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कविता

मैं मैं नहीं हूँ

खुआन रामोन खिमेनेज

अनुवाद - सरिता शर्मा


मैं मैं नहीं हूँ
मैं वह हूँ जो
मेरे साथ चल रहा है, जिसे मैं नहीं देख सकता हूँ।
और यदा कदा जिसके यहाँ मैं जाता हूँ,
और जिसे कभी कभी मैं भूल जाता हूँ;
मैं बात करता हूँ, तो चुप रहता है वह, जो एक
मैं नफरत करता हूँ तब क्षमाशील और प्यारा बना जाता है,
मैं घर के अंदर हूँ तो वह बाहर चल देता है,
मैं मर जाऊँगा तो खड़ा रहेगा वह,


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