खूबसूरत घर बन जाते हैं खूबसूरत औरतों की कब्रगाह
खूबसूरत घरों में उड़ेल दी जाती हैं खुशबुएँ हज़ारों-हज़ार मृत इच्छाओं की बेचैन गंध पर
करीने से सजे सामानों में दफ़न हो जाती हैं तितलियाँ
सब कुछ चमकता है खूबसूरत घरों में औरतों की आँखों के अलाव से
हिंदी समय में संध्या नवोदिता की रचनाएँ