hindisamay head


अ+ अ-

कविता

ब्लोक के लिए

मारीना त्स्वेतायेवा

अनुवाद - वरयाम सिंह


तुम्‍हारा नाम जैसे हाथ पर बैठी चिड़िया,
तुम्‍हारा नाम जैसे जीभ पर बर्फ की डली...
होठों का हल्‍का-सा कंपन।
तीन अक्षरों का तुम्‍हारा नाम
जैसे उड़ती हुई गेंद आ गई हो हाथ में,
जैसे चाँदी की घंटी की टनटनाहट।

तुम्‍हारे नाम का उच्‍चारण
जैसे शांत तालाब में पत्‍थर की छपाक्
रात की धीमी-सी आहट के बीच
गूँजता है तुम्‍हारा नाम
कनपटियों के पास
जैसे बंदूक के घोड़े का स्‍पर्श।

तुम्‍हारा नाम …उफ् क्‍या कहूँ!
जैसे चुंबन कोमल कुहरे का
स‍हमी आँखें और पलकों पर,
तुम्‍हारा नाम जैसे बर्फ पर चुंबन,
नीले, शीतल झरने के पानी की घूँट।
गहरी नींद सुलाता है
तुम्‍हारा नाम।

 


End Text   End Text    End Text