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					सच मेंकिस फूल के बारे में
 बतियाऊँ मै तुमसे?
 
 नाम
 पंखुड़ियों की निरंतरता
 या नाभि-निहित
 सुगंध-संगति नहीं है।
 
 नाम शुरू से ही
 गंधहीन, कुम्हलाया सा लगता है,
 नवजात फल के
 रोमगुच्छों को मृत्यु सा घर्राती
 शाखा-निस्पंदन से
 रोमिल शिखर ताड़ित करती
 किसी वायु का नाम
 अपूर्व-अनुभव नहीं है।
 
 लेकिन यही तो है मेरे पास,
 महज एक नाम
 और इस नाम के सिवाय
 कुछ भी तो नहीं है
 सारा का सारा उद्यान।
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