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(हम सब पहले अधिभौतिक हैं और बाद में भौतिक
-खुलिओ कर्तासर।)
(दुनिया की अभी कई बार
बिजाई करनी होगी
बीजने होंगे
अस्वीकृत
अंश विस्मृत विचारों के।)
समग्र से - बचे हुए अंश।
क्या उन्हें जीवित किया जा सकता है?
कि अखबारों की शर्मनाक सामग्री के
पृष्ठ कुछ और भारी हो सकें,
इतने सारे बक्से
बहुत चेहरों वाले समारोहों के
नियति के प्रति अविश्वास के चलते
क्या हमें छाँटने पड़ेंगे?
सब कुछ विवेक-संगत है
और ईमानदारी के साथ।
(अपना धंधा आरंभ करता दैत्यों की
खोपड़ियों का समूह।)
पर फासले का यह वर्गक्षेत्र
दो पंक्तियों के बीच
हमेशा बराबर रहता है
आधी रात में
उत्तेजना की बंदूक की गंभीर नली के सामने।
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