गोआ
आजाद हिंदुस्तान में गोआ हिंदुस्तान से बिलकुल अलग रहकर अपनी मनमानी नहीं कर सकेगा। गोआ वाले आजाद हिंदुस्तान की नागरिकता के हकों का दवा कर सकेंगे और वे उन हकों को पा भी सकेंगे। और इसके लिए उन्हें न तो एक गोली चलानी होगी और न एक कतारा खून बहाना होगा।
सचमुच ही फ्रांसीसी और फिरंगी सल्तनत में ऐसा कोई खास फर्क नहीं है, जिसकी वजह से एक को ठुकराया जाए और दूसरी को अपनाया जाए। सल्तनतों के हाथ हमेशा खून से तर रहे हैं। सारी दुनिया आज इन सल्तनतों के बोझ से दबी कराह रही है। अच्छी हो कि ये साम्राज्यवादी ताकतें जल्दी ही अशोक महान की तहर अपनी साम्राज्यवाद को छोड़ दें। ... पुर्तगाली सरकार के इंफरमेशन ब्यूरो के मुख्य अफसर का यह लिखना कि पुर्तगाल गोआ के हिंदुस्तानियों की मातृभूमि है, एक हँसी लाने वाली चीज है। जिस हद तक हिंदुस्तान मेरी मातृभूमि है, उसी हद में नही है, मगर समूचे भौगोलिक हिंदुस्तान के अंदर तो वह है ही। फिर, गोआ के हिंदुस्तालियों और पुर्तगालियों के बीच बहुत थोड़ी समानता है-अगर कुछ हो।
फ्रांसीसी बस्तियाँ
उन्हीं के सामने जब उनके करोड़ों देशवासियों ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हो रहे हैं, तब इन छोटे-छोटे विदेशी बस्तियों के निवासियों के लिए गुलामी में रहना संभव नहीं है। ... मैं उम्मीद करता हूँ कि... महान फ्रांसीसी राष्ट्र भारत के या दूसरी जगहों के काले या भूरे लोगों को दबाकर रखने की नीति का हमी कभी नहीं होगा।