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कविता

तुम्हारे नाम के अक्षर खोदे जा रहे हैं

आरेला लासेक्क

अनुवाद - रति सक्सेना


तुमने रात की दुनिया का मार्ग चुना है
जहाँ रेगिस्तान बर्फ से बना है
और तारे ऊब से मर जाते हैं
अपने हाथ आगे बढ़ाओ और खोदो
धूल तुम्हारी रोटी बन जाएगी
तुम हमारे आँसू घुटकोगे
जाओ, चले जाओ, और कभी मत लौटना
किसी पाषाण की चीख सुन कर भी नहीं
तुम्हारे नाम के अक्षर खोदे जा रहे हैं

 


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