अगर तू सूर्य होता तो दिनभर आसमान में जलता रहता अगर तू चाँद होता तो पूर्णिमा से एकम तक तुझे रोज कसाई के कत्ते से कटना पड़ता अगर तू तारा होता मेरे लाल तो मुझसे कितना दूर होता अच्छा हुआ तू बद्रीनारायण हुआ।
हिंदी समय में बद्रीनारायण की रचनाएँ