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कविता

एक काला रंग

नरेंद्र जैन


एक काला रंग चुनो
उसमें जो
लाल हरी नीली ऊर्जा है
उसे बाहर लाओ
उसमें जो
लगातार दौड़ रहे हैं घोड़े
स्त्री, पुरुष, बच्चे
हँस रहे हैं
उनके संग झुंड बनाकर
नाचो
एक पत्थर उठाओ
उसमें चेहरे हैं
शुरू करो उनसे
बातचीत का सिलसिला
है उसमें
पानी का विस्तार
वहाँ उतर जाओ
कुछ आग बाकी होगी
इस अँधेरे में ले आओ
एक
काला रंग चुनो
तुम एक पत्थर उठाओ


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