ष
हिंदी वर्णमाला का व्यंजन वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह पश्च-वर्त्स्य उलटित, अघोष संघर्षी है। (यदि यह 'ट्, ठ्, ड्, ढ्' ध्वनियों से पहले न आए तो इसका उच्चारण
आजकल हिंदी में तालव्य [श्] होता है।)
षंड
(सं.) [सं-पु.] 1. हिजड़ा; नपुंसक; नामर्द 2. प्रजनन के लिए पालित वृष; छुट्टा साँड़ 3. भेड़ बकरों का झुंड 4. कमलों का समूह 5. शिव का एक नाम 6. राशि; ढेर।
षंडत्व
(सं.) [सं-पु.] नपुंसक, नामर्द होने की स्थिति; नपुंसकता।
षटकर्म
(सं.) [सं-पु.] 1. ब्राह्मणों के छह कर्म-यजन, याजन, अध्ययन, अध्यापन, दान और प्रतिग्रह 2. स्मृतियों के अनुसार छह काम जिनके द्वारा आपातकाल में ब्राह्मण अपनी
जीविका कर सकता है 3. तांत्रिकों के वध आदि छह कर्म 4. योगाभ्यास संबंधी छह क्रियाएँ 5. झगड़ा; झंझट।
षटकोण
(सं.) [सं-पु.] 1. (ज्यामिति) एक आकृति जिसमें छह कोण होते हैं 2. लग्न से छठा स्थान 3. एक यंत्र 4. इंद्र का वज्र 5. हीरा। [वि.] छह कोणों वाला; (हेक्सेंगुलर)।
षटचक्र
(सं.) [सं-पु.] 1. योग के छह चक्र- मूलाधर, स्वाधिष्ठान, मणिपूरक, अनाहत, विशुद्ध और आज्ञा 2. षड्यंत्र 3. झंझट-झगड़े के काम।
षटदर्शन
(सं.) [सं-पु.] दे. षड्दर्शन।
षटपद
(सं.) [सं-पु.] 1. भ्रमर; भौंरा 2. एक छोटा कीड़ा जो पशुओं के शरीर पर चिपटकर ख़ून चूसता है; किलनी 3. छह पदों वाला छंद; गीति छंद। [वि.] छह पैरों वाला।
षटमासिक
(सं.) [वि.] छमाही; अर्धवार्षिक।
षटरस
(सं.) [सं-पु.] दे. षड्-रस।
षडंग
(सं.) [सं-पु.] 1. छह अंग 2. छह वेदांग- व्याकरण; शिक्षा; छंद; निरुक्त; कल्प और ज्योतिष।
षडज
(सं.) [सं-पु.] संगीत के सात स्वरों में से प्रथम जिसका संकेत 'सा' है।
षड्दर्शन
(सं.) [सं-पु.] हिंदुओं के छह दर्शन- सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, पूर्व-मीमांसा और उत्तर मीमांसा।
षडभुज
(सं.) [सं-पु.] (ज्यामिति) छह भुजाओं वाला क्षेत्र। [वि.] जिसकी छह भुजाएँ हों।
षडरस
(सं.) [सं-पु.] छह प्रकार के रस या स्वाद, जैसे- मधुर, लवण, तिक्त, कटु, कषाय और अम्ल।
षडरिपु
(सं.) [सं-पु.] मानव के छह विकार, जैसे- काम, क्रोध, लोभ, मद, मोह एवं मत्सर।
षडानन
(सं.) [सं-पु.] 1. शिव के बड़े पुत्र जो युद्ध के देवता कहे जाते हैं; कार्तिकेय 2. संगीत में स्वरसाधन की एक प्रणाली। [वि.] छह मुखोंवाला।
षड्यंत्र
(सं.) [सं-पु.] 1. धोखा देने की योजना 2. दुरभिसंधि 3. साज़िश 4. गुप्त रूप से की जाने वाली कार्रवाई; (कांसपिरेसी)।
षड्यंत्रकारी
(सं.) [सं-पु.] वह जो साज़िश या षड्यंत्र करे; साजिशकर्ता; षड्यंत्रकर्ता; षड्यंत्री।
षड्यंत्री
(सं.) [सं-पु.] वह जो साजिश या षड्यंत्र करे; साजिशकर्ता; षड्यंत्रकर्ता; षड्यंत्रकारी।
षष्ठ
(सं.) [वि.] छठा।
षष्ठांश
(सं.) [सं-पु.] छठा खंड या अंश।
षष्ठी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी पक्ष का छठा दिन; शुक्ल या कृष्ण पक्ष की छठी तिथि 2. षाडश मातृकाओं में से एक; देवसेना 3. कात्यायनी; दुर्गा का एक अवतार 4.
(व्याकरण) वह कारक जिससे एक शब्द का दूसरे शब्द के साथ संबंध सूचित होता है; संबंध कारक 5. बालक उत्पन्न होने से छठा दिन तथा उक्त दिन का उत्सव।
षाड़व
(सं.) [सं-पु.] 1. (संगीत) छह स्वरों वाला राग; ऐसा राग जिसमें सिर्फ़ छह स्वर लगते हों 2. मनोराग; मनोविकार 3. गाना; संगीत।
षाड़व ओड़व
(सं.) [सं-पु.] (संगीत) ऐसा राग जिसमें आरोह में छह व अवरोह में पाँच स्वर हों।
षाड़व संपूर्ण
(सं.) [सं-पु.] (संगीत) ऐसा राग जिसमें आरोह में छह व अवरोह में संपूर्ण स्वर हों।
षाण्मासिक
(सं.) [सं-पु.] मृतक संबंधी एक कृत्य जो किसी की मृत्यु के छह महीने बाद किया जाता है; छमासी। [वि.] 1. छह महीनेवाला 2. जिसका समय छह महीने का हो।
षोडश
(सं.) [सं-पु.] सोलह की संख्या। [वि.] 1. सोलह 2. दस से छह अधिक।
षोडशदान
(सं.) [सं-पु.] एक तरह का दान जिसमें सोलह प्रकार की वस्तुएँ दी जाती हैं।
षोडश शृंगार
(सं.) [सं-पु.] पूर्ण शृंगार जिसके अंतर्गत सोलह बातें हैं।
षोडश संस्कार
(सं.) [सं-पु.] वैदिक रीति के अनुसार गर्भाधान से लेकर मृतक कर्म तक के सोलह संस्कार।
षोडशी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. सोलह वर्ष की स्त्री; तरुणी 2. दस विद्याओं में से एक विद्या 3. सोलह वस्तुओं का वर्ग- ईक्षण, प्राण, श्रद्धा, आकाश, वायु, जल, पृथ्वी,
मन, इंद्रिय, वीर्य, अन्न, मंत्र, तप, नाम और कर्म। [वि.] जो सोलह वर्ष की हो (युवती, तरुणी आदि)।
षोडशोपचार
(सं.) [सं-पु.] पूजन के पूर्ण अंग जो सोलह माने गए हैं।