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कविता

भक्ति

मुंशी रहमान खान


भक्ति ईश्‍वरी शक्ति है जानैं पुरुष महान।
भक्ति मुक्ति दाता अहै भाष्‍यो निगम पुरान।।
भाष्‍यो निगम पुरान भक्ति से दर्शन पावै।
हरै तीनहूँ ताप भक्ति सुर लोक पठावै।।
रहमान ईश्‍वरी भक्ति से नहीं जबर नर शक्ति।
भक्ति बचायो हिरनसुत लखहु ईश्‍वरी भक्ति।।

 


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