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कविता

उदास पानी

उपेंद्र कुमार

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पुनर्जन्म
प्रमाण और अधूरी यात्राओं का
परन्तु
नहीं होता पुनर्जन्मित
पर्यायवाची नहीं हो सकता
मोक्ष का

जैसे समय
जो सतत् है
उसे न जन्मना है
न समाप्त होना
उसकी यात्रा
पूरी न होते हुए भी
कहीं नहीं जा सकती अधूरी
वैसे कितनी संतोषजनक है
अवधारणा
पुनर्जन्म की
कोई क्लेश नहीं
अधूरी यात्राओं का
कोई दुःख नहीं
अधूरे छोड़े गए कामों का
जब आना है फिर-फिर
और उठाना है वह सब कुछ
जहाँ जो छोड़ा था वहीं से
तो फिर क्या पूरा
और क्या अधूरा

अच्छा है
बची रहे कुछ प्यास
तुम्हारी चाह
बहुत-सी चीजों की आस

(शीर्ष पर वापस)


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