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चाँद उगे चले आना
पिया, कोई जाने ना।
दूँगी तुझे नजराना
पिया, कोई जाने ना।
जाग रही चौखट की साँकल
जाग रही पनघट पर छागल
सो जाएँ जब घाट नदी के
तुम चुपके से आना
पिया, कोई जाने ना।
सोना देंगे, चाँदी देंगे
पल भर में सदियाँ जी लेंगे
छूटेगा कजरा, टूटेगा गजरा
पूछेगा सारा जमाना
पिया,कोई जाने ना।
पँखुरी-पँखुरी ओस नहाए
पोर-पोर बंसी लहराए
तू गोकुल है मेरे मन का
मैं तेरी बरसाना
पिया, कोई जाने ना।
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