमी यह क्या तमाशा लगाए रखते हो हर समय। जब देखो इसे तंग करते रहते हो।'
'अरे, अरे केट सँभल कर बेटा... अभी दरवाजे से टकरा जाती। तुम भी ना जेमी। यह घर है या रेस का मैदान। आखिर बड़ी बहन है यह तुम्हारी' हेजल जरा ऊँची आवाज में
बोली...
'अच्छा... यह बड़ी बहन जब मुझसे पंगे लेती है उस समय तो आप कुछ नहीं कहते। जब यह मुझे हे जिमी जिमी... कम डोगी कह कर बुलाती है उस समय तो आप और डैड हँसते हो। आप
लोगों को भी कोई अच्छे नाम नहीं सूझे थे अपने बच्चों के लिए। कुत्ते बिल्लियों के नाम रख दिए हैं। जिसे देखो बस केट की ही साईड लेता है। मैं तो इस घर का सौतेला
बेटा हूँ।' जेमी गुस्से से मुट्ठी में बंद पैसों को मेज पर फेंक कर पैर पटकता हुआ अपने कमरे में चला गया।
हेजल और हेनरी ने मुँह पर हाथ रख लिए कि कहीं हँसी जोर से ना निकल जाए नहीं तो जेमी और भी तुनक जाएगा।
जेमी घर में सबसे छोटा है। सबका लाड़ला है। हेनरी यह भी नहीं चाहते कि लाड़ प्यार से वह बिगड़ जाए।
माँ का दिल है ना हेजल बोले बिना ना रह सकी...
'नाराज कर दिया ना बेचारे को। तुम भी तो केट हर समय छोटे भाई से पंगे लेती रहती हो।'
'इसमें केट का क्या कसूर है' हेनरी ने आगे बढ़ कर कहा।
'आप हमेशा केट की तरफदारी करना छोड़ दीजिए। यह भी कुछ कम नहीं है। हर जगह अपने पैसे फैला कर रखती है भाई को चिढ़ाने के लिए।'
'मॉम... हम दोनों को एक जैसी पॉकिट मनी मिलती है। जेमी अपने पैसे एक ही दिन में उड़ा दे तो इसमें मेरा क्या दोष है। वह मेरा कमरा है। मैं जहाँ मर्जी अपनी चीजें
रखूँ। घर में कोई डाकू थोड़े ही बसते हैं जो मैं अपनी हर चीज को ताले में रखूँगी। आप दोनों रहने दीजिए। मैं जानती हूँ जेमी को कैसे मनाना है...'
'देखिए हेजल बच्चों से घर कितना हरा भरा लगता है। हम ऊपरी गुस्सा जरूर दिखाते हैं लेकिन जब तक घर में कुछ शोर ना हो तो पता कैसे चलेगा कि इस घर में बच्चे भी
रहते हैं। दो वर्ष के बाद केट युनिवर्सिटी चली जाएगी। मेरा तो यही सोच कर दिल बैठा जाता है कि घर एकदम सूना हो जाएगा। केट अपने छोटे भाई को कितना प्यार करती है।
और जेमी... जो जरा-जरा सी बात के लिए केट के कमरे की ओर भागता है वह सबसे अधिक अपनी बहन को मिस करेगा।'
मिस तो आज बस हो जाएगी यदि मैंने जल्दी कदम ना बढ़ाए। इतनी तेज हवा में चलना भी तो आसान नहीं। एक बर्फानी हवा ऊपर से बारिश। छाता भी ऐसी हवा में बार-बार पलट
जाता है।
केट से थोड़ा आगे एक दुबली पतली महिला जा रही थी। उसने एक हाथ में काफी भारी सामान से भरा हुआ थैला उठाया हुआ था और दूसरे में बारिश से बचने के लिए छाता। हवा का
तेज झोंका आया और वह महिला सँभलते हुए भी लड़खड़ा गई। जब तक वह थैला सँभालती उसके हाथ से छाता छूट कर हवा में कलाबाजियाँ खाते हुए दूर कहीं उड़ गया। वह महिला
भीगते हुए जल्दी से बस स्टैंड की छोटी सी छत के नीचे आकर खड़ी हो गई। और लोगों ने भी जिनके पास छाते थे उस महिला के लिए छत के नीचे खड़े होने के लिए जगह बना दी।
बस स्टैंड की छत के नीचे इतनी जगह कहाँ। लोग बिना आवाज किए बारिश में भीगते हुए ठिठुर रहे थे। यदि यह बस छूट गई तो बीस मिनट और उस खुले बस स्टॉप पर इस ठंडे हवा
के गोलों में सब को इंतजार करना पड़ेगा।
बस स्टॉप पर लोगों की कतार लंबी होती जा रही थी। पाँच बजे सब दफ्तर बंद हो जाते हैं। बैंक में काम करने वाले भी उसी समय छूटते हैं। वैसे तो अधिकतर लोगों के पास
अपनी गाड़ियाँ हैं फिर भी कुछ केट जैसों को तो बस के द्वारा ही घर पहुँचना पड़ता है। इस समय सब को घर जाने की जल्दी होती है। इतनी ठंड में कौन यहाँ खड़ा रहना
चाहता है।
केट आ कर उस लंबी कतार में सबसे पीछे खड़ी हो गई। चाहे जितनी भी लंबी कतार क्यों ना हो प्रत्येक अपनी बारी आने की प्रतीक्षा करता है। कोई धक्का मुक्की नहीं
होती।
बस पीछे से ही काफी भरी हुई आई। कुछ यात्रियों को इसी बस स्टॉप पर उतरना था। थोड़े से और यात्रियों को लेकर बस फिर से चल पड़ी। चाहे प्रतीक्षा करते यात्रियों की
कितनी भी लंबी कतार क्यों ना हो बस ड्राइवर उतने ही लोगों को लेगा जितना कानूनन उसमें लिखा हुआ है। इस बात के लिए उसे यात्रियों का भी पूरा सहयोग मिलता है। यह
उन्हीं की सुरक्षा हेतु तो किया गया है।
दूसरी बस के आने में अभी करीब 15 मिनट थे। केट ने चाहे गर्म कोट, मफलर, दस्ताने, टोपी सर्दी से बचने के सारे कपड़े पहने हुए थे फिर भी ठंडी हवा थी कि जैसे
कपड़ों को चीरती हुई शरीर तक पहुँच रही थी। ठंड के मारे कोई बार-बार रूमाल से नाक पोंछ रहा था तो कोई दोनों हथेलियों को रगड़ते हुए मुँह से फूँकें मार कर गर्म
करने का प्रयत्न कर रहा था। सभी चुपचाप ठंड सहते हुए अगली बस की प्रतीक्षा कर रहे थे।
'मॉम आज कितनी ठंड है और केट अभी तक नहीं आई। केट बहुत ग्रीडी होती जा रही है। उसे काम करने की आवश्यकता ही क्या है।'
'बेटा काम केवल आवश्यकता के लिए ही नहीं होता। केट अभी से आदत डाल लेगी तो उसके लिए भी अच्छा है। असली मेहनत का समय तो तब आएगा जब वह डिग्री लेकर युनिवर्सिटी से
बाहर निकलेगी। डिग्री मिलने के बाद ना जाने उसे कहाँ नौकरी मिलती है। तुम भी जब तक घर पर हो आराम कर लो...'
'आराम... अब यह छोटा बेबी नहीं है हेजल। केट इसकी आयु में सुबह उठ कर पेपर राउंड करके फिर स्कूल जाती थी। सीखो कुछ अपनी बहन से।'
'हाँ तो जेमी तुम सुबह मुझसे पॉकिट मनी बढ़ाने की बात कर रहे थे।'
'यस डैड' जेमी जल्दी से खुश हो कर बोला...
'उसके लिए तुम्हें हाथ पैर चलाने होंगे। बिना मेहनत किए तो खाना भी मुँह में नहीं जाता। तुम 13वर्ष के होने वाले हो। स्कूल जाने से पहले पेपर राउंड क्यों नहीं
करते।'
'नहीं डैड मैं इतनी सर्दी में सुबह उठ कर घर से बाहर नहीं जा सकता।'
'क्यों... तुम्हारी बहन भी तो पैसे कमाने के लिए इतनी सर्दी में घर से बाहर रहती है।'
'केट ठंडी हवा में बाहर नहीं घूमती। कैफे के अंदर सैंट्रल हीटिंग है जहाँ वह काम करती है।'
केट कोस्टा कॉफी हाऊस में शुक्रवार दोपहर व शनिवार सारा दिन काम करती है। यह कोस्टा कॉफी हाऊस नोटिंघम के प्रसिद्ध शॉपिंग सैंटर विक्टोरिया के बाहर ही है।
नोटिंघम में दो बड़े शॉपिंग सैंटर हैं ब्रॉडमार्श और विक्टोरिया। कोस्टा कॉफी हाऊस विक्टोरिया शॉपिंग सैंटर के साथ ही होने के कारण शनिवार को यहाँ बहुत भीड़
होती है। उस दिन वहाँ काम करने वालों को टिप भी अच्छी खासी मिल जाती है।
केट 15वाँ वर्ष पार कर चुकी है। पढ़ाई में होशियार है। वह जी सी एस ई (जनरल सर्टीफिकेट ऑफ सैकंडरी एजुकेशन) की परीक्षा की तैयारी कर रही है। केट को कोस्टा कॉफी
बहुत पसंद है जो उसके पैसों के हिसाब से मँहगी है। केट ने सोचा कहीं और शनिबार की जॉब करने से तो अच्छा है कि कोस्टा कैफे में ही नौकरी ढूँढ़ ले। पैसों के साथ कम
दाम पर कॉफी भी पीने को मिल जाया करेगी।
कॉफी का खाली कप मेज पर रखते हुए हेनरी गंभीरता से बोले... 'ठीक है जेमी तुम्हें पेपरबॉय बनना अच्छा नहीं लगता तो तुम प्रत्येक सप्ताह मेरी और मॉम की कार साफ कर
दिया करो। उसके लिए जो पैसे हम बाहर कार की धुलाई के लिए देते हैं वह तुम्हें दे दिया करेंगे। खयाल रहे कार चमकती हुई मिलनी चाहिए। बोलो मंजूर है।'
जेमी का खिला हुआ चेहरा उतर गया। 'ठीक है... लेकिन मैं गर्म पानी से धोऊँगा ठंडे से नहीं।'
हेनरी के होठों पर मुस्कान आई और हट गई। 'यह तुम्हारे ऊपर निर्भर करता है कि तुम क्या करते हो। आज मैं कार शेंपू और पॉलिश ले आता हूँ बस जुट जाओ काम में...'
केट काम पर से घर आई। उसकी छोटी सी नाक ठंड के मारे लाल हो रही थी। अभी तो अक्तूबर का महीना है और सर्दी का यह हाल। यह सब रूस की और से आती हुई ठंडी हवाओं का
असर है नहीं तो अक्तूबर के महीने में तो ठंड की शुरुआत ही होती है।
केट ने दस्ताने उतार कर कुर्सी पर फेंके और गर्म रेडियेटर के ऊपर हाथ रख कर उसकी गर्मी लेने लगी।
'मॉम मैं जल्दी से शावर लेकर आती हूँ आप तब तक मेरे लिए गर्मा-गर्म चाय बना दीजिए।'
'आह हा हा... क्या ठाठ हैं क्वीन ऑफ इंग्लैंड के। आते ही हुक्म चलाने लगी है।' जेमी घर पर हो और कोई तानाकशी ना हो।
केट गुस्से से उसकी ओर देखती हुई बाथरूम की ओर मुड़ते हुए बोली... 'मॉम आपको याद है गत वर्ष हमारे यहाँ फ्रांस से एक फ्रेंच लड़की मार्गरीटा ठहरने के लिए आई थी।
इंग्लिश तौर तरीके और भाषा अच्छी तरह सीखने के लिए।'
'हाँ याद है। बड़ी अच्छी लड़की थी। हम उसके फ्रेंच एक्संट में रुक रुक कर अँग्रेजी बोलने पर कितना हँसते थे। वह भी इतनी भली लड़की कि कभी उसने बुरा नहीं माना।
वह हँसी हँसी में इतनी जल्दी सब कुछ सीख गई थी। तुम्हारे यूथ एक्स्चेंज में इस बार कोई और लड़की आ रही है क्या।'
'नहीं मॉम, नहा कर आऊँ फिर आपसे बात करती हूँ...'
खाने की मेज पर केवल मॉम और जेमी को देख कर हेजल ने पूछा... 'मॉम आज डैड दिखाई नहीं दे रहे...'
'बेटा डैड की आज क्लाइंट्स के साथ मीटिंग है। वह खाना भी बाहर ही खाएँगे... हाँ केट तुम यूथ एक्सचेंज के विषय में कुछ कह रही थी।'
'जी मॉम... इस बार हमारे कॉलेज से चार विद्यार्थी चुने गए हैं फ्रांस जाने के लिए और उनमें मेरा नाम भी है। मॉम मैं आज तक कभी ब्रिटेन से बाहर नहीं गई। इसी
बहाने पढ़ाई के साथ थोड़ा घूमना भी हो जाएगा। याद है हमने मार्गरीटा को कितना घुमाया था।'
'बेटा तुम्हारे तो फ्रेंच में इतने अच्छे नंबर आते हैं फिर क्या आवश्यकता है वहाँ जाने की।'
'मॉम अच्छे नंबर आना दूसरी बात है किंतु उनका रहन-सहन, तौर तरीके तो उनके बीच में रह कर ही सीखे जा सकते हैं। यह एक बहुत ही अच्छा मौका है जिसे मैं खोना नहीं
चाहती। हमारी अध्यापिका ने एक फार्म दिया है जिस पर डैड के हस्ताक्षर चाहिए।'
'सुबह डैड से हस्ताक्षर करवा लेना वैसे जाना कितने दिनों के लिए है।'
'बस एक सप्ताह। और हाँ माँ उसके लिए पासपोर्ट की भी आवश्यकता होगी जिसके लिए मुझे अपना बर्थ सर्टिफिकेट चाहिए।'
'क्या...' हेजल का खाना खाते हुए हाथ वहीं रुक गया। यहाँ बर्थ सर्टिफिकेट कहाँ से आ गया।
'मॉम इसमें इतनी हैरानी की क्या बात है। पहली बार मैं देश से बाहर जा रही हूँ। उसके लिए पासपोर्ट होना जरूरी है जिसे बनवाने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट की आवश्यकता
होती है।'
'क्यों... तुम्हारे पास स्टूडेंट कार्ड भी तो है।'
'पासपोर्ट के लिए स्टूडेंट कार्ड नहीं बर्थ सर्टिफिकेट माँगते हैं मॉम' केट थोड़ा झुँझला कर बोली।
'ठीक है डैड से बोलूँगी वह तुम्हारा पासपोर्ट बनवा देंगे।'
'अब आपकी बेटी बड़ी हो गई है। वह अपने काम स्वयं करना जानती है।'
'हाँ, हाँ... जानती हूँ तू बहुत बड़ी हो गई है लेकिन ऐसी कानूनी चीजों की तुम्हें अभी समझ नहीं है। और फिर पासपोर्ट से मतलब है ना, समय आने पर मिल जाएगा।'
'नहीं मॉम... मैं शीघ्र ही युनिवर्सिटी जाने वाली हूँ। आप क्या सोचती हैं कि वहाँ छोटे छोटे कामों के लिए मैं डैड को बुलाऊँगी। आप मुझे मेरा बर्थ सर्टिफिकेट दे
दीजिए। आज कल सब काम ऑन लाईन हो जाते हैं। यदि आवश्यकता पड़ी तो मैं डैड से सहायता ले लूँगी।'
'ठीक है, जरूरी कागज तुम्हारे डैड रखते हैं। रात को उन से बात करुँगी।'
हेजल ने बेटी को तो समझा दिया लेकिन स्वयं अंदर तक हिल गई। हेनरी ने कितनी बार कहा था कि केट को सब कुछ बता दो। मैं ही हिम्मत नहीं बटोर सकी। हेनरी केट को अपनी
जान से भी अधिक प्यार करते हैं। यदि केट ने गुस्से में आकर कुछ कह दिया तो वह सह नहीं पाएँगे... टूट जाएँगे...
हेजल की आँखों में नींद नहीं। उसे बार बार इधर से उधर करवट बदलते देख हेनरी ने पूछ ही लिया...
'हेजल मैं देख रहा हू कि आप कुछ परेशान हैं। क्या बात है डार्लिंग। मुझे नहीं बताएँगी' हेनरी ने प्यार से हेजल को अपनी ओर खींच कर पूछा...
'हेनरी जिस बात को हम बरसों से छुपाते आ रहे हैं उसका खुलासा करने का समय आ गया है। आज केट अपना बर्थ सर्टिफिकेट माँग रही थी।'
'देखा ना... मैं आपसे कब से कह रहा था कि केट को असलियत बता दीजिए आप ही आनाकानी करती रहीं। प्रत्येक बच्चे को अपने विषय में जानने का पूर्ण अधिकार है। केट छोटी
बच्ची नहीं है। 15 वर्ष की हो चुकी है।'
'समझ में नहीं आ रहा कि कैसे बताऊँ... क्या कहूँ... ना जाने वह इस बात को किस प्रकार लेगी... सच्चाई जान कर पता नहीं कैसा व्यवहार करे। ठीक है कल सुबह जब मैं
केट से बात करूँ तो आप भी मेरे साथ रहियेगा जो...'
हेजल की बात को बीच में काटते हुए हेनरी जल्दी से बोले...' नहीं डार्लिंग यह मुझसे नहीं होगा। यह आपका काम है और आप ही करेंगी। मैं केट की आँखों के सवालों के
जवाब नहीं दे पाऊँगा।' हेनरी ने दूसरी ओर करवट बदल ली। रात दोनों ही ठीक से सो ना सके।
हेजल की नींद खुली तो देखा हेनरी बिस्तर पर नहीं हैं। गाऊन पहन कर वह जल्दी से नीचे आई। हेनरी जाने के लिए तैयार खड़े थे।
'आज शनिवार है हेनरी कहाँ जा रहे हैं। ठहरिये चाय तो पी कर जाइए।'
'नहीं हेजल मुझे जल्दी है' और हेनरी दरवाजा पटक कर चले गए।
हेजल वहाँ खड़ी दरवाजे को देखती रही। आज इतने वर्षों में पहली बार हेनरी उसे व बच्चों को बॉय बोले बगैर घर से बाहर गए हैं।
मेरे कारण हेनरी आज नाराज हो कर गए हैं। मुझे बेटी को सब कुछ बताना ही होगा। परिणाम चाहे कुछ भी हो। केट समझदार है। वह कोई गलत निर्णय नहीं लेगी।
केट तैयार हो कर नीचे आई। वह सीधी ड्राइंगरूम में गई। अरे आज डैड अभी तक नीचे नहीं आए। शनिवार के दिन तो डैड चाय भी यहीं पीते हैं और अखबार भी देर तक पढ़ते हैं।
'डैड' ...केट ने जोर से आवाज लगाई।
'डैड घर पर नहीं हैं। आज उन्हें कुछ काम था सुबह ही चले गए हैं।'
'बॉय करके भी नहीं गए।'
'तुम दोनों सो रहे थे इस लिए जगाया नहीं। केट यह तुम्हारा बर्थ सर्टिफिकेट।' देते हुए हेजल के हाथ काँप रहे थे।
केट जल्दी से वह कागज माँ के हाथ से लेकर पढ़ने लगी। हेजल की नजर बेटी के चेहरे पर थी। कागज को पढ़ते हुए केट के माथे पर थोड़े बल दिखाई दिए।
'मॉम... इस कागज पर तो पिता का नाम किसी क्रिस्टोफर ओ-नील का लिखा है। आप ने शायद मुझे कोई गलत कागज दे दिया है।'
'नहीं बेटा यही सही कागज है हेजल की गहरी आवाज आई। यह तुम्हारा ही बर्थ सर्टिफिकेट है।
लेकिन इसमें डैडी की जगह किसी ओर का नाम लिखा है...
तुम्हारे बाइअलॉजिकल पिता का नाम क्रिस्टोफर ओ-नील ही है।'
'नहीं... केट ने वह कागज वहीं सामने पड़ी मेज पर जोर से फेंक दिया। नहीं... आप मजाक कर रही हैं ना मॉम। मेरे पिता का नाम हेनरी स्मिथ है और मैं हूँ उनकी बेटी
केट स्मिथ।'
'कागज पर जो लिखा है वह सच है बेटा...'
'सच है तो मुझे आज तक अँधेरे में क्यों रखा गया। जिस इनसान को मैं जानती नहीं... कभी उसका नाम नहीं सुना... उसे देखा नहीं वह मेरा बाप कैसे हो सकता है। बस एक
कागज का टुकड़ा दिखा कर कह दिया कि मैं अपने डैड की बेटी नहीं किसी अजनबी की बेटी हूँ केट ने गालों से आँसू झटकते हुए कहा। मैं यह नहीं मानती। मैं केट स्मिथ
अपने डैड हेनरी स्मिथ की बेटी हूँ। मैं डैड के मुँह से यह सब सुनना चाहती हूँ कि मैं उनकी बेटी नहीं हूँ।'
'ओह केट मैं तुम्हें कैसे समझाऊँ।'
'यदि ऐसा कुछ है तो क्यों 15 वर्ष तक इस बात को मुझसे छुपा कर रखा गया। हर बच्चे को पूरा अधिकार होता है अपने विषय में जानने का। अगर जेमी के साथ भी कोई ऐसी बात
हुई है तो प्लीज उसे जल्दी से बता दीजिए।'
'जेमी के डैड कौन हैं मॉम'...
हेजल ऐसे प्रश्न के लिए तैयार नहीं थी। लड़खड़ाने से पहले उसने पास पड़ी कुर्सी का सहारा ले लिया।
बताइए मॉम मैंने आपसे कुछ पूछा है केट आँखे पोंछते हुए बोली...
'जेमी मेरा और हेनरी का बेटा है' ...हेजल ने पलकें झुका कर यूँ कहा मानों वह कोई गुनाह कर रही हो।
'काश... आप ने मुझे यह सब पहले बताया होता माँ।'
'हम तुम्हें इस दर्द से दूर रखना चाहते थे बेटा।'
दर्द... केट भरी हुई आवाज से बोली यह दर्द उस दर्द से कहीं बड़ा है मॉम जिसकी आप बात कर रही हैं। आप नहीं समझ पाएँगी' ...रोते हुए केट दरवाजा पटक कर घर से बाहर
हो गई।
एक बार फिर हेजल के चेहरे पर दरवाजा पटका गया।
यूँ दरवाजे पटकना और गुस्सा करना हेनरी के स्वभाव के विपरीत है। बस आज हो गया। अपना विचलित मन लिए हेनरी इधर से उधर कार भगाते रहे। केट... जिसे वह जान से भी
अधिक प्यार करते हैं, जाने सच्चाई सुनने के पश्चात वह क्या करे। वह अभी बच्ची ही तो है। उसे बहुत ठेस लगी होगी। वह हरगिज नहीं चाहते थे कि इस प्रकार सच्चाई केट
के सम्मुख आए।
कहीं केट कोई गलत कदम ना उठा ले। और जेमी... वह तो अपनी बहन के बगैर रह ही नहीं सकता। उसने केट से कुछ उल्टा सीधा कह दिया तो। केट इस सब को कैसे हैंडल करेगी। वह
तो टूट ही जाएगी...
नहीं मैं टूटूँगी नहीं। एक कागज का टुकड़ा मेरे और मेरे डैड के बीच नहीं आ सकता। एक ऐसा इनसान जिसने 15 वर्ष तक किसी की भी सुध नहीं ली वह मेरा डैड कैसे हो सकता
है। जाने किस हाल में उसने मॉम को छोड़ा होगा।
इस बात के लिए मैं मॉम से बहुत नाराज हूँ... शायद उन्हें जल्दी माफ भी न कर पाऊँ। उनके कारण डैड बिना किसी से कुछ बोले घर से बाहर चले गए। आज मेरे डैड को इस बात
से बहुत दुख पहुँचा होगा। वह स्वयं को दोषी मान कर मुझसे नजरें चुरा रहे हैं... मेरा सामना करने से कतरा रहे हैं। आई एम सॉरी डैड जो मेरे कारण आपको यह सब सहन
करना पड़ रहा है।
जेमी मेरा हॉफ ब्रदर... वह यह सब सुन कर कहीं बदल तो नहीं जाएगा। अभी वह बहुत छोटा है। यह जानने के पश्चात कहीं हमारा रिश्ता ही न बदल जाए।
उधर हेनरी सोच रहे थे... आज यदि मेरी गुड़िया बदल गई तो मैं जीते जी मर जाऊँगा हेनरी अंदर ही अंदर घुट रहे थे। इसमें हेजल बेचारी भी क्या करती। उसका बस इतना ही
दोष था कि वह गर्भपात नहीं कराना चाहती थी। क्रिस्टोफर को केवल पत्नी चाहिए थी। हेजल नहीं जानती थी कि जिस इनसान के प्यार में वह उलझ गई है वह एक बिगड़ा हुआ
शराबी है। उसे रोज शाम को शराब और औरत चाहिए थी उसके बच्चे नहीं। वह गर्भवती पत्नी पर हाथ भी उठाने लगा था।
हेजल को अपने अजन्में बच्चे का डर था। हार कर वह एक दिन सोशल सर्विस में पहुँच गई और वहाँ के सोशलवर्कर को सारी बात बताई। तुरंत उसे सुरक्षा व रहने के लिए मकान
दिया गया। क्रिस्टोफर को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया।
केट अभी पाँच महीने की थी जब हेजल की मुलाकात हेनरी से हुई।
छोटी सी भूरे बाल व नीली आँखों वाली केट को देखते ही हेनरी ने उसे गोद में उठा लिया। पहले दिन से ही उन्होंने उसे गले लगा लिया। हेजल से शादी करके उन्होंने केट
को कभी बाप की कमी महसूस नहीं होने दी। कानूनी तरीके से उन्होंने केट को गोद लेकर उसे अपना नाम तो दे दिया किंतु बर्थ सर्टिफिकेट से क्रिस्टोफर का नाम ना हटा
सके।
हटा तो जेमी रहा था खिड़की के सामने से पर्दों को। हमेशा हुड़दंग मचाने वाले जेमी का चेहरा आज गंभीर था। उसने जेब में हाथ डाला तो कुछ रेजगारी ही निकली। वह धीरे
धीरे कदम उठाता सीड़ियों से नीचे उतरा। फसाद की जड़ वह कागज का टुकड़ा अभी भी मेज पर वहीं पड़ा हुआ था जहाँ केट उसे फेंक कर गई थी।
जेमी ने माँ को दोनों हाथों में सिर थामें कुर्सी पर बैठे पाया। वह कुछ देर खड़ा माँ को देखता रहा। एक छोटी सी बात ने सारे घर का माहौल ही बदल दिया था। कुछ
चीजें होती ही मनहूस हैं। ऐसी चीजों को उन का सही स्थान बता देना चाहिए।
जेमी ने आगे बढ़ कर मेज पर पड़ा केट का बर्थ सर्टिफिकेट उठाया। बड़ी बेदर्दी से उसके टुकड़े टुकड़े करके उन्हें हवा में उछाल दिया। एक पल माँ की ओर देखता रहा।
एक अपराधी की भाँति हेजल की पलकें झुकी हुई थीं।
'मॉम... मुझे दस पाउंड चाहिए'
हेजल ने भीगी पलकें उठा कर बेटे की ओर देखा...
'कोई सवाल नहीं मॉम... दस पाउंड दीजिए। पॉकिट मनी मिलते ही आपको लौटा दूँगा।' पैसे लेकर जेमी घर से बाहर हो गया।
बारी बारी से सब हेजल से मुँह घुमा कर चले गए। किसी ने पलट कर इतना भी ना देखा कि उसके दिल पर क्या गुजर रही है। वह तो किसी को अपने आँसू भी नहीं दिखा सकती।
हेजल को केट की नहीं हेनरी की चिंता थी। जिनको वह इस दर्द से बचाना चाहती थी जब वह ही नहीं समझे तो किसी और को क्या कहे। वह जानती है कि इस प्रकार इस बात का
खुलासा होने से केट से अधिक हेनरी को दुख पहुँचा है। वह तो चाहती ही नहीं थी कि यह बात कभी केट के सामने आए।
सामने से किसी को आता देख जेमी के पाँव वहीं रुक गए। केट सिर नीचे झुकाए कहीं दूर खोई चली आ रही थी। उसने सामने खड़े जेमी को भी नहीं देखा।
'केट... यहाँ क्या कर रही हो। इस समय तो तुम्हें कैफे में होना चाहिए।'
'नहीं जेमी आज मन नहीं जाने का...'
'यह हुई ना बात... मेरा भी मन बहुत कर रहा था अपनी बहन के साथ घूमने का। चलो आज मैं तुम्हें तुम्हारी मन पसंद कॉफी पिलाता हूँ। डरो मत मेरे पास पैसे हैं। तुम भी
क्या याद रखोगी अपने रईस भाई को।'
केट की आँखे छलक उठीं। उसने बढ़ कर जेमी को गले लगा लिया। चंद घंटों में मेरा भाई इतना बड़ा हो गया।
जेमी के हाथों में एक ट्रे थी जिसमें दो कप कॉफी और दो पेस्ट्रीस थीं। वह ट्रे मेज पर रखते हुए बोला... 'केट क्या एक कागज का पुर्जा तुम्हारी जिंदगी में इतनी
वैल्यु रखता है कि तुम डैड से नाराज हो गई।'
'मैं नाराज नहीं हूँ जेमी केवल हर्ट हुई हूँ। मुझे दुख इस बात का है कि जैसे हम अपने मॉम डैड पर विश्वास करते हैं वैसे वह अपने बच्चों पर क्यों नहीं करते। यह
जानते हुए भी कि जब एक दिन वह राज हमारे सामने आएगा तो हमें कितनी पीड़ा होगी। हमारा विश्वास डगमगा जाएगा। क्यों हम से हर बात छुपाई जाती है। हम छोटे जरूर हैं
किंतु इतने नासमझ भी नहीं जितना बड़े हमें समझते हैं।'
'जानते हो मॉम डैड कभी हमें गुस्सा करते हैं या मारते हैं तब भी हम उन्हीं के साथ जा लिपटते हैं। क्यों... क्यों कि वह हमारे अपने हैं। हमें कभी क्षति नहीं
पहुँचाएँगे। पीड़ा हमें होती है तो कष्ट उनको। मेरे कारण आज डैड को कितना दुख हुआ होगा... अपनी बेटी को यह सब बताना मॉम के लिए भी आसान नहीं रहा होगा जेमी। जब
मैं छोटी थी... रात को डर जाने पर मैं मॉम के पास नहीं डैड की बाँहों में जा कर सो जाती थी।'
'एक वह इनसान, जिसने कभी पलट कर भी नहीं देखा... वह हमारे डैड का क्या मुकाबला कर सकता है।'
'केट मॉम डैड दोनों बहुत उदास हैं। चलो घर चलें।'
'चलो जेमी। ना जाने मॉम पर क्या गुजर रही होगी। हम सब ने उन्हें अकेला छोड़ दिया'...
घर के अंदर आते ही सामने माँ को ना पा कर केट ने आवाज लगाई, 'मॉम... कहाँ हैं आप। भई जल्दी से कुछ खाने को दीजिए बहुत भूख लगी है।'
केट... जेमी... हेजल के उदास मुख पर थोड़ी सी रौनक आ गई। लाख कोशिश के बाद भी वह अपनी सूजी हुई आँखें बच्चों से ना छुपा सकी। 'बैठो, मैं तुम दोनों के लिए
सैंडविच बना कर लाती हूँ।'
'सैंडविच तो जेमी भी बना सकता है।'
'क्यों, मैं क्यों... क्या जमाना आ गया है। आप दोनों बड़े आराम से बैठो और बच्चे से काम करवाओ। जानती हो इसे चाइल्ड स्लेवरी कहते हैं' जेमी पैर पटकते हुए दूसरे
कमरे में चला गया।
'मॉम, डैड अभी नहीं आए?'
'नहीं बेटा' हेजल ने लंबी साँस छोड़ते हुए कहा
'हूँ... केट ने उठ कर फिर से कोट पहन लिया। वह कहीं जाने लगी तो पीछे से हेजल ने पुकारा... अब तुम कहाँ चल दी। तुम्हें तो भूख लगी थी।'
'आप सैंडविच तैयार रखिए मैं अभी आई।'
केट जानती है कि डैड उसे कहाँ मिलेंगे। उसके पाँव स्वयं ही नदी की ओर उठ गए। यह है नॉटिंघम की प्रसिद्ध ट्रैंट नदी। उसे दूर बैंच पर बैठी हुई किसी पुरुष की
आकृति नजर आई। वह उस ओर बढ़ गई। यह वो जगह है जहाँ हेनरी छोटी सी केट को लेकर आया करते थे। सामने बहती हुई नदी... उसमें तैरती बतखें... आते जाते लोग।
हेनरी के हाथ में एक पत्तों से भरी डाली है। वह बेखयाली में उस डाली का एक एक पत्ता तोड़ कर नीचे फेंक रहे हैं बिल्कुल वैसे ही जैसे बचपन में केट किया करती
थी... बोलते हुए एक एक पत्ता फेंका करती थी... डैडी लव्स मी, डैडी लव्स मी नॉट...
पीछे से दो बाँहें हेनरी के गले में आ गईं। किसी ने हल्के से गालों का चुंबन लिया... 'आई लव यू डैड...'