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लोग ही चुनेंगे रंग-  ‘लाल्टू’


 
मैंने सुना

बेटी आठवीं में आ गई है
उन्होंने कहा
देखते-देखते दसवीं में चली जाएगी
उन्होंने कहा
एक दिन विदा हो जाएगी.

यह कविता क्यों है
आलोचक डाँटेंगे
इसमें कौन सी छोटी बात बड़ी बनती है
इस टिप्पणी पर तुम कहोगे
नहीं-नहीं बात छोटी बड़ी की नहीं
कविता की है.

बात कविता की है
फिर कहूँ
उन्होंने कहा

बेटी एक दिन विदा हो जाएगी
मैंने सुना.

(पल-प्रतिपल - 2005)

<<कवि की याद में<<       
  सूची             >>एक और रात>>

 

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