मेरी आत्म कथा
चार्ली चैप्लिन
अध्याय :उन्नीस
अब मैं फर्स्ट नेशनल के साथ अपने करार के अंतिम दौर में प्रवेश
कर रहा था और करार के खत्म होने की बेसब्री से राह देख रहा था। वे लोग
स्वार्थी, सहानुभूति से हीन और दूरदष्टि न रखने वाले लोग थे और मैं उनसे
जान छुड़ाना चाहता था। इसके अलावा फीचर फिल्मों के लिए मेरे मन में विचार
कुलबुला रहे थे।
अंतिम तीन फिल्मों को पूरा करना कभी न खत्म होने वाले काम की तरह लगा।
मैंने दो रील वाली फिल्म "पे डे" पर काम किया। इसके बाद मुझे सिर्फ दो
फिल्में करके देनी थी। मेरी अगली कॉमेडी फिल्म "द पिलग्रिम" फीचर फिल्म की
लंबाई वाली फिल्म बन गयी। इसका मतलब एक बार फिर फर्स्ट नेशनल के साथ परेशान
करने वाली सौदेबाजी। लेकिन जैसाकि सैम गोल्डविन ने मेरे बारे में कहा था,
"चार्ली करोबारी आदमी नहीं है। वह सिर्फ यही जानता है कि वह किसी कम चीज़
पर समझौता नहीं कर सकता।" सौदेबाजी संतोषजनक तरीके से निपट गयी।
•
`द किड' की आशातीत सफलता के बाद मुझे `द पिलग्रिम' के लिए अपनी शर्तें
मनवाने के लिए बहुत कम विरोध सहना पड़ा। ये फिल्म दो फिल्मों की जगह लेगी
और वे लोग मुझे 400,000 डॉलर की गारंटी और लाभ में से हिस्सा देंगे। आखिर
वह वक्त आ गया जब मैं युनाइटेड आर्टिस्ट में अपने सहयोगियों के साथ काम
करने के लिए स्वतंत्र था।
डगलस और मैरी के सुझाव पर ऑनेस्ट जो, जैसा कि हम जोसेफ़ शैंक को पुकारा
करते थे, ने अपनी पत्नी नोरमा टालमैज़ के साथ युनाइटेड आर्टिस्ट में प्रवेश
किया। नोरमा की फिल्में हमारी कंपनी के ज़रिए प्रदर्शित की जानी थीं।
मिस्टर जो को अध्यक्ष बनाने की बात थी। हालांकि मैं जो को पसंद करता था,
मुझे यह नहीं लगा कि उसका योगदान इतना है कि उसके अध्यक्ष बनने को उचित
ठहरा सके। हालांकि उसकी पत्नी कुछ हद तक स्टार थी, लेकिन वह मैरी या डगलस
से होने वाली बॉक्स ऑफिस कमाई की तुलना नहीं कर सकती थी। हमने अपनी कंपनी
में एडोल्फ जुकोर को हिस्सेदारी देने से मना कर दिया था तो जो शैंक को
हिस्सा क्यों दिया जाए जबकि वह जुकोर जितना महत्त्वपूर्ण भी नहीं था? इसके
बावजूद डगलस और मैरी के उत्साह ने बाजी जीत ली और जो को अध्यक्ष तथा
युनाइटेड आर्टिस्ट्स में बराबरी हिस्सेदार बनाया गया।
इसके कुछ ही अर्से बाद मुझे एक जरूरी पत्र मिला जिसमें मुझे युनाइटेड
आर्टिस्ट के भविष्य के बारे में विचार करने के लिए एक बैठक में शामिल होना
था। अध्यक्ष की औपचारिक और आशावादी टिप्पणियों के बाद मैरी ने गंभीरता से
हमें संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जो कुछ उद्योग में हो रहा है, उसे लेकर
वे चिंतित हो रही हैं - वे हमेशा चिंतित रहा करती थीं - थियेटर सर्किट आपस
में मिल रहे हैं और, जब तक हम उनके इन प्रयासों का मुकाबला करने के लिए
उपाय नहीं करते, युनाइटेड आर्टिस्ट का भविष्य मंझधार में रहेगा।
इस घोषणा से मुझे कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि मेरा यह मानना था कि हमारी
फिल्मों की उत्कृष्टता इस तरह की प्रतिस्पर्धा का सच्चा जवाब है। लेकिन
औरों को इस बात से आश्वस्त नहीं किया जा सका। जो शैंक ने हमें गंभीर
चेतावनी दी कि हालांकि कंपनी मूल रूप से स्वस्थ है, हमें अपनी भविष्य का
बीमा करा लेना चाहिए और सारे जोखिम खुद उठाने के बजाय अपने फायदों में
दूसरों को भी थोड़ी सी हिस्सेदारी देनी चाहिए। उन्होंने वॉल स्ट्रीट की
डिल्लान, रीड एंड कंपनी से संपर्क किया था और वे लोग स्टॉक के एक निर्गम के
लिए और हमारी कंपनी में एक हिस्से के लिए 40,000,000 डॉलर लगाने को तैयार
थे। मैंने साफ तौर पर कह दिया कि मैं अपने काम में वॉल स्ट्रीट की किसी भी
तरह की दखलंदाजी के खिलाफ हूं और एक बार फिर उन्हें आश्वस्त किया कि जब तक
हम अच्छी फिल्में बनाते रहेंगे हमें इस तरह के विलयनों की चिंता करने की
ज़रूरत नहीं है। जो ने अपनी चिड़चिड़ाहट को दबाते हुए शांत, समझाने वाले
तरीके से कहा कि वे कंपनी के लिए कुछ सकारात्मक करना चाहते हैं और कि हमें
इसका फायदा उठाना चाहिए।
मैरी ने फिर से मोर्चा संभाला। उनका कारोबार की बात करने का नकारात्मक
तरीका था। वे मुझसे सीधे बात न करके औरों के ज़रिए बात कर रही थीं। इस बात
ने मुझे यह एहसास कराया कि मैं भयंकर स्वार्थ का दोषी हूं। उन्होंने जो कि
विशेषताएं गिनानी शुरू कर दीं और इस बात पर ज़ोर दिया कि जो ने कितनी मेहनत
की है और हमारी कंपनी को खड़ा करने में कितनी मुसीबतें उठायी है। मैरी ने
कहा, "हम सबको ज़रूर ही सकारात्मक होना चाहिए।"
लेकिन मैं ज़िद पर अड़ा रहा और इस बात पर टिका रहा कि मैं अपने व्यक्तिगत
प्रयासों में किसी और की कोई हिस्सेदारी नहीं चाहता; मुझे अपने आप पर भरोसा
था और मैं इन प्रयासों में अपना खुद का पैसा लगाने के लिए तैयार था। बैठक
गरमागरम बहस में बदल गयी - गर्मी अधिक और बहस कम - लेकिन मैं अपनी ज़मीन पर
खड़ा रहा और यही कहता रहा कि अगर बाकी लोग मेरे बिना काम चला सकते हैं, तो
वे ऐसा कर लें और मैं कंपनी से रिटायर हो जाऊंगा। इससे हम सब निष्ठा को ले
कर गम्भीर रूप से एकमत हो गये और जो की तरफ से यह पुष्टि मिल गयी कि यह कोई
भी ऐसा काम नहीं करना चाहता जिससे हमारी मित्रता पर या हमारी कंपनी की
समरस्ता पर आंच आए और इस तरह से वॉल स्ट्रीट का मामला छोड़ दिया गया।
युनाइटेड आर्टिस्ट के लिए अपनी पहली फिल्म शुरू करने से पहले मैं एडना
पुर्विएंस को प्रमुख भूमिका में उतारना चाहता था। हालांकि ऐडना और मेरे बीच
भावनात्मक रिश्ते तनाव में थे फिर भी मैं उसके कैरियर में दिलचस्पी रखता
था। लेकिन जब मैंने वस्तुपरक दृष्टि से ऐडना की तरफ देखा तब मैंने पाया कि
वह धीरे-धीरे प्रौढ़ होती जा रही है जो कि मेरी भावी फिल्मों के लिए
ज़रूरी, स्त्रियोचित लावण्य के लिए उचित नहीं होगा। इसके अलावा, मैं नहीं
चाहता था कि मेरे विचार और चरित्र कॉमेडी स्टॉक कंपनी की सीमाओं तक बँधे
रहें, क्योंकि मेरे मन में अस्पष्ट महत्त्वाकांक्षी विचार थे कि मैं फीचर
कॉमेडी फिल्में बनाऊं जिनके लिए अधिक सामान्य अभिनेताओं और अभिनेत्रियों की
ज़रूरत होती।
कई महीने तक मैं एडना को लेकर `द ट्रोज़न विमेन' बनाने के विचार को लेकर
मंथन करता रहा। मैं इसके लिए अपना स्वयं का रूपांतरण इस्तेमाल करता। लेकिन
हम जितनी ज्य़ादा खोज करते गये, वह उतनी ही अधिक मँहगी फिल्म में बदलती
गयी। इसलिए इसका इरादा छोड़ दिया गया।
इसके बाद मैंने ऐसी अन्य दिलचस्प महिलाओं के बारे में सोचना शुरू किया
जिनकी भूमिका शायद एडना कर सके और सामने थी जोसेफाइन! इस बात को जानते हुए
भी कि इस फिल्म के लिए उस काल विशेष की पोशाकों की ज़रूरत होगी और इसकी
लागत भी `द ट्रोज़न विमन' की तुलना में दुगुनी आयेगी, मैंने इन बातों पर
ध्यान नहीं दिया। मैं बेहद उत्साहित था।
हमने व्यापक अनुसंधान शुरू किया। हमने बॉरियन के लिखे नेपोलियन बोनापार्ट
के संस्मरण और नेपोलियन के सारथी कॉन्सटैन्ट के संस्मरण पढ़े। लेकिन
जैसे-जैसे हम जोसेफ़ाइन की ज़िन्दगी में उतरते गए, उतना ही अधिक नेपोलियन
सामने आता गया। मैं इस जाँबाज़ जीनियस को लेकर इतना अभिभूत था कि जोसेफाइन
के बारे में फिल्म बनाने का इरादा धुंधला होता गया और नेपोलियन सामने
झिलमिलाने लगा, जिसकी भूमिका मैं खुद करने की सोच सकता था। यह फिल्म उसकी
इतालवी मुहिम का अभिलेख होती। छब्बीस बरस के एक नौजवान की इच्छा शक्ति और
उत्साह की महागाथा जो शानदार विपक्ष और बूढ़े, अनुभवी सेनाध्यक्षों की
ईष्या से पार पाता है। लेकिन, मेरा दुर्भाग्य, मेरा उत्साह उतर गया और
नेपोलियन तथा जोसेफाइन, दोनों पर फिल्में बनाने का इरादा खटाई में पड़ गया।
लगभग इसी समय पैगी हॉकिन्स जॉयस नाम की विख्यात अप्सरा हॉलीवुड के दृश्य
पटल पर अवतरित हुई। वह गहनों से लदी हुई थी और उसके पास अपने पाँच पतियों
से जमा की गयी तीस लाख डॉलर की अथाह संपत्ति थी - ऐसा उसने मुझे खुद बताया
था। पैगी बेहद मामूली परिवार से आयी थी; नाई की बेटी जो कोरस गर्ल बनी और
उसने पाँच लखपतियों से ब्याह रचाया था। हालांकि पैगी अभी भी सुंदर थी, वह
थोड़ी-थोड़ी थकी हुई नज़र आ रही थी। वह सीधे पेरिस से आयी। उसने काले रंग
का बहुत आकर्षक गाउन पहना हुआ था क्योंकि एक नौजवान ने हाल ही में उसके
प्रेम में पागल होकर खुदकशी कर ली थी। इस शोकमय वस्त्र में पैगी ने हॉलीवुड
में धमाके के साथ प्रवेश किया।
एक साथ, एक शांत डिनर के दौरान उसने मुझे अपने विश्वास में लेते हुए बताया
कि उसे हंगामे पसंद नहीं हैं, "मैं सिर्फ यही चाहती हूं कि मैं ब्याह रचाऊं
और मेरे बच्चे हों। दिल से मैं एक बहुत ही सीधी-सादी औरत हूँ।" उसने अपने
बीस कैरेट के हीरे और पन्ने के हाथ के कड़े ठीक करते हुए कहा। जब पैगी
गंभीर मूड में नहीं होती थी, वह इन्हें, "मेरे बंधन" कहती थी।
अपने एक पति के बारे में बताते हुए उसने कहा कि उसने अपनी सुहाग रात में
अपने आप को बेडरूम में बंद कर लिया था और पति को तब तक अंदर नहीं आने दिया
जब तक उसने दरवाज़े के नीचे से 500,000 डॉलर का चेक नहीं सरका दिया।
"उसने ऐसा किया?" मैंने पूछा।
"हाँ" उसने तुनुकमिजाजी के साथ और बिना हँसे बताया,"और मैंने अगले दिन सुबह
उसके उठने के पहले ही पहला काम यह किया कि चेक कैश कराया। लेकिन वह मूरख था
और खूब शराब पीता था। एक बार मैंने उसके सिर पर शैम्पेन की बोतल दे मारी थी
और उसे अस्पताल भिजवा दिया था।"
"और इस तरह से आप लोग अलग हुए!"
"नहीं", वह हँसी,"लगता है उसे ऐसा अच्छा लगता था और वह मेरा और भी दीवाना
हो गया।"
•
थॉमस इन्स ने हमें अपनी याच पर आमंत्रित किया। वहाँ पर सिर्फ हम तीन ही लोग
थे। पैगी, टॉम और मैं। हम तीनों याच के स्टेट रूम में एक मेज़ पर शैम्पेन
पी रहे थे। शाम का वक्त था और शैम्पेन की बोतल पैगी के निकट ही रखी हुई थी।
जैसे-जैसे रात ढलती गयी मैं देख रहा था कि पैगी का आकर्षण मुझसे हट कर टॉम
इन्स की ओर हो रहा था और वह मुझे थोड़ी भद्दी लगने लगी। मुझे याद आया कि जो
कुछ उसने अपने पति के साथ शैम्पेन की बोतल से किया था, मुझ पर भी कर सकती
है।
हालांकि मैंने बहुत ही कम शैम्पेन पी थी, मुझे चढ़ गयी थी और मैंने उसे
सज्जनता से कहा कि अगर मुझे उसकी खूबसूरत भौं के इशारे से हल्का-सा भी शक
हुआ तो मैं उसे उठाकर नाव से बाहर फेंक दूंगा। इसके बाद मैं उसके चमचों के
दल से हटा दिया गया था और एम.जी.एम. के इरविंग थॉलबर्ग उसके आकर्षण के अगले
बिंदु बने। कुछ अरसे तक तो पैगी की हंगामाखेज हरकतें इरविंग को भरमाए रहीं
क्योंकि वे बहुत युवा थे। एम.जी.एम. स्टूडियोज़ में दोनों की शादी की गरमा
गरम अफवाहें फैलने लगीं, लेकिन इरविंग का बुखार उतर गया और मामला ठप्प पड़
गया।
हमारे अजीब हालांकि संक्षिप्त संबंध के दौरान पैगी ने मुझे एक विख्यात
फ्रांसीसी प्रकाशक के साथ अपने संबंधों के कई किस्से सुनाए थे। इन किस्सों
ने मुझे एडना पूर्विएंस को अभिनेत्री के रूप में लेते हुए अ वुमन ऑफ पेरिस
की कथा लिखने के लिए प्रेरित किया। फिल्म में आने का मेरा कोई इरादा नहीं
था, लेकिन मैंने फिल्म का निर्देशन किया।
•
कुछ आलोचकों ने घोषित किया कि मूक पर्दे पर मनोविज्ञान को अभिव्यक्त नहीं
किया सकता। कोई स्पष्ट एक्शन जैसे नायक नायिकाओं को पेड़ों के सहारे झुका
रहे हैं और उनके गले से लिपटे तेज-तेज साँसें ले रहे हैं या आरामकुर्सी पर
झूलना, मारा मारी करना ही मूक पर्दे पर दिखाए जा सकते हैं। "अ वुमन ऑफ
पेरिस" एक चुनौती थी। मैं मामूली एक्शन के जरिए मनोविज्ञान संप्रेषित करना
चाहता था। उदाहरण के लिए, एडना एक अमीरजादी की भूमिका करती है। उसकी सहेली
भीतर आती है और उसे एक सोसायटी पत्रिका दिखाती है, जिसमें एडना के प्रेमी
की शादी की खबर छपी है। एडना निरपेक्ष भाव से पत्रिका लेती है, देखती है और
तुरंत ही उसे एक किनारे फेंक देती है। उदासीन भाव से अभिनय करते हुए वह एक
सिगरेट जलाती है। लेकिन दर्शक देख सकते हैं कि उसे झटका लगा है। अपनी सहेली
को दरवाजे तक आकर मुस्कराते हुए विदा कहने के बाद वह लपक कर वापिस पत्रिका
के पास जाती है और ड्रामाई गहराई के साथ उसे पढ़ती है।
एडना के बेडरूम के एक अन्य दृश्य में नौकरानी एक दराज खोलती है और अचानक ही
आदमियों द्वारा कमीज पर लगाए जाने वाला कॉलर फर्श पर गिर जाता है, जिससे
इसके और नायक (एडॉल्फ मैन्जाऊ द्वारा अभिनीत) के बीच संबंधों का पता चलता
है।
फिल्म अलग-अलग वर्ग के दर्शकों के बीच बहुत सफल रही। यह पहली मूक फिल्म थी,
जिसमें व्यंग्य और मनोविज्ञान की बारीकियां दिखाई गयी थीं। बाद में इसी तरह
की कई फिल्में आईं जिसमें अंर्स्ट लुबिश की फिल्म `द मैरिज सर्कल' भी थी
जिसमें मैन्जाऊ ने लगभग इसी तरह का चरित्र दुबारा निभाया था।
एडॉल्फ मेन्जाऊ रातों-रात स्टार बन गए लेकिन एडना ज्यादा हासिल नहीं कर
पायी। इसके बावजूद उसे इटली में एक फिल्म बनाने के लिए पाँच हफ्ते के काम
के लिए दस हज़ार डॉलर का प्रस्ताव मिला और उसने उसे स्वीकार करने के बारे
में मेरी सलाह मांगी। मैं उत्साहित था, लेकिन एडना पूरी तरह से अपने संबंध
तोड़ने में हिचकिचा रही थी। इसलिए मैंने सुझाव दिया कि वह इस प्रस्ताव को
स्वीकार ले और अगर बात नहीं बनती तो वापिस लौट आए और मेरे साथ काम करती रहे
और दस हज़ार डॉलर कमाती रहे। एडना ने फिल्म की लेकिन यह सफल नहीं रही।
इसलिए वह कंपनी में लौट आयी।
•
मेरे `अ वुमन ऑफ पैरिस' पूरी करने से पहले पोला नेगरी ने सच्चे हॉलीवुड
फैशन में अपनी अमरीकी शुरुआत की। पैरामाउंट पब्लिसिटी विभाग ने अपने
सामान्य खर्च से कहीं अधिक उन पर खर्च किया। ईर्ष्या और झगड़ों की एक झूठी
कहानी गढ़ी गयी और उसमें ग्लोरिया स्वैनसन तथा पोला का ख़ूब प्रचार किया
गया और उन्हें खूब प्रचारित किया गया। इस तरह की खबरें पहले पन्ने पर छपने
लगीं।
"नैग्री ने स्वैनसन के ड्रेसिंग रूम की मांग की"
"ग्लोरियस स्वैनसन ने पोला नेगरी से मिलने से मना किया"
"नेगरी ने एक सामाजिक मुलाकात के लिए स्वैनसन का अनुरोध माना"
और इस तरह से प्रेस लगातार उनके बारे में छापती रही।
इन मनगढ़ंत किस्सों के लिए न तो ग्लोरिया को और न ही पोला को दोषी को
ठहराया जा सकता था। दरअसल वे तो शुरू से ही बहुत अच्छी दोस्त थीं। लेकिन
इसमें पेंच वाला मामला प्रचार विभाग का शगूफा था। पोला के सम्मान में
पार्टियां और रिसेप्शन दिए गये थे। ऐसे ही एक दिखावे के समारोह के दौरान
मैं एक हॉलीवुड आयोजन में सिम्फनी के एक संगीत कार्यक्रम में पोला से मिला।
वह मेरे साथ वाले बॉक्स में अपने प्रचार टीम और पैरामाउंट के अफसरों के साथ
बैठी हुई थीं, "चारली! आपने मुझे पूछा क्यों नहीं? आपने मुझे कभी फोन नहीं
किया? आपको नहीं लगता कि मैं इतनी दूर से जर्मनी से आपसे मिलने आयी हूं?"
मुझे अच्छा लगा। हालांकि मैं उसके आखिरी जुमले पर मुश्किल से विश्वास कर
सकता था क्योंकि मैं उससे केवल एक ही बार बर्लिन में सिर्फ बीस मिनट के लिए
मिला था।
"आप बहुत क्रूर हैं चार्ली कि आपने मुझे फोन नहीं किया। मैं जब से आपकी
आवाज़ सुनने की राह देख रही थी। आप कहाँ काम करते हैं? मुझे अपना फोन नंबर
दीलिए और मैं आपको फोन करूंगी।"
मुझे इस अति उत्साह के बारे में संदेह था। लेकिन ये भी था कि खूबसूरत पोला
के आमंत्रण ने मुझ पर असर छोड़ा था। कुछ ही दिन बाद मुझे एक पार्टी का
न्यौता मिला जो वे अपने किराये के मकान में बेवरली हिल्स पर दे रही थीं। यह
बॉलीवुड के मानकों से बहुत ही भव्य आयोजन था और अन्य कई पुरुष कलाकारों की
मौजूदगी के बावजूद उनका ज्यादातर ध्यान मेरी ओर ही रहा। वे ईमानदार थीं या
नहीं, इस बात को जाने दें लेकिन पार्टी में मुझे बहुत आनन्द आया। ये हमारे
असामान्य संबंधों की शुरुआत थी। कई हफ्तों तक हम सार्वजनिक रूप से एक साथ
देखे जाते रहे और बेशक, ये सब कॉलम लिखने वालों के लिए लिखने का भरपूर
मसाला जुटा रहा था। जल्दी ही अखबारों में हैड लाइनें आने लगीं - "पोला और
चार्ली की सगाई।" ये बात पोला के लिए बहुत अखरने वाली थी और उन्होंने मुझसे
कहा कि मैं किसी तरह का कोई बयान दूं।
"ये बयान तो महिला की ओर से आना चाहिये," मैंने जवाब दिया।
"मैं उन्हें क्या बताऊं?"
मैंने मैं क्या जानूं वाले अंदाज़ में कंधे उचकाये।
अगले दिन मुझे एक संदेश मिला जिसमें लिखा था कि मिस पोला नेगरी मुझसे नहीं
मिल पायेंगी। कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था। उसी शाम उनकी नौकरानी ने
फोन किया और घबरायी हुई आवाज़ में बताया कि उनकी मैडम बीमार हो गयी हैं और
क्या मैं तुरंत आ सकूंगा। जब मैं वहां पहुंचा तो मुझे रोती हुई एक नौकरानी
ड्रांइगरूम तक ले गयी और मैंने देखा कि मादाम नेगरी एक दीवान पर पसरी हुई
लेटी हैं। उनकी आंखें बंद हैं। जब उन्होंने आंखें खोलीं तो वे कराहीं,"आप
बहुत क्रूर हैं।" और तब मैंने अपने आपको कैसानोवा की भूमिका में पाया।
एक या दो दिन के बाद चार्ली हैटन, पैरामाउंट स्टूडियो के मैनेजर ने टेलीफोन
किया,"आप हमारे लिए बहुत मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं चार्ली, मैं आपसे इस
बारे में बात करना चाहूंगा।"
"बेशक, आपका स्वागत है, घर पर चले आइये।" मैंने कहा।
इस तरह से वे आये। जिस समय हेटन आये, लगभग आधी रात होने को थी। वे थोड़े
भारी बदन के भोंदू किस्म के आदमी थे जो शायद किसी थोक के गोदाम में ज्यादा
अच्छे लगते। वे बैठे और बिना किसी दुआ सलाम के शुरू हो गये, "चार्ली, प्रेस
में ये सारी अफवाहें जो आ रही हैं, उनसे पोला बीमार हो रही हैं। आप कोई
बयान दे कर इन सबको रोक क्यों नहीं देते?"
इस तरह के बदतमीजी भरे तरीके का सामना होने पर मैंने सीधे उनकी आंखों में
देखा, "आप मुझसे क्या कहलवाना चाहते हैं?"
मज़ाकिया बहादुरी के साथ उसने अपनी झेंप मिटानी चाही, "आप उन्हें चाहते
हैं, नहीं क्या?"
"मुझे नहीं लगता कि इससे आपका कुछ लेना देना हो सकता है।" मैंने जवाब दिया।
"लेकिन हमने इस मोहतरमा पर लाखों डॉलर लगा रखे हैं। और इस तरह का प्रचार
उनके लिए बुरा है।" वे रुके, "चार्ली अगर आप उन्हें चाहते हैं तो उनसे शादी
क्यों नहीं कर लेते?"
उन पलों में मुझे इस वाहियात सवाल में ज़रा-सा भी हास्य बोध नज़र नहीं आया,
"अगर आप सोचते हैं कि मुझे किसी से सिर्फ इसलिए शादी कर लेनी चाहिये ताकि
मैं पैरामाउंट के हितों की रक्षा कर सकूं तो आप बहुत बड़ी गलती पर हैं।"
"तब आप उनसे मिलना बंद कर दीजिये" वे बोले।
"ये पोला को तय करना है," मैंने जवाब दिया।
इसके बाद जो संवाद हुआ, वह बेहद शुष्क, और मजाकिया बात के साथ खत्म हुआ कि
क्योंकि पैरामाउंट में मेरी कोई हिस्सेदारी नहीं है, मैं इस बात को समझ
नहीं पा रहा हूं कि मैं उनसे शादी क्यों करूं। और जिस तरह से अचानक ही पोला
से मेरा संबंध शुरू हुआ था, उसी तरह से अचानक खत्म भी हो गया। इसके बाद
उन्होंने मुझे कभी नहीं बुलाया।
पोला के साथ इस हड़बड़ी वाले संग-साथ के दौरान स्टूडियो में एक सुंदर
मैक्सिकन लड़की आयी। वह सीधे मैक्सिको से चल कर चार्ली चैप्लिन से मिलने
यहां तक आयी थी। कई चालबाजों और खब्ती लोगों के साथ अपने अनुभवों को देखते
हुए मैंने अपने मैनेजर से कहा कि किसी अच्छे तरीके से इस लड़की से पीछा
छुड़ाओ।
मैंने इसके बारे में बाद में कुछ भी नहीं सोचा कि तभी घर से फोन आया कि एक
लड़की सामने वाले दरवाजे पर बैठी हुई है। इससे मेरे कान खड़े हो गये। मैंने
बटलर से कहा कि इस लड़की से पीछा छुड़ाये और मैं तब तक स्टूडियो में ही
रहूंगा जब तक मैदान साफ नहीं हो जाता। दस मिनट बाद संदेश आया कि वह लड़की
जा चुकी है।
उसी शाम पोला, डॉक्टर रेनाल्ड्स और उनकी पत्नी मेरे घर पर डिनर के लिए आये
हुए थे और मैंने उन्हें इस घटना के बारे में बताया। हमने सामने वाला दरवाजा
खोला और जायज़ा लेने के लिए आस पास देखा कि कहीं लड़की लौट कर आयी तो नहीं
है। लेकिन हमने अभी अपना डिनर पूरा भी नहीं किया था कि बटलर हड़बड़ाता हुआ
डाइनिंग रूम में आया। उसका चेहरा फक्क पड़ा हुआ था,"वह ऊपर आपके बिस्तर में
है।" उसने बताया कि वह रात के लिए मेरे लिए कमरा तैयार करने के लिए ऊपर गया
था तो पाया कि वह आपका पायजामा पहने आपके बिस्तर में घुसी हुई है।
मैं हक्का बक्का कि करूं तो क्या करूं!!
"मैं उसे देखता हूं," रेनॉल्ड्स ने मेज पर से उठते हुए और लपक कर ऊपर जाते
हुए कहा। हम बाकी लोग इंतज़ार करने लगे कि देखें क्या होता है। कुछ देर बाद
रेनॉल्ड्स नीचे आये,"मैंने उससे लंबी बात की है।" बताया उन्होंने,"वह युवा
है और देखने में सुंदर है। काफी समझदारी से बात करती है। मैंने उससे पूछा
कि वह मिस्टर चैप्लिन के बिस्तर में क्या कर रही है। तो उसने बताया,'मैं
मिस्टर चैप्लिन से मिलना चाहती हूं।'
"क्या तुम जानती हो," मैंने उससे पूछा,"तुम्हारा ये व्यवहार पागलपन माना जा
सकता है और शायद इसके लिए तुम्हें पागलखाने भी भेजा जा सकता है?" वह ज़रा
भी विचलित नज़र नहीं आयी।
'मैं पागल नहीं हूं,' वह बोली, 'मैं तो मिस्टर चैप्लिन की कला की प्रशंसक
हूं बस, और मैक्सिको से उनसे मिलने के लिए ही आयी हूं।' मैंने उसे बताया कि
बेहतर होगा वह आपका पायजामा उतार दे और अपने कपड़े पहन कर तुरंत वहां से
चली जाये। नहीं तो हमें पुलिस बुलवानी पड़ेगी।"
"मैं उस लड़की से मिलना चाहूंगी," पोला ने हल्के फुल्के ढंग से कहा,"उसे
नीचे दीवानखाने तक ले आइये।" मैं हिचकिचाया क्योंकि ऐसा करना सबको परेशानी
में डालना होगा। अलबत्ता, लड़की पूरे आत्मविश्वास के साथ कमरे में आयी।
रेनॉल्ड्स का कहना सही था। वह युवा और आकर्षक थी। उसने हमें बताया कि वह
बाहर और स्टूडियो में सारा दिन भटकती घूमती रही है। हमने उसे डिनर लेने के
लिए कहा लेकिन उसने कहा कि वह सिर्फ एक गिलास दूध लेगी।
जिस वक्त वह दूध पी रही थी, पोला ने उस पर प्रश्नों की झड़ी लगा दी, "क्या
तुम मिस्टर चैप्लिन से प्यार करती हो?" (मेरी हालत खराब।)
लड़की हँसी,"प्यार? ओह नहीं, मैं सिर्फ उनकी प्रशंसक हूं क्योंकि वे बहुत
बड़े कलाकार हैं।"
पोला ने अगला सवाल दागा,"क्या तुमने मेरी कोई फिल्म देखी है?"
"ओह हां," लड़की ने चलताऊ ढंग से कहा।
"तुम उनके बारे में क्या सोचती हो?"
"बहुत अच्छी। लेकिन आप उतनी बड़ी कलाकार नहीं हैं जितने बड़े मिस्टर
चैप्लिन हैं।"
पोला का चेहरा देखने लायक था।
मैंने लड़की को चेतावनी दी कि उसकी हरकतों की वजह से उसका गलत अर्थ लिया जा
सकता है और उससे पूछा कि क्या उसके पास वापिस मैक्सिको जाने के लिए किराया
भाड़ा है। उसने बताया कि उसके पास पैसे हैं। मिस्टर रेनॉल्ड्स की ओर से उसे
सलाहों की और घुट्टी पिलाये जाने के बाद वह घर से चली गयी।
लेकिन अगले दिन दोपहर को ही बटलर कमरे में एक बार फिर हड़बड़ाता हुआ आया और
बताने लगा कि वह सड़क के बीचों बीच बैठी हुई है और उसने ज़हर खा लिया है।
बिना और वक्त गंवाये, हमने पुलिस को फोन किया और उसे वहां से एम्बुलेंस में
ले जाया गया।
अगले दिन इस बात को ले कर अखबारों ने काफी हो हल्ला मचाया। अस्पताल के
बिस्तर पर बैठे हुए उसकी तस्वीरें छापी गयीं। उसके पेट को साफ किया गया था
और अब वह प्रेस को बयान दे रही थी। उसने घोषणा की कि उसने ज़हर नहीं खाया
था वह तो बस, जनता का ध्यान आकर्षित करना चाहती थी, कि उसे चार्ली चैप्लिन
से प्यार नहीं है। वह तो बस, हॉलीवुड में किस्मत आजमाने और फिल्मों में काम
पाने की कोशिश कर रही थी।
अस्पताल से छुट्टी दे दिये जाने के बाद उसे कल्याण संस्था की देखरेख में
रखा गया। उन्होंने मुझे एक बहुत ही प्यारा सा पत्र लिखा कि क्या मैं उसे
मैक्सिको वापिस भेजने के लिए कुछ मदद करना चाहूंगा। उन्होंने बताया कि वह
कोई नुक्सान नहीं पहुंचायेगी और वह खराब लड़की नहीं है। हमने उसके घर वापिस
जाने के लिए किराया अदा कर दिया।
•
अब मैं युनाइटेड आर्टिस्ट्स के लिए अपनी पहली कॉमेडी बनाने के लिए स्वंतत्र
था और चाहता था कि द किड की सफलता से आगे कुछ काम करूं। कई हफ्तों तक मैं
छटपटाता रहा, सोचता रहा, सिर खुजाता रहा कि कहीं से कोई विचार आये। मैं
अपने आप से कहता रहा कि अगली फिल्म महाकाव्य की तरह होनी चाहिये। अब तक की
महानतम। लेकिन कुछ सामने आने को तैयार ही नहीं था। तभी एक दिन रविवार की
सुबह फेयरबैंक्स के यहां वीक एंड मनाते हुए मैं डगलस के साथ नाश्ते के बाद
बैठा था और स्टीरियोस्कोपिक तस्वीरें देख रहा था। कुछ अलास्का पहाड़ के थे
और कुछ क्लोंडाइक पहाड़ के। एक दृश्य चिलकूट दर्रे का था जिसमें बर्फ से
जमे हुए पहाड़ पर चढ़ने वालों की लम्बी कतारें थीं और पीछे की तरफ उसके
बारे में बताया गया था कि किस तरह से इस पहाड़ को फतह करने में कितनी
कोशिशें लगती हैं और कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ये एक बहुत ही
शानदार थीम थी, मेरे ख्याल में ये मेरी कल्पना शक्ति को पंख लगाने के लिए
काफी थी। तत्काल ही विचार और कॉमेडी की हरकतों ने आकार लेना शुरू कर दिया
और हालांकि मेरे सामने कोई कहानी नहीं थी, एक कथा ने रूप लेना शुरू कर
दिया।
कॉमेडी का सृजन करने में सबसे बड़ी विडम्बना ये होती है कि त्रासदी मज़ाक
उड़ाने की भावना को शह देती है क्योंकि मेरे ख्याल से मज़ाक उड़ाना एक तरह
से ललकारने वाला नज़रिया होता है। हमें प्रकृति की शक्तियों के खिलाफ अपनी
विवशता को देखते हुए हँसना ही होगा नहीं तो हम पागल हो जायेंगे। मैंने डोनर
पार्टी के बारे में एक किताब पढ़ी थी जो कैलिफोर्निया जाते हुए रास्ता भटक
जाते हैं और सिएरा नेवादा पहाड़ों पर हिम पात में घिर जाते हैं। एक सौ साठ
लोगों में से केवल अट्ठारह ही जीवित बचे थे। ज्यादातर लोग भूख और ठंड से मर
गये थे। कुछ नरभक्षी बन गये और अपने मृतक साथियों को ही खाना शुरू कर दिया।
कुछ ने अपनी भूख मिटाने के लिए हिरन की खाल के अपने जूते ही भून कर खाये।
इस हौलनाक दृश्यावली से मैंने अपनी फिल्म का सबसे मज़ाकिया दृश्य बुना।
भयंकर भूख के मारे मैं अपना जूता उबालता हूं और उसे खाता हूं। कीलों को मैं
इतने सलीके से निकालता हूं मानो वे किसी स्वादिष्ट मुर्गे की हड्डियां हों
और तस्मों को मैं नूडल्स समझ कर खाता हूं। इसी बदहवासी में मेरा साथी मुझे
मुर्गा समझता है और मुझे खाना चाहता है।
छ: महीने तक मैं कॉमेडी की दृश्यावलियां विकसित करता रहा और बिना किसी
पटकथा के शूटिंग शुरू कर दी। मैं यह मान कर चल रहा था कि कॉमेडी के रूटीन
से और इसी तरह से कथा खुद ब खुद जन्म ले लेगी। बेशक मैं कई बार अंधी गलियों
में जा फंसा और कई मज़ेदार दृश्यों को भी छोड़ देना पड़ा। ऐसा ही एक सीन
था: एस्कीमो लड़की के साथ प्यार का सीन जिसमें एस्कीमो लड़की ट्रैम्प को
एस्कीमो तरीके से चुम्बन लेना सिखाती है और दोनों को नाक रगड़नी होती है।
जब वह सोने की तलाश में विदा होता है तो वह प्यार भरी विदाई के रूप में
अपनी नाक बहुत ज़ोर से उसकी नाक से रगड़ता है। और जिस वक्त वह चलता है और
पीछे मुड़ कर देखता है और अपनी मध्यमा उंगली से अपनी नाक को सहलाता है और
उसकी तरफ एक प्यार भरा चुम्बन उछालता है और फिर अंध विश्वास में अपनी उंगली
को अपनी पैंट से पोंछता है क्योंकि उसे थोड़ा सा जुकाम लगा हुआ है। लेकिन
एस्कीमो वाला हिस्सा काट दिया गया था क्योंकि ये एक और ज्यादा महत्त्वपूर्ण
दृश्य डांस हाल वाली लड़की से टकरा रहा था।
द गोल्ड रश के निर्माण के दौरान मैंने दूसरी बारी शादी की। चूंकि हमारे दो
बड़े-बड़े बेटे हैं जिन्हें मैं बहुत प्यार करता हूं इसलिए मैं ज्यादा
ब्यौरों में नहीं जाऊंगा। दो वर्ष तक हम विवाहित बने रहे और शादी को ठीक
ठाक चलाने की कोशिश भी करते रहे लेकिन मामला निराशाजनक था। ये शादी बहुत
ज्यादा कड़ुवाहट के साथ समाप्त हुई।
गोल्ड रश का पहला शो न्यू यार्क में स्ट्रैंड थियेटर में हुआ और मैं उसके
प्रीमियर में शामिल हुआ। जिस पल से फिल्म शुरू हुई, जिसमें मैं पीछे आ रहे
आ रहे भालू से अनजान सीधी खड़ी चट्टान का चक्कर लगा रहा हूं, दर्शकों ने
लगातार चिल्लाना और तालियां बजाना जारी रखा। पूरी फिल्म में हँसी के दौरान
बीच बीच में एकाध ठहाका सुनायी पड़ जाता। हिरैम अब्राम्स, युनाइटेड
आर्टिस्ट्स के बिक्री प्रबंधक बाद में मेरे पास आये और मुझे गले से लगा
लिया,"चार्ली, मैं गारंटी देता हूं कि ये साठ लाख डॉलर से ज्यादा का
कारोबार करेगी" और उसने किया भी।
प्रीमियर के बाद मुझे दौरा पड़ा। मैं रिट्ज होटल में ठहरा हुआ था और सांस
नहीं ले पा रहा था। इसलिए मैंने घबरा कर एक दोस्त को फोन किया,"मैं मर रहा
हूं। मेरे वकील को बुलवाओ।"
"वकील? तुम्हें डॉक्टर की ज़रूरत है," उसने चिंतित होते हुए कहा।
"नहीं, नहीं, मैं वसीयत करना चाहता हूं।"
मेरा दोस्त हक्का बक्का रह गया। उसने दोनों को बुलवाया। लेकिन चूंकि मेरा
वकील उस वक्त यूरोप में गया हुआ था, सिर्फ डॉक्टर ही आ पाया।
गहन जांच पड़ताल करने के बाद डॉक्टर ने पाया कि मुझे कुछ भी नहीं हुआ था,
बस शिराओं का दौरा पड़ा था। "सिर्फ गर्मी की वजह से हुआ है ये।" बताया
उसने,"न्यू यार्क से बाहर निकलो, समुद्र की तरफ चले जाओ जहां पर आप आराम से
और शांति से रह सकते हैं।"
एक घंटे के भीतर ही मुझे ब्राइटन बीच में भेज दिया गया। रास्ते में मैं
बिना किसी वजह से रोया। अलबत्ता, मुझे होटल में समुद्र की तरफ खुलने वाला
कमरा मिल गया। मैं वहां पर साफ सुथरी हवा भीतर उतारने के लिए लम्बी लम्बी
सांसें लेने लगा। लेकिन होटल के बाहर भीड़ जमा होने लगी,"हाय चार्ली! क्या
खूब, चार्ली!!" इसका नतीजा ये हुआ कि मुझे अपनी खिड़की पर से हट जाना पड़ा
ताकि दिखायी न दूं।
अचानक ही शोर शराबा होने लगा। जैसे कोई कुत्ता भूंक रहा हो। कोई आदमी डूब
रहा था। जीवन रक्षकों ने उसे बाहर निकाला और ठीक मेरी खिड़की के नीचे ले
आये। उसे प्रथम उपचार देने की कोशिश की गयी लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। वह
मर चुका था। अभी उसे लेकर एम्बुलेंस गयी ही थी कि एक बार फिर कुत्ते के
भूंकने की आवाज़। कुल मिला कर तीन आदमियों को लाया गया। दो को बचा लिया
गया। ये अब तक की सबसे खराब हालत थी। इसलिए मैंने फैसला किया कि न्यू यार्क
ही लौटा जाये। दो दिन के भीतर ही मैं इतना ठीक हो चुका था कि कैलिफोर्निया
लौट सकूं।
अध्याय :बीस
बेवरली हिल्स में वापिस आने पर मुझे एक न्यौता मिला कि मैं अपने एक दोस्त
के यहां मिस गर्टरूड स्टेन से मिलूं। जब मैं वहां पर पहुंचा तो मिस स्टेन
ड्राइंग रूम के बीचों बीच एक कुर्सी पर बैठी हुई थीं। उन्होंने भूरी ड्रेस
पहनी हुई थी और लेस कॉलर लगा रखा था। उनके हाथ गोद में थे। किसी वज़ह से वे
मुझे वान गॉग के पोर्टरेट मैडम रॉलिन जैसी लगीं, बस फर्क सिर्फ यही था कि
लाल बालों के जूड़े के बजाये गर्टरूड के छोटे कटे हुए भूरे बाल थे।
मेहमान उनके चारों तरफ सम्मानित दूरी बनाये रखते हुए एक घेरे में खड़े हुए
थे। मेज़बान की बांदी गर्टरूड के कानों में कुछ फुसफुसायी और फिर मेरे पास
आयी,"मिस गर्टरूड स्टेन आपसे मिलना चाहेंगी।" मैं आगे बढ़ा। उस वक्त उनसे
बात कर पाने के बहुत ही कम मौके थे क्योंकि और लोग आ रहे थे और परिचय कराये
जाने का इंतज़ार कर रहे थे।
लंच पर मेजबान ने मुझे उनके साथ वाली कुर्सी पर बिठाया। हमारी बातचीत का
विषय पता नहीं कैसे कला की तरफ मुड़ गया। मेरा ख्याल है इसकी शुरुआत
डाइनिंग रूम से दिखायी देते नज़ारे की मेरे द्वारा तारीफ करने से हुई।
लेकिन गर्टरूड स्टेन ने कोई उत्साह नहीं दिखाया,"प्रकृति," उन्होंने
कहा,"साधारण बात है, नकल ज्यादा रोचक होती है।" उन्होंने अपनी बात को
विस्तार देते हुए कहा कि नकली संगमरमर वास्तविक संगमरमर की तुलना में
ज्यादा सुंदर दिखता है। और कि चित्रकार टर्नर का सूर्यास्त किसी भी
वास्तविक आसमान की तुलना में ज्यादा प्यारा है। हालांकि उनकी ये दलीलें कुछ
हद तक कोफ्त दिलानेवाली थीं, मैं विनम्रता पूर्वक उनसे सहमत होता रहा।
उन्होंने सिनेमा प्लॉट के बारे में अपनी राय रखी,"ये बहुत ही घिसे पिटे,
जटिल और बनावटी लगते हैं।" वे मुझे किसी फिल्म में बस, किसी गली में चलते
हुए फिर किसी कोने पर मुड़ते हुए और एक और गली में फिर एक और गली में
मुड़ते हुए देखना पसंद करेंगी।
मैंने ये कहने के बारे में सोचा कि उनके विचार उन्हीं की रहस्यवादी
जुमलेबाजी वाले शब्दों की कलाबाजी है। मैं कहना चाहता था,"गुलाब गुलाब है,
गुलाब है गुलाब।" लेकिन मेरी भीतरी प्रेरणा ने मुझे रोक दिया।
लंच बहुत ही खूबसूरत बेल्जियन लेस वाले मेजपोश पर परोसा गया था और इस
मेजपोश की सभी मेहमानों ने खुल कर तारीफ की। हमारी गपशप के दौरान कॉफी बहुत
ही हल्के, लाख के बने कपों में परोसी गयी थी और मेरा कप मेरी बांह के इतना
नज़दीक रख दिया गया कि मैंने ज्यों ही अपना हाथ ज़रा सा हिलाया, कॉफी का
प्याला डगमगाया और कॉफी मेजपाश पर छलक गयी। मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी!
मैं अपनी मेजबान से बार बार माफी मांगे जा रहा था कि तभी गर्टरूड स्टेन ने
भी कमोबेश वही किया जो मैंने किया था। अपनी कॉफी का प्याला लुढ़का दिया।
मुझे भीतर ही भीतर राहत मिली, क्योंकि अब मैं अपनी परेशानी में अकेला नहीं
था। लेकिन गर्टरूड स्टेन ने एक बार भी अफसोस नहीं किया। उन्होंने कहा,"कोई
बात नहीं, हो जाता है। शुक्र है ये मेरी पोशाक पर नहीं गिरी।"
•
जॉन मेसफील्ड स्टूडियो में आये। वे लम्बे, आकर्षक, सज्जन, दयालु और समझ बूझ
रखने वाले शख्स थे। लेकिन उनके इन्हीं गुणों के कारण मैं उनसे झेंप महसूस
कर रहा था। सौभाग्य से मैंने अभी हाल ही में उनकी किताब द विडो इन द बाइ
स्ट्रीट पढ़ी थी जिसे मैंने सराहा था, इसलिए मैं पूरी तरह से गूंगा भी नहीं
बना हुआ था। मैंने उसमें से अपनी कुछ प्रिय पंक्तियां सुनायीं:
वहां थे कुछ लोग जेल के दरवाजे के बाहर
बजने वाली घंटी की आवाज़ सुनने को बेताब
इंतजार में
वैसा ही इंतजार जैसा खाली लोग करते रहते हैं: इंतजार
दूसरे के नरक के तीखे जहर के लिए।
द गोल्ड रश के निर्माण के दौरान मुझे एलिनॉर ग्लिन की तरफ से एक टेलीफोन
आया: मेरे प्यारे चार्ली, आपको मैरियन डेविस से ज़रूर मिलना चाहिये: वे
सचमुच बहुत ही प्यारी शख्सियत हैं और तुमसे मिल कर बहुत खुश होगीं, इसलिए
तुम एम्बेसेडर होटल में हमारे साथ खाना खाओगे और उसके बाद हमारे साथ
पसाडेना चलोगे जहां पर हम तुम्हारी फिल्म द आइडल क्लास देखेंगे।
मैं मैरियन डेविस से कभी नहीं मिला था। लेकिन उनके धूंआधार प्रचार से वाकिफ
था। वे हर्स्ट के सभी अखबारों में और पत्रिकाओं में छायी रहतीं और उनकी
पूरे पेज की तस्वीर छपती थी। ये सब कोफ्त पैदा करता। उस समय ये प्रचार इतना
ज्यादा हो चला था कि मैरियन डेविस कई लतीफों के केन्द्र में आ गयी थीं। एक
बार बिट्रीस लिली ने एक मज़ेदार लतीफा उन पर कह दिया था। जब उन्हें किसी ने
लॉस एंजेल्स की झुंड की झुंड बत्तियां दिखायी थीं तो वे बोलीं,"हाय कितनी
शानदार," बिट्रीस ने कहा, "मेरा ख्याल है कि बाद में ये बत्तियां आपस में
मिल जायेंगी और उनमें मैरियन डेविस का नाम पढ़ा जा सकेगा।"
हर्स्ट की कोई भी पत्रिका या अखबार ऐसा नहीं था जिसे खोलने पर मैरियन डेविस
की बड़ी सी तस्वीर नज़र न आये। इन सारी बातों ने जनता को बॉक्स ऑफिस से दूर
ही रखा।
लेकिन एक दिन फेयरबैंक्स दम्पत्ति ने मैरियन डेविस की फिल्म वैन नाइटहुड
वाज ए फ्लावर चला दी थी। मैं ये देखकर हैरान हुआ कि वे काफी हद तक कॉमेडी
कर लेती हैं, उनमें आकर्षण और अपील थे, और वे हर्स्ट के तूफानी प्रचार के
बिना भी अपने बलबूते पर स्टार बन सकती थीं। एलिनॉर ग्लिन के यहां डिनर पर
मैंने उन्हें सादगीपूर्ण और आकर्षक पाया और उसके बाद से हम दोनों में दांत
काटी दोस्ती वाला मामला हो गया।
हर्स्ट और मैरियन के बीच संबंध युनाइटेड स्टेट्स में मिथक बन गये थे और
शायद पूरी दुनिया के लिए भी। उनके बीच तीस बरस का लम्बा संग साथ रहा और
हर्स्ट की मृत्यु के दिन तक चलता रहा।
अगर मुझसे पूछा जाये कि वह कौन सा व्यक्तित्व है जिसने मेरे जीवन पर सबसे
गहरा प्रभाव छोड़ा है तो मैं कहूंगा, स्वर्गीय विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट। मैं
ये बताना चाहूंगा कि ये असर हमेशा ही सुखद नहीं था, हालांकि उनमें अनुकरणीय
गुण थे। ये उनके व्यक्तित्व की पहेली थी जो मुझे अभिभूत करती थी। उनका
लड़कपन, उनकी काइयांपन, उनकी दयालुता, उनका अक्खड़पन, उनकी बेइंतहां ताकत
और दौलत, और सबसे बड़ी बात, उनकी असली सहजता। सांसारिक मूल्यों से देखें तो
वे इतने स्वतंत्र व्यक्ति थे जैसा मैंने आज तक नहीं देखा। उनका कारोबारी
साम्राज्य विपुल और विविधता लिये हुए था। उनके सैकड़ों प्रकाशन, न्यू यार्क
भू संपदा में बहुत बड़ी-बड़ी ज़मीनें, खनन, और मैक्सिको में बहुत बड़े-बड़े
प्लॉट थे। उनके सचिव ने मुझे बताया था कि हर्स्ट की सम्पत्ति 400,000,000
डॉलर के आस-पास थी और उन दिनों ये बहुत बड़ी दौलत हुआ करती थी।
हर्स्ट के बारे में विरोधाभासी अभिमत थे। कुछ लोगों का मानना था कि वे
सच्चे अमेरिकी देशभक्त थे, जबकि कुछ अन्य लोगों की राय थी कि वे अवसरवादी
थे और मात्र अपने अखबारों की प्रसार संख्या बढ़ाने और अपना साम्राज्य
बढ़ाने में ही रुचि रखते थे। लेकिन जब वे युवा थे तो वे रोमांचकारी और उदार
थे। इसके अलावा, उन्हें अपने माता-पिता से भी विरासत में बहुत कुछ मिला था।
एक किस्सा चलता है कि वित्तपोषक रसेल सेज, हर्स्ट की मां फोबे हर्स्ट से
फिफ्थ एवेन्यू में मिले। कहा उन्होंने,"अगर आपका बेटा वॉल स्ट्रीट पर अपने
हमले करना जारी रखेगा तो उसके अखबार को हर साल दस लाख डॉलर का नुक्सान
उठाना पड़ेगा।"
"इस दर से तो, मिस्टर सेज, वह कारोबार में अगले अस्सी बरस तक रह सकता है,"
उनकी मां ने जवाब दिया।
मैं जब पहली बार हर्स्ट से मिला तो मैं एक बड़ी गलती कर बैठा। साइम
सिल्वरमैन, वेराइटी के प्रकाशक और संपादक मुझे हर्स्ट के रिवरसाइड ड्राइव
वाले अपार्टमेंट में लंच के लिए ले गये। ये एक परम्परागत अमीर आदमी का घर
था, डुप्ले किस्म का घर, उसमें लगी हुई दुर्लभ पेंटिंग्स, महोगनी के पैनल
और दीवार में ही बने हुए शो केस जिनमें पोर्सलीन की वस्तुएं रखी हुई थीं।
जब हर्स्ट परिवार से मेरा परिचय करा दिया गया तो हम सब खाना खाने के लिए
बैठे।
मिसेज हर्स्ट एक आकर्षक महिला थीं और उनके तौर-तरीके में दयालुता और गरिमा
थी। जबकि दूसरी तरफ हर्स्ट की आंखें बड़ी-बड़ी थीं और वे उस तरह के व्यक्ति
थे जो सारी बातें मैं ही करूंगा प्रकार में आते हैं।
"जब मैं आपसे पहली बार मिला मिस्टर हर्स्ट," मैंने कहा,"ये बीऊ आर्ट्स
रेस्तरां की बात है, आप वहां पर दो महिलाओं के साथ बैठे हुए थे। आपकी तरफ
मेरे एक दोस्त ने इशारा किया था।"
मेज के नीचे मैंने अपने पैर पर दबाव महसूस किया। मैंने अंदाजा लगाया कि ये
पैर सिल्वरमैन का है।
"आह," हर्स्ट ने चेहरे पर मज़ाकिया भाव लाते हुए कहा।
मैं अब गड़बड़ाने लगा,"मेरा ख्याल है, वो आप नहीं थे, ज़रूर कोई और रहा
होगा जिसकी शक्ल आप से मिलती-जुलती होगी। बेशक मेरे दोस्त को भी पूरी तरह
से यकीन नहीं था।" मैंने भोलेपन से कहा।
"हां, हो जाता है," हर्स्ट ने अपनी आंखों में चमक लाते हुए कहा,"एक जैसी
शक्ल के दो व्यक्ति दिखायी दे जाना बहुत मामूली बात है।"
"हां," मैं हँसा, शायद कुछ ज्यादा ही ज़ोर से।
मिसेज हर्स्ट ने मुझे उबारा,"हां," उन्होंने मज़ाकिया तरीके से ज़ोर
दिया,"ये बहुत ही मामूली बात है।"
अलबत्ता, ये बात आयी-गयी हो गयी और मेरा ख्याल है, लंच ठीक-ठाक निपट गया।
•
मेरियन डेविस हॉलीवुड में हर्स्ट कॉस्मापालिटन प्रोडक्शन की फिल्मों में
काम करने के लिए आयी थीं। उन्होंने बेवरली हिल्स पर किराये पर एक मकान लिया
और हर्स्ट अपना दो सौ अस्सी फुट का क्रूज़र पैनामा नहर से होते हुए
कैलिफोर्निया वाटर्स में ले आये। उसके बाद तो फिल्म कॉलोनी की बन आयी। वहां
पर अरेबियन नाइट्स युग का स्वर्ग उतर आया। हफ्ते में दो या तीन बार मैरियन
बहुत बड़े पैमाने पर डिनर पार्टियां देतीं जिसमें कई-कई बार तो सौ-सौ
मेहमान होते। उनमें अभिनेता, अभिनेत्रियां, सिनेटर, पोलो खिलाड़ी, कोरस
गाने वाले लड़के, विदेशी राजनयिक, और हर्स्ट के उच्च अधिकारी, संपादकीय
स्टाफ से ले कर सबसे नीचे के स्तर के स्टाफ का भी मेला लगता। उस वक्त वहां
पर तनाव और ओछेपन का देखने लायक आलम होता क्योंकि कोई भी सर्वशक्तिमान
हर्स्ट के तापमान के बारे में पूर्वानुमान नहीं लगा सकता था। उनका बैरोमीटर
ही यह तय करता था कि शाम अच्छी गुज़रेगी या नहीं।
मुझे मेरियन द्वारा अपने किराये के घर में दिये गये डिनर की एक घटना याद
आती है। हम लगभग पचास के करीब मेहमान इंतज़ार कर रहे थे और जनाब हर्स्ट
अपने संपादकीय स्टाफ से घिरे कमरे में ऊंची पीठ वाली कुर्सी पर मनहूस चेहरा
बनाये बैठे हुए थे। मेरियन एक सेट्टी पर पसरी किसी महारानी की तरह गाउन में
सजी, बेहद खूबसूरत नज़र आ रही थीं, लेकिन हर्स्ट जिस तरह से अपने कारोबार
में उलझे हुए थे, उससे और अधिक चुप्पा होती जा रही थीं।
अचानक ही मेरियन नाराज़गी से चिल्लायीं,"ऐय आप?"
हर्स्ट ने सिर उठाया,"क्या आप मुझसे कुछ कह रही हैं?" उन्होंने पूछा।
"हां आप ही से, आप ज़रा इधर आइये," मेरियन ने जवाब दिया और अपनी बड़ी-बड़ी
नीली आंखें उन पर टिकाये रखीं, हर्स्ट का स्टाफ पीछे सरक गया और जल्द ही
कमरे में एक कड़ा सन्नाटा छा गया।
हर्स्ट स्पिंक्स की तरह बैठे रहे और उनकी आंखें सिकुड़ कर छोटी हो गयीं।
उनकी त्यौरियां चढ़ गयीं, उनके होंठ पतली रेखा में बदल गये और वे अपने
सिहांसन सरीखी कुर्सी के हत्थे पर नर्वस हो कर उंगलियां थपकाने लगे। वे तय
नहीं कर पा रहे थे कि गुस्से के मारे फट पड़ें या नहीं। मुझे लगा कि अपना
हैट तलाश लिया जाये। लेकिन अचानक ही हर्स्ट खड़े हुए,"मेरा ख्याल है, अब
मुझे जाना चाहिये," उन्होंने मेरियन की तरफ किसी गावदी की तरह लंगड़ा कर
जाते कहा,"और हमारी मोहतरमा चाहती क्या हैं?"
"अपना धंधा शहर जा के करो।" मेरियन ने हिकारत से कहा,"मेरे घर में नहीं,
मेरे मेहमान ड्रिंक के लिए इंतज़ार कर रहे हैं, इसलिए जल्दी करो और उनके
लिए ड्रिंक्स ले कर आओ।"
"ठीक है ठीक है," उन्होंने कहा और जोकर की तरह खिसियाते हुए रसोई की तरफ
लपके और सबने मुस्कुराते हुए राहत की सांस ली।
एक बार मैं एक ज़रूरी काम से लॉस एंजेल्स से न्यू यार्क तक की ट्रेन की
यात्रा कर रहा था। मुझे तभी हर्स्ट से तार मिला जिसमें उन्होंने मुझे उनके
साथ मैक्सिको की यात्रा पर चलने का न्यौता दिया था। मैंने वापसी तार भेजा
कि मैं नहीं आ सकूंगा क्योंकि मुझे न्यू यार्क में ज़रूरी काम निपटाना है।
अलबत्ता, कन्सास सिटी में मुझे हर्स्ट के दो एजेंट मिले। "हम आपको ट्रेन से
उतार कर लेने आये हैं," उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा और बताया कि मिस्टर
हर्स्ट न्यू यार्क में अपने वकीलों के जरिये मेरा ज़रूरी काम करवा देंगे।
लेकिन मैं उनके साथ नहीं जा सका।
मैं किसी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं जानता तो अपनी दौलत को इस तरह बेरहम तरीके
से लुटाता हो जिस तरह से हर्स्ट लुटाते थे। रॉकफैलर दौलत का नैतिक बोझ
महसूस करते थे, पीयरपाँट मोर्गन ने दौलत की ताकत को दिल से लगा लिया था
लेकिन हर्स्ट लाखों-करोड़ों डॉलर निर्मम हो कर खर्च कर डालते थे मानो ये
साप्ताहिक जेबखर्ची हो।
हर्स्ट ने मेरियन को सांता मोनिका में जो बीच हाउस दिया था, वह सांकेतिक
रूप से रेत पर बनाया गया महल था। इसे इटली से आये कारीगरों ने बनाया था।
इसमें जॉर्जियन शैली के सत्तर कमरे थे। ये तीन सौ फुट चौड़ा और तीन मंज़िला
था, इसमें सोने का पानी चढ़ी पत्तियों वाला बॉलरूम और डाइनिंग रूम थे। वहां
पर रेनॉल्ड्स, लॉरेंस, और दूसरे कलाकारों की पेंटिंग्स सब कहीं टंगी थीं।
कहीं असली और कहीं नकली। वहां पर बनायी गयी ओक के पैनलों वाली विशालकाय
लाइब्रेरी में जब एक बटन दबाया जाता था तो फर्श का एक हिस्सा ऊपर उठ जाता
था और वह सिनेमा के परदे में बदल जाता था।
मेरियन के डाइनिंग रूम में पचास आदमी आराम से बैठ सकते थे। भव्य तरीके से
सजे कई मेहमान कक्ष थे जहां पर आराम से बीस मेहमान टिक सकते थे। इटालियन
संगमरमर का एक स्वीमिंग पूल था, उसके ऊपर से बीचों-बीच वेनेशियन संगमरमर का
पुल बना हुआ था। ये समुद्र की तरफ एक घिरे हुए बगीचे में बना हुआ था।
स्वीमिंग पूल से ही सटी हुई एक और जगह थी जहां पर बार रूम और छोटा-सा कैबरे
डांस फ्लोर थे।
सांता मोनिका के प्राधिकारी चाहते थे कि वे वहां पर नौसेना के छोटे वाले
क्राफ्ट के लिए और मौज मजा वाली किश्तियों के लिए एक छोटा-सा बंदरगाह
बनायें। इस परियोजना को लॉस एंजेल्स टाइम्स का समर्थन मिला हुआ था। चूंकि
मेरे पास भी एक छोटा सा क्रूजर था, मैंने सोचा कि ये बढ़िया रहेगा और इसके
बारे में एक दिन नाश्ते के समय मैंने हर्स्ट से बात की। "इससे पूरे
पास-पड़ोस पर खराब असर पड़ेगा।" उन्होंने हिकारत से कहा,"नाविक लोग आ-आ कर
खिड़कियों से झांकेंगे मानो ये कोई रंडीखाना है।"
इसके बाद इस विषय पर कोई बात नहीं हुई।
हर्स्ट आश्चर्यजनक रूप से सहज रहते थे। जब वे मूड में होते तो मनभावन ठुमके
लगाते हुए अपना प्रिय चार्ल्सटन डांस करते, इस बात की परवाह किये बिना कि
कोई कुछ भी कहे। वे कभी भी कोई मुखौटा नहीं ओढ़े रखते थे और सिर्फ इसी बात
से कोई काम करते थे कि उसे करना उन्हें अच्छा लगता है। उन्होंने मुझ पर ये
हमेशा यही छवि छोड़ी कि वे सुस्त जान हैं। शायद वे थे भी, लेकिन उन्होंने
कभी किसी और रूप में होने की कोशिश ही नहीं की। कई लोग सोचते थे कि रोज़ाना
जो संपादकीय उनके हस्ताक्षरों के साथ जाते हैं, वे आर्थर ब्रिसबेन के लिखे
होते हैं लेकिन ब्रिसबेन ने मुझे खुद ही बताया था कि हर्स्ट देश के सबसे
होशियार संपादकीय लेखक थे।
कई बार वे आश्चर्यजनक रूप से बच्चों जैसा बरताव करने लगते और उनकी भावनाओं
को आसानी से चोट पहुंचायी जा सकती थी। मुझे एक शाम की बात याद है, हम
चेरेड्स का खेल खेल रहे थे। हम चुन रहे थे कि कौन किस तरफ रहेगा। हर्स्ट ने
शिकायत की कि उन्हें बाहर ही छोड़ दिया गया है।
"तो ठीक है," जैक गिल्बर्ट ने ठिठोली करते हुए कहा,"हम दोनों मिल कर अपना
खुद का चेरेड खेलेंगे और गोली और बक्से का अभिनय करेंगे। मैं बक्सा बनूंगा
और आप गोली बन जाना।"
लेकिन डब्ल्यू आर ने इसका भी उल्टा ही मतलब निकाला और उनकी आवाज़ कापंने
लगी,"मैं आपका सड़ा-गला चेरेड नहीं खेलना चाहता।" कहा उन्होंने और ये कहते
हुए कमरे से बाहर चले गये और जाते-जाते ज़ोर से दरवाजा बंद कर गये।
सैन सिमॉन में हर्स्ट का चार लाख एकड़ का रैंच प्रशांत महासागर के तट के
किनारे-किनारे तीस मील तक फैला हुआ था। रहने के जो क्वार्टर वहां पर बनाये
गये थे वे किसी गढ़ की तरह समुद्र तल से पांच सौ फिट ऊपर और समुद्र तट से
चार मील दूर एक पठार पर बनाये गये थे। मुख्य महल के लिए यूरोप से कई लदानों
में कई किले जहाज से लाये गये थे, उन्हें मिला कर बनाया गया। उसका सामने का
हिस्सा फ्रांस के सबसे बड़े रीम्स कैथेड्रल और विशाल स्विस लकड़ी के बंगले
का मिला-जुला रूप लगता था। इसके चारों ओर प्रहरियों की तरह पांच इतालवी
विला थीं जो कि पठार के कोने में बनी हुई थीं। प्रत्येक में छ: मेहमान ठहर
सकते थे। इन्हें इतालवी शैली में सजाया गया था और इनकी छतें अति अलंकृत थीं
और उनमें आपकी तरफ मुस्कुराते हुए फरिश्ते और देवदूत चित्रित किये गये थे।
मुख्य बंगले में तीस और मेहमानों को टिकाने की जगह थी। स्वागत कक्ष नब्बे
फुट लम्बा और पचास फुट चौड़ा था, उसमें सोने की चित्र यवनिका झूल रही थी,
कुछ असली और कुछ नकली। इस राजसी परिवेश में चौसर जैसी मेजें थीं और कमरे के
सभी कोनों में पिनबाल गेम्स थे डाइनिंग रूम वेस्टमिन्स्टर के गिरजे के बीच
वाले भाग की तर्ज पर बनाया गया था और उसमें आराम से अस्सी लोग बैठ सकते थे।
घर में साठ नौकर-चाकर थे।
महल से सुने जाने वाली दूरी पर एक चिड़िया घर था। वहां पर शेर, चीते, भालू,
ओरांग उटांग और दूसरे लंगूर, पक्षी, और सर्प आदि थे। लॉज गेट से महल तक
पांच मील लम्बी ड्राइव थी और रास्ते में दोनों तरफ नोटिस नज़र आते, "पशुओं
को भी रास्ते पर चलने का अधिकार है।" कई बार आपको अपनी कार में वहां से
जाते हुए रुक जाना पड़ता ताकि सड़क पर बैठे आस्ट्रिचों के झुंड तय कर सकें
कि सड़क से हटना है या नहीं। भेड़ें, हिरण, बारहसिंघे और भैंसे झुंडों में
इस्टेट में विचरते रहते और आपकी अपनी गति कम करनी पड़ती।
रेलवे स्टेशन पर मेहमानों को लिवाने के लिए कारें खड़ी रहतीं। और अगर आप
हवाई जहाज से आ रहे हों तो आपके जहाज की लैंडिंग के लिए निजी फील्ड थी। यदि
आप दो खानों के वक्त के बीच किसी वक्त वहां पहुंचते तो आपको बताया जाता कि
आपके ठहरने का इंतज़ाम फलां जगह पर है और आपको हिदायत दी जाती कि डिनर का
समय आठ बजे है और कॉकटेल मुख्य हॉल में साढ़े सात बजे सर्व किये जायेंगे।
मनोरंजन के लिए वहां पर थे तैराकी, घुड़सवारी, टैनिस, और हर तरक के खेलकूद।
या आप चिड़ियाघर भी देखने जा सकते थे। हर्स्ट ने एक कड़ा नियम बना रखा था
कि किसी को भी शाम छ: बजे से पहले ड्रिंक सर्व न किये जायें। लेकिन मेरियन
अपने दोस्तों को अपने क्वार्टर में बुला लेतीं और वहां पर बिना भेदभाव के
कॉकटेल सर्व किये जाते।
डिनर छप्पन भोग वाले होते। मीनू पढ़ कर लगता कि आप पहले चार्ल्स की दावत का
मीनू पढ़ रहे हैं। वहां पर मौसम के अनुसार लजीज पकवान होते। भेड़, जंगली
बत्तख, मुर्गाबी और हिरण का मांस। इस सब विलासिता के बीच हमें कागज के
नैपकिन दिये जाते। और कपड़े वाले नैपकिन मेहमानों को तभी नसीब होते जब
मिसेज हर्स्ट वहां पर मौजूद होतीं।
मिसेज हर्स्ट सैन सिमॉन में साल में एक बार आतीं और उनके आने से कोई भी
हंगामा न होता। मैरियन और मिसेज हर्स्ट के बीच सह-अस्तित्व के लिए आपसी
सहमति थी। जब मिसेज हर्स्ट के आने का समय निकट आने को होता, मैरियन और हम
सब लोगों का जमावड़ा वहां से चुपचाप कूच कर जाता या फिर सांता मेरियन के
मोनिका वाले बीच हाउस में जा कर डेरा डाल देते। मैं मिलिसेंट हर्स्ट को
1916 से जानता था और हम दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे। इस हिसाब से मुझे
दोनों ही घरों में आने की छूट थी। मिसेज हर्स्ट जब अपनी सैन फ्रांसिस्को की
सोसाइटी की सखियों के साथ रैंच पर मौज कर रही होतीं तो वे मुझसे वहां पर
वीक एंंड मनाने आने के लिए कहतीं और मैं वहां पर इस तरह चला जाता मानो मैं
वहां पर पहली ही बार जा रहा होऊं। लेकिन मिलिसेंट को कोई भ्रम नहीं थे।
हालांकि उन्हें इस बात का हल्का-सा अहसास होता कि सब लोग हाल में वहां से
एक साथ निकले हैं, उसकी परवाह न करते हुए वे इसके बारे में हास्य बोध के
साथ बतातीं।
"अगर मैरियन न होतीं तो उनकी जगह कोई और होता," उन्होंने कहा।
वे अक्सर मुझे विश्वास में ले कर मेरियन और हर्स्ट के संबंधों के बारे में
बात करतीं। लेकिन इस बातचीत में कभी भी कड़ुवाहट न होती,"वे अभी भी ऐसा ही
बरताव करते हैं मानो हम दोनों के बीच कभी कुछ हुआ ही न हो और मानो मेरियन
का अस्तित्व ही न हो।" कहा उन्होंने,"जब मैं यहां पहुंचती हूं तो वे हमेशा
बहुत प्यार से और स्नेह से पेश आते हैं लेकिन कभी भी मेरे पास कुछ घंटों से
ज्यादा नहीं रहते। और हमेशा इसका एक ही रूटीन होता है। डिनर के बीच ही बटलर
उन्हें एक पर्ची थमा जायेगा और वे माफी मांगते हुए मेज से उठ कर चल देंगे।
जब वे वापिस आयेंगे तो खिसियाते हुए कहेंगे कि किसी ज़रूरी मामले की वजह से
तुंत उन्हें लॉस एजेंल्स पहुंचना है और हम सब यही दर्शाते हैं कि हम उन पर
विश्वास कर रहे हैं। और बेशक हम सब जानते हैं कि वे लौट कर मेरियन के पास
जा रहे हैं।"
एक शाम डिनर के बाद मैं मैदान में चहल कदमी के लिए मिलिसेंट के साथ था।
शेट्यू चांदनी में नहाया हुआ था और सात पहाड़ियों की जंगली सेटिंग में
डरावना और भुतैला लग रहा था। बेहद साफ आकाश में तारे टिमटिमा रहे थे। एक पल
के लिए खड़े हो कर हम इस अद्भुत दृश्य को निहारते रहे। चिड़ियाघर की तरफ से
बीच-बीच में किसी शेर के चिंघाड़ने की आवाज़ आ जाती और किसी ओरांग उटांग के
लगातार चीखने की आवाज़ें आतीं। ये आवाज़ें गूंजतीं और पहाड़ियों से टकरा कर
लौट आतीं। ये सब अद्भुत और डरावना था। हर शाम ओरांग उटांग सूर्यास्त के
वक्त शुरू करता और भयानक रूप से चिल्लाता रहता और ये चिल्लाना रात भर चलता
रहता।
"ये कम्बख्त जानवर ज़रूर पागल होगा,' मैंने कहा।
"ये पूरी की पूरी जगह ही पागल बना देने वाली है, देखो तो जरा," महल की तरफ
देखते हुए उन्होंने कहा,"पागल कलाकार ओटो का सृजन, और वह तब तक इस तरह की
इमारतें बनाता जायेगा और उनमें जोड़ता जायेगा जब तक वह मर नहीं जाता। तब
इनका क्या इस्तेमाल होगा। किसी की भी इतनी हैसियत नहीं है कि इनका रख रखाव
ही कर सके। होटल के रूप में ये बेकार है। और हर्स्ट अगर इसे सरकार को सौंप
देता है तो मुझे शक है कि वे इसका कोई इस्तेमाल कर भी पायेंगे या नहें।
विश्वविद्यालय के रूप में भी नहीं।"
मिलिसेंट हमेशा हर्स्ट के बारे में मातृत्व के तरीके से बात करती थीं। इससे
मुझे लगता था कि वे अभी भी उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई हैं। वे दयालु,
समझ-बूझ रखने वाली महिला थीं लेकिन बाद के बरसों में जब मैं राजनैतिक
षडयंत्रों का शिकार हो गया था, उन्होंने मुझे त्याग दिया।
•
एक शाम जब मैं वीक एंड के लिए सैन सिमॉन में पहुंचा तो मेरियन मुझे मिलीं।
वे नर्वस और उत्तेजित थीं। उनके मेहमानों में से एक पर उस वक्त ब्लेड से
हमला किया गया था जब वह मैदान पार कर रहा था।
मेरियन जिस समय उत्तेजित होती थीं, हकलाती थीं, उससे उनका सौन्दर्य और भी
निखर उठता था और उन्हें मुसीबत में औरत वाले गुणों से भर देता था। "हम अभी
.....भी न नहीं जानते कि कि किसने कि ... किया है ये," वे
फुसफुसायीं,"लेकिन डब्ल्यू आर के कई जा.. .. सूस मैदान की तलाशी ले .. रहे
हैं और हम कोशिश कर रहे हैं कि ये खबर दूसरे मेहमानों तक न पहुंचे। कुछ
लोगों का ख्याल है कि ये किसी फिलिपीनो की कारस्तानी है। इसलिए हर्स्ट ने
रैंच से सभी फिलिपीनो लोगों को तब तक के लिए हटा दिया है जब तक जांच पूरी न
हो जाये।"
"वो आदमी कौन है जिस पर हमला हुआ है?" पूछा मैंने।
"आप उसे रात को खाने की मेज पर देखेंगे," कहा उसने।
डिनर के वक्त मैं उस नौजवान के सामने बैठा जिसका चेहरा पट्टियों से ढका हुआ
था। सिर्फ उसकी चमकती हुई आंखें और सफेद दांत ही दिखायी दे रहे थे जिन्हें
वह बीच बीच में मुस्करा कर झलका रहा था।
मेरियन ने मेज़ के नीचे से मुझे इशारा किया,"यही है वो," वे फुसफुसायीं।
ऐसा कत्तई नहीं लगा कि उस पर हमला हुआ होगा, उसकी अच्छी खासी खुराक थी।
उससे जो भी पूछा जा रहा था, वह बस, कंधे उचका देता या खिसिया कर हँस देता।
डिनर के बाद मेरियन ने मुझे वह जगह दिखायी, जहां पर हमला हुआ था, ये जगह
मूर्ति के पीछे थी। बताया उन्होंने, "विजेता की पंख वाली संगमरमर की मूर्ति
के पीछे। वहां पर खून के निशान हैं।"
"वह मूर्ति के पीछे क्या कर रहा था?"
"हमलावर से ब .. .. बचने के लिए।" उसने जवाब दिया।
अचानक ही अंधेरे में से हमारा मेहमान अवतरित हुआ और इस वक्त भी उसका चेहरा
खून से लथपथ था। वह हमारे पास से लड़खड़ाते हुए गुज़रा। मेरियन चीखीं और
तीन फुट उछल गयीं। पल भर में न जाने कहां से बीस आदमी वहां पर जुट आये।
"मुझ पर फिर से हमला हुआ है।" वह मिमियाया। उसे दो जासूसों ने अपनी बाहों
पर थामा हुआ था और उसे उसके कमरे में वापिस ले जाया गया। वहां पर उससे
पूछताछ हुई। मेरियन गायब हो गयीं। लेकिन एक घंटे बाद मैंने उन्हें मुख्य
हॉल में देखा।
"क्या हुआ?" पूछा मैंने।
वे शंकित नज़र आ रही थीं,"उनका कहना है कि उस आदमी ने ये खुद ही किया है।"
वह खड़ूस है और सिर्फ अपनी ओर ध्यान दिलाना चाहता है।"
बिना किसी और पूछताछ के उस सनकी का बोरिया बिस्तर बांध के उसी रात पहाड़ी
से भेज दिया गया और बेचारे फिलिपीनो सवेरे अपने काम पर लौट आये।
•
सर थॉमस लिप्टन सैन सिमॉन पर तथा मेरियन के बीच हाउस पर मेहमान थे। वे
खुशमिजाज, बहुत बोलने वाले बूढ़े स्कॉटमैन थे और वे बहुत अच्छे देहाती
उच्चारण में बात करते थे। वे रुक रुक कर बोलते थे और यादों में खो जाते थे।
उन्होंने कहा,"चार्ली, आप अमेरिका आये और आपने अपनी किस्मत का सितारा बुलंद
किया। मैंने भी यही किया। मैं पहली बार यहां आया तो मवेशियों वाली नाव में
आया था। और तब मैंने अपने आप से कहा, "अगली बार, मैं अपनी याच पर आऊंगा और
मैं आया।" उन्होंने मुझसे शिकायत की कि उन्हें उनके चाय के कारोबार में
लाखों डॉलर का चूना लगाया जा रहा है।"
एलेक्जेंडर मूर, स्पेन में राजदूत, सर थॉमस लिप्टन और मैं अक्सर लॉस
एंजेल्स में एक साथ खाना खाते। और सर थॉमस और एलेक्स वे बारी बारी से
पुरानी यादों में खो जाते और सिगरेट के टोटों की तरह शाही नाम उनके मुंह से
निकलते रहते। दोनों ही मुझ पर ये प्रभाव छोड़ते कि राजसी जीवन में और कुछ
नहीं बस सूक्तियां ही होती हैं।
इस अरसे में मैं हर्स्ट और मेरियन से बहुत बार मिला क्योंकि मैं उस शानो
शौकत की ज़िंदगी को पसंद करता था जो वे जीते थे और चूंकि मेरे पास हमेशा
वीक एंड मेरियन के बीच हाउस में मनाने का न्यौता होता, मैं अक्सर इसका खास
तौर पर फायदा उठाता क्योंकि तब डगलस और मैरी यूरोप गये होते। एक सुबह कई
दूसरे लोगों के साथ ब्रेकफास्ट के समय मेरियन ने अपनी पटकथा के बारे में
मेरी राय जाननी चाही। लेकिन मैंने जो कुछ कहा, वह डब्ल्यू आर को पसंद नहीं
आया। कहानी की थीम औरताना थी और मैंने इस बात का उल्लेख किया कि औरतें
पुरुषों का पीछा करती हैं और पुरुषों को इस मामले में करने धरने को कुछ
नहीं होता।
डब्ल्यू आर ने इसका उल्टा सोचा,"ओह नहीं," कहा उन्होंने,"आदमी ही हमेशा
चुनता है।"
"हम सोचते हैं कि हम चुनते हैं," मैंने जवाब दिया,"लेकिन होता है कि कोई
नन्हीं परी अपनी छोटी उंगली से आपकी तरफ इशारा करती है और कहती है ये मेरा
है, और आपको ले लिया जाता है।"
"आप बिलकुल ही गलत कह रहे हैं।" डब्ल्यू आर ने पूरे विश्वास के साथ कहा।
"मुसीबत ये है," मैं कहता रहा,"उनकी तकनीक इतनी शानदार तरीके से छुपी होती
है कि हमें यही विश्वास दिलाया जाता है कि चयन हम ही कर रहे हैं।"
डब्ल्यू आर ने अचानक मेज़ पर ज़ोर का घूंसा मारा कि मेज पर ब्रेकफास्ट की
चीजें उलट पुलट गयीं,"जब मैं कहता हूं कि कोई चीज़ सफेद है तो आप कहते हैं
कि काली है।" वे चिल्लाये।
मुझे लगा कि मैं थोड़ा पीला पड़ गया। उस वक्त बटलर मेरी कॉफी डाल रहा था।
मैंने सिर उठाया और कहा,"क्या आप किसी को मेरा सामान पैक करने के लिए
कहेंगे और मेरे लिए एक टैक्सी बुलवा देंगे।" तब एक शब्द भी बोले बिना मैं
उठा और बालरूम में चला गया और वहां पर गुस्से से भरा हुआ चुपचाप चहल कदमी
करने लगा।
एक पल बाद मेरियन आयीं,"क्या हो गया चार्ली?"
मेरी आवाज़ कांपी,"मुझ पर इस तरह से कोई आदमी चिल्ला नहीं सकता। वह अपने आप
को समझता क्या है? नेपोलियन? नीरो?"
मेरी बात का जवाब दिये बिना वे मुड़ीं और तेज़ी से कमरे से चली गयीं। एक पल
के बाद डब्ल्यू आर आये और ऐसे जतलाने लगे मानो कुछ हुआ ही न हो,"क्या बात
है चार्ली?"
"मैं इस बात का आदी नहीं हूं कि कोई मुझ पर चिल्लाये, खास तौर पर तब जब मैं
घर में मेहमान हूं। इसलिए मैं ... मैं जा रहा हूं।" मेरी आवाज गले में ही
फंस कर रह गयी और मैं वाक्य ही पूरा नहीं कर पाया।
डब्ल्यू आर ने एक पल के लिए सोचा और वे भी वहीं पर चहल कदमी करने लगे।
"आओ हम इस बारे में बात कर लें।" उन्होंने कहा, उनकी आवाज़ भी भर्रा गयी
थी।
मैं उनके पीछे पीछे हॉल में और वहां से आराम करने वाले कमरे में चला जहां
पर एक एंटीक डबल कुर्सी रखी हुई थी। डब्ल्यू आर छ: फुट चार इंच के थे और
बहुत बड़ी काया थी उनकी। वे बैठ गये और जितनी भी जगह बची थी उसमें मुझे भी
बैठने का इशारा किया।
"बैठ जाओ चार्ली, और हम बातचीत से इसे सुलझा लेंगे।"
मैं उनके पास बैठ गया। लेकिन मैं सिकुड़ कर ही बैठ पाया। बिना एक शब्द भी
बोले उन्होंने मेरी तरफ अपना हाथ बढ़ाया, हालांकि बैठे हुए मैं अपना हाथ
हिला भी नहीं सकता था, मैंने हाथ मिला ही लिया।
तब उन्होंने सफाई देनी शुरू की, उनकी आवाज़ अभी भी कांप रही थी,"देखो
चार्ली, मैं सचमुच नहीं चाहता कि मेरियन ये स्क्रिप्ट करे, और वह तुम्हारी
राय की कद्र करती है। और जब तुमने उसे अनुमोदित कर दिया तो मेरा ख्याल है
मैं इसी वजह से तुम्हारे साथ ऊंचा नीचा बोल गया।"
मैं तत्काल ही पिघल गया और मैं ही अपने आपको दोषी बताने लगा कि ये सब मेरी
ही गलती थी। अंतिम सद्भावना के रूप में हम दोनों ने एक बार फिर हाथ मिलाये
और उठने की कोशिश की लेकिन हम दोनों ही चिंपेंडेल में फंस गये थे और कुर्सी
के क्रैक होने की आवाज़ें आने लगीं कई बार कोशिश करने के बाद हम दोनों अपने
आप को कुर्सी से मुक्त करा पाये और कुर्सी को भी कुछ नहीं हुआ।
ऐसा लगता है कि मेरियन मुझसे मिल कर गयीं तो सीधे हर्स्ट के पास गयी होगीं
और उन्हें मेरे प्रति इतना बदतमीज होने के लिए उन्हें फटकारा होगा और कहा
होगा कि जाओ और चार्ली से माफी मांगो। मेरियन इस बात को जानती थीं कि किस
वक्त अपनी बात मनवानी है और किस वक्त चुप रहना है। वह अक्सर ऐसा ही करती
थीं। हर्स्ट के खराब मूड में, मेरियन ने बताया, तूफान ज़ोरदार शोर शराबे के
साथ इसी तरह आता है।
मेरियन आकर्षक औरत थीं। और जब हर्स्ट को अपने कारोबार के सिलसिले में न्यू
यार्क जाना पड़ता तो वे अपने सारे दोस्तों को बेहरली हिल्स वाले अपने घर
(ये बीच हाउस के बनने से पहले की बात है) पर बुला लेतीं और वहां पर हम
पार्टियां करते, और आधी रात तक चेरेड्स खेलते रहते। तब रुडोल्फ वेलेन्टिनो
अपने छोटे से घर पर पार्टी देते और मैं भी अपने घर पर यही कुछ करता। कई बार
हम पब्लिक बस किराये पर ले लेते और उसमें खाने पीने का सामान एक तरह से
ठूंस ठूंस कर भर देते और हम दस या बीस लोग मालीबू बीच पर चले जाते जहां पर
हम कैम्प फायर जलाते और आधी रात की पिकनिकें मनाते और ग्रनिऑन मछलियां
पकड़ते।
लॉयेला पारसंस, हर्स्ट की कॉलम लेखिका अनिवार्य रूप से आतीं और उनके साथ
होते हैरी क्रोकर जो बाद में जा कर मेरे सहायक निर्देशकों में से एक बने।
इस तरह के अभियानों के बाद हम तीन चार बजे तक वापिस घर न जाते। मेरियन
लॉयेला से कहतीं, "अगर हर्स्ट को इस सबके बारे में पता चल जाये तो हम दोनों
में से एक की नौकरी जायेगी और वो कम से कम मैं मैं नहीं होऊंगी।"
मेरियन के घर पर इस तरह की एक मौज मज़ा पार्टी के दौरान हर्स्ट ने न्यू
यार्क से फोन किया, जब मेरियन फोन सुन कर वापिस आयीं तो वे गुस्से से लाल
पीली हो रही थीं,"क्या आप कल्पना कर सकते हैं?" उन्होंने हिकारत से
कहा,"हर्स्ट ने मुझ पर जासूस छोड़ रखे हैं।"
फोन पर ही हर्स्ट ने अपने जासूस की रिपोर्ट पढ़ी कि जब से वे बाहर गये थे,
यहां पर क्या कुछ चल रहा था।
कि वे फलां के घर से रात चार बजे वापिस आयीं और ढिमका के घर से सुबह पांच
बजे वापिस आयीं और इस तरह से। मेरियन ने मुझे बाद में बताया कि हर्स्ट
तुरंत ही लॉस एंजेल्स लौट रहे हैं ताकि उनके साथ सारे मामले निपटा लें और
कि दोनों अलग हो जायेंगे। बेशक मेरियन नाराज़ थीं, क्योंकि उन्होंने कुछ भी
गलत नहीं किया था और सिर्फ दोस्तों के साथ मौज मजा करती रही थीं। देखा जाये
तो जासूस की रिपोर्ट सच थी लेकिन इसे गलत छवि देने के लिए तोड़ मरोड़ दिया
गया था। कन्सास सिटी से हर्स्ट ने तार भेजा,"मैंने अपना इरादा बदल लिया है,
और मैं कैलिफोर्निया नहीं लौटूंगा क्योंकि मैं उन जगहों पर अपना चेहरा नहीं
दिखा सकता जहां पर मुझे इतना अधिक आनंद मिला है, इसलिए मैं न्यू यार्क लौट
रहा हूं।"
लेकिन जल्द ही उन्होंने एक और तार भेजा कि वे लॉस एंजेल्स आ रहे हैं।
जब हर्स्ट लौटे तो हम सब के लिए ये बहुत ही तनावपूर्ण पल थे। अलबत्ता,
मेरियन से उनकी जो बातचीत हुई उसका बहुत अच्छा परिणाम रहा। इसकी परिणति हुई
बेवरली हिल्स पर हर्स्ट के सम्मान में बहुत ही भव्य पार्टी दी गयी। मेरियन
ने अपने किराये के घर में एक अस्थायी डाइनिंग रूम बनवाया जिसमें एक सौ साठ
मेहमान आ सकते थे। इसे दो ही दिन में पूरा कर लिया गया। डांस फ्लोर की
इमारत सहित इसे सजाया गया। बिजलियों से इसे सजाया गया था, मात्र दो दिन
में। मेरियन को केवल जादुई चिराग रगड़ना था और काम हो जाता। उस शाम वह अपनी
75000 डॉलर की पन्ने की अंगूठी पहन कर आयी थीं। ये हर्स्ट की ओर से भेंट थी
और संयोग से किसी को भी अपनी नौकरी से हाथ नहीं धोना पड़ा।
सैन सेमियन और मेरियन के बीच हाउस से बदलाव के तौर पर हम अक्सर अपने वीक
एंड हर्स्ट के याच पर बिताते और कैटैलिना या सैन डियेगो के दक्षिण की तरफ
समन्दर की सैर करते। इन्हीं क्रूस यात्राओं में से किसी एक के दौरान ऐसा
हुआ कि थॉमस एच इन्स जिन्होंने हर्स्ट की कॉस्मोपोलिटन फिल्म प्रोडक्शन ली
थी, को नाव से उतार कर सैन डिऐगो ले जाना पड़ा। मैं उस ट्रिप पर मौजूद नहीं
था लेकिन एलिनॉर ग्लिन जो उस वक्त मौजूद थी ने बाद में मुझे बताया था कि
इन्स खुशमिजाज इन्सान थे और मौज कर रहे थे लेकिन लंच के दौरान उन्हें अचानक
ऐसा दर्द उठा मानो लकवा मार गया हो और उन्हें मेज पर से उठ जाना पड़ा। सबने
यही सोचा कि हो सकता है ये हाजमे वाली गड़बड़ होगी लेकिन वे इतने बीमार हो
गये कि यही ठीक समझा गया कि उन्हें किनारे पर उतार कर अस्पताल भिजवा दिया
जाये। अस्पताल में ही पता चला कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। फिर उन्हें
बेवरली हिल स्थित उनके घर पर भिजवा दिया गया। वहां पर तीन हफ्ते बाद उन्हें
एक और दौरा पड़ा और वे चल बसे।
इस किस्म की गंदी अफवाहें उड़ने लगीं कि इन्स को गोली मारी गयी थी और इसमें
हर्स्ट शामिल थे। ये अफवाहें पूरी तरह से झूठ थीं। मैं इस बात को जानता हूं
क्योंकि मैं, हस्ट्र, मेरियन एक साथ उनकी मृत्यु से दो हफ्ते पहले मिलने के
लिए उनके घर पर गये थे और वे हम तीनों को देख कर बहुत खुश हुए थे और
विश्वास कर रहे थे कि वे जल्द ही ठीक हो जायेंगे।
इन्स की मौत से हर्स्ट की कॉस्मोपालिटन प्रोडक्शन की योजनाएं खटाई में पड़
गयीं इसलिए उन्हें वार्नर ब्रदर्स ने अपने हाथ में ले लिया। लेकिन दो बरस
बाद हर्स्ट प्रोडक्शन एमजीएम के पास चली गयी जहां पर मेरियन के लिए एक बहुत
ही विशाल बंगला ड्रेसिंग रूम बनाया गया था (मैंने इसे ट्रियानन नाम दिया)।
यहां पर हर्स्ट अपने अखबारों के कारोबार के ज्यादातर मसले निपटाते। कई बार
मैंने मेरियन के स्वागत कक्ष में उन्हें पूरे फर्श पर बीस या उससे भी अधिक
अखबार फैलाये हुए राजसी कुर्सी पर बैठे देखा। अपनी कुर्सी पर बैठे बैठे वे
अलग अलग अखबारों की हैड लाइनों पर निगाह डालते, और ऊंची आवाज़ में बोलना
शुरू कर देते,"ये बेहद सिड़ी सेटअप है," फिर दूसरा अखबार उठाते, "और फलां
ये स्टोरी क्यों दे रहा है?" तब वे एक पत्रिका उठाते और दोनों हाथों में
वजन करते, फिर बोलते,"इस महीने क्या मामला है? ये इतनी हल्की क्यों है?
विज्ञापन विभाग क्या कर रहा है। रे लाँग को तार करके तुरंत यहां आने को
कहो।" इस दृश्य के बीच मेरियन अपनी शानदार तड़क भड़क में अवतरित होतीं, अभी
अभी फिल्म के सेट से आते हुए और अपनी महारानी वाली चाल से जानबूझ कर
अखबारों के ऊपर से चलती हुई आतीं, और कहतीं, "हटाओ ये सब कचरा, मेरे सारे
ड्राइंगरूम को घेर रखा है।"
हर्स्ट बेहद नौसिखिये बन जाते थे। मेरियन की किसी फिल्म के प्रीमियर पर
जाते समय वे मुझे बुलवाते कि मैं उनके साथ ही चलूं और प्रवेश द्वार पर
पहुंचने से पहले ही वे कार में से उतर जाते ताकि लोग उन्हें मेरियन के साथ
आता हुआ न देख लें। इसके बावजूद जब हर्स्ट के एक्जामिनर और लॉस एंजेल्स का
टाइम्स एक राजनैतिक झगड़े में उलझे हुए थे, हर्स्ट बुरी तरह से हमला कर रहे
थे और टाइम्स पिछड़ रहा था, टाइम्स ने व्यक्तिगत हमले करने शुरू कर दिये और
हर्स्ट पर आरोप लगाया कि वे दोहरा जीवन जी रहे हैं तथा सांता मोनिका बीच पर
एक प्यार का घोंसला बनाये हुए हैं, अखबार ने मेरियन का नाम भी उछाल दिया।
हर्स्ट ने अपने अखबार में इस हमले का कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन एक दिन बाद
(उसी दिन मेरियन की मां गुज़री थीं) मेरे पास आये और बोले, "चार्ली, क्या
मिसेज डेविस की अंतिम यात्रा में तुम मेरे साथ अर्थी को आगे की तरफ से कंधा
दोगे?" और मैंने बेशक उनकी बात मान ली थी।
•
1933 या उसके आस पास हर्स्ट ने मुझे अपने साथ यूरोप की यात्रा के लिए
न्यौता दिया। उन्होंने कुनार्ड लाइंस नाम के जहाज की पूरी एक साइड ही अपनी
पार्टी के लिए अपने नाम पर बुक करा ली थी। लेकिन मैंने मना कर दिया।
क्योंकि इस का मतलब होता, दूसरे लोगों के साथ घिसटते रहो। जहां हर्स्ट ले
जायें, वहीं जाओ, जहां हर्स्ट को जल्दी हो, वहीं लपकते हुए जाओ।
मुझे इस तरह का अनुभव एक बार पहले हो चुका था। मैं मैक्सिको की ट्रिप में
उनके साथ था। उस वक्त मेरी दूसरी पत्नी गर्भवती थी। दस कारों का एक काफिला
हर्स्ट और मेरियन की कार के पीछे पीछे उबड़ खाबड़ सड़कों पर चल रहा था। मैं
इसकी वजह से सारे के सारे अमले को कोस रहा था। सड़कें इतनी खराब थीं कि
हमें अपने मंज़िल की यात्रा बीच में ही छोड़ देनी पड़ी और रात भर के लिए एक
मैक्सिकन फार्म हाउस में रुकना पड़ा। हम बीस लोगों के लिए वहां पर सिर्फ दो
ही कमरे थे। मेहरबानी पूर्वक एक कमरा मेरी पत्नी, एलिनॉर और मुझे दे दिया
गया था। कुछ लोग मेजों पर सोये, कुछ कुर्सियों पर, कुछ लोग मुर्गियों के
दड़बों में सोये, और कुछ रसोई में।
उस छोटे से कमरे में नज़ारा बहुत ही शानदार था। मेरी पत्नी अकेले बिस्तर
पर, मैं मुड़ी तुड़ी दो कुर्सियों पर, और एलिनॉर, इस तरह की पोशाक में मानो
रिट्ज जा रही हों, अपना हैट पहने हुए, नकाब वाली जाली लगाये और दस्ताने
पहने हुए एक टूटे फूटे दीवान पर लेटीं। वे अपने हाथ अपनी छाती पर यूं बांधे
हुए थीं मानो कब्र में कोई आलसी काया हो। वे एक ही पोज़ में बिना किसी बाधा
के सोती रहीं। मैं इस बात को जानता हूं क्योंकि मैंने रात भर एक बार भी पलक
नहीं झपकायी थी। सुबह मैंने अपनी आंख की कोर से देखा कि वे जैसे सो रही
थीं, वैसे ही उठीं, उनका बाल तक इधर से उधर नहीं हुआ था, उनकी गोरी चमड़ी
और चमक लिये हुए, मानो वह रात भर प्लाज़ा होटल के टीरूम में टहलती रही हों।
यूरोप की ट्रिप पर हर्स्ट अपने साथ हैरी क्रोकर को ले गये। अब वह हर्स्ट का
सामाजिक सचिव बन गया था। हैरी ने मुझसे पूछा कि क्या मैं हर्स्ट को सर
फिलिप सासून के नाम परिचय का एक पत्र दूंगा। मैंने ये पत्र दिया।
फिलिप ने हर्स्ट को काफी समय दिया। यह बात जानने के बाद कि हर्स्ट कई बरस
तक घोषित रूप से ब्रिटिश विरोधी रहे हैं, उन्होंने हर्स्ट की प्रिंस ऑफ
वेल्स के साथ मुलाकात रखवायी।
सासून ने उन दोनों को पुस्तकालय के एक बंद कमरे में बातचीत के लिए छोड़
दिया। जहां फिलिप के कथनानुसार प्रिंस ने हर्स्ट से साफ साफ पूछ लिया कि वे
इतने अधिक ब्रिटिश विरोधी क्यों हैं। वे वहां पर दो घंटे के लिए रहे, बताया
सासून साहब ने, और उनका मानना था कि इस बातचीत के बहुत अच्छे परिणाम आये।
मैं कभी भी हर्स्ट की ब्रिटिश विरोधी भावना को समझ नहीं पाया क्योंकि उनकी
इंगलैंड में बेशकीमती सम्पत्ति थी और उन्हें वहां से खूब लाभ मिलते थे।
उनकी जर्मन के पक्ष की प्रवृतियां पहले विश्व युद्ध के समय से चली आ रही
थीं, जिस आड़े वक्त में काउंट बर्नस्ट्राफ के साथ उनके साथ और मित्रता ने
एक स्कैंडल का रूप ले लिया था। उस वक्त काउंट जर्मन राजदूत हुआ करते थे।
इसलिए हर्स्ट की असीम शक्ति भी तब उस स्कैंडल का दबा नहीं पायी थी। तब भी
उनके अमेरिकी विदेशी संवाददाता कार्ल वॉन वीगैंड दूसरे विश्व युद्ध के शुरू
होने तक जर्मनी के पक्ष में लगातार लिखता रहा।
अपनी यूरोप ट्रिप के दौरान हर्स्ट जर्मनी गये और हिटलर से मिले। और उनके
साथ बातचीत की। उस वक्त तक हिटलर के यातना शिविरों के बारे में कोई भी नहीं
जानता था। इनके बारे में सबसे पहले खबर मेरे मित्र कोर्नेलियस वेंडरबिल्ट
की रिपोर्टों से आयी जो किसी न किसी बहाने से एक यातना शिविर में घुस गया
था और वहां पर नाजियों के अत्याचारों के बारे में लिखा। लेकिन इन अमावनीय
अत्याचारों के बारे में उसके रिपोर्टें इतनी शानदार थीं कि उनके सच होने के
बारे में किसी को विश्वास ही नहीं हुआ।
वेंडरबिल्ट ने मुझे पोस्ट कार्डों की एक सीरीज भेजी थी जिनमें हिटलर भाषण
दे रहे थे। उसका चेहरा अश्लीलता की हद तक कॉमिक था, मेरी बहुत ही खराब नकल।
उसकी घिनौनी मूंछें, बेतरतीब खड़े बाल, और हिकारत पैदा करने वाला पतला
चेहरा। मैं हिटलर को गम्भीरता से नहीं ले पाया। हरेक पोस्टकार्ड में उसे
अलग पोज में दिखाया गया था। एक में उसके हाथ पंजों की तरह थे, भीड़ को
हांकते हुए, एक में एक हाथ ऊपर और दूसरा हाथ नीचे था, तीसरे में क्रिकेटर
की भूमिका में जैसे गेंद फैंकने वाला हो। एक और पोस्टकार्ड में दोनों हाथ
इस तरह से आगे की तरफ रखे हुए थे मानो काल्पनिक मुगदर उठाया जा रहा हो।
सलामी लेते हुए एक हाथ पीछे की तरफ जा रहा था, हथेली ऊपर की तरफ मुझे लगा
कि गंदी प्लेटें इस हाथ पर धर दी जायें। ये तो खड़ूस है मैंने सोचा, लेकिन
जब आइंस्टीन और थॉमस मान को जर्मनी छोड़ने पर मज़बूर होना पड़ा तो हिटलर का
ये चेहरा मज़ाकिया न रह कर पापी का हो गया था।
मैं आइंस्टीन से पहली बार 1926 में मिला था जब वे कैलिफोर्निया में
व्याख्यान देने के लिए आये थे। मेरी एक थ्योरी है कि वैज्ञानिक और दार्शनिक
प्रकाशमान रूमानी दुनिया में बसने वाले लोग होते हैं जो अपनी आवेश को दूसरी
दिशाओं की तरफ मोड़ देते हैं। ये थ्योरी आइंस्टीन के व्यक्तित्व पर पूरी
तरह से माफिक बैठती थी। वे सबसे अच्छे अर्थों में हँसोड़ और मित्रवत
व्यक्तित्व के साथ एकदम आल्प पर्वत पर रहने वाले जर्मन लगते थे। हालांकि
उनके तौर तरीके शांत और विनम्र थे, मैंने ये महसूस किया कि ये बातें बेहद
संवेदनशील उत्तेजना के नीचे छुपी हुई थीं और इसी स्रोत से वे अपनी असाधारण
बौद्धिक ऊर्जा ग्रहण करते हैं।
युनिवर्सल स्टूडियोज के कार्ल लाएमले ने फोन करके मुझे बताया कि आइंस्टीन
महोदय मुझसे मिलना चाहेंगे। मैं रोमांच से भर गया। इस तरह से हम लंच के लिए
युनिवर्सल स्टूडियो में मिले। प्रोफेसर, उनकी पत्नी, उनके सचिव हेलेन डुकास
और उनके सहायक, प्रोफेसर वाल्टर मायेर। मिसेज आइंस्टीन अंग्रेजी बहुत अच्छी
बोल लेती थीं, दरअसल प्रोफेसर से भी बेहतर। वे विराट ऊर्जा वाली चौड़े बदन
की महिला थीं। वे इस महान व्यक्ति की पत्नी होने का सुख सहजता से भोग रही
थीं, और इस तथ्य को छुपाने का उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया। उनका उत्साह
देखते ही बनता था।
लंच के बाद जिस वक्त मिस्टर लाएमेले स्टूडियो में चारों तरफ घुमा रहे थे तो
मिसेज आंइस्टीन मुझे एक तरफ ले गयीं और फुसफुसा कर बोलीं,"आप प्रोफेसर को
अपने घर पर आमंत्रित क्यों नहीं करते? मुझे पता है वे सिर्फ हम तीनें के
बीच शांत बातचीत का खुब लुत्फ उठायेंगे।" जैसा कि मिसेज आइंस्टीन ने अनुरोध
किया था, ये एक छोटी सी पार्टी होनी चाहिये, मैंने सिर्फ दो और दोस्तों को
बुलवाया। डिनर के वक्त मिसेज आइंस्टीन ने मुझे उस सुबह का किस्सा बताया जब
प्रोफेसर को सापेक्षता का सिद्धांत सूझा था।
"प्रोफेसर हमेशा की तरह अपने ड्रेसिंग गाउन में नीचे नाश्ते के लिए आये
लेकिन शायद ही उन्होंने किसी चीज़ को छुआ हो। मुझे लगा कि कुछ न कुछ गड़बड़
है। इसलिए मैंने पूछा कि कौन सी बात आपको परेशान किये हुए है। 'डार्लिंग,'
वे बोले,'मेरे दिमाग में एक शानदार विचार आया है।' अपनी कॉफी पी लेने के
बाद वे पिआनो पर गये और बजाना शुरू कर दिया। बीच बीच में वे रुक जाते, कुछ
देर तक कुछ नोट्स लेते और फिर से बजाने लगते। 'मेरे दिमाग में एक शानदार
विचार आया है, अद्भुत विचार!'
मैंने कहा,'तो भगवान के नाम पर मुझे तो बताइये कि ये विचार है क्या, मुझे
रहस्य में मत रखो!'
वे बोले,'बहुत मुश्किल है, मुझे अभी उस पर और काम करना है।'
मैडम ने मुझे बताया कि वे लगातार आधे घंटे तक पिआनो बजाते रहे और नोट्स
लेते रहे। तब वे ऊपर अपनी स्टडी में चले गये, मुझसे कहा कि वे किसी भी
किस्म का व्यवधान नहीं चाहते, वे ऊपर दो हफ्ते तक रहे और मैं उनका खाना ऊपर
ही भेजती रही। बताया उन्होंने,'और कभी शाम के वक्त वे एक्सरसाइज करने के
लिए थोड़ा सा टहल लेते और फिर से अपने काम पर वापिस चले जाते।
'आखिरकार,' मैडम ने बताया,'वे अपनी स्टडी से नीचे आये। वे बहुत ही पीले
नज़र आ रहे थे।' 'ये रहा,' उन्होंने थकान भरी आवाज में कहा और मेरे सामने
मेज़ पर दो कागज़ रख दिये। और ये था सापेक्षता का सिद्धांत।'"
डॉक्टर रेनॉल्ड्स को मैंने उस शाम आमंत्रित किया था क्योंकि वे भौतिकी के
विद्वान थे। उन्होंने प्रोफेसर से डिनर के दौरान पूछा कि क्या उन्होंने
डुने की एन एक्स्पेरिमेंट विद टाइम पढ़ी है।
प्रोफेसर ने सिर हिला दिया।
रेनाल्ड्स हवा बांधने लगे,"विस्तार, डाइमेन्शन के बारे में उनकी एक रोचक
थ्योरी है। एक तरह की . . . यहां पर वे हिचकिचाये, एक तरह के विस्तार का
विस्तार!"
प्रोफेसर तुरंत मेरी तरफ मुड़े और शरारत पूर्ण तरीके से फुसफुसाये,"विस्तार
का विस्तार, ये क्या होता है?"
रेनॉल्ड्स तब विस्तार के रथ से उतर गये और फिर उन्होंने प्रोफेसर से पूछा
कि क्या आप भूत प्रेतों में विश्वास करते हैं। प्रोफेसर आइंस्टीन ने माना
कि हालांकि उन्होंने कभी भूत देखे तो नहीं है, फिर आगे कहा कि अगर बारह
आदमी एक ही समय में एक ही घटना को देख लें तो वे भी उस पर विश्वास कर
लेंगे। वे मुस्कुराये।
उस समय में मन की गुत्थियों को ले कर हॉलीवुड में अच्छा खासा हंगामा सा
बरपा हुआ था। खास तौर पर फिल्मों के नायकों के घरों में तो तंत्र मंत्र का
बहुत ज़ोर था। वहां पर आध्यामिक बैठकें होतीं, आकाश गमन और मानसिक करतबों
के प्रदर्शन होते। मैं इन आयोजनों में नहीं जाया करता था लेकिन फैनी
ब्राइस, विख्यात कॉमेडियन ने कसम खाते हुए बताया कि ऐसी ही एक बैठक में
उसने मेज को ऊपर उठते हुए और कमरे में चारों तरफ तैरते हुए देखा। मैंने
प्रोफेसर से पूछा कि क्या उन्होंने कभी ऐसी कोई घटना देखी है।
वे मुस्कुराये और सिर हिलाया। मैंने उनसे यह भी पूछा कि क्या उनका
सापेक्षता सिद्धांत कहीं न्यूटन की कल्पनाओं से टकराता है।
"इसके विपरीत," प्रोफेसर बोले,"यह उसका विस्तार ही है।"
डिनर के दौरान मैंने मिसेज आइंस्टीन को बताया कि जब भी मुझे मौका मिलेगा,
मैं यूरोप जाना चाहूंगा।
"तब तो आपको जरूर ही बर्लिन आना चाहिये और हमारे घर आना चाहिये।" वे
बोलीं,"हमारे पास बहुत बड़ी जगह नहीं है। प्रोफेसर बहुत अमीर नहीं है,
हालांकि उनके पास वैज्ञानिक कार्य के लिए रॉकफैलर फाउंडेशन के दस लाख डॉलर
से भी ज्यादा तक पहुंच होती है लेकिन वे कभी उसे हाथ नहीं लगाते।"
बाद में मैं जब बर्लिन गया तो उनके साधारण छोटे से घर में गया। ये उस तरह
का घर था जो आपको आम तौर पर न्यू यार्क के ब्रांक्स इलाके में दिखायी देता
है। एक ही कमरे में बैठक और डाइनिंग रूम, उसमें पुराने फटे हुए कालीन बिछे
थे। वहां का सबसे ज्यादा कीमती फर्नीचर था उनका पिआनो जिस पर उन्होंने चौथे
विस्तार के ऐतिहासिक प्रारम्भिक नोट लिखे थे। मैं कई बार हैरान होता हूं कि
उस पिआनो का क्या हुआ होगा। शायद ये स्मिथसोनियम संस्थान में हो या
मैट्रोपोलिटन संग्रहालय में, शायद नाजियों द्वारा लकड़ियां जलाने के काम
में लाया गया हो।
जिस वक्त जर्मनी में नाज़ी आतंक शुरू हुआ, प्रोफेसर के परिवार ने अमेरिका
में शरण ली। मिसेज आइंस्टीन प्रोफेसर की पैसों के मामले में अज्ञानता की एक
मजेदार कहानी बताती हैं कि प्रिंस्टन विश्वविद्यालय वाले चाहते थे कि
प्रोफेसर उनकी फैकल्टी में आ जायें और उन्होंने शर्तों के बारे में लिखा।
प्रोफेसर ने इतनी मामूली रकम लिखी कि प्रिंस्टन के अध्यक्ष का उत्तर आया कि
जिन शर्तों पर वे आना चाहते हैं, उस पर यहां पर उनका गुज़ारा नहीं हो
पायेगा और उन्हें अमेरिका में रहने के लिए उसके कम से कम तीन गुना रकम की
ज़रूरत पड़ेगी।
जब प्रोफेसर आइंस्टीन 1937 में दोबारा कैनिफार्निया में आये तो वे मेरे घर
आये। उन्होंने मुझे प्यार से गले लगा लिया और मुझे चेतावनी दी कि वे अपने
साथ तीन संगीतकार ला रहे हैं। "हम आपके लिए डिनर के बाद संगीत बजायेंगे।"
उस शाम प्रोफेसर मोज़ार्ट के साजिंदे जैसे लग रहे थे। हालांकि उनका हस्त
लाघव इतना आश्वस्त नहीं था, और उनकी तकनीक थोड़ी मुश्किल थी, फिर भी
उन्होंने आनंद ले कर आंखें बंद करके लहराते हुए बजाया।
तीनों संगीतकार, जिन्होंने प्रोफेसर की संगत के लिए बहुत अधिक उत्साह नहीं
दिखाया, विनम्रतापूर्वक यही संकेत दिया कि वे प्रोफेसर को आराम देना चाहते
हैं और अपनी मनमर्जी का बजाते रहे। प्रोफेसर ने हार मान ली और बैठ गये।
लेकिन जब उन्होंने कई चीजें बजा लीं तो वे मुझसे फुसफुसा कर बोले," मैं
दोबारा कब बजाऊंगा?"
जब संगीतकार चले गये तो मिसेज आइंस्टीन ने थोड़ा परेशानी में अपने पति को
आश्वस्त किया,"आपने उन लोगों से बेहतर बजाया।"
कुछ ही रातों के बाद आइंस्टीन दोबारा खाने पर आये मैंने तब मैरी पिकफोर्ड,
डगलस फेयरबैंक्स, मेरियन डेविस, डब्ल्यू आर हर्स्ट, और एकाध और दोस्त को भी
आमंत्रित किया। मेरियन डेविस आइंस्टीन के पास बैठी और मिसेज आइंस्टीन मेरी
दायीं तरफ हर्स्ट के साथ बैठीं। डिनर से पहले लगा कि सब कुछ ठीक ठाक है,
हर्स्ट अच्छे मूड में थे और आइंस्टीन विनम्र। लेकिन जैसे जैसे डिनर आगे
बढ़ा, मैं महसूस कर पाया कि मामला कुछ ठंडा चल रहा है क्योंकि दोनों ने आपस
में एक शब्द भी नहीं बोला। मैंने बातचीत में जीवंतता लाने की हर संभव कोशिश
की लेकिन कोई भी बात उन्हें आपस में बात करने के लिए प्रेरित न कर सकी।
डाइनिंग रूम में भयंकर सन्नाटा पसर गया और मैंने देखा कि हर्स्ट अपनी स्वीट
डिश की प्लेट में अफसोसजनक तरीके से देख रहे हैं और प्रोफेसर मुसकुरा रहे
हैं और शांत अपने ही ख्यालों में खोये हुए हैं।
मेरियन अपने मनमौजी तरीके से सबकी चुटकी लेती रही लेकिन आइंस्टीन पर कोई
फर्क नहीं पड़ा। अचानक ही मेरियन आइंस्टीन की तरफ मुड़ी और अजीब तरीके से
बोली,"हालो," और फिर अपने हाथ की बीच की उंगलियां उनके सिर की तरफ लहराती
हुई बोली, "आप अपने बाल क्यों नहीं कटवा लेते?"
आइंस्टीन मुस्कुराये और मुझे लगा कि यही समय है कि कॉफी के लिए ड्राइंगरूम
की तरफ चला जाये।
•
रूसी फिल्मकार आइंस्टीन अपने स्टाफ के साथ हॉलीवुड आये। उनके साथ ग्रिगोर
एलेक्सान्द्रेव और एक अंग्रेज इवॉर मोंटेग्यू भी थे। ये आइंस्टीन के मित्र
थे। मैं उन्हें कई बार मिला। वे मेरे टैनिस कोर्ट पर बहुत ही खराब टैनिस
खेलते थे, खास तौर तो एलेक्सांदर तो बहुत ही खराब।
आइंस्टीन को पेरामाउंट कम्पनी के लिए एक फिल्म बनानी थी। वे पोटेमकिन और
टेन डेज़ दैट शूक द वर्ल्ड की प्रसिद्धि के साथ आये थे पैरामाउंट ने इसे
कारोबार के हिसाब से उचित समझा कि उन्हें अपनी खुद की लिखी पटकथा पर फिल्म
बनाने के लिए कहा जाये। उन्होंने एक बहुत ही अच्छी पटकथा लिखी सटर्स गोल्ड।
इसे उन्होंने कैलिफोर्निया के शुरुआती दिनों की एक रोचक कथा से उठाया था।
फिल्म में किसी तरह का कोई प्रचार नहीं था लेकिन आइंस्टीन चूंकि रूस से थे,
पैरामांउट बाद में डर गये और फिर कुछ भी नहीं हुआ।
उनके साथ एक दिन साम्यवाद पर बात करते हुए मैंने पूछा कि क्या वे सोचते हैं
कि पढ़ा लिखा प्रोलेतेरियन मानसिक रूप से एरिस्टोक्रेट के साथ अपनी
सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के साथ बराबरी पर खड़ा होता है, मेरा ख्याल है उन्हें
मेरी अज्ञानता पर हैरानी हुई थी। आइंस्टीन जो रूस के इंजीनियरों के मध्यम
स्तर के परिवार से आये थे, बोले, "यदि पढ़ा लिखा हो तो जनता की मिली जुली
ताकत समृद्ध नयी जमीन की तरह होती है।"
उनकी फिल्म इवान द टैरिबल जिसे मैंने दूसरे विश्व युद्ध के बाद देखा, सभी
ऐतिहासिक फिल्मों में से सबसे अच्छी थी। उन्होंने इतिहास को कविता की तरह
पेश किया था। उससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका यही था। जब मैं महसूस करता
हूं कि हाल ही की घटनाएं किस तरह से विकृत हो गयी हैं, इस तरह से इतिहास
मेरी सिर्फ शंकाएं ही बढ़ाता है जबकि कविता के रूप में व्याख्या काल के
सामान्य प्रभाव को ग्रहण करती है। आखिर कला में इतिहास की किताबों की तुलना
में अधिक वैध तथ्य और ब्योरे होते हैं।
अध्याय - 21 - 22
|