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कविता

उलारा

मुंशी रहमान खान


मारयो नांव खेवैय्या दुश्‍मन मारयो नांव खेवैय्या हो।
रौवै भारत मैय्या दुश्‍मन मारयो नांव खेवैय्या हो।। 1
नहिं कोई हुआ न हुइ है ऐसा दिलका धीर धरैय्या।
                        दुश्‍मन मारयो नांव खेवैय्या हो।। 2

बड़े बड़े शूरवीर भए भारत गांधी सन्‍मुख पैय्या।
                        दुश्‍मन मारयो नांव खेवैय्या हो।। 3

चारौ युग में नहिं कोई जन्मा ऐसा कुंवर कन्‍हैया
                        दुश्‍मन मारयो नांव खेवैय्या हो।। 4

 


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हिंदी समय में मुंशी रहमान खान की रचनाएँ