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कविता

अँधेरे में वह

नरेंद्र जैन


सकुचाते हुए
स्त्री ने
कागज पर अँगूठा लगाया

सिसकते हुए
बतलाया किसी तरह
दिवंगत पति का नाम
घटित हुआ यह प्रसंग
3 सितंबर 1993 को
गोद में
लिए बच्चा
प्रविष्ट हुई
अँधेरे समाज में वह


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हिंदी समय में नरेंद्र जैन की रचनाएँ



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