हिंदी का रचना संसार

मुखपृष्ठ | उपन्यास | कहानी | कविता | नाटक | आलोचना | विविध | भक्ति काल | हिंदुस्तानी की परंपरा | विभाजन की कहानियाँ | समग्र-संचयन | अनुवाद | ई-पुस्तकें | छवि संग्रह | हमारे रचनाकार | संग्रहालय | खोज | संपर्क

 

हरिशंकर परसाई
हिंदीसमयडॉटकॉम पर उपलब्ध

व्यंग्य
उखड़े खंभे
एक अशुद्ध बेवकूफ
क्रांतिकारी की कथा
भोलाराम का जीव
भगत की गत

 

 

जन्म

:22 अगस्त 1924, स्थान-जमानी जमानी, होशंगाबाद¸मध्य प्रदेश।

विधाएँ

:--

प्रकाशन

कहानी-संग्रह-हंसते हैं-रोते हैं, जैसे उसके दिन फिरे, दो नाकवाले लोग, रानी नागफनी की कहानी।
उपन्यास - तट की खोज।
निबंध संग्रह - तब की बात और थी, भूत के पाँव पीछे, बेईमानी की परत,पगडंडियों का जमाना, सदाचार का ताबीज, वैष्णव की फिसलन, विकलांग श्रद्धा का दौर, माटी कहे कुम्हार से, शिकायत मुझे भी है, और अन्त में, हम इक उम्र से वाकिफ हैं आदि।

सम्मान

: "वसुधा" पत्रिका के संस्थापक सम्पादक। साहित्य अकादमी का सम्मान, मध्य प्रदेश शासन का शिक्षा-सम्मान, सागर विश्व-विद्यालय में मुक्तिबोध सृजन-पीठ के निदेशक, जबलपुर विश्वविद्यालय के द्वारा डी.लिट् की मानद उपाधि।

 

मुखपृष्ठ | उपन्यास | कहानी | कविता | नाटक | आलोचना | विविध | भक्ति काल | हिंदुस्तानी की परंपरा | विभाजन की कहानियाँ | अनुवाद | ई-पुस्तकें | छवि संग्रह | हमारे रचनाकार | हिंदी अभिलेख | खोज | संपर्क

Copyright 2009 Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi Vishwavidyalaya, Wardha. All Rights Reserved.