hindisamay head


अ+ अ-

कविता

गोधूलि की यह हवा सबसे खूबसूरत है

पेर लागरकविस्त

अनुवाद - सरिता शर्मा


गोधूलि की
हवा में यह सबसे खूबसूरत है।
स्वर्ग जो सारा प्यार लुटाते हैं
एक धुँधले प्रकाश में एकत्र हो जाता है।
पृथ्वी के ऊपर,
शहर के प्रकाश से ऊपर।

सब प्यार है, हाथों से सहलाया गया।
प्रभु खुद दूर किनारों पर गायब हो जाएगा।
सब कुछ पास है, सब बहुत दूर है।
सब कुछ दिया जाता है
आदमी को आज के लिए।

सब मेरा है, और सब मुझसे ले लिया जाएगा,
क्षण भर में सब कुछ मुझसे छीन लिया जाएगा।
पेड़, बादल, पृथ्वी जिन्हें मैं देखता हूँ।
मैं भटकता फिरूँगा
अकेला, नामोनिशान के बिना।


End Text   End Text    End Text