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कविता

उसके लिए

पर्सी बिश शेली

अनुवाद - किशोर दिवसे


संगीत के सुर गूँजते हैं मीठी यादों में
प्रेमालाप की धुन जब हो जाती है गुम
गमक एहसास कराती है गंध का
मुरझा जाते हैं जब महकते फूल
प्रेमिल गुलाबों के मुरझाने पर पंखुड़ियाँ
प्रेमिका के लिए रचती हैं मखमली सेज
और जब विचार भी कहीं हो जाते हैं गुम
उनींदी होने लगती हैं प्रेम की बोझिल आँखें

 


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