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कन्हैयालाल नंदन

संपादन - कन्हैयालाल नंदन

अनुक्रम अज्ञेय के पत्र पीछे     आगे

आदरणीय,

आपका 4 तारीख का कृपा पत्र मिला। आपके संकेत के अनुसार द्वारा श्री आर.एस.मलिक, 5/90, कनाट सर्कस, नयी दिल्ली के पते पर हमने सेम्पोजियम वाले अंक की चार प्रतियाँ भिजवा दी हैं। आप दिल्ली लिख दें जिससे कि फिलीपीन लेखक को वे प्रतियाँ वहाँ से भेज दी जाएँ।

पुस्तक योजना के लिए जो सूचनाएँ आपने दी थीं उन्हें यथाविधि तुरन्त पुस्तक योजना विभाग को दे दी है। इस सम्बन्ध में आपको अलग से पत्र मिलेगा। उस विभाग से भी पता चला कि ‘नदी के द्वीप’ के बारे में अनुबन्ध पत्र ता. 24.10.62 को रजिस्ट्री से यहाँ से भेजा गया था। आशा है आप को मिल चुका होगा।

भारती जी अभी छुट्टी पर हैं। आते ही वे आपको लिखेंगे। धर्मयुग के उपयुक्त वहाँ से कोई सामग्री भेजने की कृपा कीजिएगा।

आपका
नन्दन


श्री स. ही. वात्स्यायन,
एन.ई.लांग्वेजेस, युनिवर्सिटी केलिफोर्निया,
बर्कले-4

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