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कविता

तमाम कामकाज के बीच

ताद्यूश रोजेविच

अनुवाद - कुँवर नारायण


तमाम कामकाज के बीच
मैं तो भूल ही गया था
कि मरना भी है

लापरवाही
में उस कर्त्तव्य से कतराता रहा
या निबाहा भी
तो जैसे तैसे

अब कल से
रवैया बिल्कुल फर्क होगा

बहुत ही सँभल सँभल कर मरना शुरू करूँगा
बुद्धिमत्ता से खुशी खुशी
बिना समय बरबाद किए।

 


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