hindisamay head


अ+ अ-

कविता

2. दो

त्रिन सूमेत्स

अनुवाद - राजलक्ष्मी


वे सारे शहर, जहाँ तुमने प्यार किया
किसी न किसी अर्थ में एक से हैं
चाहे वो दुनिया के किसी भी कोने पर रहे हों

सबके एक से ही चौराहे हैं
वे एक सी नदी को प्रतिबिंबित करते हैं
और बिलकुल एक जैसे बादल उड़ते हैं
कुछ अर्थों में बिलकुल एक से हैं
कि वे सारे तुम्हारे अपने शहर हैं

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में त्रिन सूमेत्स की रचनाएँ