पहचान में नहीं आ रहा था कि दोनों में से कौन किसकों विदा करने आया है दोनों अत्यंत आकर्षक थे अत्यंत आधुनिक पर एक बात प्राचीन थी कि दोनों रो रहे थे
हिंदी समय में बद्रीनारायण की रचनाएँ