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कविता संग्रह

औषधीय पौधों की कहानी… उनकी जुबानी

आनंद वर्धन


रुको रुको क्यों बढ़ रहे
मैं ही हूँ कचनार
मैं रोगों की औषधी
करता हूँ उपचार

करता हूँ उपचार
सुगंधित जीवन मेरा
मेरे फूलों का होता
प्रयोग बहुतेरा

लोग सब्जियों में करते हैं
कलियों का व्यवहार
मैं हूँ शामिल खान पान में
दूर करूँ अतिसार

दूर करूँ अतिसार
घटे हैं मुँह के छाले
दाँत दर्द गायब यदि
कोई छाल लगा ले

कूबड़पन में भी प्रयोग
में मैं आता हूँ
कविगण उपमा दें
सुंदरता फैलाता हूँ


हिंदी नाम - कचनार
वैज्ञानिक नाम - बॉहिनिया वेरीगेटा
परिवार - सीसलपिनेसी
प्रयोग में लाया जाने वाला भाग - छाल
उपयोग - दाँत दर्द, मुह के छाले, पेट में अफारा, अतिसार, कूबड़पन में
 


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