हिंदी का रचना संसार

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हमारे कवि

कविता-अनुक्रम

 

अकबर इलाहाबादी
अख़्तर शीरानी
'अज्ञेय'
अमीर खुसरो
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
आनंद नारायण मुल्ला
आलोकधन्वा
इक़बाल
उदयन
उपेंद्र कुमार
• श्रषभदेव शर्मा
कन्हैयालाल नंदन
कबीरदास
कुलदीप कुमार
कृष्ण बिहारी नूर
केदारनाथ अग्रवाल
कैफ़ी आज़मी
खुमार बाराबंकवी
ग़ालिब
जगदंबा प्रसाद मिश्र
जयशंकर 'प्रसाद'
ज़फ़र अली खाँ
जाँ निसार अख़्तर
ज़ौक़
तुलसीदास
दाग़ देहलवी
दिनेश कुमार शुक्ल
दुष्यंत कुमार
धर्मवीर भारती
नज़ीर अकबराबादी
नरोत्तम दास
पाब्लो नेरूदा
फ़िराक गोरखपुरी
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
बहादुर शाह ज़फ़र
बोधिसत्व
भगवती चरण वर्मा
मख़दूम मोहिउद्दीन
मजाज़ लखनवी
मनीषा कुलश्रेष्ठ
• मनोज कुमार पांडेय
महादेवी वर्मा
मीर तक़ी मीर
मीराबाई
मुईन एहसान ज़ज्बी
मुक्तिबोध
मैथिली शरण गुप्त
• रणजीत
राजकमल चौधरी
राकेश श्रीमाल रामधारी सिंह ‘दिनकर’
राहत इंदौरी
रेनर मरिया रिल्के
रूप
रघुवीर सहाय
लाल्टू
लीलाधर जगूड़ी
वली दक्क़नी
वसीम बरेलवी
विनोद कुमार शुक्ल
विस्लावा शिंबोर्स्का
शहरयार
शिवमंगल सिंह 'सुमन'
सरदार ज़ाफ़री
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
साहिर लुधियानवी
सुभद्रा कुमारी चौहान
सूरदास
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
हबीब जालिब
हरिवंश राय बच्चन
हसरत मोहानी
 

काव्य पुस्तकें

डॉ. रणजीत की प्रतिनिधि कविताएँ
कबीर ग्रंथावली - (सं.) श्यामसुंदर दास
कामायनी - जयशंकर 'प्रसाद'
राम की शक्ति पूजा - निराला
वैदेही वनवास - 'हरिऔध'
पारिजात - 'हरिऔध'
प्रियप्रवास - 'हरिऔध'
दुनिया रोज़ बनती है - आलोकधन्वा
कुरुक्षेत्र - रामधारी सिंह दिनकर
मधुशाला - हरिवंश राय बच्चन
लोग ही चुनेंगे रंग- लाल्टू
उदास पानी - उपेंद्र कुमार
दिनेश कुमार शुक्ल की कवितएँ
दुष्यंत कुमार की कविताएँ

अमरेंद्र कुमार शर्मा की कविताएँ
कुमार अंबुज की कविताएँ
पंकज राग की कविता
हरप्रीत कौर की कविताएँ
गोरख पांडेय की कविताएँ
आलोकधन्वा की नई कविताएँ
केदारनाथ अग्रवाल समग्र ( ई-पुस्तकें)
मार प्यार की थापें
गुलमेंहदी
हे मेरी तुम
जमुन जल तुम
जो शिलाएँ तोड़ते हैं
कहें केदार खरी - खरी
खुली आँखें - खुले डैने
कुहकी कोयल, खड़े पेड़ की देह
देश देश की कविता (पाब्लो नेरुदा और अन्य कवियों की कविताओं का अनुवाद)

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ संकलन
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' की कविताएँ (कुल 95)

केदारनाथ सिंह की कविता
तोमास त्रांसत्रोमर की कविताएँ
कुलदीप कुमार की कविताएँ
भारतेंदु हरिचंद्र की काव्य रचनाएं
हिंदुस्तानी की परंपरा
शुभम श्री की कविताएँ

चुनी हुई कविताएँ

अ से अ: - ॠ च से ञ त से न य र ल व श
क से ड. ट  से ण प से म ष स ह क्ष त्र ज्ञ

अ से अ - ॠ
अक्सर एक व्यथा - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
अजनबी देश है यह - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
अपाहिज व्यथा - दुष्यंत कुमार
अब अक्सर चुप-चुप से रहे हैं - फ़िराक़ गोरखपुरी
अश्रु यह पानी नहीं है - महादेवी वर्मा
आकस्मिक मुलाकात - विस्साव शिम्बोर्स्का (पोलिश)
आग की भीख - रामधारी सिंह दिनकर
आज मानव का सुनहला प्रात है - भगवतीचरण वर्मा
आज तुम मेरे लिए हो - हरिवंश राय बच्चन
आज शाम है बहुत उदास - भगवतीचरण वर्मा
आराम से भाई ज़िन्दगी - भवानीप्रसाद मिश्र
आर्य - मैथिलीशरण गुप्त
आह ! वेदना मिली विदाई - जयशंकर 'प्रसाद'
इधर सुनो - राकेश श्रीमाल
इस शहर में - रेनर मरिया रिल्के
उत्तर - महादेवी वर्मा
उसे धरने को तेरा ही रूप... मनोज कुमार पांडेय
एक बूँद - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
ऐ इन्सानों - गजानन माधव मुक्तिबोध
अँधेरे का दीपक - हरिवंश राय बच्चन
आँख का आँसू - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

ट से ण त से न
ताकि तुम मुझे सुन सको - पाब्लो नेरूदा (स्पानी)
तुम अपनी हो, जग अपना है - भगवतीचरण वर्मा
तुम तूफान समझ पाओगे? - हरिवंश राय बच्चन
तुम मुझे क्षमा करो - राजकमल चौधरी
तुम मुझमें प्रिय! फिर परिचय क्या - महादेवी वर्मा

तुम मृगनयनी
- भगवतीचरण वर्मा
तुम सुधि बन-बनकर बार-बार - भगवतीचरण वर्मा
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार - शिवमंगल सिंह 'सुमन'
तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना - महादेवी वर्मा
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है - हरिवंश राय बच्चन
देखिये न मेरी कारगुज़ारी - 'अज्ञेय'
देखो-सोचो-समझो - भगवतीचरण वर्मा
दरिंदा - भवानीप्रसाद मिश्र
दिल्ली : शहर दर शहर - पंकज राग
नदियाँ - आलोकधन्वा
नया कवि : आत्म-स्वीकार - 'अज्ञेय'
नव वर्ष - हरिवंश राय बच्चन
नर हो न निराश करो मन को - मैथिलीशरण गुप्त
नहुष का पतन - मैथिलीशरण गुप्त
नाश देवता - गजानन माधव मुक्तिबोध
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल - भारतेंदु हरिश्चंद्र
निर्माण - हरिवंश राय बच्चन
निराशावादी - रामधारी सिंह दिनकर
निष्ठा - रेनर मरिया रिल्के


य र ल व श
याद करता हूँ तुम्हें - पाब्लो नेरूदा (स्पानी)
ये तो नहीं कि ग़म नहीं - फ़िराक़ गोरखपुरी
ये माना ज़िन्दगी है चार दिन की - फ़िराक़ गोरखपुरी
ये मेरा कौन सा रूप... - मनोज कुमार पांडेय
रघुवीर सहाय की कविताएँ
रेल - आलोकधन्वा
रोटी और स्वाधीनता - रामधारी सिंह दिनकर
लीक पर वे चलें - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
व्यथा की रात - महादेवी वर्मा
वैदेही वनवास - हरिऔध

क्ष त्र ज्ञ
क से ड.

क्योंकि सपना है अभी भी - धर्मवीर भारती
कल सहसा यह संदेश मिला - भगवतीचरण वर्मा
कर्मवीर - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
कहते हैं, तारे गाते हैं - हरिवंश राय बच्चन
कितना अच्छा होता है - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
किसको नमन करूँ मैं भारत? - रामधारी सिंह दिनकर
किसने बचाया मेरी आत्मा को - आलोकधन्वा
कुछ प्रेम कविताएँ - उदयन वाजपेयी
कुछ कविताएँ - मनीषा कुलश्रेष्ठ
कुछ सुन लें, कुछ अपनी कह लें - भगवतीचरण वर्मा
कोई अधूरा पूरा नहीं होता - विनोद कुमार शुक्ल
कौन तुम मेरे हृदय में - महादेवी वर्मा
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी - सुभद्रा कुमारी चौहान
ग़ैर क्या जानिये क्यों मुझको बुरा कहते हैं - फ़िराक़ गोरखपुरी
गोली दागो पोस्टर - आलोकधन्वा

च से ञ
चार कौए उर्फ चार हौए - भवानीप्रसाद मिश्र
चाँदनी जी लो - 'अज्ञेय'
चीड़ों का विस्तार - पाब्लो नेरूदा (स्पानी)
चुंबन - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
चौक - आलोकधन्वा
जलियाँवाला बाग में बसंत - सुभद्रा कुमारी चौहान
जाहिल मेरे बाने - भवानीप्रसाद मिश्र
ज़िलाधीश - आलोकधन्वा
जो तुम आ जाते - महादेवी वर्मा
जो बीत गई - हरिवंश राय बच्चन

प से म
पतझड़ की शाम - हरिवंश राय बच्चन
पतझड़ के पीले पत्तों ने - भगवतीचरण वर्मा
पतंग - आलोकधन्वा
पर्वत-सी पीर - दुष्यंत कुमार
परिचय - रामधारी सिंह दिनकर
पारिजात - 'हरिऔध'
प्रेम - रेनर मरिया रिल्के
प्रियप्रवास - 'हरिऔध'
प्रेम जब छूटता है - राकेश श्रीमाल
प्रकाश ढाँपता है तुम्हें - पाब्लो नेरूदा (स्पानी)
प्रतीक्षा - हरिवंश राय बच्चन
प्राप्ति - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
प्यार करता हुआ...पृथ्वी होता है - मनोज कुमार पांडेय
फसल - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
फूल और काँटा - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
बोधिसत्व की ग्यारह कविताएँ
बस इतना अब चलना होगा - भगवतीचरण वर्मा
बाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं - दुष्यंत कुमार
बेदर्द - भवानीप्रसाद मिश्र
ब्रूनो की बेटियाँ - आलोकधन्वा
भागी हुई लड़कियाँ - आलोकधन्वा
मैं कब से ढूँढ़ रहा हूँ - भगवतीचरण वर्मा
मैं प्रिय पहचानी नहीं - महादेवी वर्मा
मैं बढ़ा ही जा रहा हूँ - शिवमंगल सिंह 'सुमन'
मैंने आहुति बन कर देखा - 'अज्ञेय'
मृत्यु और कवि - गजानन माधव मुक्तिबोध

ष स ह
शापित कमलों का आत्म-मंथन - कन्हैया लाल नंदन
सृजन का दर्द - कन्हैया लाल नंदन
सब संख्यक - विनोद कुमार शुक्ल
स्त्री देह - पाब्लो नेरूदा (स्पानी)
सफ़ेद रात - आलोकधन्वा
सब कुछ कह लेने के बाद - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
सत्य तो बहुत मिले - 'अज्ञेय'
सवेरे उठा तो धूप खिली थी - 'अज्ञेय'
साजन आए, सावन आया - हरिवंश राय बच्चन
सुकूत-ए-शाम मिटाओ बहुत अंधेरा है - फ़िराक़ गोरखपुरी
सुबह है भरपूर - पाब्लो नेरूदा (स्पानी)
सुर्ख़ हथेलियाँ - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
संकोच-भार को सह न सका - भगवतीचरण वर्मा
संवेदना - हरिवंश राय बच्चन
हम पंछी उन्मुक्त गगन के - शिवमंगल सिंह 'सुमन'
हिम्मत करने वालों की कभी हार नही होती.. - हरिवंश राय बच्चन
हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती - जयशंकर 'प्रसाद'
 

कविता संग्रह

आखर अरथ-
उदास पानी
कबीर ग्रंथावली
कभी तो खुलें कपाट
कहें केदार खरी - खरी
कामायनी
कुरुक्षेत्र
कुहकी कोयल, खड़े पेड़ की देह
खुली आँखें - खुले डैने
गुलमेंहदी
जमुन जल तुम
जो शिलाएँ तोड़ते हैं
दुनिया रोज़ बनती है
देश देश की कविता
मधुशाला
मार प्यार की थापें
राम की शक्ति पूजा
ललमुनिया की दुनिया
लोग ही चुनेंगे रंग-
वैदेही-वनवास
हे मेरी तुम
 

 

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