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कविता संग्रह

औषधीय पौधों की कहानी… उनकी जुबानी

आनंद वर्धन


पारिजात मैं, हरसिंगार मैं
मैं हूँ शेफाली
फूल सफेद, बसंती डंडी
मैं सुंदर वाली

पीसो पत्ती शहद मिलाकर
लो, खाँसी जाए
लें पत्तियाँ उबाल अगर
तो ज्वर भी शरमाए

हृदय रोग की दवा बनी मैं
हूँ भोली भाली
पारिजात मैं, हरसिंगार मैं
मैं हूँ शेफाली

बवासीर जैसे रोगों की
औषधि भी मैं हूँ
साइटिका की व्याधि अगर हो
उसको दूर करूँ

त्वचा रोग भागे, बालों की
करती रखवाली
पारिजात मैं, हरसिंगार मैं
मैं हूँ शेफाली

मुझे कृष्ण ने नेह दिया मैं
राधा को प्यारी
मुझसे शोभित रही रुक्मिणी
की बगिया क्यारी

जब खिलती हूँ भर भर जाती
फूलों से डाली
पारिजात मैं, हरसिंगार मैं
मैं हूँ शेफाली


हिंदी नाम - पारिजात
वैज्ञानिक नाम - निक्टेंथिस आरबोर ट्रिस्टिस
परिवार - ओलिएसी
प्रयोग में आनेवाला भाग - फूल, पत्ती, छाल
उपयोग - त्वचा रोग, साइटिका, बवासीर, हृदय रोग, ज्वर, खाँसी आदि में
 


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