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 पाब्लो नेरूदा

 

कविताएँ

स्त्री देह
प्रकाश ढाँपता है तुम्हें
चीड़ों का विस्तार
सुबह है भरपूर
ताकि तुम मुझे सुन सको
याद करता हूँ तुम्हें

 

 

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