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नहीं
सच तो यह है,
तुम अपने गाँव लौट नहीं सकते
फूलों से लदी जिन बेलों ने तुम्हारे कदमों को रोका था,
जिन बादलों ने तुम्हें पगलाया
अब नहीं हैं वहाँ
हाल ही में एक पंद्रह बाई बीस फुट की नहर खुद गई है वहाँ
जब वह खेतों को सींचेगी तो धरती सोना उगलेगी;
गाँव के लड़के ऐसा मानते हैं,
उन्होंने टीवी और बाइक खरीद लिए हैं उधार पर
इस उम्मीद में पुश्ते पर बस चलेगी
छोटा सा बाजार पहले ही फैल गया वहाँ;
एक फोन भी लगा लिया उन्होंने
गाँव की छोर के पंचायत घर में;
जो बंद पड़ा है
तुम नहीं चल सकते गाँव के रास्ते पर अब,
तुम्हारे महँगे जूते कीचड़ में सन जाएँगे
तुम व्यस्त आदमी हो -
हमेशा व्यस्त
ठीक है गाँव की धरती तुम्हें पुकार रही है;
अगर अब भी जाना चाहते हो तो खुशी से जाओ;
घंटे दो घंटे के लिए
सच बताऊँ
अगर अनवरत बरसात शुरू हो गई,
हो सकता है तुम लौट कर न आ सको
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