मैं मिलती हर एक जगह पर
बूझो मेरा नाम
मेरे पत्ते बरगद जैसे
करूँ दवा का काम
कोई मुझको आक कहे है
कोई कहे मदार
कोई कहता मुझे अकौवा
पर सब देते प्यार
मेरे पत्तों पर घी चुपड़ो
सेंको अर्क निचोड़
डाल कान में दर्द भगाओ
मेरा गुण बेजोड़
मोच और सूजन में भी मैं
देती हूँ आराम
खाँसी और दमे, लकवे में
मै आती हूँ काम
ताप तिजारी दूर भगाती
विष बर्रे का दूर
बाल झड़ें तो दूध लगाओ
उग आएँ भरपूर
हिंदी नाम - आक
वैज्ञानिक नाम - कैलोट्रोपिस गिगेंटी
परिवार - एस्क्लुपिएडेसी
उपयोग में लाया जाने वाला भाग - पत्तियाँ
उपयोग - मोच, जोड़ों की सूजन, बवासीर, बर्रे का विष, चर्म रोग, कानदर्द में