ई
हिंदी वर्णमाला का स्वर वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह उच्चतर-उच्च, अग्र, अगोलित और दीर्घ स्वर है। यह 'इ' का दीर्घ रूप नहीं है, क्योंकि 'इ' और 'ई' में न केवल
मात्रा का, वरन उच्चारण स्थान का भी अंतर है।
ईंगुर
(सं.) [सं-पु.] सिंदूर; लाल, नारंगी या पीले रंग का बारीक खनिज चूर्ण (स्त्रियाँ जिसे मस्तक तथा माँग पर लगाती हैं)।
ईंट
[सं-स्त्री.] 1. मिट्टी का आयताकार साँचे में ढला टुकड़ा जो आग में पकाकर बनाया जाता है जिससे मकान आदि की पक्की दीवारें बनाई जाती हैं; इष्टका 2. धातु का चौकोर
टुकड़ा, जैसे- सोने की ईंट। [मु.] -से ईंट बजाना : ध्वस्त करना, लड़ाई में परास्त करना।
ईंत
[सं-पु.] सान चढ़ाते समय उसके नीचे रखी जाने वाली ईंट।
ईंधन
(सं.) [सं-पु.] 1. जलाने के काम आने वाला पदार्थ 2. जलाने की लकड़ी या कंडा 3. जलावन 4. वाहनों आदि में उपयोग किया जाने वाला डीज़ल; पेट्रोल आदि पदार्थ; (फ़्यूअल)।
ईकार
(सं.) [सं-पु.] 'ई' स्वर या उसका सूचक वर्ण।
ईकारांत
(सं.) [वि.] जिस शब्द का अंत 'ई' वर्ण या मात्रा से हो, जैसे- भाई और देवी ईकारांत शब्द हैं।
ईक्षक
(सं.) [वि.] 1. देखने वाला 2. किसी कार्य या वस्तु की जाँच आदि करने वाला; विचार करने वाला।
ईक्षण
(सं.) [सं-पु.] 1. दर्शन; देखना 2. आँख 3. विचार 4. विश्लेषण; विवेचन 5. जाँच-पड़ताल; खोजबीन 6. परख।
ईक्षणिक
(सं.) [सं-पु.] 1. भविष्यवक्ता 2. हस्तरेखाओं का जानकार; ज्योतिषी।
ईक्षा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. नज़र; दृष्टि 2. देखने की क्रिया; दर्शन 3. विचारना; विवेचन करना; पर्यालोचन।
ईक्षित
(सं.) [वि.] देखा हुआ; विवेचित; परखा या जाँचा हुआ।
ईख
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. शर जाति का एक पौधा जिससे मीठा रस निकलता है; उक्त रस से गुड़; चीनी और मिस्री आदि बनते हैं 2. गन्ना 3. ऊख; इक्षु।
ईजाद
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. अविष्कार; खोज 2. किसी नई चीज़ का बनाना; नवनिर्माण।
ईजादी
(अ.) [वि.] 1. ईजाद से संबंधित; ईजाद का 2. नई वस्तु का निर्माण करने वाला।
ईज़ीचेयर
(इं.) [सं-पु.] आरामकुरसी; एक बड़ी ढलवा आकार की कुरसी जिसमें आराम से बैठा या लेटा जा सकता है।
ईडा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. तारीफ़; प्रशंसा 2. स्तुति।
ईडित
(सं.) [वि.] जिसकी स्तुति या प्रशंसा की गई हो; प्रशंसित।
ईति
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. बाधा; विघ्न; विपत्ति; 2. खेती को नुकसान पहुँचाने वाली छह विपत्तियाँ- अतिवृष्टि, अनावृष्टि, टिड्डियाँ, चूहे, पक्षी और विदेशी आक्रमण।
ईथर
(इं.) [सं-पु.] (रसायन शास्त्र) 1. एक कार्बनिक यौगिक जिसका रसायनिक नाम डाई-एथिल-ईथर है 2. उन्नीसवीं शताब्दी की एक अप्रमाणित परिकल्पना के अनुसार एक पारदर्शी
सूक्ष्म तत्व जो सारे आकाश में व्याप्त है और जिससे होकर प्रकाश की किरणें पृथ्वी पर आती हैं।
ईद
(अ.) [सं-स्त्री.] मुसलमानों का प्रसिद्ध त्योहार; ख़ुशी का दिन; रमज़ान मास के रोज़े समाप्त होने पर चाँद दिखाई देने के दूसरे दिन मुसलमानों द्वारा मनाया जाने
वाला त्योहार। [मु.] -का चाँद : बहुत दिनों बाद दिखाई देना।
ईद-उल-जुहा
(अ.) [सं-स्त्री.] मुसलमानों का एक प्रसिद्ध त्योहार; बकरीद।
ईद-उल-फ़ित्र
(अ.) [सं-स्त्री.] मुसलमानों का एक प्रसिद्ध त्योहार; मीठी ईद; बड़ी ईद।
ईदगाह
(अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] वह स्थान जहाँ पर मुस्लिम लोग ईद के दिन एकत्र होकर नमाज़ पढ़ते हैं और ख़ुशियाँ मनाते हैं।
ईदी
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. ईद के मौके पर दिया जाने वाला उपहार; इस अवसर पर नौकरों या बच्चों को दी जाने वाली बख़्शीश 2. ईद के मौके पर प्रदत्त शुभकामना युक्त कविता
3. ईद संबंधी।
ईदृश
(सं.) [क्रि.वि.] ऐसे; इस प्रकार। [वि.] ऐसा; इस प्रकार का।
ईनाम
(अ.) [सं-पु.] दे. इनाम।
ईप्सा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. किसी वस्तु को पाने की इच्छा या अभिलाषा 2. कोई कार्य करने के लिए मन में होने वाला विचार या उद्देश्य; इरादा; (इंटेंशन)।
ईप्सित
(सं.) [वि.] जिसकी ईप्सा या इच्छा की गई हो; अभिलाषित; चाहा हुआ।
ईप्सु
(सं.) [वि.] 1. ईप्सा या इच्छा करने वाला; इच्छुक 2. प्राप्त करने का प्रयत्न करने वाला।
ई-बुक्स
(इं.) [सं-स्त्री.] इलेक्ट्रॉनिक किताबें।
ईमन
(फ़ा.) [सं-पु.] (संगीत) एक प्रकार की रागिनी जिसे रात के पहले पहर में गाया जाता है।
ईमा
(अ.) [सं-पु.] 1. संकेत; इशारा 2. हुक्म; आदेश 3. तात्पर्य; मतलब।
ईमान
(अ.) [सं-पु.] 1. सत्य; न्याय और धर्म के बारे में होने वाली पूरी निष्ठा 2. सच्चाई 3. धर्म और ईश्वर के प्रति होने वाली आस्था; विश्वास।
ईमानदार
(अ.+फ़ा.) [वि.] 1. विश्वास करने वाला; नेक नीयत 2. विश्वासपात्र 3. नियतदार 4. सच्चा 5. धर्मात्मा और सत्यनिष्ठ 6. ईमानवाला 7. न्याय एवं सत्य का पक्षधर।
ईमानदारी
(अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] 1. ईमानदार होने की क्रिया, भाव या गुण 2. धर्मनिष्ठता।
ईमानफ़रोश
(अ.+फ़ा.) [वि.] जिसने अपना ईमान बेच दिया हो; विश्वासघाती; बेईमान।
ईमानफ़रोशी
(अ.+फ़ा.) [सं-स्त्री.] ईमान बेचने की क्रिया या भाव; बेईमानी करना।
ईमाय
(अ.) [सं-पु.] ध्वनि; संकेत; इशारा।
ई-मेल
(इं.) [सं-पु.] 1. कंप्यूटर के माध्यम से इंटरनेट पर भेजी जाने वाली सूचना 2. सूचना भेजने की उक्त पद्धति 3. इलेक्ट्रॉनिक पत्र।
ईरण
(सं.) [सं-पु.] 1. किसी को आगे ढकेलने या बढ़ाने की क्रिया या भाव 2. उत्तेजना या प्रेरणा 3. गमन; जाना 4. क्षुब्ध करने वाला।
ईरान
(फ़ा.) [सं-पु.] एशिया का एक प्रसिद्ध देश; फ़ारस देश।
ईरानी
(फ़ा.) [सं-पु.] ईरान देश के वासी। [सं-स्त्री.] ईरान की भाषा। [वि.] ईरान से संबंधित।
ईरित
(सं.) [वि.] 1. आगे ढकेला या बढ़ाया हुआ 2. प्रेरित या प्रोत्साहित किया हुआ।
ईर्षा
(सं.) [सं-स्त्री.] द्वेष; जलन; ईर्ष्या।
ईर्ष्या
(सं.) [सं-स्त्री.] किसी की उन्नति, सुख आदि देखकर मन में होने वाला कष्ट; द्वेष; जलन; डाह।
ईर्ष्यालु
(सं.) [वि.] 1. ईर्ष्या करने वाला; जलने वाला; डाह करने वाला 2. दूसरे की उन्नति से दुखी होने वाला।
ईवनिंग
(इं.) [सं-स्त्री.] शाम; संध्या; सायंकाल; दिन डूबने के आस-पास का समय।
ईवनिंगर
(इं.) [सं-पु.] सांध्य दैनिक पत्र; अपराह्न को प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र।
ई-व्यवसाय
(इं.+हिं.) [सं-पु.] 1. कंप्यूटर के माध्यम से किया गया इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय 2. व्यापारिक कार्य जिसमें तकनीक का प्रयोग हो 3. ऐसा व्यवसाय जो कंप्यूटर के
माध्यम से किया जाए।
ईश
(सं.) [सं-पु.] 1. ईश्वर; प्रभु; शिव 2. पति 3. राजा 4. ईशोपनिषद 5. एक रुद्र का नाम। [वि.] सामर्थ्य; प्रभुत्वयुक्त; ऐश्वर्ययुक्त।
ईशता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. ईश होने की अवस्था या भाव 2. प्रभुत्व; स्वामित्व।
ईशा
(अ.) [सं-स्त्री.] 1. ऐश्वर्य 2. ऐश्वर्य से युक्त स्त्री; ऐश्वर्यशालिनी 3. दुर्गा।
ईशान
(सं.) [सं-पु.] 1. अधिपति; स्वामी 2. शासक 3. ईश्वर 4. पूर्व और उत्तर के बीच का कोना 5. शिव की आठ मूर्तियों में से एक 6. शिव; महादेव 7. आर्द्रा नक्षत्र 8.
विष्णु। [वि.] 1. ऐश्वर्ययुक्त 2. शासन करने वाला; आधिपत्ययुक्त 3. धनी।
ईशानी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. दुर्गा 2. शाल्मली वृक्ष; सेमल का पेड़।
ईशिता
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. महत्ता; श्रेष्ठता 2. ईश्वरत्व 3. प्रभुत्व; स्वामित्व 4. प्राधान्य 5. आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक जिससे साधक सब पर शासन कर सकता
है।
ईश्वर
(सं.) [सं-पु.] 1. भगवान; परमात्मा; प्रभु; परम पुरुष; स्वामी 2. विशिष्टाद्वैत के अनुसार तीन पदार्थों (ईश्वर; चित्त; अचित्त) में एक 3. {ला-अ.} धनी या बड़ा
व्यक्ति। [वि.] 1. ऐश्वर्ययुक्त 2. शक्तिमान; समर्थ।
ईश्वरतत्व
(सं.) [सं-पु.] 1. ईश्वर होने की अवस्था, गुण या भाव 2. प्रभुत्व; स्वामित्व 3. ऐश्वर्य; सामर्थ्य।
ईश्वरनिष्ठ
(सं.) [वि.] 1. ईश्वर की सत्ता में विश्वास रखने वाला 2. जिसकी ईश्वर में आस्था या विश्वास हो 3. ईश्वरपरायण; ईश्वरभक्त।
ईश्वरवाद
(सं.) [सं-पु.] 1. ईश्वर की सत्ता पर पूरा विश्वास करने का सिद्धांत 2. आस्तिकवाद; आस्तिकता।
ईश्वरवादी
(सं.) [वि.] 1. ईश्वरवाद को मानने वाला; अनुयायी; ईश्वरवाद का समर्थक 2. आस्तिक।
ईश्वरी
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. देवी 2. दुर्गा; पार्वती; शक्ति 3. लक्ष्मी।
ईश्वरीय
(सं.) [वि.] 1. ईश्वर संबंधी 2. ईश्वर का 3. दैवीय 4. ईश्वर की ओर से होने वाला।
ईष
(सं.) [सं-पु.] 1. आश्विन मास 2. क्वार 3. शिव का एक गण।
ईषणा
(सं.) [सं-स्त्री.] प्रबल इच्छा।
ईषिका
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. हाथी की आँख का गोलक 2. बाण 3. सींक 4. चित्र में रंग भरने की कलम; कूँची।
ईसवी
(फ़ा.) [वि.] ईसा संबंधी; ईसा से संबंध रखने वाला; मसीही। [सं-पु.] 1. ईसवी सन; ईसा के जन्मकाल से चलने वाला सन 2. ईसवी सन का संक्षिप्त रूप।
ईसा
(अ.) [सं-पु.] 1. ईसाई धर्म के प्रवर्तक या आचार्य 2. यहूद देश के एक प्रसिद्ध पैगंबर जिन्हें सूली पर चढ़ाया गया था 3. ईसा मसीह।
ईसाई
(फ़ा.) [सं-पु.] 1. ईसा मसीह द्वारा प्रवर्तित धर्म 2. उक्त धर्म का अनुयायी। [वि.] 1. ईसा को मानने वाला 2. ईसा के धर्म पर चलने वाला 3. ईसा संबंधी
(क्रिश्चियन)।
ईसार
(अ.) [सं-पु.] 1. दूसरे के हित के लिए अपनी हानि करना 2. स्वार्थत्याग।
ईस्ट
(इं.) [सं-पु.] 1. पूर्व दिशा 2. प्राची।
ईस्टर
(इं.) [सं-पु.] 1. एक त्योहार 2. मार्च-अप्रैल के दौरान आने वाला रविवार विशेष जिस दिन ईसाई प्रभु ईसा का पुनरुत्थान मानते हैं।
ईहा
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. प्रयत्न; चेष्टा 2. वांछा; इच्छा।
ईहामृग
(सं.) [सं-स्त्री.] 1. मृग; हिरन के समान अलभ्य वस्तु को पाने की चेष्टा 2. (नाट्यशास्त्र) रूपक का एक भेद जिसमें चार अंक होते हैं।
ईहार्थी
(सं.) [वि.] 1. जो धन पाने के लिए प्रयत्नशील हो 2. जो उद्देश्यपूर्ति के लिए प्रयत्नशील हो।
ईहित
(सं.) [वि.] 1. जिसकी इच्छा की गई हो; वांछित; अपेक्षित 2. जिसे पाने का प्रयास किया गया हो; चेष्टित।